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यह कहानी है मेरे एक दोस्त अमित की। अमित अपनी नौकरानी अनु को चोदा करता था, लेकिन अनु ने कभी उसे गांड नही मारने दी थी। अमित ने किस तरह से उसकी गांड चुदाई की और गांड चोद कर मजे लिए यह इस कहानी में पढ़िए।

अमित अब रोज ही अपनी नौकरानी अनु को चोदता था। अनु भी अब खुशी खुशी अमित से चुदवाने आ जाया करती थी। अनु को रात में उसका पती खुश नही कर पाता था, इसी कारण वो भी अमित से चुत चुदवाकर अपने आप को शांत करने लगी थी। इस चुदाई के खेल में दोनों को मजा मिल रहा था और वो अपनी हवस को मिटाने के लिए ही यह चुदाई का खेल खेलते थे। अनु और अमित के बीच कोई प्यार का रिश्ता नही था, था तो बस हवस भरा चुदाई का रिश्ता।

अमित रोज अनु की जमकर चुत चुदाई करता था। लेकिन अब अमित का मन करता कि कुछ नया करे, जिससे यह हवस भरी चुदाई का खेल और मजेदार हो जाए। तो यही कुछ नया करने की सोचते हुए अमित के मन मे आया क्यों ना अनु की गांड का उदघाटन किया जाए। तो अमित ने यही बात अनु से कही। यह सुनकर अनु एकदम दंग रह गई। उसे तो कुछ पता ही नही था कि, लंड को गांड में भी घुसा सकते है। वो गांव से थी, और उसके लिए चुदाई का मतलब सिर्फ इतना था कि, नंगे हो जाओ और लंड को चुत में घुसाकर धक्के लगाओ।

उसने इसके लिए अमित को सीधा मना कर दिया। लेकिन अमित भी कहां माननेवाला था। अमित ने अपने मन मे अब यह ठान लिया था कि, अनु की गांड मारनी ही है। अब अमित रोज अनु को चोदते समय उसकी गांड को सहला देता, उसके चुतड़ों को पकडकर मसल देता। और बीच बीच मे अनु की गांड के छेद को अपनी उंगली से कुरेदते हुए उंगली अंदर घुसाने का प्रयास करता।

अनु को भी अमित की इन हरकतों से पता चल गया था कि, अमित गांड मारे बिना मानेगा नही। तो उसने भी ठान लिया था अमित अब जब भी गांड मारने की बात कहेगा वो मना नही करेगी। उसे दर्द तो होने वाला था लेकिन दर्द के बाद आने वाले आनंद और चरमोत्कर्ष की अनुभूति को सोच कर ही कभी कभी उसकी चुत गीली हो जाती थी।
ऐसे ही एक दिन सुबह जब अनु आई तो अमित नहा कर अभी निकला था। अभी नहाकर आने से अमित सिर्फ एक टॉवेल लपेटे हुए ही था।

उसने अनु को आते ही अपने गले से लगा लिया। और उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूमने लगा। अमित ने अनु को गले लगाते ही अपने हाथों को अनु के चुतड़ों पे रख दिया था। अब वो उसके चुतड़ों को मसलते हुए उसके होठों को चूसे जा रहा था। अब अनु भी गर्म हो रही थी और उसके हाथ भी अमित की पीठ पर रेंगते हुए अपना जलवा दिखा रहे थे।

अमित ने उसे चूमते हुए ही हॉल के सोफे पर गिरा दिया और खुद के बदन पर जो एकमात्र टॉवल था उसे भी हटा दिया। टॉवल के अंदर अमित का लंड पूरा मूसल बनकर तैयार था। जैसे ही अमित ने टॉवेल हटाया, और अपने लंड को आजाद कर दिया। उसी समय तुरंत ही अनु ने उसके लंड को अपने हाथों में ले लिया। अब अनु उसके लंड से प्यार कर रही थी। सबसे पहले उसने अमित के लंड को प्यार से चूमा और फिर उस पर अपनी जीभ फिराने लगी। उसकी इस हरकत से अमित और भी जोश में आने लगा था।

अब अमित ने अनु के मुंह को पकडकर अपना लंड उसके मुंह मे पूरा घुसा दिया। अब अमित अनु के मुंह को चोदे जा रहा था। थोडी देर उसने अपना लंड चुसवाकर फिर अनु के बदन से उसकी सारी को निकाल दिया। अब अनु सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। अमित ने पेटीकोट का नाडा भी खींचकर खोल दिया, और पेटीकोट भी जमीन पर गिरा दिया। अब अमित की नजरें सिर्फ अनु की गांड पर थी, जिसे अनु ने भी भांप लिया था।

अनु ने अमित के सामने अपनी गांड और ऊंची करके उससे कहा, "अमित बाबू आप इससे प्यार नही करोगे?"

अमित को तो जैसे इसी पल का इंतजार था। अमित ने आगे बढकर अनु की गुदाज जांघो को अपने हाथों से पकड लिया और उसे अपनी तरफ खींचकर उसके चुतड़ों पर अपने तपते हुए होंठ रख दिये। पहले तो अमित ने अनु के चुतड़ों को अच्छे से चूमा और फिर चाटकर गिला कर दिया। चुतड़ों के बाद अमित अब उसके गांड के छेद की तरफ बढा। जैसे ही अमित ने अपनी जीभ निकालकर उसके गांड के छेद को छुआ, अनु का पूरा बदन इस अदभुत अनुभव के अहसास मात्र से रोमांच से कांप उठा।

