जानेमन याद सताए तेरी

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Antarvasna, desi kahani: मुझे वह दिन याद है जब मैं बालकनी में खड़ा था और बारिश की बूंदे मेरे हाथों को छूती हुई गुजर रही थी। मैं बारिश की बूंदों का आनंद लेने लगा तभी मेरे फोन की घंटी बजने लगी मैंने फोन उठाया तो सामने से एक व्यक्ति बात कर रहे थे वह कॉल मुझे मेरी जॉब के लिए आया था। मैं कबसे नौकरी की तलाश में था लेकिन मुझे नौकरी मिल ही नही रही थी मैंने काफी जगह इंटरव्यू दिए थे परन्तु कहीं से भी कोई जवाब नही आ रहा था तभी अचानक से उस दिन मुझे एक कॉल आया और उन्होंने मुझे जॉब ऑफर की। जहां से मुझे फोन आया था उसी ऑफिस में मेरा दोस्त भी काम करता है सबसे ज्यादा खुशी तो मुझे इसी बात की थी। वह बारिश का दिन मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा उस दिन मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरी नौकरी जो लगी थी काफी समय से मैं जॉब की तलाश में था आखिरकार मुझे नौकरी मिल ही गयी। मैंने उसी समय अपने दोस्त को फोन किया और उसे यह खुश खबरी दी कि मेरी नौकरी लग चुकी है वह मुझे बधाई देने लगा।

उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारी नौकरी कहां लगी है तो मैंने उसे बताया कि मेरी नौकरी तुम्हारे ही ऑफिस में लगी है। मेरी बातें सुनकर वह भी खुशी से झूम उठा वह मुझे कहने लगा कि तुम कब से जॉइन करोगे मैंने उसे कहा कि हो सकता है कल से ही आ जाऊं। मेरे दोस्त का नाम विराज है वह मेरे कॉलेज का दोस्त है हम लोग साथ मे पढा करते थे और मेरा नाम शिवम है हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है। जब मैंने यह बात अपने घर वालो को बताई तो वह लोग खुश हो गए सभी के चेहरे पर बहुत ही अच्छी मुस्कुराहट थी। अगले दिन से मैं ऑफिस जाने लगा मेरा ऑफिस का पहला दिन था और मुझे थोड़ी घबराहट सी हो रही थी फिर विराज ने ही मेरा साथ दिया। धीरे धीरे समय बीतता गया और पता ही नही चला कि कब दो महीने बीत गए इस दौरान विराज से मेरी दोस्ती और भी अच्छी होती गयी। एक दिन विराज और मैंने प्लान बनाया की कहीं घूम आते है विराज कहने लगा इस बारे में मैं तुम्हे एक दो दिन बाद ही बता पाऊंगा क्योकि इस दौरान ऑफिस में काम ज्यादा है। मैंने विराज से कहा ठीक है जब तुम्हे समय मिले तुम मुझे बता देना, विराज मेरा सीनियर है शायद इसलिए उसके पास काम ज्यादा था।

