अध्याय 11
सर की बात सुनकर मैंने एक चीज का फैसला किया,की मैं पता करूंगी क्या वो सही कह रहे है,क्या सच में ये महज एक आकर्षण ही है ,या मैं उनसे प्यार करने लगी हु..
मैं लाइब्रेरी से बाहर आकर कैंटीन की तरफ बड़ी एक ग्राउंड में लड़के क्रिकेट खेल रहे थे और साथ ही लडकिया उन्हें चेयर कर रही थी ,वही मैंने रोहन को देखा,वो अपने लफंगे दोस्तो के सब हाथ में बियर की बोतल लिए हुए बाइक में बैठा हुआ था,और उसके चमचे आस पास खड़े थे,सभी मैच देखकर गली गलौच कर रहे थे,उसे देख कर फिर से मेरे होठो में मुस्कान आई,शायद सर ने सच ही कहा था,लाइब्रेरी मेरे काम की जगह कभी नही थी.
मैने पीछे से रोहन के कंधे पर हाथ मारा..
"कौन है बे.."
वो पलटा और मुझे देख कर हड़बड़ा गया,वो बाइक से उठकर खड़ा हो गया ,और उसकी इस हड़बड़ी को देखकर मुझे हँसी आ गई ..वो बस आंखे फाडे मुझे देख रहा था,मैंने उसके हाथ से वो बियर की बोतल छीन ली और अपने होठो से लगा लिया,वाह ठंडी ठंडी बियर ,कितने दिनों के बाद पी रही थी .
"सपना कहा है ??"
मैंने दो घुट पीने के बाद बोला
"क्या पता कैंटीन में होगी शायद "
"हम्म चल तुमसे बात करनी है "
वो थोड़ा डरा हुआ लगा..मुझे हंसी आ गई
"तुझे खा नही जाऊंगी ,कुछ जरूरी बात है इन लफंगों के सामने नही कर सकती "
मैंने उसके दोस्तो को देखा ,वो सभी मुझे अजीब निगाहों से देखने लगे,लेकिन उन्हें भी हमारी दोस्ती का पता था,इसलिए उनमें से कई मेरी बात सुनकर मुस्कुराने लगे ..
"भाई जंहा भी जाओ बियर छोड़कर जाना"
उनमें से एक ने मुस्कुराते हुए कहा ,मैंने देखा नीचे बियर की पूरी पेटी पड़ी थी,मैंने वंहा से दो बियर उठा लिए
"लो सालों पियो फोकट की बियर "
मैंने उसके दोस्तो को लताड़ा वो भी हंस पड़े ,और रोहन के साथ मैं बाइक में बैठकर एक गार्डन में आ गई ,हम दोनों के हाथो में बियर थी,और हम एक पेड़ के नीचे सुकून से बैठे हुए थे.
"इन सब लफंगों के साथ घूमता है इसलिए तेरे दिमाग में भूसा भर रहा है.."
मेरी बात सुनकर रोहन पहली बार थोड़ा हँसा ..
"वो सभी दिल के बहुत अच्छे है यार ,बस बेचारे गरीब है तो मैं उनपर थोड़ा खर्च कर देता हु,बाप ने इतना पैसा कमा के दिया है तो इनका भी थोड़ा भला हो जाए "
"हम्म्म्म जानती हु ...रोहन हमारे बीच जो भी हुआ उससे सबसे ज्यादा इफेक्ट हमारी दोस्ती को ही पड़ा.."
इस बार रोहन का चहरा उतरा हुआ था
"मैंने तुझे प्रपोज करने में शायद बहुत जल्दी कर दी ,मुझे समझ लेना था की ये प्यार था या महज आकर्षण .."
रोहन गंभीर था और उसने जो कहा था वो मुझे सर के बात की याद दिला रहा था,शायद मैंने भी सर को प्रपोज करने में जल्दबाजी कर दी ,रोहन के मुह से इतने मैच्योरिटी भरी बात सुनकर मुझे अच्छा लगा.
"यार रोहन सॉरी मुझे तुम्हे ऐसे जलील नही करना था.."
