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XXX Kahani - प्यार या धोखा

अध्याय 11

सर की बात सुनकर मैंने एक चीज का फैसला किया,की मैं पता करूंगी क्या वो सही कह रहे है,क्या सच में ये महज एक आकर्षण ही है ,या मैं उनसे प्यार करने लगी हु..

मैं लाइब्रेरी से बाहर आकर कैंटीन की तरफ बड़ी एक ग्राउंड में लड़के क्रिकेट खेल रहे थे और साथ ही लडकिया उन्हें चेयर कर रही थी ,वही मैंने रोहन को देखा,वो अपने लफंगे दोस्तो के सब हाथ में बियर की बोतल लिए हुए बाइक में बैठा हुआ था,और उसके चमचे आस पास खड़े थे,सभी मैच देखकर गली गलौच कर रहे थे,उसे देख कर फिर से मेरे होठो में मुस्कान आई,शायद सर ने सच ही कहा था,लाइब्रेरी मेरे काम की जगह कभी नही थी.

मैने पीछे से रोहन के कंधे पर हाथ मारा..

"कौन है बे.."

वो पलटा और मुझे देख कर हड़बड़ा गया,वो बाइक से उठकर खड़ा हो गया ,और उसकी इस हड़बड़ी को देखकर मुझे हँसी आ गई ..वो बस आंखे फाडे मुझे देख रहा था,मैंने उसके हाथ से वो बियर की बोतल छीन ली और अपने होठो से लगा लिया,वाह ठंडी ठंडी बियर ,कितने दिनों के बाद पी रही थी .

"सपना कहा है ??"

मैंने दो घुट पीने के बाद बोला

"क्या पता कैंटीन में होगी शायद "

"हम्म चल तुमसे बात करनी है "

वो थोड़ा डरा हुआ लगा..मुझे हंसी आ गई

"तुझे खा नही जाऊंगी ,कुछ जरूरी बात है इन लफंगों के सामने नही कर सकती "

मैंने उसके दोस्तो को देखा ,वो सभी मुझे अजीब निगाहों से देखने लगे,लेकिन उन्हें भी हमारी दोस्ती का पता था,इसलिए उनमें से कई मेरी बात सुनकर मुस्कुराने लगे ..

"भाई जंहा भी जाओ बियर छोड़कर जाना"

उनमें से एक ने मुस्कुराते हुए कहा ,मैंने देखा नीचे बियर की पूरी पेटी पड़ी थी,मैंने वंहा से दो बियर उठा लिए

"लो सालों पियो फोकट की बियर "

मैंने उसके दोस्तो को लताड़ा वो भी हंस पड़े ,और रोहन के साथ मैं बाइक में बैठकर एक गार्डन में आ गई ,हम दोनों के हाथो में बियर थी,और हम एक पेड़ के नीचे सुकून से बैठे हुए थे.

"इन सब लफंगों के साथ घूमता है इसलिए तेरे दिमाग में भूसा भर रहा है.."

मेरी बात सुनकर रोहन पहली बार थोड़ा हँसा ..

"वो सभी दिल के बहुत अच्छे है यार ,बस बेचारे गरीब है तो मैं उनपर थोड़ा खर्च कर देता हु,बाप ने इतना पैसा कमा के दिया है तो इनका भी थोड़ा भला हो जाए "

"हम्म्म्म जानती हु ...रोहन हमारे बीच जो भी हुआ उससे सबसे ज्यादा इफेक्ट हमारी दोस्ती को ही पड़ा.."

इस बार रोहन का चहरा उतरा हुआ था

"मैंने तुझे प्रपोज करने में शायद बहुत जल्दी कर दी ,मुझे समझ लेना था की ये प्यार था या महज आकर्षण .."

रोहन गंभीर था और उसने जो कहा था वो मुझे सर के बात की याद दिला रहा था,शायद मैंने भी सर को प्रपोज करने में जल्दबाजी कर दी ,रोहन के मुह से इतने मैच्योरिटी भरी बात सुनकर मुझे अच्छा लगा.

"यार रोहन सॉरी मुझे तुम्हे ऐसे जलील नही करना था.."

मैंने रोहन की ओर देखा वो भी मुझे ही देख रहा था,उसकी आंखों में मेरे लिए वही प्यार दिखा जो मैं बचपन से देखते आ रही थी,

"तूने मुझे जलील किया ,गालियां दी ,मुझे थोड़ा भी दुख नही लगा,लेकिन इन सबमे हमारी दोस्ती टूट गई ,और मेरे तो हमेशा से दो ही दोस्त रहे है, "

रोहन ने सर नीचे कर लिया उसके आंखों में आंसू थे ,मैंने खुद को उसके पास खिसकाया और उसके चहरे को अपने सीने से लगा लिया,मैं उसके बालो को सहलाने लगी वो अब भी सिसक रहा था,सच में हम तीनो बचपन से साथ थे कितने बार लड़ाई किये लेकिन फिर भी बिना बोले इतने दिनों तक कभी नही रहे ..

"तू क्या दूर हुई सपना भी मुझसे दूर हो गई ,ऐसे नही रहा जाता यार ,तू मुझे जलील कर या मार पीट कुछ भी कर लेकिन कम से कम बात तो किया कर ,गाली दे दिया कर लेकिन बात तो कर .तू तो मुझसे कट ही गई,तुझे सपना से बात नही करनी है मत कर लेकिन मुझसे तो कर ."

अब रोहन सच में रोने लगा था,और अचानक ही लगा जैसे मेरा पुराना रोहन मुझे वापस मिल गया हो,मुझे उसपर बेहद ही प्यार आया और मैंने उसके सर को जोर से चूमा ,वो मुझे और भी जोर से जकड़ लिया ..

बहुत ही देर तक हम ऐसे ही बैठे रहे ...अब रोहन भी नार्मल हो गया था लेकिन अब भी मुझसे लिपटा हुआ था..

"रोहन तुझे एक बात बतानी है .."
"ह्म्म्म बोल ना "

"वो सर याद है गौरव सर .."

"हा उन्हें कैसे भूल सकता हु "

"आई थिंक आई लव हिम यार "

रोहन अचानक से मुझसे अलग हुआ और मेरे चहरे को देखने लगा ,उसके चहरे में आश्चर्य के भाव खेल रहे थे ,वो आंखे फाडे मुझे देख रहा था और मैं मंद मंद मुस्कुरा रही थी,असल में थोड़ा शर्मा रही थी ..

"तू पागल हो गई है क्या ...वो ..वो कम से कम तुझसे 10 साल बड़ा होगा "

"तो क्या हुआ .."

"तू सच में पागल हो गई है ,उसका घर तो देखी है ना ,जितना बड़ा उसका घर है उतना बड़ा तो तेरा बेडरुम है,और तूने उसका चहरा देखा है .खुद को देख और उसे देख यार कहा से मेच खाता है .."

वो अब भी आश्चर्य में डूबा हुआ था

"यार प्यार ये सब नही देखता "

"तेरा दिमाग सठिया गया है ,लगता है हमारे ब्रेकअप के कारण तू सदमे में चली गई है ,तेरे दिमाग में भी असर हुआ है,तू आज रात चल मेरे साथ पार्टी करते है शायद दारू पी के तेरा दिमाग ठीक हो जाए ,या फिर किसी साइकोलोजिस्ट के पास ले जाना पड़ेगा "

वो झल्ला कर बोल रहा था और उसकी बात सुनकर मैं हँस रही थी..

"मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है समझ गया "मैंने उसके बालो में हाथ फेरा

"तो ऐसे बहकी बहकी बात क्यो कर रही है,सपना सुनेगी तो हँस हँस कर पागल हो जाएगी "

"उसके हंसने से क्या फर्क पड़ता है,मेरा फैसला नही बदलेगा "

रोहन अब सिरियस हो गया था

"देख रोहन मैंने उन्हें प्रपोज भी किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया "

अब तो रोहन का चहरा और भी देखने के लायक था ..

"उसने तुझे मना कर दिया "

"हा यार .."मेरा चहरा उतर गया लेकिन रोहन जोरो से हँसने लगा था ..मैं समझ सकती थी को क्यो हँस रहा था ,वो पेट पकड़े हँस रहा था,मैं गुस्से में उसे मार रही थी लेकिन वो साला चुप ही नही हो रहा था..

"अगर तुझे इतनी हंसी आ रही है तो मैं जा रही हु .."

"अरे रुक तो .."उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे जाने से रोक लिया

"चल ठीक है बता उसने क्या कहा और मैं तेरी क्या मदद कर सकती हु "

मैंने उसे देखा ,मैं अब खुश थी की मेरा पुराना दोस्त आखिर अब मेरे साथ है .

मैंने उसे बताना शुरू किया उस दिन से जब मैं लाइब्रेरी में उनसे मिली थी.

"ह्म्म्म सही तो कहा उसने ,तुझे भी क्या सच में पता है की प्यार है या महज एक आकर्षण .."

"यही तो पता करना है .."

"ठीक है कर लेना लेकिन आज तो पार्टी होगी ,मैं सपना को काल करके बुला लेता हु ,फिर से हम तीनो यार ,विथ झगड़ा और प्यार ,इन बियर बार .."

रोहन बेहद खुश था और मैं भी .

"लेकिन अभी सपना को इसके बारे में कुछ बताना मत "मैंने जाते जाते रोहन से कहा ,उसने भी सहमति में सर हिलाया

*********

पार्टी पूरे शबाब में चल रही थी डीजे बज रहा था ,लोग नाच रहे थे ,सभी शराब के नशे में मदहोश थे मैं और रोहन दोनों ही पूरे मस्ती में नाच रहे थे लेकिन ,सपना कुछ बुझी बुझी सी दिख रही थी ,आखिर रोहन ने उसका हाथ पकड़ कर खिंचा ..

"कम आन यार चलो ना डांस करते है "

"मूड नही है यार तुम लोग जाओ "

"क्या हुआ ??"

"बस चलो कही शांत जगह पर चलते है "

सपना की बात सुनकर रोहन मुझे देखने लगा ,मैंने ही सहमति में सर हिला दिया .

हम होटल के गार्डन में चले गए थे,सपना बुझी बुझी दिख रही थी ..

"अब तो बता तेरा मूड क्यो उतरा हुआ है ,आज इतने दिनों बाद हम तीनो मिले है और तू अब भी मुह फुलाये बैठी है "

रोहन ने सपना के गालों को खिंच लिया

"आउच "

हम दोनों हँसे..

"यार सपना जो हुआ उसको लेकर अगर दुखी है तो मुझे माफ कर दे ,और अगर तू चाहे तो अब रोहन के साथ कुछ भी कर सकती है ,हमारा ब्रेकअप हो चुका है और हम अब पहले के तरह ही फ्रेंड है .."

सपना ने मुझे देखा और एक हल्की मुस्कान दी ,

"बात वो नही है ,हमारे बीच तो ये सब चलता ही रहता है लेकिन आज कुछ अजीब हुआ मेरे साथ ...वही सोचकर उदास हु "

उसकी बात सुनकर हम दोनों ही चौके

"आखिर बात क्या है "रोहन बोल उठा

"आज किसी ने पहली बार मेरे हुस्न की ऐसी तौहीन की है,पहली बार किसी ने मेरे प्रपोसल को ठुकरा दिया "

सपना की बात सुनकर मैं और रोहन एक दूसरे के चहरे को घूरने लगे

"कौन ..??"

आखिर मैंने पूछा

"शायद तुम लोग हँसोगे,इसलिए नही बताना चाहती "
सपना ने सीधे ही कहा

"अरे बता दे दोस्त है तेरे थोड़ा हँस भी लेंगे तो क्या हो गया "

"ह्म्म्म अरे यार वही हमारे कालेज का प्रोफेसर डॉ गौरव,साला कहता है की ये प्यार नही बल्कि आकर्षण है ,माय सीट आकर्षण,बट यार सच कहु तो मुझे लगता है आई लव हिम .."

उसकी बात सुनकर जैसे मेरे दिलो दिमाग ने काम ही करना बंद कर दिया था,मैं और रोहन एक दूसरे को आंखे फाडे देख रहे थे,पता नही की भगवान ने हमारी किस्मत कैसे लिखी थी ,जंहा मैं जाती थी सपना भी वही चली आती थी,मैं अपना सर पकड़कर बैठ गई ..

"इसे क्या हुआ "सपना ने मुझे देखकर कहा

अचानक ही रोहन कुछ सोचकर हँसने लगा

"तुझे क्या हुआ तू क्यो हँस रहा है "सपना और भी आश्चर्य में पड़ गई ,रोहन कुछ बोलने के हालत में नही था वो हँसे जा रहा था,वही मैं भी कुछ बोलने के हालत में नही थी ,मैं बस सर पकड़कर बैठी थी और सपना.

सपना मानो इस पहेली को समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर हम दोनों ऐसी हरकते क्यो कर रहे है ....
 
अध्याय 12

एक साल बीत गए मैंने अपनी कोशिश की और सपना ने अपनी ,रोहन दोनों के साइड रहता इस तरह वो किसी के भी साइड नही रहता ,आखिरकार मेरी जीत हुई और सर ने मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया ,सपना इससे जल चुकी थी और एक दिन उसने वो कदम उठा लिया .

उसने गौरव सर के सामने अपने कपड़े उतार दिए ,और वो उसे छोड़ कर मेरे पास आ गए,मुझे हर हकीकत बताई ,

क्या बताऊँ की उस दिन मेरे दिल में क्या बीती थी,प्यार या आकर्षण दोनों ही अलग की बात है लेकिन इस घटना से मेरे दिमाग में गौरव सर के लिए सम्मान भर गया था,और एक डर भी,अब मैं उनसे और दूर नही रहना चाहती थी,मैं उन्हें अपना बना कर रख लेना चाहती थी,मैं उनसे शादी कर लेना चाहती थी,

लेकिन मेरे सामने सबसे बड़ी रुकावट मेरे पिता जी ही थे,वो तो नही माने यंहा तक की उन्होंने गौरव सर को जान से मारने की भी धमकी दी,लेकिन अगर लड़का लड़की राजी हो तो कोई क्या कर सकता है,हमने कोर्ट मैरिज की और साथ रहने लगे.

एक दिन पापा मेरे घर आये ,उन्हें देख कर मुझे बेहद खुसी हुई..

मैं उनके सीने से लग गई,उनके साथ रोहन भी था,

"तुम इस झोपड़े में रहती हो "

पापा की आंखे गीली थी,वो अंदर आते ही घर के चारो ओर देख रहे थे..

"पापा जैसा भी है अब यही मेरा घर है "

उन्होंने मुझे स्नेह से देखा ..

"बेटा तुम और गौरव हमारे घर में क्यो नही रह सकते ,मैं उसे अपने दामाद के रूप में स्वीकार करूंगा,तुम्हारी शादी फिर से धूमधाम से करूंगा ,सारा शहर देखेगा ,.इतनी जायजाद का क्या मतलब हुआ जब मेरी इकलौती बेटी ऐसे रह रही है .."

उनके आंखों में पानी उतर आया था..

मैं उनके बाजू में जा कर बैठ गई उनके सीने से खुद को सटा लिया ,

"पापा मैं खुश हु,बहुत खुश हु ,और मैं चाहती हु की आप भी मेरे लिए खुश रहे ,मुझे गौरव पसंद है,उनका लाइफ स्टाइल पसंद है,मुझे और कुछ नही चाहिए इतना हमारे लिए काफी है..और प्यार को दौलत से कैसे तौल सकते है,"

"बेटा लेकिन जो मेरा है वो सब भी तो तेरा ही है ना"

पापा मेरे सर पर हाथ फेर रहे थे,

"ह्म्म्म मैं मानती हु की वो सब भी मेरा ही है ,लेकिन अभी नही पापा,मैं आपको वचन देती हु की जब आपको मेरी जरूरत होगी आपकी बेटी आपके पास होगी,आपके साथ होगी ,आपकी सेवा करने में मैं कोई कमी नही रखूंगी,लेकिन अभी नही."

"बेटा लेकिन अगर तुम और गौरव ही मेरा बिजनेस सम्हाल लो तो आखिर इसमें प्रॉब्लम क्या है"

"पापा उन्हें अपने काम से प्यार है उन्हें बिजनेस की कोई समझ है ही नही ,और रही मेरी बात तो अभी तो मेरी पढ़ाई ही चल रही है ,अभी मेरा MBA कंपलीट हो जाए तो फिर मैं कही जॉब कर लुंगी .."

"तू जॉब करेगी ,मेरी बेटी जॉब करेगी "

पापा का गला रुआसु होई गया था ,मैं मुस्कुराते हुए उन्हें देखने लगी ..

"पापा आप खानदानी रहीस परिवार से हो,मिडिल क्लास के लोगो का कुछ वसुल होता है,पैसे से ज्यादा प्यार अपने आत्मसम्मान होता है,और मैं कभी भी गौरव जी के आत्मसम्मान से समझौता नही कर सकती "

"अब इसमें ये आत्मसम्मान कहा से बीच में आ गया "

पापा झुंझला गए

"कम ऑन पापा छोड़ो ना ये सब ,रुको आपके लिए चाय बना कर लाती हु "

मैं उठी और किचन से दो चाय बना कर रोहन और पापा को दिया

"हम्म यार तू चाय तो बहुत ही अच्छा बना लेती है "रोहन मुस्कुराने लगा

"खाना और भी अच्छा बना लेती हु ,आये हो तो खा कर ही जाना रुको मैं बनाना शुरु करती हु "

"नही बेटा"पापा ने मुझे रोका

"मेरे पास बैठ ,तुझे देखे इतना समय हो गया ,थोड़ा बात कर ले ,क्या मैं गौरव से बात करू ,अगर वो बोले तब तो तुमलोग हमारे घर में रह सकते हो ना "

पापा फिर से घूम फिर कर वही आ गए थे,वो मेरी बात को नही समझ सकते थे,मैंने एक गहरी सांस ली

"पापा प्लीज...आप गौरव से कोई बात नही करोगे,और मेरे पास टैलेंट है हम दोनों मिलकर इतना तो कमा लेंगे की अच्छी जिंदगी बिता सके,आपको अपनी बेटी अपने घर में आपके दौलत के साथ चाहिए या खुश चाहिए ...मैं खुश हु पापा "

"लेकिन बेटा वंहा रहेगी तो मेरे पास रहेगी "

"मैं यंहा रहूंगी तो भी आपके पास ही रहूंगी ,कम से कम आप मुझसे इतने देर बात तो करोगे,बचपन से आज तक आपको याद है की कब आप और मैं इस तरह इतने देर बैठकर बात किये हो ,खासकर माँ के गुजर जाने के बाद से ."