कुछ दिन बाद विराज ने मुझे बताया कि अब मैं फ्री हो चुका हूं तो बताओ घूमने के लिए कहां चले मैंने विराज से कहा कि इस बारे में तो मैने अभी सोचा ही नही की घूमने कहाँ चले। मैंने विराज को कहा क्यों ना हम लोग घूमने के लिए गोवा जाए विराज मुझे कहने लगा गोवा हम लोग जा सकते हैं तो विराज गोवा जाने के लिए तैयार हो गया हम लोग गोवा जाने के लिए तैयार थे। विराज और मैं फ्लाइट से ही गोवा के लिए जाना चाहते थे हम दोनों फ्लाइट से गोवा चले गए जब हम लोग गोवा में पहुंचे तो विराज मुझे कहने लगा तुम्हें वह दिन याद है जब हम लोग गोवा अपने कॉलेज के टूर से गए थे। मैंने उसे कहा यार वह टूर तो बड़ा ही यादगार था तुम्हें वह दिन भी तो याद होगा जब हम लोग आशा के साथ बड़ी मस्तियां किया करते थे। वह मुझे कहने लगा यार आशा के साथ तो हम दोनों ही बड़े मजे किया करते थे आशा को हम दोनों ने ही चोदा था इस बात की चर्चा हम दोनों कर रहे थे। हम लोग जिस होटल में रुके हुए थे उसकी रिसेप्शनिस्ट बड़ी ही सुंदर थी विराज मुझे कहने लगा यार रिसेप्शनिस्ट बड़ी सुंदर है। मैंने उसे कहा देखते हैं उसे कौन पहले बात कर पाता है मैं और विराज जब उसे अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाने लगे वह भी हम दोनों की बातों में आ गई और हमारे साथ वह सेक्स करने के लिए तैयार हो गई। जब वह कमरे में आई तो विराज और मैंने दोनों ने ही उसे बड़े अच्छे से चोदा उसका नाम मोनिका है मोनिका की चूत के अंदर जब मैंने अपने लंड को घुसाया तो उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकली वह मुझसे कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है जिस प्रकार से मैंने उसकी चूत के मजे लिए उससे मुझे बड़ा ही आनंद आया काफी देर तक मैं उसे चोदता रहा। विराज मुझे कहने लगा मुझे भी तो तुम अब मोनिका की चूत मारने दो? मैंने उसे कहा तुम भी मोनिका की चूत मार लो विराज ने मोनिका की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्लाने लगी विराज ने मोनिका को घोड़ी बना दिया मेरी वीर्य अभी तक गिरा नहीं था।

मैंने अपने लंड को मोनिका के मुंह के अंदर डाला विराज उसे घोड़ी बनाकर चोद रहा था वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी हम तीनों ही जिस प्रकार से सेक्स का मजा ले रहे थे वह बड़ा ही आनंद देने वाला था हम तीनों को ही सुख की प्राप्ति हो रही थी जिस प्रकार से विराज उसे धक्के मारता। विराज मुझे कहता यार मुझे तो बड़ा मजा आ रहा है मोनिका भी अपनी सिसकियो से हम दोनों को अपनी ओर खींच रही थी वह जिस प्रकार से हम दोनों को अपनी ओर आकर्षित करती उससे हम दोनों ही ज्यादा देर तक रह ना सके मेरा वीर्य मोनिका के मुंह के अंदर गिर चुका था और विराज ने भी अपने वीर्य को मोनिका की चूत के अंदर गिरा दिया था। मोनिका के साथ सेक्स कर के हम दोनों को ही बड़ा मजा आया हम दोनों की ट्रिप बड़ी अच्छी होने वाली थी अभी तो यह शुरुआत हुई थी क्योंकि अभी हमें सिर्फ 2 दिन ही दिन गोवा में आए हुए हुए थे। हमें नहीं पता था कि आगे भी हम दोनों के हाथ और लॉटरी लगने वाली है हमारे बिल्कुल सामने वाले रूम में दो लड़कियां रुकी हुई थी जब मैं रिसेप्शन की तरफ जा रहा था तो मोनिका मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी तभी मुझे वह दोनों लड़कियां दिखाई दी।

