हाई दोस्तों,
मेरा नाम बिपिन हे और में चेन्नई में रहता हूँ | मैं यही काम करता हू और एक कमरा लेके रखा हुआ हू | जिनके पास रहता हू उनकी दो बेटी हे एक जो कॉलेज कर रही हे और एक जो स्कूल जाती हे | ये बात मार्च महीने की हे जब सबकी परीक्षा चलती रहती हे, एक दिन क्या हुआ की आंटी की माँ की तबियत खराब हो गयी तो वो और अंकल दोनों गॉव के लिए निकल पड़े और दोनों लड़की को मेरे भरोसे छोड़ गए | एक दिन जब में काम से आ रहा तह तो मेने देखा की छोटी वाली अपने घर के पीछे किसी लड़के के साथ थी, मैं चुपके से वही खड़े होके देखने लगा तो देखा की कुछ देर बातें करने के बाद वो दोनों किस करने लग गए और लड़का फिर उसके मम्मे दबाने लग गया |
मैं फिर अपने कमरे में गया और उसके नाम का मुठ मारा | रात को वो मेरे घर खाना देने आई, तो मेने सोचा मोका हे उठा लेता हूँ | वो किचन में खाना रखने गयी तो मेने जाके अपने करमे का दरवाजा की कुंडी लगा दी, और फिर वो मुझसे पूछी क्या हे ये सब | मैं उसके पास गया और उसे कस के पकड़ के किस करने लगा तो वो मुझसे छूटने लगी | मेने फिर उसे दिवार से सटा के कहा की मेने आज देख लिया वो लड़का तेरे च्चुहे दबा रहा था और तू मजे ले रही थी, अभी चुप रह वरना तेरी बेहेन को बता दूँगा | वो डर गयी और फिर चुप से खड़ी हो गयी, मेने उसे गोदी में उठा के अपने बिस्तर पे लेटा दिया और उसके होठो को चूसने लग गया |
वो सिसकिय अ भरने लग गयी और फिर में धीरे धीरे उसके चुचे दबाने लग गया तो वो मेरे सर पे हाथ फेरते हुए मुझे कसने लग गयी | मैं फिर उसके टॉप को उठा दिया और उसके चुचो को ब्रा के उपर से ही काटने और मसलने लग गया | वो पूरी तरह चुदने के मुड में थी, मैं उसके ब्रा को खोल दिया और बाजू में रख के उसके छोटे छोटे निप्पल को मुह में भर के चूसने लग गया और वो मेरे सर को अपने चुचो पे मसलने लग गयी | मैं बारी बारी से उसके चुचो को मसलता और चूसता रहता | वो सिसकिय पे सिसकिय लिए जा रहा थी, और में लगा हुआ था उसके चुचो की गांड मरने में |
कुछ देर यही सब करने के बाद मेने उसकी स्कर्ट उठा दी और फिर उसके टांगो को उपर कर दिया और फिर उसकी पेंटी पे हाथ फेरने लग गया, उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी और मस्त महक रही थी | मेने उसकी पेंटी उतार दी और देखा की उसकी चुत एक दम साफ हे जेसे आज सुबह की साफ़ की हो | मेने फिर उसकी चुत पे जीभ रख दिया और कस कस के चाटने लग गया तो वो एक दम से कसमसा उठी और और अहह ऐईईई करने लग गयी और मेरे सर को दबाने लग गयी | मैं लगातार उसकी चुत चाटे जा रहा था और वो कराह रही थी, कुछ देर में वो झड गयी और फिर मुझे अपनी तरफ खीच के चूमने लग गयी |
मैं फिरसे चुचो को चूसने लग और फिर अपने लंड पे खूब तेल लगाया और फिर उसकी टांगो को खोल दिया, वो मना की पर में बोला कुछ नही होगा, मजे करेगी अब तू | फिर मेने चुत पे लंड सटा के रगड़ने लग तो वो तड़पने लगी लंड के लिए | मेने एक ही झटके में लंड को आधा पेल दिया और वो जोर से चीख पड़ी और मेने तुरंत ही मुह पे हाथ रख दिया उसके | वो फिर रोने लग गयी, मैं फिर से झटका दिया और पूरा का पूरा पेल दिया | मैं फिर बिना रुके झटके देने लगा तो वो फुट फुट के रोने लग गयी पर कुछ ही देर में वो शांत हुई और मजे लेने लग गयी |
अब मेने उसके मुह से हाथ हटा दिया और कस कस के धक्के देते हुए उसके निप्पल को भी चूसता रहा | वो बस अह्ह्ह्ह्ह्ह उईई करती रही और कुछ देर बाद उसने अपने पेरो से मुझे कस के पकड़ लिया और मुझे कसती गयी | मैं करीब बीस मिनट तक उसको पेलता रहा और वो उसके बाद कस के झड गयी और मेरे पीठ पे नाख़ून गाडी दी | वो झड़ने के बाद ढीली हो गयी और एम् लगातार उसे पेलता रहा पर जादा देर टिक नही पाया और उसी के चुत में झड गया | हम थक के आराम करने लगे फिर वो झट से उठी और बोली दीदी को शक हो जायेगा और फिर वो जल्दी जल्दी जाने लगी पर ठीक से चल नही पा रही थी | उस दिन के बाद हम बहुत मजे किये और उसके बाद उसकी बेहेन का नो. भी आया कैसे अगले कहानी में बताऊंगा |
