सुप्रिया के साथ मेरा रिलेशन

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Antarvasna, hindi sex stories: मैंने घड़ी में देखा तो उस वक्त सुबह के 9:00 बज रहे थे मैं घर पर अकेला बोर हो रहा था तो सोचा कि क्यों ना आज कहीं घूमने के लिए जाऊं और मैं उस दिन अकेला ही घूमने के लिए निकल पड़ा। हालांकि यह थोड़ा अजीब जरूर था लेकिन उस दिन मैं जब अकेले शॉपिंग के लिए निकला तो मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं उस दिन ललिता से मिल पाऊंगा। ललिता से मेरी मुलाकात मॉल में ही हुई और ललिता और मैं जब एक दूसरे से मिले तो हम दोनों को काफी अच्छा लगा। ललिता मेरे साथ स्कूल में पढ़ा करती थी और उससे मेरी काफी अच्छी बातचीत है और ललिता से मिलकर मुझे काफी खुशी भी हुई। ललिता ने मुझे बताया कि उसकी शादी हो चुकी है और वह अपने पति के साथ ही रहती है। मैंने ललिता से कहा चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम से मेरी मुलाकात हो गई लंबे समय के बाद ही सही लेकिन तुम से मेरी मुलाकात तो हुई। मैं बहुत खुश था ललिता भी काफी खुश थी जिस तरीके से हम लोग एक दूसरे को मिले थे।

मैंने ललिता का नंबर लिया और उससे कहा कि मैं तुमसे कभी और मिलूंगा तो ललिता ने कहा कि ठीक है जब तुम्हें समय हो तो तुम मुझे फोन करना। ललिता वहां से जा चुकी थी और मैं वापस घर लौट चुका था। मैं जब लौटा तो उस दिन मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम मुझे अपनी मौसी के घर छोड़ दो। मेरी मौसी जो कि हमारे पड़ोस में ही रहती है और मैंने मां को मौसी के घर छोड़ दिया। मां की तबीयत ठीक नहीं थी तो मुझे मां को मौसी के घर छोड़ना पड़ा। मैं वहां से घर वापस लौट आ गया था। मैं जब वापस लौटा तो पापा ने मुझसे पूछा कि क्या तुम अपनी मम्मी के साथ मौसी के घर गए थे तो मैंने पापा से कहा कि हां पापा मैं मम्मी के साथ ही मौसी के घर गया हुआ था।

पापा और मैं बैठकर बातें कर रहे थे तभी थोड़ी देर बाद मम्मी भी घर वापस आ गई। उसके बाद घर में काम करने वाली नौकरानी ने भी खाना बना दिया था जिसके बाद हम लोगों ने डिनर किया और मैं अपने रूम में चला गया। जब मैं अपने रूम में गया तो मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं छत में चला गया और जब मैं छत में गया तो थोड़ी देर वहां टहलने के बाद मैं वापस लौट आया। जब मैं वापस लौटा तो मैं सोने की तैयारी में था और थोड़ी देर में ही मुझे नींद आ गई। अगले दिन मैं जब अपने ऑफिस के लिए निकला तो उस दिन मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी लेकिन फिर भी मैं ऑफिस चला गया। जब मैं वहां से वापस लौट रहा था तो मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था इसलिए मैं डॉक्टर के पास चला गया। जब मैं डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने मुझे कहा कि मैं आपको कुछ दवाइयां दे देता हूं।

मुझे हल्का बुखार था और मैं अब घर आ गया था। मैंने रात को दवाई ली तो उसके बाद मैं थोड़ा आराम महसूस कर रहा था। मुझे एक दिन ध्यान आया कि मुझे ललिता को फोन करना चाहिए और मैंने उसे फोन किया तो उसने मुझे कहा कि तूमने मुझे काफी समय से फोन भी नहीं किया। मैंने ललिता से कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं ललिता ने कहा की ठीक है हम लोग मुलाकात करते हैं। हम लोगों ने मुलाकात करने का फैसला कर लिया था। मैं ललिता को मिला तो मुझे उस दिन ललिता से मिलकर अच्छा लगा ललिता और मेरी कुछ पुरानी यादें ताजा हो गई। हम दोनों एक दूसरे को मिले तो हमें काफी अच्छा लगा। हम दोनों एक दूसरे को अक्सर मिलने लगे थे जब भी हम दोनों एक दूसरे से मुलाकात करते तो हमें काफी अच्छा लगता। एक दिन मैं और ललिता साथ में थे जब ललिता और मैं साथ में थे तो मैंने ललिता से कहा कि क्यों ना हम दोनों आज अपने पुराने दोस्तों को मिले।

हम दोनों ने फैसला किया कि आज हम लोग अपने पुराने दोस्तों को मिलेंगे और मैंने उस दिन अपने कुछ पुराने दोस्तों को फोन किया और हम लोगों ने मिलने का फैसला किया। जब हम लोग मिले तो हम लोगों को काफी अच्छा लगा। ललिता का शादीशुदा जीवन काफी अच्छे से चल रहा है और उस से मेरी मुलाकात तो होती ही रहती है। हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है। मुझे अपने ऑफिस के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु जाना था और मैं कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु चला गया। जब मैं बेंगलुरु गया तो वहां से मैं जब वापस लौट रहा था तो उस दिन फ्लाइट में मेरे बगल में एक लड़की बैठी हुई थी। हालांकि हम दोनों की ज्यादा बात तो नहीं हुई लेकिन मुझे उसका नाम पता चल चुका था उसका नाम सुप्रिया है।

