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Antarvasna, hindi sex stories: मेरे कॉलेज का पहला ही दिन था और जब मैं अपनी क्लास में गया तो वहां पर प्रोफेसर पढ़ा रहे थे। मैंने अपनी क्लास का पहला दिन अटेंड किया उसके बाद जब हम लोग क्लास खत्म कर के बाहर निकले तो बारिश काफी तेज हो रही थी। मैं एक अच्छे घर से हूं और मेरे पास कार भी थी पापा ने मुझे कुछ दिन पहले ही वह कार गिफ्ट की थी। उस दिन मैं जब अपनी कार के पास गया तो वहां पर एक लड़की खड़ी थी जिसे कि मैंने अपनी क्लास में भी देखा था वह मुझे कहने लगी कि क्या आप मुझे मेरे घर तक ड्राप कर देंगे तो मैंने उसे कहा क्यों नहीं। हम लोगों की क्लास में तो बात नहीं हो पाई थी लेकिन उस दिन हम लोगों की कार में ही बात हुई मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम कोमल है। मैंने कोमल से पूछा कि तुम कहां रहती हो तो उसने मुझे अपना घर बताया और मैं उसे उसके घर तक उसे छोड़ने के लिए चला गया।

मैं एक अच्छी फैमिली से बिलॉन्ग करता हूं इसलिए कोमल भी मेरी बातों से बड़ी प्रभावित थी और उसके अगले दिन से हम लोगों की मुलाकात होने लगी। हम दोनों कॉलेज में मिलते और कॉलेज के बाद भी हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताते, मुझे तो पता ही नहीं चला कि कब मुझे कोमल से प्यार हो गया। हम दोनों की दोस्ती प्यार में बदल चुकी थी जब भी कोमल मेरे साथ होती तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता और कोमल को भी बड़ा अच्छा लगता। एक दिन हम दोनों कॉलेज की कैंटीन में बैठे हुए थे उस दिन हमारी क्लास में पढ़ने वाले लड़के मेरे साथ बैठे हुए थे और कोमल भी साथ में ही थी। कोमल मेरे साथ बैठी तो मुझे कोमल से बात कर के अच्छा लग रहा था उस दिन कोमल ने मुझे अपने पापा के बारे में बताया और कहा कि उनका ट्रांसफर होने वाला है। मैंने उससे कहा कि यदि तुम्हारे पापा का ट्रांसफर हो जाएगा तो क्या तुम्हारी फैमिली भी यहां से शिफ्ट हो जाएगी तो कोमल मुझे कहने लगी कि हां हर्षित। मुझे यह बात पता चली तो मैं काफी ज्यादा चिंतित हो गया था क्योंकि कोमल अब मुझसे दूर जाने वाली थी और मुझे यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था कि कोमल मुझसे दूर जाये मैं काफी ज्यादा परेशान भी था। कोमल के पापा का ट्रांसफर हो जाने के बाद कोमल का परिवार बैंगलुरु शिफ्ट हो गया। कोमल बेंगलुरु जा चुकी थी और मैं मुंबई में ही था मुझे काफी अकेला सा महसूस होता तो मैं कोमल से फोन पर बातें कर लिया करता हम दोनों की फोन पर बहुत बातें होती थी।

