हैलो प्रिय पाठको, मेरा नाम नीलेश है। मैं लगभग 7 साल से अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ.. पर आज मैं अपनी कहानी लिख रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सबको पसंद आएगी। यह कहानी मेरी और मेरी भाभीजी की है।
मेरे भैया का बहुत बड़ा बिजनेस है और इसी के काम की वजह से वो अक्सर बाहर रहते थे। उनके जाने के बाद भाभीजी अकेली हो जाती थीं।
पहले मैंने भाभी को कभी सेक्सी नजर से नहीं देखा था। लेकिन एक बार मैंने कपड़े बदलते हुए देखा था.. तब उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैन्टी पहनी थी, उनको शायद नहीं पता था कि मैं उन्हें देख रहा हूँ।
पर उस दिन से वो रोज मेरे ख्वाबों में आती थीं।
वो रोज सुबह मुझे उठाने आती थीं।
एक दिन वो मुझे उठाने आईं.. पर उस दिन मैंने चादर ओढ़ रखी थी और चादर के अन्दर मैं पूरा नंगा था।
भाभी ने चादर के अन्दर से ही मेरी तनी हुई मशीन को देख लिया था। उन्होंने मुझे आवाज़ देकर उठाया और चली गईं।
ऐसा 3 दिन चला..
पर एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा- देवर जी रोज आपके सपने में कौन आता है?
मैंने पूछा- क्यों.. आज ऐसा क्यों पूछ रही हो भाभी?
‘आपका ‘वो’ इन दिनों तना हुआ होता है..’
भाभी के ये शब्द सुनकर मैं तो हक्का-बक्का रह गया, मैंने भी उसी वक्त हँस कर कहा- भाभी आपके जैसे कोई मिलती ही नहीं.. आपके जैसी कोई सुन्दर अप्सरा मिले तो कुछ बात बने।
भाभीजी ने कहा- आज तो मेरे देवरजी बहुत फ़्लर्ट के मूड में हैं, मुझ पर भी लाइन मार रहे हैं।
यह कहकर वो आँख मारते हुए अपने कमरे में चली गईं और कपड़े बदलने लगीं।
अचानक हवा के एक झोंके से उनके कमरे का दरवाजा खुल गया और मैं वो सीन देखता ही रह गया। भाभीजी मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में खड़ी थीं, वो कपड़े बदल रही थीं।
थोड़ी देर के बाद उनकी नजर मुझ पर पड़ी.. तब उन्हें पता चला कि वो मेरे सामने नंगी खड़ी हैं। उन्होंने दरवाजा बन्द किया और कपड़े पहन कर आईं।
पहले तो वे मुझसे शरमा गईं, मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा- भाभी आप बहुत खूबसूरत हो।
वो शरमा कर चली गईं।
दूसरे दिन मेरा जन्मदिन था, सुबह वो मुझे जगाने आईं और मुझे बर्थडे विश किया।
तभी मैंने भाभी से कहा- मेरा गिफ्ट?
भाभी ने कहा- क्या चाहिए मेरे देवरजी को?
मैंने कहा- जो मांगू.. वो दोगी?
उन्होंने कहा- आप बताओ तो सही..
मैंने कहा- मुझे आपको बिना कपड़ों के देखना है।
भाभी जी ने कहा- आज आपका जन्मदिन है.. तो मुझे आपको मना तो नहीं करना चाहिए.. पर सिर्फ देखोगे ही न.. आगे कुछ करोगे तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं भाभी.. बस एक बार आपको जी भर के देख लूँ।
उन्होंने कहा- अगर आपको अभी आपका गिफ्ट मिल जाए तो?
मैंने कहा- भाभी यदि ऐसा अभी होता है तो आज के दिन में आपका गुलाम बन जाऊँ।
‘मेरे प्यारे देवरजी को मेरे गुलाम बनने की कोई जरूरत नहीं है.. अच्छा चलो अब मैं नहाने जा रही हूँ.. और नहा कर सीधा यहीं आऊँगी.. जैसे आपको देखना है.. वैसी हालत में..’
मैंने कहा- थैंक यू भाभी..
वो मुस्कुराईं और चली गईं।
थोड़ी देर बाद बाथरूम का दरवाजा खुला और मेरे सामने भाभी नंगी खड़ी थीं, वो धीरे-धीरे मेरे कमरे की ओर आ रही थीं।
वो मेरे एकदम करीब आईं.. बोलीं- देवर जी कहाँ खो गए? अब कहो आपका गिफ्ट मिल गया ना?