अमित को बहुत इंतजार के बाद अपनी मनपसंद जगह मिलने वाली थी, तो अमित सब कुछ आराम से कर रहा था। जिससे अनु को ज्यादा दर्द का अहसास न हो। अब अमित ने अनु से कहा, "दो मिनट रुको मै कोई क्रीम लेकर अभी आया।"

अमित के वापस आने तक अनु ने अपना ब्लाउज भी निकाल दिया और अब दोनों ही पूरे नंगे थे। अमित वैसलिन की बोतल लेकर जल्द ही आ गया। आते ही उसने वैसलिन अपने हाथ पे निकाल लिया और उसे उसकी गांड के छेद पर लगाने लगा। अनु की गांड बहुत कसी हुई थी। तो अमित ने उसकी गांड के छेद के आसपास ढेर सारा वैसलिन लगा दिया और धीरे से अपनी एक उंगली उसकी गांड में घुसाने लगा। अनु को थोडा दर्द तो हुआ, लेकिन उसने वो सहन कर लिया।

अब अमित अनु की गांड में एक उंगली घुसाकर उसे धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा। फिर उसने उंगली बाहर निकाल दी और वैसलिन लेकर उसकी गांड के पर उडेल दिया। अब वो अपनी उंगली से वैसलिन अंदर घुसाकर अनु की गांड में अंदर से वैसलिन लगा रहा था। जिससे अंदर भी चिकनाई रहे और लंड को कोई तकलीफ ना हो।
थोडी देर बाद अमित ने एकसाथ दो उंगलियां अनु की गांड में घुसा दी, और उन्हें अंदर बाहर करने लगा। इसी के साथ कभी वो अनु के बूब्स को मसल देता तो कभी पीठ पर चुम लेता।

अब अनु को भी इस सब मे मजा आ रहा था, और उसकी गांड का छेद भी पहले से थोड़ा खुल चुका था। तो अब अनु चाहती थी कि, अमित जल्दी से अपना लंड गांड में डालकर उसकी गांड का उदघाटन कर दे।

अनु ने अमित से कहा, "अमित बाबू अब जल्दी से आप अंदर डाल दो, अब और सहन नही होता।"

अमित ने कहा, "ठीक है मेरी जान। थोडा दर्द होगा सहन कर लेना, मै बहुत आराम से करूंगा।"

तो अब अमित ने अनु को सोफे से उतारकर नीचे खडी किया और सोफे की तरफ झुका दिया अब अनु की गांड बिलकुल अमित के सामने थी। अमित ने अनु की चुत पे हाथ ले जाकर उसे थोडा ऊपर की ओर उठा दिया, जिससे अनु की गांड का छेद और चुत दोनों उसके सामने हो। अब अमित ने अपने लंड को हाथ मे लेकर उसे अनु के गांड के छेद पर लगाते हुए एक धक्का दे मारा। पहली बार तो लंड फिसलकर बाहर आ गया।

तो उसने अनु से कहा, "तुम अपने हाथों से अपनी गांड के छेद को खोलो, फिर मै उसमे लंड पेल दूंगा।"

अनु ने भी वैसा ही किया, और अमित ने अगले ही पल एक धक्के के साथ अपने लिंग का टोपा उसकी गांड में घुसेड दिया। अनु के मुंह से चीख निकल गई, अगले ही पल अमित ने थोडा झुककर उसका मुंह अपने हाथों से बंद कर दिया। वरना वो इतना जोर से चीखी थी, कि बाहर तक आवाज आ जाती। अमित ने उसका मुंह बंद रखते हुए ही एक और जोर का धक्का लगाया, जिससे अमित का आधा लंड उसकी गांड में चला गया था।और अनु एकदम से आगे होकर सोफे पर गिरने को हुई, लेकिन अमित ने अपनी मजबूत पकड से उसे निकलने नही दिया।

अमित थोडी देर तक रुका रहा और जैसे ही उसे लगा कि, अब लंड ने अपनी जगह बना ली है उसने एक और जोर का धक्का लगा दिया, जिससे उसका पूरा लौडा अनु की गांड में समा गया। इस धक्के से तो अनु की जान ही निकल गई। वो बेहोश सी हो गई थी, उसने अपना पूरा बदन ढीला छोड दिया। अब अमित ने अनु को इस हालत में देखा तो उसने बिना लंड निकाले ही अनु को सोफे पर पेट के बल लिटा दिया और खुद उसके ऊपर आ गया।

अब अमित ने अनु के चूचियों को दबाना चालू किया, वो उसकी गर्दन को चूम रहा था। थोडी देर बाद अनु को ठीक लगने लगा तो उसने अपनी गांड हिलाकर अमित को इशारा कर दिया। उसका इशारा मिलते ही अमित ने भी धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। अब अमित के साथ साथ अनु को भी मजा आ रहा था। अनु की गांड कसी हुई होने के कारण अमित को थोड़ी तकलीफ तो हो रही थी। लेकिन उसे यह सब किसी कुंवारी लड़की को चोदने जैसा लग रहा था।

थोडी देर सोफे पर लेटे लेते गांड चुदाई के बाद अमित ने अनु को फिर से पहली जैसी पोजीशन में खडी कर दिया और खुद उसके पीछे आकर चुतड़ों पर एक चुम्मा जड दिया। चुम्मा जड़ देने के बाद उठकर अपने लंड को हिलाते हुए उसकी गांड के छेद पर टिकाकर धक्का लगाया। अब की बार एक ही झटके में आधा लंड उसकी गांड में चला गया था। थोडी देर इसी पोजिशन में धक्के लगाने के बाद अमित ने अपना वीर्य अनु की गांड में ही छोड़ दिया।

आपको यह कहानी कैसी लगी, यह कमैंट्स सेक्शन में जरूर बताइए।

धन्यवाद।
 
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