सोनाली के साथ ख़ुशी भरे पल

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Hindi sex stories, antarvasna: मैं कानपुर से भोपाल के सफर के दौरान सोनाली से मिला था सोनाली मेरे बगल में ही बैठी हुई थी और जब सोनाली से मेरी बात हुई तो मुझे अच्छा लगा। सोनाली भोपाल जा रही थी मुझे भी अपने काम के सिलसिले में भोपाल जाना था और कुछ दिनों तक मैं भोपाल में ही रुका। हालांकि मेरी मुलाकात सोनाली से तो नहीं हो पाई थी लेकिन उसके बाद मैंने उसे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी तो उसने भी मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली और मेरी बात फेसबुक के माध्यम से सोनाली से होने लगी थी। हम दोनों एक दूसरे से बहुत बातें करने लगे थे और मुझे सोनाली के साथ में बातें करना अच्छा लगने लगा था और उसके साथ में समय गुजार कर मैं बहुत ही खुश होता। एक दिन हम दोनों बातें कर रहे थे उस दिन जब मेरी बात सोनाली से फोन पर हो रही थी तो हम दोनों ने एक दूसरे से मिलने की बात कही।

मैंने सोनाली को कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए भोपाल आ रहा हूं सोनाली ने कहा कि जब तुम भोपाल आओगे तो मुझे जरूर मिलना। मैंने सोनाली को कहा कि हां क्यों नहीं जब मैं भोपाल आऊंगा तो तुमसे जरूर मुलाकात करूंगा। और कुछ ही दिनों के बाद मैं भोपाल चला गया, जब मैं भोपाल गया तो मैं सोनाली से मिला सोनाली से मुलाकात करके मुझे अच्छा लगा। हम दोनों एक दूसरे के साथ में बैठे हुए थे मैं और सोनाली एक रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे वहां पर हम दोनों बातें कर रहे थे तो मैंने सोनाली से कहा कि मैं कल वापस कानपुर जा रहा हूं। सोनाली के चेहरे पर बिल्कुल भी खुशी नहीं थी उसके चेहरे का रंग उतर चुका था उसके दिल में कुछ तो ऐसी बात थी जो वह मुझसे कहना तो चाहती थी लेकिन शायद कह नहीं पा रही थी। मैं भी सोनाली से अपने दिल की बात नहीं कर पाया लेकिन अगले दिन जब मैं कानपुर के लिए निकल रहा था तो मैं सोचने लगा कि क्या मुझे कानपुर जाना चाहिए या नहीं। मेरा मन बिल्कुल भी नहीं हो रहा था इसलिए मैं उस दिन भोपाल में ही रुक गया।

सोनाली को यह बात नहीं मालूम थी लेकिन जब मैंने सोनाली को फोन किया तो उसे लगा कि शायद मैं कानपुर के लिए निकल चुका हूं लेकिन जब मैं सोनाली को मिला तो वह बहुत ही खुश हुई। उसके चेहरे की खुशी देखकर मुझे भी काफी अच्छा लगा मैं समझ चुका था कि वह मुझसे प्यार करने लगी है और शायद वह मुझसे कहना नहीं चाहती थी लेकिन फिर मैंने ही सोनाली को अपने दिल की बात कह दी तो सोनाली ने मुझे गले लगा कर कहा कि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। हम दोनों एक दूसरे को पिछले 6 महीने से जानते हैं और इन छह महीनों में हम दोनों एक दूसरे के बहुत ही नजदीक आ गए थे। उस दिन मैं भोपाल में ही रुका और हम दोनों को साथ में समय बिताने का बहुत ही अच्छा मौका मिला। हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया और अगले दिन मैं कानपुर वापस लौट आया था। जब मैं कानपुर आया तो उसके बाद मेरी सोनाली से बातें होती रहती थी हम दोनों एक दूसरे से बातें करते ही रहते हैं और हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता है जब भी हम दोनों एक दूसरे से बातें किया करते हैं। एक दिन मैं और सोनाली फोन पर बातें कर रहे थे उस दिन सोनाली ने मुझे कहा कि राकेश काफी दिन हो गए हैं तुम मुझे मिले भी नहीं हो मैं सोच रही थी कि तुम मुझसे मिलने आ जाते तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता।

मैंने सोनाली को कहा कि सोनाली आजकल तो मेरा आना मुश्किल हो पाएगा क्योंकि ऑफिस में बहुत ही ज्यादा काम है। सोनाली ने मुझे कहा कि कोई बात नहीं। सोनाली मुझे कहने लगी कि जब तुम्हे समय मिलेगा तो तुम मुझसे मिलने आ जाना। सोनाली चाहती थी कि मैं उससे मिलने के लिए आऊं और काफी समय भी हो गया था हम लोग एक दूसरे को मिल भी नहीं पाये थे। मैं अपने ऑफिस के काम में काफी ज्यादा बिजी हो गया था इसलिए मैं सोनाली से मुलाकात नहीं कर पाया था लेकिन मुझे जल्दी सोनाली से मिलना था। मैं ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी लेकर सोनाली को मिलने के लिए भोपाल चला गया मैं जब सोनाली को मिलने के लिए भोपाल गया तो वह बड़ी ही खुश थी और मुझे भी बहुत अच्छा लगा जब मैं सोनाली को मिला। मैं दो दिनों तक भोपाल में रहा और उसके बाद मैं वापस लौट आया। मुझे जब भी सोनाली से मिलना होता तो मैं सोनाली से मिलने के लिए चला जाया करता था। एक दिन मैं सोनाली से फोन पर बातें कर रहा था तो सोनाली ने मुझे बताया कि वह घर पर अकेले बोर हो जाया करती है। मैंने सोनाली को कहा कि तुम जॉब क्यों नहीं कर लेती तो सोनाली ने कहा कि हां मैं भी यही सोच रही थी कि मैं जॉब कर लूं। सोनाली ने जॉब करने का फैसला कर लिया था। सोनाली ने जॉब करने का फैसला कर लिया था और जब वह जॉब करने लगी तो उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था वह मुझसे अपने शुरुआती दिनों के एक्सपीरियंस शेयर करने लगी। हम दोनों की बातें तो होती ही रहती थी और हम दोनों एक दूसरे से काफी बातें करते।

