साहब पैसे दे दो और चूत ले लो

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Antarvasna, hindi sex story: मेरे छोटे भाई मोहन का मुझे फोन आता है और मोहन से मेरी बात होती है तो मोहन मुझे बताता है कि उसका कॉलेज अच्छे से चल रहा है सुबह के वक्त ही मोहन का फोन आ गया था। पिताजी के देहांत के बाद अब घर की जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही थी मैंने मोहन से कहा कि मैं तुम्हें कुछ पैसे भिजवा रहा हूं। मोहन अपनी पढ़ाई के लिए बेंगलुरु चला गया था और उसकी पढ़ाई पूरी भी नहीं हो पाई थी कि पिताजी की मृत्यु हो गई लेकिन उसके बाद मैं ही मोहन की जिम्मेदारी को अच्छे से उठा रहा हूं। मेरी मां भी इस बात से बहुत खुश रहती है और हमेशा ही वह कहती हैं कि तुम्हारे पिताजी की कमी को कभी तुमने महसूस नहीं होने दिया। मैंने घर की हर एक जिम्मेदारी को अपने ऊपर लेने के बारे में सोचा और सब कुछ अब अच्छे से चल रहा है। मेरी जिंदगी में तनाव बहुत ज्यादा था क्योंकि मेरी पत्नी के साथ मेरा डिवोर्स हो जाने के बाद मैं मानसिक रूप से बहुत ज्यादा परेशान था उससे मुझे बाहर आने के लिए काफी समय लगा। उसके बाद मैंने अपने दिमाग से शादी का ख्याल ही निकाल दिया और ना ही मैंने कभी किसी के बारे में सोचा मुझे लगता है कि मुझे शादी नहीं करनी चाहिए इसलिए मैंने शादी के बारे में अब अपने दिमाग से पूरी तरीके से ख्याल बाहर निकाल दिया है।

मै अपनी मां की देखभाल भी अच्छे से कर रहा हूं कुछ दिनों पहले मोहन ने मुझे बताया कि वह घर आ रहा है उसके कॉलेज की छुट्टियां पड़ने वाली है। मैंने मोहन को कहा चलो कम से कम जब तुम घर आओगे तो मां का मन तो तुम्हारे साथ लगा रहेगा। मां घर पर अकेली ही रहती थी और जब मोहन घर आया तो मैंने मोहन से कहा तुम कब तक घर पर रहने वाले हो मोहन कहने लगा भैया अभी तो मैं कुछ दिन रुकूंगा। मैंने मोहन से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा तो मोहन कहने लगा कि भैया पढ़ाई तो अच्छे से चल रही है मोहन की पढ़ाई बस अब खत्म होने ही वाली थी। मोहन कुछ समय तक मां के साथ ही था इसी दौरान मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में चंडीगढ़ जाना पड़ा। जब मैं चंडीगढ़ गया तो मैंने अपने एक पुराने दोस्त को फोन किया और उसे मैंने मिलने के बारे में कहा तो उसने मुझे कहा कि तुम मुझे मिलने के लिए मेरे घर पर ही आ जाओ मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए तुम्हारे घर पर ही आ जाता हूं।

