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Antarvasna, hindi sex kahani: पिताजी अपने स्कूल जाने के लिए तैयार हो चुके थे और वह मां को कहने लगे कि जल्दी से तुम टिफिन बना कर दे दो मुझे जाने के लिए देर हो रही है। मां ने भी पापा का टिफिन रखा और पापा ने भी जल्दी से नाश्ता कर लिया था अब वह अपने स्कूल के लिए जा चुके थे। मैंने मां को कहा मैं भी ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा हूं मां कहने लगी बेटा मैं तुम्हारे लिए भी टिफिन रख देती हूं, मां ने मेरे लिए टिफिन रख दिया था और मैंने भी जल्दी से नाश्ता किया और मैं भी अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन मारे ऑफिस में मीटिंग होने वाली थी हमारे ऑफिस में उस दिन मीटिंग हुई। मैं मार्केटिंग की जॉब करता हूं इसलिए हमारे बॉस ने कहा कि सब लोगों को काम पर ध्यान देना होगा और सब लोग अब अपने काम पर लगे हुए थे। शाम के वक्त मैं घर लौट रहा था तो रास्ते में मुझे मेरी ममेरी बहन दिखी मैंने उसे कहा तुम कहां जा रही हो तो वह कहने लगी कि मैं घर जा रही हूं। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं मैंने उसे घर तक छोड़ा तो वह मुझे कहने लगी कि भैया आप घर पर चलिये।

मैंने उसे कहा नहीं अभी मुझे घर जाने कि नहीं देर हो रही है कभी और आऊंगा और यह कहकर मैं अपने घर चला आया। मैं जब ऑफिस से घर लौट रहा था तो मेरे दिमाग में ना जाने कितने ही प्रकार के सवाल चल रहे थे मैं यह सोच रहा था कि मुझे अपने भविष्य के लिए आगे क्या करना चाहिए क्योंकि मैं अपनी जॉब से बिल्कुल भी खुश नहीं था। मैं जब घर लौटा तो पिताजी घर पर आ चुके थे वह मुझे कहने लगे कि मनीष बेटा आज तुम देर से आ रहे हो? मैंने उन्हें कहा कि हां पापा मुझे आज महिमा दिखी थी मैंने उसे घर तक छोड़ा इसलिए मुझे आने में देर हो गई। मां कहने लगी क्या तुम अपने मामा जी से भी मिले थे तो मैंने मां को कहा नहीं मैं उनसे नहीं मिला मैंने महिमा को घर तक छोड़ा और उसके बाद मैं सीधा ही घर लौट आया।

