गांड मराकर बोला भाभी हो गया काम

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Antarvasna, desi sex stories: पति और पत्नी के बीच की नोक झोंक तो अक्सर होती रहती है अनमोल और मेरे बीच में भी अक्सर नोकझोंक होती रहती थी मुझे लगता था कि अनमोल मेरी हर एक बात मानते हैं लेकिन कभी-कबार वह गुस्सा हो जाया करते थे। अनमोल हंसमुख खुशमिजाज हैं लेकिन वह अपने ऑफिस की परेशानियों की वजह से थोड़ा परेशान रहने लगे है मैंने अनमोल से कहा कि तुम बेवजह ही परेशान मत हुआ करो। वह कहते कि सुजाता तुम देख ही रही हो घर की जिम्मेदारियों का बोझ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और ऊपर से परेशानियां भी कम नहीं है। मैंने अनमोल से कहा अनमोल आप चिंता मत कीजिए हम दोनों मिलकर सारी परेशानी का हल ढूंढ लेंगे। मैं और अनमोल चाहते थे कि हम दोनों मिलकर हर एक समस्या का समाधान ढूंढे लेकिन मैं बच्चों की जिम्मेदारियों में इतनी उलझ गई थी कि मुझे अपने लिए भी समय नहीं मिल पाता था और ना ही अनमोल के लिए मैं समय निकाल पाती थी। अनमोल भी अपने ऑफिस से थके हारे आते थे और अपने काम से वह बहुत परेशान रहते थे।

एक दिन अनमोल ऑफिस से आए तो उनका बीपी बहुत ज्यादा हाई था वह मुझे कहने लगे सुजाता मुझे तुम पानी दे दो मैंने उन्हें पानी दिया वह कहने लगे मैं ऑफिस से बहुत ज्यादा परेशान हो चुका हूं मुझे लगने लगा है कि मुझे अब नौकरी छोड़ देनी चाहिए। अनमोल से मैंने कहा आप ऐसा क्यों कह रहे हैं अनमोल मुझे कहने लगे कि तुम ही मुझे बताओ मैं क्या करूं ऑफिस में हर रोज अपने बॉस की बातें सुनकर मैं अब परेशान हो चुका हूं मुझसे अब बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करना चाहिए। अनमोल ने मुझे कहा कि मैं नौकरी छोड़ रहा हूं मैंने अनमोल से कहा आप देख लीजिए जैसा आपको उचित लगता है। अनमोल कुछ दिनों से बहुत ज्यादा तनाव में रहने लगे थे और उनके तनाव का कारण सिर्फ उनका काम था जिससे कि वह बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे थे और मैं भी बहुत ज्यादा परेशान थी। अनमोल के चेहरे पर बिल्कुल भी हंसी नहीं थी और मुझे भी अच्छा नहीं लगता था अनमोल बहुत ही ज्यादा परेशान होने लगे थे और कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अपनी नौकरी से रिजाइन दे दिया। अनमोल ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी और अब वह घर पर ही रहने लगे थे लेकिन कुछ ही समय बाद घर की स्थिति खराब होने लगी और मुझे भी पैसों की जरूरत पड़ने लगी थी।