पापा अचानक से ही चुप हो गए थे,वो इतने बिजी होते थे की मेरे लिए उनके पास समय ही नही होता था,हम एक ही घर में रहते लेकिन कभी कभी ही मिल पाते थे ,

"पापा मैं आपकी बेटी हु और हमेशा रहूंगी ,मेरे पुरखो की जायजाद पर मेरा हक है और उसे मैं सम्हालुंगी भी लेकिन आपके बाद जब जरूरत पड़ेगी,एक घर में रहकर भी हमने कभी इत्मीनान से बात नही कर पाते थे तो क्या मतलब है हमारे साथ रहने का,मैं एक अच्छी बेटी बनूंगी पापा लेकिन अभी एक अच्छी बीवी बनने दीजिए .."

पापा की आंखे झलक रही थी ,रोहन भी मुझे बड़े ही गर्व से देख रहा था ,

"बेटा तू इतनी बड़ी कब से हो गई ..'

वो फफक पड़े साथ में मेरे होठो में भी एक मुस्कान और आंखों में थोड़ा पानी आ गया था..

***************

जीवन अच्छे से चल रहा था ,मैंने अपना MBA भी कंप्लीट कर लिया था और मुझे एक जॉब चाहिए था,मैं घर में बैठ कर तो नही रह सकती थी ,पापा ने एक ऑफर दिया लेकिन उसे लेना मैंने सही नही समझा ,आखिर में रोहन ने मुझे एक ऑफ़र दिया ,वो अब अपने पिता का बिजनेस धीरे धीरे सम्हाल रहा था उसे भी किसी भरोसेमंद सहायक की जरूरत थी,और कुछ काम में मैं पहले से ही एक्सपर्ट थी,रोहन मेरा अच्छा दोस्त भी था,अच्छी सेलरी भी दे रहा था जो मेरी काबिलियत से मेच खाती तो मैंने जॉब एक्सेप्ट करने की सोच ली ,लेकिन गौरव इससे थोड़े परेशान थे ,खैर मैंने उन्हें भी मना लिया ,सब अच्छा चल रहा था लेकिन फिर एक खबर ने मेरा दिमाग हिला दिया .

जब मालती मेडम का फोन आया ,उन्होंने मुझसे सपना को गौरव की असिस्टेंट बनाने के बारे में पूछा ,मालती मेडम गौरव के लिए माँ के समान थी ,और मुझे भी बेहद ही प्यार करती थी ,उनकी बात तो मैं टाल भी नही सकती थी,मैंने हा तो कह दिया लेकिन दिल में एक घबराहट सी भर गई थी.

सपना के साथ जो हुआ था वो बहुत ही बुरा था,और उसका कारण मैं और गौरव ही थे,जब उसने सपने कपड़े गौरव के सामने उतारे थे और गौरव भाग कर मेरे पास आ गए थे उसके बाद ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई ,सभी की नजरो में सपना गिर गई ,वो तो रोहन था जिसने उसे सहारा दिया,उसे नार्मल किया,मैंने तो गौरव से शादी कर लिया लेकिन सपना में अचानक ही बहुत बदलाव आया,वो अब ज्यादा समय पढ़ने में लगाने लगी ,

हम तीनो दोस्तो के जीवन के रास्ते इस एक घटना ने बदल दिया था,मौज मस्ती सब अचानक ही खत्म हो गई थी .

सपना ने अपने को सीमित कर लिया,वो अब दिन भर लाइब्रेरी में ही बैठी रहती,पढ़ने में ही लगी रहती,वही गौरव पूरा ध्यान अपने बिजिनेस में लगा रहा था और मैं ...मैं तो अब किसी की बीबी थी.

कही ना कही मुझे सपना के लिए एक हमदर्दी थी ,वही अब ये डर भी था की सपना फिर से गौरव को फसाने की कोशिश तो नही करेगी .

मैं इसी उधेड़बुन में अपने कॅबिन में बैठी थी तभी रोहन वंहा आया .

"लगता है तुम्हे खुशखबरी मिल ही गई "

"किस चीज की "

"यही की सपना अब गौरव के साथ काम करने वाली है "

"ह्म्म्म तुम्हे किसने बताया "

"यार तुम सपना से बात नही करती मैं तो करता हु ना "

"तुम्हे क्या लगता है ,वो फिर से कोई गड़बड़ करेगी "

"बिल्कुल करेगी उसका हक बनता है "

रोहन हँस पड़ा

"चुप कर इडियट कही के ,उसने अब कुछ मेरे पति के साथ किया ना तो ."

मैं खड़ी हुई और उसे मारने लगी ,उसने मेरा हाथ पकड़कर खिंचा और मैं उसके सीने से जा लगी,उसने मुझे जकड़ लिया था ,

"छोड़ ना "

मैं कसमसाई ,लेकिन उसने अब भी अपने बांहों को ढीला नही किया ,मैं उसके आंखों में देखने लगी ..

"पूर्वी सपना आज भी गौरव से प्यार करती है,जैसे मैं तुझसे करता हु ,उसे और मुझे हम दोनो को ही पता है की हमे कुछ भी नही मिलने वाला लेकिन ट्राई करने में क्या जाता है "

उसके होठो में एक शैतानी मुस्कान आ गई

"अच्छा तो ट्राई करने के लिए मुझे नॉकरी में रखा है "

मैंने तो मजाक में ही कहा था लेकिन वो सीरियस हो गया ,उसने तुरंत ही मुझे छोड़ दिया

"तुझे ऐसा लगता है ,तू ये सोचती है मेरे बारे में .."

वो जब गुस्सा होता था तो किसी बच्चे की तरह मुह फुला लेता था ,वो मुझसे दूर जाकर एक चेयर में बैठ गया .

मैं उसके पास गई और उसके सर को अपने कमर से लगा लिया

"बात बात में क्यो मुह फुला लेता है ,मैंने तो मजाक किया था.."

"तू मुझपर शक करती है .."

"तू काम ही ऐसा करता है"

"यार प्यार करता हु तो करता हु ,बात खत्म ,मैं कभी तेरे और गौरव के रिश्ते के बीच आया क्या "

"तुझे लगता है की तू आ सकता है "

रोहन अपना सर उठाकर मुझे देखने लगा

'क्या मेरी इतनी भी औकात नही है "

उसके इस प्रश्न में अजीब सा दर्द था ...मैं गौरव जी से बेहद प्यार करती थी मैं उनकी पत्नी थी लेकिन रोहन..वो आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त था,उसे दुखी देख कर मुझे भी दुख होने लगता .

"तू ऐसा क्यो सोचता है "

मैं उसके पास रखे चेयर को खिंचकर उसके सामने बैठ गई..

"तू आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त है ,और वो मेरे पति है,तुम दोनों ही मेरे लिए बहुत ही इम्पोर्टेन्ट हो ,अब ऐसे मुह फुला लेगा तो कैसे बनेगा "

मैंने हाथो से उसके गालों को दबा दिया ,रोहन एक लंबा चौड़ा मर्द ,पूरे डोले शोले वाला ,जंहा जाता छा जाता था,लडकिया उसपर और उसकी पर्सनाल्टी पर मरती थी लेकिन मेरे सामने वो एक बच्चे जैसा हो जाता था,एकदम क्यूट सा भोला भाला .

वो मुस्कुराने लगा ..

"यार लेकिन मैं क्या करू मुझे तेरी दोस्ती अपने जान से भी ज्यादा प्यारी है लेकिन ."

उसने सर झुका लिया

"कभी मैं उन दिनों को नही भूल पाता ,जब हमने किस किया था ,या उस दिन जब तूने मुझसे बदला लिया था,सचमे तेरा जिस्म आज भी कभी कभी मेरे नजरो के सामने घूमता रहता है "

मैं बिल्कुल ही शांत हो गई ,मैंने रोहन की आंखों में देखा वो शरारत से भरी थी,मैंने जोरदार एक मुक्का उसके कंधे पर मारा ..

"कमीने "

वो हँसने लगा और फिर से मुझे अपने बांहों में भर लिया

"आई लव यु माय बेबी "

"भग जा कमीने "

मेरे होठो में मुस्कान फैल गई थी,

"बेटा तू मुझे कितना भी कमीना कह ले और अपने पति का प्यार दिखा ले लेकिन तेरा पति वंहा अपने लेब में सपना के साथ ..अकेले .."

मैं उससे अलग हुई

"मुझे जला रहा है "

"जलाने वाली क्या बात है जो सच है वो सच है ,देखते है तेरे देवता जैसे पति कितने देर तक खुद को सम्हालते है .."

"मुझे उनपर पूरा भरोसा है .."

"ओह ठीक है ,और अगर वो बहक जाए तो "

"हो ही नही सकता "

"अगर हुआ तो .."

"तो तू जो बोले वो .."

रोहन के होठो में शैतानियां नाचने लगी थी

"सच में .."

"हा बिल्कुल "

रोहन कुछ देर सोचता रहा फिर बोला

"रहने दे तू बुरा मान जाएगी और मैं तेरी दोस्ती को खोना नही चाहता .."

रोहन कुछ बोलता हुआ रुक गया था ,मुझे पता था की वो मुझसे क्या कहना चाहता था ,आज भी उसके दिल में मेरे लिए फीलिंग्स थी ,

"अब बोल भी दे नही मानूँगी बुरा "

"तू गलत समझेगी "

"अच्छा तो गलत क्यो बोलेगा "

"क्योंकि मैं ये चाहता हु "

"तो बोल दे ना "

"लेकिन तू गलत समझेगी तो "

"तो मत बोल "

"लेकिन मुझे बोलना है "

मैंने उसे घुरा

"बोलना है तो बोल दिमाग ना खा ,और मेरा वादा यही की मैं बुरा नही मानूँगी ,हा अगर कुछ उल्टा सीधा बोला तो एक दो झापड़ जरूर खायेगा तू "

मैं हल्के से हंसी

"ओके...ओके..अगर तेरे पति तुझे धोखा दे तो ...तो मैं चाहता हु की तू भी उसे धोखा दे ,और मेरे साथ .."

वो चुप हो गया लेकिन उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई

साला सच में कभी कभी बच्चे जैसे मासूम हो जाता तो कभी पूरा कमीना लेकिन जैसा भी था मेरा बेस्ट फ्रेंड था ..

"हा बोल बोल .."

"तू मेरे साथ अफेयर करेगी .."

उसने जल्दी से बोल दिया ..

"जानती थी ऐसा ही कुछ बेहूदा सा बोलेगा ,"

"देख तू वादा करके मुकर रही है .."

मैं हँस पड़ी

"ठीक है लेकिन वो कभी मुझे धोखा नही देंगे,मैं उन्हें जानती हु,और अगर देंगे तो मैं तेरे साथ वो सब करूंगी जो वो सपना के साथ करेंगे ..ठीक है खुश "

"यस यस "रोहन ऐसे खुश हो रहा था जैसे कोई मैच जीत गया हो ,लेकिन मुझे गौरव पर पूरा भरोसा था ....
 
अध्याय 13

कुछ ही दिन निकले थे की रोहन ने मुझे जिम का आफर दिया,मना करने का कोई सवाल ही सामने नही था ,मैं भी जिम को मिस करती थी ,और रोहन ने मुझे कहा वंहा सपना भी होगी ,और अगर गौरव और सपना के बीच कुछ हो रहा हो तो उसे मॉनिटर करने का सबसे अच्छा तरीका यही है ,मुझे पता था की वंहा सपना भी होगी ,लेकिन जब मैं गौरव के साथ वंहा पहुची तो मैंने ऐसे दिखाया की मुझे इसकी उम्मीद नही थी ,

वंहा सपना अपने जलवे बिखेर रही थी ,मैंने देखा की मेरे पति देव भी नजर बचा कर उसे देख रहे थे,साली थी भी इतनी टाइट,अब मुझे भी अपने जलवे दिखाने थे ताकि गौरव का ध्यान मुझपर भी थोड़ा जाए .

****************

यंहा से फिर से हम स्टोरी में जाते है लेकिन पहले रोहन और सपना का viwe भी देख लेते है ताकि स्टोरी सही तरीके से समझने में आसानी हो .

तो पहले सपना का viwe.

रोहन मैं और पूर्वी दुनिया के नजरो में बचपन के दोस्त थे ,ये सच भी था लेकिन कुछ चीजे ऐसी थी जो सिर्फ हमे ही पता थी..

पूर्वी और मैं दोस्त के साथ साथ सबसे बड़े कम्पीटिटर भी थे और रोहन..

रोहन के साथ तक बचपन तक तो दोस्ती का रिश्ता ही रहा लेकिन जवान होने के साथ साथ हम दोनों फ्रेंड विथ बेनिफिट वाले रिश्ते में आ चुके थे ,समझ लीजिए की हम दोनों फक बडिस थे ,

रोहन ही वो शख्स था जिसने मुझे कली से फूल बनाया था,हम दोनों को जब भी जिस्म की आग मिटाने की जरूरत पड़ती तो एक दूसरे के काम आते,हमारी दोस्ती अपने जगह थी और जिस्म का रिश्ता अपनी जगह इसका ये मतलब बिल्कुल भी नही था की हम एक दूसरे से प्यार करते थे,हमारा प्यार दोस्तो वाला ही था लेकिन हम ऐसे दोस्त थे जो आपस में सेक्स भी किया करते है,जिस्म का रिश्ता केवल जिस्मानी ही था,और इस बात की जानकारी किसी को भी नही थी ,यंहा तक की पूर्वी को भी नही ये हम दोनों का सीक्रेट था.

मेरे कई बॉयफ्रेंड हुए और रोहन को तो सेक्स की भूख थी ही,उसने कई लड़कियों को अपने नीचे किया,और कई के लिए मैंने उसकी मदद भी की ,लेकिन वो भी एक इंसान था और उसे एक लड़की को लेकर कुछ फीलिंग्स आनी शुरू हो गई ,ये हम सभी के लिए थोड़ा खतरनाक था,क्योंकि वो लड़की मेरी सबसे बड़ी दुश्मन और दोस्त थी,पूर्वी.

पूर्वी का रोहन के जीवन में आने का मतलब था रोहन की ऐयाशियों का खत्म हो जाना ,मैंने रोहन को ये बात समझाई भी लेकिन साला प्यार तो अंधा होता है ,उस चूतिये ने आखिर पूर्वी को प्रपोज कर ही दिया .

हुआ वही जो लगा था,एक अच्छा खासा प्ले बॉय किसी लड़की के प्यार में पड़ गया,रोहन उस दिन बेहद खुश था लेकिन मुझे उसपर बहुत गुस्सा आ रहा था,वो दोनों किस कर रहे थे ..मैं वंहा से निकल गई और रोहन मेरे पीछे मुझे मनाने आया .

"यार तुम जानती हो ना की मैं उसे प्यार करता हु .."

"साले जानती हु तेरा प्यार ,दो बार चोदेगा तो तेरा प्यार उससे भी खत्म हो जाएगा ,लेकिन फिर क्या ?? फिर उसे छोड़ पायेगा जैसे बाकी लड़कियों को छोड़ देता है "

"मैं उससे सच में प्यार करता हु यार मैं उसे नही छोड़ने वाला"

"अच्छा और फिर मेरा क्या "

मैंने गुस्से से उसे देखा ,वो कमीना मुस्कुरा रहा था,उसने अपने हाथो को मेरे बूब्स पर टिका दिया और हल्के हल्के मसलने लगा

"तू तो मेरी जान है "

वो मुझे किस करने के लिए झुका ,मैंने अपना सर हटा लिया

"तेरी जान पूर्वी है मैं तो बस तेरी रांड हु,जब जी चाहे मेरे ऊपर चढ़ जाता है,मुझसे तो तू सिर्फ सेक्स करता है प्यार तो तू उससे करता है .."

रोहन अब अवाक सा मुझे देख रहा था..

"सपना इस बारे में हम बात कर चुके है ना,हमारा रिश्ता बस जिस्मानी होगा,और तू भी तो इतने लड़को के साथ ...आज तक मैंने तुझे रोका क्या "

"बाकियों की बात अलग थी रोहन ,ये पूर्वी है ..हमारी सबसे अच्छी दोस्त है ,हम इससे कैसे धोखा कर पाएंगे "

रोहन अब थोड़ा सीरियस था,ये सच था की हमारे जीवन में कई लोग आये थे लेकिन हमे किसी से भी कोई फर्क नही पड़ा था,हम मजे करते थे ,लेकिन पूर्वी चाहे मेरी दुशमन ही क्यो ना हो वो बचपन की दोस्त भी तो थी,और रोहन भी उसे उतना ही प्यार करता था जितना मुझे.

दोस्ती वाला प्यार ,प्यार वाला प्यार और जिस्म वाला प्यार ...ये तीनो तरह के प्यार ने हमे फंसा दिया था..

हम तीनो में दोस्ती वाला प्यार भरपूर था,प्यार वाला प्यार अब रोहन और पूर्वी के बीच था और जिस्म वाला प्यार मेरे और रोहन के बीच ,इसे मैनेज कर पाना थोड़ा मुश्किल होने वाला था.

"सपना मैं पूर्वी को उस नजर से नही देखता यार तुझे भी पता है ,मैं उसे दुख नही दूंगा .."

