पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी

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[color=rgb(255,].....in love with nagin and dayan....[/color]

लाइफ कितनी बेदर्द होती है ये किसको पता है और होना वहीं है जो किस्मत में लिखा है।

लेकिन कभी कभी किस्मत ना कलम के बजाए लौड़े से लिख दी जाती है और फिर ज़िंदगी में होता है चुदाप।

ठीक इसी तरह आप इस कहानी में देखोगे कि कैसे एक लड़का जो आम सी simple लाइफ जीना चाहता था जो एक सीधा पतला दुबला लड़का था जिसका साथ देती थी उसकी मा हर कदम में।

लेकिन फिर लड़का और उसके पिता की मौत होती है और उसके बाद वो पिता के शरीर में जाता है।

तो कहानी इसी plot पर based रहेगी।

और ये कहनी मेरे दिमाग में आया हुआ एक चूदाप है तो बहोत जल्दी ही मिलेंगे एक अपडेट और introduction के साथ।

आशा है इस कहानी को प्यार दोगे और पसन्द करोगे कुछ नया देने की कोशिश है रिव्यू दे देना और like तो कर ही दोगे बोलना क्या है।
 
मेरे mom और dad कि शादी बहुत जल्दी हो गई थी जिसकी वजह से मैं जब मै 18 और 19 का था तब भी मेरी मॉम बहुत जवान और सुंदर थी।

क्युकी पहले के लोग अपनी मा जल्दी चुदा लेते थे मेरा मतलब शादी जल्दी कर देते थे।

Sid - हीरो है अपना अभी अभी जवान हुआ है सीधा है बहुत और पतला भी लड़की से कोई चक्कर नी ज्यादा कुछ पता नी है सेक्स लाईफ और रोमांस के बारे में मा के लिए ज़रा भी बुरा ख्याल नी आता।

वीर - sid के पिता श्री बहुत मदर चोद इंसान है दर कामीना। इसका काम है अपनी पत्नी को मारना पीटना और सिगरेट पीना और सो जाना। इसको इसकी वाइफ पसंद नी क्युकी इसका प्यार कोई और था जबरदस्ती बचपन में शादी हो गई जिसको ये नी मानता इसी लिए रोज अपनी पत्नी को मारता है।

अब टाइम है अपनी हीरोइन का साक्षी

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बहुत सुंदर इसको देख कर ही लोगो को सुकून और संतोष मिल जाता है। लेकिन हमेशा डरी हुई और रोती रहती है बचपन से आज तक बस थोड़ी सी खुशी की चाह है इसको लाइफ में इसकी जान और शान इसका बेटा है sid।
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बाकी अब अपडेट के साथ स्टोरी आगे जाएगी
 
अपडेट - 1

सुबह का टाइम था और चिलाने कि आवाज़ से sid कि नींद खुलती है।

मादर चोद तुमको एक बार बोला है सुबह सुबह नाटक मत पेला करो लेकिन बिना मार खाए तो तेरा दिमाग नी चलता ना

साक्षी - मुझे माफ़ कर दीजिए मै अभी आपके लिया ठंडा पानी लाती हूं

*Chataaaak* *chataaaak"

वीर - बोला था तेरे बाप को डिवोर्स के लिए लेकिन नी तुझे तो मेरे साथ ही मा चुदानी है ना

साक्षी - मुझेसे ऐसा क्या हो गया जो इतनी नफरत करते हो मैंने तो कभी कुछ नी किया ना कुछ मागती हूं

वीर - जाबान ना लड़ा मुझसे समझी वरना यही ज़िंदा गाड़ दूंगा रास्ता छोड़ मेरे काम पर जाना है

वीर के जाते ही sid नीचे आता है और कहता है क्या हुआ मा आप रो रही हो मत रो ना सब ठीक हो जाएगा आप बात ही क्यों करती हो ऐसा गिरे हुआ इंसान से

• Chataaak*

थापड़ इतना जोरदार था कि पूरे हाल में आवाज गूंज गई

साक्षी - इसी दिन के लिए पैदा किया तुझे बाप है वो तेरा तेरा साथ तो हमशा अच्छा से रहता है ना तो याद रखना मेरे पति के बारे में मैं एक वर्ड भी बर्दास नी करूंगी अब जा और नहा कर आ।

Sid आंखों में आसूं लेकर नहाने निकल जाता है।

और जब वो नहा कर आता है तब उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है जो उसको दीवाल से टेक लगा कर देख रही थी


साक्षी - चल स्कूल जा अब और सॉरी में ज्यादा गुस्सा हो गई थी।

Sid - कोई बात नी कैसे मॉम आप बहुत सुंदर हो पापा तो बहुत लकी है आपको पा कर

साक्षी - मम्मी को ऐसा बोलता है बदमाश चल भाग

Sid - ही ही ही मम्मी बाय

Sid फिर स्कूल के लिए निकल गया रास्ते में उसको कुछ लोग की आवाज़ सुनाई पड़ी

अबे ये तो वहीं है वो साक्षी का बेटा साली की मा बहुत मस्त है

इसी तरह स्कूल आ गया और sid चुप चाप अपनी डेस्क पर आ गया

जहा पर उसके बगल एक लड़का आता है और कहता है क्यों बे गांड़ू हट साइड

Sid - मे क्यों जाउ मै पहले आया ये मेरी जगह है तुम जाओ

लडका sid को देखते हुए चला जाता है।

लड़का के दोस्त उसके पास आते है और उससे पुछते है क्या हुआ बे ऐसा क्या सकल बना रखी है

लड़का - अबे वो हड्डी साला sid उसने सब के सामने मेरी बेजाती की

दूसरा लड़का हस्ता है और कहता तू देख अब मैं क्या करता हुं ऐसा चीज मैं साले को फसुंगा की अब स्कूल ही नी आयेगा साला

तभी वो लड़का कहीं चला जाता है और दूसरा लड़का sid के पास जा कर कहता है

Sid तुमको science की मैम दिव्या बुला रही है।

Sid - कहा पर है मैम

लडका - लाईब्रेरी में

Sid वाहा से निकाल जाता है और जब वो पास ही होता है तभी उसको कोई धक्का देता है और वो सीधा रूम में गिर जाता है और फिर कोई गेट बंद कर देता है।

Sid देखता है वहा पर दिव्या पुरी नगी लेटी हुई होती है जो रो रही थी

Sid बिना कुछ सोचे अपनी शर्ट उतार कर उस पर डाल देता है तभी दिव्या रोने लगती है

बचा लो मुझे प्लीज़ कोई

और जोर जोर से चिलाने लगती है और रोने लगती है

Sid - डर जाता है और कहता है मैम प्लीज़ ऐसा मत करो मेरा कोई नी है मैं बर्बाद हो जाऊंगा मैंने तो आपका कुछ नी बिगाड़ा है

लेकीन तब तक गेट टूट जाता है गार्ड आ कर सिड को बहुत मरते है

और फिर वीर को कॉल कर के बुलाया जाता है और मामला को शान्त करने की कोशिश की जाती है

वीर आता है तो देखता है sid को बहुत बुरी तरह से मारा गया है

वीर साक्षी को सारी बात बताया और उसको भी आने को बोला वो भी वहीं आ जाती है और वीर ने वहीं सबके सामने सक्षी और sid को मारना शुरू कर दिया और फिर दोनों को ले कर घर ले कर निकाल पड़ता है।

Veer- कर दिया नाम रोशन क्यों तेरी जगह मैने काजल से शादी की होती तो आज ये मनहूस को ना देखना पड़ता साला हड्डी

साक्षी sid को नफ़रत भारी नज़रों से देखती है और कहती है काश तुझे पैदा होते ही मार देती

Sid- हा मार देती बचपन से ले कर आज तक यही सून रहा हा हूं पतला तो क्या करू क्या किसी ने मुझसे पूछा कि मैंने क्या किया

वीर - चुप हो जा क्या पूछ दुनिया पूछ रही है sid और किस किस को जवाब देगा अपनी बेगुनाही का

Sid- मॉम आपको भी यही लगता है

साक्षी कुछ और कह पाती तभी कार का blance बिगाड़ जाता है और कार सीधा पहाड़ी से लड़ जाती है और वीर बहुत जायदा जख्मी हो जाता है और sid भी किसी तरह लगड़ते हुआ बहार आता है वो देखता है कि उसकी मा और बाप बेहोशी की हालत में पड़े है

Sid - I am sorry mom dad मैं अच्छा बेटा नी बन पाया मैं कयार हूं नी रह सकता इस शरीर में आप दोनों खुश रहो ऐसा कह कर sid पहाड़ी से कूद जाता है।

Ider टाईम पर अस्पताल ले जाया जाता है लेकिन वाहा पर वीर का ब्लड बहुत जायदा जाने की wagah से वीर मार जाता है।

वहीं साक्षी पीछे होने की wagah से ठीक थी जो बस बेहोश हुई थी वो अब पूरी तरह से ठीक थी।

ईधर sid मर तो गया था लेकिन तभी एक साया उसके पास आता है और उससे कहता है बच्चे ये तूने क्या किया तेरी उमर तो पुरी नी हुई

Sid- में नी जी सकता ऐसा शरीर मैं नी देख सकता और दर्द नी है मुझमे और हिम्मत

साया - तुझे नया शरीर देता हूं और सब ठीक करना का एक मौका आज से तेरी sid वाली लाईफ ख़तम अब तुझे नया शरीर देता हूं अब तेरे ऊपर है तेरी किस्मत जा मै भी देखता हूं कैसी जिंदगी दे पता है साक्षी को तू

तभी sid जोर जोर से सांस लेना लगता है और फिर वो बेहोश हो जाता है और जब उसकी आंखे खुलती है तो वो अपना आप को बेड पर पाता

Sid - मैं कहा हूं

तभी उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है

जो डर से काप रही थी और कहती है आप अपने घर पर है 1 ऐक्सिडेंट के बाद अब होश में आया है आप प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिए ये मेरी Wagah से हुआ है सब आपकी हालात मुझे मत मरियगा

Sid- मॉम

साक्षी - क्या

Sid - कुछ नहीं ज़रा चाय मिलेगी

साक्षी - अजीब सी नज़रों से sid को देखती है और फिर चली जाती है।

फिर sid washroom की तरफ जाता है और जब वो सीशे में अपना चेहरा देखता है तो देखता रह जाता है

Sid का चहरा बहुत ज्यादा चमक रहा था बेशक उसका ये चेहरा वीर का था लेकिन sid की आत्मा की वज़ह से उसका चेहरा बहुत अच्छा लग रहा था उसको उम्मीद नी थी कि वो इतना सुंदर हो जाएगा

Sid- अब से मै वीर ही हूं मतलब अब से मै वीर बन कर रहुंगा लेकिन कैसे मुझे कुछ पता नी है अब मैं मॉम को बस खुश रकुंगा।