अनमोल मुझे कहने लगे कि सुजाता मैं अपने लिए दूसरी नौकरी देख लेता हूं अनमोल ने अपने लिए दूसरी नौकरी ढूंढनी शुरू की तो उन्हें नौकरी नहीं मिल रही थी और वह कुछ दिनों तक घर पर ही थे। मेरे भैया हमारे घर पर आए तो उन्होंने मुझे कुछ पैसे दे दिए थे जिससे कि हमारे घर का खर्चा चल रहा था लेकिन कितने दिनों तक हमारे घर का खर्चा चल पाता और मैं इस बात से परेशान भी थी। मैंने अनमोल से कहा अनमोल हमें अब कुछ करना ही पड़ेगा अनमोल ने नौकरी करने का फैसला कर लिया और अब अनमोल को नौकरी भी मिल चुकी थी वह जिस जगह नौकरी कर रहे थे वहां पर उनकी तनख्वा भी ठीक थी। अनमोल के चेहरे पर पहले वाली खुशी दोबारा से लौट आई थी वह मुझे कहने लगे कि मैं बहुत ही खुश हूं मैंने अनमोल से कहा कि आपके चेहरे की खुशी देखकर मुझे अच्छा लग रहा है। अनमोल कहने लगे सुजाता तुम्हें मालूम है मैं कितना ज्यादा परेशान हो गया था लेकिन अब मुझे इस चीज की खुशी है कि कम से कम मेरे पास अच्छी नौकरी है और जिस जगह मैं नौकरी कर रहा हूं वहां पर मेरे बॉस भी बहुत अच्छे हैं। अनमोल के बॉस काफी अच्छे थे और अनमोल उनकी बड़ी तारीफ किया करते हैं अनमोल का मन अब अपने काम में भी लगने लगा था और वह जब घर आते तो उनके चेहरे पर पहले वाली मुस्कान नजर आती। एक दिन अनमोल बहुत ही खुश थे तो वह मुझे कहने लगे कि क्यों ना आज हम लोग कहीं घूमने के लिए चले मैंने अनमोल से कहा काफी दिन हो गए जब हम लोग कहीं घूमने भी नहीं गए हैं। अनमोल कहने लगे चलो आज हम लोग घूम आते है, मैं घूमने के लिए अनमोल के साथ चली गई हम दोनों किसी नए कपल की तरह एक साथ घूम रहे थे इतने समय बाद मुझे लगा कि जैसे यह वही अनमोल है जो मुझे पहली बार मिले थे।

जब अनमोल मुझे पहली बार मिले थे तो अनमोल के चेहरे पर खुशी थी और अनमोल का चेहरा ऐसा था जिससे कि मैं उसी वक्त प्यार कर बैठी थी और मुझे अनमोल बहुत ही अच्छे लगते थे। जब हम दोनों की शादी हुई तो हकीकत में मुझे जिंदगी का पता चला जिंदगी बिल्कुल उलट थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं और अनमोल कितने ज्यादा बदल चुके हैं। हम दोनों पूरी तरीके से बदल चुके थे और मुझे इस बात की खुशी थी कि कुछ दिनों से ही सही लेकिन अनमोल के चेहरे पर वह पहले वाली मुस्कुराहट लौट आई है। मैंने अनमोल से कहा तुम इतने खुश नजर आ रहे हो कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अनमोल मुझे कहने लगे हां सुजाता मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे पहले की तरह ही मैं खुश हूं और अपनी जिंदगी को अच्छे से जी भी पा रहा हूं। अनमोल और मैं घर पर ही थे उस दिन हमारे घर पर अनमोल के चाचा जी का लड़का राजेश आया हुआ था वह कुछ काम के सिलसिले में गांव से आया था वह कुछ दिनों के लिए हमारे पास ही रुकने वाला था। अनमोल और राजेश की उम्र में काफी अंतर है लेकिन राजेश बेहद शरीफ लड़का है राजेश कुछ दिनों तक हमारे पास ही रुकने वाला था। उस दिन अनमोल की छुट्टी थी तो अनमोल और राजेश एक साथ बैठे हुए थे राजेश ने अनमोल को गांव के बारे में बताया।

