Antarvasna, hindi sex kahani: मेरी बहन की शादी नजदीक आ चुकी थी और मुझे पैसों की आवश्यकता थी लेकिन अभी तक पैसों का प्रबंध कहीं से हो नहीं पाया था और पिताजी भी बेबस थे क्योंकि हमारी घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मैं भी अभी तक कहीं से पैसों का प्रबंध नहीं कर पाया था लेकिन मेरे एक दोस्त ने मेरी उस वक्त मदद की उसने मुझे कुछ पैसे दिये और कहा कि तुम मुझे पैसे बाद में लौटा देना। मैंने उससे कहा कि तुमने मेरी इस वक्त बहुत मदद की है तो वह मुझे कहने लगा कि यदि दोस्त दोस्त के काम नहीं आएगा तो और कौन काम आएगा। मैं उसके एहसान तले दब चुका था और मैं अपने दोस्त का पैसा जल्दी से लौटाना चाहता था मेरी बहन की शादी धूमधाम से हुई और हम लोगों ने उसकी शादी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं की। मैं चाहता था कि मेरी बहन की शादी धूमधाम से हो और उसकी शादी में हम लोगों ने किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं की।
अब मेरी बहन की शादी तो हो चुकी थी लेकिन मुझे मेरे दोस्त का पैसा जल्द से जल्द लौटाना था। मैं अपनी नौकरी में इतना कमा नहीं पाता था कि उससे मैं अपने दोस्त का पैसा लौटा पाऊं और ना ही मेरे पिताजी कोई नौकरी कर रहे थे जिससे कि वह भी मुझे पैसा दे पाते अब मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी इसलिए मुझे ही अब घर की सारी जिम्मेदारी को निभाना था। मैंने सोचा कि क्यों ना मैं जॉब करने के लिए दिल्ली चला जाऊं मैं छोटे से शहर में रहता हूं और मुझे नहीं लगता था कि मैं कोई तरक्की कर पाऊंगा इसलिए मैं दिल्ली नौकरी करने के लिए चला गया। मैं जब दिल्ली नौकरी करने के लिए गया तो जब मुझे पहली बार तनख्वाह मिली तो मैं खुश हो गया मुझे लगा कम से कम मुझे तनख्वाह तो मिल रही है। मैं धीरे-धीरे अपने दोस्त का पैसा लौटाता जा रहा था मैं चाहता था कि जल्द से जल्द उसका पैसा लौटा दूँ। मैं उसका पैसा अब लगभग आधा लौटा चुका था थोड़े समय बाद ही मैंने उसका पूरा पैसा लौटा दिया अब मेरे ऊपर से बोझ हट चुका था। काफी समय बाद मैं जब अपने घर लौटा तो मेरे माता-पिता मुझे देख कर खुश थे वह कहने लगे कि बेटा तुमने हमेशा ही मेहनत की है और मेहनत के बलबूते ही तुमने घर की जिम्मेदारियों को उठाया है।
पिताजी अब किसी भी काम को करने में असमर्थ है क्योंकि पिताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था इसलिए मैं ही नौकरी कर रहा था। कुछ दिनों की छुट्टी के लिए मैं अपने घर आया हुआ था तो उसी दौरान मुझे मेरा दोस्त भी मिला और वह मुझे कहने लगा कि मैं तो तुमसे मिलने के लिए तरस ही गया था तुम तो जब से दिल्ली गए हो तब से घर ही नहीं लौटे हो। मैंने उससे कहा तुम्हें तो पता ही है कि नौकरी से छुट्टी मिल पाना कितना मुश्किल होता है वह मुझे कहने लगा हां राजेश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। मैं काफी दिनों तक अपने घर पर ही था और उसके बाद मैं दिल्ली लौट गया जब मै बस से अपने ऑफिस जा रहा था तो मेरा बटवा चोरी हो गया उसमें काफी पैसे थे। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो मैं उस दिन बहुत चिंतित था मैंने यह बात अपने ऑफिस में अपने मैनेजर को बताई तो वह मुझे कहने लगे कि राजेश क्या तुमने पुलिस में कंप्लेंट नहीं करवाई। मैंने उन्हें कहा नहीं सर मैंने पुलिस में कंप्लेंट नहीं करवाई मैंने उन्हें कहा सर आज मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा क्या मैं जल्दी घर चले जाऊं तो वह कहने लगे कि ठीक है राजेश यदि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है तो तुम घर चले जाओ। मैं उस दिन घर लौट आया था मैं जब घर लौटा तो मैं अपनी बहन से बात करना चाहता था उससे बात करे हुए भी मुझे काफी समय हो गया था। मैंने उसे जब फोन किया तो वह बहुत खुश हुई और कहने लगी कि भैया आज आपने कितने समय बाद मुझे याद किया है। मैंने उसे कहा तुम्हें तो पता ही है कि मुझे समय नहीं मिल पाता आज मेरे पास समय था तो मैंने सोचा तुम्हें फोन कर लूं और तुमसे बात कर के मुझे भी तो अच्छा लग रहा है। मैं अपनी बहन से इतने समय बाद बात कर के बहुत खुश था और वह भी बहुत खुश थी वह मुझे कहने लगी कि भाई आपने बहुत ही अच्छा किया जो मुझे फोन किया।
मैं और मेरी बहन एक दूसरे के बहुत नजदीक है मेरी बहन हमेशा ही मुझे समझाती है जब भी घर में कोई परेशानी होती थी तो मेरी बहन ही तब मेरे सबसे ज्यादा करीब होती है और वह मुझे कहती कि भैया आप चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा। मैंने अपनी बहन से पूछा तुम तो खुश हो ना तो वह कहने लगी कि हां भैया मैं बहुत खुश हूं और मेरे पति मेरा बहुत ध्यान रखते हैं। मैं इस बात से खुश था कि मेरी बहन का रिश्ता एक अच्छे परिवार में हो गया है और अब वह अपने पति के साथ खुश है। मैंने अपनी बहन से कहा मैं तुम्हें बाद में फोन करता हूं अभी मैं फोन रखता हूं वह कहने लगी ठीक है भैया। मैंने फोन रख दिया था और मैं घर पर ही बिस्तर पर लेटा हुआ था तभी मैंने देखा कि घर के बाहर काफी शोर-शराबा हो रहा है मैं जैसे ही अपने कमरे से बाहर निकला तो मैंने देखा पड़ोस में किसी के घर पर चोरी हो गई थी। मैं दौड़ता हुआ सीढ़ियों से नीचे की तरफ उतरा और जैसे ही मैं गेट से बाहर आया तो मैंने देखा घर के बाहर काफी भीड़ थी और सब लोग आपस में बात कर रहे थे सब लोग बात कर रहे थे कि पुलिस में कंप्लेंट करवा दी जाए। थोड़ी देर बाद वहां पर पुलिस आ गई और मैं भी वहीं खड़ा था मैं यह सब देख रहा था लेकिन अभी तक मुझे कुछ पता नहीं था कि आखिरकार हुआ क्या है तभी वहां पर एक सज्जन खड़े थे मैंने उनसे पूछा कि यहां पर क्या हुआ है।
वह मुझे कहने लगे कि यहां घर में चोरी हो गई है और घर से चोर काफी सारा सामान उठाकर ले गए हैं पहले भी यहां आस पड़ोस में काफी चोरियां हुई थी। मैंने उन्हें कहा क्या इन चोरियों की कंप्लीट आपने पुलिस में नहीं करवाई थी तो वह कहने लगे कि हमने करवाई थी लेकिन अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही थी कि घर से कितना सामान चोरी हुआ है थोड़ी देर बाद पुलिस चली गई और सब लोग आपस में बात कर रहे थे सब लोग यही कह रहे थे कि चोरी अब कुछ ज्यादा ही बढ़ चुकी हैं। सब लोग इस बात से बहुत परेशान थे क्योंकि कॉलोनी में काफी चोरियां बढ़ चुकी थी। सब लोग आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी सामने से एक भाभी आई और जब मैंने उन्हें देखा तो उनकी तरफ देखकर मैं सिर्फ उनको देखता रहा, उन्होंने जो साड़ी पहनी हुई थी उसमें उनकी पतली कमर और उनकी बड़ी गांड दिखाई दे रही थी। मैं उन भाभी का दीवाना हो चुका था लेकिन मुझे यह बात बिल्कुल