जब हम दोनो नजदीक आए

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Antarvasna, hindi sex stories: यह कॉलेज का मेरा पहला दिन था मैं अपनी क्लास रूम में बैठी और अपने फोन को देखने लगी तभी मेरी आँखों के सामने एक 6 फुट लम्बा और बड़ा ही हैंडसम आया मैंने अपना फोन किनारे रखा और मैं उसे देखने लगी। उस लड़के से मेरी नजर हट ही नही रही थी उसी क्षण उसने मेरी तरफ देखा और हमारी नजर एक दूसरे से मिली मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज होने लगी और मुझे शर्म सी महसूस होने लगी। मैं अपनी क्लास रूम से उठी और बाहर की तरफ दौड़ती हुई चली गयी उस दिन से जब कभी भी हमारी आँखें एक-दूसरे से गलती से भी मिल जाती तो मेरी घड़कने बड़ी तेज हो जाती थी। कॉलेज के दो साल ऐसे ही एक दूसरे को देखते ही देखते बिना किसी बातचीत के निकल गए। हम दोनों ने कभी भी एक दूसरे के साथ बात करने की कोशिश नहीं की पहली नज़र में ही हम दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे थे। हमे एक दूसरे के बारे में नाम के अलावा कुछ भी मालूम नही था उसका नाम राजीव था और मेरा नाम प्रिया, बस इतना ही हमे एक दूसरे के बारे में पता था।

तीसरे वर्ष के अंत तक हम सभी अच्छे दोस्त बन गए हमारे सभी दोस्तो ने एग्जाम पूरे होने के बाद घूमने का प्लान बनाया। सब यही सोच रहे थे कि घूमने के लिए कहां जाया जाए कोई कुछ कहता तो कोई कुछ परन्तु कोई समझ नही पा रहा था कि कौन सी जगह घूमने के लिए सही रहेगी। अगले दिन हम सब ने मिलकर प्लान बनाया की हम लोग घूमने के लिए गोवा जाएंगे हमारा कॉलेज का आखिरी वर्ष था इसलिए हम इसे यादगार बनाना चाहते थे। इस टूर के दौरान मेरा जीवन बदलने वाला था यह टूर सबसे ज्यादा तो मेरे लिए ही यादगार टूर रहा यह मेरी जिंदगी का सबसे बेस्ट टूर था। अब हम लोगो ने पूरी तैयारी कर ली थी हमे सुबह ही गोवा के लिए निकलना था हम लोगो को ट्रेन से ही गोवा जाना था। दूसरे दिन हम सब लोग स्टेशन पर मिले लेकिन मुझे राजीव कहीं दिखाई नही दे रहा था मैं थोड़ा उदास हो गई मुझे लगा कि राजीव ने अपना घूमने का प्लान कैंसिल कर दिया है।

