गर्लफ्रेंड की बेस्ट फ्रेंड

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हेलो, आई ऍम अमन सक्सेना फ्रॉम लखनऊ. फर्स्ट इंट्रोड्यूउज़ माइसेल्फ ५ फिट ८ इंच, फेयर एंड हैण्डसम, फिट एंड फाइन. मेरी गर्लफ्रेंड की एक फ्रेंड थी कोमल.. वो मुझ से अक्सर फ़ोन पर बात कर लिया करती थी और मेरे हाल - चाल पूछ लिया करती थी. वैसे तो मेरी गर्लफ्रेंड मस्त और सेक्सी थी, लेकिन उसकी फ्रेंड कोमल भी कुछ कम नहीं थी. उसके ३२ के चुचे, २८ की कमर और ३४ की गांड आज भी मुझे याद आ जाती है, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है. तीखे नैन-नकश, लम्बे बाल और क्यूट सा चेहरा, बस हाइट में मार खा गयी, वरना कोई मॉडल बड़ी मॉडल होती.

वो अक्सर मुझे कॉल किया करती थी और समझाया भी करती थी, कि रानी गलत थी, तुम सही हो, अच्छे हो. वो तुम्हारे लायक नहीं थी. मुझे नहीं पता था, कि वो मुझे पसंद करती है. मुझे अपनी गर्लफ्रेंड के छोड़ कर जाने के बाद, किसी लड़की पर कोई ज्यादा भरोसा नहीं रह गया था. पर सामने से चूत निमंत्रण दे रही हो, तो भला लंड कैसे मना कर दे. एकदिन उसने जब मेरा मूड देखा, तो मुझे मूवी चलने के लिए पूछा. पहले तो मैंने मना कर दिया, बट वो जबरदस्ती मुझे ले कर चली गयी. हम लोग सिनेमा में एंटर हुए, अपनी सीट देख कर बैठ गये. मूवी थकी हुई लगती थी, इसलिए सिनेमा हॉल में केवल १४-१५ कपल ही बैठे थे. मूवी होर्रेर थी, तो अँधेरा भी बहुत ज्यादा था और मूवी शुरू होने के कुछ देर बाद, वो मुझसे चिपक कर बैठ गयी. मेरा ध्यान तो सिर्फ मूवी पर ही था. उसका हाथ धीरे - धीरे मेरी शर्ट के अन्दर चले गया और मेरे सीने को सहलाना शुरू कर दिया.

मैंने फिर भी पहल नहीं की, फिर उसने मेरा मुह पकड़ा और अपनी और घुमा कर, अपने सॉफ्ट - सॉफ्ट होठो को मेरे होठो पर जमा दिया और चूमना शुरू कर दिया. मैंने भी रिप्लाई देना शुरू कर दिया और १५ मिनट के किस के बाद, उसने मुह हटाया और बोला, रानी ना होती, तो कब का तुम्हे प्रोपोज मार देती. तुम तो मुझे बहुत पहले से ही पसंद हो.उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूची पर रख दिया. मैंने भी अब उसकी चूची दबानी शुरू कर दी. वो बस मज़े ले रही थी और फिर उसने मेरी जीन्स खोल दी और लंड को बाहर निकाल लिया और जोर - जोर से हिलाने लगी. मुझे उसकी बोल्डनेस से शक हुआ, कि वो पहले से ही मज़े ले चुकी है, पर मुझे क्या. जब चूत खुद चुदने आई है, तो भला कैसे मना किया जाए.

फिर वो नीचे झुकी और मेरा लंड जोर - जोर से चूसने लगी. इतना अच्छा तो रानी भी नहीं चूसती थी. २० मिनट की चुसाई के बाद, मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हु, तो मैंने उसे हटाना चाहा, पर वो नहीं हटी और मेरे वीर्य की एक - एक बूंद चाट गयी. मूवी ख़तम होने वाली थी, तो हम लोगो ने अपने कपड़े ठीक किये और बाहर निकल आये. वो बाइक पर इस बार, मुझसे इतना चिपक कर बैठी थी, कि हवा भी आर - पार नहीं जा रही थी. जब भी मैं ब्रेक मारता था, तो अपने चुचे जानबूझकर मेरी पीठ में गडा देती थी. फिर हम लोग अक्सर पार्क में मिलने लगे थे और मैं उसकी वहां पर चूची दबा देता, लंड चुसवाता और ऊँगली करता. हम दोनों ही चुदाई के लिए तैयार थे, बस जगह का इंतजाम ही नहीं हो पा रहा था. पर कहते है ना, कि भगवान् के घर देर है, अंधेर नहीं.. सो वो दिन आ ही गया.. उसने बताया, कि उसके घर वाले पंजाब जा रहे है शादी में २ दिन के लिए. मौका अच्छा था और हम आराम से मिल सकते थे उसके घर में. घर में अकेले मिलने का मतलब सीधा था, चुदाई. मैंने भी वेट करने लगा ३ दिन बीतने का और फिर जिस दिन उसके घर वालो को जाना था, मैं सुबह ही तैयार हो गया.