वीर फिर बाहर आता है और रसोई में काम कर रही साक्षी को देखने लग जाता है

तभी साक्षी की नज़र उस पर पड़ जाती है और वो फिर से डर जाती है

साक्षी - आ आ आपको कुछ चाहिए था क्या

वीर - ना नहीं तो मुझे कुछ नी चाहिए

साक्षी - बस 2 मिनट रुक जाइए मैं चाय लाती हुं

वीर आज पहली बार साक्षी के उभार को देख रहा था उसके ऊपर और नीचे हो रहा चूचे जो डर रही थी वीर से

फिर वीर तेजी से सास लेते हुए चला जाता है।

और थोड़ी देर बाद साक्षी चाय ले कर आती है और वीर की तरफ कर के कहती है ये लीजिए

वीर चाय पकड़ लेता है

वीर - थैंक्यू

साक्षी - अजीब नज़रों से वीर को देखती है और जाने लगती है

वीर थोड़ी देर बाद फिर से उठ जाता है और साक्षी के पास जाने लगता है जो दूसरे रूम में थी

इधर साक्षी वीर को देख कर जल्दी से खड़ी हो जाती है और कापती हुई कहती है माफ़ कर दीजीए चाय अच्छी नी बनी क्या मैं दुबारा बना दूंगी प्लीज

साक्षी इसलिए इतना वीर से डरती है क्युकी वीर पहले उसको हर छोटी छोटी बात पर मारता था।

वीर जल्दी से डर कर पीछे हो जाता है और कहता है नी वो बात नी है मैं बस आपके साथ चाय पीना चाहता था।

साक्षी वीर को देखती है आज उसने पहली बार वीर के मुंह से कुछ ऐसा सुना

तो वो डरते हुए वीर के बाजू में बैठ गई वीर बहुत डर रहा था

लेकिन उसने धीरे से चाय पीना शुरू किया।

वहीं साक्षी की डर जाती है और उससे चाय गिर जाती है और वीर उसको अपनी चाय पीने के लिए देता है

साक्षी एक घुट पी कर चली जाती है खाना बनाने।

इधर वीर सोचने लगता है मॉम मेरे पास क्यों नी रुकती और वो रावासा हो जाता है।

तभी उसको वो सब याद आता है कि वीर कितनी बुरी तरह से मारता था साक्षी को ऊपर से रात को उसने हमेशा साक्षी की चीखें ही सुनी थी कभी सिगरेट से जलना तो कभी कुछ वीर ये सब करता था जिसकी वजह से आज साक्षी वीर के साथ तो है लेकिन बस फ़र्ज़ अदा कर रही थी उससे डरती है प्यार तो कब का मर गया था उसका।

तभी sid अपने कहता है ये नया वीर है मॉम मैं आपको हसना सीखा दूंगा

लेकिन पता नी जब भी मॉम को देखता हूं तो हार्ट बीट क्यों इतनी बढ़ जाती है।

फिर वीर खडा हो जाता है रसाई के पास और चुपके से साक्षी को काम करता हुआ देखता रहता है।

इधर साक्षी पता नी क्या हो गया है पीछे पीछे आए जा रहा है मेरे पहले ही मैं अपने बेटे को खो चुकी हो।

साक्षी की नज़र फिर से सामने लगे सीसे पर जाती है तो वो देखती है कि वीर उसको चुपके से देख रहा है

साक्षी - ये अब मुझे क्यों घुर रहे है तभी साक्षी देखती है कि वीर की नज़र उसकी उभरी हुई गान्ड पर थी जिससे वो शॉक हो जाती है और चुप चाप अपना काम करने लगती है

1 घंटे में सारा खाना रेडी हो जाता है और तब वो सोचती है वीर को बुला कर खाना को दे देती हूं

लेकिन जैसी ही वो पलट के देखती है वीर खडा उसको देख रहा था

साक्षी - हाए दैया रे ये 1 घंटे से मुझे घुर रहा है

साक्षी खाना लगाने के लिए टेबल की तरफ जाती है तो वीर उसके पीछे जाता है

साक्षी - कुछ चाहिए क्या

वीर - न न न नहीं तो

वीर को इतना घबराता देख वो डर जाती है कि कहीं वीर उसको पिटे ना

साक्षी - वो खाना खा लीजिए

वीर - आप नी खाओगे

साक्षी इतना सुनते ही डर कर कापने लगती है और फिर वो सोच में डूब जाती है

Past -----

वीर - खाना नी खाओगी तुम

साक्षी - खाऊंगी

वीर - खाऊंगी तो बैठ ना

साक्षी जैसे ही बैठती है वीर उसको एक जोर दार लात देता है और वो गिर पड़ती है

वीर - सून औक़त में रहा कर नीचे बैठने की औकात है तेरी अगली बार से बोलना ना पड़े और जा कोने बैठ जा

Present -----

साक्षी - नी खाना है अभी आप खा लो

वीर - मेरा भी मन नी है अभी बाद में खा लूंगा

साक्षी - आपको तो ऑफिस जाना है ना

वीर - बेमन से खाने लगता है तभी वो कहता है आज नी जाना रेस्ट करना है मुझे

साक्षी फिर एक कोने जा कर अपनी प्लेट ले कार खाने लगती है और फिर वीर उठ जाता है साक्षी को देखता है तो वो कोने मैं बैठी होती है और खा रही होती है नम आंखों से

वीर भी अपनी प्लेट ले कर कर उसके पास बैठ जाता है और जब देखता है तो साक्षी रों रही थी

वीर - प्लीज मत रोइए आप मैं पक्का ऑफिस जाऊंगा आप मत रो

साक्षी को तो जैसे अपने कानो पर भरोसा ही नी हुआ वो चुप चाप खाना लगती है

वीर भी चुप चाप खा लेता है और चुपके चुपके से साक्षी को देखता है और स्माइल कर के खाने लगता है

साक्षी कुछ भी कर के वीर से दूर होना चाहती थी उसको डर था कि कहीं वीर फिर से ना मारे पुरानी और गंदी याद आसानी से पीछे नी छोड़ती

इधर वीर का खाना ख़त्म हुआ तो वो रसाई मैं अपनी प्लेट ले जाने लगता है।

साक्षी को ये देख कर हिचकी आ जाती है और वीर उसके लिए पानी ले कर आता है और कहता है आराम से खाओ

साक्षी जल्दी से ख़तम कर के रसोई मैं आती है और देखती है वीर फिर उसके भरे हुए शरीर को देख रहा था

साक्षी - हम्म ठरकी कही का

वीर - फिर साक्षी के बगल में आता है और कहता है वैसे अगर मैं ऑफिस ना जाउ तो कुछ प्रॉबलम तो नी होगी

साक्षी कुछ नी कहती

वीर फिर उदास हो कर चला जाता है वो चाहता था साक्षी उससे बात करे

वीर फिर ऑफिस की ओर निकल जाता है उसको ये पता था कि उसके बाप का tour and travel का काम था वो मालिक थे।

वीर आफिस जाता है एक लड़की वहा पर मौजुद रहती है

लड़की वीर को देख कर बोली सर वेल्कम

लड़की - सर 2 स्कॉर्पियो ट्रिप पर जाने वाली है तो उसकी आप फोन कर दीजिए।

वीर ने ऐसा ही किया और तभी वीर की अकाउंटेंट स्वाति आ जाती है।

Swati- इस month का profit उतना नी है लेकिन हा बहुत है तो ठीक है ना

वीर - हा हा ठीक है

तभी वीर की नज़र बहार एक कपल मैं पड़ती है तो लड़की लड़के को अपने हाथों से खाना खिला रही थी।

वीर तभी लड़की से कहता है ये लड़की उसको खाना क्यों खिला रही है

लड़की - अरे वो पति है ना उसका

वीर - और पत्नी गुस्सा हो तो

लडकी - तब आपको गिफ्ट देना चाहिए मैम को वो मान जाएगी

दिन भर वीर ऑफिस मैं रहा और शाम को एक shop पर जाता है और जीन्स और टॉप ले लेता है और घर पर चल पड़ता है तभी उसकी नज़र एक कपल पर पड़ती है को खाना खा रहा थे और खाना खाते टाइम लड़का अपना पैर लड़की के पैर पर रख कर छेड़ता है

वीर - अच्छा तो वाइफ के साथ ऐसा करते है अब मैं समझ गया मैं भी ऐसा करूंगा

फिर वीर घर आता है और फिर उसको याद आता है कि उसने कपड़े तो लिए है लेकिन वो साइज सही है या नी उसको नी पता

एक काम करता हूं वो साक्षी अभी बाथरूम में है तब से में चेक कर लेता हूं ये सोच कर उसके गाल लाल हो जाते है

और फिर कहता है में कितना गन्दा इंसान हूं
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वो अलमारी में जल्दी से धुड़ता है तभी उसके हाथ में साक्षी की ब्रा आ जाती है और वो हाथ मैं आते ही वीर डर जाता है और तभी साक्षी आ जाती है जो टॉवेल और ब्रा में थी

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वीर - माफ़ कर दो आप मै बस बस बस आप गुस्सा मत होना माफ कर दो

लेकिन फिर वो चुपके से साक्षी को देखता है जो ब्रा मैं थी और आज पहली बार इसको ऐसा देख कर उसकी सास थम जाती है और उसके गोरे से बदन को देख रहा था साक्षी ने उसके फेस को देखा तो वो डर गया और मूड गया

फिर साक्षी ने साड़ी पहन ली और चली गई

साक्षी - बेशर्म पता नी क्या हो गया है सुबह से बदतमीजी करते है

साक्षी के जाने के बाद वीर देखता है तो उसका लौड़ा खड़ा हो कर सालामी दे रहा था वीर शरमा जाता है और चुप चाप bathroom में जाता है और सूसू कर के आ जाता है

फिर साक्षी खाना ले कर टेबल पर लगा देती है और वीर भी आता है

साक्षी - बैठिए खाना लगा दिया है

वीर - आप भी बैठो और खाना खाओ साथ मैं ।

साक्षी डर जाती है और खाने लगती है और साक्षी जब खा रही होती है तभी वीर अपना पैर साक्षी के पैर पर प्यार से रख़ देता है

साक्षी को खासी आ जाती है और वीर डर कर खड़ा हो जाता है

साक्षी - क्या कर रहा है आप

वीर - वो मुझे अपने हाथो से खाना खिलाओ

साक्षी जो अब खाना खा चुकी थी वो जाने लगती है और मूड कर वीर को देखती है


साक्षी - मारना है तो मार दे मैं नी खिला रही हू

ऐसा ही रात हो जाती है और वीर कमरे में लेट हुआ था फिर वो सोचता है कि साक्षी सो गई होगी

वीर जैसे ही कमरे में जाता है तो देखता है साक्षी सो रही थी जिसकी साड़ी का पल्लू गिर हुआ था और उसका पुरी कमर दिख रही थी