"और मुझे चोदता भी रहेगा "

मैं भभक गई थी

,रोहन ने मुझे पास ही रखे बिस्तर पर बिठाया

"तू क्या चाहती है ,अगर तू चाहे तो हम कभी सेक्स नही करेंगे,मैं पूर्वी के अलावा किसी के बारे में सोचूंगा भी नही ,"

रोहन का पूर्वी के लिए प्यार देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन अगर मैं पूर्वी को ऐसे ही रोहन के साथ जाने देती तो शायद उसे कुछ शक हो जाता..

"ठीक है लेकिन मेरी दो शर्त है .."

"क्या??"

"पहला की जब भी मुझे तेरी जरूरत पड़ेगी तू मेरे साथ सेक्स करेगा,ऐसे भी तेरे जैसा कोई कर भी तो नही पाता"

रोहन खुश हो गया था,साला कमीना

"और दूसरा "

"दूसरा की मैं ऐसे ही तुझे पूर्वी के साथ जाने नही दे सकती ,थोड़ा तमाशा तो करना ही पड़ेगा ना,बचपन का कंपीटिशन है उससे ऐसे ही जाने दी तो उसे भी शक हो जाएगा "

रोहन खुसी से मेरे ऊपर खुद गया

"आई लव यु मेरी जान ,थैक्स फ़ॉर सपोर्ट "

"कमीने हट यंहा से ,अगर कभी पूर्वी को हमारे रिलेशन के बारे में पता लग गया ना तो समझो सब खत्म हो जाएगा "

"यार आज तक लगा क्या जो अब लगेगा "

रोहन खुसी से मेरे होठो को चूमने लगा लेकिन मुझे कोई मुड़ नही था मैंने उसे धक्का दे कर हटा दिया .

"अब पूर्वी के होठो को चूमना ,जा अपनी गिरलफ्रेंड के साथ ऐश कर तब तक मैं कोई प्लान सोचती हु "

मैंने पूर्वी को चेलेंज दे दिया और साथ ही अपने पापा को भी मेरा साथ देने को कहा,मुझे पता था की इसके लिए मुझे डांटेंगे लेकिन ये भी मेरे प्लान का एक हिस्सा था,उन्होंने पूर्वी और मुझे पास बिठाकर समझाया ,

सब सही था पूर्वी और रोहन एक दूसरे के प्यार में खो रहे थे लेकिन मुझसे एक गलती हो गई .

उस पार्टी में मैंने थोड़ी ज्यादा पी ली थी ,रोहन और पूर्वी भी नशे में झूम रहे थे,मैंने ध्यान से रोहन को देखा,अभी तक जितने भी लड़को के साथ मेरे संबंध रहे है उनमें से रोहन सबसे हेंडसम था,और सबसे ताकतवर,उसके नीचे आने में जो मजा था वो मुझे कोई भी लड़का नही दे पाया था,सच में वो साला एक प्ले बॉय ही था,मेरे अंदर नशा बोलने लगा था,और जांघो को नीचे रोहन को देखकर खुजली भी बढ़ रही थी ,मैंने रोहन का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खिंच लिया ,पूर्वी नशे में झूम रही थी उसने हमारी हरकत पर ध्यान नही दिया .

"ऊपर चल ना ,खुजली हो रही है "मैंने उसके कान में कहा और उसके होठो में मुस्कान फैल गई..

हम दोनों एक कमरे में गए और पहुचते ही रोहन मेरे ऊपर टूट गया..

"इतने दिन हो गए जबसे पूर्वी को प्रपोज किया है साला किसी से सेक्स नही किया हु "

वो उत्तेजना में मेरे गले को चूम रहा था,

"आह मैं भी तुझे अपने अंदर लेने को तड़फ रही हु ,साले ,जल्दी कर"

उसने मुझे खड़े खड़े ही चूमना शुरू कर दिया था ,

"सपना मेरी जान "उसने मेरे वक्षो को अपने हाथो में भर लिया ,वो उसे मसले जा रहा था और मैं बस सिसकियां ले रही थी ..

हमारे होठ मिल गए थे,उसने मुझे दीवाल से टिका दिया था ,उसके लिंग का आभास मुझे मेरे जांघो के बीच हो रहा था,वो कभी कभी उसे रगड़ देता,आजतक जितने भी लिंग मेरे अंदर गए उनमें सबसे कड़ा और बड़ा रोहन का ही था,वो पूरी ताकत लगा देता था ,मैं बीते दिनों में मिले सुख के याद से और भी मदहोश हो रही थी ,आज भी मुझे वैसा ही सुख मिलने वाला था,इतने दिनों तक मैं भी किसी के नीचे नही आयी थी ,

रोहन ने अपना पेंट नीचे कर लिया था और कपड़ो के ऊपर से ही मेरे जांघो के बीच उसका मर्दाना लिंग रगड़ खा रहा था मैं बेताब थी ,उसे अपने अंदर लेने को बेहद ही मचली हुई थी मेरे मुह से सिसकियां फुट रही थी ,

मेरा शर्ट पूरी तरह से खुला हुआ था,मैं ऊपर से बिल्कुल ही नंगी थी ,वही नीचे मैंने स्कर्ट पहन रखा था ,लेकिन रोहन का हाथ उस स्कर्ट के अंदर था,रोहन ने मेरी पेंटी उतार कर जमीन में फेक दिया था ,रोहन ने अपना अंडरवियर भी खिसका दिया था ,मैं सिसकियां ले रही थी वही रोहन पागलों की तरह मेरे स्कर्ट में अपने हाथ को चला रहा था,तभी मुझे सामने पूर्वी दिखाई दी ,पता नही मेरे अंदर क्या हुआ की मैंने रोहन को अपने से अलग नही किया बल्कि उसे और भी जोरो से अपने छतियो से जकड़ लिया ,

मेरे होठो में एक मुस्कान तैर गई थी

"ओह रोहन मेरी जान "और मेरी मुस्कान और गहरी हो गई

"रोहन."पूर्वी की एक चीख सुनाई दी ,जैसे रोहन को होश आया हो ,वो मुड़ा और अवाक पूर्वी को देखने लगा,

पूर्वी रो रही थी बिल्कुल ही पागलों की तरह रो रही थी ,मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ की मैंने ये क्या कर दिया था लेकिन अब देर हो चुकी थी ,रोहन उसे समझने के लिए भागा लेकिन अब वो उसे समझता भी तो क्या .

पूर्वी कमरे से निकल चुकी थी..

थोड़ी ही देर बाद रोहन फिर से कमरे में आया

"ये हमने क्या कर दिया सपना ,"

वो रो रहा था,मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया,सच में ये हमारे जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित होने वाली थी.

रोहन और पूर्वी का परिवार तो दोनों की शादी तक की सोच चुका था,मुझे भी पूर्वी का दिल दुखाकर कोई खुसी नही हुई लेकिन पता नही उस समय मेरे होठो पर वो मुस्कान क्यो आयी थी,शायद ये उस बचपन की आदत के कारण आयी थी जो हमारे परिवार से हमे मिली थी,एक दूसरे को नीचा दिखाना.

मुझे रोहन के लिए दुख था लेकिन अब क्या..
 
अध्याय 14

पार्टी वाली घटना के दूसरे ही दिन वो हुआ जो मैंने जीवन में कभी नही सोचा था..

मेरे पास रोहन का काल आया और उसने मुझे पूर्वी के घर बुलाया,मैं बुरी तरह से डर गई थी की आखिर वो करना क्या चाहती थी ..जब मैं वंहा पहुची तो वंहा का दृश्य देखकर ही कांप गई..

पूर्वी बिस्तर में नंगी पड़ी थी और रोहन उसका पैर दबा रहा था,

जब उसने मुझे देखा तो रोहन की आंखों में शर्मिदगी तैर गई ..

रोहन की ये हालत मुझसे देखी नही जा रही थी,आखिर ये कैसा बदला था पूर्वी का ...वो उसे एक नॉकर की तरह ट्रीट कर रही थी..

पूर्वी ने मुझे एक सोफे में बैठने को कहा ,मेरे पास उसकी बात मानने के अलावा कोई चारा भी नही था...मैं बस अवाक थी

"रोहन बेबी,यंहा बड़ी गर्मी हो रही है थोड़ा चाट कर ठंडा कर दो ना"

पूर्वी ने अपनी उंगली से अपनी योनि की ओर इशारा किया..रोहन की आंखे फैल गई ,और उसने मुझे देखा,मैंने आंखों से ही उसे करने का इशारा किया

"अरे उधर क्या देख रहे हो ,इसे चाटना है ,सपना तुम कुछ पियोगी.."

पूर्वी की बाते मेरे दिल में दर्द का सबब बन रही थी मेरी आंखे लाल हो रही थी,थोड़ा पानी आ रहा था लेकिन शायद अभी और आना बाकी था,

रोहन उसकी योनि के पास झुक गया,मैं साफ साफ उसकी उत्तेजना को भांप सकती थी..उसने आखिर योनि को चाटना शुरू कर दिया

"आह गुड बेबी,लाइक अ डॉग ,यु आर गुड ..हम्म्म्म "

पूर्वी ये क्या कह रही थी ,मेरे ही सामने रोहन को इतना जलील कर रही थी,उसे कुत्ता बता रही थी,सच में मेरे दिल में एक जोरदार पीड़ा हुई ,मैं रोने लगी थी लेकिन इसका कोई मलतब नही रह गया था..

"ओह रोहन यु आर माय डॉग बेबी चूस इसे चूस सारा पानी पी जा,तू मेरा पालतू कुत्ता है ..ओह रोहन..."

पूर्वी अपने टांगो से रोहन के सर को अपने योनि में कस लिया ,रोहन छटपटा रहा था,लेकिन पूर्वी ने तब तक उसे ऐसे ही दबाए रखा जब तक की वो पूरी तरह से नही झर गई ,रोहन छूटते ही हांफने लगा,पूर्वी हंसती हुई उठी और उसके सर को सहलाया..

"ओ माय बेबी ,चलो अब जल्दी से कपड़े उतारो "

क्या ???

क्या अब वो मेरे सामने ही रोहन से सेक्स करने वाली है ,और रोहन भी उसके गुलाम की तरह अपने कपड़े निकलने लगा था,उसका लिंग पूरी तरह से तना हुआ था,साले को तो जन्नत मिलने वाली थी,लेकिन अब मुझसे और बर्दास्त नही हुआ मैं उठकर जाने लगी

"रुको कहा जा रही हो ,तुम्हे तो खेलना पसंद है ना.. फिर पूरा खेल देख कर ही जाओ "

उसके बात में एक व्यंग था..

'तुम ..तुम आखिर साबित क्या करना चाहती हो "

मैं चिल्लाई

उसने एक कमीनी मुस्कान के साथ मुझे देखा,

"यही की एक मर्द को बहकाने के लिए सबसे आसान रास्ता औरत का जिस्म होता है,तुमने कपड़े उतारे तुम्हारी चाटने लगे,मैंने उतारी तो मेरी ,कुत्तों की जात ऐसी ही होती है "

कुत्तों की जात बोलते समय उसकी निगाह सीधे रोहन के निगाहों से मिली,उसके आंखों से एक ही पल में सारी उत्तेजना गायब हो गई,उसकी आंखे फिर से शर्म से भरकर नीची हो गई थी.

मैं अब और रोहन को इस हालत में नही देख सकती थी,ना ही पूर्वी को मैं तेजी से वंहा से निकली .

मुझे पूर्वी के लिए भी दुख हो रहा था,इतनी शरीफ लड़की को आखिर मैंने अपने जैसी ही बना दिया ...मैं रोते हुए जा रही थी,आज मुझे पता चला था की प्यार में धोखा खाया आदमी क्या कुछ कर सकता था लेकिन उसे धोखा किसने दिया था..

मैंने या रोहन ने..

या हम दोनों ने ..

क्या सच में रोहन उससे प्यार करता था या वो बस धोखा था.

**************

सब कुछ मानो शांत ही हो गया हो ,पूर्वी ने हमसे दूरी बना ली .

कुछ दिन बीते ही थे की मुझे पता चला की पूर्वी आजकल लाइब्रेरी में ज्यादा बैठा करती है ,

मैं भी उस दिन लाइब्रेरी पहुची ,हमारे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी इतनी बड़ी थी जैसे लगता था की कोई पूरा शहर ही बसाया गया हो ,किताबो का शहर,वंहा मैंने हमारे साइंस ग्रुप के छात्र बैठ कर बाते कर रहे थे ,मैं उसपर बिल्कुल भी ध्यान नही देती अगर मुझे पूर्वी का नाम नही सुनाई देता,मैं लाइन से रखे ख़िताबो की दीवार के पीछे पहुची ,ये फुसफुसाहट सी आवाजे थी ,

"वो तो हर समय बस गौरव सर को ही देखती रहती है,"

"हा यार सर कितने लक्की है ना जो इतनी अच्छी माल उन्हें लाइन देती है "

एक लड़के की बात से सभी मुह दबाकर हँसने लगे,तभी एक लड़की बोल उठी

"अरे कहे की माल,इन अमीर बाप की औलादों को तुम नही जानते,पहले रोहन उसका बॉयफ्रेंड था,उससे ब्रेकअप हो गया तो सर पर डोले डाल रही है कमीनी"

उसकी आवाज में नफरत थी ..

"लगता है तुझे जलन हो रही है "

एक लड़के के मजाक से वो लड़की और भी भभक गई

"मुझे क्यो जलन होगी ,लेकिन मैं ऐसे लड़कियों को अच्छे से जानती हु ,और सर कभी भी उसे भाव नही देंगे"

आखिर ये गौरव सर है कौन,अचानक मुझे याद आय की ये तो वही है जिन्होंने उस दिन पूर्वी को अपने साथ अपने घर ले गए थे,हमारे केमेस्ट्री के प्रोफेसर..

मुझे भी केमेस्ट्री अच्छी लगती थी,मैंने सोचा इसी बहाने थोड़ी जासूसी भी हो जाएगी ,मैं उनका हर क्लास अटेंड करने लगी ,उनके हर क्लास में पूर्वी मौजूद रहती ,साथ ही उनके साथ लाइब्रेरी में लगने वाले प्राइवेट क्लास में भी .

मैं कभी उनके सामने नही आयी,और लाइब्रेरी में ज्यादा समय बिताने लगी,एक दिन वो हुआ जो मैंने सोचा नही था,

सर की प्राइवेट क्लास खत्म हुई ,सभी स्टूडेंट चले गए थे,सर भी उठे और ऊपर की तरफ जाने लगे,सबसे ऊपर की फ्लोर में सिर्फ टीचर्स ही जाया करते थे,वंहा अधिकतर रिसर्च पेपर रखे होते थे,जिन्हें स्टूडेंट्स के पहुच से दूर रखा जाना होता था,जब मैं भी वंहा पहुची तो एक गार्ड ने मुझे रोक दिया ..

"यंहा सिर्फ टीचर्स को ही अनुमति है मेडम "

मैंने गार्ड को ध्यान से देखा और अपने पर्स से 500 के दो नोट निकाल कर हिलाया..

"मेडम नॉकरी चली जाएगी.."

उसकी लालची आंखे उन नोटो पर टिकी थी,

"मुझे ज्यादा देर का कोई काम नही है ,बस कुछ पेपर देखने थे"

उसने इधर उधर देखा

"ठीक है लेकिन मोबाइल,पर्स यही छोड़ना होगा,बस एक कॉपी और पेन ही अंदर ले जा सकती हो आप "

मैंने कन्डीशन को स्वीकार कर लिया,और मोबाइल पर्स छोड़कर अंदर चली गई ,

वंहा कोई भी नही जाता था ,रजिस्टर में मुझे एंट्री नही करनी पड़ी ,

वो पूरा फ्लोर भी काफी बड़ा था,और चारो तरफ कबाड़ जैसे पेपर्स मैगजीन्स और ना जाने क्या क्या डॉक्यूमेंट पड़े हुए थे,अधिकतर जगहों में घोर अंधकार था,सिर्फ थोड़े ही जगहों में प्रकाश था जंहा स्टडी के लिए टेबल रखे हुए थे,मेरे दिमाग में बस एक ही बात कौंध रही थी की आखिर गौरव सर यंहा कर क्या रहे होंगे,और वो है कहा,

मैं बड़े ही आराम से आगे बढ़ रही थी ,तभी मुझे कुछ फुसफुसाहट सी आवाजे सुनाई दी ..

मेरे कान खड़े हो गए .

मैं थोड़ा और पास गई ..

"वो तो दिन भर मुझे ही देखते रहती है "

ये आवाज गौरव सर की थी,मैंने बहुत ही एहितियाद बरती ,मैं उनके सामने नही जाना चाहती थी ..

"अच्छा ही है जो मुर्गी खुद ही जाल में फंस रही है "ये आवाज एक महिला की थी ,साथ ही एक खनखनाती हुई हंसी भी ..मैं आवाज को नही पहचान पाई लेकिन आवाज जानी पहचानी सी थी ,

"क्या उसने तुम्हे प्रपोज कर दिया "

"अभी तो नही लेकिन लगता है कुछ ही दिनों में करने वाली है "

"तेरी तो चांदी ही चांदी है ,जानता है ना की वो कौन है "

"जानता हु लेकिन प्यारी लड़की है पूर्वी "

वो महिला फिर से हँसी

"और मैं "

"अरे तुम तो मेरी जान हो जानेमन "

दोनों की हंसी एक साथ आयी और फिर चूड़ियों की थोड़ी खनखनाहट ..

साफ पता चल रहा था की वो एक दूसरे से लिपटे हुए है और गौरव सर उसे चूम चाट रहे है ,

"आह गौरव ,धीरे "

"तुम्हारे बूब्स पागल बना देते है मेरी जान "

"आह ."

गौरव उसके बूब्स पर टूट पड़ा था,मैंने एक बुक की ओट से उन्हें देखने की कोशिश की लेकिन अंधेरा इतना था की कुछ साफ साफ नही दिखाई दे रहा था,बस इतना दिख रहा की गौरव का सर उस औरत की छाती में दबा हुआ है ...और उसका हाथ उसके साड़ी को ऊपर किये हुए उसके जांघो के बीच में चल रहा है.