मैं काफी समय से कोमल को मिल भी नहीं पाया था और मैं चाहता था कि मैं कोमल से मुलाकात करूं लेकिन मेरी मुलाकात कोमल के साथ हो नहीं पाई थी मेरा कॉलेज खत्म हो चुका था और कोमल का कॉलेज भी खत्म हो जाने के बाद कोमल ने बेंगलुरु की ही एक कंपनी में जॉब कर ली। पापा चाहते थे कि मैं उनका बिजनेस संभालू लेकिन फिलहाल तो मैं थोड़ा समय चाहता था इसलिए मैंने पापा से थोड़ा समय मांगा और उसके बाद मैं पापा का बिजनेस संभालने वाला था। कोमल ने मुझसे कहा कि हर्षित तुम मुझसे मिलने के लिए बेंगलुरु आ जाओ मैंने कोमल से कहा कि ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए बेंगलुरु आ जाऊंगा। मैं कोमल को मिलने के लिए बेंगलुरु चला गया मैं जब कोमल को मिलने के लिए बेंगलुरु गया तो मुझे कोमल से मिलकर बहुत अच्छा लगा कोमल के साथ मैंने काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया। बेंगलुरु में रुकने के बाद मैं वापस मुंबई लौट आया था जब मैं मुंबई वापस लौट आया तो पापा मुझे कहने लगे कि हर्षित बेटा क्या तुमने कुछ सोचा है। मैंने उन्हें कहा कि हां पापा बस कुछ समय बाद ही मैं आपका बिजनेस संभाल लूंगा लेकिन मैं अभी उनके बिजनेस को संभालने के लिए तैयार नहीं था परंतु मेरे पास भी और कोई रास्ता नहीं था इसलिए मुझे पापा का बिजनेस सम्भालना पड़ा। मैं पापा का बिजनेस सम्भालने लगा था इसलिए मेरे पास अब समय भी बहुत कम होता था कि मैं कोमल से बात कर पाऊं। हम दोनों की बातें काफी कम होती थी कोमल भी इस बात को अच्छे से जानती थी और वह बहुत अंडरस्टैंडिंग करती थी उसकी इसी बात से मुझे बहुत अच्छा लगता था कि कम से कम कोमल मेरी बातों को समझती तो है। मुझे कोमल के साथ बात करना हमेशा ही अच्छा लगता।

एक दिन कोमल ने मुझे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई आ रही हूं मैं बहुत ही खुश था मैंने भी कुछ दिनों के लिए ऑफिस से ब्रेक ले लिया और पापा से कहा कि मैं कुछ दिनों तक ऑफिस नहीं आऊंगा। पापा ने मुझे कहा कि क्या कुछ जरूरी काम है तो मैंने उन्हें कुछ भी नहीं बताया क्योंकि मैं उन्हें यह बताना नहीं चाहता था। मैं कोमल से मिलने के लिए बड़ा खुश था कोमल जब मुंबई आई तो हम दोनों ने साथ में बहुत ही अच्छा समय बिताया। मैंने कोमल से कहा कि तुम कुछ दिनों के लिए मुंबई में ही रुक जाओ तो कोमल कहने लगी कि नहीं हर्षित मैं तो अपने किसी जरूरी काम से मुंबई आई हुई थी और अब मुझे वापस बेंगलुरु जाना होगा। मैं कोमल को छोड़ने के लिए उस दिन एयरपोर्ट गया, जब मैं कोमल को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक गया तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरी लाइफ से कोई जरूरी चीज हमेशा के लिए जा रही है। मैंने कोमल को गले लगा लिया तो कोमल भी मुझसे कहने लगी कि हर्षित हम लोग फोन पर बातें करते रहेंगे। मैं कोमल से बहुत ही ज्यादा प्यार करता था लेकिन अब कोमल बेंगलुरु चली गई थी इसलिए हम दोनों सिर्फ फोन पर ही बातें करते थे। कोमल और मैं एक दूसरे से मिलते तो रहते ही थे लेकिन हम दोनों के बीच काफी दूरियां भी थी।