सब लोग राजीव का इंतजार कर रहे थे और उसे फोन पर फोन किये जा रहे थे लेकिन वह फोन नही उठा रहा था मैं बहुत घबरा गई थी पर जैसे ही मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो राजीव बड़ी तेजी से हमारी ओर आ रहा था। उसे देखते ही मैं खुशी से झूम उठी सबने राजीव से पूछा कि तुम्हे आने में इतनी देरी कैसे हो गयी तो राजीव कहने लगा कि दरअसल मेरी नींद ही नही खुली और देरी से उठने की वजह से मैं लेट हो गया। अब हम सब लोग ट्रेन में बैठे मैं अपनी दोस्त सपना के साथ बैठी हुई थी राजीव भी मेरे बगल में बैठ गया पहले मुझे लगा कि वह गलती से मेरे बगल में बैठा लेकिन वह जानबूझ कर मेरे बगल में बैठा था। राजीव बैठा तो मेरे बगल में था लेकिन बात वह अपने दोस्तों से कर रहा था मैं मन ही मन खुश हो रही थी तभी सपना मुझे कहने लगी तुम राजीव से बात क्यों नही कर लेती। मैंने सपना से कहा कि मैं बिना मतलब के कैसे उससे बात कर लूं बात करने के लिए भी तो कुछ बोलना होगा ना। हम दोनों यही सोचने लगे कि राजीव से कैसे बात की जाए मैं चाहती थी कि पहले राजीव बात करनी शुरू करे लेकिन वह भी यही सोच रहा थी कि पहले मैं उससे बात करूं। थोड़ी देर बाद सपना के कहने पर मैंने हिम्मत दिखाते हुए राजीव से बात करनी शुरू की सबसे पहले मैंने उसे पानी के लिए पूछा उसने पानी पिया और फिर उसने मुझे धन्यबाद कहा। उसके बाद राजीव ने मुझसे मेरा नाम पूछा मैंने उसे अपना नाम बताते हुए हाथ मिलाया और फिर मैंने भी उससे उसका नाम पूछा। हालांकि हमे एक दूसरे के नाम पहले से ही पता थे लेकिन फिर भी हमने नाम के जरिये बात करनी शुरू की। अब हम दोनों की बाते होने लगी थी और हम दोनों आपस मे खूब घुल मिल गए थे इस बात से मैं बहुत खुश थी कि कम से कम इस ट्रिप के दौरान मैं राजीव से बात तो कर पाई। हम लोगो ने डिनर किया और उसके थोड़ी देर बाद सब लोग सोने लगे थे सपना भी सो चुकी थी लेकिन मेरी और राजीव की बाते खत्म ही नही हो रही थी कुछ देर बाद हम लोगो ने भी सोने की तैयारी की और हम दोनों भी सो गए। सुबह जब मेरी नींद खुली तो सब दोस्त लोग उठ चुके थे मैंने भी मुँह हाथ धोया और तब तक सपना ने मेरे लिए चाय मंगवा दी हम दोनों चाय की चुस्कियां ले रहे थे, थोड़ी ही देर में हम पहुंचने वाले थे।

जब हम लोग गोवा पहुंचे तो हम सब बहुत खुश थे हम लोग अपने होटल में पहुंचे और जल्दी से फ्रेश होकर तैयार हो गए उसके बाद हम लोगो ने नाश्ता किया और हम लोग घूमने के लिए बीच के किनारे निकल पड़े। मैं और राजीव साथ मे ही थे हम दोनों बीच के किनारे समुद्र की लहरों का आनंद ले रहे थे तभी सपना आयी और वह मेरा हाथ खींचकर मुझे समुद्र के पानी मे ले गयी। मैंने राजीव को भी पानी मे बुलाया और हम तीनों एक दूसरे के ऊपर पानी डालने लगे हमने बहुत सी फोटोज भी क्लिक की थी। हम जितने भी दिन गोवा में रुके उतने दिन हम लोगो ने खूब एन्जॉय किया हम लोगो को गोवा में बहुत अच्छा लगा। इस बीच मेरे और राजीव के बीच नजदीकियां भी बहुत बढ़ चुकी थी मुझे राजीव के साथ बहुत अच्छा लगा।