साक्षी की ऐसी हालत देख कर वीर का रोम रोम खुश हो गया लेकिन साक्षी जाग रही होती तो वीर उससे नज़रे भी ना मिला पता

वीर चुपके से साक्षी के बगल लेट जाता है और उसकी कमर पर हाथ रखा देता है तभी साक्षी अपनी नज़रे खोल देती है और वीर डर जाता है जमीन पर गिर जाता है

साक्षी मन में सोचती है ये कैसी हरकते कर रहा है सुबह से वो मन ही मन हसी भी आ रही थी उसको

वीर - में तो बस तुम्हरे साथ सोने आया था

साक्षी कुछ नी बोलती वो चुप चाप सो जाती है और रात को उसने अपनी कमर पर वीर का हाथ महसूस किया

वीर को लगा साक्षी सो रही है और वो चुपके से उसकी पीठ पर किस करने जा रहा था तभी उसकी नज़र साक्षी की पीठ पर पड़ी जो पुरी तरह से जली हुई थी जगह जगह सिगरेट से जले हुआ निशान था

और वीर फिर किस नी करता बस रोने लगता है और साक्षी को फील हुआ कि वीर रों रहा है तो वो उठ गई

साक्षी - क्या है आप क्यों रों रहा है हुआ क्या है आपको बहेंकी बहकी बात कर रहा है

वीर - तुम सुबह से मुझसे बात नी कर रही हो तुम्हारी पीठ भी जली हुई है दर्द हो रहा है ना

साक्षी को अब हसी आ रही थी वो किसी तरह कंट्रोल करती है और कहती है नी दर्द नी हो रहा रात हो गई है जाइए सो जाइए

साक्षी कुछ और कहती लेकिन वीर फिर रोना लगता है

साक्षी - क्या हुआ अब

वीर - तुमने मुझे खाना भी नी खिलाया बात क्यों नी करती वाइफ हो मेरी तो ऐसे इग्नोर क्यू करती हो हा वाइफ अपने hubby को खाना खिलाती है तुम मुझे क्यों नी खिलाती

साक्षी अब पागलों कि तरह हसे जा रही थी आज वीर को बचाओ की तरह सिकायत करता देख उसको अच्छा लग रहा था वो यही लाइफ तो जीना चाहती थी

साक्षी - अच्छा सॉरी अब सो जाओ सुबह में अपने हाथों से खिला दूंगी प्रोमिस

वीर चुप चाप सो जाता है और साक्षी बस मन में हसी जा रही थी और कहती है मुझे नी पता तुम्हारे साथ क्या हुआ लेकिन ऐसे person के साथ में लाइफ स्पेंट कर सकती हूं।

साक्षी की हसी नी रुक रही थीं वो पागलों की तरह हस रही थी तभी वीर को लगा कि वो सो गई फिर वीर ने अपना हाथ उसकी कमर पर रख तभी साक्षी ने नींद का नाटक करते हुए करवट ली

वीर हड़बड़ी मैं दूर हुआ और जल्दी से आंखो को बंद कर लिया और साक्षी फिर मन में हसने लगी और वीर को ऐसा तड़पता देख उसको अच्छा लग रहा था

उसका पति आज उसको सुबह से घुर रहा है उसके करीब आने की कोशिश कर रहा है

साक्षी हस्ते हुए कब सो गई उसको पाता नी चला।

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Ab dekta hai sakshi ke dil main pyar ka rang kab ghulta hai
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सुबह जब साक्षी की नींद खुली तो वो स्माइल करते हुए उठी और उसे फिर कल की बात याद आई तो खुद से बोल उठी

कभी मैंने ऐसी लाइफ जीने की तमन्ना की थी ऐसा पति चाहा था लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है लेकिन इस बात की खुशी है की मैने कभी अपने पति को धोका नी दिया लेकिन sid के जाने के बाद अब जीने की इच्छा भी चली गई है वैसे भी ये कोनसा मेरे से प्यार करने लगेंगे इनका प्यार तो वो

वैसे ये हरकते ऐसी कर रहे है जैसे नई नई शादी हुई है हमारी

इतने में उसको वीर की आवाज आती है जो उसको नींद मैं बड़बड़ाता हुआ दिखा

उम्म तुम्हारा पेटू बहुत सॉफ्ट है मुलायम सा वाइफ मेरी

वही ये सुन कर साक्षी को हसी आ जाती है और हस्ते हुए वीर को देखती है जल्दी से उठ जाऊ वर्ना ऐसी हालत में देख कर पागल हो जाएंगे पहले ही अजीब अजीब हरकते कर रहा है।



और कहती है अब देर हो चुकी है कुछ दिन ऐसे रहोगे फिर वापिस वैसे हो जाओगे पहले जैसे फिर मेरी परछाई से भी नफरत होगी तुमको इसलिए अच्छा है मैं तुमसे दूर रहो तुम कुछ भी कर लो मेरा दिल में तुम्हारे लिया अब कोई सॉफ्ट फीलिंग नी है।

फिर साक्षी उठ कर अपने काम करने लगती है और तभी उसको सोफे पर एक पॉलिथीन दिखता है जब वो ओपन कर के देखती है तो उसमें एक जींस और ब्लू टॉप था

साक्षी - मैने कहा था ना वापिस उसी तरह हो जाएंगे फिर मुझे मरेंगे

साक्षी वापिस पॉलिथीन को वही रख देती है और तभी उसको कॉल आती है

साक्षी - हेलो

सामने कॉल पर - हां मेरी बेटी कैसी है

साक्षी - क्या जिंदा हूं ये काफी नी है

सामने कॉल पर - ऐसा मत बोल बेटी तू मेरी जान है हम जल्द ही आ रहा है फिर तेरा और उसका मामला सभल लेंगे

साक्षी - अब फोन रखूं मैं

सामने कॉल पर - खुशी की कोई वजह धुड़ बेटी हजारों वजह मिल जाएगी

टू टू

साक्षी ने फोन काट कर दिया अब साक्षी को किसी से भी मतलब नी था वो बस अपने मैं खोई रहती थी उसके साथ 17 साल से ऐसा व्यवहार किया जा रहा था इतना मारा जा रहा था की वो अब जीना बात करना सब भूल चुकी थी

उधर साक्षी की मां - हमने अपनी बेटी को खो दिया क्या जवाब दूंगी मैं भगवान को

तभी एक कड़क आवाज आती है कुछ दिन मैं छोटी बेटी की शादी है तब उसको यहां बुला लेंगे और समझ लेंगे।

इधर साक्षी खाना बनाने लगती है और टी बना कर वीर को उठाने जाती है और वही बैठ कर अपनी साडी सही करने लगती है



वीर - उठ कर उसको ही देखने लगते है

साक्षी- क्या है सुबह सुबह

वीर - अच्छी लग रही हो बहुत

साक्षी उठ कर चली जाती है

वीर - में तुमको जीना सिखा दूंगा देखना

इधर वीर ब्रश कर के आता है और साक्षी जो सोफे पर बैठ कर टी पी रही थी उसको फिर से देखने लगता है

तभी वीर कुछ ढूढने लगता हैं और साक्षी उसको कहती है वो रूम में है तुम्हारा पॉलिथीन

वीर जल्दी से भागता हुआ पॉलिथीन उठा कर आता है और साक्षी के पास आता है और साक्षी डर जाती है और उसकी चाय गिर पड़ती है उसके पैर पर

साक्षी - मां मां माफ कर दो मुझे अब कभी आपके समान को हाथ नी लगाउंगी मुझे मत मारना

साक्षी की आंखों से आसू आने लगता है और वो मुस्किल से ये कहती हैं

इधर वीर भी उदास हो गया और मन में सोचता है मेरी साक्षी इस कदर टूट चुकी है डर गई है वो भी वीर की वजह से अच्छा हुआ जो मर गया

तभी वीर की नजर उसके पैर पर जाती है जो बुरी तरह से जल गया था चाय की वजह से

वीर पॉलिथीन को उसके बगल रख देता है और जमीन पर बैठ जाता है

साक्षी अपनी आंखो को बंद कर देती है और कांपने लगती है और वीर जमीन पर बैठ पर अपने हाथों मैं उसके पैर ले कर सहलाता है और ठंडा पानी डाल कर साफ कर करता है

और अपने घुटनो पर रख लेता है



साक्षी अब अजीब नज़रों से देखती है तो वो वीर को उसके पैर पर देखती है और

साक्षी - क्या कर रहा हो आप मेरा पांव ठीक है

वीर - क्या ठीक है चाय गिर गई दिमाग कहा था तुम्हारा तुम मेरी वाइफ हो मेरी जान निकल जाती है तुमको दर्द मैं देख कर वैसे तुम्हारे कलर बिलकुल दूध जैसा

साक्षी को ये सब अजीब लग रहा था आज उसका ही पति उसको छेड़ रहा था उसकी केयर कर रहा था और फिर साक्षी कहती है इतना ही केयर है तो

वीर - तो क्या आगे
साक्षी -

वीर - फिर साइलेंट मोड अच्छा ठीक है मत बोलो वो ना मेरी ऑफिस में एक सेक्रेट्री है मेरी वो मुझे बता रही थी की वाइफ को मानने के लिया गिफ्ट दिया जाता है ड्रेस दी जाती है इसलिए मैंने ये ड्रेस लिया आपके लिया तुमको अच्छा नी लगा क्या साइज सही नी है क्या

साक्षी की तो चहरे की हवाइयां उड़ गई और वो खुद मैं सोचती है पहले मैं इनसे डरती थी अब ये मुझसे डरते है और जब देखो घूरते रहते है

साक्षी - नी ठीक है खाना खाओ लेट हो रहा है ऐसा कह कर वो साइड हो कर चली गई

वीर उदास हो कर बैठ जाता है और साक्षी खाने ले कर आती है

वीर - मुझे भूख नी है

साक्षी - क्या हुआ अब चोट मुझे लगी खाना तुम नी खा रहा हो

वीर - तुम मुझे डॉटती रहती हो

इतना सुन कर साक्षी को हसी तो बड़ी आती है लेकिन वो रुक कर कहती हैं मैने कब डाटा

वीर - तुमने कल कहा था तुम मुझे खाना खिलाओगे

साक्षी वीर को देख कर एक कोर खिला देती है और फिर वहा से चली जाती है

इधर साक्षी चुप चाप बनकनी मैं खड़ी थी और सोच रही थी वीर का उसको यू देखना रात को सोने बाद उसको छूने की कोशिश करना बात करना के लिया तड़पना अब उसको यू सब अच्छा सा लग रहा था

तभी वीर फिर उसके पास आता है और कहता है साक्षी सुनिए

साक्षी पता नी क्या सोचती है और बहुत जोर से चिल्ला देती है क्या है साक्षी साक्षी साक्षी साक्षी करते रहते हो हवासी कही के दिन भर मुझे घुरोगे क्यों पास आना है तुमको मेरे जब मुझसे प्यार नी है तो

