हगती हुई लड़की को उठा लिया

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हाई दोस्तों,

गर्मियों की छुट्टी पे घर गया हुआ था और वहा हर शाम खेत के पास अपने दोस्तों के साथ समय बिताता था | एक दिन ऐसे हुआ की मैं वहा पहुच गया पर कोई दोस्त नही आया | एक घंटा रुकने के बाद मैं जब वापस जाने लगा तो देखा की कोई खेत के बगल में बैठ के हग रहा हे या फिर कुछ तो कर रहा हे | मई उसके पीछे की तरफ से जाके देखा तो वो लड़का नही कोई लड़की थी जिसकी उम्र करीब २० की थी | मैं धीरे धीरे उसके पीछे गया और उसके पाँच मीटर की दुरी पे ही खड़ा रहा | वो हगने के बाद धो के जेसे ही उठी और पलती मुझे देख के चोक गयी और फिर मैं हसने लगा तो वो शर्मा गयी |

मेने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा की कोई बात नही सब करते हे और थोड़ी बातें की और हम थोड़े दूर जाके बैठ के बात करने लगे | उसने अपने बारे में बहुत कुछ बताया और मेने भी | धीरे धीरे मैं उसके करीब बैठने लग गया और और फिर मैं वही घास पे लेटने लगा तो वो बोली गोद पे सर रख लो | मैं उसके गोद पे सर रख लिया और फिर बातें करने लगा | मेने उसका हाथ लेके अपने छाती पे रख दिया और वो हाथ फेरने लगी, मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा था की ये सब एक दिन में हो रहा हे |

उसके बाद मैं उसके पेट को चूमने लगा तो वो कुछ नही बोल रही थी उसके बाद मैं उठा और उसे अपने गोदी पे सुला लिया | वो मेरे गोद पे सर रख के लेट गयी और मैं उसके हाथ पे हाथ फेरते हुए उपर की तरफ बदते बदते उसके चुचो पे हाथ फेरने लग गया और फिर, उसने मेरे हाथो को पकड़ लिया और रोके लगी पर में रुक नही रहा था और फिर उसके मम्मे दबाने लग गया | वो फिर थोडा विरोध की पर फिर वो कुछ नही बोली और में कस कस के दबाने लग गया और वो मजा लेने लग गयी |

मेने दो मिनट सूट के उपर से चुचे दबाए और फिर उसके बाद उसके सूट के अंदर हाथ डाल के दबाने लग गया | मैं उसके सूट को उपर उठा दिया और उसके निप्पल को कस कस के चूसने लग तो वो और सिसकिय भरते भरते गरम ह गयी | मेने फिर उसके पुरे जिस्म को चूसना शुरू किया और उसकी पजामे का नाडा खोल दिया और उसे नंगा कर दिया | उसने अंदर कुछ नही पहना था और उसकी चुत पे काफी बाल थे तो मेरा चाटने का मन नही हुआ |

मेने उसकी टांगो को उठाया और उसकी चुत पे लंड रगड़ने लग गया | उसकी चुत से लगातर पानी निकल रहा था और मुझे रगड़ने में आसानी हो रही थी | मेने फिर उसकी छे द्पे लंड टिका दिया और कस के शोट मारा तो अंदर चला गया पर साली बहुत जोर से चीखी, पर में लगातार पेलता गया, उसकी चुत से कुन भी निकला जो मुझे हल्का फुल्का उस रात में दिख रहा था | मैं लगतार उसे पेलता रहा और उसका दर्द कुछ पल बाद उसे मजा दने लग गया | करीब बीस मिनट के बाद वो आई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उई उ उ उ उ उ उ करते करते झड गयी और मैं उसके एक मिनट बाद उसी के चुत में झड गया | वो बहुत खुश थी उस रात और उसने मुझे आगले दिन भी बुलवाया और इस तरह हार रात में उसे पेलता रहा जब तक में वापस नही आया |
 
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