"अब सब यही कर डालोगे क्या ,चलो यंहा से "

"अरे रुको ना यंहा कोई नही आता "

"लेकिन गार्ड तो है ना जिसने हमे अंदर आते देखा है,रात को मेरे घर पर मिलो "

"ह्म्म्म ठीक है "

"अगर पूर्वी तुम्हे प्रपोज कर दे तो तुम क्या करोगे "

औरत ने अपने कपड़े ठीक करते हुए कहा

"उसे ना करने का तो सवाल ही नही उठता ,लेकिन इतनी जल्दी हा कह दिया तो उसे भी शक हो जाएगा ,थोड़ा घूमने दो फिर हा कर देंगे "

"ह्म्म्म जब वो तुम्हारे जीवन में आ जाएगी तो मेरा क्या होगा "

गौरव हँस पड़ा .

"अरे मेरी जान तुम्हे कैसे अपने से अलग कर सकता हु "

वो दोनों फिर से एक दूसरे के होठो में अपने होठो को घुसा कर चूसने लगे ,

थोड़ी ही देर में वो वंहा से चले गए थे ,मेरी सांस जैसे रुक ही गई थी ,गौरव और ये औरत मिलकर पूर्वी को फंसा रहे थे,क्योंकि वो एक अमीर लड़की है ,मेरा दिल पूर्वी के लिए दुखने लगा था ,मैं कैसे उसे इन सबसे बचा सकती थी..

अभी मेरे पास सोचने का समय नही था,मैं भी बाहर निकली और गार्ड से अपना मोबाइल और पर्स लिया,पास रखे हुए रजिस्टर पर मेरी निगाह पड़ी ..

मैंने उसे उठा लिया ..

"अरे मेडम ये क्या कर रही हो"

"कुछ नही बस देख रही हु की आज कौन कौन आया "

"नही हम नही देखने दे सकते "

वो गार्ड मेरे हाथो से वो रजिस्टर छिनने लगा ,मैंने स्माइल दे कर फिर से अपना पर्स खोला और 500 का एक नोट लहराया ,

"सच में हमारी नॉकरी चले जाएगी हम नही देखने दे सकते "

मैंने एक गहरी सांस ली

"ठीक है फिर "

मैं वो नोट अपने पर्स में रखने लगी ,उसने झट से मेरा हाथ पकड़ लिया और नोट अपने पास रख लिया

"आप तो बुरा ही मान गई "

मैंने उसके हाथ से रजिस्टर लिया और आज की इंट्री देखने लगी ,आज दो ही इंट्री थी एक तो गौरव सर की थी और एक थी.

मिस मालती की ...हमारे केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की HOD .

मेरे होठो में मुस्कान और दिल में नफरत एक साथ जाग गई ..
 
अध्याय 15

मेरे दिमाग में कई सवाल एक साथ मचलने लगे थे,आखिर गौरव का उद्देश्य क्या है,ऐसे उद्देश्य हो भी क्या सकता था,पूर्वी अमीर थी,और बेहद ही सुंदर थी,ऐसी लड़की किसी को भी मिले वो क्यो मना करेगा,और वो भी कमसीन सी ,गौरव की age से इतनी छोटी भी .

सच में गौरव को तो अब भी अपने नसीब में यकीन नही हो रहा होगा की ऐसी लड़की उसे चाहती है,लेकिन साला दुनिया की नजरो में शरीफ बनने वाला गौरव इतना कमीना होगा ये भी कौन सोच सकता होगा,और कौन सोच सकता है की अपने से इतने साल बड़ी मालती से उस्का अफेयर चल रहा होगा.

अब मेरे सामने एक बड़ी दुविधा ये थी की पूर्वी को गौरव से कैसे बचाया जाए,क्या बचाया जाए या नही ,क्योंकि पूर्वी तो खुश थी और उसे शायद कभी गौरव के इरादों का पता भी नही चलेगा,अगर मैं उसे बता भी दु तो क्या वो मानेगी ..

सवाल ही नही उठता,उसे तो यही लगेगा की मैं अब भी उससे दुश्मनी निकाल रही हु ,तो क्या किया जाए??

क्या रोहन को बता दिया जाए..?/

मैं इसी उधेड़बुन में थी,लेकिन मैंने रोहन को भी नही बताने का फैसला किया,क्योंकि वो अभी दुखी था और पूर्वी उससे भी कहा बात कर रही थी..

मुझे एक तीसरा तरीका सुझा क्योना गौरव को उकसाया जाए,ऐसे भी मर्द है ,अपने से इतने साल बड़ी लड़की के साथ अफेयर कर सकता है तो मैं तो जवान थी,और मुझे लड़को को उकसाने में महारत भी हासिल थी,इसी बहाने कुछ ऐसे सुबूत भी इकठ्ठे कर लुंगी जिससे उसकी सच्चाई का दुनिया को पता चले .

मैं कोशिश करने लगी लेकिन साला गौरव ना जाने किस मिट्ठी आ बना था वो पिघलने का नाम ही नही ले रहा था..

क्या उसे सच में पूर्वी से प्यार हो गया था..??

दिमाग तो कहता था की नही ,लेकिन कोई भरोसा भी नही,क्योंकि वो जिस तरह से मुझे इग्नोर कर रहा था ऐसा किसी लड़के ने नही किया था..

आखिर वो दिन आया जब पूर्वी ने गौरव को प्रपोज कर दिया ,मैंने भी अखिरी पत्ता खेल दिया और उसे प्रपोज कर दिया ,उस साले ने हम दोनों को ही ठुकरा दिया.

लेकिन इससे पूर्वी के मन में उसके लिए सम्मान और ही बढ़ गया था ,सच में गौरव पहुचा हुआ खिलाड़ी था,अब तो मैंने रोहन की मदद लेना ही उचित समझा..

"क्या बोल रही हो ,लेकिन यार गौरव तो ऐसा नही लगता "

रोहन मेरी बात सुनकर चौक गया था..

"मेरी आंखे धोखा नही खाती,"

"तुम झूट बोल रही हो ,यार पूर्वी से तुम्हारा कम्पीटिसन है ये समझ आता है लेकिन इसके लिए गौरव को बदनाम करना ठीक नही है "

रोहन की बात सुनकर मैं झुंझला गई

"साले तुझसे झूठ बोलकर मुझे क्या मिलेगा.."

वो भी सोच में पड़ गया..

"हम्म अगर ये सही है तो हम क्या कर सकते है ,यार पूर्वी तो उसके लिए पागल ही है ,और उसे समझना तो पत्थर में सर फोड़ना है .."

रोहन भी गंभीर था,

"अगर हम उसे सबूत दिखाए तो .."

"कहा से लाएंगे सबूत ,हम जासूस है क्या,और दुनिया के सामने तो वो कुछ करते नही है ,घर के अंदर घुस कर सबूत लाये क्या "

रोहन की बात से मेरे दिमाग में एक आईडिया आ गया

"सच कहा घर में घुस कर तो सबूत मिल सकता है ना.."

रोहन थोड़ा घबराया

"नही नही यार ये सब मुझसे नही होगा.."

"अबे चूतिये वो तेरी बचपन की दोस्त है उसके लिए इतना नही करेगा ..ऐसे भी अगर उनका ब्रेकअप हुआ तो फायदा तेरा भी है ना,पूर्वी फिर रोने किसके पास आएगी "

मैं जानती थी की रोहन कितना भी बकचोदी कर ले लेकिन प्यार तो उसे भी पूर्वी से है ,वही एक ऐसी लड़की थी जो चाहते हुए भी उसे नही मिली,तो प्यार कहे या कुछ और जो था बहुत ही स्ट्रांग था..

"हम्म क्या करे,कैमरा लगा दे दोनों के घर में ,"

"कैमरा ...हा ये सही आईडिया है,ऐसे मालती मेडम भी गजब की माल है ,उसकी चुदाई देखने में मजा आएगा "

रोहन फिर से कमीनेपन में उतर आया था,जो मेरे लिए सही था,

"चल फिर जुगाड़ करते है ."

*******

वो दोपहर का समय था,गौरव और मालती दोनों ही कालेज में थे,भरे दोपहर में किसी के घर में,सब की नजर से बचकर घुसना आसान काम तो नही था,लेकिन हमे करना ही था.

रोहन ने अपना जुगाड़ लगाया और एक प्रोफेसनल जासूस की मदद ली,अब हम तीन लोग थे जो पहले मालती के घर पहुचे ..

जासूस के लिए ये रोज का काम था,उसने बड़े ही आराम से दरवाजा खोल लिया,और बाथरूम से लेकर बेडरूम में सीक्रेट कैमरा फिट कर दिया,तब तक मैं मालती के घर की घूमने लगी और चीजो को देखने लगी,उसके बेडरूम में उसके कम्प्यूटर के पास मुझे कुछ कागज रखे दिखाई दिए ,उसे पढ़ते ही मैं थोड़ी चौकी ..

मैंने उनके दराजो को खोलना शुरू किया मुझे कुछ फाइल्स मिली ,मेरी आंखे फ़टी की फ़टी रह गई ,मैं धड़ाम से वही बैठ गई थी..

"क्या हुआ .."रोहन मेरी स्तिथि देखकर चौका गया था,

मैंने फाइल उसकी ओर बढ़ाया ,वो बहुत ही कन्फ्यूज लग रहा था ..

"ये सब .."मैंने उसे तुरंत ही चुप रहने का इशारा किया और जासूस की तरफ इशारा किया ..

"तुम जल्दी से इन सबकी फ़ोटो खिंच लो ,भगवान ना करे की ये वैसा ही हो जैसा मुझे लग रहा है,इसे आराम से और स्टूडि करने की जरूरत है ,तभी सही तस्वीर सामने आएगी "

हम दोनों ने मिलकर मालती के घर में रखे हर फाइल की फ़ोटो उतार ली ,

"क्या इस कम्प्यूटर का बेकउप मिल सकता है "

मैंने रोहन से कहा

"यार मुझे क्या पता था की ये सब भी करना पड़ेगा वरना किसी कम्प्यूटर एक्सपर्ट को भी साथ लाते,ये तो अभी प्रोटेक्टेड होगा.."

"हम्म चलो कभी बाद में आ जाएंगे"

"तुम्हे लगता है की हमारे आने की खबर उसे नही होगी "

रोहन की बात सुनकर चुप हो गई

"उसे बहकाना जरूरी है ,ताकि उसे ये पता नही चले की हमे उसके असली इरादों के बारे में कुछ भी पता चल चुका है.."

मैंने बहुत ही सोच कर कहा

"तो कैमरा .."उसे लगे रहने दो ,साथ ही जासूस जी का कार्ड भी यंहा छोड़ दो ,जैसे गलती से गिर गया है,और ये मेरा नाम लेंगे की मैंने ये सब करवाया है .

"लेकिन .."

गौरव कुछ सोच कर कुछ बोलने वाला था लेकिन मैंने उसे वही चुप करवा दिया

"जो बोल रही हु वो कर अपना खाली दिमाग यंहा ज्यादा मत लगा "

मैं उसे घूर कर देखते हुए बोली ,उसने अपना कंधा उचकया.

*************

जैसा मुझे शक था मुझे दो ही दिन बाद मालती मेडम ने अपने केबिन में बुलाया ..

उनका चहरा गुस्से से लाल लग रहा था लेकिन मैं भी कम गुस्से में उनके पास नही गई थी,भले ही मेरा गुस्सा लाया हुआ था..

"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर में कैमरा लगवाने की ,अगर तुम मेरी स्टूडेंट नही होती तो अभी तक तुम्हे जेल भिजवा देती .."

मैं भी भड़क गई

"ओह तो तुम्हे पता चल ही गया,जानती हो मैंने कैमरा क्यो लगवाया था ,तुम्हारे और गौरव के नाजायज रिस्तो को दुनिया के सामने लाने के लिए,तुम यंहा सती सावित्री बनकर घूम रही हो और वो साला पूर्वी की नजरो में देवता बना फिर रहा है लेकिन मैं जानती हु तुम दोनों की असलियत,मैंने लाइब्रेरी में सब कुछ देखा और सुना था .."

मालती का चहरा देखते ही देखते लाल पड़ गया था ..

"ओह तो ये बात है ,इस लिए तुम हमारी जासूसी करवा रही थी "

"गौरव ने मुझे ठुकराया है ,मैं उसे बर्बाद कर दूंगी "

मैं चिल्लाई ,वही मालती ने अपने सामने रखा हुआ पानी पी लिया

"तुम कितना भी चीखों लेकिन तुम्हारी बात पर कोई भी भरोसा नही करने वाला "

उसके होठो में कमीनी सी मुस्कान फैल गई ..

"लेकिन सच को कितने दिनों तक छिपा के रखोगी "

"सच..??"

वो जोरो से हँसी

"सच क्या है सपना,जो तुमने उस दिन देखा वो सच है ?? कोई भी सच बिना प्रूफ के सच नही होता,और तुम मानो या ना मानो मैं और गौरव अब अलग हो चके है वो पूर्वी से बहुत ही प्यार करता है ,क्या तुमने उस दिन के बात हमे कभी मिलते हुए देखा..??

नही देखा होगा क्योंकि फिर हम कभी नही मिले,गौरव अब सच में पूर्वी से प्यार करता है ,यही सच है ,और ये भी सच है की मैं अब उनके जीवन से निकल चुकी हु ...तुम कितनी भी जासूसी करवा लो तुम्हे कुछ नही मिलने वाला क्योकि अब वो दोनों एक है ."

मालती ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा..

मैंने अपने चहरे पर उतना गुस्सा लाया जितना मैं ला सकती थी..

"पूर्वी और गौरव कभी एक नही हो सकते ..पूर्वी को कभी प्यार नही मिलेगा,वो जिससे भी प्यार करेगी मैं उसे छीन लुंगी "

मैं सच में कांपने लगी थी...ये बोलते हुए मेरे दिल में इतनी तकलीफ़ हुई की मेरे आंखों में आंसू आ गए ..

लेकिन मालती के चहरे में आयी हल्की मुस्कान मुझसे छिप नही सकी ..

"तो तुम्हे गौरव से कोई लेना देना नही है "

उन्होंने अपने चहरे में आश्चर्य का भाव लाते हुए कहा

"गौरव ...वो साला बुढ्ढा ,मेरे पास लड़को की कोई कमी है क्या जो मैं उसे लाइन दूंगी ,लेकिन पूर्वी उससे प्यार करती है और मैं उसे कैसे खुश देख सकती हु .."

मालती मेडम और ही खुश दिखाई दे रही थी ..

"ओह तो ये बात है ,तुम दोनों के बीच दूरियां पैदा करना चाहती हो ,अच्छी बात है तुम्हे मदद करूंगी "

अब मैं चौकी

"तुम .."

"गौरव ही तो मेरा एक सहारा था ,वो भी अब किसी और से प्यार करने लगा है ,अगर गौरव पूर्वी के साथ रहेगा तो मेरा भी तो नुकसान है ना ,लेकिन तुम ये सब करोगी कैसे "

मेरे होठो में मुस्कान फैल गई

"औरत का जिस्म किसी भी मर्द को बहकाने के लिए काफी है "

उसने मुझे ध्यान से देखा

"तुम पागल हो जो ऐसा सोचती हो ,गौरव को बहकाना इतना भी आसान नही है .."

"देखते है .."

मैं इतना ही बोलकर वंहा से निकल गई ...

*******

गौरव को बहकाने का हर प्रयास नाकाम हो रहा था,और आखिर में मैंने वो कदम उठा दिया जिसने चाल को उल्टा ही कर दिया ,

मैंने सोचा था की कोई भी मर्द मुझ जैसी लड़की को अकेले में नंगी देखकर मचलेगा ही,और अगर वो थोड़ा भी मचलता तो मेरा काम हो जाता क्योकि मैंने लेब में पहले ही कई कैमरे लगवा दिए थे ,मैंने गौरव के सामने अपने कपडे खोल दिए और उसे खुला सेक्स का आफर भी दे दिया,लेकिन साला वंहा से भागता हुआ सीधे पूर्वी के पास पहुच गया..

अब तो गौरव पूर्वी के नजरो में भगवान बन चुका था ,और उसने उससे शादी करके अपना बनाना ही सही समझा ,

पूर्वी को रोकना अब नामुमकिन ही था,अब चाहे रोहन हो या गौरव उसके नसीब में ही धोखेबाज लिखे थे तो कोई क्या कर सकता है..

रोहन की मोहोब्बत जिस्मानी ज्यादा थी(ऐसा मुझे लगता है ) और गौरव तो दौलत से .??क्या सच में गौरव पूर्वी की दौलत से प्यार करता था,ये तो वक्त ही बताने वाला था क्योकि पूर्वी ने गौरव को पाने के लिए जो कीमत चुकाई थी वो थी अपने पिता के दौलत से बेदखल होना.

और गौरव को इससे कोई भी फर्क पड़ता मालूम नही हुआ,

या वो बस मालती का मोहरा ही था,लेकिन मैं बराबर उसपर भी नजर रखे थी और किसी भी एंगल से ये नही लगा की वो अब गौरव से किसी भी तरह के किसी नाजायज संबंध में है.

सब कुछ बदल चुका था,पूर्वी ने शादी कर ली ,रोहन और मेरे रिश्ते भी इससे प्रभावित हुए,हम दोनों ही बुझे बुझे रहने लगे थे,कारण था मेरी बदनामी ,कालेज जाना भी मुश्किल हो गया था,रोहन ने मुझे बहुत सहारा दिया लेकिन वो भो लोगो को चुप तो नही करवा सकता था,लेकिन इन सब में एक और चीज हुई .

मैं मालती मेडम से घुलने मिलने लगी,और मेरा इंटरेस्ट अब मैंने अपने केमेस्ट्री के इंटरेस्ट को सीरियसली लेना शुरू किया,उसमें कुछ हाथ मालती के घर से मिले हुए उन कागजात का भी था,जिसे समझने में मेरा दिमाग खप रहा था,

मेरा इंटरेस्ट इतना बड़ा की मैंने MBA की जगह एमएससी करने को प्राथमिकता दी और उसके बाद पीएचडी करने लगी .

