पत्नी संग रोमांस का मजा

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Antarvasna, desi kahani: महिमा रसोई का काम कर रही थी सुबह के 9:00 बज रहे थे मैं भी देरी से उठा था और मैं टेबल पर बैठ कर अखबार पढ़ रहा था। महिमा मुझे कहने लगी कि क्या आज आप घर पर ही हैं तो मैंने महिमा से कहा हां मैं घर पर ही हूं। महिमा ने मुझे कहा कि मैं अभी आपके लिए नाश्ता बना देती हूं मैंने महिमा से कहा कोई बात नहीं तुम थोड़ी देर बाद मेरे लिए नाश्ता बना देना। उस दिन बच्चे भी घर पर ही थे तो महिमा ने मुझे कहा कि सार्थक क्यों ना आज हम लोग कहीं शॉपिंग करने के लिए चले मैंने महिमा से कहा ठीक है हम लोगों शॉपिंग करने के लिए चलते हैं। मैं महिमा की बात मान चुका था और हम लोग शॉपिंग करने के लिए चले गए उस दिन जब हम लोग शॉपिंग करने के लिए गए तो बच्चे और महिमा बहुत ही ज्यादा खुश थे। मेरी शादीशुदा जिंदगी अच्छे से चल रही है मेरी शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं मैं दिल्ली में रहता हूं और पापा मम्मी बनारस में रहते हैं। पापा अभी भी जॉब कर रहे हैं वह स्कूल में अध्यापक हैं पापा अभी तक रिटायर नहीं हुए हैं।

हम लोगों ने दिल्ली में काफी वर्ष पहले घर खरीदा था अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं दिल्ली आ गया था मैंने दिल्ली में ही नौकरी करने की सोची। जब कॉलेज के दौरान मेरी महिमा से मुलाकात हुई तो महिमा मुझे अच्छी लगने लगी महिमा को मैं पसंद करने लगा था। कहीं ना कहीं महिमा भी मुझे पसंद करने लगी थी यही वजह थी कि हम दोनों के बीच प्यार पनपने लगा और हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। महिमा के पापा अधिकारी हैं और उनसे मैं जब पहली बार मिला था तो उन्होंने मुझसे कहा कि महिमा हमारी एकलौती बेटी है और हमने उसे बहुत ही लाड प्यार से पाला है हम चाहते हैं कि तुम उसका ध्यान अच्छे से रखो। मैंने भी उन्हें कहा कि मैं महिमा को कभी कोई कमी नहीं होने दूंगा और शादी के आज 10 वर्ष हो जाने के बाद भी महिमा और मैं एक दूसरे के साथ बहुत खुश है हम दोनों के बीच बहुत कम बार ही किसी बात को लेकर झगड़ा होता है। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं यही वजह है कि हम दोनों का रिलेशन अच्छे से चल पा रहा है।

जब भी महिमा मुझसे कुछ कहती है तो मैं उसकी बात कभी भी टालता नहीं हूं शायद यही वजह है कि महिमा मुझसे बहुत ही ज्यादा प्यार करती है। उस दिन हम लोग मूवी देखने के लिए चले गए, हम लोगो ने साथ में मूवी देखी और मैंने बच्चों को भी काफी शॉपिंग करवाई बच्चे भी काफी खुश थे और महिमा भी बहुत खुश थी। उसके बाद हम लोग घर लौट आए थे जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त दोपहर के 3:00 बज रहे थे जब हम लोग घर पहुंचे तो मैंने महिमा से कहा कि आज हम लोग दीदी से मिल आते हैं। मेरी दीदी जो कि दिल्ली में ही रहती हैं उनकी शादी भी दिल्ली में ही हुई है। महिमा कहने लगी ठीक है और उस दिन हम लोग दीदी के पास चले गए दीदी का घर हमारे घर से ज्यादा दूर नहीं है हम लोग 15 मिनट में दीदी के घर पहुंच गए थे। जब हम उन लोगों के घर पहुंचे तो दीदी मुझे कहने लगी कि सार्थक आज तुम काफी दिनों बाद घर आ रहे हो मैंने दीदी से कहा कि दीदी आप तो जानते ही हैं कि समय का कितना भाव है और आज मुझे लगा कि आप लोगों से मिलना चाहिए तो मैं आपसे मिलने के लिए आ गया। दीदी कहने लगी कि तुमने बहुत ही अच्छा किया जो तुम आज मुझसे मिलने के लिए आ गए। दीदी ने उस दिन कहा कि तुम आज हमारे घर पर ही रुक जाओ मैंने पहले तो मना किया लेकिन दीदी के कहने पर मैं मान गया और हम लोग उस रात दीदी के घर पर ही रुक गए। अगले दिन मुझे सुबह जल्दी ऑफिस जाना था तो मैं दीदी के घर से ही अपने ऑफिस चला गया था बच्चों की स्कूल की छुट्टी थी इसलिए महिमा दीदी के साथ ही थी। जब शाम के वक्त मैं ऑफिस से लौटा तो मैंने बच्चों और महिमा को साथ में ले लिया और हम लोग घर लौट आए थे। हम लोग जब घर लौटे तो महिमा ने मुझसे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए पापा और मम्मी से मिलने के लिए जा रही हूं मैंने महिमा से कहा तुम्हें जैसा लगता है तुम वैसा करो। महिमा अपने पापा और मम्मी से मिलने के लिए चली गई महिमा कुछ दिनों के लिए पापा और मम्मी से मिलने के लिए चली गई थी तो मैं घर पर ही था।