वीर बिना कुछ बोले चुप चाप वहा से चला जाता है

वीर के जाने के बाद साक्षी को रियलाइज हुआ की उसने क्या किया तो वो सिर पर हाथ रख कर बैठ गई और सोचने लगी ये क्या कर दिया मैंने और मैने उसको भागा दिया और वो चला गया क्या सच में इतना बदल गया

तभी साक्षी का ध्यान जमीन पर गया जो वो देखती है की जमीन पर खाना गिरा हुआ था वीर साक्षी को बस खाना देना के लिए लाया था

वीर इधर ऑफिस निकल गया जहा से सीधा उसको ऑफिस सेकेट्री मिलती है

काव्या - गुड मॉर्निंग सर

वीर - गुड मॉर्निंग

काव्या - सर क्या हुआ मूड सही नी है आपका

वीर - वाइफ गुस्सा है मेरी

काव्या - एक काम करिए ना सर उसको हग कर लीजिए और प्यार का इज़हार करिए

वीर - ओके

उसके बाद वीर काम पर लग जाता है और फिर रात को काव्या चली जाती है और स्वाति आती है

तो देखती है वीर कुछ सोच रहा है

स्वाति - क्या सोच रहा हो

वीर - प्यार इज़हार कैसे करते है

स्वाति - पकड़ कर किस करो एक दम जबरदस्त वाली और बोल दो i love you आसान है यार अब मैं जा रही

वीर वहा से निकल कर सीधा मेडिकल की दुकान पर जाता है और कहता है कोई ऐसी क्रीम है जिससे जले हुआ दाग चला जाए

और फिर वो क्रीम ले कर वापिस आ जाता है और जैसे ही घर में आता है डोर नोक करता है।

डोर ओपन करते ही 1 लड़के उसको दक्का दे देते है जिससे वो गिर जाता है और उसका सिर पर थोड़ी चोट आ जाती है

लड़का - ये मेरी बहन को मारने के लिया था

और वीर ने को जो क्रीम और दावा वैगारा लिया था सब गिर गया और ये शोर सुन कर साक्षी के मम्मी और पापा और बहन आ जाती है और वीर को ऐसा गिरा हुआ देख कर वो कुछ नी कहती और साक्षी आगे बढ़ती उसके पहले वीर लंगड़ाते हुए चला जाता है

साक्षी dad - चलो साक्षी हम तुम दोनो का तलाक करा देंगे

और वीर कमरे में उदास बैठा हुआ था

तभी रूम में साक्षी आती है और उसके पास आ कर बैठ जाती है और अपने हाथों से उसके क्रीम उसको पकड़ा देती है और कहती है ये क्या है और ये दवा

वीर रोने लगता है और कहता है मुझे मत छोड़ो मैं मर जाऊंगा तुम्हारे बिना मैं वो वीर नी हूं मैं दूसरा वीर हूं प्लीज मुझे एक मौका दो मुझे मार दिया करो डेली पीट लेना लेकिन मुझे तलाक मत दो मैं कभी तुमको ऊंची आवाज में बात नी करूंगा कभी घूर कर तुमको नी देखूंगा ये दावा मैने तुम्हारे जले हुए निशान के लिया लाया है

वीर को ऐसा रोता देख तड़पता देख साक्षी उसका पास बैठी हुई थी

वीर - मत छोड़ो मुझे मत दो ना तलाक मैं हर वो कोशिश करूंगा एक मौका दो बोलो चुप क्यों हो

साक्षी - रोना बंद करो

वीर - मुझे मत छोड़ो

साक्षी एक तप्पड़ देती है और वीर का रोना रुक जाता है और साक्षी कुछ नी कहती और उठ कर चली जाती है

(वीर की आत्मा तो शरीर से निकल चुकी थी ये sid की आत्मा थी जिसके वजह से वीर का चहरा अब सुंदर हो गया था और वो बचपन से साक्षी के बहुत क्लोज था।)

जैसे ही साक्षी बाहर आती है सबने थप्पड़ की आवाज सुनी थी और सब गुस्सा था

अनु (साक्षी सिस्टर)- दीदी इसने आप को फिर मारा क्या

इतना मैं साक्षी उसको इग्नोर कर के चुप चाप अपने हाल से फास्ट एड का बॉक्स ले कर वीर की तरफ जाने लगती है और अपने भाई की तरफ देख कर इतना ही बोलती है मेरे पति को हाथ भी लगाया ना तो जिंदा मार दूंगी

फिर वो वीर के रूम मैं जाती है और वीर के पास बैठ कर उसके माथे पर रुई से ब्लड साफ करती है

साक्षी - रोना बंद करोगे या मैं जाऊ

वीर - नी नी

फिर वीर पूरा चुप हो जाता है और साक्षी कहती है क्या है हा

वीर - मुझे नी छोड़ोगि ना

साक्षी - नी छोड़ती बाबा अब रोना बंद करो ना

वीर - कुछ कहना था

साक्षी - हा

फिर वीर डरते हुआ कापते हाथों से उसको हग कर लेता है और उसकी कमर पर सिर रख कर जकड़ लेता है



वीर - i love you साक्षी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं

साक्षी - हा ठीक है

वीर - सुनो

साक्षी - हा

वीर - हसबैंड और वाइफ वाला प्यार कैसे करते है

साक्षी - बेशर्म हटो

फिर साक्षी ने अपने घर वालो को भागा दिया और बोला कल वो आएगी गांव शादी तक रहेगी फिर चली आएगी और साथ में वीर को ले कर आएगी

साक्षी रसोई में खाना बना रही थी और वीर उसको घूर रहा था पीछे से तभी वो पलट कर कहती है क्या कर रहे हो हा घूरे जा रहे हो



वीर - वो कुछ भी तो नी

साक्षी - ओके

वीर उसके पीछे खड़ा हो जाता है और कहता है मेरा साथ मूवी देखना चलोगे सब अपनी gf के साथ जाते है तुम चलोगी मेरे साथ

साक्षी - ठीक है मैं चलूंगी कल फिर शॉपिंग कर के गांव चलन है

वीर थोड़ा घबरा जाता है

साक्षी - मेरे होते हुए तुमको कोई कुछ नी करेगा समझे

वीर - ठीक है फिर

साक्षी फिर काम करने लगती है और वीर साक्षी का पल्लू गिरा देता है और उसकी पीट पर क्रीम लगाने लगता है

साक्षी - फायदा उठा रहा हो मेरा हा

वीर - ए ए ऐसा नी है

साक्षी फिर खिलखिला कर हस पड़ती है और कहती है चल झूठे

साक्षी मन में कहती है मैं 17 साल से तड़पी हूं दर्द झेली हूं तुम देखो तुमको कितना तड़पती हूं मेरा नए नए पति तुमको पुरानी बात नी याद तो ठीक है ये हमारी न्यू शुरुवात है जिस दिन तुम पुराने वाले वीर हुए उस दिन मैं आत्म हत्या कर लुंगी

वीर - मै भी खाना बनाने में मदद करू

साक्षी - नी रहने दो दूर हटो मुझसे

फिर खाना खा कर वीर सोने के लिया बेड पर आ जाता है और साक्षी को देख कर उसकी सास ही रुक गई



साक्षी - लाइट ऑफ करो और सोते है बहुत नींद आ रही हैं

साक्षी पूरा सज कर बेड पर लेटी थी और मन में हस रही थी

इधर वीर धीरे से अपना हाथ साक्षी की कमर पर रख देता है

साक्षी - ओ मैने परमिशन दी क्या छूने की

वीर - प्लीज बस एक बार टच कर लेने दो

साक्षी - में चली जाऊंगी फिर

वीर - नी नी मैं नी टच करूंगा

साक्षी मन में कहती है कल से तुम देखो तुम्हारी ऐसी हालत कर दूंगी ना देखना

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Next update
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romance se bhar pur rhega ab new shurwat ho chuki hai toh dhree dhree hi kareeb aaynge dono
 
Update 3

सुबह जब साक्षी की नींद खुलती है तो वो देखती है वीर एक तकिए को हग कर के लेटा हुआ है

साक्षी - हाए मेरे बंदर रात भर तड़पते रहे बस

ही ही ही ही ही

फिर वीर भी उठ जाता हैं और गुस्सा मैं साक्षी को देखता है

साक्षी की तरफ आता है

साक्षी - अरे क्या हुआ मैने क्या किया

वीर - रुको तुमको बताता हूं मैं

साक्षी उठ कर भागने लगती है , और उसके पीछे ही वीर भागता है

साक्षी - अरे सुनो तो

वीर - क्या सुनो हा

तभी साक्षी बेड के पास रुक जाती है और वीर उसके ऊपर ही गिर पड़ता है





वीर पहली बार अपनी मां के ऊपर लेटा था और उसके चूचे उसके सीने में फील हो रहे थे

और ऐसा होते ही वीर की सास बहुत तेजी से ऊपर नीचे होने लगती है और वीर को ऐसे सास लेता देख साक्षी को हसी आ जाती है

साक्षी - आराम से सास लो ही ही ही ही

वीर के हाथ पैर कांपने लगते है और वो धीरे धीरे से कापते हुए हाथों से साक्षी के गाल को छुने जाता है तभी साक्षी कहती है ओ मेरे बच्चा मुझे कुछ चुब रहा है
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इतना सुन कर वीर फिर से काप जाता है और ये देख कर साक्षी कहती है चलो हटो मजा बहुत ले लिया मेरा

साक्षी फिर उसको अपने ऊपर से फेक देती है और कहती है जब देखो मेरे पीछे पीछे पड़े रहते हो बड़े आए

वीर - मैं तुमसे डरता नी समझी मेरा जो दिल करेगा वो करूंगा तुम पत्नी हो मेरी मेरा हक बनता है तुमसे प्यार करना का आ

इसके पहले वो कुछ और कहता वीर देखता है की साक्षी उसको ही घूर रही है जो लोहे की रेलिंग पर हाथ रख कर खड़ी थी






वीर जैसे ही ये नजारा देखता है उसकी गांड़ ही फट जाती है और वो कूदते हुए वापिस पीछे हो जाता है

तभी साक्षी उसकी तरफ बढ़ती है और कहती है कुछ कह रहे थे ना तुम वो मैं सुन नी पाई जरा फिर से बोलना

वीर - देखो तुम मुझे ऐसे डराया मत करो देखो मरना मत प्लीज तुम मुझे प्यार करने क्यों नी देती जब देखो दूर रहती हो सोते टाइम hug भी नी करने देती

साक्षी - अच्छा ठीक है दिन भर मुझे खुश रख कर दिखाओ अगर मैं खुश हुई तो बहुत प्यारा हग दूंगी और रात को जैसे तुम चाहो वैसे सोने दूंगी

फिर साक्षी वहा से जाने लगती है और वीर भी उसके साथ चल कर आगे आता है जैसे ही वो दूर गई वीर कहता है बड़ी आई हूं!!!