मालती ने फिर से मुझे अपने साथ रखा .

मालती की एक बात तो थी,की वो कभी भी गौरव को उकसाने के खिलाफ नही थी,वो मुझे गौरव को उकसाने में मदद करती थी,और इसलिए मैंने गौरव के साथ काम करने की बात उससे की और वो झट से मान भी गई,ये प्रोजेक्ट गौरव के लिए बेहद ही इम्पोर्टेन्ट था और मेरे लिए भी क्योकि इसका आईडिया मालती ने ही गौरव को दिया था,अब मैं गौरव को असिस्ट कर रही थी,कई ऑपरट्यूनिटी एक साथ मेरा दरवाजा खटखटा रही थी ,देखना ये था की मैं कितनो को अपना बना पाती हु ......
 
अध्याय 16

"जानती हो मैंने पूर्वी से वही कहा जो तुमने कहने को कहा था ,और सरप्राइज की वो मान भी गई "

रोहन खुश था,क्योकि उसने पूर्वी को इस बात के लिए मना लिया था की अगर गौरव धोखा करे तो वो भी रोहन के साथ अफेयर स्टार्ट कर देगी ..

रोहन की बात से मैं मुस्कुराई

"उसे गौरव पर पूरा भरोसा है ."

मैंने अपने विस्की का एक सिप लिया..

"और मुझे तुमपर पूरा भरोसा है "

रोहन का चहरा खिला हुआ था,

"ह्म्म्म लेकिन यार वो साला टूटने का नाम ही नही लेता,सब कुछ तो दिखा दिया उसे अब और क्या करू"

मैंने एक गहरी सांस ली

रोहन ने मुझे अपने बांहों में भर लिया ,हम एक बार के काउंटर में बैठे थे और सामने लोग डांस फ्लोर में डांस कर रहे थे...रोहन ने अपनी उंगली सामने डांस फ्लोर में डांस करती हुई एक लड़की पर टिकाई ..

"उसे देख रही हो,उसका नाम शबाना है ,वो कभी कालेज की मासूम सी पढ़ने वाली लड़की हुआ करती थी,और आज ."

मेरी आंखे बड़ी हो गई पता नही रोहन क्या कहने वाला था..

"आज क्या "

"आज वो कई अमीर लड़को की रांड है "

मैंने फिर से उस लड़की को देखा ,चहरे में मासूमियत आज भी थी लेकिन कपड़े उसने उत्तेजक पहने हुए थे,और लड़को के बीच बहुत ही सेक्सी अंदाज में कूल्हों को मटकाकर डांस कर रही थी..

"और उसे देखो उसे तो पहचानती ही होगी ,हमारे स्कूल में थी,पापा IAS और माँ डॉक्टर ,याद आया पहले चश्मा लगाती थी "

मैं उस लड़की को देखकर दंग रह गई

"ओ माय गॉड ये तो आभा है ना,सच में यकीन नही होता कितनी अलग लग रही है,"

"कभी सोचा था की ये लड़की जो स्कूल में चश्मा पहन कर हमेशा फास्ट आने की कोशिश करती थी,और मेडिकल का एग्जाम दिला कर इसने स्टेट टॉप किया था आज यंहा ऐसे कपड़े पहन कर घूम रही है ,इसे पैसे की कोई कमी नही है लेकिन अब इसे रोज हुकअप्स चाहिए,रोज नया मर्द या फिर मेरे जैसा कोई सॉलिड बंदा जो इसकी आग बुझा सके .."

रोहन की बात सुनकर मैं सोच में पड़ गई की वो आखिर मुझे दिखाना और समझाना क्या चाहता था..

"आखिर तुम कहना क्या चाहते हो "

"यही की कोई भी शरीफ नही होता,अगर कोई शरीफ दिखे तो ये समझना की उसे बस अभी तक गलत काम। करने का मौका नही मिला,या उसमें वो ताकत और हिम्मत नही है,गौरव क्यो तुमसे बच जाता है ,क्योकि वो तुमसे डरता है की कही तुम उसके रिश्ते को खराब ना कर दो ,उसे बस बदनामी का डर है ,और पूर्वी क्यो खुलकर नही जी पा रही है ,क्योकि उसे अपने रिश्ते के टूटने का डर है,हर डर बाहरी नही होता कुछ बहुत ही भीतरी होते है,धोखा खाने का डर भी होता है तो धोखा देने का डर भी होता है,पूर्वी को यही डर है की वो कही गौरव से धोखा ना कर बैठे...अगर उन दोनों का डर टूट गया तो भी हमारे जैसे हो जायेगें,बेख़ौफ़ .."

रोहन ने एक ही सांस में अपनी ड्रिंक खत्म कर दी ,उसकी आंखों में अजीब से भाव थे जो मेरे समझ के बाहर थे,लग रहा था जैसे कोई चीज उसे अंदर ही अंदर खा रही है ..

"तू ठीक तो है ना,क्या हो गया तुझे "

"मुझे दुख होता है शबाना और आभा जैसी लड़कियों के लिए"

रोहन की बात से मैं और भी चौक गई ,अब इसे उनके लिए क्यो दुख होने लगा,लेकिन सच में उसके आवाज में एक दर्द था ..

"मुझे दुख होता है क्योकि वो ये सब तो कर रही है लेकिन उन्हें भी अंदर कही से ये पता है की ये सब गलत है ,और वो एक गिल्टी फिलिंग में जी रही है ,इन्होंने अपना बेहतरीन केरियर खत्म कर दिया ,सिर्फ मजे के चक्कर में ,और वो गिल्ट उन्हें इस मजे को अच्छे से लेने भी नही देता,जिस्म और मन की जरूरतें उकसाती है वही समाज के बिछाए हुए मर्यादाओं का जाल के कारण निकला हुआ गिल्ट उन्हें फंसा देता है,वो दोहरी जिंदगी जीने पर मजबूर है,आखिर क्या गलती यही इन लड़कियों की ,क्या इन्हें अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने का कोई हक नही है ."

रोहन की आंखों में आंसू देखकर मैं डर गई थी,वो कभी इतना सीरियस नही होता था,मैं उसके गालों पर अपने हाथो को फिराया

"क्या हो गया है तुझे ये कैसी बात कर रहा है "

रोहन ने एक पल के लिए मुझे गौर से देखा

"क्या तुझे कभी गिल्ट होता है की तू अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ सेक्स करती है ,या इतने लड़को के साथ सेक्स करने में तुझे ऐसी फिलिंग आयी "

मैंने थोड़ा सोचा लेकिन मेरा दिमाग क्लियर था

"नही तो कभी नही "

"लेकिन आभा और शबाना क्यो रोती है अपने इस हालत पर ,वो तो बस अपने जीवन को इंजॉय कर रही है ना ,फिर उन्हें ऐसी फिलिंग क्यो होती है "

मैंने गहरी सांस ली

"क्योकि उनकी परवरिश अलग तरह से हुई है,उन्हें लगता है की वो गलत कर रही है,"

मैंने सिंपल लेकिन सही जवाब दिया

"यही तो दुख होता है यार ,वो तुम्हारे जैसी क्यो नही हो सकती ,पूर्वी तुम्हारे जैसे क्यो नही हो सकती ,"

अब मुझे उसकी पूरी बातों का मतलब समझ आया,रोहन का ये रूप मैं पहली बार देख रही थी,और आज मुझे अहसास हुआ की वो किसी की कितनी फिक्र कर सकता है.

"तो ये बात है "

"हा यार यही बात है ,मुझे वो चाहिए लेकिन ..लेकिन मैं ये नही चाहता की वो मेरे साथ रिश्ते के कारण गिल्ट महसूस करे,उसे इसमें खुसी मिलनी चाहिए ,मैं सेक्स के बाद उसके चहरे में मुस्कान देखना चाहता हु ना की दुख और चिंता .."

उसकी भोली बातों से मेरे होठो में मुस्कान खिल गई

"ओह तो जनाब सेक्स तक सोच चुके है "

इतने देर में पहली बार उसके होठो में एक मुस्कान खिली

"क्यो नही हो सकता क्या,अगर तुम साथ हो ."

वो गाना गाने लगा

'तो तुम मुझे बकरा बना कर उसे हलाल करने की सोच रहे हो "

हम दोनों ही हँस पड़े

"यार तुझे भी गौरव के साथ मजा आएगा,साले ने इतना तो तदफ़ाय है तुझे "

"ह्म्म्म वो तो मुझे नही पता लेकिन मुझे तेरे ऊपर जरूर शक हो रहा है की मौका मिलने पर तू कुछ कर भी पायेगा की नही ,कही सेंटी हो गया तो "

"यार मुझे मेरी पूर्वी हंसती हुई चाहिए,कोई ऐसा प्लान बना ना की उसे ये सब गलत ना लगे ,वो भी इसमें इन्वॉल्व हो जाए "

मेरा शैतानी दिमाग चलने लगा था ..

"एक चीज हो सकती है ,अगर ऐसा हो जाए की गौरव को पूर्वी के साथ तुझे देखकर या किसी और को देखकर जलन के अलावा भी कुछ हो ,यानी उसे भी मजा आये तो "

रोहन मुझे घूरने लगा

"यानी वो स्टोरी टाइप ,हॉट वाईफ वाला,वो क्या बोलते है cuckold ,तुझे लगता है ऐसा होगा,या पूर्वी ऐसा होने देगी "

मेरे होठो में एक कमीनी सी मुस्कान फैल गई

"cuckold कहना तो गलत होगा लेकिन हॉट वाईफ वाली कहानी यंहा चल सकती है ,गौरव क्या हर मर्द ये चाहता है की उसकी बीवी सीधी साधी हो लेकिन होई सेक्सी ,हॉट."

"क्या फिजूल की बात है सीधी साधी लड़की सेक्सी कैसे हो सकती है वो तो क्यूट होती है ना"

"हम्म लेकिन शबाना और आभा भी तो सीधी साधी लडकिया है ,चाहे वो जो भी कर ले है तो वो अब भी सीधी साधी इसीलिए तो उन्हें गिल्ट होता है "

"हा लेकिन अगर ऐसा हो भी गया तो पूर्वी तो दुखी ही रहेगी ना"

"क्या हो अगर पूर्वी को समझ ही नही आये की वो गलत कर रही है तो .."

"ऐसा तो नामुमकिन है यार क्यो सपने दिखा रही है "

"कुछ भी हो सकता है तूने अभी तो कहा था ना,हर आदमी कमीना है बस कमिनियत को निकलने का अवसर मिलना चाहिए "

रोहन सोच में पड़ गया,फिर अचानक से बोला

"अगर ऐसा हो गया ना जान तो तू जो बोले वो करूंगा "

मैं जोरो से हँस पड़ी

"इतना उतावला होगा ना तो कुछ भी नही मिलने वाला,सब बहुत ही प्लान के साथ करना होगा,पहला काम कर की पूर्वी को जिम की फ्री मेम्बरशिप दे दे और साथ और उसे बोल की साथ में गौरव को भी लाये ,टेस्ट करते है की गौरव सच में अपनी बीवी का हॉट रूप देखकर कैसे विहेब करता है "

"अगर वो गुस्सा हो गया तो प्लान खराब .."

"तू पागल ही है ,अगर वो गुस्सा किया मतलब दोनों के रिश्ते में दरार,पूर्वी हमेशा से स्वकछन्द जीने वाली लड़की है ,उसे थोड़ा तो बुरा लगेगा अगर गौरव उसे बांधने की कोशिश करेगा,और इसी से उनके रिश्ते में थोड़ी खटास आएगी उससे पूर्वी का वो रिबेलियस स्वरूप फिर से लौटेगा...और अगर गौरव को कोई प्रॉब्लम नही हुई तो हम इसे दूसरे लेवल तक ले जायेगे,क्योकि जितना आगे मैं जाऊंगी पूर्वी भी उतना आगे जाने की कोशिश करेगी .."

रोहन मेरा प्लान सुनकर दंग रह गया..

"तू तो सच में कमीनी है ,और ये सब तू सिर्फ मेरे लिए कर रही है "

उसने बड़े ही प्यार से पूछा ..

"हा इसमें तुझे भी फायदा होगा .."

"मतलब और किसे फायदा होगा .."

मैं हँसी

"वक्त आने पर वो भी पता चल जाएगा "
 
अध्याय 17

मैं जिम में पूरी तैयारी के साथ आयी थी,मेरे टाइट कपड़े मेरे हुस्न को पूरी तरह से दिखा रहे थे,मुझे देखकर गौरव का तो गाला ही सुख रहा था और यही तो मुझे चाहिए था,क्योकि गौरव को देखकर पूर्वी जल भून गई थी,वो भी अपने जलवे दिखाने के लिए अपने जैकेट को उतार कर मैदान में आ गई थी.

लेकिन सारे मर्दों की तो जैसी चांदी ही हो गई थी ,सभी या तो मुझे देख रहे थे या पूर्वी को ,आज सभी घर जाने के बाद हमे इमेजिन करके हिलाने वाले थे..

लेकिन ये सब देखकर गौरव के चहरे में एक बदलाव आया,उसकी आंखों का गुस्सा मैं साफ देख सकती थी ,मलतब साफ था की गौरव हॉट वाईफ नही चाहता,या ये की वाईफ तो हॉट हो लेकिन सिर्फ उसके लिए,यंही घर जाकर दोनों की लड़ाई पक्की थी..

मैं मन ही मन सोच रही थी .

'अब आएगा मजा .'

****************

यंहा सपना का पॉइंट ऑफ विव्यू खत्म होता है ,स्टोरी अब जिम में आ जाती है ,एक और शख्स है जो कहानी में बेहद इम्पोर्टेन्ट है रोहन...थोड़ा उसका भी विव्यू देख लेते है .

*************

रोहन ओबराय,इस राज्य के तीन सबसे बड़े बिजनेस मेन परिवार में से एक का वारिस...बाकी दो के इकलौते वारिस भी मेरे बचपन के दोस्त ही है ,पूर्वी और सपना ..

मेरे पापा ने मुझे बचपन से एक ही बात सिखाई की मेरे पास एक मौका है जो कभी किसी के पास नही था,वो था तीनो बिजनेस हाउस को एक करने का मौका,इसके लिए जो भी करना पड़े उसके लिए वो तैयार थे,और मुझे भी तैयार कर रहे थे.

सपना को तो मैंने बहुत ही जल्दी अपने सांचे में ढाल लिया था लेकिन पूर्वी .

पूर्वी अलग ही किस्म की लड़की थी,मौज मस्ती तो करती थी लेकिन फिर भी ना जाने कहा से उस लड़की के अंदर संस्कार नाम का एक कीड़ा था,जो उसे कुछ ज्यादा नही करने देता था..

मेरे जीवन का एक ही मकसद रहा की कैसे पूर्वी और सपना को अपने साथ लेकर तीनो बिजनेस हाउस को एक कर दु ,सभी कम्पीटिटर खत्म .

इसका एक सिंपल सा रास्ता था शादी का ,लेकिन साला शादी तो एक ही लड़की से हो सकती थी,सपना से या पूर्वी से मैं हमेशा से ही कंफ्यूज रहा था,क्योकि दोनों ही सुंदर थी ,दोनों ही अमीर थी,

दोनों में से एक मेरी बीवी बनेगी ये मुझे बचपन में ही बता दिया गया था,उनके घर वाले भी यही चाहते थे की मैं उनके घर का दामाद बनू,लेकिन बस एक दिक्कत थी वही शादी किसी एक से ही हो सकती थी,और मुझे दोनों ही चाहिए था.

आपके मकसद में एक बड़ी दिक्कत आपके इमोशंस लाते है ,और मैं भी तो आदमी ही था,मेरे भी इमोशन थे,मेरी दोनों दोस्तो ने मुझे इतना प्यार दिया की मैं उनका बुरा नही सोच पाता था,मेरे मकसद को हमेशा उनके प्यार का सामना करना पड़ता,ना चाहते हुए भी मैं उन दोनों के प्यार में गिर ही गया,एक दोस्त की तरह मैं उन्हें बेहद प्यार करने लगा,लेकिन जब जवानी आयी तो साथ में सेक्स नाम की एक चीज भी ले आयी,जांघो के बीच कुछ ऐसे मचलने लगा की उसे सम्हालना बहुत मुश्किल हो जाता था,

अब जवानी सिर्फ मुझे तो आयी नही थी साथ में पूर्वी और सपना भी जवान हुए,और साले क्या जवान हुए,सारे मर्दों की फेंटेसी बन गए थे दोनों ,साथ ही मेरे भी ,लेकिन कहा ना की जंहा प्यार आ जाता है ना वंहा साला सभी इमोशन को बर्बाद कर देता है,मैं भी उनके बारे में कुछ ऐसा नही सोच पाता था जिससे उन्हें दुख हो ..

लेकिन सपना के साथ मेरा जिस्मानी रिश्ता बन ही गया,लेकिन वो सिर्फ जिस्मानी ही रहा,हमारी दोस्ती अपनी जगह रही जिस्म की प्यास अपनी जगह रही .

बाप से मुझे सिर्फ दौलत नही मिली थी साथ ही मिला था एक अच्छा खासा चेहरा और अच्छी हाइट ,मैंने थोड़ी मेहनत करके अपने जिस्म को ऐसा तो बना ही लिया था की लडकिया एक बार मुड़ कर जरूर देखे ,और इस हुनर को और भी निखारने में मेरी मदद की सपना ने,उसकी मदद से मैंने कई लड़कियों को अपने नीचे किया वही उसे भी कई मर्दों के नीचे लाने में मैंने उसकी मदद की .

कहा ना मैं मकसद से भटक गया था.

अपनी होने वाली बीवी(शायद ) को ही दुसरो से चुदवाने में हेल्प कर रहा था..

