जब उसकी योनि को चाटना शुरू किया

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Antarvasna, hindi sex story: मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली चला गया था दिल्ली में पापा मम्मी रहते हैं और मुझे कुछ दिन दिल्ली में ही रहना था लेकिन मैं अकेले बोर हो रहा था इसलिए मैं अपने दोस्तों को मिलने के लिए जाता लेकिन उनसे भी मेरी मुलाकात हो नहीं पा रही थी। सब लोग अपने काम में बिजी थे इसलिए मैं अकेला काफी ज्यादा बोर हो जाता था। मैंने एक दिन अपने दोस्त को फोन किया उस दिन वह फ्री था मेरे दोस्त रोहन ने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा था तो मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर चला गया।

जब मैं उसे मिलने के लिए उसके घर पर गया तो वह मुझे कहने लगा कि आकाश मै आज कल अपने ऑफिस के काम के चलते कुछ ज्यादा ही बिजी था इसलिए मैं तुमसे मिल नहीं पा रहा था उसके लिए मैं तुमसे माफी मांगना चाहता हूं। मैंने उसे कहा कि कोई बात नहीं मुझे मालूम है कि तुम अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी थे इसलिए मुझसे मिल नहीं पाए।

मैंने उसे बताया कि मैं घर पर अकेले बोर हो जाता हूं इसलिए सोचा कि तुमसे बात कर लेता हूं वह मुझे कहने लगा कि तुम बताओ तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है। मैंने उसे बताया कि मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है मैं कुछ दिनों के लिए छुट्टी लेकर घर आया था तो सोचा कि सब लोगों से मुलाकात कर लूंगा लेकिन मेरी किसी से भी मुलाकात नहीं हो पाई सब लोग अपने काम में बिजी होने लगे हैं। मुझे उस दिन रोहन ने बताया अमन की शादी नजदीक आने वाली है मैंने रोहन को कहा कि लेकिन अमन ने तो मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं बताया था। रोहन ने मुझे कहा कि अमन अपनी कॉलोनी में ही एक लड़की को पसंद करता है और वह उससे शादी करना चाहता है उसके घर वाले पहले इस बात के लिए तैयार नहीं थे लेकिन अब सब लोग इस बात के लिए मान चुके हैं।

मैंने जब रोहन से इस बारे में पूछा कि उसकी शादी कब है तो उसने मुझे बताया कि उसकी शादी नजदीक आने वाली है और हम लोग उसकी शादी में जरूर जाएंगे। हम लोग अमन की शादी में जाना चाहते थे क्योंकि मेरी भी ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैं और रोहन जब अमन की शादी में गए तो अमन मुझे देखकर चौक गया वह मुझे कहने लगा कि आकाश तुम कब आए। मैंने अमन को कहा कि तुमने तो मुझे अपनी शादी में इनवाइट ही नहीं किया था लेकिन मैंने सोचा कि मैं तुम्हें तुम्हारी शादी की बधाई दे आता हूं।

वह मुझे कहने लगा कि मैं उसके लिए तुमसे माफी मांगना चाहता हूं। वह बहुत ज्यादा शर्मिंदा था परन्तु मुझे भी इस बात से कोई प्रॉब्लम नहीं थी मुझे अमन की शादी में अपने कुछ पुराने दोस्त भी देखे उन सब लोगों से मेरी मुलाकात हो ही चुकी थी। उस दिन जब मैं और रोहन घर लौट रहे थे तो रोहन ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए जयपुर जा रहा है।

मैंने रोहन को कहा कि तुम मेरे साथ ही जयपुर चलना क्योंकि मैं भी जयपुर में ही जॉब करता हूं और रोहन को भी कुछ दिनों के लिए जयपुर अपने किसी काम से जाना था तो मैंने उसे कहा कि हम दोनों साथ में ही चलेंगे। वह कहने लगा ठीक है। रोहन अपने घर जा चुका था और मैं भी अपने घर आ चुका था जब मैं अपने घर पहुंचा तो उस वक्त सब लोग सो चुके थे और मैं भी अपने रूम में जाकर सो गया। कुछ दिनों बाद मुझे जयपुर जाना था और जब मैं जयपुर गया तो मेरे साथ मेरा दोस्त रोहन भी आया हुआ था वह मेरे साथ में ही था और कुछ दिनों तक वह मेरे साथ रुका और फिर वह दिल्ली वापस चला गया।

जब वह वापस चला गया तो उसके बाद मेरी रोहन के साथ फोन पर ही बातें हो पाती थी काफी समय हो गया था मैं कहीं भी जा नहीं पाया था। मैं अपने ऑफिस के काम में कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया था इसलिए मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था कि मैं अपने लिए समय निकाल पाऊं। मैं जिस कॉलोनी में रहता हूं वहीं पड़ोस में मुझे एक दिन एक लड़की दिखी और वह मुझे इतनी पसंद आई कि मैं उसके बारे में जानने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक था।

मैं उसके बारे में जानना तो चाहता था लेकिन मुझे उसके बारे में भी कुछ पता नहीं चल पा रहा था की आखिर वह करती क्या है लेकिन एक दिन मेरी उससे बात हो ही गई। जब मेरी उससे बात हुई तो उसने मुझे अपना परिचय दिया उसका नाम सुहानी है। सुहानी से बात करके मैं बहुत ज्यादा खुश था हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे थे और हम दोनों जब भी एक दूसरे से मुलाकात करते तो हम दोनों को अच्छा लगने लगा था। अभी तक तो हमारे बीच में इतनी अच्छी दोस्ती तो नहीं हुई थी लेकिन फिर भी हम लोगों की बातचीत होती रहती थी। धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती भी बढ़ने लगी थी और मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था कि मेरी दोस्ती अब सुहानी से होने लगी है।