भी नहीं पता थी कि वह मेरे पड़ोस में ही रहती हैं और जब मुझे यह बात पता चली तो मैंने उन पर डोरे डालने शुरू कर दिए थे आखिरकार मैं कामयाब रहा। भाभी से मेरी बात हो चुकी थी और भाभी का नाम मुझे पता चल चुका था भाभी का नाम महिमा है और महिमा भाभी एक नंबर के माल हैं उन्हें चोदने की इच्छा तो मेरे दिल में थी और यह इच्छा भी जल्द ही पूरी होने वाली थी। मैं उनके घर पर अक्सर आया जाया करता था एक दिन मैंने उनकी जांघ पर हाथ रखा और जब मैने उनकी जांघ को सहला रहा था तो वह मेरी बाहों में आ गई। मैंने उन्हें जब अपनी बाहों में लिया तो वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी मैं उन्हें चोदने के लिए तैयार था और मैंने जब उनके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी।वह मुझे कहने लगी मैं अपनी गर्मी को बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही हूं मैंने उन्हें कहा मैं भी कहां अपने आपको रोक पा रहा हूं और जिस प्रकार से मैंने उनकी चूत के अंदर अपनी जीभ को लगाना शुरू कर दिया था उससे वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने उनके स्तनों का भी रसपान बहुत देर तक किया लेकिन जैसे ही उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो मैं बिल्कुल रह ना सका और मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया।
मैंने उन्हें कहा मुझे लगता है मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूं और आपके चूत में लंड डालने के लिए तैयार हूं। मैंने जब उनकी चूत पर अपने लंड को लगाया तो उनकी चूत से निकलता हुआ गर्म पानी बहुत ज्यादा बढ़ने लगा था। जैसे ही मैंने उनकी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलना शुरू किया तो उनकी चूत के अंदर मेरा मोटा लंड जाते ही उन्होंने मुझे अपनी बाहों में कस कर जकड़ लिया और कहने लगी राजेश आज तुम मेरी चूत फाड़ कर रख दो। मैंने उन्हें कहा आप उसकी बिल्कुल चिंता मत कीजिए मै आपकी चूत फाड़ कर रख दूंगा। मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर बड़ी तेजी से अपने लंड को करना शुरू कर दिया था चूत की चिकनाई में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही थी और जिस प्रकार से मैं उन्हें धक्के मार रहा था उससे मेरे अंदर की गर्मी में भी बढ़ोतरी हो रही थी और वह भी पसीना पसीना होने लगी थी। 2 मिनट बाद मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला था। उन्होंने मेरे मन लंड को बहुत देर तक चूसा और जब उन्होंने मेरे वीर्य को अपने मुंह के अंदर लिया तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया।
उसके बाद जब मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर उनकी चूत पर अपने लंड से प्रहार करना शुरू किया था वह और भी ज्यादा खुश हो रही थी और मुझसे अपनी चूतडो को टकरा रही थी। मैं भी इस बात से बहुत खुश था कि कम से कम भाभी के साथ सेक्स के मज़े तो ले पा रहा हूं मैं भाभी को चोदता ही रहा जिस प्रकार से भाभी की चूत के मजे मैंने लिए उससे वह बड़ी खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी आज तो मुझे मजा ही आ गया। मैंने उन्हें कहा भाभी मुझे भी आपके साथ सेक्स का कर बड़ा मजा आया लेकिन उनकी गांड देखकर मैं अपने आपको रोक ना सका मैंने तेल की मालिश करते हुए उनकी गांड