पापा मुझे कहने लगे कि मनीष बेटा तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है मैंने पापा से कहा हां पापा कहिये ना, पापा कहने लगे बेटा तुम बैठ जाओ मैंने पापा से कहा पापा बस अभी अपना बैग रख कर आता हूं। मैं अपने रूम में गया मैंने अपने मेज पर बैग रखा और मैं बाहर हॉल में पापा के साथ बैठा हुआ था पापा मुझे कहने लगे कि देखो बेटा अब मेरी भी उम्र हो चली है और मैं चाहता हूं कि तुम जल्दी से शादी कर लो। मैंने उस दिन पापा को कहा दिखिए पापा मैं अभी शादी नही करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि पहले मैं अपने जीवन में कुछ कर लूं उसके बाद ही मैं इस बारे में फैसला ले पाऊंगा। जब मैंने पापा को यह बात कही तो पापा कहने लगे कि बेटा थोड़े समय बाद मैं रिटायर भी हो जाऊंगा मैंने पापा से कहा हां पापा मैं यह बात जानता हूं मुझे थोड़ा समय दीजिए। वह कहने लगे कि बेटा तुम सोच लो तुम्हें जैसा भी लगता है तुम हमें सोच कर बता देना मैंने पापा से कहा ठीक है मैं आपको सोच कर बता दूंगा। मैं और पापा साथ में बैठे हुए थे और काफी देर तक हम लोगों ने बात की मां रसोई से हम लोगों के लिए चाय बना कर ले आई थी मैं और पापा चाय पी रहे थे तो मां भी हमारे साथ बैठी हुई थी। मैंने चाय खत्म की और मैं अपने रूम में चला आया मैं जब अपने रूम में आया तो मैं सोचने लगा कि क्या मैं अपने भविष्य को सुरक्षित बना पाऊंगा। उसके लिए मेरे पापा ने मेरी मदद की और उन्होंने अपने रिटायरमेंट होने के बाद मुझे कुछ पैसे दिए जिससे कि मैंने अपना काम शुरू किया। मैंने एक मोबाइल स्टोर खोल लिया काम भी ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए क्या मुझे शादी कर लेनी चाहिए। मैं अभी तक इस बात को समझ नहीं पाया था लेकिन पापा मम्मी की जिद के आगे मैं अब ज्यादा दिन तक उन्हें मना नहीं कर सकता था और मुझे अब उनकी बात माननी ही पड़ी और मैंने उनकी बात मान ली। मैं सगाई के लिए तैयार हो चुका था उन्होंने मुझे ना जाने कितनी लड़कियों की तस्वीर दिखाइ और फिर मैंने एक लड़की से मिलने के बारे में उनसे कहा मुझे वह लड़की पहली ही नजर में भा गई। मैंने जब उसकी तस्वीर देखी तो मैंने मां को इस बारे में बता दिया था और अगले दिन जब हम लोग लड़की वालों के घर गए तो मुझे मालती से मिलकर बहुत ही अच्छा लगा। मालती से जितनी देर मैंने बात की उससे मुझे लगा कि वह हमारे परिवार को खुश रखेगी और वह बहुत अच्छी लड़की है।

मैंने मालती से ज्यादा देर तक तो बात नहीं की लेकिन मुझे मालती से बात कर के अच्छा लगा और अब हम लोग घर आ चुके थे। थोड़े ही समय बाद हम लोगों की सगाई तय हो गई और कुछ दिन बाद हम लोगों की सगाई हो चुकी थी। मैंने मालती से मिलने का फैसला किया सगाई के बाद पहली बार ही मैं मालती को मिल रहा था मालती से जब मैं मिला तो उसने मुझे कहा कि मनीष मुझे आपसे कुछ बात करनी है। मैंने मालती को कहा हां कहो ना तुम्हें क्या कहना है तो मालती ने मुझे बताया कि वह शादी करने के बाद कोई जॉब करना चाहती है। मैंने मालती को कहा ठीक है जैसा तुम्हें ठीक लगता है मालती का यह कॉलेज का आखिरी वर्ष था। मालती ने मुझे कहां की थोड़े समय बाद हम लोगों की शादी हो जाएगी और शादी हो जाने के बाद क्या आप मुझे खुश रख पाएंगे। मैंने मालती के सवाल का जवाब दिया और कहा मालती तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो, हम लोग साथ में काफी देर तक बैठे रहे मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि समय बस थम सा गया है। हम लोग साथ में बैठे हुए थे कि तभी मालती ने मुझे कहा कि अब हमे चलना चाहिए मैंने मालती को कहा ठीक है मालती।