इधर साक्षी नहाने के लिया चली जाती है और वीर भी अपना काम करने लगता है स्वाति के पास कॉल कर के उसको सब समझा देता है

स्वाति - ओके सर मैं सब संभाल लुंगी आप आराम से जाइए

इधर साक्षी नहा कर के आती हैं और वीर को देखती है जो उसको घूर रहा था और उसके होठ कप रहे थे

साक्षी - यार मैं तो तुमसे बहुत परेशान हूं अब क्या हुआ है बोलो

वीर - वो वो क्या तुम जींस पहनोगे

साक्षी उसको देखती है ।

वीर - नी नी कोई बात नी मत पहनो मन नी है तो

साक्षी - पहन लेती लेकिन मेरे पास नी है और जो थी वो अब टाइट आती है

वीर - मैंने लाया है आपके लिए वो पहन लो प्लीज

साक्षी - अच्छा ठीक है अब जाओ तैयार होने दो

वीर - थैंक्यू जान

और फिर वीर वहा से निकल जाता है और थोड़े टाइम बाद साक्षी तैयार हो कर नीचे आती है जिसे देख कर ही वीर देखता रह जाता है






साक्षी - चले अब मुझे देख चुके तो

वीर - थोड़ा सा देख लो तो इतना गुस्सा

साक्षी - पड़ोसी की बीवी नी हूं तुम्हारी ही बीवी हूं मैं चलो

फिर दोनो निकल पड़ते है मॉल की तरफ

साक्षी - सुनो मेरे ससुराल कुछ भी नाटक मत करना समझे कोई कुछ भी कहे डाट तो सुन लेना चुप चाप

वीर - ही ही ही ही ही मैं सब संभाल लूंगा प्यार करता हूं तुमसे

साक्षी - शायद वहा मैं तुम्हारी मदद ना कर पाऊं तो कुछ भी कांड मत करना वहा तुम मेरा साथ चाहते हो तो मेरे घर वालो के सामने साबित कर देना की मेरे लिया कुछ भी कर सकते हो

वीर - हा ठीक है शायद मैने बीते कुछ दिनों में ऐसा कर दिया है जिससे सब मुझसे नाराज़ है ना

साक्षी - अभी का टाइम देखो पुरानी बात छोड़ो मिटी डालो उसमें

इधर ये दोनो मॉल कब आ गए पता ही नी चला और जैसे ही दोनो अंदर आए वीर ने साक्षी को बोला की हम मूवी देखेंगे आज है ना सारे कपल देखते है मूवी अब हमारी पारी हुर्रे

साक्षी - आज नी लेट हो रहा है ना जब वहा से लौट कर आएंगे तो साथ मैं देखा जाएगा और प्रोमिस एक gf और bf की तरह देखने दूंगी

वीर उदास हो कर कहता है कोई बात नी जैसे तुमको सही लगे

और साक्षी के साथ चुप चाप चलने लगता है और साक्षी उसका हाथ पकड़ लेती है और वीर अब स्माइल कर के उसके साथ चलने लगता है।

फिर दोनो एक ड्रेस की दुकान पर जाते है

सेल्स गर्ल - मेम क्या दिखाना है आपको

साक्षी - साड़ी मैरिज के लिए

साक्षी फिर वहा साड़ी पसंद करती है और वीर को कहती है तुम भी ड्रेस ले लो अपनी पसंद के जो जो तुम पसंद हो

वीर भी कपड़े ले लेता है और दोनो बिलिंग करवाते है तो सारे ड्रेस देख कर साक्षी हैरान हो जाती है

फिर साक्षी कार मैं वीर से कहती है क्या है ये सब हा

वीर - तुमने ही कहा था जो पसंद हो लेते आना

साक्षी - बहस मत करो मैने तुम्हारे लिया कहा था तुम मेरे लिए सारी ड्रेस ले आए हो क्यो

वीर - मैं इन ड्रेस में तुमको देखना चाहता हूं तो ले आया

इधर वीर और साक्षी घर आते है और तभी साक्षी के dad का फोन आ जाता है जो कहते है 5 मिनट मैं तैयार रहो आने के लिए

फिर दोनो गांव के लिया साक्षी के घर के लिए निकल जाते है जहा वीर ड्राइव कर रहा था वही साक्षी उदास बैठी थी

साक्षी मन में सोचती है काश सब ठीक हो गांव में तुम एक बार गांव से मेरे बन कर आना प्लीज सब को बता देना की तुम मेरे से कितना प्यार करते हो वो सब कर सकते हो मेरे लिए मेरे साथ पाने के लिए तुम एक न्यू वीर हो जो मेरे इतने करीब आया है

इतने में गांव आ जाता है और दोनो की कार घर के बाहर रुकती है घर पूरा शादी की तैयारी से सजा हुआ था

वही साक्षी के बाप खड़ा था बंदूक ले कर उदय भान

और इसके बगल उसका बेटा राज और हमारी तरफ दौड़ कर आती है अनु साक्षी की बहन जिसकी शादी है

और वही बहोत से और लोग थे साक्षी के चच्ची मधु और चाचा सूर्य भान

वही दूर से छत पर खड़ी थी एक औरत ये कोई और नी ये साक्षी की बुआ राखी है और उनके पीछे एक लड़की खड़ी वीर को घूर रही थी तनु

और बहुत से गेस्ट और साक्षी के भाई राज के ससुराल वाले दोस्त लोग भी आए थे वो गांव में घूमने निकलते थे

तभी हमारे पास साक्षी की बहन अनु आती है

अनु - दी दी दी आप आ गई ही ही अब दोनो बहने मस्ती करेंगे खूब सारी

तभी राज और उदय भान आते है

और चिल्लाते हुए कहते है रुको

राज - दी आप अंदर जाइए और वीर को यही छोड़ दीजिए

साक्षी - में अपने पति को छोड़कर नी जा सकती

उदय भान - ये यह से जिंदा नी जाएगा समझी तू

राज - अनु तू अंदर जा इसने मेरी दी को दर्द दिया रुलाया इतनी बेदर्दी से मारा

साक्षी - अब हमारी लाइफ अच्छी चल रही है तो क्यों आप मेरी जिंदगी खराब करना चाहते है

उदय भान - ठीक है दिया एक मौका इसको यही कच्चे घर गरमी में रहना पड़ेगा जमीन मैं एक टाइम का खाना खाने पड़ेगा और शादी तक ये कर सका तो मैं दोनो को अलग नी करूंगा कभी एक नौकर बन कर रहना पड़ेगा बोल

साक्षी - क्या बकवास है नौकर सब के सामने

राज - हा नौकर शादी तक शादी बाद हम तुमको परमिशन दे देंगे इसने तुझे 15 साल नौकर बना कर रखा आज तू 33 साल कि है अब इसे भी नौकर बन कर रहना होगा जितना दर्द तुझे दिया गया इसे सहना होगा तूने ही ये मदद मागी थी ना

साक्षी अपने बाप को कुछ नी कह सकती थी क्योंकि वीर ने उसके साथ ऐसी ऐसी हरकते की थी जो अब उसके नए पति sid को चुकानी पड़ेगी

साक्षी मन मैं सोचती है एक बार यह से निकल चले वीर वादा रहा तुमको तुम्हारी साक्षी बहोट प्यार देगी वही ये सब सुन कर साक्षी समझ गई की ये वीर नौकर बनाना बरदाश नी करेगा वो भी सभी के सामने

तभी वीर कहता है मुझे मंजूर है मैं साक्षी का पति हूं और ये साबित कर के रहूंगा की उसके लिए मुझसे अच्छा कोई ni रहेगा और मैं साक्षी को अपने साथ वापिस ले जाऊंगा

उदय भान - ये तो 15 दिन बताएगा समान उठा और घर के बाहर बने तबले मैं जा कर सामान रख और काम शुरू कर महमान आने वाले है याद रहे ये 15 दिन तू नौकर है

अनु - चलो दीदी कपड़े दिखाती हूं और राज की वाइफ भाभी से भी मिलवाती हूं सब आएं है यहा

राज वीर को ताबेला देखा देता है जहा पर गाय और भेस बंधी थी

वीर अंदर जाता है तो देखता है अंदर बस बदबू है लेकिन एक कोने थोड़ी सी साफ जगह है वहा बदबू नी है

वीर अपना सामान वहीं रख देता है और शाम तो हो ही गई थी तभी साक्षी के बाप की आवाज आती है मर गया क्या ताबेल मैं सामना कोन रखेगा तेरा बाप कार से सामन निकाल
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हा थोड़ी problem thi guys
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isliya late update aya waise ab chances hai har dusre din update aayge is story.....7 ke 7 din update ayga.... Yaa toh is par yaa toh jin waali par umid hai syd dono par aaya....

Aur rhi baat story ki toh veer ko bahot kuch face krna pdega sakshi ka sath pane ke liye ..... To stay tunnned aur aaj bhi update aayga ab se daily aaayaga

 
Update 4

जैसे ही वीर ताबेले मैं आया वैसे ही उसको आवाज आती है।

"मर गया क्या अरे घर का काम भी करना है और साक्षी के कपड़े निकाल कर कोन लाएगा तेरा बाप" ये आवाज थी साक्षी के बाप उदय भान की

वीर ये सुन कर चुप चाप बाहर आता है और सीधा बाहर जा कर कार में से कपड़े निकला कर सीधा घर में चला जाता है और उसको देख कर अनु कहती है पापी की कही का।

वीर उसको कुछ भी नही कहता और सीधा कपड़े रखने के लिए अंदर जाने लगता है तभी राज उसको टोकता है और कहता है नौकरों को घर में आने की परमिशन कब से होने लगी और उसको धक्का दे देता है जिससे वीर थोड़ा पीछे गिर जाता है

फिर वीर शांति से वहा से उठ कर चला जाता है और बाहर आते ही सूर्य भान साक्षी के चाचा उसको कहते है चल मेरे साथ थोड़ा आटा की दुकान दिखा दूं वहा से आटा ले आ कर रसोई में रख दो

फिर चाचा उसको 2 km दूर पैदल ले गया और वीर से 15 राउंड लगवाया और वीर जब ये काम कर के घर आया तो उसकी हालत खराब हो चुकी थी।

वही ये सब दूर बैठी साक्षी देख रही थी और वो और कुछ रिएक्ट कर पाती तभी अनु उसके पास आ कर कहती है

क्या दीदी मेरी शादी है और आप मेरा साथ के बजाए अकेले बैठे हो चलो आपको भाभी से मिलवाती हूं राज की होने वाली वाइफ

साक्षी - आज नी मैं थक गई हूं कल चलेंगे सुबह से

तभी उसको उसकी चाची की आवाज आती है अरे मेरी बेटी जब से आई है तब से कुछ खाई भी नही कम से कम उसको कुछ खिला तो दे।

