जाते जाते रस पी के गया

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हाई दोस्तों,

मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त था जो मेरे साथ करीब आठ साल से था, उसकी एक छोटी बेहेन थी जो की मुझसे दो साल छोटी थी | मेरे दोस्त की नोकरी लग गयी तो वो पुणे चला गया और उसके जाने के बाद भी मैं उसके घर आता जाता था | एक दिन जब में उसके घर गया तो वो घर पे अकेले थी तो में उसके घर पे रुका अच्चा नही समझा और वापस आने लग गया तो उसकी बेहेन बोली की अंदर आ जाओ, मोम दाद किसी की शादी में गए हे और परसों आयेंगे | मैं फिर अंदर चला गया और जाके उसके कंप्यूटर पे गाने सुनने लग गया | उसके भाई ने कंप्यूटर में कहा ब्लू फिल्म छुपा के रखे थे ये मुझे पता था और मैं सोचा की वोही देख लू, क्युकी उसकी बेहेन बाथरूम गयी हुई थी | मैंने सोचा की जब बाथरूम से आवाज आएगी तो झट से बंद कर दूँगा और फिर यही सोच के मेने ब्लू फिल्म लगा दी और देख देख के मजे लेने लग गया |

मैं पूरी ब्लू फिल्म देख ली और फिर मेने दूसरा फिल्म चलने की जसे ही सोचा तब मेरे मन में आया की वो अभी तक बाहर केसे नही आई, और फिर मैं पीछे को मुड के देखा तो मेरी गांड फट गयी | वी पीछे बिस्तर पे बैठी हुई थी पर उसकी आँखों में बहुत बदलाव था और में झट से उठके उसके पास गया तो देखा की उसकी साँसे काफी तेज तेज चल रही थी और आँखे एक दम नशीली थी | मेने उससे पूछा की क्या देखा तो वो कुछ बोल ही नही रही, फिर मुझे लगा की ये गर्म हो चुकी हे तो मैं उसके सामने बात के उसके चेहरे के पास अपना चेहरा ले गया तब भी वो कुछ नही बोली और फिर मेने उसके होठो पे अपने होठ रख दिए और उसके होठो को चूसने लग गया | वो एक दम सुन सी पड़ी थी पर कुछ ही पल में वो मेरा साथ देने लग गयी और फिर मेने उसे वही बिस्तर पे लेटा दिया और उसके उपर चड के उसे चूमने लगा | चुमते चुमते मैं उसके चुचो को भी दबा देता और वो सिसकिय भरना शूर कर दी अह्हह्ह ह्म्म्म | मैं फिर उसके शर्ट के सारे बटन खोल दिए और अपनी टी शर्ट उतार दी और उसके उपर लेट के उसकी जिस्म की गर्मी लेने लग गया |

कुछ देर उसी हाल में मेने उसके होठो को चूसता और फिर उसकी ब्रा उतार दी और उसके चुचो को मुह में लेके चूसना शुरू कर दिया और वो मेरे सर को अपने चुचो पे दबाए जा रही थी | मैं उसके चुचो को एक तरफ चूसता और दूसरी तरफ से मसलता रहता और इसी तरह दस मिनट किया और उसे खूब गरम किया और फिर निचे की तरफ सरक के मैं उसकी स्कर्ट को उठा दिया और उसकी पेंटी पे हाथ फेरने लग गया | उसकी पेंटी गीली थी, बोले तो झड चुकी थी वो, मैं उसकी पेंटी उतारनी चाही तो वो मना की पर मेने जिद की तो उसने कुछ नही कहा और फिर मेने उसे नंगा कर दिया | मेने उसके टांगो को उठाके उसकी चुत की पंखडियो को खोला और उसमे जीभ डाल के कस कस के चाटना शुरू कर दिया, वो कस कस के कराहते हुए झटके से झड गयी और फिर ढीली पड गयी |

मैं उठा और उसकी कुंवारी चुत पे लंड रगड़ने लगा तो वो तड़प उठी और चुत की खुजली सहें नही कर पा रही थी | मेने फिर उसकी छेद पे लंड सटा दिया और कस के धक्का दिया तो वो चीख उठी और रोने लग गयी पर में लगातार धक्का देता रहा और उसकी चुत के अंदर तक लंड उतार दिया | वो रो रो के अपना बुरा हाल कर चुकी थी, पर में कस कस के शोट देने लगा और वो धीरे धीरे मस्त होने लगी और करीब तिन चार मिनट में ही वो पूरी जोश में आ चुकी थी और अपनी कमर उठा उठा के लंड लेने लग गयी थी और अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईई हम और और जोरसे अह्ह्ह बहुत अच्छा लग रहा हे और और करो याया और चोदो मुझे बहुत अच्छा लग रहा हे करो और जोर जोर से करो करते करते करीब आधे घंटे के बाद वो झड गयी और मैं उसके कुछ पल बाद मैं उसके चुत में ही झड गया और फिर मैं उसके बगल में लेट गया | बीस मिनट बाद मैं उठा और कहा मुझे जाना हे तो वो मुझे रोकने लगी की आज के लिए पुरे दिन मेरे घर पे रुक जाओ, पर मेने कहा की कल जरुर रुकुंगा आज घर पे बताके नही आया हूँ और फिर में वहा से चला गया पर जाते जाते उसके होठो का रस चूस के गया |
 
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