Antarvasna, hindi sex story: मेरे जीवन में ना जाने कितनी ही परेशानियां थी लेकिन उसके बावजूद भी मैं हिम्मत से लड़ रहा था मेरी पत्नी का देहांत कुछ समय पहले ही हो गया था और मेरी बेटी की जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही थी मैं ही उसकी देखभाल किया करता लेकिन अब मुझे लगने लगा था कि शायद मैं उसकी देखभाल अच्छे से नहीं कर पाऊंगा इसलिए मैंने उसे पढ़ने के लिए एक बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया। हालांकि मैं यह बिल्कुल भी नहीं चाहता था परंतु मुझे यह फैसला तो लेना ही था क्योंकि मेरे पास इसके अलावा शायद कोई और रास्ता भी नहीं था इसलिए मैंने उसे पढ़ने के लिए बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया था। मेरी मां ने मुझे इस बात के लिए मना किया और कहा कि बेटा तुम क्यों नहीं दूसरी शादी कर लेते लेकिन मैं दूसरी शादी के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं था मैं चाहता था कि मैं अपनी बच्ची की परवरिश अच्छे से करूं और उसे किसी भी प्रकार की कोई कमी कभी ना होने दूं इसी वजह से मैंने दूसरी शादी का फैसला कभी अपने दिमाग में आने भी नहीं दिया। मेरी बेटी मुझसे दूर हो चुकी थी और कहीं ना कहीं इसके चलते मेरे काम पर भी फर्क पड़ने लगा था मेरी पत्नी के देहांत के बाद सब कुछ मेरे जीवन में बदल चुका था।
हम दोनों ने प्रेम विवाह किया था और हमारी जिंदगी बड़े ही अच्छे से चल रही थी हमारे पास सब कुछ था किसी भी चीज की हमारे पास कोई भी कमी नहीं थी। मेरे पिताजी ने कई वर्षों पहले ज्वेलरी शॉप खोली थी और अब वह ज्वेलरी शॉप मैं ही संभालता हूं मेरे पास पैसे की तो कोई कमी कभी थी ही नहीं लेकिन उसके बावजूद भी मेरे पास अब कुछ भी तो नहीं था मेरी पत्नी मेरी जिंदगी से दूर जा चुकी थी और मेरी बेटी भी मेरे पास नहीं थी। कई बार तो मुझे लगता कि मुझे दूसरी शादी कर लेनी चाहिए लेकिन जब भी मैं इस बारे में सोचता तो कहीं ना कहीं मुझे यह डर भी सताता कि यदि दूसरी शादी के बाद मैं अपनी बेटी को वह प्यार नहीं दे पाया जो कि उसे चाहिए तो क्या यह ठीक होगा। मेरे मन में यही सवाल हमेशा दौड़ता रहता लेकिन मेरे पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं था। मेरे कई रिश्तेदारों और दोस्तों ने भी मुझसे दूसरी शादी करने के बारे में कहा था लेकिन मैं हमेशा ही उन्हें मना कर दिया करता।
मैं चाहता था कि अपनी बेटी को मैं पूरा प्यार दूं लेकिन अभी वह संभव होता हुआ नहीं दिख रहा था क्योंकि वह मुझसे दूर जा चुकी थी और मैं अपने काम में इतना व्यस्त होने लगा कि मैं उसके लिए बिल्कुल भी समय नहीं निकाल पा रहा था। मैं उससे मिलने के लिए उसकी स्कूल तक नहीं जा पाता मेरे माता-पिता भी अब बूढ़े हो चुके हैं इसलिए वह चाहते थे कि बस किसी भी तरीके से मैं अपनी बच्ची की देखभाल कर पाऊं आखिरकार मुझे यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और मुझे भी लगा कि अब मुझे दूसरी शादी कर लेनी चाहिए। एक दिन मैं अपनी ज्वेलरी शॉप में ही बैठा हुआ था कि तभी एक महिला मेरे पास आई और कहने लगी कि हम आपके यहां से कुछ दिनों पहले अपनी बेटी के लिए कुछ जेवरात लेकर गए थे लेकिन उसकी शादी टूट चुकी है इसलिए हम लोग चाहते हैं कि उसमें से कुछ जेवरात हम वापस कर दे। मैंने उन्हें कहा देखिए मैडम ऐसा तो संभव हो नहीं सकता लेकिन वह कहने लगे कि हम लोग अक्सर यहीं से ज्वैलरी लेते हैं। मुझे भी लगा की शायद उनका दुख भी मेरे दुख जितना ही बड़ा है इसलिए मैंने उनकी मदद की और उन्हें कहा कि ठीक है मैं आपको पैसे लौटा