लंड मेकानिक का चूत आंटी की

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लंड उपरी कमाई का जरिया बना

हेलो दोस्तों मैं हूं एक टीवी मेकानिक और मेरा काम है घर घर जाकर टीवी बनाना। वैसे देसी आंटी की गांड भी अगर रिप्येअर करने को मिल जाए तो इसमें कोई बुरी बात है क्या/ तो आईये आप सब को सुनाते हैं एक हालिया कहानी जिसमें कि मैं बनारस शहर के एक पाश इलाके में, नाम नहीं लूंगा क्योंकि किसी की इज्जत की बात है, टीवी बनाने गया था। जिस आंटी के यहां टीवी बनाने गया वो एकदम मस्त माल थी। देखने से ही चुदैल और मस्त बुम्बाट

सच तो ये है कि उसे देख कर ही चोदने का मन कर गया पर देसी आंटी को चोदने से पहले मेरा लंड एकदम उसे देख कर ही अकड़ जाता है। ऐसा मेरे पेलू लंड की खासियत है। तो मैने टीवी रिपेयर किया, आंटी मेरे लिए चाय बनाके ले आई और तब तो गजब हो गया जब उसने प्याले से गरम गरम चाय मेरे पैंट पर सीधे लंड के उपर ही सर्व करते समय गिरा दिया। वो एकदम क्रेजी वाली चुदैल थी। मुझे पता था कि उसे चुदने का मन कर रहा होगा और मुझे जैसे हंडसम मेकेनिक को घर से बाहर जाने देने का मन भला किसे करेगा

मैने अपना लंड पक्कड़ लिया, सच में गरम चाय मेरे पैंट और अन्डर वीयर को भिगोते हुए मेरे लंड को उबाल गयी थी। ये तो हद हो गयी थी। मैने जल्द से अपनी जिप खोली और लंड को बाहर निकाल दिया। आधा खड़ा लंड सात इंच का लग रहा था। मैने देखा आंटी की आंखों में वो चमक जो कि दूध और मलाई देख के बिल्ली की आंखों में होती है। मेरी मजबूरी थी, आंटी ने इतनी गरम चाय निकाली थी कि वो मेरे लंड को भूज गयी थी। अगर थोड़ी देर और लंड उस उबलती हुई चाय के सम्पर्क में रहता तो उसका चोखा बन जाता।

आखिर मैने शरम की मां चोद कर लंड बाहर निकाल लिया था क्या करता उस रंडी के चक्कर में अपने इक्लौते लंड की बली देता। ऐसा मेरे से संभव न था। मैने देखा आंटी गयी और टावेल ले आई। बोलने लगी, 'सारी बेटा वो पता नहीं था गलती से हो गया' मैने देखा उसकी आंखों में लाल डोरे हवस वाले तैर रहे थे, वो मुझे धीरे धीरे फांस रही थी और चुदाई का माहौल बना रही थी। मैने अपना पैंट और गीला अंडरवियर निकाल के तौलिया लपेट लिया। मां की लौंडी ने तौलिया भी झांटू छोटा सा दिया था। कैसे पहनता मैं उसे आधा जांघ तो दिख रहा था, पूरा घेरा भी नहीं आ पा रहा था।

लंड पे चाय गिरा दी।

मैने जानबूझकर ऐसे लपेटा कि मेरा उभरा हुआ लन्ड उसे खूब अच्छे से दिखे। उसने भी मजे मजे में सामने आकर जमीन पर बैठ गयी, मैं सोफे पर बैठा हुआ था। बोलने लगी ' बेटू ज्यादा तो नहीं जल गया, जरा दिखाओ तो, मैने कहा मुझे शरम आती है। तो बोली, शरम कैसी, लाओ देख लूं, मैं तुम्हारी आंटी के जैसे तो हूं। और उसने मेरे तौलिये में हाथ लगा के लंड को प्कड़ लिया

