सुधा के स्तन मेरी छाती से टकराने लगे

sexstories

Administrator
Staff member
Hindi sex story, antarvasna: मैं अपनी दुकान पर रोज की तरह सुबह पहुंचा। उस वक्त सुबह के 9:00 बज रहे थे मैं दुकान की साफ सफाई करने लगा साफ सफाई करने के बाद मैं दुकान पर बैठा और कुछ कस्टमर दुकान पर सामान लेने के लिए आए। जब वह लोग सामान लेने के लिए आए तो उसके बाद मैंने उन्हें सामान दिया और वह लोग वहां से चले गए। उस दिन मेरी काफी अच्छी बिक्री हुई थी और मैं काफी खुश था इसलिये मैं अपने घर पर देर से पहुंचा। जब मैं अपने घर पर पहुंचा तो उस दिन मेरी पत्नी अपने मायके गई हुई थी मैंने उसे फोन किया और कहा कि तुम अपने मायके से कब वापस लौट रही हो तो उसने मुझे कहा कि मैं दो-तीन दिनों में वापस लौट आऊंगी। मेरी पत्नी और मेरे बीच काफी अच्छी अंडरस्टैंडिंग है और हम दोनों की शादी को दो वर्ष हो चुके हैं हम दोनों की शादी शुदा जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही है और हम लोग अपनी शादी से बड़े ही खुश हैं।

मैं अपनी पत्नी सुधा से पहली बार अपने मामा जी के घर पर मिला था और उसके बाद मेरे मामा जी ने हीं हम दोनों की शादी की बात आगे बढ़ाई। हम दोनों की शादी की बात आगे बढ़ने के बाद हम दोनों की शादी हो गई। सुधा और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं और मुझे बड़ा अच्छा लगता है जब भी सुधा और मैं साथ में टाइम स्पेंड करते हैं। सुधा दो तीन दिनों में अपने मायके से वापस लौटने वाली थी इसलिए मैं भी अगले दिन अपने मामा जी के घर पर चला गया। मैं जब मामा जी से मिला तो वह मुझे कहने लगे कि रोहित बेटा तुम हमसे मिलने के लिए आते ही नहीं हो। मैंने उन्हें कहा कि मामा जी आपको तो पता ही है कि दुकान में कितना काम रहता है और इसी वजह से मैं आप लोगों से मिलने नहीं आ पाता हूं।

मामा जी को इस बात से कोई शिकायत तो नहीं थी लेकिन मुझे भी लगा की मुझे मामा जी से मिलने के लिए आते रहना चाहिए और मैं उस दिन मामा जी के घर पर काफी देर तक रहा। उस दिन मामा जी ने मुझे कहा कि बेटा आज तुम हमारे घर से ही डिनर कर के जाना। मैंने भी उस दिन फैसला किया कि आज मैं मामा जी के घर से ही डिनर कर के जाऊंगा। मैंने अपने घर पर इस बारे में बता दिया था कि मुझे आने में देर हो जाएगी। मैं जब मामाजी के घर से डिनर करने के बाद घर लौट रहा था तो मेरी पत्नी सुधा का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगी कि अभी आप कहां पर हैं तो मैंने उसे बताया कि मैं अभी मामा जी के घर से बस निकलने ही वाला हूं। सुधा मुझे कहने लगी कि क्या आज आप मामा जी के घर पर गए थे तो मैंने सुधा को बताया कि हां आज मैं मामा जी से मिलने के लिए गया हुआ था काफी समय हो गया था मैं मामा जी को मिला भी नहीं था इसलिए मैं उनसे मिलने के लिए चला गया था।

