गर्लफ्रेंड के साथ मिली ज़बदस्त चुत

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नमस्कार दोस्तों,

मैं अर्जुन आज आपका अपनी कहानी में स्वागत करता हूँ और आज आपको अपनी गर्लफ्रेंड की बहन की भरकर चुदाई की बारे में बता हूँ | मैं आपको बता दूँ की मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी छोटी बहन दोनों ही एक उम्र की हैं सो दोनों की चुत मरे लंड को लेने लायक भी होगी ही | वैसे मैं अपनी गर्लफ्रेंड की चुत कई बार अकेले में मार चूका हूँ पर अब बारी उसकी तेज नशेदार बहन की बारी आ गयी थी जिसे मैं किसी भी हाल में अपनी आहोश के तले दबाना चाहता था | मैंने कई बार उसकी बहन को मस्ती करते हुए कामुकता की ओर धकेलने की कोशिस की पर हर बार मेरी गर्लफ्रें ही बीच में आ जाया करती थी | अब मुझे भी एक दिन अकेले का मिल गया जहाँ मैंने उसकी छोटी बहन की चुत हरी ही कर डाली |

जब मेरी गर्लफ्रेंड घर से बहार किसी काम से गयी हुई तो उसकी छोटी बहन ने मुझे फोन करके अपने घर बुला लिया और मैं भी अपने लंड पर तेल लगाकर निकल पड़ा | वहाँ हमने कुछ देर ही मस्ती की होगी की मैंने फिर उस्केकमुकता ही ओर धकेलते हुए उसके हाथ को सहलाते हुए दूसरे हाथ को उसके हाथ पर रखते हुए उसकी हथेली पर फेरने लगा | वो भी शरमाते हुए मुस्कुराने लगी और मैं उसके होंठों की तरफ बढते हुए उसके मस्त वाले गुलाबी होंठों को पीने लगा | मैंने जैसे ही उसके होंठों को चूसते हुए अपना हौसला बढ़ाया तो वो भो मुझे सहयोग करने लगी और मैं धीरे - धीरे उसके टॉप को खोलने लगा | मैं अब उसके टॉप को अलग कर अब उसके गोरे चुचों मसलकर चूसने लगा जिसपर सुने अपनी चुत को खुजाते हुए आँखें बंद कर लीं |

कुछ ही देर में मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया जिससे उसकी नंगी चुत मेरे सामने ही आ चुकी थी | अब मैं उसकी जाँघों को मसलते हुए अपनी उँगलियाँ उसकी चुत में देने लगा जिससे वो पगला कर जोर से सिसकियाँ भरने लगी | मैं भी नंगा हो चला और अपने लंड को मसलने लगा और कुछ ही देर में उसकी जाँघों के बीच अपने लंड के टोपे को उसकी चुत पर टिकाते हुए अपने लंड को फिस्लाते हुए चोदना शुरू कर दिया | वो इस गतिविधि पर अपने मुंह को फाडकर दर्द से चिल्ला रही थी और मैं उसके होठों को चूसते हुए उसकी चुत के उप्पर अपने उँगलियों को मसलने लगा जिसपर उसका दर्द काम होने लगा था | मैंने उसे चुमते हुए पुचकार रह था हिस्पर वो भी मज़े से अपनी गांड को मटकाना शुरू कर दिया |

मेरा लंड भी अब उसकी चुत में तेज़ी से आगे बढ़ने लगा और वो बुरी तरह से हांफ रही थी जिसपर मैंने उसकी थकावट और उसके दर्द को काम करने के लिए और चिकनाई को काम करने के लिए अपने लंड पर थूक गिरा दिया और अब मेरा लंड आराम से फिसल कर उसकी चुत में जाने लगा था | मैं उसी मुद्रा में उसकी चुदाई घाटों भर करता चला गया और तब झड़ने को हुआ तो चुदाई के सिलसिले को खत्म कर दिया और उसकी बहन यानी मेरी गर्लफ्रेंड के आने से पहले अपने घर पर कपड़े पहन कर निकल पड़ा | मैंने घर जाकर अब आराम से उसकी चुत को ख्याल में लाते हुए मसलकर हस्थमैथुन किया और शान्ति में जाकर सो गया |
 
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