मैं दौड़ता हुआ रूम में गया विराज कमरे मे ही लेटा हुआ था विराज मुझे कहने लगा तुम इतनी तेजी से दौड़ते हुए कहां से आ रहे हो मैंने विराज को बताया कि तुम्हें मालूम है हमारे बिल्कुल सामने वाले रूम में दो लड़कियां रुकी हुई हैं वह लड़की बड़ी है कमाल की है। विराज भी एक नंबर का शातिर खिलाड़ी है वह लड़कियों को पटाना बड़े अच्छे से जानता था इसलिए विराज ने उस लड़की से बात करने की सोची। जब विराज ने एक लड़की से बात कर ली तो वह भी विराज से बड़े ही चिपक कर बातें करने लगी विराज भी बहुत ज्यादा खुश था उसने रात के वक्त कहा कि आज मैं अपनी तरफ से उन लोगों को डिनर पर बुलाता हूं। रात के वक्त उसने उन दोनों को डिनर पर इनवाइट कर दिया जब वह दोनो डिनर के लिए आई तो वह बड़ी ही सुंदर लग रही थी मुझे उस वक्त उन दोनों का ही नाम पता चला विराज जिससे बात कर रहा था उसका नाम सुहानी है और जो दूसरी लड़की उसके साथ थी उसका नाम रचना है। रचना पर मेरी आंखें टिक चुकी थी मैं चाहता था रचना के साथ मै सेक्स का मजा लू विराज ने सुहानी को अपने प्यार के जाल में बुरी तरीके से फसा लिया था वह सुहानी को रूम में लेकर चला आया डिनर खत्म होने के बाद विराज और सुहानी एक ही रूम में थे। अब रचना और मैं एक साथ दूसरे रूम में बैठे हुए थे मैं रचना से उसके बारे में पूछ रहा था तो रचना ने मुझे बताया कि उसके पिताजी एक बड़े अधिकारी हैं। हम लोग आपस में बात कर रहे थे तभी मेरा हाथ रचना की जांघ पर लगा जैसे ही मेरा हाथ रचना की जांघ पर लगा तो वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी और मुझे कहने लगी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही हूं। मैं भी अपने आपको कहां रोक पा रहा था मैंने भी रचना के कोमल और मुलायम होठों का चुंबन करना शुरू कर दिया जिस प्रकार से उसके मुलायम होठों को मैं अपने होठों में लेकर चूस रहा था उससे तो मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था वह भी बड़ी उत्तेजित हो गई थी उसने मुझे कहा मैं ज्यादा देर तक रह नहीं पाऊंगी। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे मुंह के अंदर अपने लंड को डाल रहा हूं उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर उतार लिया मुझे नहीं पता था कि वह लंड चूसेगी और मुझे वह पूरा मजा दे देगी।

उसने मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक उतार लिया था वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूस कर रही थी मुझे तो बड़ा मजा आ रहा था और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा और मुझे पूरी तरीके से उत्तेजित कर दिया मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मैंने जब रचना की चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो उसकी चूत से निकलते हुए पानी को मैंने चाट लिया था और उसकी चूत से बहुत ज्यादा पानी निकलने लगा था वह अपने दोनों पैरों से मुझे जकड़ने लगी थी मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत के अंदर लगाया और धीरे-धीरे अंदर घुसाना शुरू किया मेरा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था। उसकी टाइट चूत के अंदर जब मेरा लंड प्रवेश हुआ तो मैंने उसे कहा आज मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है और गोवा आने का टूर हमारा बड़ा ही मजेदार रहा मुझे रचना को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था रचना अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी उसकी सिसकियां मेरे कानों में जाती तो मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित करती।

मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे पूरी ताकत के साथ चोदना शुरू किया वह मुझे कहने लगी मेरी चूत में बड़ा दर्द हो रहा है मेरा लंड उसकी चूत की दीवार से टकरा रहा था। जब मेरा लंड उसकी चूत की दीवार के से टकराता तो मुझे और भी मजा आता काफी देर तक मैंने रचना की चूत के मजे लिए अब रचना भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी वह मुझे कहने लगी मै अपने आपको रोक नहीं पाऊंगी। मैने रचना को डॉगीस्टाइल पोज में बनाते हुए उसकी चूत के अंदर लंड घुसाना चालू किया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था काफी देर तक मैं उसे धक्के मारता रहा अब वह खुश हो गई और कहने लगी आज तुम्हारे साथ अपनी चूत मरवाकर मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने उसकी चूत के अंदर ही वीर्य गिरा दिया वह बड़ी खुश हुई। रचना के साथ मैंने गोवा में बड़े मजे किए और सुहानी के साथ विराज में बड़े मजे लूटे उसके बाद हम लोग वापस अपने काम पर लौट चुके थे। जब हम लोग अपने काम पर लौटे तो मुझे रचना की बड़ी याद आती मैं उसे फोन कर दिया करता।
 
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