मैंने रोहन की ओर देखा वो भी मुझे ही देख रहा था,उसकी आंखों में मेरे लिए वही प्यार दिखा जो मैं बचपन से देखते आ रही थी,
"तूने मुझे जलील किया ,गालियां दी ,मुझे थोड़ा भी दुख नही लगा,लेकिन इन सबमे हमारी दोस्ती टूट गई ,और मेरे तो हमेशा से दो ही दोस्त रहे है, "
रोहन ने सर नीचे कर लिया उसके आंखों में आंसू थे ,मैंने खुद को उसके पास खिसकाया और उसके चहरे को अपने सीने से लगा लिया,मैं उसके बालो को सहलाने लगी वो अब भी सिसक रहा था,सच में हम तीनो बचपन से साथ थे कितने बार लड़ाई किये लेकिन फिर भी बिना बोले इतने दिनों तक कभी नही रहे ..
"तू क्या दूर हुई सपना भी मुझसे दूर हो गई ,ऐसे नही रहा जाता यार ,तू मुझे जलील कर या मार पीट कुछ भी कर लेकिन कम से कम बात तो किया कर ,गाली दे दिया कर लेकिन बात तो कर .तू तो मुझसे कट ही गई,तुझे सपना से बात नही करनी है मत कर लेकिन मुझसे तो कर ."
अब रोहन सच में रोने लगा था,और अचानक ही लगा जैसे मेरा पुराना रोहन मुझे वापस मिल गया हो,मुझे उसपर बेहद ही प्यार आया और मैंने उसके सर को जोर से चूमा ,वो मुझे और भी जोर से जकड़ लिया ..
बहुत ही देर तक हम ऐसे ही बैठे रहे ...अब रोहन भी नार्मल हो गया था लेकिन अब भी मुझसे लिपटा हुआ था..
"रोहन तुझे एक बात बतानी है .."
"ह्म्म्म बोल ना "
"वो सर याद है गौरव सर .."
"हा उन्हें कैसे भूल सकता हु "
"आई थिंक आई लव हिम यार "
रोहन अचानक से मुझसे अलग हुआ और मेरे चहरे को देखने लगा ,उसके चहरे में आश्चर्य के भाव खेल रहे थे ,वो आंखे फाडे मुझे देख रहा था और मैं मंद मंद मुस्कुरा रही थी,असल में थोड़ा शर्मा रही थी ..
"तू पागल हो गई है क्या ...वो ..वो कम से कम तुझसे 10 साल बड़ा होगा "
"तो क्या हुआ .."
"तू सच में पागल हो गई है ,उसका घर तो देखी है ना ,जितना बड़ा उसका घर है उतना बड़ा तो तेरा बेडरुम है,और तूने उसका चहरा देखा है .खुद को देख और उसे देख यार कहा से मेच खाता है .."
वो अब भी आश्चर्य में डूबा हुआ था
"यार प्यार ये सब नही देखता "
"तेरा दिमाग सठिया गया है ,लगता है हमारे ब्रेकअप के कारण तू सदमे में चली गई है ,तेरे दिमाग में भी असर हुआ है,तू आज रात चल मेरे साथ पार्टी करते है शायद दारू पी के तेरा दिमाग ठीक हो जाए ,या फिर किसी साइकोलोजिस्ट के पास ले जाना पड़ेगा "
वो झल्ला कर बोल रहा था और उसकी बात सुनकर मैं हँस रही थी..
"मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है समझ गया "मैंने उसके बालो में हाथ फेरा
"तो ऐसे बहकी बहकी बात क्यो कर रही है,सपना सुनेगी तो हँस हँस कर पागल हो जाएगी "
"उसके हंसने से क्या फर्क पड़ता है,मेरा फैसला नही बदलेगा "
रोहन अब सिरियस हो गया था
"देख रोहन मैंने उन्हें प्रपोज भी किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया "
अब तो रोहन का चहरा और भी देखने के लायक था ..
"उसने तुझे मना कर दिया "
"हा यार .."मेरा चहरा उतर गया लेकिन रोहन जोरो से हँसने लगा था ..मैं समझ सकती थी को क्यो हँस रहा था ,वो पेट पकड़े हँस रहा था,मैं गुस्से में उसे मार रही थी लेकिन वो साला चुप ही नही हो रहा था..
"अगर तुझे इतनी हंसी आ रही है तो मैं जा रही हु .."
"अरे रुक तो .."उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे जाने से रोक लिया
"चल ठीक है बता उसने क्या कहा और मैं तेरी क्या मदद कर सकती हु "
मैंने उसे देखा ,मैं अब खुश थी की मेरा पुराना दोस्त आखिर अब मेरे साथ है .