लेकिन अभी कन्फर्म भी तो नही था की कौन मेरी बीवी बनेगी ,

इधर दूसरी होने वाली बीवी (शायद)के साथ कोई जिस्मानी रिश्ता नही बन पा रहा था,कभी कभी पूर्वी पर मुझे गुस्सा भी आता क्योकि वो मुझे इतना ज्यादा प्यार करती की मैं उसके बारे में दोस्ती के अलावा कुछ सोचने में भी असमर्थ रहता..

हम लोग बड़े हो रहे थे,कई कारनामे कर रहे थे(जो उस समय कारनामे लगते थे बाद में वही चुतियापा लगने लगे )

कुल मिलाकर खुश थे ,लेकिन साला फिर से वही बकचोदी ..

इमोशन ...और इस बार किसी और के लिए पूर्वी के लिए इमोशन..

खुद को बहुत समझाया की लौड़े अपने लौड़े मत लगा,दोस्ती तक ही सीमित रह उससे प्यार मत कर ,बीवी तो सपना भी बन जाएगी थोड़ी कामिनी है तो क्या हुआ लेकिन अपने जैसी है,लेकिन साला दिल कहा माने,सपना ने भी मना किया था की प्यार के चक्कर में मत पड़ तेरे लौड़े लग जाएंगे,लेकिन दिल..दिल ..क्या करे इस साले दिल का..

फिर दिमाग ने भी सोचा,एक से तो शादी करनी ही है पूर्वी से ही कर लिया जाए,कम से कम दुसरो से तो नही चूदवायेगी ...लेकिन ये भी सही था की फिर मैं भी किसी को अपने नीचे नही ला पाऊंगा..

मैंने वो सेक्रिफाइस कर दिया,फिर से वही दिल दिल दिल..

अपने जांघो के बीच झूलते हुए मांस के टुकड़े को भी समझा दिया की तू अबसे बस एक ही गुफा में जाएगा,ज्यादा की चाह मत कर और अगर कोई दूसरी गुफा होगी तो वो सपना की होगी ,जो उसके कहने पर ही मिल पाएगी ,यानी साले अब तेरी औकात बस इतनी है की तू इन दोनों लड़कियों की गुलामी करेगा,वो खुश हो जाए तो तुझे गुफा मिल जायेग नही तो ...बस खड़ा रहना..

अब वो भी बेचारा क्या करता,दिल के सामने मैं मजबूर था और मेरे सामने वो .

मैंने पूर्वी को प्रपोज कर दिया ,वो भी मान गई ,साला यकीन ही नही हुआ की सब कुछ ठीक से हो गया,लेकिन सपना के रहते सब कैसे ठीक से हो सकता था,लेकिन मैंने सपना को भी माना लिया,फिर लगा की सब ठीक हो गया,लेकिन दोस्तो जैसे लड़को के जांघो के बीच एक मांस का टुकड़ा होता है जो साला आदमी का दिमाग खराब करके रखता है ,उसी तरह औरतों के जांघो के बीच भी एक मांस से बनी छेद होती है जिसकी खुजली और निकलता पानी उसका दिमाग खराब कर देती है ..

वही हाल सपना का हुआ ,उस पार्टी में जायद पीकर उसने मेरा लौड़ा लेना चाहा,अब मेरा भी दिमाग खराब था जो मैं उसकी बात में आ गया ,ये जानते हुए भी की पूर्वी भी वही है ,लेकिन उसके लौड़े लेने के चक्कर में मेरे लौड़े लग गए,सपना तो पार्ट टाइम थी लेकिन जो फूल टाइम बनने वाली थी वो भी हाथ से निकल गई ..

सब ठीक हो सकता था लेकिन हाथ से निकल कर वो किसी दूसरे के हाथ में चली गई ,क्या झंड जिंदगी हो गई थी मेरी ,एक साला बुड्ढा अधेड़ आदमी कालेज की सबसे हॉट अमीर और सुंदर लड़की जो कभी मेरी थी ,अब वो उसके नीचे आने वाली थी,दोस्तो गांड का जलना क्या होता है तब मुझे समझ में आया था..

लेकिन मेरी प्यारी प्यारी दोस्त सपना ने मुझे सहारा दिया,उम्मीद जगाई ये कह के की वो गौरव धोखेबाज है ,दौलत का लालची..मैं भी था लेकिन था...प्यार और दोस्ती के चक्कर में मैं लालच से बाहर आ गया था और अपनी ही मरा ली थी ..

लेकिन मैंने सपना का साथ देने में ही अपनी भलाई समझी,सपना का साथ दिया,उसे बेनकाब करने में लेकिन जब किस्मत में लिखे हो लौड़े तब कहा से मिलेंगे पकौड़े.

गए थे गौरव को बेनकाब करने और मालती के घर से कुछ ऐसे फाइल मिल गए की सपना का मुड़ ही बदल गया..ना जाने साला उनमें क्या था,मुझे तो बस वो फ़ोटो ही दिखा था जिसे देखकर मेरे गोटे मुह में आ गए थे,लेकिन वंहा कुछ ऐसा भी था जिसे देखकर सपना बहुत कुछ समझ गई थी,कुछ अजीब से ड्राइंगस ..

जैसे केमेस्ट्री में पढ़ते है ना केमिकल बॉन्डिंग वाले फार्मूले वैसे ही कुछ ,अब हमे कौन सा झांट केमेस्ट्री की समझ थी जो हम समझ सकते ,लेकिन सपना को कुछ समझ आ गया,उसका दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज जो चलता है(मजाक कर रहा हु )

लेकिन इतना तो मानता हु की हम सबमे सबसे ज्यादा दिमाग वाली सपना ही है ..

और उसकी बात को टालने की हिम्मत मुझमें तो नही है ..

हा आप सब सोचेंगे की जब पूर्वी ने अपने कपड़े मेरे सामने निकालकर मुझे जलील किया था तो मुझे कैसा लगा था,यार जो आदमी उस लड़की को सालों से पाना चाह रहा हो और वो अपना चुद चटवाये,उसे कैसा लगेगा,कसम से बहुत मजा आया,हा अपने किये पर शर्म तो आया था लेकिन ...लौड़ा भी कोई चीज होती है दोस्तो जो खड़ी हो जाए ना ,तो शर्म अपनी माँ चुदाने चली जाती है,

हा पूर्वी ने मुझे जलील किया लेकिन यार जलील होना या ना होना तो मेरे ऊपर था ना,ऐसे चुद को फिर से चाटने मिल जाए तो मैं रोज ही जलील हो जाऊ,ऐसे भी मुझे तो लग रहा था की मैं सच में उसका कुत्ता बन गया हु और अब उसे कुतिया बना के उसकी लूंगा,लेकिन पूर्वी ...साली ने खड़े लंड में जो धोखा किया सबसे ज्यादा उसका ही दुख था मुझे.

और सामने पूर्वी थी ,कोई और रहती तो उसकी माँ बहन कर देता लेकिन ना जाने उससे क्यो डर लगता था,या ये कहु की उसकी इज्जत थी दिल में ,एक प्यार था उसके लिए,उसे दुखी देखकर दुख होता है,उसके हंसता देखकर दिल खिल जाता है ,उसके लिए गलत सही का फर्क करने का जी नही चाहता जो वो बोले बस करदो ऐसा लगता है ,उसके प्यारे से चहरे को बस देखते रहने का दिल करता है,उसके होठो में बस मुस्कान हो और उस होठो को मैं प्यार करू बस यही लगता है,उसके जिस्म के हर कटाव पर अपनी जान लुटा दु कुछ ऐसा लगता है,उसके मासूम से चहरे में बस खो जाऊ थोड़ा ऐसा भी लगता है,पाने की चाह से ज्यादा कुछ देने का मन करता है ...अरे ये क्या हो गया ,मैं तो अपनी कहानी बता रहा था ना..

ओह फिर से ये साला दिल दिल दिल .

ओके कहानी में आते है.

तो मालती के घर से कुछ नही मिला ,लेकिन सपना को जैसे बहुत कुछ मिल गया हो ,सारे फाइल्स की फ़ोटो खिंचकर उसने अपने पास रख लिए,मैं भी उसे रख सकता था लेकिन साला इतना टेंसन था और कोन नया टेंसन पाले .

कुछ दिन बाद ही एक और जबरदस्त न्यूज़ मिली की सपना ने गौरव के सामने अपने कपड़े निकाल दिए लेकिन उसने कोई भाव नही दिया..

साला सच में चूतिया था गौरव ,लेकिन कहते है की चूतिया लोग ही सारे मजे लूट ले जाते है,सपना उसके लिए अपने कपड़े खोल रही थी ,पूर्वी खोलने वाली थी और हम साला बस सपने में ही जी रहे थे..

इसके बाद से सब कुछ बदलने लगा,पूर्वी जैसे बौखला गई और सीधे मेरी बीवी बनने की बजाय उस फटीचर प्रोफेसर की बीवी बन गई ,सपना गंभीर हो गई और पता नही उसे क्या चस्का चढ़ा जो बिजनेस ना सीखकर केमेस्ट्री सीखने लगी ,और मेरा बाप मुझपर फुलटू गुस्सा हुआ,उसके हमेशा का सपना मैंने एक ही पल में तोड़ दिया,ना तो सपना मेरी रही ना ही पूर्वी .

अब मुझे बिजनेस सम्हालने की जिम्मेदारी मिल गई ,जैसे तैसे सब सम्हाल रहा था ,सपना और पूर्वी के पिता जी के कहने पर मैंने पूर्वी को अपने पास जॉब दिया,सच कहु तो मुझे अपनी जिंदगी और बिजनेस दोनों में ही उसकी जरूरत थी,फिलिग्स तो अब भी उसके लिए थी लेकिन दूसरे की बीवी को कितना ही लाइन मरोगे यार ,खासकर जब वो आपकी सबसे अच्छी दोस्त हो,

लेकिन सपना अब भी हार मानने वाली नही थी ,पता नही उसके दिमाग में कहा कहा से एक से एक आईडिया आते रहते थे,वो अब गौरव के साथ काम करने लगी,मुझे फिर से पूर्वी को दिलाने का वादा भी किया,और फिर गौरव को cukold बनाने की बात करने लगी,मुझे लगा की इसका दिमाग ही फिर गया है लेकिन वो सपना थी,कुछ तो सोचा होगा उसने..

उसने अपना आईडिया बताया ,अगर ऐसा हो सकता था तो मैं इसके लिये कुछ भी करने को तैयार था,अब लगा की फिर से शिलाजीत और अशवगंधा खाने का वक्त आ गया है .

मैंने अपने बावर्ची से रोज शिलाजीत और केसर मिलाकर दूध देने को कह दिया था,वो भी साला समझ गया की रोहन इस बेक into फॉर्म.

अब दो किलो की जगह 5 किलो दूध पीने का वक्त आ गया था.

क्योकि अब जिम में ही धमाल मचने वाला था..
 
अध्याय 18

नोट-अब स्टोरी कोई कैरेक्टर नही सीधे राइटर कहेगा

******

अपने केट फाइट का नाम तो सुना होगा,दो बिल्लियों की लड़ाई,सबसे ज्यादा मजा देखने वाले को ही आता है,वही हाल अब जिम का था,कभी पूर्वी ज्यादा एक्सपोज़ करती तो कभी सपना,और दोनों में वंहा बैठे मर्दों की चांदी हो रही थी.

सबसे ज्यादा मजा आ था रोहन को ..

"लगता है शादी के बाद तुम थोड़ी सी भर गई हो "

रोहन ने पूर्वी को जलाने के लिए कहा,पूर्वी दर्पण में अपने कर्व को देखने लगी

"क्या सचमे ,कहा से "

रोहन ने आंखों से ही उसके कूल्हों को देखा,पूर्वी ने उसे घुरा लेकिन अगले ही पल उसके होठो में मुस्कान आ गई ..

गौरव थोड़ी दूर ही खड़ा हुआ उनकी बात सुन रहा था,और वो बेखबर थे..

"देखा लैला मजनू की क्या जोड़ी है ,है ना.."

सपना की आवाज से गौरव का ध्यान उसकी ओर गया..

"सच बताओ गौरव तुम्हे जलन नही होती "

सपना के सवाल का उसके पास कोई भी जवाब नही था,और अगर होता भी तो वह उसे जवाब देना मुनासिब नही समझता .

वो फिर से अपने वर्क में लग गया,ये जानबूझ कर किया गया था या अनजाने में ये तो उसे नही पता लेकिन हा गौरव और पूर्वी का वर्कआउट प्लान अलग अलग था,जैसे जिस दिन गौरव को चेस्ट में काम करना था उस दिन पूर्वी को बाइसेप्स ट्राइसेप्स और फोरआर्म पर ,इस बात से गौरव थोड़ा तो झुंझला गया था..

जिस मशीन को गौरव यूज़ कर रहा था सपना भी उसे यूज़ कर रही थी .

"हमारा वर्कआउट प्लान एक ही है ,तुम मेरे साथ ही वर्कआउट करोगे,और रोहन पूर्वी के साथ "

सपना मुस्कुरा रही थी..

"ये क्या बेहूदगी है .."

गौरव प्लान चेंज करवाने के लिए काउंटर की तरफ बढ़ा ,लेकिन सपना ने उसका हाथ पकड़कर रोक दिया ,

"अब ये मत कहना की तुम्हे अपनी बीवी पर भरोसा नही है ."

उसने एक व्यंग मारा..

"शायद पूर्वी को तो यही लगेगा की तुम्हे उसपर भरोसा नही है इसलिए तुम प्लान चेंज करवा रहे हो .."

आख़िर वो उसके सवाल का क्या जवाब देता..

"ऐसी कोई बात नही है बस मैं पूर्वी के साथ वर्कआउट करना चाहता हु "

सपना खिलखिलाकर हँस पड़ी

"अब मैं इतनी भी बुरी तो नही,अरे थोड़ा मजा उन्हें भी करने दो और थोडा तुम भी करो"

गौरव सच में झुंझला गया था

"मैं यंहा मजे करने नही आया हु "

वो गुस्से में पूर्वी और रोहन की तरह बढ़ा..

इधर

"इसे ऐसे नही मेरी जान थोड़ा स्ट्रेट पकड़ो "

रोहन पूर्वी के कमर को पकड़े हुए उसे एक वर्कआउट करवा रहा था,गौरव उसे देखकर थोड़े ही दूर में रुक गया,उसे ये सब देखकर गुस्सा तो बेहद आ रहा था लेकिन यंहा भीड़ में कर भी क्या सकता था..

"यार रोहन ये कैसा प्लान तैयार किया है ,गौरव जी कहा है "

"वो सपना के साथ वर्कआउट कर रहे है "

पूर्वी अचानक से खड़ी हो गई

"वाट,तुम पागल हो क्या "

तभी उसकी नजर गौरव पर पड़ी उसने खुद को सम्हाल और उसकी ओर मुस्कुरा कर देखने लगी ,गौरव को इतना तो समझ आ चुका था की जो भी हो रहा है उसमें सपना का कोई हाथ नही है .

रोहन भी अब गौरव को देख चुका था

"कम आन यार तुम लोग भी इससे हमारे बीच थोड़ी अंडरस्टैंडिंग बनेगी ,ऐसे भी दिन भर तो हम साथ रहते ही है "

रोहन ने एक सफाई दी

"इसलिए तो मैं कह रही हु की मेरा और गौरव का प्लान एक साथ रखो,हम दोनों तो दिन भर साथ रहते ही है अब यंहा भी तुम्हे साथ मस्ती करनी है "

साथ मस्ती करनी है ...ये बात गौरव के दिमाग में घूम गई इसका मतलब क्या हुआ,एक साफ सा मलतब तो ये था की वो काम के दौरान भी मस्ती करते है ,क्या वैसी ही मस्ती जो ये यंहा कर रहे है ,यू कमर को झुना और यू पूर्वी के कूल्हे को सरेआम देखना ..

गौरव का गाला थोडा सुख गया वो थोडा नर्वस हो चुका था..

"तुम कुछ क्यो नही बोल रहे हो गौरव "

पूर्वी ने अब बात गौरव के ऊपर पटक दिया ..

गौरव थोड़ा हड़बड़ाया वो अब भी अपनी दुनिया में खोया हुआ था..

"क्या ..क्या बोलूं मैं जैसा इन्हें ठीक लगे,ऐसे भी इंस्ट्रक्टर तो यंही है "

गौरव जैसे अनजाने में ही बोल गया था

"देखा एक तुम्हारे पति देव है और एक तुम हो जो इनपर ही शक करती हो "

रोहन ने पूर्वी पर एक जोक मार दिया

"मैंने कब शक किया "

वो भी चौकी

"और नही तो क्या,तुम ये नही चाहती की गौरव सपना के साथ वर्कआउट करे इसलिए ऐसा बोल रही हो है ना,सपना से इतना डर या फिर गौरव पर भरोसा नही है"

उसकी बात सुनकर पूर्वी ने एक बार गौरव की ओर देखा,गौरव भी दंग था क्योकि ऐसी ही कुछ बात अभी अभी सपना ने उससे कही थी ..साले दोनों का सुर एक ही है ..गौरव ने अपने ही मन में सोचा..

"ऐसी कोई भी बात नही है समझे,ना ही मैं सपना से डरती हु ना ही मुझे गौरव पर कोई शक है ,मुझे इनपर अपनी जान से भी ज्यादा भरोसा है "

पूर्वी ने ऐसे कहा जैसे वो जवाब नही क्यो सफाई दे रही हो ..

और रोहन हँस पड़ा

"झूठी कही की अगर ऐसा है तो यही प्लान चलने दो क्या प्रॉब्लम है "

अब पूर्वी भी चुप थी वो अब गौरव को देख रही थी इस उम्मीद से की गौरव कुछ बोलेगा ,लेकिन गौरव बोलता भी क्या की उसे पूर्वी पर शक है ,और वो नही चाहता की वो रोहन के साथ वर्कआउट करे...नही ये तो नही बोल सकता था

"यार वो सब ठीक है लेकिन सच कहु तो मैं सपना के साथ थोड़ा अनकम्फेर्टेबल हु "

गौरव ने अपनी बात रखी

"अरे यही तो मौका है अपनी दूरियों को कम करने का,वरना उसके साथ काम कैसे कर पाओगे .."