दूंगा। उन्होंने वह जेवर मुझे वापस लौटा दिये और मैंने उन्हें उसके बदले पैसे दे दिए लेकिन उसके बाद भी वह लोग मेरी दुकान पर अक्सर आया करते थे। एक दिन वह अपनी बेटी के साथ मेरी शॉप में आए हुए थे मेरी नजर जब उनकी बेटी पर पड़ी तो पहली नजर में ही वह मुझे भा गई और मुझे लगा कि शायद उसके जीवन और मेरे जीवन में बिल्कुल समानताएं हैं। अब मेरी उनसे अच्छी बातचीत होने लगी थी और उसी बीच मेरा उनके घर पर भी उठना बैठना हो गया। एक दिन मैंने काजल से इस बारे में बात की तो काजल मुझे कहने लगी कि लेकिन राकेश मैं आपके साथ कैसे शादी कर सकती हूं। मैंने काजल को कहा देखो काजल हम दोनों एक ही नाव में सवार हैं मेरी बेटी को भी किसी की जरूरत है और तुम्हें भी किसी ना किसी की जरूरत तो है ही। काजल भी शायद मेरी बात को समझ चुकी थी और वह अब मुझसे मिलने लगी हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे थे।
मैंने काजल से पूछा कि आखिर तुम्हारी शादी टूटने की वजह क्या थी, मैं उसे यह सब चीजें पूछना तो नहीं चाहता था लेकिन मैंने काजल से जब इस बारे में पूछा तो काजल ने मुझे बताया कि जिससे उसकी शादी होने वाली थी वह लड़का किसी और से ही प्यार करता था जिस वजह से उसकी शादी के दिन वह लड़का उस लड़की के साथ भाग गया जिससे कि सारे रिश्तेदार बहुत ही दुखी हो गए और मेरे ऊपर जैसे दुखों का पहाड़ टूट चुका था। मैंने काजल को कहा काजल मैं तुम्हारी फीलिंग को समझ सकता हूं कि तुम्हारे ऊपर क्या बीती होगी मैंने काजल से कहा कि काजल देखो मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। काजल कहने लगी कि मैं तुम्हारी बेटी से एक बार मिलना चाहती हूं मैंने उससे कहा कि ठीक है यदि तुम मेरी बेटी से मिलना चाहती हो तो मैं तुम्हें उसके पास परसों ले चलूंगा। हम लोग जब मेरी बेटी के स्कूल में गए तो वह काजल से मिली और काजल मेरी बेटी को देख कर कहने लगी कि तुम्हारी बेटी तो बहुत प्यारी है। कहीं ना कहीं काजल भी शादी के लिए तैयार हो चुकी थी लेकिन उसे अभी भी सोचने के लिए समय चाहिए था फिर काजल ने मेरे रिश्ते को स्वीकार कर ही लिया और वह मुझसे अब शादी करने के लिए तैयार थी। मैं चाहता था कि काजल को अपने पापा मम्मी से मिलवाऊँ, मैंने काजल को अपने पापा मम्मी से मिलवाया।
जब काजल मेरे पापा मम्मी से मिली तो उसे बहुत ही अच्छा लगा और अब मेरे जीवन में सब कुछ ठीक होता हुआ नजर आ रहा था मैं चाहता था कि मेरी बेटी मिनी को उसकी मां का प्यार मिले और काजल मिनी को वही प्यार दे सकती थी इसलिए मैंने काजल से शादी करने का फैसला कर लिया था। इस बात से किसी को भी अब कोई आपत्ति नहीं थी काजल और मेरी शादी होने वाली थी और जब काजल और मेरी शादी होने वाली थी तो मेरे माता-पिता भी इस बात से खुश थे कि हम लोगों की शादी होने वाली है और आखिरकार हम दोनों ने शादी कर ली। हम दोनों ने कोर्ट मैरिज की और काजल अब मेरी पत्नी बन चुकी थी। काजल मेरी पत्नी बन चुकी थी मैं पहले भी सेक्स कर चुका था लेकिन काजल के लिए यह सब नया था जब हम दोनों रूम में थे तो उस वक्त हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूम रहे थे शादी की पहली रात थी मैं जब काजल के कोमल होंठों को चूमता तो मेरे अंदर से गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था मैंने काजल के होठों को बहुत देर तक चूमा और उसके स्तनों का रसपान भी मैंने बहुत देर तक किया। उसके स्तनों का रसपान करने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब काजल के गोरे बदन को मैं ऊपर से लेकर नीचे तक चाट रहा था तो उसकी चूत से निकलता हुआ पानी मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ा रहा था मैंने उसके स्तनों को बहुत देर तक चूसा उसके निप्पलो को जब मैं चूस रहा था तो उसके निप्पल खड़े हो रहे थे। मैंने जब काजल को कहा कि तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो तो उसने अपने कोमल होंठों के अंदर मेरे लंड को समा लिया और मेरा लंड चिकना हो चुका था।
वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी काफी देर तक उसने ऐसा ही किया अब हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे मैंने काजल की चूत पर अपने लंड को लगाया तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था काजल की चूत के अंदर मैंने अपने लंड को घुसाया उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जाते ही वह चिल्ला उठी जैसे ही उसकी चूत में मेरा लंड प्रवेश हुआ तो वह मुझे कहने लगी राकेश आपका लंड कितना ज्यादा मोटा है। मैंने उसे कहा लेकिन काजल तुम्हारी चूत भी तो बड़ी टाइट है काजल की चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसकी चूत मारने में मुझे आनंद आ रहा था। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और पूरी ताकत के साथ उसकी चूत पर प्रहार करना शुरू किया काजल की कोमल चूत से पानी बाहर निकल रहा था उसकी चूत से खून भी निकल रहा था। मैं काजल की चूत मार कर बड़ा ही खुश था काजल आज भी टाइट माल है लेकिन अब वह मेरी पत्नी बन चुकी है। मैं उसको चोदकर खुश करने की कोशिश कर रहा था इसी कोशिश मे मैने उसे उल्टा किया और उसकी चूत के अंदर लंड घुसाया मेरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया वह बहुत ज्यादा चिल्ला रही थी।
वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पाऊंगी मैं काजल की चूत के मजे बहुत देर तक लेता रहा और काजल की चूत के अंदर बाहर मेरा लंड आसानी से हो रहा था। वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी वह मुझे कहने लगी मैं ज्यादा देर तक आपका साथ नहीं दे पाऊंगी काजल की चूत के अंदर बाहर मेरा लंड जब होता तो मुझे बहुत ही मजा आता काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही करते रहे लेकिन वह लंड की गर्मी को ज्यादा देर तक झेल ना सकी उसने अपनी चूत को और भी ज्यादा टाइट कर लिया मेरा वीर्य काजल की चूत के अंदर गिर चुका था हम दोनों उस दिन साथ में लेट गए। अगली सुबह जब मैंने देखा तो काजल की चूत से मेरा वीर्य टपक रहा था मैंने उसे कहा अभी तक तुम्हारी चूत से मेरा वीर्य निकल रहा है? वह कहने लगी कल आपने ना जाने मेरी चूत में कितना सारा वीर्य गिरा दिया जो अभी तक निकल रहा है। काजल ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझा और मेरी बच्ची को वह बड़े अच्छे से प्यार देती है और मुझे भी बहुत प्यार देती है। कुछ समय पहले ही हम दोनों ने एनल सेक्स करने के बारे में सोचा और हम लोग एनल सेक्स का मजा लिया। उसके बाद जब काजल के साथ एनल सेक्स का मजा लिया तो वह बड़ी खुश हो गई वह बहुत ज्यादा उत्तेजित रहती है कि हम किसी प्रकार से एनल सेक्स का मजा ले पाए।
