लंड मचला और चूत भी नाच ऊठी

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Hindi sex story, antarvasna: काफी दिनों से मैं घर पर ही था क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी मेरी तबीयत ठीक ना होने के कारण मैं कहीं भी जा नहीं पा रहा था। एक दिन मैं ऑफिस से लौट रहा था तो अचानक से ही मेरे पेट में दर्द होने लगा जब मैं डॉक्टर के पास गया तो उन्होंने मुझे कहा कि आपको फूड पॉइजनिंग हो गई है। मुझे बाहर खाने का बड़ा शौक है इस वजह से मैं अक्सर बाहर का कुछ भी खा लेता हूं जिसके कारण मेरे पेट में तकलीफ हो रही थी और डॉक्टर ने मुझे आराम करने के लिए कहा था। मुझे 15 दिन हो चुके थे 15 दिनों में अब मेरी तबीयत पहले से ज्यादा बेहतर थी और मैं पहले से स्वस्थ महसूस कर रहा था तो मुझे भी लगने लगा था कि मुझे ऑफिस जाना चाहिए क्योकि घर में मैं काफी ज्यादा बोर हो रहा था। मैं अब अपने ऑफिस जाने लगा पापा और मम्मी ने भी मुझसे कहा कि हम लोग तुम्हारी बहन के घर जयपुर जा रहे हैं तो मैंने भी उनकी टिकट करवा दी थी और उसके बाद वह लोग जयपुर चले गए। मैं घर पर अकेला ही था इसलिए ज्यादातर समय मैं अपने दोस्तों के साथ ही बिताता था।

मैं जब भी ऑफिस से लौटता तो उसके बाद मैं अपने दोस्तों के साथ ही अपनी कॉलोनी के पार्क में चला जाया करता था हमारी कॉलोनी के पार्क में मेरे सारे दोस्त मुझे मिल जाए करते। एक दिन मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था तो उस दिन मेरा दोस्त रोहन मुझे मिला और वह मुझे कहने लगा कि राजेश कल मेरा जन्मदिन है। रोहन ने अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करने के लिए एक पार्टी रखी थी उसमें उसने मुझे भी बुलाया, मैंने भी रोहन से कहा ठीक है मैं कल तुम्हारे बर्थडे पार्टी में जरूर आऊंगा। अगले दिन जब मैं रोहन की बर्थडे पार्टी में गया तो उसके बर्थडे पार्टी में मेरे और भी दोस्त आये हुए थे और हम सब लोग साथ में बैठ कर बाते कर रहे थे तभी मैंने सामने से एक लड़की को आते हुए देखा। जब वह मेरे बिल्कुल सामने आई तो मैं उसे देखता ही रहा वह मेरी नजरों से हट ही नहीं रही थी उसके बाद वह भी मुझे देख रही थी मुझे क्या पता था कि मेरी नजरे उससे मिलने लगेगी। मैं अपने दोस्तों से पूछने लगा कि क्या कोई उस लड़की को जानता है तो मुझे मेरे दोस्त ने बताया कि वह उसकी कॉलोनी में रहती है।

मैंने उससे पूछा कि उसका नाम क्या है तो वह मुझे कहने लगा कि उसका नाम प्रतिभा है लेकिन वह किसी से भी बात नहीं करती। मैंने भी अब पूरा मन बना लिया था कि मैं प्रतिभा से बात करके ही रहूंगा। मैं प्रतिभा से बात करना चाहता था लेकिन उसके लिए मुझे प्रतिभा से मिलना जरूरी था मैं सोचने लगा कि प्रतिभा से मैं कैसे मिलूंगा तो यह भी एक अजीब इत्तेफाक था कि जिस ऑफिस में मैं काम करता था उसी ऑफिस में प्रतिभा के भैया ने कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया था। मैं उनसे कुछ ज्यादा ही घुलने मिलने लगा था तो एक दिन मुझे रमन अपने घर लेकर गया रमन प्रतिभा के बड़े भैया हैं और उसने ही मुझे प्रतिभा से मिलवाया। मैं तो चाहता ही था कि प्रतिभा से मेरी बात हो और उस दिन मेरी प्रतिभा से बात हो गई। जब हम दोनों की एक दूसरे से बातें होने लगी तो हम दोनों की बातें बढ़ने लगी थी क्योंकि मेरा प्रतिभा के घर पर अक्सर आना-जाना लगा रहता था इस वजह से हम लोग एक दूसरे से बहुत बातें करते। मुझे काफी अच्छा लगता जब भी मैं प्रतिमा से बातें किया करता एक दिन मैं और प्रतिभा साथ में थे उस दिन हम दोनों कॉफी शॉप में बैठे हुए थे मैंने प्रतिभा से कहा कि प्रतिभा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है तो प्रतिभा ने मुझसे कहा नहीं। प्रतिभा मेरी तरफ चौकते हुए देखकर कहने लगी कि आखिर तुम मुझसे यह सब क्यों पूछ रहे हो मैंने प्रतिभा से कहा बस ऐसे ही। प्रतिभा और मेरी बाते होने लगी थी जिससे कि अब हम दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे थे। मैं प्रतिभा को अच्छे से समझता हूं और प्रतिभा को भी मेरा साथ पाकर अच्छा लगने लगा था प्रतिभा को जब भी मेरी जरूरत होती तो वह मुझसे फोन पर बाते कर लिया करती। हम दोनों की फोन पर काफी बातें होती थी और मुझे प्रतिभा से फोन पर बातें करना भी अच्छा लगता। हम दोनों के बीच प्यार हो गया था और हम दोनों एक दूसरे को डेट भी करने लगे थे यह बात प्रतिभा के पापा को प्रतिभा के भैया ने बता दी थी और मेरे पापा को भी इस बारे में पता चल चुका था इसलिए प्रतिभा के पापा मेरी फैमिली से मिलना चाहते थे। मैं जब प्रतिभा के घर पर अपने पापा और मम्मी को लेकर गया तो उन लोगों ने मेरी और प्रतिभा की शादी की बात की हम दोनों की शादी की बात से मैं तो बहुत ज्यादा खुश था और प्रतिभा भी काफी खुश थी।