रोहन झट से बोल गया ,गौरव का तो नही पता लेकिन पूर्वी उसके आंखों में नाचते हुए शैतान को जरूर देख पा रही थी , पूर्वी को लगा की रोहन असल में उसके ऊपर चांस मारने के लिए ये सब कर रहा है.

"ठीक है ओके एक सप्ताह देखते है,लेकिन अगर अगले सप्ताह सही नही लगा तो .."गौरव ठंडे स्वर ने कह गया

"बिल्कुल कोई प्रॉब्लम नही तुम लोग जब बोलो प्लान चेंज कर देंगे .."

रोहन की बात से गौरव को थोड़ी शांति मिली,समझने वाली बात ये थी की सपना की किसी को कोई भी परवाह ही नही थी ,पूर्वी सोच रही थी की इस प्लान के चलते कही रोहन उसपर ट्राय ना मारे और गौरव सोच रहा था की इस प्लान के चलते कही रोहन पूर्वी पर ट्राय ना मारे,मलतब दोनों ही एक ही बात को सोच रहे थे,सपना क्या करेगी इसकी किसी को फिक्र ही नही थी ..

क्यो....??

क्योकि पूर्वी को गौरव पर पूरा भरोसा था ..

यही बात आखिर रोहन ने पूर्वी से पूछ ली

"तुम सोच रही हो की इस प्लान के चलते मैं तुम्हारे करीब आने की सोच रहा हु...है ना ,ऐसे तुम सही सोच रही हो ."

रोहन मुस्कुरा रहा था,पूर्वी ने एक मुक्का उसके पेट में दे मारा

"जानती हु तेरी नियत को ,बेचारे गौरव जी को उस चुड़ैल के साथ फंसा दिया "

रोहन थोड़ा जोरो से हंसा लेकिन फिर गंभीर भी हो गया,पूर्वी उसके चहरे के बदलते हुए रंग को देख रही थी

"मुझे लगता है की गौरव को भी इसी चीज से प्रॉब्लम है की कही मैं तुम्हारे करीब ना आ जाऊ"

उसने कांच से गौरव की ओर देखा वो सच में नजर बचा बचा कर उन्हें ही देख रहा था..

पूर्वी कुछ भी नही बोली

"ये सच है ना की तू तो गौरव पर पूरा भरोसा करती है,उस लड़की के साथ रहने पर भी कंफर्टेबल है जिसे तू बिल्कुल उसके पास नही देखना चाहती लेकिन गौरव...गौरव तुझपर शक करता है .."

रोहन की बात से पूर्वी ने उसे गुस्से से घुरा तो जरूर लेकिन कही ना कही उसे ये सही लग रहा था.

"उसे ये परवाह नही है की उसके साथ सपना है उसे ये परवाह है की तेरे साथ मैं हु "

रोहन ने ठंडे स्वर में कहा

"रोहन तू ज्यादा बोल रहा है .."पूर्वी ने अपना गुस्सा दिखा ही दिया

"ह्म्म्म मेरी बात पर क्यो यकीन करने लगी,घर जाकर देखना जब वो तुझसे यही सब सवाल पूछेगा ...चल आज तेरा पहला दिन है तो इतना काफी है वरना जकड़ आ जाएगा "

वो पसीना पोछते हुए वंहा से निकल गया था ,वही पूर्वी अभी भी उस सोच में डूबी हुई थी क्या सच में गौरव उसे कुछ कहेगा .??

*************

इधर

"क्यो सर अपनी बीवी को उसके बॉयफ्रेंड के साथ देखकर मजा आ रहा है "

सपना की इस बात से गौरव गुस्से में लाल हो गया था,वो कांच के जरिये रोहन और पूर्वी को बाते करता हुआ देख रहा था..

"तुम अपनी बकवास बंद करो वरना यही उठाकर मारूंगा .."

उसने अपने हाथो में पकड़ा हुआ डंबल सपना को दिखाया

सपना उसकी हरकत से जोरो से हँस पड़ी क्योकि उसने गौरव को ऐसी बात करते कभी नही सुना था ,वो तो अभी तक एक सीधे साधे आदमी की छबि लेकर बैठा था..

"इसे कहते है हॉट वाइफ का बेचारा पति.."

सपना आगे को जाने लगी लेकिन फिर अचानक से पीछे मुड़ी

"ऐसे सर एक सलाह देना चाह रही हु,घर जाकर ये गुस्सा पूर्वी पर मत दिखना उसे पसंद नही आएगा की कोई उसके बॉयफ्रेंड के बारे में गलत कहे .."

"पूर्वी मेरी बातों को समझती है .."

गौरव ने उसे घृणा की दृष्टि से देखा

"ओह तो आजमा कर देख लेना की आखिर पूर्वी क्या उत्तर देती है .."

सपना के होठो में कमीनी सी मुस्कान खिली और वो आगे निकल गई ...
 
अध्याय 19

घर जाते वक्त पूर्वी और गौरव दोनों ही चुप चाप थे ,दोनों ही अपने किसी काल्पनिक दुनिया में खोए से लग रहे थे..

घर जाते ही पूर्वी बेडरूम में घुसने लगी लेकिन तभी उसे गौरव की आवाज आयी ..

"तुम्हे ऐसे शो ऑफ नही करना चाहिए ,आखिर अब तुम मेरी बीवी हो .."

गौरव की बात सुनकर पूर्वी आश्चर्य से उसे देखने लगी..

"शो ऑफ ..??? कहना क्या चाह रहे हो आप "

पूर्वी बेडरूम में ना जाकर फिर से ड्राइंगरूम कम हाल में आ गई

"यही की तुम मेरी बीवी हो और मुझे ये सब पसंद नही की तुम उन लोगो के सामने ऐसे कपड़े पहनो "

गौरव बोल तो रहा था लेकिन फिर भी वो पूर्वी से नजर नही मिला रहा था वही पूर्वी की निगाह आश्चर्य से उसके ऊपर ही टिकी हुई थी ..

"कैसे कपड़े गौरव...क्या वंहा साड़ी पहन कर जाऊंगी "

पूर्वी का ऐसा जवाब आएगा ये तो गौरव ने भी नही सोचा था,उसने अपना सर उठाकर पूर्वी को देखने लगा

"मैं ये तो नही कह रहा की साड़ी पहनो लेकिन जिस्म की नुमाइश करना कहा तक सही है ."

पूर्वी को ना जाने क्या हुआ वो आश्चर्य से हँस पड़ी

"जिस्म की नुमाइश..? आप ये क्या बोल रहे है आपको पता भी है ..??आपको लगता है की मैं वंहा अपने जिस्म की नुमाइश कर रही थी,"

गौरव उसकी बात सुनकर चुप ही था लेकिन वो अब भी पूर्वी से नजर नही मिला था जैसे वो उससे बहुत गुस्सा हो ..

"गौरव जी मेरे शरीर में अगर कटाव है तो वो तो दिखेंगे ही ना,और शादी से पहले भी तो मैं ऐसे ही कपड़े पहनकर जिम जाया करती थी "

"शादी से पहले की बात और थी पूर्वी लेकिन अब ..तुम मेरी बीवी हो और कोई दूसरा मर्द तुम्हे .."

गौरव कुछ बोले उससे पहले ही पूर्वी बोल उठी

"एक मिनट एक मिनट क्या मतलब है दूसरे मर्द से ..आप रोहन की बात तो नही कर रहे है ना ."

पूर्वी को रोहन की बात याद आ गई वही गौरव को सपना की .

दोनों की बाते सही होती हुई दिखाई दे रही थी .

"मैं रोहन की बात नही कर रहा हु पूर्वी ...लेकिन फिर भी हा वो भी तो दूसरा मर्द है ना "

इस बार गौरव का सर उठा हुआ था और वो सीधे पूर्वी की आंखों में झांक रहा था..

"वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है ,ये आपको भी पता है ,और साथ ही वो मेरा बॉयफ्रेंड भी रह चुका है ये भी आपको पता है ,और वो क्या मेरे कर्व देखेगा,मैं खुद उसके सामने नंगी हो चुकी हु और ये भी आपको पता है ."

पूर्वी को गौरव पर पहली बार इतना गुस्सा आया था ,वो क्या बोल रही थी ये उसे भी नही पता था..लेकिन उसकी बात से गौरव और भी भड़क उठा था ..

"नंगी देख चुका है इसका मतलब ये तो नही की अब भी उसके सामने नंगी हो जाओगी "

गौरव पहली बार पूर्वी से इतने जोरो से बात की थी ,इस बार पूर्वी फफक कर रो पड़ी .

"आप मेरे बारे में ये सोचते हो मैंने सोचा भी नही था,आपको लगता है की मैं अपने जिस्म की नुमाइश करती हु क्योकि मुझे मर्दों को आकर्षित करना है,खासकर रोहन को ..और आप ये सोचते हो की मैं उसके सामने अब भी नंगी हो जाऊंगी ...शेम ऑन यु गौरव.."

वो रोती हुई बेडरूम में भागी और दरवाजा बंद कर लिया ..

गौरव अब भी कन्फ्यूज था की बात कहा से कहा चली गई थी ,उसके बोलने का ये मतलब तो नही था.

पूर्वी सीधे ऑफिस के लिए निकल गई उसने गौरव से कोई बात नही की वही गौरव ने भी कुछ बोलना सही नही समझा ,उसने अपनी घड़ी देखी और सीधे कालेज चला गया .

***************

"तो अपने पूर्वी से सवाल कर ही दिया,आपकी शादी का पहला झगड़ा "

गौरव के लेब में घुसते ही पहला सवाल किया उसके होठो में हल्की सी मुस्कान थी ,जिसका जवाब देना गौरव ने सही नही समझा ..

वो जाकर अपना काम करने लगा ..

"रोहन ने बताया की पूर्वी आज उदास है ,मुझे समझ आ गया की क्या हुआ होगा "

गौरव को कोई जवाब देता नही देखकर सपना बोली

"इट्स नाट योर मेटर..इससे दूर ही रहो."

गौरव ने सीधा सा जवाब दिया ..

सपना मुस्कुराने लगी ..

"शाम को जब वो आये तो उससे माफी मांग लेना"

इस बार गौरव ने सपना को देखा वो अब भी मुस्कुरा रही थी

"मैं किस गलती की माफी मांगूंगा उससे "

सपना गौरव के पास गई और अपना हाथ उसकी छाती पर रख दिया

"गलती किसी की भी ,लेकिन लड़कियों को ये अच्छा लगता है की उनका पति उससे माफी मांगे,अगर आप उससे मांफी मांगेंगे तो यकीन मानिए ,वो भी आपसे माफी मांगेगी ...और उसके बाद जो होगा उसके लिए आप कल मुझे धन्यवाद बोल सकते है .."

सपना की बात से गौरव उसे आश्चर्य से देखने लगा

"क्या होगा ..और तुम्हे हमारे रिश्ते की कब से इतनी चिंता हो गई ??"

सपना थोड़ी हंसी

"मैं कभी नही चाहती की आपका रिश्ता पूर्वी से टूटे.."

वो गौरव के और भी पास आ चुकी थी ,गौरव को उसकी सांस अपने चहरे में महसूस हो रही थी,सपना के बोलना जारी रखा

"मैं बस ये चाहती हु की हम भी थोडा मजे ले ले "

उसकी इस हरकत से गौरव बुरी तरह से घबरा गया और तुरंत ही उससे दूर हो गया ..

उसकी इस हरकत और घबराहट को देखकर सपना जोरो से हँस पड़ी ..

"यकीन मानिए सर ,आज माफी मांग लेना ,चलिए अब काम करते है .."

सपना मुस्कुराते हुए पास रखी फाइल उठा लेती है ..

***********

इधर

"ह्म्म्म तो मेरी बात सच हो गई क्यो ?"

पूर्वी को उदास देखकर रोहन उसके केबिन में आ जाता है

उसे देखते ही पूर्वी अपने आंसू पोछने लगी

"उस कमीने ने तो मेरी जान को रुला दिया "

रोहन,पूर्वी के चेयर के पास आकर डेस्क में बैठ जाता है और पूर्वी के आंखों से गिरते हुए आंसू को अपने हाथो से साफ करता है .

"मैंने सोचा नही था की गौरव मेरे बारे में ये सब सोचते है "

पूर्वी फिर से सुबकने लगी थी ,रोहन उसके पास जाकर उसके सर को अपने गोद में रख लेता है और उसके बालो को सहलाता है ..

"साले सारे मर्द होते ही ऐसे है ,अपनी बीवी को खुश नही देख सकते ,और वो साला बुड्ढा इतनी हॉट वाइफ मिली है कुछ तो इज्जत करनी चाहिए "

इस बार पूर्वी ने रोहन को गुस्से से देखा लेकिन उसके होठो में मुस्कान थी

"वो मेरे पति है कोई बुड्ढे नही "

हल्के गुस्से के बावजूद रोहन की बात से पूर्वी के होठो में हल्की सी मुस्कान बिखर गई थी ..

"बुड्ढा है इसलिए तो अपनी जवान बीवी पर शक करता है ,यार पूर्वी सच बताना बिस्तर में तो खत्म ही हो जाता होगा ना,इस उम्र में वो भी इतनी हॉट बीवी के साथ .."

रोहन बोल कर हँसने लगा वही पूर्वी उसे मारने लगी

"यु....कुछ भी बोलता रहता है .."

थोड़ी देर में ही दोनों चुप हो गए

"यार पहली बार हमारी ऐसी लड़ाई हुई है,उन्होंने कभी मुझसे ऐसे बात नही की बहुत गुस्से में लग रहे थे.."

पूर्वी फिर से उदास सी हो गई

रोहन ने एक गहरी सांस ली

"यार तुम्हे सॉरी बोल देना चाहिए "

पूर्वी ने एक बार आश्चर्य से रोहन को देखा

"बिना गलती के सॉरी कैसे बोल दु .."

पूर्वी बोल तो रही थी लेकिन धीमे आवाज में

"अरे यार ये पति होते ही ऐसे है ,लेकिन यकीन मानो अगर तुम उसे पहले सॉरी बोलीगी तो वो भी तुम्हे सॉरी बोलेगा,और उसके बाद जो होगा की काल तुम तुझे थैंक्स बोलोगी "

गौरव की बात सुनकर पूर्वी के होठो में फिर से मुस्कान आ गई ...रोहन उसके चहरे को घूर रहा था

"ऐसे क्या देख रहा है "

"तू सच में कितनी प्यारी लगती है मुस्कुराते हुए ,साला लकी बास्टर्ड "

पूर्वी ने अपने निचले होठो को अपने दांतो में दबाते हुए रोहन के बाजुओं में एक मुक्का मार दिया ..

"जैसे भी है मेरे पति है"वो मुस्कुराते हुए बोली

"साला यही तो दुख है .."

दोनों ही मुस्कुरा उठे ....

*****************

शाम का समय था,गौरव पूर्वी की बेसब्री से राह देख रहा था,दरवाजा खुला और सामने पूर्वी उसे मुस्कुराते हुए दिखी,और अंदर आते ही ..

"आज जो भी हुआ उसके लिए सॉरी "

गौरव की बात सुनकर पूर्वी के होठो की मुस्कुराहट और भी बढ़ गई थी ,वो उसके पास जाकर अपना बेग सोफे में फेक दिया और उसके गले से लग गई

"सॉरी बेबी मैंने भी ना जाने क्या क्या कह दिया .."

पूर्वी उसके सीने से लग गई,और गौरव ने उसे और भी जोरो से जकड़ लिया,

"आई लव यु पूर्वी ..सबसे ज्यादा किसी भी चीज से ज्यादा ,बस यही डर लगता है की तुम मुझसे बिछड़ ना जाओ"

गौरव ने पूर्वी को ऐसे कस लिया था की वो हिल भी नही सकती थी,जैसे वो उसे किसी भी हाल में खोना नही चाहता ..

"मैं तो हमेशा से आपकी ही हु आप ही शक करते रहते हो.."

पूर्वी सुबक रही थी और उसके आंखों के पानी को गौरव अपने सीने में महसूस कर पा रहा था,उसने पूर्वी का चहरा पर उठाया पूर्वी के होठो में एक मुस्कान खिल गई लेकिन उसके आंखों में पानी अब भी बरकरार था,गौरव ने बेहद ही प्यार से उसके होठो का पानी अपने मुह में भर लिया..पूर्वी ने अपनी आंखे बंद कर ली थी..

"एक बात कहु बुरा तो नही मानोगी "

गौरव उसके गालों में एक किस करने के बाद बोला

"हम्म्म्म"

"आज तुम उन कपड़ो में बहुत ही सेक्सी लग रही थी "

गौरव की बात सुनकर पूर्वी की मुस्कान और भी बढ़ गई लेकिन उसने उसका कोई भी जवाब नही दिया बल्कि गौरव को और भी जोरो से कस लिया ..

"बेबी तुम रोज वैसा ही कपड़ा पहना करो लेकिन ."

पूर्वी ने अपना चहरा गौरव के सीने से उठाकर फिर से उसकी आंखों में देखा

"लेकिन मुझे बहुत जलन सी होती है जब कोई दूसरा तुम्हे घूरता है "

पूर्वी तो इस बार लगभग हँस ही पड़ी ,लेकिन उसने कुछ भी नही कहा और अपने हाथो से गौरव के गालों को मलती रही ..

"ऐसे जान थोड़ा जलना सेहत के लिए अच्छा होता है "पूर्वी की इस बात से गौरव भी मुस्कुरा उठा..

"मतलब तुम ऐसे ही जिम जाओगी "गौरव ने मुस्कुराते हुए कहा ,लेकिन पूर्वी ने फिर से उसे जकड़ लिया

"नही जैसा आप कहे वो पहनूँगी "

पूर्वी और भी जोरो से अपने चहरे को गौरव के सीने में गाड़ने लगी थी .