हम दोनों ने प्रेम विवाह किया था और हमारी जिंदगी बड़े ही अच्छे से चल रही थी हमारे पास सब कुछ था किसी भी चीज की हमारे पास कोई भी कमी नहीं थी। मेरे पिताजी ने कई वर्षों पहले ज्वेलरी शॉप खोली थी और अब वह ज्वेलरी शॉप मैं ही संभालता हूं मेरे पास पैसे की तो कोई कमी कभी थी ही नहीं लेकिन उसके बावजूद भी मेरे पास अब कुछ भी तो नहीं था मेरी पत्नी मेरी जिंदगी से दूर जा चुकी थी और मेरी बेटी भी मेरे पास नहीं थी। कई बार तो मुझे लगता कि मुझे दूसरी शादी कर लेनी चाहिए लेकिन जब भी मैं इस बारे में सोचता तो कहीं ना कहीं मुझे यह डर भी सताता कि यदि दूसरी शादी के बाद मैं अपनी बेटी को वह प्यार नहीं दे पाया जो कि उसे चाहिए तो क्या यह ठीक होगा। मेरे मन में यही सवाल हमेशा दौड़ता रहता लेकिन मेरे पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं था। मेरे कई रिश्तेदारों और दोस्तों ने भी मुझसे दूसरी शादी करने के बारे में कहा था लेकिन मैं हमेशा ही उन्हें मना कर दिया करता।
मैं चाहता था कि अपनी बेटी को मैं पूरा प्यार दूं लेकिन अभी वह संभव होता हुआ नहीं दिख रहा था क्योंकि वह मुझसे दूर जा चुकी थी और मैं अपने काम में इतना व्यस्त होने लगा कि मैं उसके लिए बिल्कुल भी समय नहीं निकाल पा रहा था। मैं उससे मिलने के लिए उसकी स्कूल तक नहीं जा पाता मेरे माता-पिता भी अब बूढ़े हो चुके हैं इसलिए वह चाहते थे कि बस किसी भी तरीके से मैं अपनी बच्ची की देखभाल कर पाऊं आखिरकार मुझे यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और मुझे भी लगा कि अब मुझे दूसरी शादी कर लेनी चाहिए। एक दिन मैं अपनी ज्वेलरी शॉप में ही बैठा हुआ था कि तभी एक महिला मेरे पास आई और कहने लगी कि हम आपके यहां से कुछ दिनों पहले अपनी बेटी के लिए कुछ जेवरात लेकर गए थे लेकिन उसकी शादी टूट चुकी है इसलिए हम लोग चाहते हैं कि उसमें से कुछ जेवरात हम वापस कर दे। मैंने उन्हें कहा देखिए मैडम ऐसा तो संभव हो नहीं सकता लेकिन वह कहने लगे कि हम लोग अक्सर यहीं से ज्वैलरी लेते हैं। मुझे भी लगा की शायद उनका दुख भी मेरे दुख जितना ही बड़ा है इसलिए मैंने उनकी मदद की और उन्हें कहा कि ठीक है मैं आपको पैसे लौटा दूंगा। उन्होंने वह जेवर मुझे वापस लौटा दिये और मैंने उन्हें उसके बदले पैसे दे दिए लेकिन उसके बाद भी वह लोग मेरी दुकान पर अक्सर आया करते थे। एक दिन वह अपनी बेटी के साथ मेरी शॉप में आए हुए थे मेरी नजर जब उनकी बेटी पर पड़ी तो पहली नजर में ही वह मुझे भा गई और मुझे लगा कि शायद उसके जीवन और मेरे जीवन में बिल्कुल समानताएं हैं। अब मेरी उनसे अच्छी बातचीत होने लगी थी और उसी बीच मेरा उनके घर पर भी उठना बैठना हो गया। एक दिन मैंने काजल से इस बारे में बात की तो काजल मुझे कहने लगी कि लेकिन राकेश मैं आपके साथ कैसे शादी कर सकती हूं। मैंने काजल को कहा देखो काजल हम दोनों एक ही नाव में सवार हैं मेरी बेटी को भी किसी की जरूरत है और तुम्हें भी किसी ना किसी की जरूरत तो है ही। काजल भी शायद मेरी बात को समझ चुकी थी और वह अब मुझसे मिलने लगी हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे थे।
मैंने काजल से पूछा कि आखिर तुम्हारी शादी टूटने की वजह क्या थी, मैं उसे यह सब चीजें पूछना तो नहीं चाहता था लेकिन मैंने काजल से जब इस बारे में पूछा तो काजल ने मुझे बताया कि जिससे उसकी शादी होने वाली थी वह लड़का किसी और से ही प्यार करता था जिस वजह से उसकी शादी के दिन वह लड़का उस लड़की के साथ भाग गया जिससे कि सारे रिश्तेदार बहुत ही दुखी हो गए और मेरे ऊपर जैसे दुखों का पहाड़ टूट चुका था। मैंने काजल को कहा काजल मैं तुम्हारी फीलिंग को समझ सकता हूं कि तुम्हारे ऊपर क्या बीती होगी मैंने काजल से कहा कि काजल देखो मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। काजल कहने लगी कि मैं तुम्हारी बेटी से एक बार मिलना चाहती हूं मैंने उससे कहा कि ठीक है यदि तुम मेरी बेटी से मिलना चाहती हो तो मैं तुम्हें उसके पास परसों ले चलूंगा। हम लोग जब मेरी बेटी के स्कूल में गए तो वह काजल से मिली और काजल मेरी बेटी को देख कर कहने लगी कि तुम्हारी बेटी तो बहुत प्यारी है। कहीं ना कहीं काजल भी शादी के लिए तैयार हो चुकी थी लेकिन उसे अभी भी सोचने के लिए समय चाहिए था फिर काजल ने मेरे रिश्ते को स्वीकार कर ही लिया और वह मुझसे अब शादी करने के लिए तैयार थी। मैं चाहता था कि काजल को अपने पापा मम्मी से मिलवाऊँ, मैंने काजल को अपने पापा मम्मी से मिलवाया।