हम दोनों की सगाई अब होने वाली थी हम दोनों के परिवार वालों ने हम दोनों के रिश्ते को स्वीकार कर लिया था तो इस बात से मैं काफी खुश था। प्रतिभा के पापा और मम्मी मेरे और प्रतिभा के प्यार को स्वीकार कर चुके थे इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगे थे। हम दोनों की सगाई भी हो गई थी और हम दोनों की सगाई हो जाने के बाद हम बहुत खुश थे। मैं इस बात से खुश था कि अब मुझे प्रतिभा का साथ मिल चुका है और प्रतिभा को भी बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में समय बताया करते।एक दिन हम दोनों साथ में ही कॉफी शॉप में बैठे हुए थे। उस दिन में प्रतिभा की तरफ देख रहा था और वह मेरी तरफ देख रही थी। मुझे नहीं मालूम था कि उस दिन हम दोनों के बीच किस हो जाएगा। हम दोनों के बीच किस हो गया और हम दोनो अपने आपको रोक ना सके। मैं प्रतिभा को अपने दोस्त के घर लेकर चला गया क्योंकि प्रतिभा और मेरे बीच अब सेक्स होने जा रहा था। प्रतिभा को भी इस बात से कोई फिक्र नहीं थे क्योंकि हम दोनों की सगाई हो चुकी थी। प्रतिभा और मैं जब एक दूसरे की बाहों में थे तो मुझे अच्छा लग रहा था।

मैं प्रतिभा की जांघों को सहला रहा था और प्रतिभा मेरे लंड को अपने हाथों में लेने की कोशिश करने लगी। प्रतिभा के बदन से मैंने कपड़े उतार दिए और उसके गोरे तन बदन को देख कर मेरे अंदर जो आग पैदा हो रही थी उससे मुझे मजा आ रहा था। प्रतिभा भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी हम दोनों के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी। मैं प्रतिभा से कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को डालना चाहता हूं। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी उसे कोई एतराज नहीं था। मैंने तुरंत अपने लंड को बाहर निकाला और प्रतिभा ने उसे अपने मुंह में लेकर उसे सकिंग करना शुरू कर दिया। वह जब मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी तो उसको मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। हम दोनों के अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी अब हमारे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैंने भी प्रतिभा की योनि के अंदर तक अपने मोटे लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही उसकी चूत के अंदर मेरा लंड घुसा तो प्रतिभा की योनि से खून निकल आया था। प्रतिभा की योनि से खून निकलने लगा था और वह अपने पैरों को खोल कर मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही चोदते रहो। मैं उसे बड़ी तीव्र गति से धक्के मार रहा था और मुझे प्रतिभा को चोदने में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था प्रतिभा के अंदर से निकलती हुए गर्मी बढ़ने लगी थी। मैं बिल्कुल भी रहा नहीं पा रहा था और ना ही प्रतिभा अपने आपको रोक पा रही थी। उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ना शुरू कर दिया था वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर लंड को किए जा रहा था। मेरा मोटा लंड प्रतिभा की योनि के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।

जब मैं अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करता तो वह मादक आवाज मे सिसकारियां लेती। हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से शारीरिक संबंध बना रहे थे। एक समय ऐसा आया जब मेरा वीर्य पतन होने को था मैंने अपने वीर्य की पिचकारी प्रतिभा की चूत मे मारकर प्रतिभा को खुश कर दिया था। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी कि हम लोग एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बना पाए। अब हम दोनों ने एक दूसरे के साथ दोबारा सेक्स का मजा लिया मेरे अंदर की गर्मी अभी तक शांत हुए नहीं थी इसलिए मैंने दोबारा से प्रतिभा को चोदना शुरु कर दिया था।

मैंने प्रतिमा की चिकनी और कोमल योनि पर अपने लंड को लगाकर दोबारा से उसे चोदना शुरू किया प्रतिभा की योनि से अभी भी खून निकल रहा था और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। जब मैं उसे तेजी से धक्के मारे जा रहा था मेरे धक्को की गति बढ़ती ही जा रही थी और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था। जब मैं प्रतिभा को चोदता तो मेरे अंदर से निकलती हुई गर्मी भी बढ़ती जा रही थी और हम दोनों बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाए। मैंने प्रतिभा की चूत के अंदर अपने माल को गिरा कर अपनी इच्छा को पूरा कर लिया। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ गया था मैंने और प्रतिभा ने एक दूसरे के साथ सेक्स का जमकर मजा लिया। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे उसके बाद हम दोनों अपने घर चले गए अब हम दोनों की शादी हो चुकी है और शादी हो जाने के बाद हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। मैं प्रतिभा को जमकर चोदता हूं मुझे बहुत ही मजा आता है जब भी मैं उसके साथ सेक्स करता हूं।
 
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