मालती अब जाने की तैयारी करने लगी और मालती अपने घर जाने के लिए ऑटो रिक्शा का इंतजार कर रही थी मैंने मालती को कहा मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूं। मैंने मालती को घर तक छोड़ दिया मैं अब अपने घर लौट आया था थोड़े समय बाद हम लोगों की शादी का दिन भी तय हो गया और अब हम दोनों की शादी होने वाली थी। सारी तैयारियां हो चुकी थी और हमारे रिश्तेदार भी शादी में आ चुके थे सब कुछ बहुत ही अच्छे से हो रहा था मालती की भी इस शादी से बहुत खुश थी और हम लोगों की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई। हमारी शादी हो चुकी थी और मालती अब मेरी पत्नी बन चुकी मैं भी बहुत खुश था। मालती और मेरी पत्नी बन चुकी थी मैंने आज तक किसी भी लड़की के साथ कभी संभोग नहीं किया था यह मेरा पहला ही मौका था इसलिए मैं इसे कुछ खास बनाना चाहता था। मैं जब कमरे में गया तो मालती बिस्तर पर बैठी हुई थी, मैं मालती के पास जाकर बैठा और मालती से कुछ देर तक मैं बात करने लगा मालती भी शर्मा रही थी। जब मैंने मालती के होठों की तरफ देखा तो उसके होंठ बड़े ही गुलाबी महसूस हो रहे थे मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया मैं मालती को किस कर रहा था तो मुझे मजा आ रहा था। उसके होंठो को चूसकर मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चूकी थी। मालती भी गरम हो चुकी थी मैं इतना ज्यादा गरम हो गया कि मैंने मालती के बदन से कपड़े उतारे और उसके बदन से जब मैंने कपड़े उतारे तो मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं। मैंने मालती की चूत को चाटना शुरू किया मालती की चूत से पानी कुछ ज्यादा ही निकाल रहा था, उसकी चूत से इतना पानी निकल चुका था कि वह बिल्कुल भी नहीं रह पा रही थी।

वह मेरे सामने नंगी थी उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था उसकी चूत को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा और मैं मालिनी की चूत को बड़े अच्छे से चाटता रहा और मालती भी रह नहीं पा रही थी। वह अपनी चूत पर उंगली लगा रही थी मैंने मालती की चूत पर अपने मोटे लंड को लगाया जब मेरा लंड मालती की चूत पर लगा तो मालती मेरी तरफ देख रही थी मालती मेरी बाहों में थी और उसने मेरे बदन पर अपने नाखूनों के निशान मार दिए थे। मैंने भी मालती के स्तनों पर अपने निशान मारे दिए थे मैंने जैसे ही मालती की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मालती मुझे कहने लगी थोड़ा और अंदर तक डालो। मैंने मालती की चूत के अंदर तक अपने लंड को डाल दिया था और पहली बार ही किसी की चूत मे मेरा लंड जा रहा था तो मालती बहुत खुश थी।

मैं मालती की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को आसानी से कर रहा था मेरा लंड आसानी से मालती की चूत के अंदर बाहर हो रहा था वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। वह मुझे कहने लगी मुझे मजा आ रहा है मालती ने अपने दोनों पैरों को खोल लिया था और जिस प्रकार से मैं उसकी चूत के अंदर बाहर लंड को कर रहा था उससे वह कहने लगी मुझे लगता है मैं तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी। मैं रात भर उसे चोदना चाहता था और पहली बार मेरा वीर्य जल्दी बाहर गिर चुका था मैंने अपने वीर्य को मालती की चूत में गिरा दिया। मालती की चूत से मेरा वीर्य बाहर की तरफ को टपक रहा था और जिस प्रकार से मालती क चूत से मेरा वीर्य टपक रहा था उससे मैंने मालती को कहा कि तुम अपनी चूत को साफ कर लो। मालती ने अपनी चूत को साफ किया मैंने दोबारा से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया मेरा लंड आसानी से उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था। जिस प्रकार से मालती की चूत के अंदर बाहर मेरा लंड बड़ी तेजी से हो रहा था उस से वह बहुत चिल्ला रही थी। उसने बहुत ज्यादा ही नाखूनों के निशान मार दिए थे। मैंने उसे उसके बाद घोड़ी बनाकर चोदा, वह मेरे ऊपर से भी आई उसके बाद मैंने ना जाने कितने ही तरीके से उसको चोदा। रातभर हम दोनों ने सेक्स का पूरा आनंद लिया। उसके बाद मैं भी थक चुका था लेकिन मैं हर रोज मालती की चूत मारा करता।
 
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