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Hindi sex stories, antarvasna: मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं और मैं जॉब करने के लिए मुंबई चला गया था पिछले दो वर्षों से मैं मुंबई में हूं। मेरी जिंदगी में जब से सुहानी आई है तब से मेरी जिंदगी काफी बदल चुकी है मेरे अंदर काफी बदलाव भी आ चुका है। सुहानी और मैं एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे लेकिन सुहानी के परिवार वालों को यह बिल्कुल भी मंजूर नहीं था इस वजह से हम दोनों एक दूसरे से कम ही मिला करते थे लेकिन जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। एक दिन मैं और सुहानी साथ में बैठे हुए थे उस दिन मुझे सुहानी ने कहा कि अमित मेरे परिवार वाले मेरे लिए लड़का ढूंढ रहे हैं अगर तुमने ज्यादा देर की तो शायद हम दोनों कभी भी एक नहीं हो पाएंगे। मुझे भी यह हो लगने लगा था कि सुहानी बिल्कुल सही कह रही है मैंने सुहानी को समझाया और कहा देखो सुहानी तुम मुझे थोड़ा समय दो लेकिन वह सुहानी और मेरे मिलने का आखिरी दिन था उसके बाद हम कभी मिल ही नहीं पाए।

सुहानी के परिवार वालों ने उसकी सगाई करवा दी थी और उसके बाद वह मुझसे मिलना नहीं चाहती थी। हम दोनों का रिलेशन खत्म हो चुका था और मैं अपनी जिंदगी में अकेला हो चुका था लेकिन मैं जब भी सुहानी के बारे में सोचता तो मुझे बहुत ही ज्यादा बुरा लगता और सुहानी को भी बहुत बुरा लगता था। सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ हमेशा ही खुश रहते थे और जब भी मैं सुहानी के बारे में सोचता हूं तो मैं अपने उन पुराने दिनों को याद करता की कैसे मैं सुहानी के साथ अच्छा समय बिताया करता लेकिन सुहानी मेरी जिंदगी से दूर हो चुकी है और मुझे अब आगे बढ़ना था। मैं अब आगे बढ़ना चाहता था और मैं अब अपनी जिंदगी में काफी आगे भी बढ़ चुका था। कुछ दिनों के लिए मैं चंडीगढ़ आया हुआ था क्योंकि पापा ने मुझे घर पर बुलाया था जब मैं घर आया तो पापा ने मुझे कहा कि अमित बेटा हम लोग तुम्हारी बहन के लिए लड़का ढूंढ रहे हैं। उन्होंने एक लड़के को पसंद भी कर लिया था।

मैंने पापा से कहा कि पापा क्या आप उस लड़के को जानते हैं तो पापा ने कहा कि हां बेटा वह मेरे दोस्त का बेटा है मैंने उन्हें कहा कि पहले एक बार आप उससे मिल लीजिएगा। पापा ने कहा हां मैं पहले उससे मिलूंगा और उसके बाद पापा उसे मिले तो पापा और उनके दोस्त के बीच अब इस बात को लेकर रजामंदी बन चुकी थी। मेरी बहन भी शादी के लिए तैयार थी मेरी बहन मुझसे 2 वर्ष छोटी है और वह अब शादी करने के लिए मान चुकी थी। पापा भी इस बात के लिए तैयार थे उसके बाद मैं मुंबई लौट गया था। जब पापा ने मुझे बताया कि गरिमा की सगाई हम लोग कुछ समय मैं करना चाहते हैं तो पापा ने मुझे घर बुला लिया था। पापा मुझे घर बुला चुके थे और उसके बाद पापा और मैं गरिमा की सगाई की तैयारियां कर रहे थे। हमारे कुछ मेहमान भी हमारे घर पर आने वाले थे हम लोगों ने हमारे घर पर ही सगाई का अरेंजमेंट किया था और जब गरिमा की सगाई हो गई तो मैं उसके दो दिन तक घर पर रुका और फिर मैं मुंबई लौट गया। मुझे जरूरी काम था इसलिए मुझे मुंबई जाना पड़ा और फिर मैं अपना काम करने लगा था मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से मैं अपना काम कर रहा था घर पर मेरी बात अक्सर हो जाया करती थी और जब भी पापा और मम्मी से मेरी बात होती तो मुझे अच्छा लगता। एक दिन मुझे गरिमा का फोन आया और उससे मेरी बात उस दिन काफी देर तक हुई जब हम दोनों की बातें हो रही थी तो गरिमा ने मुझे कहा कि भैया मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई आना चाहती हूं।