अनु - मैं भी कितनी बेवकूफ हूं रुको अभी लाती हूं

इधर अनु खाना ले कर आती है लेकिन साक्षी खाना का बहाना बना कर मना कर देती है और घर के कामों में लग जाती है और अनु उसके पीछे पीछे लगी हुई थी

इधर वीर के कपड़े पूरा गंदे हो गया और तभी राज के दोस्त घर में आते है और वीर से टकरा जाते है और उनमें से एक कहता है गुस्सा कर " क्या बे दिखता नी क्या चल है साइड और जा कर चाय ला"

तभी एक लडका कहता है पागल है क्या तू ऐसे बात नी करते।

लड़का कहता है अबे रोहित ये वीर है राज ने बताया था ना घर में काम करने के लिया नौकर आएगा आज वही होगा ये अब जा

और वीर चुप चाप वहा से चला गया सुनता हुआ

वही सुबह से वीर ने कुछ खाया नहीं था उसको प्यास बहुत जोर की लगी थी वो डरते हुआ कहता है क्या पानी देंगी चाची बहुत प्यास लगी है

चाची - तूने काम तो कुछ किया नी बड़ा आया प्यास लगी है निकमा कही का

लड़का - अबे चाय ला रहा है या मुरा गया बे

राज ,- क्या यार तुम लोग भी ना

वीर - चाय ले आ कर देता है

यही सब हो रहा था ऐसे ही जिल्लत सहते सहते रात हो गई और वीर चुपके से बाहर आ कर साक्षी को देख ने लगता है लेकिन वो उसको नी दिख रही थी

तभी उदयभान उसको बाहर से लकड़ी लाने को बोलता है और कहता है जा कर लकड़ी ला और पानी भर कर छत पर दावार दो वही पर राज के दोस्त सोएंगे

तभी वीर वहा से चला जाता है और शांति से लकड़ी उठाने लगता है तभी उसको आवाज सुनाई पड़ती है

रोहित - अबे तूने उसको देखा उस साड़ी वाली भाभी को क्या लग रही थी बे कसम से बड़ा कसा हुआ माल है यार अजय

वीर इसका नाम अजय है गमंडी साला

तभी अजय कहता है - " हा यार बहुत कसा हुआ है अबे वो साक्षी है राज की बहन बहुत कसा हुआ माल है टाइट सी लोड़ा पूरा खड़ा कर देती है

इतना सुन कर वीर का खून खोल जाता है और उन दोनो की तरफ आगे बढ़ता है तभी उसको याद आता है

साक्षी ने उससे कहा था कुछ भी उल्टा सीधा मत करना

वीर लकड़ी ले कर रसोई में दे देता है और कहता है ये लीजिए

इतना सुन कर अनु कहती है ठीक है रखो और जाओ

वीर वहा से छत पर निकल जाता है और पानी डालने लगता है तभी वो देखता है साक्षी और अजय बात कर रहा थे।

अजय - आप ऐसे अकेला मत रहा करिए लड़कियां अकेला अच्छी नी लगती

साक्षी कोई रिस्पांस नी देती और चुप चाप वीर को देखती है जो सफाई करते हुए चुपके से साक्षी को देख रहा था तभी उसकी नज़र साक्षी पर पड़ जाती है और साक्षी उसको देख लेती है और वो समझ जाती है की वीर को जलन हो रही है तभी वो कहती है हा सही कहा इसलिए तो तुम्हारे पास बैठी हूं

इतना सुन कर वीर अपना उदास हो कर काम करने लगता है और वो दोनो बहुत बात करने लगता है और फिर वीर वहा से जाने लगता है।

तभी उसकी आंखो मैं आसू देख कर साक्षी भी उदास हो जाती है और साक्षी को उदास देख कर अजय बोलता है क्या हुआ सब ठीक है?

तब तक वीर चला गया था और साक्षी खड़ी हस रही थी बच्चू तड़पो जरा मेरे लिए

तभी साक्षी के पास अजय आ कर खड़ा हो जाता है

साक्षी कहती है अपनी हद क्रॉस करने की कोशिश करोगे तो हाल मौत से भी बुरा होगा समझे

इधर वीर को रात का खाना नसीब होता है तो वो खुशी से उछल पड़ता है कब से भूख लगी थी उसको और अब वो खाना मुंह में डाला तो तड़प उठा 2 रोटी और नमक और पानी लेकिन वीर के लिया इतना ही काफी था।

इसी तरफ कई दिन गुजर जाते है और वीर साक्षी और अजय को करीब आता और बात करता देखता और उन दोनो को बात करता देख सभी हस्ते खुश होते

एक दिन रात का टाइम था और वीर पूरे घर का काम कर के थक गया था तभी उसकी नज़र उसकी वाइफ पर पड़ती है साक्षी जो किनारे खड़ी हो कर हस रही थी और अनु से बात कर रही थी और आपने बाल को स्वार रही थी



वीर जब नही रह पाया तो वो साक्षी को पीछे से उसकी पीठ को छू लेता है जो धूद जैसी गोरी थी और इतना देख कर अजय पूरा गुस्सा हो जाता है और वीर को दक्का दे कर मारने लगता है

अजय - मेडरचो द तूने उसको हाथ भी कैसे लगाया तेरी इतनी औकात हो गई मदर चोद

अजय वीर पर लात और गुस्सा बरसाए जा रहा था और वीर चुप चाप जमीन पर लेता मार खा रहा था

साक्षी ये देख कर अजीब नज़रों से सब देख रही थी तभी सब आ कर मेहमान और राज सब वीर को बचते है

रोहित - माफी मांग

वीर - माफ कर दीजिए गा मेम साब सर माफ कर दीजिए

अजय फिर आगे बड़ता है तभी साक्षी उसको पकड़ लेती है और कहती है बस करो अब

और वीर चुप चाप तबेला मैं जा कर लेट जाता है जमीन मैं

और वीर के पास आज अनु खाना ले कर आती है और कहती है क्यों ये सब कर रहे हो वापिस शहर चले जाओ

और चली जाती है और इधर सब अजय को समझा रहे थे और तभी साक्षी बिलकुल चुप चाप बस बैठी हुई थी और आज उसके सामने उसके प्यार को मारा गया और वो चुप चाप बस बेबस और लाचार हो कर देख रही थी

तभी राखी और तनु आती है नीचे उनको देख कर सब की आंख बड़ी हो जाती है और तनु सीधे भागते हुए वीर की तरफ चली जाती है

उदय भान - होश में हो तनु कहा जा रही हो

तनु - अपने पति के पास और अगर किसी मैं हिम्मत है तो रोक के दिखाओ

इतना कह कर तनु वीर के तबेले में झांकती है जो बहुत प्यार से देख रही थी उसकी आंखो मैं जो था वो बस दर्द था



और वो देखती है की वीर दर्द से कहार रहा है

वीर देखता है की एक औरत उसको घूर रही है जो लगभग साक्षी के हम उमर ही थी वो वीर के पास आती है

और उसके हाथों को थाम कर चोट पर दवा लगाने लगती है

वीर - तुम कोन हो

तनु - तुम्हारी पत्नी जिसको तुमने कभी अपना नही समझा मैं बस तुम्हारी मदद करने आई हूं फिर चली जाऊंगी

वीर - तुम मेरी हो

तनु उसको घूर कर देखती है फिर इग्नोर कर के खाना ले कर चली जाती है

और तनु उसको गुस्सा मैं कहती है अपनी सकल भी मुझे मत दिखाना और गुस्सा मैं चली जाती है

और वो सीधा खाना साक्षी की तरफ फेक कर कहती है ये देख क्या खिलाया जा रहा अब तो कुछ शर्म कर ले उसकी गलती क्या थी की नही रह पाया तुम्हारे बिना

वही ये सब वीर देख रहा था

इतने में अजय कहता है तुम होती कोन हो ये बोलने वाली

इतना मैं तनु उसको इतना जोर से थापड़ मरती है की उसका मुंह हिल जाता है सुन बे लोडू चांद अगर साक्षी के पास भी दिखा ना तू अब तो जनाजा जवानी में उठा दूंगी समझा

अजय की गांड़ फट गई ये देख कर और वो साक्षी का हाथ पकड़ लिया

इतना मैं साक्षी उसको एक और जोरदार थप्पड़ दे देती है जो इस बात का सबूत था की साक्षी वीर की वाइफ है

तनु- डायन इतना ही है तो पहले स्टैंड लेती ना तब तो गांड़ में दम नहीं था तुम्हारे

साक्षी - तू क्यों नही आई फिर बचाने मैं तो डरती हूं तू बचा लेती ना तुझे तो सकल देखनी भी नी पसंद थी ना भोसड़ा चोदी

वही वीर इतनी सारी गालिया सुन कर डर रहा था बहुत ज्यादा उसकी गांड़ फटी पड़ी थी उसको ये तो कन्फर्म था की तनु के साथ भी कोई कांड उसके बाप ने किया है लेकीन तभी उसकी नज़र दोनो पत्नियों की गांड़ पर पड़ती है दोनो एकदम कसे हुए माल था ऊपर से भाभियों वाली उमर मैं थी दोनो





तभी अनु ये देख लेती है और उसको लड़ाई चुप कराने का आइडिया दिमाग में आया और वो दोनो के बीच आती है और कहती है

"तनु दीदी और साक्षी दीदी आप दोनो लड़ाई छोड़ जरा कही और भी तो देखिए "

जैसे ही तनु और साक्षी ने वीर की नजर का पीछा किया तो पाया वो उनकी गांड़ घूर रहा है

तो दोनो का खून जल जाता है

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To be continued.....jaisa ki update main pad liya tanu aur sakshi Dono wife hai lekin ek cheez aur dono nafrat krti hai veer se
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aur abhi last main veer ne jo harkat ki uski wagah se wo abhi bhi pitne waala hai.....and yarr ye copy paste story ni hai guyss toh update likne main time lagta hai.... keep supporting aur like pel dena.... Aur next update main flashback story chalegii dono shaadiyon ki.... Reply time milte hi dunga sab ko subah...
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Ek update aur lik liya hai but wo saam tk dunga
 
Update 5

दोनों वीर की नजर का पीछा करती है तो पाती है की वो उन दोनो की गांड़ देख रहा हैं

दोनो का खून जल जाता है और दोनो एक दूसरे को देखती है किसी तरह गुस्सा कंट्रोल करती है

तभी सूर्य भान और उदय भान गुस्सा मैं नीचे आते है और तनु से कहता है क्या नाटक लगा रख है ये

तनु - देखो मामा आपकी बेटी की शादी है तो चैन से हो जाने दो वर्ना मैं आपकी जिंदगी का सत्यानाश कर दूंगी

राखी - बस बहुत हो गया अब। तू क्या चाहती है तनु मैं खुश ना रहूं,वैसे भी तुम वीर से बात नी करती तूने इसे कभी अपना नी समझा , फिर आज तुझे मौका मिल रहा है सब से छुटकारा पाने का तो ये सब क्यों कर रही है तू