कुछ दिनों में महिमा और बच्चे वापस लौट आए थे तो मुझे भी लग रहा था कि मुझे पापा और मम्मी से मिलने के लिए चले जाना चाहिए। मैं पाप और मम्मी से मिलने के लिए बनारस चला गया मैं जब उनको मिलने के लिए बनारस गया तो मैं वहां कुछ दिन रुकने वाला था महिमा बच्चों का ध्यान अच्छे से रख रही थी। मैंने जब महिमा को फोन किया तो महिमा ने मुझे कहा कि सार्थक तुम कब वापस लौट रहे हो तो मैंने महिमा से कहा कि मैं बस दो दिन बाद वापस लौट आऊंगा। दो दिन बाद मैं बनारस से वापस लौट आया था जब मैं दिल्ली वापस लौटा तो महिमा ने मुझसे पूछा कि पापा मम्मी कैसे हैं तो मैंने महिमा से कहा वह लोग ठीक है। मैंने पापा से कहा है कि वह कुछ दिनों के लिए हमारे पास आ जाएं देखते हैं कि वह लोग हमारे पास आते हैं या नहीं। महिमा और मैं उस दिन डिनर के बाद एक दूसरे से बातें कर रहे थे। मैंने महिमा का हाथ पकड़ते हुए कहा आज तुम्हारी आंखों में देखकर कुछ रोमांटिक सा महसूस हो रहा है। महिमा मुझे कहने लगी छोड़ो भी तुम हमेशा ही ऐसे कहते हो। मैंने महिमा को किस कर लिया। मैंने जब महिमा के होठों को किस किया तो वह मुझे कहने लगी लगता है आज तुम कुछ ज्यादा ही मूड में नजर आ रहे हो। मैंने पूरा मन बना लिया था कि आज मैं महिमा की चूत से खून निकाल कर ही रहूंगा क्योंकि काफी दिन हो गए थे हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा भी तो नहीं लिया था।

अब महिमा भी मेरे लिए तड़प रही थी महिमा चाहती थी कि मैं उसकी योनि के अंदर लंड डालू। मैंने ऐसा ही किया मैंने जब अपने मोटे लंड को अपने पजामे से बाहर निकाला तो महिमा ने तुरंत उसे अपने कोमल हाथों में ले लिया और वह मेरे मोटे लंड को हिलाने लगी। जब वह ऐसा कर रही थी तो मुझे मज़ा आ रहा था और महिमा को भी बड़ा अच्छा लग रहा था जब वह ऐसा करती तो मेरे लंड से पानी बाहर की तरफ निकलना शुरू हो गया था। जब मैंने महिमा से कहा तुम मेरे लंड को ऐसे ही चूसती रहो तो महिमा ने मेरे लंड को मुंह के अंदर लेकर मेरे लंड को चूसना शुरु कर दिया था। महिमा को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं और महिमा एक दूसरे के साथ मजा ले रहे थे तो हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढाए जा रहे थे। मैंने महिमा के बदन से कपड़े उतारते हुए अब मैंने महिमा के स्तनों को चूसना शुरू किया। मैंने महिमा के स्तनों को चूसा तो उसको अच्छा लग रहा था। महिमा के स्तन आज भी वैसे ही सुडौल और टाइट है जैसे कि पहले थे इसलिए तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने महिमा के स्तनों को चूसा और उसके निप्पलो को खड़ा कर दिया था। अब महिमा गरम होने लगी थी महिमा के निप्पल भी खड़े हो चुके थे। महिमा ने मुझे कहा मुझसे रहा नहीं जाएगा। मैंने महिमा को कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जाएगा और यह कहकर मैंने महिमा की चूत पर अपने लंड को लगा दिया। महिमा ने मेरे लंड को देखते ही कहा जल्दी से अपने मोटे लंड को मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवा दीजिए। मैंने महिमा से कहा बस थोड़ी देर की ही बात है उसके बाद मैं तुम्हारी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दूंगा। मैंने महिमा की चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया था जैसे ही मेरा मोटा लंड महिमा की योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह बड़ी जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मेरी चूत फट गई। मैंने महिमा से कहा तुमने ही तो मुझे कहा था तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दो। महिमा बहुत ज्यादा तड़पने लगी थी।

महिमा इतनी तड़पने लगी थी कि मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था और ना ही महिमा अपने आपको रोक पा रही थी। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगे थे। हम दोनों की ही उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैं महिमा को बड़े ही तीव्र गति से धक्के मारे जा रहा था महिमा को बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब मैं और महिमा एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा ले रहे थे तो मैंने महिमा से कहा अब तुम्हें चोदने मे बहुत ही मजा आ रहा है। मैंने महिमा की योनि के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया था लेकिन दोबारा से मैंने महिमा को चोदना शुरू किया।

महिमा की चूत से निकलता हुआ पानी बढने लगा था। महिमा अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाने लगी थी जब वह मुझसे अपनी चूतड़ों को मिला रही थी तो मेरे अंदर की गर्मी बढती जा रही थी और मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आने लगा था। मेरे अंदर की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं पा रहा था। मैं महिमा को लगातार तेजी से चोदे जा रहा था लेकिन जैसे ही मेरा वीर्य पतन महिमा की चूत मे हुआ तो मेरे अंदर की सारी गर्मी शांत हो गई थी। महिमा भी अब शांत हो चुकी थी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे। मुझे बहुत ज्यादा गहरी नींद आ गई मैं और महिमा एक दूसरे के साथ लेटे थे। मैंने और महिमा ने जिस प्रकार से एक दूसरे के साथ सेक्स का जमकर मजा लिया वह बड़ा ही अच्छा था। मै और महिमा हमेशा एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लिया करते।
 
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