जब काजल मेरे पापा मम्मी से मिली तो उसे बहुत ही अच्छा लगा और अब मेरे जीवन में सब कुछ ठीक होता हुआ नजर आ रहा था मैं चाहता था कि मेरी बेटी मिनी को उसकी मां का प्यार मिले और काजल मिनी को वही प्यार दे सकती थी इसलिए मैंने काजल से शादी करने का फैसला कर लिया था। इस बात से किसी को भी अब कोई आपत्ति नहीं थी काजल और मेरी शादी होने वाली थी और जब काजल और मेरी शादी होने वाली थी तो मेरे माता-पिता भी इस बात से खुश थे कि हम लोगों की शादी होने वाली है और आखिरकार हम दोनों ने शादी कर ली। हम दोनों ने कोर्ट मैरिज की और काजल अब मेरी पत्नी बन चुकी थी। काजल मेरी पत्नी बन चुकी थी मैं पहले भी सेक्स कर चुका था लेकिन काजल के लिए यह सब नया था जब हम दोनों रूम में थे तो उस वक्त हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूम रहे थे शादी की पहली रात थी मैं जब काजल के कोमल होंठों को चूमता तो मेरे अंदर से गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था मैंने काजल के होठों को बहुत देर तक चूमा और उसके स्तनों का रसपान भी मैंने बहुत देर तक किया। उसके स्तनों का रसपान करने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब काजल के गोरे बदन को मैं ऊपर से लेकर नीचे तक चाट रहा था तो उसकी चूत से निकलता हुआ पानी मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ा रहा था मैंने उसके स्तनों को बहुत देर तक चूसा उसके निप्पलो को जब मैं चूस रहा था तो उसके निप्पल खड़े हो रहे थे। मैंने जब काजल को कहा कि तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो तो उसने अपने कोमल होंठों के अंदर मेरे लंड को समा लिया और मेरा लंड चिकना हो चुका था।
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वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पाऊंगी मैं काजल की चूत के मजे बहुत देर तक लेता रहा और काजल की चूत के अंदर बाहर मेरा लंड आसानी से हो रहा था। वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी वह मुझे कहने लगी मैं ज्यादा देर तक आपका साथ नहीं दे पाऊंगी काजल की चूत के अंदर बाहर मेरा लंड जब होता तो मुझे बहुत ही मजा आता काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही करते रहे लेकिन वह लंड की गर्मी को ज्यादा देर तक झेल ना सकी उसने अपनी चूत को और भी ज्यादा टाइट कर लिया मेरा वीर्य काजल की चूत के अंदर गिर चुका था हम दोनों उस दिन साथ में लेट गए। अगली सुबह जब मैंने देखा तो काजल की चूत से मेरा वीर्य टपक रहा था मैंने उसे कहा अभी तक तुम्हारी चूत से मेरा वीर्य निकल रहा है? वह कहने लगी कल आपने ना जाने मेरी चूत में कितना सारा वीर्य गिरा दिया जो अभी तक निकल रहा है। काजल ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझा और मेरी बच्ची को वह बड़े अच्छे से प्यार देती है और मुझे भी बहुत प्यार देती है। कुछ समय पहले ही हम दोनों ने एनल सेक्स करने के बारे में सोचा और हम लोग एनल सेक्स का मजा लिया। उसके बाद जब काजल के साथ एनल सेक्स का मजा लिया तो वह बड़ी खुश हो गई वह बहुत ज्यादा उत्तेजित रहती है कि हम किसी प्रकार से एनल सेक्स का मजा ले पाए।