मैंने सुधा से आधे घंटे तक बात की और उसके बाद मैंने फोन रख दिया, फोन रखने के बाद मैं अपने घर के लिए निकल पड़ा। मैं अपने घर के लिए निकला और जब मैं घर पहुंचा तो उस दिन मुझे घर पहुंचने में काफी देरी हो गई थी। घर पर सब को इस बारे में पता था कि मैं आज मामा जी के घर पर उनसे मिलने के लिए गया हूं। अगले दिन मैं अपनी दुकान पर सुबह 9:00 बजे तक पहुंच चुका था क्योंकि दुकान में काफी ज्यादा काम बढ़ने लगा था इसलिए मुझे अब दुकान में काम करने के लिए एक लड़के को रखना पड़ा। वह लड़का हर रोज सुबह 8:00 बजे दुकान पर आ जाया करता और दुकान की साफ सफाई करने के बाद मैं और वह दुकान का काम संभाला करते। कभी कबार मैं अपनी फैमिली के साथ कहीं बाहर चला जाया करता तो रामू जो कि दुकान में काम संभालता है वही दुकान का पूरा काम संभालने लगा था और सब कुछ अच्छे से चल रहा था।

मेरे जीवन में भी बहुत ज्यादा खुशियां थी और मैं अपनी जिंदगी से बहुत ज्यादा खुश हूँ जिस तरीके से मैं और मेरी पत्नी एक दूसरे के साथ होते हैं। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता। एक दिन मैं अपने घर जल्दी लौट आया था उस दिन मैंने देखा कि मेरी बड़ी बहन भी घर पर आई हुई है मेरी बड़ी बहन की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं और वह अपनी शादीशुदा जिंदगी से बहुत ही खुश हैं। मेरी बहन का नाम सुनीता है और वह दिल्ली में ही रहती है उस दिन वह हम लोगों से मिलने के लिए आई हुई थी। मुझे भी काफी अच्छा लगा कि सुनीता दीदी काफी दिनों के बाद हम लोगों से मिलने के लिए आई थी और सुनीता दीदी बहुत ज्यादा खुश हुई थी। मैंने जब दीदी से पूछा कि दीदी आज आप बहुत ज्यादा खुश नजर आ रही है तो वह मुझे कहने लगी कि तुम्हारे जीजा जी की एक विदेशी कंपनी में जॉब लग चुकी है और वह कुछ समय के बाद ऑस्ट्रेलिया चले जाएंगे।

मैंने दीदी को कहा कि यह तो बड़ी ही खुशी की बात है और मैंने दीदी से कहा कि मैं अभी जीजा जी को फोन कर देता हूं। दीदी और मां सोफे पर बैठी हुई थी मैंने जीजा जी को फोन लगाया और उनसे मैंने बातें की और उन्हें उनकी नई नौकरी की बधाई दी तो वह बड़े ही खुश थे। जीजा जी मुझे कहने लगे कि कभी तुम घर पर मिलने के लिए आना तो मैंने उन्हें कहा हां जीजा जी मैं जरूर समय निकालकर आपसे मिलने के लिए आऊंगा। जीजा जी के पास समय नहीं रहता था इसलिए वह मुझसे मिल नहीं पाते थे लेकिन काफी समय हो गया था तो मैंने भी सोचा कि उनसे मैं मुलाकात कर लेता हूँ। मैंने उस दिन जीजा जी से कहा कि मैं जल्द ही आपसे मिलने आऊंगा और जीजा जी कुछ ही दिनों के बाद ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। जब जीजा जी ऑस्ट्रेलिया गए तो उस वक्त मैं उनको छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक भी गया था और वहीं पर हम लोगों की मुलाकात हो पाई थी।

मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था जब मेरी मुलाकात जीजा जी से उस दिन हुई। जीजा जी कंपनी के साथ एक लंबे कांटेक्ट के लिए अब ऑस्ट्रेलिया चले गए थे और वहां से वह करीब दो वर्ष बाद लौटने वाले थे। दीदी बड़ी ही खुश थी जिस तरीके से जीजा जी की जॉब एक विदेशी कंपनी में लगी थी और अब उनके जीवन में सब कुछ बड़े ही अच्छे तरीके से चल रहा था। दीदी हम लोगों से मिलने के लिए अक्सर घर पर आ जाया करती थी और जब भी दीदी हम लोगों से मिलने के लिए आती तो हम लोगों को बड़ा ही अच्छा लगता। मेरी पत्नी सुधा और सुनीता दीदी के बीच बहुत ही अच्छी बातचीत है उन लोगों की काफी अच्छी बनती है जिस वजह से मुझे भी बड़ा अच्छा लगता है। जब भी दीदी हमसे मिलने के लिए घर पर आया करती हैं और जब भी वह घर पर रूकती हैं तो सब लोग बड़े ही खुश रहते हैं। मैं सुधा को बहुत प्यार करता हूं। एक दिन हम दोनो मूवी देखकर घर लौटे तो उस दिन मैंने सुधा के कंधे पर हाथ रखा और सुधा को अपनी बाहों में ले लिया।

मैंने सुधा को अपनी बाहों में ले लिया था सुधा के स्तन मेरी छाती से टकराने लगे थे। मेरे हाथ सुधा की गांड की तरफ बढ़ने लगे थे और मैंने उसकी गांड को दबाया तो सुधा को अच्छा लगने लगा था। मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया था। मुझे सुधा के होठों को चूमकर मजा आ रहा था और उसे भी मजा आने लगा था। हम दोनो को बहुत मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। हम दोनों बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी। मैंने अपने कपडे खोलकर अपने लंड को बाहर निकाला। मेरा लंड देखकर सुधा ने अपने हाथों में ले लिया था और वह उसे हिलाने लगी थी। सुधा ने मेरे लंड को अच्छी तरीके से सहलाना शुरू कर दिया था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

जब मैं और सुधा एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। सुधा ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया वह उसे बड़े अच्छे तरीके से चूसने लगी थी। वह जिस तरीके से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी उससे मेरी गर्मी पूरी तरीके से बढ़ती जा रही थी और सुधा की गर्मी भी अब काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी। वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी मैंने सुधा के बदन से कपड़े उतार दिए थे और मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू किया। मैं उसके स्तनों को जिस तरीके से चूस रहा था उस से मेरी इच्छा पूरी हो रही थी मैं सुधा के बडे स्तनो को चूस रहा था। मैं सुधा के स्तनों को जिस तरीके से चूस रहा था वह बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी। उसके बडे सुडौल स्तन चूसकर मुझे मजा आ रहा था। सुधा मुझे कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है। मैंने सुधा की गर्मी को बढ़ा दिया था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी मैं भी अपने आपको रोक पा रहा था।

मैंने सुधा की योनि को चाटा सुधा को मजा आ गया था। सुधा की चूत से निकलता हुआ पानी देखकर मैं बहुत ज्यादा गर्म हो चुका था। मैं सुधा की चूत की पर अपने लंड को लगाया कुछ देर तक सुधा की चूत पर लंड रगडने के बाद उसकी चूत मे मेरा लंड जाने को तैयार हो चुका था। मैने धीरे-धीरे अपने मोटे लंड को सुधा की योनि में प्रवेश करवा दिया। सुधा की चूत में मेरा लंड प्रवेश हो चुका था जब मेरा मोटा लझड सुधा की योनि के अंदर गया तो वह जोर से चिल्लाई और बोली मेरी चूत से मे दर्द होने लगा है। मैंने सुधा के दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया था जब मैंने सुधा की चूत की तरफ देखा तो सुधा की चूत से पानी निकल रहा था।

सुधा मादक आवाज में सिसकारियां ले रही थी मुझे मजा आ रहा था। उसे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। मैं और मनीषा एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को इतना बढा चुके थे अब उसे रोक पाना बहुत ही मुश्किल था। मैंने सुधा के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था। मैं सुधा की चूत के अंदर बाहर लंड को किए जा रहा था। वह बहुत जोर से सिसकारियां ले रही थी उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकल रहा था। मैं समझ चुका था सुधा अब झडने वाली है सुधा ने अपने पैरो के बीच मे मुझे जकड लिया था मैंने उसकी चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया था।
 
Back
Top