साहब मेरी चूत का भोसडा बना दो

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Antarvasna, hindi sex kahani: मैंने और मेरी पत्नी ने फैसला किया कि हम लोग घर में एक नौकरानी रखेंगे क्योंकि हम दोनों सुबह जॉब पर चले जाया करते है और हम दोनों के पास बिल्कुल भी वक्त नहीं होता। पायल और मेरी शादी को अभी सिर्फ 6 महीने ही हुए है हम दोनों मुंबई में रहते हैं। मुंबई की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम दोनों को समय निकाल पाना बहुत ही मुश्किल होता है इसलिए हम दोनों चाहते थे कि हम लोग घर पर नौकरानी रख। हम लोग नौकरानी की तलाश शुरू करने लगे परन्तु इतनी आसानी से नौकरानी मिल पाना शायद मुश्किल ही था तभी मेरे एक दोस्त ने मेरी मदद की और हमें अब घर में काम करने वाली एक बाई मिल चुकी थी जो कि हमारे घर पर हमसे मिलने के लिए आई। उस दिन रविवार था तो हम दोनों घर पर थे जब वह घर पर आई, हम लोगों ने उससे पगार की बात तो वह हमारे घर पर काम करने के लिए तैयार हो गई।

अगले दिन से वह हमारे घर पर आने लगी और घर का काम देखने लगी पायल और मुझे अब समय मिलने लगा था हम दोनों एक दूसरे के लिए अब समय निकालने लगे थे। शादी के बाद मैंने पायल से कई बार कहा कि हम लोगों को घर पर कोई काम करने वाली रखनी चाहिए लेकिन पायल पहले इस बात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी लेकिन अब वह इस बात के लिए मान चुकी थी कि हम लोगों को घर पर कोई काम करने के लिए रखना चाहिए। हमारे घर पर काम करने वाली नौकरानी सविता सारा काम करती और सविता घर का काम बड़े अच्छे से संभाल रही थी। इस बीच मेरे माता-पिता भी हमारे पास आने वाले थे क्योंकि पिताजी भी अब अपनी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं और रिटायरमेंट होने के बाद वह ज्यादातर समय घर पर ही रहते हैं। मेरा परिवार जयपुर में रहता है और पायल का परिवार भी जयपुर में रहता है हम दोनों एक दूसरे को मुंबई में ही मिले थे। आज से दो साल पहले हम दोनों की मुलाकात हुई थी हम दोनों एक दूसरे को हमारे एक फ्रेंड की पार्टी में मिले थे तब से हम दोनों की बातचीत शुरू हुई उसके बाद मैं और पायल एक दूसरे को डेट करने लगे।

हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगने लगा था हम दोनों एक ही शहर के रहने वाले थे इसलिए यह सब हम दोनों के लिए और भी आसान हो गया था। हालांकि पहले पायल के माता-पिता मुझसे पायल की शादी करवाने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन पायल की जिद के आगे उनकी एक न चली और उन्होंने पायल की शादी मुझसे करवा दी। पायल के पापा एक बड़े अधिकारी हैं और मेरे पापा एक क्लर्क थे इसलिए पायल के पिताजी चाहते थे कि हमारी शादी ना हो लेकिन पायल के कहने पर हम दोनों की शादी हो गई और अब हम अपना शादीशुदा जीवन अच्छे से बिता रहे हैं। जिस दिन मेरे माता-पिता आने वाले थे उस दिन सुबह के वक्त मैं रेलवे स्टेशन उन्हें लेने के लिए चला गया। उनकी ट्रेन सुबह 7:00 बजे पहुंचने वाली थी तो मैं घर से सुबह 6:00 बजे ही निकल गया था मुझे रेलवे स्टेशन पहुंचने में काफी समय लग गया था और थोड़ी देर मैं उनका इंतजार कर रहा था। ट्रेन बिल्कुल सही समय पर रेलवे स्टेशन पर पहुंच चुकी थी और जैसे ही ट्रेन पहुंची तो मैंने पिताजी और मां का सामान लिया और उन्हें कहा कि मुझे काफी अच्छा लग रहा है जो आप हमारे पास आ गए। मेरे पापा कहने लगे कि रजत बेटा अब मैं रिटायर हो चुका हूं रिटायरमेंट के बाद हम लोग घर पर भी क्या करेंगे तो सोचा कि तुमसे कुछ दिनों के लिए मिल आते हैं और अगर अच्छा लगा तो हम लोग भी तुम्हारे साथ ही रह लेंगे। मैंने पापा से कहा पापा आप कैसी बात कर रहे हैं आपको क्या मुझसे कुछ पूछने की जरूरत है तो पापा कहने लगे कि अब यह सब छोड़ो यह बताओ कि पायल कैसी है। मैंने पापा से कहा कि पायल तो अच्छी है अब हम लोग घर जा ही रहे हैं तो आप लोग उससे खुद ही मिल लेना। हम लोग घर वापस आ गए थे जब हम लोग घर पहुंचे तो पायल मम्मी और पापा के साथ बैठी हुई थी, उस दिन मम्मी पापा आए थे तो हमने सोचा कि हम लोग अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ले लेते हैं और कुछ दिनों के लिए हम दोनों ने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। थोड़ा समय अपने माता-पिता के साथ गुजारकर अच्छा लग रहा था इतने समय बाद मैं अपने परिवार के साथ था।