राजेश और अनमोल साथ में बैठे हुए थे मैंने राजेश से कहा अब काफी समय हो चुका है तुम अपने भैया से कह दो कि वह सो जाएं। मैं कमरे में लेट गई थी राजेश सोने के लिए चला गया अनमोल मेरे पास आए और मुझे वह कहने लगे सुजाता काफी दिनों से हमारे बीच कुछ हुआ नहीं है क्या आज मैं कुछ कर सकता हूं? यह कहती ही अनमोल ने मेरे स्तनों को दबाना शुरू कर दिया मुझे जिस प्रकार से अनमोल ने उस रात चोदा उससे मैने घर को अपने सर पर उठा लिया था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। राजेश ने मुझे और अनमोल को देख लिया था उसने हम दोनों के बीच के अंतरंग संबंधों को देख लिया था वह अपने आपको ना रोक सका और अगले ही दिन राजेश ने मुझे पीछे से पकड़ते हुए मेरी चूतडो को दबाना शुरू किया। मुझे अनमोल ने अच्छे से नहीं चोदा था थोड़ी बहुत कमी रह गई थी उसको पूरा करने के लिए राजेश ने अपने लंड को बाहर निकाल और कहां भाभी जबसे आपके बदन को देखा है तब से मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूं। मैंने राजेश से कहा राजेश यह ठीक नहीं है मैं तुमसे बड़ी हूं और तुम्हारी भाभी भी हूं। राजेश कहने लगा भाभी मैं अपने अंदर की सेक्स भावना को बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा हूं और राजेश ने मुझे कहा कि भाभी आप मेरी इच्छा को पूरा कर दीजिए। मैं अपनी इच्छा को पूरा करवाना चाहती थी लेकिन मैंने फिर भी राजेश को कहा कि तुम आराम से लेट जाओ। राजेश को मैंने बिस्तर पर लेटा दिया जब राजेश बिस्तर पर लेटा तो राजेश के बडे लंड को मैने चूसकर अपना बना लिया। राजेश के अंदर गर्मी पैदा हो चुकी थी वह अपने आपको बिल्कुल भी ना रोक सका। राजेश ने मेरी योनि को चाटना शुरु किया तो मैं पूरी तरीके से मचलने लगी राजेश ने मुझे कहा भाभी आपकी साड़ी को उतार दिजिए।

मैने अपन साडी और अपने पेटिकोट को उतार दिया राजेश मेरी योनि को चाट रहा था। उसने मेरी योनि को चाटकर पूरी तरीके से गिला कर दिया था मैंने राजेश को कहा तुम मेरे ब्लाउज को उतार दो। राजेश ने मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिया और जिस प्रकार से उसने मेरी ब्रा को तोड़कर एक किनारा किया उससे मैंने अंदाजा लगा लिया कि आज राजेश मेरी चूत का भोसडा बना कर ही मानेगा। राजेश ने मेरे स्तनों को काफी देर तक अपने मुंह में लिया जब राजेश ने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया मैं चिल्लाने लगी। राजेश ने मेरी दोनों जांघों को कसकर पकड़ लिया और जिस गति से राजेश ने मुझे धक्के दिए उससे मै अपने आपको बिल्कुल भी ना रोक सका और राजेश भी अपने आपको नहीं रोक पाया। राजेश ने मुझे कहा भाभी मुझे आपके एक पैर को ऊपर करके चोदना है। राजेश ने मेरे पैर को पकड़ लिया और उसने अपने कंधे पर रख लिया राजेश मुझे धक्के मार रहा था। उसने मेरी चूतड़ों पर अपने नाखूनों के निशान भी मार दिए थे धीरे-धीरे उसने मुझे पूरी तरीके से उलटा कर दिया और वह मुझे चोदने लगा। राजेश ने मेरी चूतडो को पकड़ लिया और वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा। मेरी चूतडे राजेश से टकराने लगी थी और उनका रंग लाल होने लगा था लेकिन मुझे भी मज़ा आ रहा था।

राजेश को भी मजा आने लगा था हम दोनों की उत्तेजना पूरी तरीके से चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और राजेश ने जैसे ही मेरी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो मैंने राजेश से कहा तुमने तो मुझे आज अपना बना लिया है। कुछ देर तक राजेश ऐसे ही बैठा रहा लेकिन अब दोबारा से उसका लंड तनकर खड़ा हो गया। राजेश मुझे कहने लगा भाभी आज मुझे आपकी गांड मारने दो। मैंने भी राजेश से कहा ठीक है तुम मेरी गांड मार लो और राजेश ने अपने मोटे और तने हुए लंड को मेरी गांड के अंदर डाल दिया। जैसे ही राजेश ने मेरी गांड के अंदर लंड को प्रवेश करवाया तो मैं चिल्ला उठी मुझे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा लेकिन उसका मोटा लंड गांड के अंदर उतर चुका था। राजेश मुझे बड़े ही तेज गति से धक्का मारता मेरी गांड से उसने खून भी निकाल दिया था और मैं चिल्लाने लगी थी। काफी देर तक उसने मेरी गांड का मजा लिया और जब अपने माल को गिराया तो वह कहने लगा लो भाभी हो गया।
 
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