के अंदर तक डाल दिया और उनकी गांड के अंदर लंड घुसते ही वह मुझे कहने लगी आज तो मुझे बड़ा ही मजा आ गया। जब मैं उन्हें धक्के मार रहा था तो वह बड़ी खुश नजर आ रही थी वह अपनी गांड को भी मुझसे टकराती हालांकि मैंने उनकी गांड से खून बाहर निकाल दिया था लेकिन वह फिर भी बड़ी खुश थी। मैंने उनकी गांड के मजे बहुत देर तक लिए अब जब भी मुझे जरूरत होती तो मैं महिमा भाभी के पास चला जाया करता हूं और वह मेरी जरूरतों को पल भर में पूरा कर देती है।
अब मेरी बहन की शादी तो हो चुकी थी लेकिन मुझे मेरे दोस्त का पैसा जल्द से जल्द लौटाना था। मैं अपनी नौकरी में इतना कमा नहीं पाता था कि उससे मैं अपने दोस्त का पैसा लौटा पाऊं और ना ही मेरे पिताजी कोई नौकरी कर रहे थे जिससे कि वह भी मुझे पैसा दे पाते अब मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी इसलिए मुझे ही अब घर की सारी जिम्मेदारी को निभाना था। मैंने सोचा कि क्यों ना मैं जॉब करने के लिए दिल्ली चला जाऊं मैं छोटे से शहर में रहता हूं और मुझे नहीं लगता था कि मैं कोई तरक्की कर पाऊंगा इसलिए मैं दिल्ली नौकरी करने के लिए चला गया। मैं जब दिल्ली नौकरी करने के लिए गया तो जब मुझे पहली बार तनख्वाह मिली तो मैं खुश हो गया मुझे लगा कम से कम मुझे तनख्वाह तो मिल रही है। मैं धीरे-धीरे अपने दोस्त का पैसा लौटाता जा रहा था मैं चाहता था कि जल्द से जल्द उसका पैसा लौटा दूँ। मैं उसका पैसा अब लगभग आधा लौटा चुका था थोड़े समय बाद ही मैंने उसका पूरा पैसा लौटा दिया अब मेरे ऊपर से बोझ हट चुका था। काफी समय बाद मैं जब अपने घर लौटा तो मेरे माता-पिता मुझे देख कर खुश थे वह कहने लगे कि बेटा तुमने हमेशा ही मेहनत की है और मेहनत के बलबूते ही तुमने घर की जिम्मेदारियों को उठाया है।
पिताजी अब किसी भी काम को करने में असमर्थ है क्योंकि पिताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था इसलिए मैं ही नौकरी कर रहा था। कुछ दिनों की छुट्टी के लिए मैं अपने घर आया हुआ था तो उसी दौरान मुझे मेरा दोस्त भी मिला और वह मुझे कहने लगा कि मैं तो तुमसे मिलने के लिए तरस ही गया था तुम तो जब से दिल्ली गए हो तब से घर ही नहीं लौटे हो। मैंने उससे कहा तुम्हें तो पता ही है कि नौकरी से छुट्टी मिल पाना कितना मुश्किल होता है वह मुझे कहने लगा हां राजेश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। मैं काफी दिनों तक अपने घर पर ही था और उसके बाद मैं दिल्ली लौट गया जब मै बस से अपने ऑफिस जा रहा था तो मेरा बटवा चोरी हो गया उसमें काफी पैसे थे। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो मैं उस दिन बहुत चिंतित था मैंने यह बात अपने ऑफिस में अपने मैनेजर को बताई तो वह मुझे कहने लगे कि राजेश क्या तुमने पुलिस में कंप्लेंट नहीं करवाई। मैंने उन्हें कहा नहीं सर मैंने पुलिस में कंप्लेंट नहीं करवाई मैंने उन्हें कहा सर आज मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा क्या मैं जल्दी घर चले जाऊं तो वह कहने लगे कि ठीक है राजेश यदि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है तो तुम घर चले जाओ। मैं उस दिन घर लौट आया था मैं जब घर लौटा तो मैं अपनी बहन से बात करना चाहता था उससे बात करे हुए भी मुझे काफी समय हो गया था। मैंने उसे जब फोन किया तो वह बहुत खुश हुई और कहने लगी कि भैया आज आपने कितने समय बाद मुझे याद किया है। मैंने उसे कहा तुम्हें तो पता ही है कि मुझे समय नहीं मिल पाता आज मेरे पास समय था तो मैंने सोचा तुम्हें फोन कर लूं और तुमसे बात कर के मुझे भी तो अच्छा लग रहा है। मैं अपनी बहन से इतने समय बाद बात कर के बहुत खुश था और वह भी बहुत खुश थी वह मुझे कहने लगी कि भाई आपने बहुत ही अच्छा किया जो मुझे फोन किया।