मेरे भैया का बहुत बड़ा बिजनेस है और इसी के काम की वजह से वो अक्सर बाहर रहते थे। उनके जाने के बाद भाभीजी अकेली हो जाती थीं।
पहले मैंने भाभी को कभी सेक्सी नजर से नहीं देखा था। लेकिन एक बार मैंने कपड़े बदलते हुए देखा था.. तब उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैन्टी पहनी थी, उनको शायद नहीं पता था कि मैं उन्हें देख रहा हूँ।
पर उस दिन से वो रोज मेरे ख्वाबों में आती थीं।
वो रोज सुबह मुझे उठाने आती थीं।
एक दिन वो मुझे उठाने आईं.. पर उस दिन मैंने चादर ओढ़ रखी थी और चादर के अन्दर मैं पूरा नंगा था।
भाभी ने चादर के अन्दर से ही मेरी तनी हुई मशीन को देख लिया था। उन्होंने मुझे आवाज़ देकर उठाया और चली गईं।
ऐसा 3 दिन चला..
पर एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा- देवर जी रोज आपके सपने में कौन आता है?
मैंने पूछा- क्यों.. आज ऐसा क्यों पूछ रही हो भाभी?
‘आपका ‘वो’ इन दिनों तना हुआ होता है..’
भाभी के ये शब्द सुनकर मैं तो हक्का-बक्का रह गया, मैंने भी उसी वक्त हँस कर कहा- भाभी आपके जैसे कोई मिलती ही नहीं.. आपके जैसी कोई सुन्दर अप्सरा मिले तो कुछ बात बने।
भाभीजी ने कहा- आज तो मेरे देवरजी बहुत फ़्लर्ट के मूड में हैं, मुझ पर भी लाइन मार रहे हैं।
यह कहकर वो आँख मारते हुए अपने कमरे में चली गईं और कपड़े बदलने लगीं।
अचानक हवा के एक झोंके से उनके कमरे का दरवाजा खुल गया और मैं वो सीन देखता ही रह गया। भाभीजी मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में खड़ी थीं, वो कपड़े बदल रही थीं।
थोड़ी देर के बाद उनकी नजर मुझ पर पड़ी.. तब उन्हें पता चला कि वो मेरे सामने नंगी खड़ी हैं। उन्होंने दरवाजा बन्द किया और कपड़े पहन कर आईं।
पहले तो वे मुझसे शरमा गईं, मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा- भाभी आप बहुत खूबसूरत हो।
वो शरमा कर चली गईं।
दूसरे दिन मेरा जन्मदिन था, सुबह वो मुझे जगाने आईं और मुझे बर्थडे विश किया।
तभी मैंने भाभी से कहा- मेरा गिफ्ट?
भाभी ने कहा- क्या चाहिए मेरे देवरजी को?
मैंने कहा- जो मांगू.. वो दोगी?
उन्होंने कहा- आप बताओ तो सही..
मैंने कहा- मुझे आपको बिना कपड़ों के देखना है।
भाभी जी ने कहा- आज आपका जन्मदिन है.. तो मुझे आपको मना तो नहीं करना चाहिए.. पर सिर्फ देखोगे ही न.. आगे कुछ करोगे तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं भाभी.. बस एक बार आपको जी भर के देख लूँ।
उन्होंने कहा- अगर आपको अभी आपका गिफ्ट मिल जाए तो?
मैंने कहा- भाभी यदि ऐसा अभी होता है तो आज के दिन में आपका गुलाम बन जाऊँ।
‘मेरे प्यारे देवरजी को मेरे गुलाम बनने की कोई जरूरत नहीं है.. अच्छा चलो अब मैं नहाने जा रही हूँ.. और नहा कर सीधा यहीं आऊँगी.. जैसे आपको देखना है.. वैसी हालत में..’
मैंने कहा- थैंक यू भाभी..
वो मुस्कुराईं और चली गईं।
थोड़ी देर बाद बाथरूम का दरवाजा खुला और मेरे सामने भाभी नंगी खड़ी थीं, वो धीरे-धीरे मेरे कमरे की ओर आ रही थीं।
वो मेरे एकदम करीब आईं.. बोलीं- देवर जी कहाँ खो गए? अब कहो आपका गिफ्ट मिल गया ना?