वह दिन भूले से भी नहीं भूलता

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Antarvasna, sex stories in hindi: मैं अपने दफ्तर में था और जल्द ही मैं अब रिटायर होने वाला था रिटायर होने के बाद मैं चाहता था कि मैं शिमला में अपने फॉर्म हाउस में चला जाऊं क्योंकि दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर मैं शिमला में रहना चाहता था। मैं जब घर पहुंचा तो सरोज मेरा इंतजार कर रही थी वह मुझे कहने लगी कि राजेश मैं आपका कब से इंतजार कर रही हूं लेकिन आज आप ऑफिस से काफी देर से आ रहे हैं मैंने सरोज को कहा हां मुझे आज आने में देर हो गई। अब हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे हम दोनों चाय पीते पीते एक दूसरे से बात कर रहे थे हम लोग अपने कुछ पुरानी यादों को ताजा कर रहे थे। मेरे दोनों बेटे अब विलायत में ही रहते हैं और वह लोग वहीं सेटल हो चुके हैं मैंने सरोज को कहा कि मैं भी कुछ समय बाद रिटायर हो जाऊंगा उसके बाद हम लोग शिमला रहने के लिए चले जाएंगे सरोज मुझे कहने लगी कि हां राजेश मैं भी यही चाहती हूं।

सरोज ने मेरा हमेशा से ही बहुत अच्छे से साथ दिया है जब मैं पहली बार सरोज को देखने के लिए गया था तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मैंने पहली नजर में ही सरोज को पसंद कर लिया था। मेरे पिताजी एक बड़े अधिकारी थे और वह सरोज के पिताजी को पहले से ही जानते थे इसलिए मेरी और सरोज की शादी तय हो गई। अब हम दोनों की शादी हो जाने के कुछ वर्षों बाद हमारे दो बच्चे हुए और उन दोनों की परवरिश में मैंने कोई कमी नहीं रखी वह दोनों विलायत में ही हैं और हम दोनों दिल्ली में अकेले ही रहते हैं। मैं और सरोज बात कर रहे थे थोड़ी देर बाद घर में काम करने वाली नौकरानी आ गई और जब वह आई तो वह खाना बनाने की तैयारी करने लगी। मैं भी अपने रूम में बैठकर कुछ देर टीवी देखने लगा जब खाना बन चुका था तो मैंने और सरोज ने खाना खाया और उसके बाद हम लोग सो चुके थे। अगले दिन मेरे बड़े बेटे आकाश का फोन आया और उससे मैंने काफी देर तक बात की मैं उसके बाद ऑफिस के लिए निकल चुका था और कुछ ही दिनों बाद मैं रिटायरमेंट होने वाला था।

जिस दिन मैं रिटायरमेंट होने वाला था उस दिन हमारे ऑफिस में सब लोगों ने मुझे रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए शुभकामनाएं दी। मैं जब घर गया तो सरोज मेरा इंतजार कर रही थी और सरोज कहने लगी कि आपने इतने साल नौकरी की है और उसके बाद आज आप रिटायर हो गए। सरोज और में साथ में ही समय बिता रहे थे मेरे जीवन में सब कुछ अच्छे से चल रहा था मेरे जीवन में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी और अब रिटायरमेंट के बाद मैं शिमला जाने वाला था। मैंने सरोज को कहा कि हम लोग कुछ दिनों में शिमला चले जाएंगे तो सरोज कहने लगी मैं सामान पैक कर लेती हूं मैंने सरोज को कहा ठीक है तुम सामान पैक कर दो। सरोज ने मेरा और अपना सामान पैक करवा दिया और हम लोग शिमला के लिए कार से निकल चुके थे जब हम लोग शिमला पहुंचे तो शिमला पहुंचकर हम लोगों को बहुत ही अच्छा लगा। इतने समय बाद दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर शांत वादियों में हम लोग अपना समय बिताना चाहते थे मैं चाहता था कि शिमला में रहकर ही अब कुछ समय सरोज के साथ बिता पाऊं और हम लोग अब शिमला में रहने लगे। जब हम लोग घर में पहुंचे तो वहां काम करने वाले नौकर राजू से मैंने कहा कि तुमने घर की बड़ी अच्छे से देखभाल की हुई है। वह कहने लगा साहब आप लोग यहां रहने के लिए आते ही नहीं है मैंने उसे कहा अब मैं रिटायर हो चुका हूं और अब मैं यहीं रहूंगा। सब कुछ तो मेरे जीवन में अच्छे से चल रहा था और मैं अब शिमला भी आ चुका था शिमला आ जाने के बाद मेरे जीवन में सब कुछ अच्छे से चल रहा था और मैं बहुत खुश था। मैं खाली समय में अपने फार्महाउस में फूलों की देखभाल कर लिया करता मुझे फूलों का बड़ा शौक था इसलिए मैंने घर के आसपास काफी सारे फूल लगवा दिए थे और मैं खुद उनकी देखभाल किया करता। सरोज यह बात अच्छे से जानती थी कि मुझे फूलों का बहुत ज्यादा शौक है इसलिए वह राजू से कह कर अक्सर नए नए पौधे मंगवा लिया करती थी। कुछ समय के लिए मेरे दोनों बेटे शिमला आने वाले थे और जब वह लोग शिमला आए तो उनका पूरा परिवार भी था काफी समय बाद हम लोग साथ में थे।