मैं और मेरी बहन एक दूसरे के बहुत नजदीक है मेरी बहन हमेशा ही मुझे समझाती है जब भी घर में कोई परेशानी होती थी तो मेरी बहन ही तब मेरे सबसे ज्यादा करीब होती है और वह मुझे कहती कि भैया आप चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा। मैंने अपनी बहन से पूछा तुम तो खुश हो ना तो वह कहने लगी कि हां भैया मैं बहुत खुश हूं और मेरे पति मेरा बहुत ध्यान रखते हैं। मैं इस बात से खुश था कि मेरी बहन का रिश्ता एक अच्छे परिवार में हो गया है और अब वह अपने पति के साथ खुश है। मैंने अपनी बहन से कहा मैं तुम्हें बाद में फोन करता हूं अभी मैं फोन रखता हूं वह कहने लगी ठीक है भैया। मैंने फोन रख दिया था और मैं घर पर ही बिस्तर पर लेटा हुआ था तभी मैंने देखा कि घर के बाहर काफी शोर-शराबा हो रहा है मैं जैसे ही अपने कमरे से बाहर निकला तो मैंने देखा पड़ोस में किसी के घर पर चोरी हो गई थी। मैं दौड़ता हुआ सीढ़ियों से नीचे की तरफ उतरा और जैसे ही मैं गेट से बाहर आया तो मैंने देखा घर के बाहर काफी भीड़ थी और सब लोग आपस में बात कर रहे थे सब लोग बात कर रहे थे कि पुलिस में कंप्लेंट करवा दी जाए। थोड़ी देर बाद वहां पर पुलिस आ गई और मैं भी वहीं खड़ा था मैं यह सब देख रहा था लेकिन अभी तक मुझे कुछ पता नहीं था कि आखिरकार हुआ क्या है तभी वहां पर एक सज्जन खड़े थे मैंने उनसे पूछा कि यहां पर क्या हुआ है।
वह मुझे कहने लगे कि यहां घर में चोरी हो गई है और घर से चोर काफी सारा सामान उठाकर ले गए हैं पहले भी यहां आस पड़ोस में काफी चोरियां हुई थी। मैंने उन्हें कहा क्या इन चोरियों की कंप्लीट आपने पुलिस में नहीं करवाई थी तो वह कहने लगे कि हमने करवाई थी लेकिन अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही थी कि घर से कितना सामान चोरी हुआ है थोड़ी देर बाद पुलिस चली गई और सब लोग आपस में बात कर रहे थे सब लोग यही कह रहे थे कि चोरी अब कुछ ज्यादा ही बढ़ चुकी हैं। सब लोग इस बात से बहुत परेशान थे क्योंकि कॉलोनी में काफी चोरियां बढ़ चुकी थी। सब लोग आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी सामने से एक भाभी आई और जब मैंने उन्हें देखा तो उनकी तरफ देखकर मैं सिर्फ उनको देखता रहा, उन्होंने जो साड़ी पहनी हुई थी उसमें उनकी पतली कमर और उनकी बड़ी गांड दिखाई दे रही थी। मैं उन भाभी का दीवाना हो चुका था लेकिन मुझे यह बात बिल्कुल भी नहीं पता थी कि वह मेरे पड़ोस में ही रहती हैं और जब मुझे यह बात पता चली तो मैंने उन पर डोरे डालने शुरू कर दिए थे आखिरकार मैं कामयाब रहा। भाभी से मेरी बात हो चुकी थी और भाभी का नाम मुझे पता चल चुका था भाभी का नाम महिमा है और महिमा भाभी एक नंबर के माल हैं उन्हें चोदने की इच्छा तो मेरे दिल में थी और यह इच्छा भी जल्द ही पूरी होने वाली थी। मैं उनके घर पर अक्सर आया जाया करता था एक दिन मैंने उनकी जांघ पर हाथ रखा और जब मैने उनकी जांघ को सहला रहा था तो वह मेरी बाहों में आ गई। मैंने उन्हें जब अपनी बाहों में लिया तो वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी मैं उन्हें चोदने के लिए तैयार था और मैंने जब उनके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी।वह मुझे कहने लगी मैं अपनी गर्मी को बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही हूं मैंने उन्हें कहा मैं भी कहां अपने आपको रोक पा रहा हूं और जिस प्रकार से मैंने उनकी चूत के अंदर अपनी जीभ को लगाना शुरू कर दिया था उससे वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने उनके स्तनों का भी रसपान बहुत देर तक किया लेकिन जैसे ही उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो मैं बिल्कुल रह ना सका और मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया।
मैंने उन्हें कहा मुझे लगता है मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूं और आपके चूत में लंड डालने के लिए तैयार हूं। मैंने जब उनकी चूत पर अपने लंड को लगाया तो उनकी चूत से निकलता हुआ गर्म पानी बहुत ज्यादा बढ़ने लगा था। जैसे ही मैंने उनकी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलना शुरू किया तो उनकी चूत के अंदर मेरा मोटा लंड जाते ही उन्होंने मुझे अपनी बाहों में कस कर जकड़ लिया और कहने लगी राजेश आज तुम मेरी चूत फाड़ कर रख दो। मैंने उन्हें कहा आप उसकी बिल्कुल चिंता मत कीजिए मै आपकी चूत फाड़ कर रख दूंगा। मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर बड़ी तेजी से अपने लंड को करना शुरू कर दिया था चूत की चिकनाई में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही थी और जिस प्रकार से मैं उन्हें धक्के मार रहा था उससे मेरे अंदर की गर्मी में भी बढ़ोतरी हो रही थी और वह भी पसीना पसीना होने लगी थी। 2 मिनट बाद मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला था। उन्होंने मेरे मन लंड को बहुत देर तक चूसा और जब उन्होंने मेरे वीर्य को अपने मुंह के अंदर लिया तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया।
उसके बाद जब मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर उनकी चूत पर अपने लंड से प्रहार करना शुरू किया था वह और भी ज्यादा खुश हो रही थी और मुझसे अपनी चूतडो को टकरा रही थी। मैं भी इस बात से बहुत खुश था कि कम से कम भाभी के साथ सेक्स के मज़े तो ले पा रहा हूं मैं भाभी को चोदता ही रहा जिस प्रकार से भाभी की चूत के मजे मैंने लिए उससे वह बड़ी खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी आज तो मुझे मजा ही आ गया। मैंने उन्हें कहा भाभी मुझे भी आपके साथ सेक्स का कर बड़ा मजा आया लेकिन उनकी गांड देखकर मैं अपने आपको रोक ना सका मैंने तेल की मालिश करते हुए उनकी गांड के अंदर तक डाल दिया और उनकी गांड के अंदर लंड घुसते ही वह मुझे कहने लगी आज तो मुझे बड़ा ही मजा आ गया। जब मैं उन्हें धक्के मार रहा था तो वह बड़ी खुश नजर आ रही थी वह अपनी गांड को भी मुझसे टकराती हालांकि मैंने उनकी गांड से खून बाहर निकाल दिया था लेकिन वह फिर भी बड़ी खुश थी। मैंने उनकी गांड के मजे बहुत देर तक लिए अब जब भी मुझे जरूरत होती तो मैं महिमा भाभी के पास चला जाया करता हूं और वह मेरी जरूरतों को पल भर में पूरा कर देती है।