मैं बड़ा खुश था कि सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करने लगे हैं। मैं और सुहानी एक दूसरे से ज्यादा से ज्यादा बात करने की कोशिश करने लगे। जब भी मैं सुहानी के साथ में होता तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता और सुहानी को भी बड़ा अच्छा लगता था। जिस तरीके से हम दोनों साथ में होते हैं और एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते हैं उससे हम दोनों को बहुत खुशी होती है।

मैं सुहानी के बारे में अब काफी कुछ जानने लगा था इसलिए हम दोनों के बीच में अब प्यार बहुत ज्यादा बढ़ने लगा था और मुझे भी इस चीज की बड़ी खुशी थी कि मेरे और सुहानी के बीच में अब काफी ज्यादा प्यार करने लगा है। मैंने भी एक दिन सुहानी को प्रपोज कर दिया और सुहानी भी मेरी बात को मना ना कर सकी और हम दोनों का रिलेशन चलने लगा था।

मैं अपने और सुहानी के लिए बहुत ज्यादा खुश था कि सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में है। मैं और सुहानी एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे। वह मुझसे मिलने के लिए अक्सर आया करती थी हम दोनों साथ में काफी समय बिताया करते थे। हम दोनों के बीच पहली बार किस हुआ तो उस दिन हम दोनों अपने आप पर काबू ना कर सके मै उसके बदन को गर्म करने की कोशिश करने लगा था लेकिन उस दिन हम दोनों के बीच में पूरी तरीके से सेक्स नहीं हो पाया था। मैं चाहता था मैं सुहानी के साथ में सेक्स करू मुझे अभी तक मौका नहीं मिल पाया था परंतु सुहानी का काफी ज्यादा मन था।

एक दिन वह मुझसे मिलने आई मैं समझ चुका था उसे मेरे साथ में सेक्स करना है हम दोनों ने उस दिन शारीरिक संबंध बनाने का फैसला कर लिया था मैं बड़ा खुश था मैं सुहानी के साथ में सेक्स करने वाला हूं। सुहानी भी बहुत ज्यादा खुश थी। मै उसके बदन की गर्मी को बढ़ाए जा रहा था और हम दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी। मैं सुहानी के होठों को चूम रहा था वह बड़ी खुश थी जिस तरीके से मैं उसके होठों को किस कर रहा था। हम दोनों ने एक दूसरे के बदन से कपड़ा को उतार दिया था। जब मैंने अपने लंड को बहार निकाला तो सुहानी और मै गर्म हो चुके थे। वह मेरे लंड को सकिंग करने लगी थी।

वह जिस तरीके से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी मै बहुत ज्यादा खुश हो गया था। हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होने लगे थे। हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी उसे रोक पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। मैंने सुहानी से कहा मुझे तुम्हारी चूत को चाटना है। मैंने उसके बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चाटा। मैंने जब उसकी योनि को चाटना शुरू किया उसे मज़ा आने लगा था वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। उसके गर्मी इतनी ज्यादा बढने लगी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी मुझे लग रहा था मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है।

हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते चले गए थे जब हम दोनों की गर्मी बढ़ती चली गई मैंने सुहानी को कहा मेरे गर्मी बढने लगी है। सुहानी की चूत से भी पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था। उसकी चूत मेरे लंड को लेने के लिए तैयारी हो चुकी थी। यह पहली बार ही था जब मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी मैंने सुहानी की योनि के अंदर अपने लंड को घुसाने का फैसला कर लिया था। मेरा लंड जैसे ही सुहानी की योनि के अंदर घुसा तो वह खुश हो गई। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों की गर्मी बढने लगी थी मैं उसे बडे ही अच्छे तरीके से चोदने लगा था।

मेरा लंड पूरी तरीके से उसकी योनि के अंदर तक जा चुका था सुहानी को बड़ा ही मजा आ रहा था जिस तरह मै और सुहानी एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बनाए जा रहे थे। हम दोनों की गर्मी बढ़ रही थी हम दोनों इतने ज्यादा गरम हो चुके थे हम दोनों से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था ना तो सुहानी रह पा रही थी ना ही मै रह पा रहा था।

हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में शारीरिक संबंध का जमकर मजा लिया जब मेरे वीर्य की पिचकारी बाहर की तरफ को आने को थी तो मैंने सुहानी की चूत के अंदर ही अपने माल को गिरा दिया था। उसकी योनि में मेरा माल जाते ही मुझे मजा आ गया और हम दोनों बड़े खुश थे जिस तरीके से हमने सेक्स के मजे लिए थे। यह पहली बार ही था जब हमने शारीरिक संबंध बनाया और एक दूसरे की गर्मी को पूरी तरीके से शांत कर दिया था। उसके बाद तो सुहानी और मेरे बीच में ना जाने कितनी बार शारीरिक संबंध बने।

मैं और सुहानी एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता हम लोग हमेशा एक दूसरे के साथ में सेक्स करने के बारे में सोचा करते थे जिससे कि हम दोनों को बड़ा ही मजा आता था। सुहानी को भी बहुत अच्छा लगता है जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स किया करते थे और हम दोनो एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा दिया करते थे।
 
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