नजरे कर गई चुल्ल

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Antarvasna, hindi sex story: कॉलेज में मेरी क्लास में पायल पड़ती थी पायल और मैं काफी अच्छे दोस्त हैं हम दोनों की दोस्ती को लगभग दो वर्ष हो चुके हैं कॉलेज का हमारा यह आखिरी वर्ष था। मैं और पायल एक दूसरे के काफी अच्छे दोस्त बन चुके थे समय के साथ साथ हम लोगों की दोस्ती और भी गहरी हो गई पायल और मैं एक दूसरे से अपनी बातों को शेयर कर लिया करते थे। हमारा ग्रेजुएशन पूरा होने वाला था हमारे एग्जाम नजदीक आने वाले थे इसलिए कुछ दिनों तक मैं पढ़ाई में ही लगा रहा मैं चाहता था कि मेरे अच्छे नंबर आए। मैंने जब एग्जाम दिए तो मुझे पूरी उम्मीद थी कि मेरे अच्छे नंबर आएंगे और अच्छे नंबरों से ही मैं पास हुआ। मैं अपना ग्रेजुएशन पूरा कर चुका था ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद पापा चाहते थे कि मैं सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करूं इसलिए मैं प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी करने लगा और जल्द ही मेरी जॉब भी लग गई। जब मेरी जॉब लगी तो उसके बाद मैं कोलकाता चला गया कोलकाता जाने के बाद काफी वर्षों तक तो मेरी पायल से कोई बातचीत हो नहीं पाई। जॉब लगने के बाद जैसे मेरा संपर्क सब लोगों से खत्म होने लगा था लेकिन मैं चाहता था कि मैं सबको मिलूं।

जब मैं अपने घर रोहतक आया तो मेरी मुलाकात पायल से भी हुई पायल की जिंदगी में अब कोई और लड़का ही आ चुका था मैं चाहता था कि पायल को मैं अपने दिल की बात कहूंगा लेकिन पायल अब किसी और से प्यार करने लगी थी और उन लोगों ने शादी करने के बारे में भी सोच लिया था। पायल के परिवार वालों को भी वह लड़का पसंद था इसलिए मैंने पायल से अपने दिल की बात नहीं कही और मैंने पायल को भूल जाना ही बेहतर समझा। मैं चाहता था कि पायल अपनी जिंदगी में आगे बढ़े और वह हमेशा खुश रहें पायल की जिंदगी अब पूरी तरीके से बदल चुकी थी क्योंकि उसकी लाइफ में रोहित आ चुका था रोहित के आ जाने के बाद उन दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था। मैं कुछ दिनों तक घर में ही था तो मेरी मुलाकात पायल से हुई और पायल ने मुझे सारी बात बताई पायल और रोहित जल्द ही शादी करने वाले थे। कुछ ही समय मे उन लोगों की शादी हो गयी हालांकि मैं पायल की शादी में तो नहीं जा पाया लेकिन मैंने पायल को उसकी शादी की बधाई दे दी थी।

पायल की शादी हो चुकी थी और अब वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी थी मैंने भी पायल को भूल जाना ही बेहतर समझा और पायल को भूल कर मैं भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था। मेरी जिंदगी में भी कुछ ठीक नहीं चल रहा था क्योंकि मेरा एक्सीडेंट हो जाने के बाद मैं कुछ दिनों तक हॉस्पिटल में एडमिट था। मैंने यह बात पापा मम्मी को नहीं बताई यदि मैं घर में पापा और मम्मी को इस बारे में बताता तो वह लोग चिंतित हो जाते इसलिए मैंने उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं बताया। पापा और मम्मी मेरी बहुत ही ज्यादा चिंता करते हैं और अगर मैं उन्हें अपने एक्सीडेंट के बारे में बताता तो वह लोग परेशान हो जाते। धीरे धीरे मैं ठीक होने लगा था कोलकाता में मैं जिस कॉलोनी में रहता हूं उसी कॉलोनी में मेरी दोस्ती महेश के साथ हुई महेश और मेरी दोस्ती काफी अच्छी थी। एक दिन महेश ने मुझसे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के सिलसिले में बाहर जा रहा हूं। महेश को कोई जरूरी काम था इसलिए वह चाहता था कि मैं उसकी मां को हॉस्पिटल लेकर जाऊं मैंने महेश को कहा ठीक है मैं आंटी को हॉस्पिटल लेकर चला जाऊंगा। महेश के चले जाने के बाद मैं आंटी को हॉस्पिटल लेकर गया आंटी की तबीयत ठीक नहीं रहती है इसलिए उन्हें रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल जाना पड़ता है। मैं जब उन्हें डॉक्टर के पास ले गया तो डॉक्टर ने उन्हें कुछ दवाइयां लिखकर दी और हम लोगों ने वह दवाइयां ली और उसके बाद हम घर लौट आये थे। मैं जब घर लौटा तो उस दिन मैं घर पर ही था मैं अकेला काफी ज्यादा बोर हो रहा था तो सोचा कि क्यों ना पार्क में चला जाऊं। मैं जिस कॉलोनी में रहता हूं उसके पास ही एक काफी बड़ा पार्क है और मैं वहां पर चला गया, शाम का समय था तो मैं वहां टहलने के लिए चल गया। मैं जिस बेंच पर बैठा हुआ था उस पर आकर एक व्यक्ति बैठे वह काफी ज्यादा परेशान लग रहे थे उनकी उम्र भी बहुत ज्यादा थी कुछ देर तक तो मैंने उनसे कुछ नहीं पूछा लेकिन जब मुझे लगा कि मुझे उनसे कुछ पूछना चाहिए तो मैंने उनसे कहा कि अंकल क्या सब कुछ ठीक है आप काफी ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं।

