गांड मारी तो दिल धडक ऊठा

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Antarvasna, hindi sex kahani: मैं बस स्टॉप पर बैठा हुआ था और बस का इंतजार कर रहा था तभी सामने से एक लड़की आई उसके लंबे बाल और उसका चेहरा देखकर मैं उसकी तरफ ही देखता रहा। वह दिखने में बहुत ही सुंदर और अच्छी थी उस दिन के बाद मुझे वह अक्सर उसी बस स्टॉप पर दिखाई देती थी मेरे साथ मेरे ऑफिस के कुछ लोग भी बस में ही सफर किया करते थे। एक दिन मैं सीट में बैठा हुआ था और वह लड़की खड़ी थी मैंने सोचा उसे मैं सीट पर बैठने के लिए कह देता हूं तो मैंने उस लड़की को सीट पर बैठने के लिए कहा। पहले तो वह मना करती रही लेकिन फिर वह बैठ गई और जब वह सीट पर बैठी तो उसने मुझे धन्यवाद कहा और उसके बाद जब भी वह मुझे मिलती तो वह मुझे देखकर मुस्कुरा दिया करती थी। मुझे बहुत अच्छा लगता था कि मैं हर रोज उसे देखता था अब मुझे उसका नाम भी पता चल चुका था उसका नाम सपना है लेकिन कुछ दिनों बाद वह मुझे दिखाई नहीं दी मुझे ऐसा लगा जैसे की वह मेरी जिंदगी में कुछ पल के लिए ही आई थी लेकिन उसके बाद वह मुझे दिखाई ही नहीं दी।

मैं अपने दोस्त से हर रोज सपना के बारे में बात किया करता था लेकिन वह उस दिन के बाद मुझे कभी देखी ही नहीं काफी लंबे अरसे बाद मैं भी अब शादी कर के अपने परिवार के साथ कोलकाता रहने के लिए आ गया था। कोलकाता में ही मेरी एक कंपनी में जॉब लग गई थी और मुझे उनकी तरफ से ही रहने की पूरी व्यवस्था दी गई थी मैं अपने परिवार के साथ कोलकाता में ही रहता था मेरा जीवन बहुत ही अच्छे से चल रहा था। एक दिन मैं अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और उस दिन मेरे साथ काम करने वाले सुरेश ने मुझे कहा कि क्या आज तुम मेरे साथ मेरे घर पर चलोगे। मैंने उसे कहा लेकिन आज किस खुशी में तुम्हारे साथ चलना है तो सुरेश मुझे कहने लगा कि मोहन मेरे बच्चे का जन्मदिन है तो मैं सोच रहा था कि तुम्हें भी मैं घर पर इनवाइट करूं। मैंने सुरेश से कहा ठीक है मैं तुम्हारे घर पर आज शाम को आ जाऊंगा सुरेश ने हमारे ऑफिस के कुछ और लोगों को भी इनवाइट किया हुआ था।

जब मैं उसके घर पर गया तो उस वक्त मैं पूरी तरीके से चौक गया और मेरी आंखें खुली की खुली रह गई जब मेरी मुलाकात सपना से हुई। मैं सपनों को एक तक नजरों से देखता रहा मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा कभी हो भी सकता है और सपना भी शायद इस बात से अनजान थी कि मैं उससे कभी मिलूंगा लेकिन यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक ही था कि हम दोनों की मुलाकात इतने सालों बाद हुई थी। सपना ने मुझे कहा तुम तो वही हो ना जो मुझे बस में मिला करते थे मैंने उसे कहा लगता है तुम्हें मेरा नाम भी याद नहीं है तो वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारा नाम याद है तुम्हारा नाम मोहन है। सुरेश जब मेरे पास आया तो वह कहने लगा क्या तुम मेरी पत्नी को जानते हो तो मैंने सुरेश को कहा हां हम लोग एक दूसरे को जानते हैं। सपना मेरी तरफ देख रही थी और उस दिन जब मैं अपने घर लौटा तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि यह तो बड़ा ही अजीब इत्तेफाक है कि मेरी मुलाकात सपना से हो गई। मैं अपने घर पर आया तो मेरे दिमाग में सिर्फ सपना का ही ख्याल आ रहा था और मैं सपना के बारे में ही सोच रहा था।