मां ने मुझे बताया कि हमारे पड़ोस में रहने वाले सार्थक की शादी होने वाली है मैंने मां से कहा मां सार्थक तो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है लेकिन उसने मुझे इस बारे में नहीं बताया तो मां ने मुझे बताया कि हो सकता है उसे ध्यान ना रहा हो लेकिन घर पर उसने शादी का कार्ड भिजवा दिया था और वह तुम्हारे बारे में भी पूछ रहा था। मैंने मां से कहा चलो मैं सार्थक से तो बात कर ही लूंगा और उस दिन हम लोग शाम के वक्त घूमने के लिए भी गए। हम लोग घूमने के बाद वापस लौटे तो पापा और मम्मी कहने लगे कि हम लोग तुम्हारे पास ही रहना चाहते है लेकिन जब हम दोनों ऑफिस जाने लगे तो उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था। वह घर पर अकेले ही रह जाते थे इसलिए थोड़े समय बाद पापा ने मुझसे कहा कि बेटा हम लोग अब जयपुर ही चले जाते हैं। मैंने पापा को कहा कि आप लोग हमारे साथ ही रहिये लेकिन वह अब रुकने वाले नहीं थे उन्होंने कहा कि नहीं बेटा हम लोग अब जयपुर जाना चाहते हैं। मैंने पापा से कहा ठीक है मैं आज आपकी ट्रेन की टिकट करवा दूंगा, मैंने उनकी की ट्रेन की टिकट करवा दी पापा और मम्मी कुछ दिनों बाद घर चले गए।

कुछ समय तक तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा वह लोग हमारे पास करीब 3 महीने रहे लेकिन फिर भी मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। मैं और पायल अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी हो गए थे इसलिए हम दोनों को बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था हम दोनों अपने ऑफिस के काम से ज्यादातर बिजी ही रहते थे। मैं तो कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम से बाहर भी जाने वाला था उस बीच मैं जब अपने ऑफिस के काम से बेंगलुरु गया तो बेंगलुरु में मैं करीब दो दिन तक रुका और दो दिन बाद मैं वहां से लौट आया था। मैं सुबह ही घर पहुंच चुका था उस वक्त पायल अपने ऑफिस जा चुकी थी मैंने पायल को फोन किया और कहा कि मैं घर पहुंच चुका हूं तो पायल कहने लगी कि ठीक है हम लोग शाम के वक्त मिलते हैं। मैं उस दिन घर जल्दी लौट आया था सविता भी घर का काम कर रही थी वह घर पर ही थी। जब वह घर का काम कर रही थी तो मैं सविता के पास गया और उससे कहा तुम क्या कर रही हो? वह कहने लगी साहब कुछ नहीं बस सफाई कर रही थी मैंने सविता की बड़ी गांड देख उसकी गांड पर हाथ मार दिया। जब मैंने ऐसा किया तो वह बोली आप बड़े ही शरारती हो। मैंने उसे कहा चलो हम लोग कमरे में चलते हैं वहां मैं तुमको पूरी शरारत दिखाता हूं। वह मेरी बात मान गई क्योंकि मैंने उसे कुछ पैसे दे दिए थे मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने उसे अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और बड़े अच्छे से वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर किए जा रही थी तो उसको बड़ा मजा आता और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ गई उसके अंदर की भी गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी। मैंने उसके कपड़े उतार कर उसकी चूत को सहलाया तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। मुझे उसकी चूत को चाटना बड़ा अच्छा लग रहा था। उसको भी बहुत मजा आ रहा था उसकी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही अधिक होने लगा था मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत मे अपने लंड को डालना चाहता हूं।

मैं उसकी योनि में लंड को घुसाने लगा तो वह बड़ी खुश हो गई थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी कि मैंने उसकी चूत में लंड को लगाकर अंदर की तरफ किया जब मैंने ऐसा किया तो वह जोर से चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मेरी चूत आपने फाड़ दी। मैने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था तो उसके अंदर लगातार गर्मी बढ़ती जा रही थी। मेरे अंदर आग पैदा होती जा रही थी हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे से संभोग का मजा ले रहे थे। मैंने उसे अपनी गोद में उठा कर चोदना शुरू किया जब मैंने उसको चोदना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा वह मुझसे कहने लगी मुझे और तेजी से चोदो मैं उसको बड़ी तेजी से धक्का मार रहा था और मेरे अंदर की आग बढ़ती जा रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझे ऐसे ही आप चोदते रहो मैंने उसे कहा मुझे तुम्हें धक्के मारने में बहुत मजा आ रहा है।

मैंने उसको घोड़ी बना दिया और घोडी बनाने के बाद जब मैंने उसे चोदना शुरू किया तो वह खुश हो गई और मुझसे अपनी चूतडो को मिलाने लगी। जब वह ऐसा कर रही थी तो मेरे अंदर की आग और भी ज्यादा बढ़ रही थी वह पूरी तरीके से उत्तेजीत होती जा रही थी। मैंने उसे कहा मैं अपने लंड पर तेल की मालिश कर लेता हूं अब मैंने अपने लंड को पर चिकना बना दिया। मैंने अपने लंड को सविता की चूत के अंदर घुसा दिया उसकी चूत मे मेरा लंड जाते ही वह जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी साहब मुझे और तेजी से चोदो आप मेरी चूत का भोसड़ा बना दो। मैंने उसे कहा तुम थोड़ा सा नीचे हो जाओ जैसे ही वह नीचे हुई तो उसके बाद मैंने उसको इतनी तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए कि उसे दर्द हो रहा था। मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है वह मुझे कहने लगी मजा तो मुझे भी बहुत अधिक आ रहा है लेकिन अब मैं आपके लंड की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी। उसकी चूत से अधिक मात्रा में पानी निकल आया था मैंने अपने माल को उसकी चूत मे गिराया तो वह खुश हो गई उसके बाद वह अपना काम करने लगी।
 
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