मैंने गरिमा को कहा कि हां तुम मेरे पास कुछ दिनों के लिए आ जाओ। मैंने जब पापा से इस बारे में बात की तो वह लोग चाहते थे कि कुछ दिनों के लिए वह मेरे पास आ जाए। पापा ने अपने ऑफिस से छुट्टी लेली थी पापा ने अपने ऑफिस से छुट्टी ली और उसके बाद वह लोग मेरे पास कुछ दिनों के लिए आ गए। वह लोग करीब 15 दिनों तक मेरे पास ही रहे और इस बीच मुझे भी काफी अच्छा लगा मैंने भी अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ले ली थी और मैंने उन लोगों के साथ में अच्छा समय बिताया। हम लोग काफी खुश थे जिस तरीके से मैं अपनी फैमिली के साथ में अच्छा समय बिता पाया था और मुझे उनके साथ में समय बिताकर काफी अच्छा लगा। कुछ दिन बाद वह लोग चंडीगढ़ वापस जा चुके थे। मेरे सामने वाले फ्लैट में मुझे एक दिन एक लड़की दिखाई दी मैंने उसे पहले दिन ही देखा था शायद वह नई आई थी मैं उसके बारे में ज्यादा जानता नहीं था लेकिन मैं उसे जब भी देखता तो मुझे उसे देखकर अच्छा लगता था। जब पहली बार मैंने कोमल के साथ में बात की तो मुझे उससे बात करके बड़ा अच्छा लगा वह भी मुझसे बात करने लगी थी हम लोग जब एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को ही काफी अच्छा लगता था। मैं कोमल के साथ बातें करके बहुत ही खुश था कोमल मेरे साथ बात करती तो उसे भी काफी अच्छा लगता था।

एक दिन मुझे कोमल के बारे में जानने का मौका मिला मैं उस दिन कोमल के बारे में काफी कुछ जान पाया था उसके बारे में जानकर मुझे काफी अच्छा लगा। क्योंकि कोमल मेरे फ्लैट के बिल्कुल सामने ही रहती थी इसलिए वह मुझसे मिलने के लिए आ जाया करती थी। मैं भी घर पर अकेला ही होता था जब भी मैं और कोमल साथ में होते तो हम दोनों साथ में अच्छा समय बिताया करते थे। एक दिन मैं और कोमल साथ में बैठे हुए थे उस दिन कोमल को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा और मै उसे चोदने के बारे में मैं सोचने लगा। मैं कोमल के साथ ऐसा नहीं कर सकता था परंतु मैंने जब उसकी जांघो पर अपने हाथ को रखते हुए उसकी जांघों को सहलाने शुरू किया तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था और कोमल को भी बड़ा मजा आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है अब हम दोनों को बहुत मजा आने लगा था मैंने कोमल के सामने अपने मोटे लंड को किया तो वह मेरे लंड को देख कर उसे हिलाने की कोशिश करने लगी। जब वह मेरे लंड को हिलाने लगी तो मुझे मजा आने लगा था और कोमल को भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे लंड को सकिंग करना है उसने मेरे मोटे लंड को सकिंग करना शुरू किया। वह जब मेरे लंड को सकिंग करने लगी तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और कोमल को भी मजा आ रहा था। मैंने कोमल को कहा तुम मेरे लंड को ऐसे ही चूसती जाओ।

कोमल ने काफी देर तक मेरे लंड को चूसा। मैंने कोमल के बदन से कपड़े उतार दिए थे और उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाने लगा। जब मैं उसके स्तनों को दबा रहा था तो मुझे मजा आने लगा था और कोमल को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था वह मुझे कहने लगी तुम मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस लो। मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर उन्हें चूसना शुरु किया और कोमल को बहुत ज्यादा मजा आने लगा था वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी। मेरे लंड को वह अपने हाथों से हिलाने लगी थी अब मैंने कोमल की चूत पर अपनी जीभ को लगाकर चाटना शुरू किया तो कोमल की चूत से बहुत ही ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था और वह मचलने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है मैंने उसको कहा मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है।

कोमल और मैं एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह वह चिल्लाने लगी। मेरा लंड उसकी योनि में प्रवेश हो चुका था जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी मेरी चूत में दर्द हो रहा है। कोमल की चूत में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था लेकिन उसे चोदना में मुझे मजा आने लगा था। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी कुछ देर तक तो मैंने उसे अपने नीचे लेटाकर चोदा लेकिन उसकी चूत मुझे अब टाइट महसूस होने लगी थी जिस कारण मैंने उसकी योनि के अंदर अपने माल को गिरा दिया। उसकी योनि में मेरा माल जाते ही उसे बहुत ज्यादा अच्छा लगा।

मैंने कोमल की चूतड़ों को अपनी तरफ किया हुआ था और उसकी योनि से मेरा माल बाहर की तरफ को निकल रहा था। मुझे कोमल की चूत टाइम महसूस हो रही थी। मुझे उसे चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था कोमल मेरा साथ अच्छे से दे रही थी। वह कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है कोमल और मैं एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। मैंने कोमल की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को तेजी से करना शुरू किया तो कोमल जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी मुझे मजा आ रहा है। मै और कोमल एक दूसरे के साथ अच्छे से सेक्स कर रहे थे वह अपनी चूतडो को मुझसे मिला रही थी।

मुझे अच्छा लग रहा था और कोमल को भी बड़ा मजा आ रहा था हम दोनों एक दूसरे का साथ काफी अच्छे से दिए जा रहे थे। मै उसकी चूत की गर्मी को बढाए जा रहा था मैंने अपने माल को कोमल की चूत के अंदर ही गिरा दिया था। जब मेरा माल कोमल की चूत में गिरा तो वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे सकिंग करने लगी और उसे मजा आने लगा था। जब वह मेरे लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी तो उसने मेरे लंड को दोबारा से खड़ा कर दिया था। मैंने कोमल के मुंह में अपनी माल को गिरा दिया था कोमल को अच्छा लगा और मुझे भी बड़ा अच्छा लगा।
 
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