सुप्रिया से मिलकर मुझे अच्छा लगा और काफी समय हो जाने के बाद मैं उसके बारे में भूल भी चुका था लेकिन एक दिन हम लोगों की मुलाकात हुई। जब सुप्रिया से मैं मिला तो मुझे अच्छा लगा अब सुप्रिया से मेरा मिलना होता ही रहता था और हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता। शायद यह भी एक इत्तेफाक ही था कि हम लोग पहली बार फ्लाइट में मिले और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ गए हम दोनों ने कभी सोचा भी नहीं था। अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और मैं सुप्रिया के साथ रिलेशन में था। जब यह बात मैंने ललिता को बताई तो ललिता ने मुझे कहा कि मैं सुप्रिया से मिलना चाहती हूं। ललिता ने सुप्रिया से मिलने की बात कही तो मैंने ललिता को कहा कि ठीक है मैं तुम्हें सुप्रिया से मिलवाता हूँ। मैंने जब ललिता को सुप्रिया से पहली बार मिलवाया तो मुझे पता चला कि ललिता सुप्रिया को पहले से ही जानती थी।

ललिता के ही पड़ोस में सुप्रिया रहा करती है और मेरे और सुप्रिया का रिलेशन बहुत अच्छा चल रहा हैम हम दोनों का रिलेशन एक दूसरे के साथ बहुत ही अच्छे से चल रहा है और हम दोनों काफी खुश हैं। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं उससे मुझे और सुप्रिया को बहुत ही अच्छा लगता। सुप्रिया और मेरा रिलेशन तो चल ही रहा है और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुश हैं। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते तो हमें बहुत ही अच्छा लगता है और मैं ज्यादा से ज्यादा समय सुप्रिया के साथ बिताने की कोशिश किया करता हूं। उसे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी वह मेरे साथ होती है। हम दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करने लगे हैं और जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं उससे अब मुझे ऐसा लगता कि मेरा सुप्रिया के बिना रह पाना मुश्किल है।

मैं एक पल भी सुप्रिया के बिना रह नहीं पाता हूं और जब भी सुप्रिया और मैं एक दूसरे के साथ होते हैं तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता है और सुप्रिया को भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। एक दिन मैं और सुप्रिया साथ में बैठे हुए थे उस दिन जब मैं और सुप्रिया एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो कहीं ना कहीं मेरे दिल में सुप्रिया के साथ अकेले में समय बिताने का खयाल पैदा होने लगा था। मैंने सोचा क्यों ना मैं सुप्रिया के साथ अकेले में समय बिताऊ। मैंने उस दिन जब सुप्रिया से इस बारे में कहा तो सुप्रिया ने भी मेरी बात को नहीं टाला और वह मेरे साथ अकेले में समय बिताने के लिए तैयार हो चुकी थी। सुप्रिया उस दिन मेरे साथ रूकने वाली थी। हम दोनों इस बात के लिए बड़े ही खुश थे। जब सुप्रिया और मैं उस दिन होटल में थे तो हम दोनों एक दूसरे के बगल में बैठे हुए एक दूसरे से बातें कर रहे थे लेकिन मैंने उसकी जांघ को सहला कर उसकी गर्मी को बढ़ाना शुरू किया तो वह खुश हो गई। वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे।

सुप्रिया ने भी तुरंत मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और वह मेरे लंड को हिलाने लगी। वह जिस तरीके से मेरे लंड को हिला रही थी उससे मैं पूरी तरीके से गर्म होता जा रहा था और वह भी बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। जब सुप्रिया ने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो वह तड़पने लगी। उसने अपने सारे कपड़े उतार कर मुझे कहा तुम मेरी चूत जल्दी से मारो। मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरु किया और उसके स्तनों को चूस कर मैं उसकी गर्मी को बढाए जा रहा था।

जब मैं ऐसा कर रहा था तो वह काफी ज्यादा खुश थी। मैंने सुप्रिया के स्तनों को बहुत देर तक चूसा। जब मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो उसकी चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। उसकी योनि से काफी ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था। मैंने जैसे ही सुप्रिया की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी मेरी योनि में दर्द हो रहा है। अब हम दोनों को बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे।

मैंने सुप्रिया की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था। वह बहुत जोर से सिसकारियां लेकर मेरी गर्मी को बढ़ाती जा रही थी। वह मुझे कहती मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अब हम दोनों इतने ज्यादा गरम हो चुके थे कि हम दोनों एक दूसरे का साथ बिल्कुल भी नहीं दे पा रहे थे। मैंने सुप्रिया से कहा मैं तुम्हारी चूत में अपने वीर्य को गिराने वाला हूं। वह अपने पैरों के बीच में मुझे जकडने लगी हालांकि सुप्रिया भी झड़ चुकी थी लेकिन जैसे ही मैंने सुप्रिया की योनि में अपने वीर्य की पिचकारी को मारा तो वह खुश हो गई और मुझे बोली मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाए उस से हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा था और हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे।
 
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