मैंने कभी सोचा भी नही था कि राजीव से मेरी बात हो पाएगी लेकिन इस टूर के दौरान ही मेरे राजीव के बात हो पाई और हम दोनों ने एक दूसरे के बारे में काफी कुछ चीजें जानी। अब हम लोग अपने घर वापस लौट चुके थे मैं और राजीव कभी कभार मिल लिया करते थे हम दोनों फोन पर भी बाते करते थे। अब हमारा रिजल्ट आने वाला था रिजल्ट के दौरान थोड़ी घबराहट भी हो रही थी परन्तु सब सही चल रहा था हम सब दोस्त पास हो चुके थे और अब हमारा कॉलेज भी कंप्लीट हो चुका था। मैं आगे के बारे में सोच रही थी कि क्या करूँ मैं और सपना यही बात कर रहे थे कि अब आगे ऐसा क्या किया जाए जिससे हमारा भविष्य भी सही रहे। राजीव ने तो आगे लॉ की पढ़ाई करने के बारे में सोच लिया था परन्तु मेरी समझ मे नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ। राजीव ने मेरी बड़ी मदद की राजीव मुझे कहने लगा जो तुम्हें ठीक लगता है तुम्हें वह करना चाहिए मुझे लगता था कि मुझे टीचर बनना चाहिए इसके लिए मैं अपनी आगे की पढ़ाई करने लगी थी। मैं बी एड करने लगी उस दौरान मेरे बात राजीव से होती तो मैं राजीव को कहती तुम्हारी वजह से ही मुझे यह सोचने का मौका मिल पाया मुझे तुमने इसमें मेरी बड़ी मदद की राजीव और मैं एक दूसरे के साथ अब कुछ ज्यादा ही बातें करने लगे थे। मुझे नहीं पता था राजीव और मेरे बीच में नजदीकया बढ़ती चली जाएंगी राजीव को मैं अपना तन बदन सौप दूंगी जब राजीव को मैंने अपना बदन सौंपने का फैसला किया तो पहली बार हम लोगों के बीच में एक जोरदार तरीके से चुंबन हुआ जिस प्रकार से राजीव ने मेरे होठों को चूमा उससे तो मैं शर्माने लगी मैंने कभी अपने जीवन में कल्पना भी नहीं की थी कि हम दोनों इतने आगे बढ़ जाएंगे। एक समय वह था जब हम लोग एक दूसरे से बात तक नहीं किया करते थे लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे से बात भी करते और एक दूसरे की बाहों में हम लोग थे। जब राजीव ने मुझे अपनी बाहों में लिया मैं राजीव की हो चुकी थी राजीव के साथ में सब कुछ करने के लिए तैयार थी राजीव ने भी अपने मोटे लंड को मुझे दिखाया और कहने लगा क्या तुमने कभी किसी के लंड को अपने मुंह में लिया है?

मैंने राजीव को कहा मैंने आज तक मैंने कभी भी किसी के लंड को नहीं लिया है मैंने राजीव के लंड को अपने मुंह के अंदर समाया। मैंने जब राजीव के लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा मै राजीव के लंड को बहुत देर तक चूसती रही राजीव अपने आपको रोक नहीं पाया और ना ही मैं अपने आपको रोक पाई मैं अपनी सील तुडवाने के लिए तैयार थी। मै पहली बार ही अपनी चूत में लंड को लेने के लिए उतावली हो रही थी राजीव ने अपने लंड को चूत पर रगडना शुरू किया मैं मचलने लगी। राजीव ने मेरी चूत के अंदर धीरे-धीरे अपने लंड को घुसाना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा देखते ही देखती राजीव ने अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दिया मैं चिल्ला उठी जिस प्रकार से उसने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाला मैंने राजीव को कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। राजीव मुझे कहने लगा मुझसे भी नहीं रहा जा रहा है यह कहते ही वह मेरी चूत तेजी से मारने लगा। राजीव का लंड मेरी चूत के अंदर बहार हो रहा था वह अपनी पूरी ताकत के साथ मुझे धक्के मार रहा था जिस गति से वह मुझे धक्के मार रहा था उससे मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मैंने राजीव को कस कर पकड़ लिया थोड़ी देर बाद राजीव ने मुझे कहा मुझे तुम्हें डॉगी स्टाइल में चोदना है।

जब राजीव ने अपने लंड को बाहर निकाला तो मेरी चूत से राजीव का वीर्य टपक रहा था मुझे कुछ पता ही नहीं चला राजीव का वीर्य कब मेरी चूत मे गिर गया जब मैंने देखा मेरी चूत से खून भी निकल रहा है तो राजीव ने मेरी चूत को साफ किया और अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया। राजीव का लंड मेरी चूत में घुस चुका था वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मारने लगा जिस प्रकार से राजीव ने मुझे धक्का मारे उससे म उत्तेजित होती जा रही थी मेरी चूतडे में राजीव के लंड से टकराती और राजीव का लंड मेरी चूत की दीवार से टकराता हम दोनों ही उत्तेजित हो चुके थे। राजीव का लंड पूरी तरीके से छिल चुका था लेकिन जैसे ही राजीव ने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर गिराया तो मुझे बड़ी खुशी हुई। मैंने राजीव को कहा राजीव तुम कम समय में ही मेरे बहुत अच्छे साथी बन चुके हो।
 
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