चुत का मज़ा और गांड अनोखा दर्द

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हाई दोस्तों,

आज मैं आपको अपनी कामुक कहानी सुनाने जा रही हूँ जिससे सभी नौजवान लड़कों के लंड का रस तो ज़रूर ही निकल पड़ेगा जिसके लिए क्रप्या करके मुझे दोष मत ठेरना | मैं आपको नीरज के साथ प्रेम - बंधन के सबसे आखिरी कदम में बढ़ जाने की बात बता रही हूँ | नीरज तो मेरा स्कुल के दिनों से प्रेमी था और मैं उससे अक्सर ही चूमा - चाटी कर भी लिया करती थी | अब जब उसे मौका मिलता तो मुझे अकेले में दबोचकर मेरे होंठों को भरकर चूस भी लिया करता था जिसपर मैं घबरा जाती थी पर उसके होंठों के रस में जल्द ही सब - कुछ भूल भी जाया करती थी और चुत चुदवाने का दौर भी हमारा जल्द ही आ गया |

वो मुझे अक्सर ही अपनी चुत को दिखाने के लिए उत्तेजित करता जिसके बारे में मैं उसे टालती ही जाती थी पर च्यूंकि मैं भी उसके लंड को देखने के लिए पागल बन चुकी थी तो अब वो समय भी धीरे - धीरे करी आ गया और एक दिन हमने अपनी सारी हदें पार कर दी | एक दिन वो मुझे अपने घर ले गया जहाँ पहले तो उसने मेरे साथ रोज की तरह रोमांटिक होते हुए चुम्मा - चाटी फिर जिद्द भरते हुए मुझे कुछ देर में ही नंगी भी कर दिया | वो मेरे चुचों मुंह में भरकर चूस रहा था और थोड़ी ही देर में मेरी चुत में ऊँगली करता हुआ अपनी जीभ मेरी चुत में घुमा रहा था जिसपर मेरी अहहहह्ह अह्हहह्हह्हा निकल रही थी | धीरे - धीरे वो मेरी चुत के उप्पर चडकर ऊँगली बड़ी ही तेज़ी से करने लगा |

कुछ ही देर में उसने अपने लंड को भी निकाल लिया और मेरी चुत पर टिकाकर अचानक अपना लंड मेरी चुत के अंदर घुसा दिया और साथ ही अपने लंड को तेज़ी से आगे - पीछे किये जा रहा था | अब धीर - धीरे मेरी चुत का दरद बढ़ रहा जिसे वो अपनी जीभ को मेरी चुत पर लगाकर शांत कर दे रहा था | वो मेरी चुत के उप्पर थूकता हुए अपने लंड के धक्के बड़ी तेज़ी से दिए जा रहा था और मैं ही जानती थी की अपने होश को संभालना मेरे लिए कितना मुश्किल हो चूका था | मैंने प्फिर भी अब उसका सहयोग करते हुए अपनी गांड को मटकाते हुए उसके लंड को अपनी चुत में लेता हुआ ज़ारी रखा |

जब थककर उसके लंड का वीर्य मेरी चुत पर गिरा तो मुझे बहुत शान्ति मिली पर अब उसने अचानक मेरी गांड को दबोच बैठा था और पीछे से मेरी गाडं पर थूक मारते हुए उसमें ऊँगली कर रहा था | मुझे पहले तो घिन्न आई पर अब मुझे मेरी गांड में ऊँगली करवाना चुत से काफी हद्द तक बहतर लग रह था | उस कमीने के दिमाक में कुछ ओर ही था और कुछ पल में ही फिर उसके मोटे लंड ने मेरी गांड पर टिकाकर मुझे डराना चालू कर दिया | मैं पगला ही रही थी की उसने ज़ोरदार झटकों के साथ मेरी गांड भी पेलनी शुर कर दी और आज तक मैं उसके लंड के झटकों से अपनी गांड के दर्द को सह रही हूँ |
 
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