तनु - पति है वो मेरा उसको, मैं मारू पीटू बहस करू ये मेरा हक है आज वो सीधा हो गया सुधर गया तो आप उसके साथ नौकर जैसा बिहेव कर रहा है

तनु - वो आज खुशी से रह रहा है साथ रहने चाह रहा है तो ऐसा कर रहे हो अगर वो पहले जैसा हो गया तो आप सब की हिम्मत हैं क्या उसको छुने की

सूर्यभान - जबान को लगाम दे तनु वर्ना जबान बहार निकल दी जाएगी

तनु - हा हा हा हा गिरा हुआ इंसान धमकी किसी और को देना

उदय भान - निकल जा मेरे घर से इसके पहले की में धक्के मार कर भागा दूं आज के बाद अपनी घटिया सकल मत दिखा देना

राखी - भैया मेरी बेटी को माफ कर दो वो इतनी रात कहा जाएगी कैसे आज रात को उसको रहने दो

तनु - मुझे भी कोई शौक नी है तेरा इस घर में रहने का

तनु वहा से निकल जाती है और राखी चिलाते हुआ उसको रोकने लगती है तब तक तनु चली जाती है

वीर ये सब बहुत चुप चाप देख रहा था और उसको ये तो समझ आ गया था की तनु उसके लिए लड़ रही थी और आज इतनी रात वो उसके लिया घर छोड़ कर चली गई

तभी वीर भी बाहर जाने लगता है और तभी उदय भान बोलता है तुम कहा जा रहा हो और

वीर - जब मेरी पत्नी को ही घर से निकाल दिया गया तो मेरा भी क्या काम

साक्षी भी इसके पीछे जाने लगती है और तभी उदय भान और राज उसको बोलते है क्या हुआ साक्षी किधर जा रहा हो

साक्षी - आप माने या ना माने लेकिन ये दोनो मेरी फैमिली है और वीर अब बदल चुका है और जहा मेरा परिवार नही रहेगा वहा मेरा भी रहना ठीक नही होगा

और वीर और साक्षी तनु के पीछे पीछे चलने लगता है

तभी ये बात तनु नोटिस करती है और चिल्लाते हुए कहती है मेरे पीछे पीछे क्यों आ रहा हो

साक्षी - तो कहा जाए हम दोनो

तनु - घर वापिस जाओ अपने मेरे साथ मत आओ जो मर्जी करो लेकिन मेरे साथ मत आओ

वीर - मुझे तुम्हारे साथ रहना है

तनु इतनी रात को बहस करना ठीक नी समझी और चुप चाप चलती रही

तभी वीर पलट कर देखता है तो उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है वो देखता है की साक्षी आज
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पीली कलर की साड़ी पहने हुए थी



तभी वीर ने साक्षी का हाथ पकड़ने के लिया आगे बड़ता है लेकिन साक्षी उसी टाइम पीछे हट जाती है क्युकी उसको किसी की आवाज आती है तभी उसका हाथ सीधा तनु की गांड़ पर लग जाता है

*Chaataaaaaak*

फिर आवाज गूंजी और ये आवाज सुन कर साक्षी हस्ते हुए गिर पड़ी

साक्षी इतनी हसी की वो जमीन पर लेट गई हस्ते हस्ते

तभी वीर चुप चाप मुंह बना लेता है और तभी साक्षी कहती है " वीर सॉरी वो मुझे किसी की आवाज आ गई थी इसलिए मैं पीछे हट गई "

तभी तनु कुछ कहने वाली थी लेकिन एक आवाज उन सब के कानो मैं पड़ती है

मां लूटो ना लूटो ना

वीर पलट कर देखता है तो लड़की जो सही से बोल नी पा रही थी वो उन सब के पास दौड़ते हुए आ रही थी

तनु दौड़ते हुए उसके पास जाती है उसको अपने से चिपका लेती है

तनु - मेरी बच्ची तू बाहर क्यों आई हा तुझे कहा था ना चुप चाप ऊपर रहो

तभी वो बच्ची कहती है मां मे में लेटी थी लेकीन फिर मैं

साक्षी - ये कब हुआ साक्षी

तनु - मेरी बेटी के सामने कुछ मत बोलो मैं बाद मैं सब बताऊंगी मैने इसको बहुत प्यार से पाला है

वीर - ये मेरी बेटी है?

तनु उसको घूरती है और वीर चुप चाप साक्षी के पीछे खड़ा हो जाता है

साक्षी - हा तुम्हारी बेटी

तभी वो दोनो लड़के अजय और रोहित इधर आते है और कहते है आप दोनो को राज ने बुलाया है चलो

अजय - चलो साक्षी ये बच्चो जैसी जिद छोड़ दो

अजय ने साक्षी को इतने हक से कहा था की अभी तक वीर जो साक्षी के पीछे खड़ा था उसके कंधे पर हाथ रख कर वो पीछे हट गया

तभी साक्षी के दिल में दर्द होने लगा और इसके पहले की वीर अपना हाथ उसके ऊपर से हटा पता साक्षी ने उसका हाथ पकड़कर अपनी कमर पर बांध दिया

तनु - तुझे एक बार मैं समझ नी आता क्या हा

साक्षी अजय को घूर कर देखती है और कहती है क्या बोला जरा फिर से बोल तो

रोहित - भाई चल यहाँ से वर्ना लेने के देने पड़ जाएंगे

अजय और रोहित वहा से भाग जाते है

अजय - ये वीर का बच्चा कहा से आ गया बे

रोहित - भाई कुछ भी कहो बड़ा कड़क माल है यार दोनो साक्षी और तनु दोनो इतना कसा हुआ माल हाए

अजय - अबे गांदू दोनो एक से बडकर एक गुस्सा वाली दूर रह वर्ना जिंदा खा जाएगी

रोहित - अब समझा मैं

अजय - क्या

रोहित - यही की वो तुझेसे वीर को जलाने के लिए बात कर रही थी ही ही ही ही

वही वीर अब चुपके से तनु को देखता है उसके चूचे उसकी गांड़ सब उभार देख कर उसकी सास थम जा रही थी

तभी वो बच्ची कहती है आप मेरी मम्मी को क्यों घूर रहा हो ऐसे हा

और उसकी ऐसे टूटी हुई आवाज सुन कर साक्षी फिर हसने लगती है और उसको कहती है मम्मी से पूछो

बच्ची - मम्मी ये कोन है जिसके लिए आप इतना लड़ रही थी

वीर को उसकी मीठी मीठी तुतराने वाली आवाज बहुत प्यारी लग रही थी वो थी ही इतनी प्यारी

तभी तनु कहती है ये तुम्हारे पापा है काव्या

काव्या - आप आते तू नी

साक्षी - हस्ते हुए कहते है सॉरी मोटी

काव्या - मैं आप दोनो से बात नी करूंगी

तभी अनु वहा आती है और कहती है अरे दीदी आप लोग मेरे से क्यो गुस्सा हो मैने क्या बिगाड़ा आप का कम से कम मेरी शादी तो अटेंड कर लो

तभी मधु और बाकी सब भी कहते है वापिस चलो

लेकीन जब राज वीर की तरफ आया तो साक्षी उसके आगे खड़ी हो जाती हैं

राज - जीजा जी आप कहिए ना उन दोनो तो शायद मान जाए

तभी वीर देखता है की काव्या बेचारी को गोद में उठाए उठाए तनु का पूरा हाथ दर्द करने लगा था और साक्षी भी चुप चाप एक पेड़ के पास बैठी हुई थी

वीर - चलो घर

तनु - मुझे नही जाने उस घर जहा मुझे घर से निकाल दिया गया मेरा भी इगो है और तुम होते कोन हो मुझे बोलने वाले

काव्या को अच्छा से पता था तनु का गुस्सा इसलिए वो चुप चाप साक्षी की गोद में बैठी जाती है

वीर - तुम्हारा पति

तनु - मैं नी मानती तुमको अपना पति समझे अपनी साक्षी को उठाओ और चले जाओ

तनु की डाट सुन कर वीर चुप चाप अपना सिर नीचे कर के सुनता रहता है

तभी काप रहे हाथो से उसका हाथ पकड़ लेता है

तनु फिर उठने लगती है और हाथ को छुड़ा कर आगे बड़ती है तभी वीर उसको रोक कर खुद काव्या को उठा लेता है

काव्या - पापा आ अब हम कहा जाएंगे सुनिए मम्मी से ज्यादा बात मत करना मम्मी जब गुस्सा रहे तो बात मत करना

वीर - चॉकलेट खाओगे

काव्या - नही

वीर - क्यो

काव्या - जब मैं चॉकलेट मांगीती हूं ना तो मम्मी बहुत परेशान होती है

तनु - काव्या आवाज ना निकले मुंह से

फिर तनु कहती है चलो अब घर की ओर और तनु और साक्षी आगे जाने लगती है जो बहुत थक गई थी

तभी साक्षी तनु को इशारे करती है

तनु - पहले जब हम दोनो को प्यार की जरूरत थी तब इन्हें घिन आती हम दोनो से अब जब पक्के जवान हो गए हम दोनो तो पता नी कहा का प्यार जाग गया है हरकते देखो कामिने की
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क्या चल रहा है ये

साक्षी - घर पर बात करेंगे

तभी साक्षी और तनु रुक जाती है और वीर तनु और साक्षी से लड़ जाता है उसका ध्यान तो गांड़ पर था

वीर - क्या है रुक क्यों गई

साक्षी - आगे आगे चलो बेटी नही लिए होते तो बताते

वीर जल्दी से आगे ले कर चलने लगा तभी वो दोनो घर के बाहर आते है

तभी वीर वही गेट पर रुक जाता है जहा इस बार उसको इस जगह पर जाना नही चाहता था वही उसको रुका हुआ देख कर साक्षी आ जाती हैं

और उसका हाथ पकड़ लेती है

साक्षी - चलो

सब घर के अंदर आ जाते है और साक्षी को देख कर सब खुश हो जाते है

राज - चाची देखो दीदी आ गई

उदय भान और सूर्य भान भी आ गए और कड़क आवाज़ में कहते है आ गए ना सब

साक्षी - हा और यहां पे वापिस आना हमारी सबसे बड़ी गलती थी

राखी साक्षी को पकड़ कर ऊपर ले जाने लगती है तभी

वीर को देख कर उदयभान कहता है जा अपनी सही जगह पर तबेले पर

वीर कुछ कहता उसके पहले तनु वापिस आती है और साक्षी को इशारे करती है कुछ

साक्षी काव्या को लेंकर ऊपर चली जाती है और तनु वीर का हाथ पकड़ कर ऊपर ले जाने लगती है और पलट कर कहती है

"हमारे पति के सामने आवाज और औकात दोनो नीचे"