मेरा नाम बिपिन हे और में चेन्नई में रहता हूँ | मैं यही काम करता हू और एक कमरा लेके रखा हुआ हू | जिनके पास रहता हू उनकी दो बेटी हे एक जो कॉलेज कर रही हे और एक जो स्कूल जाती हे | ये बात मार्च महीने की हे जब सबकी परीक्षा चलती रहती हे, एक दिन क्या हुआ की आंटी की माँ की तबियत खराब हो गयी तो वो और अंकल दोनों गॉव के लिए निकल पड़े और दोनों लड़की को मेरे भरोसे छोड़ गए | एक दिन जब में काम से आ रहा तह तो मेने देखा की छोटी वाली अपने घर के पीछे किसी लड़के के साथ थी, मैं चुपके से वही खड़े होके देखने लगा तो देखा की कुछ देर बातें करने के बाद वो दोनों किस करने लग गए और लड़का फिर उसके मम्मे दबाने लग गया |
मैं फिर अपने कमरे में गया और उसके नाम का मुठ मारा | रात को वो मेरे घर खाना देने आई, तो मेने सोचा मोका हे उठा लेता हूँ | वो किचन में खाना रखने गयी तो मेने जाके अपने करमे का दरवाजा की कुंडी लगा दी, और फिर वो मुझसे पूछी क्या हे ये सब | मैं उसके पास गया और उसे कस के पकड़ के किस करने लगा तो वो मुझसे छूटने लगी | मेने फिर उसे दिवार से सटा के कहा की मेने आज देख लिया वो लड़का तेरे च्चुहे दबा रहा था और तू मजे ले रही थी, अभी चुप रह वरना तेरी बेहेन को बता दूँगा | वो डर गयी और फिर चुप से खड़ी हो गयी, मेने उसे गोदी में उठा के अपने बिस्तर पे लेटा दिया और उसके होठो को चूसने लग गया |
वो सिसकिय अ भरने लग गयी और फिर में धीरे धीरे उसके चुचे दबाने लग गया तो वो मेरे सर पे हाथ फेरते हुए मुझे कसने लग गयी | मैं फिर उसके टॉप को उठा दिया और उसके चुचो को ब्रा के उपर से ही काटने और मसलने लग गया | वो पूरी तरह चुदने के मुड में थी, मैं उसके ब्रा को खोल दिया और बाजू में रख के उसके छोटे छोटे निप्पल को मुह में भर के चूसने लग गया और वो मेरे सर को अपने चुचो पे मसलने लग गयी | मैं बारी बारी से उसके चुचो को मसलता और चूसता रहता | वो सिसकिय पे सिसकिय लिए जा रहा थी, और में लगा हुआ था उसके चुचो की गांड मरने में |
कुछ देर यही सब करने के बाद मेने उसकी स्कर्ट उठा दी और फिर उसके टांगो को उपर कर दिया और फिर उसकी पेंटी पे हाथ फेरने लग गया, उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी और मस्त महक रही थी | मेने उसकी पेंटी उतार दी और देखा की उसकी चुत एक दम साफ हे जेसे आज सुबह की साफ़ की हो | मेने फिर उसकी चुत पे जीभ रख दिया और कस कस के चाटने लग गया तो वो एक दम से कसमसा उठी और और अहह ऐईईई करने लग गयी और मेरे सर को दबाने लग गयी | मैं लगातार उसकी चुत चाटे जा रहा था और वो कराह रही थी, कुछ देर में वो झड गयी और फिर मुझे अपनी तरफ खीच के चूमने लग गयी |
मैं फिरसे चुचो को चूसने लग और फिर अपने लंड पे खूब तेल लगाया और फिर उसकी टांगो को खोल दिया, वो मना की पर में बोला कुछ नही होगा, मजे करेगी अब तू | फिर मेने चुत पे लंड सटा के रगड़ने लग तो वो तड़पने लगी लंड के लिए | मेने एक ही झटके में लंड को आधा पेल दिया और वो जोर से चीख पड़ी और मेने तुरंत ही मुह पे हाथ रख दिया उसके | वो फिर रोने लग गयी, मैं फिर से झटका दिया और पूरा का पूरा पेल दिया | मैं फिर बिना रुके झटके देने लगा तो वो फुट फुट के रोने लग गयी पर कुछ ही देर में वो शांत हुई और मजे लेने लग गयी |
अब मेने उसके मुह से हाथ हटा दिया और कस कस के धक्के देते हुए उसके निप्पल को भी चूसता रहा | वो बस अह्ह्ह्ह्ह्ह उईई करती रही और कुछ देर बाद उसने अपने पेरो से मुझे कस के पकड़ लिया और मुझे कसती गयी | मैं करीब बीस मिनट तक उसको पेलता रहा और वो उसके बाद कस के झड गयी और मेरे पीठ पे नाख़ून गाडी दी | वो झड़ने के बाद ढीली हो गयी और एम् लगातार उसे पेलता रहा पर जादा देर टिक नही पाया और उसी के चुत में झड गया | हम थक के आराम करने लगे फिर वो झट से उठी और बोली दीदी को शक हो जायेगा और फिर वो जल्दी जल्दी जाने लगी पर ठीक से चल नही पा रही थी | उस दिन के बाद हम बहुत मजे किये और उसके बाद उसकी बेहेन का नो. भी आया कैसे अगले कहानी में बताऊंगा |