मैं सोच रहा था कि वह लोग कुछ समय और हमारे पास रुक जाते तो अच्छा रहता लेकिन वह दोनों ही ज्यादा समय तक हमारे पास नहीं रुक पाए। वह लोग करीब 10 दिनों तक हमारे साथ रुके और उसके बाद वह लोग चले गए अब मैं और सरोज अकेले रह गए थे काफी दिनों तक तो हम लोगों को काफी अकेलापन लगता रहा लेकिन अब हम लोग भी अपनी जिंदगी में वापस लौट चुके थे क्योंकि हमें तो अकेले रहने की आदत पड़ चुकी थी मेरा साथ हमेशा ही सरोज ने दिया है। एक दिन मैं फूलों की देखभाल कर रहा था कि तभी मैंने देखा कि बारिश होने वाली है सरोज मुझे कहने लगी कि राजेश आप अंदर आ जाइए काफी तेज बारिश होने वाली है। मैंने उससे कहा बारिश तो काफी तेज होने वाली है लेकिन मैं अभी थोड़ा काम कर रहा हूं। मैं पौधों की देखभाल कर रहा था कि तभी बारिश एकदम से तेज होने लगी और मैं दौड़ता हुआ अंदर की तरफ गया मौसम काफी ज्यादा ठंडा होने लगा था और बारिश भी काफी तेज हो रही थी उस दिन काफी समय तक बारिश चलती रही।

हम लोग साथ में बैठ कर बात कर रहे थे तभी मेरे एक दोस्त का फोन आया और मैं उससे बात करने लगा वह मुझे कहने लगा कि तुम तो शिमला जाने के बाद दिल्ली वापस आए ही नहीं। मैंने उसे कहा कि अभी तो फिलहाल हम लोग यहीं पर हैं हो सकता है कि कुछ दिनों के बाद मैं दिल्ली आ जाऊं वह कहने लगा कि जब तुम दिल्ली आओगे तो मुझसे जरूर मिलना मैंने उससे काफी देर तक बात की और फिर फोन रख दिया। मैंने जब फोन रखा तो सरोज मुझे कहने लगी कि राजेश मुझे लगता है बारिश बंद हो चुकी है। हम लोग अपने घर की बालकनी से बाहर की तरफ देख रहे थे मैंने देखा की बारिश बंद तो नहीं हुई थी लेकिन काफी अंधेरा सा होने लगा था और उस वक्त शाम के 5:00 बज रहे थे ऐसा लग रहा था कि जैसे रात हो चुकी है। बारिश अभी तक पूरी तरीके से बंद नहीं हुई थी सरोज और मैं साथ में ही बैठे हुए थे। मैंने देखा दो लोग हमारे गेट से अंदर की तरफ आ रहे है वह दौड़ते हुए घर की तरफ आए। मैंने जब उनसे कहा आप लोग काफी भीग चुके हैं तो वह कहने लगे सर हमारी कार बाहर खराब हो गई थी और बारिश बहुत तेज हो रही है। मैंने उन्हें कहा कोई बात नहीं आप यहां बैठ जाइए मैंने उन्हें बैठने के लिए कहा। वह दोनों काफी भीग चुके थे वह दोनों पति-पत्नी लग रहे थे मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम बताया। उन व्यक्ति ने मेरा परिचय भी मुझसे पूछा उन दोनों का नाम सोहन और मोनिका है। मैंने उनसे पूछा आप लोगों की शादी को कितने समय हुए है। वह कहने लगे हम लोगों की शादी को अभी 1 वर्ष ही हुआ है हम लोग यहां घूमने के लिए आए है लेकिन रास्ते में कार खराब हो गई और बारिश भी बहुत ज्यादा तेज है। मैंने उनसे पूछा आप लोग कहां से आए हैं? उन्होंने बताया हम लोग दिल्ली से आए हैं सरोज रसोई में थी जब वह आई तो उसके बाद मैंने सरोज का परिचय भी उन लोगों से करवाया। वह दोनों काफी भीग चुके थे तो सरोज ने कहा आप कपड़े बदल लीजिए। दोनों कपड़े बदलने के लिए चले गए मै मोनिका की तरफ देख रहा था क्योंकि मोनिका की नजरे मुझे बार-बार देख रही थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी नजरों में कोई शरारत भरी हुई है।