मैंने उसे बताना शुरू किया उस दिन से जब मैं लाइब्रेरी में उनसे मिली थी.
"ह्म्म्म सही तो कहा उसने ,तुझे भी क्या सच में पता है की प्यार है या महज एक आकर्षण .."
"यही तो पता करना है .."
"ठीक है कर लेना लेकिन आज तो पार्टी होगी ,मैं सपना को काल करके बुला लेता हु ,फिर से हम तीनो यार ,विथ झगड़ा और प्यार ,इन बियर बार .."
रोहन बेहद खुश था और मैं भी .
"लेकिन अभी सपना को इसके बारे में कुछ बताना मत "मैंने जाते जाते रोहन से कहा ,उसने भी सहमति में सर हिलाया
*********
पार्टी पूरे शबाब में चल रही थी डीजे बज रहा था ,लोग नाच रहे थे ,सभी शराब के नशे में मदहोश थे मैं और रोहन दोनों ही पूरे मस्ती में नाच रहे थे लेकिन ,सपना कुछ बुझी बुझी सी दिख रही थी ,आखिर रोहन ने उसका हाथ पकड़ कर खिंचा ..
"कम आन यार चलो ना डांस करते है "
"मूड नही है यार तुम लोग जाओ "
"क्या हुआ ??"
"बस चलो कही शांत जगह पर चलते है "
सपना की बात सुनकर रोहन मुझे देखने लगा ,मैंने ही सहमति में सर हिला दिया .
हम होटल के गार्डन में चले गए थे,सपना बुझी बुझी दिख रही थी ..
"अब तो बता तेरा मूड क्यो उतरा हुआ है ,आज इतने दिनों बाद हम तीनो मिले है और तू अब भी मुह फुलाये बैठी है "
रोहन ने सपना के गालों को खिंच लिया
"आउच "
हम दोनों हँसे..
"यार सपना जो हुआ उसको लेकर अगर दुखी है तो मुझे माफ कर दे ,और अगर तू चाहे तो अब रोहन के साथ कुछ भी कर सकती है ,हमारा ब्रेकअप हो चुका है और हम अब पहले के तरह ही फ्रेंड है .."
सपना ने मुझे देखा और एक हल्की मुस्कान दी ,
"बात वो नही है ,हमारे बीच तो ये सब चलता ही रहता है लेकिन आज कुछ अजीब हुआ मेरे साथ ...वही सोचकर उदास हु "
उसकी बात सुनकर हम दोनों ही चौके
"आखिर बात क्या है "रोहन बोल उठा
"आज किसी ने पहली बार मेरे हुस्न की ऐसी तौहीन की है,पहली बार किसी ने मेरे प्रपोसल को ठुकरा दिया "
सपना की बात सुनकर मैं और रोहन एक दूसरे के चहरे को घूरने लगे
"कौन ..??"
आखिर मैंने पूछा
"शायद तुम लोग हँसोगे,इसलिए नही बताना चाहती "
सपना ने सीधे ही कहा
"अरे बता दे दोस्त है तेरे थोड़ा हँस भी लेंगे तो क्या हो गया "
"ह्म्म्म अरे यार वही हमारे कालेज का प्रोफेसर डॉ गौरव,साला कहता है की ये प्यार नही बल्कि आकर्षण है ,माय सीट आकर्षण,बट यार सच कहु तो मुझे लगता है आई लव हिम .."
उसकी बात सुनकर जैसे मेरे दिलो दिमाग ने काम ही करना बंद कर दिया था,मैं और रोहन एक दूसरे को आंखे फाडे देख रहे थे,पता नही की भगवान ने हमारी किस्मत कैसे लिखी थी ,जंहा मैं जाती थी सपना भी वही चली आती थी,मैं अपना सर पकड़कर बैठ गई ..
"इसे क्या हुआ "सपना ने मुझे देखकर कहा
अचानक ही रोहन कुछ सोचकर हँसने लगा
"तुझे क्या हुआ तू क्यो हँस रहा है "सपना और भी आश्चर्य में पड़ गई ,रोहन कुछ बोलने के हालत में नही था वो हँसे जा रहा था,वही मैं भी कुछ बोलने के हालत में नही थी ,मैं बस सर पकड़कर बैठी थी और सपना.
सपना मानो इस पहेली को समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर हम दोनों ऐसी हरकते क्यो कर रहे है ....