अब तो मेरी हालत और भी खस्ता हो गयी। उसने लंड को पकड़ के हल्की फूंक मारनी शुरु कर दी सुपाडे पर ' फूं फूं, वो ब्लो कर रही थी जैसे कि मुझे ठंडगी देने की कोषिश कर रही हो, पर सच तो ये है कि वह मुझे और गरम कर रही थी। जैसे वो अपने होठ को मेरे लंड के पास ले जाकर फूंक मारती मेरा मन करता कि उसके मुह में पेल दूं, पर वो अभी खेल रही थी, मैं खुद ये चाहता था कि वो चुदाई की भीख मांगे, इसलिए मैं एकदम न्यूट्रल था। तभी उसने एक गजब का काम किया। बोली, 'जले पर थूक लगाने से ठंडक मिलती है', और उसने अपने हाथ पर थूक लेकर मेरे लन्ड पर मल दिया। अब मोटा लंबा लन्ड लगभग साढे आठ इंच का हो गया था। मैने देखा उसकी आंखों की चमक बढ गयी थी।

उसने थूक लगाकर अपनी नरम उंगलियों से मेरे लंड की मसाज करनी शुरु कर दी थी और मैं आंखें मूंद कर आह्ह, उप्फ उफ्फ कर रहा था। कब उसने मेरे लंड को अपने हो्ठों में फांस लिया और लगी चूसने ये तो मैं देख ही नहीं पाया, अब उसने अपनी ब्लाउज का एक बटन खोल दिया था और मुह खोल के अपने मस्त चूंचे हिलाती हुई लौड़े को अंदर बाहर कर रही थी। उसकी नौटंकी खतम हो चली थी। मैं अब उठ गया। और उसका सर पकड़ के जोर जोर से पूरा लंड अंदर पेलने लगा। वो गे गें गें करने लगी। मैने उसके हलक तक लंड पेलते हुए उसके दोनो स्तन मसलने जारी रखे। वो उन्माद में थी और मैं मजे में।

फिर मैने उसको बकरी बना दिया। दो पैरों और दो हाथों पर उसको बकरी बनाकर मैं खुद उसकी टांगों के बीच लेट गया और उसकी चूत चाटने लगा। चपड़ चपड़, सपड़ सपड़, वाह्ह्ह रसदार चूत एकदम टेस्टी थी। चूत चाटकर मैने उसकी गांड के दोनों गोलों को बारी बारी से दांत गड़ाए और उसकी पीठ को नाखूनों से हल्का खुरेचते हुए उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ना शुरु कर दिया। फकाफक और चपाचप, उसकी संकरी और गीली चूत में मोटे टाइट लंड के घुसने से यही आवाज आ रही थी। वो इतनी ज्यादा खुश थी कि अपनी गर्दन पीछे की तरफ मोड़ कर मुझे देख रही थी और स्माइल दे रही थी।

मैने उसके बाल पकड़ के खींचे तो उसका चेहरा और पास आ गया। लंड को और तेजी से ठोंकते हुए मैने उसको चूमना शुरु कर दिया, लिपस्टिक सने मोटे होठ एकदम कमाल लग रहे थे। इस तरह से चोदते हुए उसने मुझे किस भी दिया और फिर आधे घंटे तक उसको कुतिया बनाए रखने के बाद मैने अपना लंड बाहर खींच लिया। अब बारी थी उसके मस्त चूंचों की। उसे बेड पर लिटा कर उसके पेट पर सवार होकर मैने उसके बड़े इंडियन चूंचों के बीच लंड रगड़ना शुरु किया। उसने अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उन्हें चूत की शकल दे दी और मैं उनके बीच की घाटिओं मे पेलने लगा, मजा आ रहा था और मैं दस मिनट तक चूंच चुदाई के बाद झड़ गया। फिर उसने मेरा लंड चूसके साफ किया। चलते वक्त उसको मैने अपना कार्ड दिया और उसने मुझे दो गुनी फीस, एक टीवी के लिए और एक अपने लंड से उसकी चूत रिपेयर करने के लिए।
 
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