पत्नी संग पहला एनल सेक्स

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Antarvasna, hindi sex stories: मैं और गौतम अपनी नौकरी के लिए काफी परेशान थे गौतम मेरा दोस्त है और हम दोनों नौकरी की तलाश में थे लेकिन हमें नौकरी कहीं नहीं मिल रही थी। काफी समय तक कोई काम ना होने की वजह से अब मानसिक तौर पर भी तनाव होने लगा था। मैं एक दिन सुबह तैयार होकर घर से निकल रहा था तभी गौतम का मुझे फोन आया और गौतम कहने लगा कि मैंने एक कंपनी का इश्तेहार अखबार में देखा था यदि तुम कहो तो हम लोग वहां पर इंटरव्यू देने के लिए जा सकते हैं। मैंने उससे कहा कि इंटरव्यू कब है तो वह कहने लगा कि इंटरव्यू कुछ दिनों बाद है, हम दोनों उस कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए गए और हम दोनों का ही उस कंपनी में सिलेक्शन हो गया। मैं और गौतम बहुत खुश थे गौतम मुझे कहने लगा कि यार मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी मुझे लग रहा था कि शायद कहीं नौकरी मिल ही नहीं पाएगी लेकिन अब एक अच्छी नौकरी मिली है तो मुझे इस बात की खुशी है और कम से कम कुछ पैसे अब मैं घर पर भी दे पा रहा हूं।

हम दोनों के ही परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी हम दोनों एक सामान्य परिवार से हैं मेरे पिताजी का देहांत तो काफी वर्ष पूर्व हो गया था और मेरी मां ने ही घर की सारी जिम्मेदारियों को संभाला है उन्हीं की बदौलत मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर पाया। मुझे कई बार लगता था कि क्या मैं अपनी मां के लिए भी कुछ कर पाऊंगा परंतु अब मेरी नौकरी लग चुकी थी तो मैं अपनी मां के लिए पहली तनख्वाह से साड़ी लेकर गया और उन्हें मैंने कुछ पैसे दिए तो उनके चेहरे पर खुशी थी। मुझे भी बहुत सुकून था कि कम से कम मैं अपनी मां के चेहरे पर वही खुशी लौटाने में कामयाब रहा हूं। इतने वर्षों से उन्होंने जो पीड़ा सही है उसे थोड़ी बहुत हद तक मैं दूर करने लगा था मैं अब घर की सारी जिम्मेदारियों को संभालने लगा था। जो स्थिति मेरे घर में थी वही स्थिति गौतम के घर में भी थी इसीलिए गौतम और मैं एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते थे। समय बीतता चला गया और पता ही नहीं चला कब समय बीत गया मैंने अपनी बहन के लिए लड़का देखना शुरू किया तो मुझे कोई लड़का नहीं समझ आ रहा था और ना ही मेरी मां को कोई अच्छा लड़का मिल रहा था।

मुझे नहीं मालूम था कि मेरी बहन गौतम से प्यार करती है मुझे इस बात का पता काफी समय बाद लगा और जब मुझे इस बात का पता चला तो मुझे इससे कोई भी आपत्ति नहीं थी। मैंने गौतम को कहा गौतम तुम मेरे अच्छे दोस्त हो यदि तुम मेरी बहन से शादी कर लोगे तो मुझे खुशी होगी और गौतम ने मेरी बहन के साथ शादी कर ली। मैं और मां बहुत खुश थे क्योंकि गौतम के रूप में हमें एक अच्छा लड़का मिल चुका था और गौतम को हम लोग पहले से ही जानते थे। मुझे नौकरी करते हुए काफी वर्ष हो चुके थे अब मैं सोचने लगा कि क्यों ना मैं अपना कोई काम शुरू करूं लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या शुरू करना चाहिए तब मेरी मदद गौतम ने हीं की। गौतम ने मुझे कहा कि एक विदेशी कंपनी है जो कि अपनी फ्रेंचाइजी देना चाहती है मैंने गौतम से कहा लेकिन कंपनी की फ्रेंचाइजी भी तो महंगी होगी। वह कहने लगा कि हां कंपनी की फ्रेंचाइजी तो महंगी होगी लेकिन तुम किसी को रख सकते हो जो कि तुम पर भरोसा कर के कुछ पैसे तुम्हारे ऊपर लगा सके। मैंने गौतम से कहा लेकिन ऐसा व्यक्ति तो मेरी नजर में कोई भी नहीं है गौतम कहने लगा तुम चिंता मत करो मैं कोशिश करता हूं और हमारी कोशिश रंग लाई अब मुझे एक व्यक्ति मिल चुके थे जो कि मेरे ऊपर पैसा लगाने को तैयार थे और मुझे इस बात की खुशी थी कि वह हमारे ऊपर पैसे लगाने वाले हैं। मैंने अब विदेशी कंपनी की फ्रेंचाइजी ले ली और मैं काम करने लगा काम अच्छे से चलने लगा था और मैं भी अब शादी करने के बारे में सोचने लगा लेकिन मुझे कोई लड़की पसंद ही नहीं आ रही थी। मेरी मुलाकात एक दिन पार्टी में संजना से हुई जब संजना से मेरी मुलाकात हुई तो उससे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने संजना के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया लेकिन मुझे शायद संजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी।