सुरेश अगले दिन मुझसे ऑफिस में सपना के बारे में पूछने लगा तो मैंने सुरेश को कहा तुम लोगों की शादी कब हुई वह मुझे कहने लगा हम लोगों की शादी को तो 8 वर्ष हो चुके हैं। मैंने सुरेश से कहा पहले सपना क्या भोपाल में रहती थी तो सुरेश मुझे कहने लगा कि हां उसका परिवार अब भी भोपाल में ही रहता है। मैंने सुरेश को कहा लेकिन तुम लोगों की मुलाकात कैसे हुई तो वह मुझे कहने लगा कि हम दोनों के परिवार एक दूसरे को पहले से ही जानते थे इसलिए हम लोगों की शादी हो गई। मैंने सुरेश से कहा मेरी मुलाकात सपना से पहली बार बस स्टॉप पर हुई थी और उसके बाद हम लोग अक्सर मिला करते थे लेकिन उसके बाद एकदम से सपना गायब हो गई और वह मुझे कभी दिखाई ही नहीं दी। सुरेश कहने लगा कि हां उस वक्त हम लोगों की शादी हो गई थी और सपना मेरे साथ कोलकाता में ही रहने लगी थी, मैं और सुरेश आपस में बात कर रहे थे तो मैंने सुरेश को कहा तुम बहुत किस्मत वाले हो जो तुम्हें सपना जैसी पत्नी मिली। वह मुझे कहने लगा कि हां सपना मेरा बहुत ख्याल रखती है और वह बच्चे की परवरिश भी बड़े अच्छे से कर रही है आज तक कभी भी सपना ने मुझे कोई शिकायत का मौका नहीं दिया और मैं सपना से शादी कर के बहुत खुश हूं।

मै जब घर लौटा तो मैंने सोचा कि क्यों ना सुरेश और सपना को एक दिन घर पर डिनर के लिए इनवाइट करूं तो मैंने अपनी पत्नी से इस बारे में बात की तो वह कहने लगी कि आप उन्हें घर पर बुला लीजिए। मैंने सुरेश को यह बात कही तो सुरेश कहने लगा कि हां मैं तुम्हारे घर पर जरूर आऊंगा सुरेश और सपना जब हमारे घर पर आए तो वह दोनों ही मेरी पत्नी के साथ बड़े अच्छे से घुलमिल गए थे और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। सपना और मैं आपस में बात कर रहे थे तो मैंने सपना से पूछा तुम बिना बताए गायब हो गई थी तो वह कहने लगी कि उस वक्त मेरी शादी हो गई थी और मैं सुरेश के साथ कोलकाता आ गई थी। सपना और सुरेश हमारे घर पर आकर बहुत खुश थे। डिनर करने के कुछ देर बाद वह लोग अपने घर लौट चुके थे।