सर की बात सुनकर मैंने एक चीज का फैसला किया,की मैं पता करूंगी क्या वो सही कह रहे है,क्या सच में ये महज एक आकर्षण ही है ,या मैं उनसे प्यार करने लगी हु..
मैं लाइब्रेरी से बाहर आकर कैंटीन की तरफ बड़ी एक ग्राउंड में लड़के क्रिकेट खेल रहे थे और साथ ही लडकिया उन्हें चेयर कर रही थी ,वही मैंने रोहन को देखा,वो अपने लफंगे दोस्तो के सब हाथ में बियर की बोतल लिए हुए बाइक में बैठा हुआ था,और उसके चमचे आस पास खड़े थे,सभी मैच देखकर गली गलौच कर रहे थे,उसे देख कर फिर से मेरे होठो में मुस्कान आई,शायद सर ने सच ही कहा था,लाइब्रेरी मेरे काम की जगह कभी नही थी.
मैने पीछे से रोहन के कंधे पर हाथ मारा..
"कौन है बे.."
वो पलटा और मुझे देख कर हड़बड़ा गया,वो बाइक से उठकर खड़ा हो गया ,और उसकी इस हड़बड़ी को देखकर मुझे हँसी आ गई ..वो बस आंखे फाडे मुझे देख रहा था,मैंने उसके हाथ से वो बियर की बोतल छीन ली और अपने होठो से लगा लिया,वाह ठंडी ठंडी बियर ,कितने दिनों के बाद पी रही थी .
"सपना कहा है ??"
मैंने दो घुट पीने के बाद बोला
"क्या पता कैंटीन में होगी शायद "
"हम्म चल तुमसे बात करनी है "
वो थोड़ा डरा हुआ लगा..मुझे हंसी आ गई
"तुझे खा नही जाऊंगी ,कुछ जरूरी बात है इन लफंगों के सामने नही कर सकती "
मैंने उसके दोस्तो को देखा ,वो सभी मुझे अजीब निगाहों से देखने लगे,लेकिन उन्हें भी हमारी दोस्ती का पता था,इसलिए उनमें से कई मेरी बात सुनकर मुस्कुराने लगे ..
"भाई जंहा भी जाओ बियर छोड़कर जाना"
उनमें से एक ने मुस्कुराते हुए कहा ,मैंने देखा नीचे बियर की पूरी पेटी पड़ी थी,मैंने वंहा से दो बियर उठा लिए
"लो सालों पियो फोकट की बियर "
मैंने उसके दोस्तो को लताड़ा वो भी हंस पड़े ,और रोहन के साथ मैं बाइक में बैठकर एक गार्डन में आ गई ,हम दोनों के हाथो में बियर थी,और हम एक पेड़ के नीचे सुकून से बैठे हुए थे.
"इन सब लफंगों के साथ घूमता है इसलिए तेरे दिमाग में भूसा भर रहा है.."
मेरी बात सुनकर रोहन पहली बार थोड़ा हँसा ..
"वो सभी दिल के बहुत अच्छे है यार ,बस बेचारे गरीब है तो मैं उनपर थोड़ा खर्च कर देता हु,बाप ने इतना पैसा कमा के दिया है तो इनका भी थोड़ा भला हो जाए "
"हम्म्म्म जानती हु ...रोहन हमारे बीच जो भी हुआ उससे सबसे ज्यादा इफेक्ट हमारी दोस्ती को ही पड़ा.."
इस बार रोहन का चहरा उतरा हुआ था
"मैंने तुझे प्रपोज करने में शायद बहुत जल्दी कर दी ,मुझे समझ लेना था की ये प्यार था या महज आकर्षण .."
रोहन गंभीर था और उसने जो कहा था वो मुझे सर के बात की याद दिला रहा था,शायद मैंने भी सर को प्रपोज करने में जल्दबाजी कर दी ,रोहन के मुह से इतने मैच्योरिटी भरी बात सुनकर मुझे अच्छा लगा.
"यार रोहन सॉरी मुझे तुम्हे ऐसे जलील नही करना था.."