मैं बिल्कुल सही था जब रात के वक्त हम लोग सो रहे थे तो मोनिका ने दरवाजा खटखटाया सरोज सो रही थी मैंने सरोज को कहा मैं देखता हूं। मैं बाहर गया तो मोनिका अपने बदन से मुझे अपनी और आकर्षित करने की कोशिश कर रही थी हम लोग हॉल में चले आए। जब मैं हॉल में आया तो मोनिका मुझसे अपनी चूत मरवाना चाहती थी। हम दोनों की उम्र में बहुत ज्यादा फर्क था लेकिन उसने भी मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ा दिया इतने वर्षों बाद मेरा लंड एकदम खड़ा हुआ था। मैं अपने अंदर की गर्मी को बुझाना चाहता था और मोनिका ने मेरा बहुत साथ दिया। मोनिका ने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया उसे वह बहुत अच्छे से चूसती रही जब तक उसने मेरे मोटे लंड से पानी बाहर नहीं निकाल दिया। मेरा लंड पानी बाहर की तरफ को छोड़ने लगा जब मैंने उसके कपड़े उतारकर उसकी चूत को देखा तो मेरा मन करने लगा उसकी चूत मे मोटे लंड को घुसा दूं।

मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया उसकी चूत के अंदर मेरा लंड चला गया मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था तो मैंने उससे पूछा क्या तुम्हें चूत मरवाने का इतना शौक है? वह मुझे कहने लगी अब आपको मैं क्या बताऊं शादी से पहले मैंने ना जाने कितने ही लोगों के साथ सेक्स संबंध बनाए हैं लेकिन शादी हो जाने के बाद मेरे पति ने मेरी इच्छा पूरी नहीं की, मैंने आपको देखा तो मुझे लगा आपके अंदर आज भी वह जवानी बची है जो पहले रही होगी। मैं मोनिका को बड़ी तेजी से चोद रहा था उसकी चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर कर के मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था थोड़ी देर बाद मेरा वीर्य गिरने वाला था। मैंने जब अपने वीर्य को उसकी चूत मे गिराया तो वह मुझे कहने लगी आज मुझे बहुत अच्छा लगा और कुछ देर तक हम दोनों साथ में बैठे रहे। उसकी चूत से अभी तक मेरा वीर्य टपक रहा था। उसने दोबारा से मेरे लंड को चूसते हुए अपने मुंह के अंदर ले लिया जब वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लेती तो मुझे बहुत मजा आता उसने मेरे लंड से दोबारा से वीर्य बाहर निकाल दिया। उस रात मोनिका के साथ मैंने तीन बार सेक्स का आनंद लिया अगले दिन मोनिका चली गई। उसे मेरी मुलाकात उसके बाद तो कभी हो नहीं पाई लेकिन वह दिन में कभी भूल नहीं सकता।
 
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