सपना से मुझे मिलकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वही पुराने दिन दोबारा से लौट आए हो मैं बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि सपना को मैं दोबारा से देख पा रहा था। मेरे दिल में सपना के लिए वही प्यार दोबारा से जागने लगा था उस वक्त मुझे बड़ा अच्छा मौका मिला जब मैं सपना से मिलने के लिए चला गया सुरेश उस वक्त आपने किसी परिचित के घर पर गए हुआ था घर पर कोई भी नहीं था। सपना को अकेला देखकर मैं खुश हो गया सपना ने मुझे कहा बैठने के लिए कहा मैं सोफे पर बैठा हुआ था मैं अपनी नजरें सपना पर ही गाड़े हुए था। जब मैंने सपना कि पतली कमर और उसकी ऊभरी हुई गांड को देखा तो मैं अपने आपको रोक ना सका मैंने सपना को कस कर पकड़ लिया। मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो मेरा लंड तन कर खड़ा होने लगा था मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैंने जब सपने से कहा कि मुझे तुम्हारी चूत मारनी है तो वह कहने लगी तुमने कैसे सोच लिया मैं शादीशुदा हूं। मैंने उसे कहा सपना मैं तुम्हारे पीछे पहले से ही पागल था आज मैं अपने अंदर की गर्मी को बाहर निकाल कर ही रहूंगा शायद सपना को भी सुरेश खुशी नहीं दे पा रहा था इसलिए वह मेरी बात मान गई। उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतारने शुरू किए मै खुश हो गया मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए अपने हाथ से लंड को हिलाने लगा मैं मुठ मारने लगा था। सपना यह देख रही थी सपना ने मेरे लंड को बड़े ही प्यार से अपने हाथों में लिया और उसे हिलाना शुरू किया मैं पूरी तरीके से मचलने लगी। जब सपना ने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो मुझे बहुत खुशी हो रही थी और मेरा लंड बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी काफी देर तक उसने ऐसा ही किया। मैंने उसे बिस्तर पर लेटाकर उसके स्तनों को अपने मुंह से चूसना शुरू किया तो वह मजे में आ गई उसे बहुत अच्छा लगने लगा। मैंने उसकी चूत को बहुत चाटा और उसकी चूत पूरी तरीके से गिली होने लगी थी मैंने उसे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

जैसे ही मैंने उसकी चूत के अंदर आपने लंड को डालना शुरू किया तो उसके मुंह से बड़ी तेज आवाज निकलने लगी मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मारने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था मुझे भी बड़ा आनंद आता। काफी देर तक मैं उसे ऐसे ही धक्के मारता रहा जब मेरे लंड से वीर्य बाहर की तरफ को निकलने लगा तो मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका मैंने अपने वीर्य को सपना की योनि के अंदर ही गिरा दिया। मेरे वीर्य सपना की चूत के अंदर जा चुका था मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए सपना की गांड के अंदर अपने लंड को घुसाना शुरू किया। मेरा लंड उसकी गांड के अंदर जा चुका था वह अपने मुंह से चीखने लगी मैं बड़ी तेजी से उसे धक्के मार रहा था वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी। वह अपनी बडी चूतडो को मुझसे मिलाती तो उसकी चूतड़ों से बड़ी तेज आवाज आती और मेरा लंड आसानी से उसकी गांड के अंदर बाहर होता।

मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया मैं उसे इतनी तेज गति से धक्के मारने लगा कि वह बिल्कुल रह नहीं पा रही थी मेरा मोटा लंड पूरी तरीके से छिलकर बेहाल हो चुका था लेकिन मुझे सपना की गांड मारने में बड़ा मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी तुमने इतने बरसों का बदला मेरी गांड मारकर निकाल लिया। मैंने उसे कहा सपना मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा था तभी से मेरे मन में तुम्हारे साथ सेक्स करने का ख्याल आया था और मैं तुम्हें दिल ही दिल चाहता भी था लेकिन तुमने सुरेश के साथ शादी कर ली और इतने वर्षों बाद मुझे मौका मिली तो तुम्हें देखकर मैं अपने आपको रोक ना सका। सपना कहने लगी मेरे दिल में तुम्हें लेकर ऐसा कुछ भी नहीं था लेकिन आज जब तुम मेरी गांड मार रहे हो तो मेरा दिल तुम्हारे लिए धड़कने लगा है मुझे लगने लगा है मुझे तुम्हारे पास हर रोज आना पड़ेगा। मैंने सपना से कहा मेरे दरवाजे हमेशा तुम्हारे लिए खुले हैं और जब भी तुम्हें मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे बुला लिया करना करीब 5 मिनट मैंने सपना की गांड मारी 5 मिनट बाद मेरा वीर्य बाहर गिरा तो मैं खुश हो गया।
 
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