मैं जब उसके घर पर गया तो उसने मुझे अपने परिवार से मिलाया मैं उसके परिवार से कभी मिला नहीं था लेकिन जब मैं उसके परिवार से मिला तो मुझे अच्छा लगा। मेरे दोस्त का नाम रजत है रजत और मैं एक दूसरे के बारे में पूछ रहे थे तो रजत ने मुझे बताया कि उसने कुछ समय पहले ही अपने पिताजी का कारोबार संभाला है इससे पहले वह जॉब करता था वह अपने पिताजी का कारोबार अच्छे से संभाल रहा है। रजत को मेरे बारे में पता चला तो उसने कहा कि सुरेश मुझे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा कि तुम्हारा डिवोर्स हो चुका है। मैंने उससे कहा रजत मैं भी बहुत ज्यादा परेशान हो गया था और मैं भी इस बात को समझ नहीं पाया कि मेरी पत्नी मीनाक्षी ने मुझे डिवोर्स क्यों दिया अब इसके पीछे जो भी वजह रही हो हम दोनों अब एक दूसरे से बहुत दूर हैं ना तो मीनाक्षी से मेरा कोई संपर्क है और ना ही मैं उससे मिलना चाहता हूं। रजत ने मुझे कहा कि क्या तुमने उसके बाद कभी मीनाक्षी से मिलने के बारे में भी नहीं सोचा तो मैंने उसे बताया कि नहीं मैंने कभी भी मीनाक्षी से मिलने के बारे में नहीं सोचा। रजत के घर पर ही मैंने रात का डिनर किया और उसके बाद मैं होटल वापस लौट गया मैं जब होटल में वापस लौटा तो मुझे नींद नहीं आ रही थी मैंने सोचा कि बाहर टहल लेता हूं इसलिए मैं होटल के बाहर लॉन में टहलने लगा। रात के करीब 11:00 बज रहे थे वहां पर कुछ लोग और भी बैठे हुए थे मैं भी लॉन में चेयर में बैठ गया। रात भी काफी ज्यादा हो चुकी थी इसलिए मुझे लगा कि मुझे भी सो जाना चाहिए और मैं सोने के लिए अपने रूम में चला गया। अगले दिन जब मैं उठा तो मुझे अपने काम के लिए निकलना था मैं अपने काम के लिए निकल चुका था और जब मैं वापस होटल लौट रहा था तो मुझे घर से फोन आया और मुझे लगा कि मां की तबीयत ठीक नहीं है।

मैंने मोहन को कहा मां को क्या हुआ है वह कहने लगा कि भैया मालूम नहीं लेकिन मैंने मां को अस्पताल में भर्ती करवा दिया है मैं इस बात से बहुत ज्यादा घबरा गया था और जब मैं घर के लिए वापस लौटा तो मैंने सबसे पहले डॉक्टर से इस बारे में पूछा तो डॉक्टर ने कहा कि आपकी मां को कैंसर हो चुका है। मैं इस बात से पूरी तरीके से घबरा गया और मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत रखते हुए डॉक्टर से पूछा कि क्या इसका इलाज हो सकता है डॉक्टर कहने लगे कि हां हम लोग पूरी कोशिश करेंगे। अब मां का ऑपरेशन होने वाला था और कुछ ही समय बाद जब मां का ऑपरेशन हुआ तो मां ठीक हो चुकी थी मैं भी इस बात से बहुत चिंतित था कि क्या इस वक्त कोई और भी हमारे साथ होना चाहिए था लेकिन सिर्फ मैं और मोहन ही साथ में थे। हम लोगो ने मां की देखभाल के लिए घर में एक नौकरानी को रख दिया और वह मां की देखभाल करने लगी मोहन भी कुछ दिनों बाद वापस लौट गया।

मैं जब भी अपने ऑफिस में होता तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा होता कि क्या मां का ध्यान वह रख पा रही होगी लेकिन जिस प्रकार से हमारे घर पर काम करने वाली नौकरानी ने मां का ख्याल रखा उससे मां की तबीयत भी अब ठीक होने लगी थी। मां को मैं हमेशा रूटीन चेकअप के लिए डॉक्टर के पास लेकर जाता रहता था अब सब कुछ ठीक होने लगा था और मां की तबीयत भी पहले से ज्यादा ठीक हो चुकी थी। मुझे भी अब अहसास होने लगा था कि मुझे शादी कर लेनी चाहिए मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता भी तो नहीं था। मैं शादी तो करना ही नहीं चाहता था लेकिन मैं अपने आप को बहुत अकेला महसूस कर रहा था मेरे पास शायद कोई ऐसा भी नहीं था जो कि मुझे समझ सकता। मेरे जीवन में सब कुछ बदल चुका था मेरी पत्नी से डिवोर्स के बाद मेरा जीवन पूरी तरीके से बदल गया था और अब मेरे जीवन में कुछ भी ठीक नहीं था मैं कभी भी किसी से यह बात नहीं कहता था कि मेरे जीवन में क्या चल रहा है मैं अंदर ही अंदर परेशानी में जी रहा था। घर की नौकरानी मां की देखभाल अच्छे से कर रही थी एक दिन वह साफ सफाई कर रही थी उस दिन मैंने देखा कि उसने मेरे बटुए से कुछ पैसे चोरी कर लिए हैं। मैंने उसे अपने पास बुलाया मैंने उससे कहा कि यदि तुम्हें पैसों की जरूरत है तो तुम मुझसे ले सकती हो। वह अपनी गलती पर शर्मिंदा थी मैंने उसे कहा कि तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे रही थी। मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया और उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था उसने भी मेरी पैंट की चैन को खोलते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। मैंने उसे कहा बटुए में जितने भी पैसे हैं वह सब मैं तुम्हें दे दूंगा उसके बदले तुम्हे मुझे खुश करना पड़ेगा उसने अपनी गर्दन हिलाई और वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेने लगी वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर खुश हो रही थी उससे मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था और वह भी बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने उसे कहा तुम ऐसे ही मेरे लंड को चूसती रहो वह बहुत देर तक मेरे लंड का ऐसे ही रसपान करती रही लेकिन अब मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मैंने उसे कहा कि तुम अपने कपड़े उतार दो।

उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतार दिए जब मैंने उसके बदन को देखा तो मैं उसकी चूत की तरफ देख रहा था उसकी चूत पर काफी बाल थे मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारी चूत के बाल को साफ कर देता हूं। मैंने उसकी चूत के बाल को रेजर से साफ कर दिया उसकी चूत एकदम मुलायम हो चुकी थी उसकी चूत किसी कमसिन लडकी की तरह लग रही थी मुझे उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना था। मैंने पहले तो उसकी चूत को बहुत देर तक चाटा उसकी चूत को मैंने इतनी देर तक चाटा की उसकी चूत से निकलता हुआ पानी मैं अपने अंदर लेता वह अपने आपको बिल्कुल रोक ना सकी और मुझे कहने लगी तुम जल्दी से मेरी चूत के अंदर लंड को घुसा दो। मैंने भी अपने लंड पर तेल लगाते हुए धीरे-धीरे उसकी चूत के अंदर डालना शुरु किया जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया तो वह चिल्ला रही थी और वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और बड़ी तेज गति से मै उसकी चूत के जिस प्रकार से मजे ले रहा था उससे वह सिसकिया ले रही थी।

जब वह सिसकिया ले रही थी उससे मेरा पानी भी बाहर की तरफ को आने लगा था मैंने उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके मुंह के अंदर अपने लंड को डाल दिया। वह मेरे लंड को बहुत देर तक चूसती रही जब वह मेरे लंड के ऊपर से आकर बैठी तो उसने मेरे लंड को अपनी चूत में लिया जब उसने अपनी चूतड़ों को मेरे लंड के ऊपर नीचे करना शुरू किया तो मुझे भी अच्छा लग रहा था मैं उसे बहुत तेजी से धक्के मार रहा था। मैंने उसे बहुत देर तक धक्के मारे जब मेरा वीर्य गिरा तो मैंने उसे कहा कि आज तो तुमने मेरे अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से मिटा कर रख दिया है। वह बड़ी खुश थी जिस प्रकार से उसने मुझे मजे दिलवाए थे मेरे लिए तो यह बहुत ही मजेदार था मैंने उसे अपने बटुए से पैसे निकाल कर दिए और उसे कहा यह पैसे तुम रख लो। उसकी जरूरत मुझे जब भी पड़ती तो वह मेरे पास चली आती और कहती साहब कुछ पैसों की जरूरत है मैं उसकी मदद पैसों से कर दिया करता था और वह मेरी इच्छा की पूर्ति कर दिया करती थी। सब कुछ अपने अच्छे से चल रहा था क्योंकि मेरे जीवन में सेक्स की कमी को वह पूरा कर देती थी। मैंने अपने लिए एक लड़की की तलाश भी कर ली जिससे कि मैं शादी करने वाला हूं लेकिन अभी तक हमारी शादी नहीं हो पाई है फिलहाल तो मेरी नौकरानी ही मेरी जरूरतों को पूरा कर रही है और वह मेरे साथ सेक्स कर के बहुत खुश भी है।
 
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