एक दिन कोमल का मुझे फोन आया और वह कहने लगी मैं तुमसे मिलने के लिए आ रही हूं। वह उस दिन मुझसे मिलने के लिए आई मुझे कोमल ने सरप्राइज दिया मुझे लगा कि कोमल बेंगलुरु में होगी लेकिन वह तो मुंबई में ही थी। मैं इस बात से बड़ा खुश हो गया मैंने कोमल से कहा तुम कहां पर हो? कोमल ने मुझे कहा तुम मुझे तुम्हारे घर के बाहर ही मिलना। कोमल मुझे मेरे घर के बाहर मिली उस दिन हम दोनों ने साथ में कहीं जाने का फैसला कर लिया था। मैं और कोमल उस दिन लॉन्ग ड्राइव पर जाने वाले थे और उस दिन हम दोनों लॉन्ग ड्राइव पर गए। हम दोनो एक दूसरे को किस करने लगे हम दोनों के अंदर की गर्मी बढने लगी थी। हम दोनों अपने आपको रोक ही नहीं पा रहे थे मैं तो अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाई। मैंने जिस तरह से कोमल के होंठों को चूमना शुरू किया उस से कोमल के अंदर की आग बढ़ती जा रही थी और वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। मैं समझ चुका था कोमल मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार है। मैंने गाड़ी को एक किनारे रोक कर खड़ा किया और मैंने अपने लंड को बाहर निकाला वह जिस तरह मेरे लंड को संकिग करती उस से मेरी गर्मी बढ़ाती जा रही थी। कोमल ने जिस प्रकार से मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाया उस से मुझे मजा आ रहा था और कोमल को भी बड़ा मजा आने लगा था। कोमल पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी वह मुझे कहने लगी मेरी उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। मैं समझ चुका था कोमल के अंदर की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी है इसीलिए मैंने कोमल से कहा अब मैं तुम्हें चोदना चाहता हूं। वहीं पास में घनी झाड़ियां थी मैं कोमल को लेकर वहां पर चला गया। मैं जब कोमल को वहां पर लेकर गया तो मैंने पहले इधर उधर देखा वहां आसपास कोई भी नजर नहीं आ रहा था। जब मैंने कोमल की जींस को उतार कर उसकी चूत को अपनी उंगली से सहलाना शुरु किया तो उसको मजा आने लगा।

वह कहने लगी मुझे मजा आ रहा है मैं समझ चुका था कि कोमल को बड़ा ही मजा आने लगा है और उसकी उत्तेजना भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। उसकी चूत से निकलती हुई गर्मी अब बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मैंने कोमल की चूत को चाटना शुरु किया। कोमल की योनि को चाट कर मुझे मज़ा आ रहा था वह तड़पने लगी थी। मैंने अपने मोटा लंड को बाहर निकालकर हिलाना शुरू कर दिया मैं जब ऐसा कर रहा था तो कोमल को अच्छा लग रहा था। मैंने जब अपने लंड पर थूक लगाकर कोमल की योनि पर अपने लंड को लगाया तो कोमल मचलने लगी। मैंने धीरे-धीरे अपने मोटे लंड को कोमल की योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया। उसकी योनि के अंदर लंड जा चुका था मै उसकी योनि के अंदर बाहर लंड को करने लगा था। उसे बड़ा मजा आ रहा था कोमल को बहुत ही मजा आने लगा था कोमल को मै तेजी से चोदने लगा था कोमल की चूत से निकलता हुआ खून भी बढ़ने लगा था वह मुझे कहने लगी तुमने आज मेरी सील तोड़ दी। मैंने कोमल से कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अब कोमल को भी मजा आने लगा था।

कोमल के अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैंने कोमल से कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने माल को गिराने वाला हूं। कोमल मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है कोमल को मैं बहुत तेजी से धक्के मार रहा था। उसे धक्के मारने में मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था काफी देर तक मैंने उसे ऐसे ही चोदा। जब मैंने अपने माल को कोमल की चूत में गिरा कर अपनी गर्मी को शांत कर दिया तो उसे मजा आ गया। कोमल कहने लगी क्या हम लोग चलें। मैंने कोमल से कहा मैं एक बार और तुम्हें चोदना चाहता हूं मैंने कोमल को एक बार और चोदा। मैंने कोमल की चूत से खून बहार निकाल दिया और उसकी चूत के अंदर मैंने अपने माल को गिरा दिया। कोमल की चिकनी चूत मार कर मुझे मजा आया और उसके बाद हम दोनों घर वापस लौट आए। कोमल ने जो मुझे सरप्राइज दिया था उस से बड़ा सरप्राइज मैंने कोमल को दिया। वह बड़ी खुश थी कि मैं उसे चोद पाया और हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा ले पाए।
 
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