"ह्म्म्म तो कल से साड़ी में जाना "

गौरव की बात सुनकर पूर्वी ने अपना चहरा उठाया और आश्चर्य से गौरव को देखने लगी गौरव जोरो से हँस पड़ा .

पूर्वी उसे झूठे गुस्से से देख रही थी और देखते ही देखते उसने गौरव का चहरा पकड़कर अपने पास खिंच लिया और उसके होठो में अपने होठो को भर दिया .

"umuuuuuu"

दोनों होठ अब लार से भीग रहे थे,उस गीले अहसास में दोनों ही खोने लगे थे,सांस एक दूसरे से टकराती और गर्म मालूम हो रही थी और कोई भी पीछे हटने को तैयार नही था,गौरव ने भी पूर्वी को पूरी ताकत से जकड़ लिया,उसका हाथ पूर्वी के पीठ पर था लेकिन अब वो कमर के पास पहुच चुका था,दोनों ही एक दूसरे की मदहोशी में खोने को तैयार थी,

जंहा पूर्वी अपने दोनों हाथो से गौरव के सर को पकड़े हुए उसे अपनी ओर खिंच रही थी वही गौरव का हाथ पूर्वी के सलवार सूट के ऊपर से ही उसके नितंबो को सहलाने लगा था,वो नाजुक गद्देदार नितंबो का अहसास उसे और भी उत्तेजित कर रहा था,

"आई लव यु जा...न."पूर्वी एक सेकंड लिए ही उससे अलग रह पाई और फिर से गौरव के होठो पर टूट पड़ी .

गौरव ने उन मुलायम कूल्हों को और भी जोर से अपनी ओर खिंच लिया था,पूर्वी अपने पैरों को और खोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन अभी भी दोनों खड़े ही थे,पूर्वी अपने कमर को हिलाकर गौरव के कमर पर रगड़ने लगी थी,पूर्वी के जांघो के बीच का हिस्सा गौरव के एक जांघ से रगड़ कहा रहा था और उसका कोमल अहसास गौरव को दीवाना बना रहा था,उसने अब देर करना उचित नही समझा और पूर्वी को सोफे पर ही पटक दिया ,पूर्वी अब सोफे पर लेटी हुई थी वही गौरव उसके ऊपर छा गया था.

दोनों के होठ फिर से मिल चुके थे वो एक दूसरे के बदन को भरपूर सहला रहे थे,अपने और भी करीब लाने की कोशिश कर रहे थे..

अब जाकर गौरव ने पूर्वी की चुनरी हटा दी और उसके गले को चूमने लगा,पूर्वी अब उसके सर को पकड़े हुए उस अहसास में डूबने लगी .

"आह ..आउच .."गौरव पूर्वी के वक्षो को अपने दांतो से काटने लगा था,पूवी उतेजना में सिसकियां लेने लगी थी,गौरव का हाथ अब पूर्वी के सलवार के नाड़े पर जा टिका था,एक ही झटके में वो नाडा खुल गया और देखते ही देखते सलवार पूर्वी के जिस्म से अलग हो चुका था,गौरव ने नीचे हाथ फेरा तो पाया की पूर्वी के जांघो के बीच बहुत सा पानी भ चुका है ,वो पूरी तरह से गीली थी और तैयार थी,वो अपनी उंगलियों की सहायता से पूर्वी की पतली पेंटी को नीचे करने लगा,पूर्वी भी कमर उठकर उसका साथ देने लगी ,इस बार गौरव का सर नीचे जाने लगा था,वो पूर्वी के जांघो के बीच साफ सुधरी सी जगह पर पहुच चुका था जंहा से पूर्वी का काम रस निकल रहा था,उसने देर ना करते हुए उस खारे पानी के झरने पर अपनी जीभ फेर दी ,

"ओओओओओओओओओओओओ गौरव...प्लीज नही "

पूर्वी के मुह से निकले हुए सिसकी ने गौरव को समझा दिया की पूर्वी के ना में ही उसकी हा है ,वो और भी जोश से अपनी जीभ को पूर्वी के योनि में फेरने लगा ,

"आह बेबी मैं मर जाऊंगी ,ओह गौरव मेरी जान ...माय बेबी.."

पूर्वी ने पूरी ताकत से गौरव का सर पकड़ रखा था वो उसे और भी ज्यादा दबा रही थी..

"बेबी प्लीज् कम इनसाइड मि "आखिर पूर्वी ने कह ही दिया

गौरव कैसे अपनी प्यारी पत्नी की इस इच्छा को ठुकरा सकता था उसने जल्दी से अपनी पेंट उतारकर फेक दी और अपने लिंग को सीधे ही पूर्वी की गीली चिपचिपी योनि में डाल दिया

"आह बेबी आई लव यु.."इस बार दोनों ही एक साथ बोल उठे थे,कमर चलने लगी थी और सिसकियों से कमरा गूंजने लगा था,गौरव पूर्वी के सूट में हाथ डालकर उसके सुडौल वक्षो से खेलने लगा था ,कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी और गौरव किसी पिस्टन की तरह अपने कमर को हिला रहा था,आज तो पूर्वी भी आश्चर्य में थी की आखिर गौरव को हुआ क्या है वो आज झड़ने का नाम ही नही ले रहा था और पूर्वी भी किसी स्वर्ग में चली गई थी,वो आंखे बंद किये अपने प्यार को अपने अंदर बाहर होता हुआ महसूस कर रही थी,चमड़ी के घिसन से मिलने वाले सुख से भी ज्यादा प्यार में खो जाने का सुख दोनों के भीतर भर गया था..

"आई एम कमिंग बेबी"

गौरव जैसे दहाड़ा और थोड़ी ही देर में दोनों ही शांत होकर ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे ..

इस तूफान में गौरव और पूर्वी दोनों ही भूल गए थे की उन्होंने दरवाजा बंद ही नही किया है और कोई दरवाजे में खड़ा हुआ उन्हें देख रहा है.......
 
अध्याय 20

जब वासना का तूफान थम जाए तब ही आसपास की कुछ सुध आती है, गौरव और पूर्वी को भी अभी अभी सुध आया था ,पूर्वी बिजली की फुर्ती से खड़ी हुई और पास पड़े कपड़ो को उठाते हुए सीधे अपने कमरे में भागी,गौरव की भी नजर उसपर थी,वो भी अपने अंगों को छुपाने की असफल प्रयास करता रहा और जल्दी से नीचे पड़े कपड़ो को उठता हुआ अंदर भागा,उसके अंदर जाते तक पूर्वी जैसे तैसे अपने कपड़ो को पहन कर तुरंत ही बाहर आयी थी,

वो दौड़ते हुए दरवाजे के पास पहुची ..

"अरे मेडम रुकिए ना"

मालती में गेट तक जा चुकी थी,वो मुस्कुराते हुए पलटी

"मुझे माफ करना शायद मैं गलत समय में आ गई "

"नही नही ,हम ही बेरखबर हो गए थे,माफी तो हमे मांगनी चाहिए,आइए ना अंदर "

पूर्वी के आग्रह पर मालती फिर से पलट कर उसके ओर आने लगी तब तक गौरव भी अपने कपड़े पहन कर बाहर आ चुका था,असल में जब मालती आयी थी तो ये दोनों अपने प्रेम लीला में व्यस्त थे,और मालती की आंखे इन दोनों पर ही जम गई लेकिन जैसे ही उनका तूफान शांत हुआ और पूर्वी और मालती की नजर मिली पूर्वी के साथ साथ मालती भी हड़बड़ा गई ,वो तुरंत वंहा से जाने लगी लेकिन पूवी ने वापस आकर उस फिर से रोक लिया .

"कम से कम गेट तो बंद कर लिया करो "

मालती ने पूवी को छेड़ा जिसका जवाब पूर्वी ने केवल मुस्कुराते हुए शर्मा कर रह गई ..

मालती कमरे में आ चुकी थी और सोफे में बैठ गई थी ,पूर्वी उसके लिए पानी लेने गई थी तभी गौरव भी प्रगट हुए.

ना ही गौरव ने कुछ कहा ना ही मालती ने..बस मालती की आंखों में गौरव ने अपने लिए एक गुस्सा देखा

पूर्वी पानी लेकर आ चुकी थी और सभी शांत थे ,

"असल में गौरव तुम्हे ये फाइल देनी थी ,आज नही दे पाई सोचा की कल ऑफिस में दूंगी लेकिन फिर सोचा की घर ही चलु पूर्वी से मिले भी बहुत दिन हो चुके है .

मालती की बात से पूर्वी बहुत ही खुश हो गई लेकिन गौरव के चहरे में कोई भी एक्सप्रेसन नही आया

"अच्छा किया मेडम आप आ गई इसी बहाने हमारी मुलाकात तो हो गई ."पूर्वी ने आभार भरे शब्दो में कहा

"हा लेकिन समय गलत हो गया अगले बार काल करके आऊंगी "

मालती की बात से पूर्वी का चहरा लाल हो गया था वो अपना सर झुककर बैठ गई ,वही मालती ने फिर से गौरव को देखा,अभी अभी कुछ देर पहले आया हुआ मुस्कान अचानक से मालती के चहरे से हट चुका था और उसकी आंखों में एक नाराजगी और गुस्सा देखकर गौरव सहम गया ....

*********

उसी रात

पूर्वी के पिता के घर रोहन ,पूर्वी के पिता कपूर साहब और सपना बैठे हुए ड्रिंक कर रहे थे,कपूर साहब अब नशे में थे.

"उस मादरचोद को मैं नही छोडूंगा ."

कपूर साहब ने कहा ,फिर अचानक से उसे सपना का ख्याल आया

"ओह सॉरी बेटा वो मुह से निकल गया "

"कोई बात नही अंकल ,लेकिन आखिर गौरव पर इतना गुस्सा क्यो ,माना की वो गरीब है लेकिन टैलेंटेड है ,पूर्वी को खुश रखेगा और आपकी इतनी प्रोपर्टी है उसे सम्हालने बोलिये ."

कपूर साहब का चहरा और भी उतर गया

"बेटा सोचा था की पूर्वी की शादी धूमधाम से करवाऊंगा,रोहन से उसकी शादी करवाऊंगा,तेरे बाप को जलाऊंगा ,लेकिन ...लेकिन तेरा बाप अब मुझपर हंसता होगा की मेरा दामाद फटीचर है "

उन्होंने एक और घुट जल्दी से पी लिया

"नही अंकल असल में उन्हें भी बेहद दुख है इस बात का की पूर्वी इस हालत में है ,जैसे अपने कभी मुझमें और पूर्वी में कोई भेद नही किया वैसे ही मेरे पिता भी उसे मेरे जैसा ही प्यार करते है,शायद मुझसे भी ज्यादा,आखिर वो उनके सबसे बड़े दुशमन की बेटी जो है "

सपना की बात पर कपूर साहब खिलखिलाकर हँस पड़े,

"सही कहा बेटी ये तो मैं भी मानता हु की लखानी भी पूर्वी को बहुत प्यार करता है .."

लेकिन थोड़े देर बाद उनका चहरा फिर से दुख से घिर गया,और उनका रुख रोहन की ओर गया

"इस साले के कारण आज मेरी बेटी उस फटीचर से बंधी हुई है ,तूने ओबराय का नाम डूबा दिया ,एक तेरा बाप था जिस लड़की पर हाथ रख देता वो उसकी जिंदगी भर गुलाम बन जाती और एक तू है साले ..एक लड़की को सम्हाल नही पाया "

कपूर की बात सुनकर रोहन हल्के से मुस्कुराया

"अब छोड़िए भी अंकल जो हो गया वो हो गया लेकिन गौरव को अब आपका बिजनेस सम्हालने के लिए बोलिये ,कब तक उस फटीचर से जॉब में सड़ता रहेगा ,हमारी पूर्वी बेचारी को उस घर में इस हालत में देखा नही जाता .."

कपूर भी उसकी बात में सर हिलाता है

"ये पता नही क्या आत्मसम्मान की बात करती है पूर्वी मुझे तो कुछ भी समझ नही आता ,उस साले को अपनी वो जॉब प्यारी है पता नही क्या कर लेगा इतने पैसों में .."

कपूर साहब का मूड फिर से बिगड़ गया ,सपना उठकर उसके पास गई और उसके कंधे में अपना हाथ रखा

"अंकल फिक्र मत कीजिये मैं और रोहन पूर्वी को फिर से आपके पास लाएंगे इस घर में लाएंगे ,हम उसी काम में लगे हुए है "

सपना की बात सुनकर कपूर खुसी से मानो झूम गया..

"तुम दोनों पूर्वी के सच्चे दोस्त हो ,तुम्हे जो अच्छा लगता है वो करो बेटा,और अगर किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझसे बोलने में कोई भी हिचक नही रखना "

कपूर की आंखों में जैसे अभी अभी आशा के कुछ दिए जले थे

"हम्म अंकल एक बात पूछनी थी "

"हा बोलो "

"आप मालती को जानते हो ,वो जो केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की HOD है .."

सपना की बात सुनकर कपूर बहुत देर तक सोच में डूब गया .

"नही बेटा शायद एक बार मिला था उससे तुम लोगो ने जो फंक्सन किया था ना कालेज में वंहा तुमने उससे मिलवाया था,लेकिन क्यो??"

"कुछ नही बस ऐसे ही ,मुझे लगा की आप उसे जानते होंगे "

कपूर की आंखे थोड़ी बड़ी हो गई लेकिन रोहन को पता था की सपना ऐसा क्यो बोल रही है

"नही तो बेटा क्या बात है .."

"असल में मैंने पापा और ओबेरॉय अंकल(रोहन के पापा) को भी पूछा लेकिन उन्हें कोई नही जानता सभी बस उसी दिन मालती से मिले थे लेकिन .."

लेकिन क्या बेटा

"हमे उसके घर से ये तस्वीर मिली है "

सपना ने वो तस्वीर कपूर को दिखाई जो उसने उस दिन मालती के घर से खिंची थी .

कपूर की भी आंखे चौड़ी हो गई

"ये तो हमारी फैमली फ़ोटो है ,इसमें सभी है मैं लखानी और ओबेरॉय और तुम लोग और तुम्हारी मम्मी लोग भी है ...ये तो बहुत पुरानी फ़ोटो है बेटा जब ओबेरॉय ने गोवा में नया फॉर्महाउस खरीदा था,याद है हम सब वंहा गए थे ,"

"हा अंकल याद है इतनी पुरानी फ़ोटो मालती के पास क्या कर रही है वही मेरा पहला प्रश्न है जबकि कोई उसे पहले से नही जानता.."

"और वो फार्मूला"

अचानक से रोहन बोल उठा,जिससे कपूर चौक कर सपना को देखने लगा

"कौन सा फार्मूला बेटी "

"कुछ नही अंकल वो बस गौरव के रिसर्च की कुछ कॉपी थी ,वो मेरे टेंशन की वजह नही है लेकिन ये फोटो...मुझे समझ नही आ रहा है"

"मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा है बेटी फिर भी मैं लखानी और ओबराय से एक बार इस बारे में बात जरूर करूंगा ,लेकिन तुम लोग ऐसा वैसा कुछ मत कर जाना जिससे कोई लफड़ा हो जाए,तुम इस लफड़े में मत पड़ो,तुम गौरव और पूर्वी पर ध्यान दो ओके "

"ओके अंकल अब हम चलते है "

सपना ने मुस्कुराते हुए कहा....

****

कपूर के घर से निकल कर सपना और रोहन कार में बैठे ही थे की सपना बोल पड़ी

"जब तुझसे कहा गया था की अपना मुह मत खोलना तो फार्मूले की बात अंकल के सामने करने की क्या जरूरत थी"

रोहन को अपनी गलती का अहसास हुआ

"बस यार मुह से निकल गया ऐसे है क्या उनमें "

"वो जो भी है वो तेरे दिमाग के बाहर है ,अब तू अपना दिमाग मत लगाया कर,बस अब इन तीनो दोस्तो के ऊपर नजर रखना है उसका कुछ इंतजाम कर,पता नही मुझे ये जरूर लगता है की तीनो कुछ तो जानते है जो वो हमसे छुपा रहे है ,पहले तो कोई भी मालती को नही जानता लेकिन जैसे ही उनके सामने ये फ़ोटो आता है वो ऐसे चौक जाते है जैसे कोई बड़ी बात हो गई हो ,और फिर हमसे कहते है की कोई लफड़े में मत पड़ो पूर्वी और गौरव पर ध्यान दो ...आखिर क्यो.."

सपना सब कुछ एक ही सांस में बोल गई जैसे खुद से बात कर रही हो

"इसमें क्यो वाली क्या बात है यार "रोहन ने बेफिक्री से कहा

"अबे साले तीनो ने एक ही चीज कही ."

रोहन आश्चर्य से सपना को देखने लगा

"क्या ऐसा कह दिया की तू पैनिक हो रही है "

"तीनो ने कहा की इस लफड़े में मत पड़ो और ये भी कहा की वो एक दूसरे से बात करेंगे "

"तो इसमें क्या "रोहन को कुछ भी समझ नही आ रहा था..

सपना ने गुस्से से रोहन को घुरा

"अबे चूतिये यही की ये फ़ोटो एक लफड़ा है ...और ये तीनो को पता है ,हमारी फैमली फ़ोटो किसी के पास से मिलती है और तीनो हमे ये बोलते है की इसमें मत पड़ो ये एक लफड़ा है मतलब ये की कुछ तो लफड़ा है ,इस फ़ोटो से जुड़ा हुआ जो ये लोग नही बता रहे है.."

इस बार रोहन को कुछ समझ आया

"क्या करना चाहिए"

"ये फोन में तो बात नही करेंगे शायद कही मिलेंगे,एक आदमी इनके पीछे लगा पता कर की तीनो कहा मिलने वाले है ,और जंहा ये मिलने वाले है वंहा कोई रिकॉर्डर जैसी चीज लगवा ताकि हमे भी पता चले की आखिर इन तीनो दोस्तो ने जवानी में क्या ऐसा गुल खिला दिया की अब भी उससे डरे हुए है "

रोहन बस सहमति में सर हिलाता है ....
 
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