मैंने रोहन की ओर देखा वो भी मुझे ही देख रहा था,उसकी आंखों में मेरे लिए वही प्यार दिखा जो मैं बचपन से देखते आ रही थी,
"तूने मुझे जलील किया ,गालियां दी ,मुझे थोड़ा भी दुख नही लगा,लेकिन इन सबमे हमारी दोस्ती टूट गई ,और मेरे तो हमेशा से दो ही दोस्त रहे है, "
रोहन ने सर नीचे कर लिया उसके आंखों में आंसू थे ,मैंने खुद को उसके पास खिसकाया और उसके चहरे को अपने सीने से लगा लिया,मैं उसके बालो को सहलाने लगी वो अब भी सिसक रहा था,सच में हम तीनो बचपन से साथ थे कितने बार लड़ाई किये लेकिन फिर भी बिना बोले इतने दिनों तक कभी नही रहे ..
"तू क्या दूर हुई सपना भी मुझसे दूर हो गई ,ऐसे नही रहा जाता यार ,तू मुझे जलील कर या मार पीट कुछ भी कर लेकिन कम से कम बात तो किया कर ,गाली दे दिया कर लेकिन बात तो कर .तू तो मुझसे कट ही गई,तुझे सपना से बात नही करनी है मत कर लेकिन मुझसे तो कर ."
अब रोहन सच में रोने लगा था,और अचानक ही लगा जैसे मेरा पुराना रोहन मुझे वापस मिल गया हो,मुझे उसपर बेहद ही प्यार आया और मैंने उसके सर को जोर से चूमा ,वो मुझे और भी जोर से जकड़ लिया ..
बहुत ही देर तक हम ऐसे ही बैठे रहे ...अब रोहन भी नार्मल हो गया था लेकिन अब भी मुझसे लिपटा हुआ था..
"रोहन तुझे एक बात बतानी है .."
"ह्म्म्म बोल ना "
"वो सर याद है गौरव सर .."
"हा उन्हें कैसे भूल सकता हु "
"आई थिंक आई लव हिम यार "
रोहन अचानक से मुझसे अलग हुआ और मेरे चहरे को देखने लगा ,उसके चहरे में आश्चर्य के भाव खेल रहे थे ,वो आंखे फाडे मुझे देख रहा था और मैं मंद मंद मुस्कुरा रही थी,असल में थोड़ा शर्मा रही थी ..
"तू पागल हो गई है क्या ...वो ..वो कम से कम तुझसे 10 साल बड़ा होगा "
"तो क्या हुआ .."
"तू सच में पागल हो गई है ,उसका घर तो देखी है ना ,जितना बड़ा उसका घर है उतना बड़ा तो तेरा बेडरुम है,और तूने उसका चहरा देखा है .खुद को देख और उसे देख यार कहा से मेच खाता है .."
वो अब भी आश्चर्य में डूबा हुआ था
"यार प्यार ये सब नही देखता "
"तेरा दिमाग सठिया गया है ,लगता है हमारे ब्रेकअप के कारण तू सदमे में चली गई है ,तेरे दिमाग में भी असर हुआ है,तू आज रात चल मेरे साथ पार्टी करते है शायद दारू पी के तेरा दिमाग ठीक हो जाए ,या फिर किसी साइकोलोजिस्ट के पास ले जाना पड़ेगा "
वो झल्ला कर बोल रहा था और उसकी बात सुनकर मैं हँस रही थी..
"मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है समझ गया "मैंने उसके बालो में हाथ फेरा
"तो ऐसे बहकी बहकी बात क्यो कर रही है,सपना सुनेगी तो हँस हँस कर पागल हो जाएगी "
"उसके हंसने से क्या फर्क पड़ता है,मेरा फैसला नही बदलेगा "
रोहन अब सिरियस हो गया था
"देख रोहन मैंने उन्हें प्रपोज भी किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया "
अब तो रोहन का चहरा और भी देखने के लायक था ..
"उसने तुझे मना कर दिया "
"हा यार .."मेरा चहरा उतर गया लेकिन रोहन जोरो से हँसने लगा था ..मैं समझ सकती थी को क्यो हँस रहा था ,वो पेट पकड़े हँस रहा था,मैं गुस्से में उसे मार रही थी लेकिन वो साला चुप ही नही हो रहा था..
"अगर तुझे इतनी हंसी आ रही है तो मैं जा रही हु .."
"अरे रुक तो .."उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे जाने से रोक लिया
"चल ठीक है बता उसने क्या कहा और मैं तेरी क्या मदद कर सकती हु "
मैंने उसे देखा ,मैं अब खुश थी की मेरा पुराना दोस्त आखिर अब मेरे साथ है .