मैं सोनाली के साथ में बहुत ही खुश हूं और सोनाली के साथ में जिस तरीके से मेरा रिलेशन है उससे हम दोनों बड़े खुश हैं। सोनाली और मैं एक दूसरे से सिर्फ फोन पर ही बातें कर पाते थे। अब हम दोनों को लगने लगा था हम दोनों को मिलना चाहिए सोनाली और मेरी फोन पर कई बार गरम बातें भी हो जाया करती थी। मैं सोनाली को फोन पर गरम कर दिया करता एक बार तो सोनाली फोन पर इतनी ज्यादा गरम हो गई थी उसने अपनी योनि में अपनी उंगली को घुसा कर अपनी इच्छा को पूरा कर दिया था और मैंने भी उस दिन मुठ मारकर अपनी इच्छा को पूरा किया था।

हम दोनों बिल्कुल भी अपने आप को रोक नहीं पा रहे थे हम दोनों चाहते थे हम दोनों सेक्स का मजा ले। एक दिन मैंने सोनाली से कहा मैं तुमसे मिलने के लिए आना चाहता हूं। सोनाली भी मेरे लिए तड़प रही थी वह मुझे कहने लगी मैं भी आपका इंतजार कर रही हूं सोनाली मेरा इंतजार बड़ी बेसब्री से कर रही थी। मैं कुछ दिनों के लिए भोपाल चला गया हम दोनों एक दूसरे को मिले। उस दिन मैंने सोनाली को गले लगा लिया। सोनाली उस दिन होटल में आई हुई थी जिस होटल में मै रूका हुआ था। हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे मैंने सोनाली को गले लगा लिया। जब मैंने सोनाली को गले लगाया तो वह बड़ी खुश थी। मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से मैं और सोनाली एक दूसरे का साथ दे रहे थे। मैंने सोनाली के होंठों को चूमना शुरू कर दिया था और सोनाली के होठों को चूम कर मुझे मजा आ रहा था उसे भी बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरे साथ में किस कर रही थी।

हम दोनो पूरे तरीके से गर्म होते जा रहे थे मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी। सोनाली की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढ़ा कर रख दिया है अब हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे मैंने सोनाली के होंठों को चूमना शुरू कर दिया था।वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में काफी ज्यादा गर्म होने लगे थे। अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने अपने लंड को महिमा के सामने किया। वह मेरे लंड को देखकर अपने मुंह में लेने लगी मुझे मजा आने लगा था और महिमा को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को अपने मुंह में ले रही थी। उसने मेरे लंड को बहुत देर तक अपने मुंह में ले लिया और मेरी गर्मी को वह पूरी तरीके से बढा चुकी थी। मेरी गर्मी को उसने इतना ज्यादा बढ़ा दिया था हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। हम दोनों की गर्मी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी अब हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थे। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने महिमा के स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया और उसके स्तनों को चूसकर मुझे मजा आने लगा था और महिमा को भी मजा आ रहा था।

वह मेरा साथ दे रही थी हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मैंने महिमा से कहा मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी है। अब हम दोनों इतने ज्यादा गरम हो चुके थे हम दोनो बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने महिमा की चूत को चाटना शुरू किया। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत पूरी तरीके से गर्म होने लगी है उसकी योनि से पानी बाहर के निकलने लगा था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने उसकी चूत के अंदर लंड को घुसा दिया। जब मैं उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डालने लगा तो वह चिल्लाने लगी।

मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था जिस तरीके से मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में मजे ले रहे थे हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे थे। अब मेरी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने उसके दोनों पैरों को चौडा कर लिया और चौड़ा करने के बाद जब मैं उसे धक्के मारने लगा तो मुझे मजा आने लगा था। मै महिमा को बड़े अच्छे से चोद रहा था वह बहुत जोर से सिसकारियां लेकर मुझे गर्म करने की कोशिश करती और कहती मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैंने उसे बहुत देर तक धक्के मारे। जब मेरा वीर्य मेरे लंड तक आ चुका था मैं समझ चुका था मैं ज्यादा देर तक रह नहीं पाऊंगा। मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिरा दिया था। जैसे ही उसकी चूत में मेरा वीर्य गिरा तो वह खुश हो गई। महिमा बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी मैं भी काफी खुश था जो सपना मै कभी देखा करता था वह पूरा हो चुका है।

मेरे दोनों हाथों में लड्डू है क्योंकि एक तरफ तो सोनाली थी और दूसरी तरफ महिमा मैं महिमा की इच्छा को पूरा कर दिया करता था। अब सोनाली से मेरी शादी होने वाली थी। जब सोनाली से मेरी शादी हो गई तो उसके बाद हम दोनों साथ में सेक्स का जमकर मजा लिया करते। जब भी सोनाली कहीं बाहर जाती तो मैं महिमा को अपने पास बुला लिया करता और महिमा के साथ में सेक्स के मजे लिया करता था।
 
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