मुझे पहले तो लगा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है लेकिन उन्होंने मुझे जब अपने बेटे और बहू के बारे में बताया तो मैंने उन्हें कहा कि यह तो बहुत ही गलत है। उनके बेटे और बहू का व्यवहार उनके लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं था इसलिए वह काफी ज्यादा उदास थे वह मेरे साथ बैठे हुए थे और मुझसे अपनी बातों को शेयर कर रहे थे तो उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने उनसे काफी देर तक बातें की उसके बाद वह चले गए उस दिन के बाद मुझे वह कभी भी दिखाई नहीं दिए मैं जब भी पार्क में जाता तो मैं सोचता कि क्या मुझे वह अंकल मिलेंगे लेकिन मुझे तो वह कभी दिखाई ही नहीं दिए। पापा और मम्मी से मिले हुए भी लंबा अरसा हो चुका था तो मैं सोचने लगा कि क्यों ना पापा और मम्मी से मिलने के लिए रोहतक जाऊं। कुछ दिन में मैं अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर अपने मम्मी पापा से मिलने के लिए रोहतक चला आया। पापा और मम्मी से मिलकर मैं काफी खुश था क्योकि इतने लंबे समय बाद जो पापा और मम्मी से मेरी मुलाकात हो रही थी वह लोग भी बहुत खुश थे।

मुझे हमारे पड़ोस में रहने वाली अक्षिता मिलती है। अक्षिता की तरफ मैंने कभी भी गलत नजरों से नहीं देखा था लेकिन अक्षिता को देखकर मुझे कुछ ठीक नहीं लगा। जिस प्रकार से वह मुझसे बातें कर रही थी और मुझे देख रही थी उससे मुझे उस की नजरे कुछ ठीक नहीं लग रही थी। मैं उसकी नजरों को पढ़ चुका था मुझे भी अब अक्षिता के साथ सेक्स करना था। मैंने जब इस बारे में अक्षिता से फोन पर बात की तो वह भी मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तुरंत तैयार हो गई। उसे मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाने से कोई भी एतराज नहीं था। मैं इस बात के लिए बड़ा खुश था कि अक्षिता मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाएगी क्योंकि मैं तो चाहता ही था कि वह मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया अक्षिता को मैं काफी बरसों से जानता हूं लेकिन ना जाने उसे क्यो लंड लेने की आदत पड़ चुकी है। उसने मुझे घर पर बुलाया मैं अक्षिता के घर पर गया हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी वह मेरी गोद में आकर बैठ गई। जब वह मेरी गोद में आकर बैठी तो मै उसकी जांघों को सहलाने लगा। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था उसको भी बड़ा मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है मेरे अंदर की गर्मी इतनी बढ चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाया। मैंने अक्षिता को कहा मुझसे अब रहा नहीं जाएगा। अक्षिता ने तुरंत मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया उसने मेरे लंड को मेरी पैंट से बाहर निकालकर मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे सकिंग करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और अक्षिता को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस प्रकार से वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी। उसने मेरे लंड से पानी बाहर निकाल दिया था अब तो मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाया और ना ही अक्षिता अपने आपको रोक पाई। मैंने अक्षिता को कहा हम लोग बेडरूम में चलते हैं और हम दोनों बेडरूम में चले गए। उसने अपने बदन से कपड़े उतारे तो उसके गोरे बदन को देखकर मुझे अच्छा लग रहा था और उसे बहुत ही मजा आ रहा था।

मैं उसे देखे जा रहा था लेकिन मैं समझ चुका था कि वह अब रह नहीं पाएगी। मैंने अब अक्षिता की योनि को चाटना शुरू कर दिया उसकी योनि का रसपान कर के मुझे मजा आ रहा था और वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो रही थी। वह अपने पैरों के बीच में मुझे जकड़ने की कोशिश करती। मैंने अपने मोटे लंड को उसकी योनि पर लगाकर अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया जैसे ही मेरा लंड अक्षिता की योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो मैंने अक्षिता को कहा आज तो मजा ही आ गया। अक्षिता बड़ी खुशी थी मैंने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और वह मेरे लंड को लेकर बहुत ज्यादा खुश हो रही थी। मैंने अक्षिता को बड़ी तेज गति से धक्के मारने शुरू कर दिए थे जिससे कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पाएंगी। मैं अब रह नहीं पा रहा था। मैंने जैसे ही अपने माल को गिराया तो वह मुझसे लिपटकर कहने लगी मैंने आज तक इतने मोटे लंड को कभी अपनी चूत मे नहीं लिया है। मैं बहुत ज्यादा खुश था अक्षिता के साथ मुझे बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन मेरा मन तो उसको दोबारा चोदने का होने लगा था।

मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया मैं जब उसे घोड़ी बना कर धक्के मारता तो वह भी मुझसे अपनी चूतडो को मिलाती। वह मुझे कहती मुझे और भी तेजी से धक्के मारो मैंने उसे बहुत देर तक ऐसे ही चोदा। मैंने उसकी योनि के अंदर माल गिरा कर अपनी इच्छा को पूरा किया तो वह खुश हो गई और कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ गया। मैं बहुत खुश था जितने दिनों तक मैं घर पर था मैने अक्षिता की चूत का सुख लिया और उसके बाद में वापस कोलकाता चला गया। जब मैं कोलकाता आ गया था तो उसके बाद भी मुझसे अक्षिता फोन पर बातें किया करती। हम दोनों की फोन पर तो बातें होते ही थी लेकिन जब भी मैं रोहतक जाता तो मैं और अक्षिता एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध जरूर बनाया करते थे। जिससे कि मुझे भी अच्छा लगता और उसे भी बड़ा अच्छा महसूस होता।
 
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