मैंने उसे बताना शुरू किया उस दिन से जब मैं लाइब्रेरी में उनसे मिली थी.
"ह्म्म्म सही तो कहा उसने ,तुझे भी क्या सच में पता है की प्यार है या महज एक आकर्षण .."
"यही तो पता करना है .."
"ठीक है कर लेना लेकिन आज तो पार्टी होगी ,मैं सपना को काल करके बुला लेता हु ,फिर से हम तीनो यार ,विथ झगड़ा और प्यार ,इन बियर बार .."
रोहन बेहद खुश था और मैं भी .
"लेकिन अभी सपना को इसके बारे में कुछ बताना मत "मैंने जाते जाते रोहन से कहा ,उसने भी सहमति में सर हिलाया
*********
पार्टी पूरे शबाब में चल रही थी डीजे बज रहा था ,लोग नाच रहे थे ,सभी शराब के नशे में मदहोश थे मैं और रोहन दोनों ही पूरे मस्ती में नाच रहे थे लेकिन ,सपना कुछ बुझी बुझी सी दिख रही थी ,आखिर रोहन ने उसका हाथ पकड़ कर खिंचा ..
"कम आन यार चलो ना डांस करते है "
"मूड नही है यार तुम लोग जाओ "
"क्या हुआ ??"
"बस चलो कही शांत जगह पर चलते है "
सपना की बात सुनकर रोहन मुझे देखने लगा ,मैंने ही सहमति में सर हिला दिया .
हम होटल के गार्डन में चले गए थे,सपना बुझी बुझी दिख रही थी ..
"अब तो बता तेरा मूड क्यो उतरा हुआ है ,आज इतने दिनों बाद हम तीनो मिले है और तू अब भी मुह फुलाये बैठी है "
रोहन ने सपना के गालों को खिंच लिया
"आउच "
हम दोनों हँसे..
"यार सपना जो हुआ उसको लेकर अगर दुखी है तो मुझे माफ कर दे ,और अगर तू चाहे तो अब रोहन के साथ कुछ भी कर सकती है ,हमारा ब्रेकअप हो चुका है और हम अब पहले के तरह ही फ्रेंड है .."
सपना ने मुझे देखा और एक हल्की मुस्कान दी ,
"बात वो नही है ,हमारे बीच तो ये सब चलता ही रहता है लेकिन आज कुछ अजीब हुआ मेरे साथ ...वही सोचकर उदास हु "
उसकी बात सुनकर हम दोनों ही चौके
"आखिर बात क्या है "रोहन बोल उठा
"आज किसी ने पहली बार मेरे हुस्न की ऐसी तौहीन की है,पहली बार किसी ने मेरे प्रपोसल को ठुकरा दिया "
सपना की बात सुनकर मैं और रोहन एक दूसरे के चहरे को घूरने लगे
"कौन ..??"
आखिर मैंने पूछा
"शायद तुम लोग हँसोगे,इसलिए नही बताना चाहती "
सपना ने सीधे ही कहा
"अरे बता दे दोस्त है तेरे थोड़ा हँस भी लेंगे तो क्या हो गया "
"ह्म्म्म अरे यार वही हमारे कालेज का प्रोफेसर डॉ गौरव,साला कहता है की ये प्यार नही बल्कि आकर्षण है ,माय सीट आकर्षण,बट यार सच कहु तो मुझे लगता है आई लव हिम .."
उसकी बात सुनकर जैसे मेरे दिलो दिमाग ने काम ही करना बंद कर दिया था,मैं और रोहन एक दूसरे को आंखे फाडे देख रहे थे,पता नही की भगवान ने हमारी किस्मत कैसे लिखी थी ,जंहा मैं जाती थी सपना भी वही चली आती थी,मैं अपना सर पकड़कर बैठ गई ..
"इसे क्या हुआ "सपना ने मुझे देखकर कहा
अचानक ही रोहन कुछ सोचकर हँसने लगा
"तुझे क्या हुआ तू क्यो हँस रहा है "सपना और भी आश्चर्य में पड़ गई ,रोहन कुछ बोलने के हालत में नही था वो हँसे जा रहा था,वही मैं भी कुछ बोलने के हालत में नही थी ,मैं बस सर पकड़कर बैठी थी और सपना.
सपना मानो इस पहेली को समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर हम दोनों ऐसी हरकते क्यो कर रहे है ....