उसने सुबह ८ बजे ही कॉल कर दिया, कि उसके घर वाले चले गए है, तुम घर आ जाओ. इस टाइम कोई देख भी नहीं पायेगा. मैं तुरंत निकला और घर पर एक्स्ट्रा क्लास का बहाना मारा और सीधा मेडिकल की दुकान पर गया और कंडोम लेकर उसके गेट पर पर जा कर खड़ा हो गया. उसने गेट खोला और मुझे अन्दर आने को कहा और कुण्डी लग दी. फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ा, तो उसने कहा - जरा धीरज रखो.. आज मैं इतने मज़े दूंगी, कि रानी को भी भूल जाओगे. मैं तो हैरत में ही रह गया, कि उसे कैसे पता? इसका मतलब रानी ने उसे सब बताया था, कि कैसे मैं उसे मस्त तरीके से चोदा था और इसी वजह से उसकी चूत में पानी आया था और वो चुदने के लिए तड़प रही थी. फिर उसने मुझे बैठाया और मेरे लिए अन्दर से बनाना शेक लेकर आई. उसने कोई दवा डाली, तो मैंने पूछा - ये क्या है? तो उसने बताया, कि मैंने वियग्रा डाली है. मैंने शेक पिया और उसे ले जाकर बेड पर पटक दिया. उसने मुझे अपनी तरफ खीचा और चूमना शुरू कर दिया. मैंने उसका टॉप उतारा, उसने नेट वाली पर्पल बिकनी पहनी थी.

उसके गोरे रंग पर बहुत कातिलाना लग रही थी, मैंने उसकी बिकनी के ऊपर से ही उसकी चूची को चुसना शुरू कर दिया और फिर उसने मेरी शर्ट उतारी और मेरा सीना चूमना शुरू कर दिया. फिर मेरे पेट पर आ गयी और मेरी बेल्ट खोलने लगी. मेरी पेंट उतारी और मेरी ओर देख कर आँख मारते हुए, मेरे लंड पर धीरे से काटा अपने दांत से. मेरी अंडरवियर उतारी और पूरा लंड एक ही बार में मुह के अन्दर भर कर जोर - जोर से चूसने लगी. वियग्रा का असर भी होना शुरू हो गया था. लंड की एक - एक नस फुल चुकी थी और फिर आधे घंटे चूसने के बाद, मेरा सारा जूस पी गयी. मैंने उसे नीचे किया, उसके शॉर्ट्स उतारे और साथ में पेंटी भी. एकदम क्लीन चूत थी, शेव की हुई गोरी -गोरी.. उसकी चमकती चूत देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी. वो मेरी जीभ के अपनी चूत पर अहसास से पागल हो रही थी, मेरे सिर पर हाथ लगा कर, वो मेरे सिर को अपनी चूत में घुसा रही थी.. फिर थोड़ी देर बाद, वो झड गयी.

फिर तुरंत मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड, जो पूरा शबाब बना हुआ था, अपनी चूत के निशाने पर रख लिया और बैठ गयी. वो वर्जिन नहीं थी, मेरा लंड एक ही बार में पूरा उसकी चूत में चला गया. उसकी चूत टाइट थी और उसने जोर - जोर से उछलना शुरू कर दिया. वो चिल्ला रही थी . कॉम ओन अमन.. फक मी. ममममम ह्म्म्मम्म अहहहहाह आहाहहः ऊओहोहोहोहोहोह. बहुत मस्त है तुम्हारा लंड. साली रानी चुतिया है.. जो ऐसे लंड को छोड़ दिया.. फिर मैंने उसे अपने फेवरेट डोगी स्टाइल में किया और पीछे से जोर - जोर से चूत में अपना लंड डाल कर चोदने लगा. जब झड़ने की नौबत आई, तो याद आया कि कंडोम तो लगाया ही नहीं था. उसने कहा - मेरी जान, अन्दर ही छोड़ना.. बीच में मज़ा कीरकिरा मत करो.. मैंने भी अपना माल उसकी चूत में ही ही छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया. वो बगल में लेट कर मेरा लंड सहला रही थी. दवा के असर कि वजह से, वो फिर से तन्न कर खड़ा हो गया. मैंने उससे कहा - मुझे तेरी गांड मारनी है. उसने मना कर दिया और बोली - बहुत दर्द होगा.. मैंने उससे कहा - इसे खड़ा तो तूने ही किया है.. तो शांत भी तो तू ही करेगी. मेरे थोड़ा समझाने के बाद, वो मान गयी.

मैंने उसे फिर से डोगी पोज में किया और नारियल का तेल लेकर उसकी गांड के छेद में डाला और अपने लंड पर भी लगाया और टिका कर एक जोर का धक्का लगाया. मेरा आधा लंड अन्दर चले गया और वो चिल्लाने लगी.. साले, बाहर निकाल अभी.. गांड फट जायेगी मेरी.. हटा भोसड़ी के.. मैंने सोचा, निकाल लिया तो, फिर से नहीं डालने देगी. मैंने एक और धक्का लगाया और पूरा लंड अन्दर. मैं चुपचाप, लंड को अन्दर करके पड़ा रहा और जब तक उसकी गांड से हलचल ना होनी शुरू हो गयी.

फिर उसे भी मज़ा आने लगा था और पूरी तेजी से गांड आगे पीछे करने लगी. मार ले मेरी जान. मार ले.. बहुत मज़ा आ रहा है.. अहहः हहहः ह्ह्ह्हह्ह तूने पहले क्यों नहीं बताया, कि इतना मज़ा आएगा.. और तेज .. और तेज. अहहः अहहहः और मैं उसकी गांड में ही झड गया और हम दोनों निढाल होकर सो गए. दोपहर के २ बजे नीद खुली, तो एक राउंड और लगाया हम दोनों ने और फिर चुदाई की. उसके बाद, मैं घर के लिए निकल गया. उसके बाद, मैं अपने घर पर दोस्तों के साथ स्टडी के बहाना करके रात में भी उसके घर आ गया और रात में उसको ३ बार और चोदा और अगले दो दिन भी उसकी मस्त चुदाई की. तीसरे दिन, उससे चला भी नहीं जा रहा था और लगातार चुदाई की वजह से मेरे लंड में दर्द होने लगा था.

अब वो अपने घर वालो के साथ पंजाब शिफ्ट हो गयी है, पर बात होती है और फ़ोन सेक्स भी करते है कभी - कभी..
 
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