मुझे इस बारे में मालूम नहीं था कि संजना पहले से ही शादीशुदा है और उसके पति के साथ उसका तलाक हो चुका है परंतु मुझे उस बात से कोई आपत्ति नहीं थी और मैं संजना के साथ शादी करने के लिए तैयार हो गया था। मैंने संजना को कहा कि मुझे इस बात से कोई भी परेशानी नहीं है तो संजना ने भी मुझ से शादी करने का फैसला कर लिया था और हम दोनों ही एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। मैंने इस बारे में गौतम को भी बताया तो गौतम मुझे कहने लगा कि प्रकाश यह तुम्हारी जिंदगी है तुम्हें जैसा लगता है तुम वैसा ही करो। मैंने और संजना ने अब सगाई कर ली थी और हम लोग जल्द ही शादी करने वाले थे हम दोनों जल्द ही शादी के बंधन मे बनने वाले थे और जिस दिन हम दोनों की शादी हुई उस दिन मैंने अपने परिचितों को भी शादी में इनवाइट किया था। मैंने ज्यादा बड़ा फंक्शन तो नहीं किया लेकिन मेरे कुछ खास परिचित उस में आए थे हम दोनों की शादी अच्छे से हो चुकी थी और अब संजना मेरी पत्नी बन चुकी थी। मुझे इस बात से बहुत खुशी थी कि संजना मेरे जीवन में आ चुकी है और मैं संजना से शादी कर के बहुत ही खुश था।

मेरी मां भी संजना को अपने घर की बहू बना कर खुश थी और मेरा काम भी अच्छे से चल रहा था। संजना के साथ मैंने कई बार शारीरिक संबंध बनाए लेकिन एक दिन मेरा मन बहुत ज्यादा संजना के साथ सेक्स करने का होने लगा मैंने संजना को कहा कि आज मेरा रोमांस करने का बड़ा मूड है। संजना का भी उस दिन बहुत मन था हम दोनों के बदन उस दिन एक दूसरे से मिलते ही उनसे एक अलग ही गर्मी पैदा होने लगी थी मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा था। मैंने लाइट को बंद करते हुए संजना को बिस्तर पर लेटाया और संजना ने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया मुझे भी अच्छा लगने लगा। वह मेरे होठों को बहुत देर तक चूसती रही उसके अंदर की गर्मी बाहर निकलने लगी थी मैंने गर्मी का अंदाजा इसी बात से लगा लिया था कि उसके शरीर से पसीना निकलने लगा था। हम दोनों के बदन से गरमाहट बहुत ज्यादा निकलने लगी थी मैंने संजना के होंठो को बहुत देर तक चूसा। जब संजना ने मुझे कहा कि मेरे कपड़ों को उतार दो मैंने संजना से कहा कि मैं तुम्हारे कपड़ों को अभी उतार देता हूं मैं संजना के कपड़े उतारकर उसके बड़े स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगने लगा। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया जब मैं उसके स्तनों को चूस रहा था तो मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था काफी देर तक मैं उसके स्तनों को चूसता रहा। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो संजना ने उसे लपकते हुए अपने मुंह के अंदर ले लिया जब वह मेरे लंड को मुंह के अंदर ले रही थी तो मुझे भी अच्छा लगने लगा वह बड़े अच्छे तरीके से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था। मैंने उसके गले के अंदर तक अपने लंड को घुसा दिया था संजना को मेरे लंड को सकिंग करने में बड़ा मजा आता वह बड़े अच्छे तरीके से मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी उसने 2 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और मेरे लंड को 90 डिग्री पर खड़ा कर दिया था। मैं अब बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगा था मैंने जब संजना के दोनों पैरों को खोलते हुए उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो मैने उसे कहां तुमने अभी तक अपनी चूत के बाल साफ नहीं किए है?

वह कहने लगी नहीं मैंने अभी तक अपने बाल साफ नहीं किए है मैंने संजना की चूत को बहुत देर तक चाटा उसकी चूत से मैंने पानी भी बाहर निकाल कर रख दिया था। संजना कहने लगी मै रह नहीं पाऊंगी मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया और धीरे धीरे अंदर की तरफ घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था और वह बहुत ज्यादा खुश नजर आ रही थी। वह मेरा साथ देती और मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने लगी। मैंने उसे कहा तुम्हारी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकल रहा है वह कहने लगी आज मेरा मन बहुत ज्यादा हो रहा था और तुमने भी आज मेरी गर्मी को बढ़ा दिया। मैंने संजना से कहा मुझे आज तुम्हे चोदने में बहुत मजा आ रहा है मैं उसे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था वह भी बहुत खुश थी।

मैंने उसे काफी देर तक चोदा जब मेरा वीर्य बाहर निकलने लगा तो मैंने संजना से कहा कि मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला है संजना कहने लगी आज मुझे तुम्हारे वीर्य को अपने मुंह में लेने दो। मैंने अपने वीर्य को संजना के अंदर डाल दिया उसने मेरे लंड को बहुत अच्छे से चूसा और मेरे वीर्य को साफ कर दिया। मेरा लंड उसने दोबारा से खड़ा कर दिया था मैं बिल्कुल भी रह ना सकी मैंने संजना से कहा आज मुझे अनल सेक्स करना है? संजना ने भी मना नहीं किया मैंने उसकी गांड पर अपनी उंगली को घुसाया और अपने लंड पर तेल लगाते हुए अपने लंड को चिकना बना लिया मैंने जब अपने लंड को संजना की गांड में धीरे धीरे अंदर घुसाना शुरू किया तो उसकी गांड के अंदर मेरा लंड पहले तो नहीं गया। उसके बाद जैसे ही मेरा लंड संजना की गांड के अंदर प्रवेश हुआ तो उसकी गांड से कुछ देर बाद खून बाहर निकलने लगा लेकिन वह मेरा साथ बडे ही अच्छे से दे रही थी मैं उसे तेज गति से धक्के मारता जाता। संजना मुझे कहने लगी मुझे बड़ा आनंद आ रहा है तुम ऐसे ही मुझे धक्के मारते रहो। मैंने संजना की गांड 10 मिनट तक मारी और मैने 10 मिनट बाद संजना की गांड में तरल पदार्थ को गिरा दिया।
 
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