तभी अनु कहती है पापा बस कीजिए अगर दीदी जीजू के साथ खुश है तो दिक्कत क्या है

अब उदय भान को कुछ बोलना सही नही लगा लेकिन वो हस्ते हुए कहता हैं ठीक है जाओ

और इधर वो तीनो ऊपर जाने लगते है और तनु देखती है की अजय और रोहित उदय भान से बात कर रहे है

फिर वो सब ऊपर आ जाते है जहा घर का एक हिस्सा था ऊपर

राखी उन सब को छोड़ कर नीचे जाने लगी क्युकी वो नीचे ही सोती थी

वीर देखता है घर का ये हिस्सा

काव्या - ही ही ही ये हमारा नन्हा सा घर है 1 कमरा है एक रसोई है और छोटा सा छत

वीर अब छत को देखता है जो दिखने मैं तो छोटी सी है लेकिन पेड़ की छाव आ रही थीं और बहुत प्यारा लग रहा था

तभी वीर को आवाज आती है बहस की जो बहुत जोर से लड़ रही थी दोनो

वीर - दो दो शादियों के बाद का सुकून हू

इधर रूम में

साक्षी - तो तू कोनसा अच्छी है डायन है डायन खून चूसने वाली

तनु - मैने बोला ना बेड पर में सोऊंगी तुम जमीन पर

साक्षी - मैं सोऊंगी बोली ना समझ नही आता क्या काव्या के साथ

तनु - मुझे नी सोना जमीन पर

तभी वीर रूम में जाता है और जमीन पर बिस्तर रखा हुआ था वो उठाया और ले कर काव्या के पास आता है और छत के कोने जहा पेड़ की छाव भी आ रही थी वही पर बिस्तर सजा दिया

और चुप चाप बैठ गया

तभी काव्या कूदती हुई आती है अरे वाह क्या मस्त लग रहा है ही ही ही ही

तनु - देख मुझसे बहस मत करों

तभी साक्षी और तनु बाहर आते है तो देखते है वीर काव्या को जकड़ कर सोया हुआ है

साक्षी - तेरी वजह से वो दोनों भूखे सोए

तनु - कामिनी

साक्षी - हट

तनु - ये सो रहा है इसलिए सुकून हैं वर्ना जाग रहा होता तो एक बवाल ही हैं तुझे गुस्सा नही आतीं

साक्षी - क्या करू हा उसको बोल दूं की अपनी वाइफ को क्यों घूर रहे हों हा

तनु बस साक्षी को देखती है

साक्षी - एक तो हम दोनो का ये कसा हुआ बदन दिन भर घूरता रहता है लेकिन ठीक है कम से कम मैं खुश हो इस वीर से

तनु - वैसे ये वीर इतना भी बुरा नही है डाट खाता रहता है डरता भी है हम दोनो से शायद हम दोनो इसकी इन्ही सब बातों से जीना सीख जाए

साक्षी - हा लेकिन मुझे तो मजा आता है इतने दिन से साथ हूं पीछे पीछे लगा रहता है

तनु - मैं नी जानती कुछ ना ही जानना चाहती हूं

साक्षी - मुस्कील है हमारे लिए आगे बढ़ना लेकिन जैसी इसकी हरकते रहती है ना वो देख कर हसी आ जाती है

तनु - हा वो तो देख रही हूं मैं, शर्म तो है नी बेटी के सामने ऐसे घूर रहे था

साक्षी -
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तू अभी ही परेशान हो गई अभी तो शुरुआत है

तनु - मतलब

साक्षी - कुछ नही

तनु - क्या है बता ना

साक्षी - वैसे इसके साथ रहने से भले ही ये चाहे जैसा हो लेकिन अच्छा लगता है कम से कम कोशिश कर रहा है

तनु - कोशिश, मुझे मेरी बेटी की खुशी के आगे सब फीका नजर आ रहा, वो इसके आने से खुश है

साक्षी - हा

तनु - वैसे भी में कुछ नही जानती लेकिन इतना जानती हूं अब अकेला जीना सीख गई इसलिए मैं अब नही मतलब रखना नही चाहती लेकिन मेरी बेटी को में अकेला नी देख सकती थी

साक्षी - बड़ी टाइट हो गई है तू तो

तनु - तेरी हरकते कब ठीक होंगी

साक्षी - सुन जरा ब्रा छुपा कर रखना

तनु - ठीक है समझ गई वैसे इसकी हरकते देख कर समझ नी आता गुस्सा हूं या हसू

साक्षी - मैं चली सोने तू भी चल साथ

तनु और साक्षी उसके अगल बगल लेट जाती है

इधर लेट लेटे साक्षी कहती है तनु

तनु - हा

साक्षी - इसने साबित कर दिया की हम दोनो से प्यार करता है साथ रहना नही बल्कि हमारा साथ चाहता है

तनु - हा इसीलिए दिया है एक मौका जीते ले हमारा दिल तोड़ दे हम दोनो की बेरुखी अगर इतना ही है तो हम एहसाह दिलाए प्यार का अभी तक इसने फैमिली का विश्वास जीता हमारा नही

साक्षी - ऐसे नही तनु हमारे साथ इसने जिस लड़की के लिए ये सब किया इस लड़की के सामने हमारे आगे पीछे घूमे याद है ना उस लड़की के सामने हमारी इज्जत करे उसको भी पता चले की हम अब इसकी वाइफ है हमारा राज चलता है वीर पर

तनु - कल तैयार रहना वो वापिस आ रही है और देखना कल वीर चला जाएगा तेरा सारा घमंड टूट जाएगा

साक्षी - ठीक है लेकिन वादा कर तू अगर वीर हम दोनो को चुनता है तुझे हमारे साथ रहना पड़ेगा शहर चलना है पड़ेगा वीर को एक मौका देना पड़ेगा

तनु - सपने मत देख वीर कभी नही चुनेगा हमे लेकिन वादा करती हूं अगर वीर ने हमारे लिए कल लड़ा हमरा साथ के लिए उसका सामना किया तो मैं उसको एक मौका दूंगी साथ तो रहूंगी ये वादा किया लेकिन उसको हमारा दिल जीतना पड़ेगा

साक्षी - वो तो हैं साथ रहेंगे अब ये इसकी प्रोब्लम है कब जीत पाए हमारा दिल लेकिन हमारा साथ चाहता है हमारे साथ रहना चाहता है तो कल साबित करे

इधर एक रूम में उदय भान सूर्य भान अजय और रोहित बैठे थे

अजय - ही ही ही ही ही कल वो आ रहीं है अब तो वीर चला जाएगा और नही जाएगा तो उसको जाना पड़ेगा जबरदस्ती ही ही ही

रोहित - अब तो भाभी तेरी हो जाएंगी
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Guys socha tha long update dunga but badluck but aaj ek aur update dunga..... Umid hai 10 update tak sayad ye arc khtm kar dunga..... Aur bhot se log kah rha purana veer waapis bulaoo toh guyss wo kisi aur arc main aayga.... Like kar dena reply time milte hi kar diya jayga maga dena chahta tha but chodo enjoy....keep supporting........
 
Update 6

साक्षी - वो तो हैं साथ रहेंगे अब ये इसकी प्रोब्लम है कब जीत पाए हमारा दिल लेकिन हमारा साथ चाहता है हमारे साथ रहना चाहता है तो कल साबित करे

इधर एक रूम में उदय भान सूर्य भान अजय और रोहित बैठे थे

अजय - ही ही ही ही ही कल वो आ रहीं है अब तो वीर चला जाएगा और नही जाएगा तो उसको जाना पड़ेगा जबरदस्ती ही ही ही

रोहित - अब तो भाभी तेरी हो जाएंगी

अब आगे

अजय - चल ना ऊपर चल के देखते है क्या कर रही है दोनो

रोहित - नही मुझे मार नही खाना समझा तू । तू अकेला जा कल वो आएगी और वीर को ले कर चली जाएगी फिर तुझ जो करना होगा वो तू करना अभी कुछ भी मत कर...

इधर साक्षी सो चुकी थी लेकिन तनु जागी हुई कुछ पुरानी याद मैं खोई हुई थी

तनु - ही ही ही ही मम्मी तुम टेंशन क्यो लेती हो मेरा पति शादी बाद मुझे यहां से ले जाएगा और बहुत अच्छी जगह रानी की तरह रखेगा देखना फिर तू तेरी बेटी खुश रहेगी रानी की तरह

राखी - बेटा तू रानी की तरह रहे या ना रहे लेकिन तेरे चहरे का जो ये नूर है और हसी है ये बनी रहे

तनु - ही ही ही ही हमेशा मम्मी

राखी - बाकी तू जो ये नाक पर गुस्सा ले कर बैठी रहती है वो छोड़ दे समझी

तनु - खाना दो ना मम्मी भूख लगी है

राखी जा कर छत पर कोने से किचन में देखती है वहा खाने को कुछ नही था

तनु - मुझे भूख नी है मां तू परेशान मत हो

राखी - माफ करना बेटी

लेकिन तब तक राखी जा चुकी थी

सूर्यभान - अरे साक्षी कहा हो बेटा

मधु - गई है बाग अनु के साथ

उदय भान - ये लड़की शहर से आती है तो जमीन पर पाव तो टिकते ही नहीं

साक्षी - रुक अनु की बच्ची तुझे तो मैं बताती हूं

अनु - अरे नही रुको तो

साक्षी - रुक कामिनी

अनु - ही ही ही ही दीदी सुनो तो

तभी एक उड़ता हुआ चप्पल उसने अनु की ओर फेक दिया जो सीधा जा कर तनु को लग जाता है

तनु - कामिनी देख कर नी फेक सकती

साक्षी - ऐसे ही फेक ती हूं मैं तुमको दिक्कत है क्या

तनु - कर्म जली तेरा मुंह ना तोड़ दूं

साक्षी - मैं तेरी गांड़ ना तोड़ दूं वैसे भी फुली हुई है

तनु - हद मैं रहो कुटिया

साक्षी - अरे जा ना बंदरिया

तभी वहा पर एक बाल आ कर लग जाती है साक्षी को

और फिर एक लड़का आता है बाल दे मेरी साक सब्जी

तनु - बाल इधर कैसे आई

लडका - क्या मतलब

तनु - *चाटाआक*

साक्षी जल्दी से तनु के पीछे आ जाती हैं

लडका - बहुत महंगा पड़ेगा मुझे मारना

तनु - रुक तेरी मां की बताती हूं

इतने में वो लड़का भागा गया

2 लडका - क्या है बे बाल क्यो नी लाया

वो लड़का बोलता है - अबे मदर चोद वहा तनु खड़ी थी

2 लड़का - तूने अदब से बात की होगी तनु से

लडका - हा

2 लड़का - अबे वो तनु दी है जितनी प्यारी और सुंदर है उतनी गुस्सैल अगर उनको गुस्सा आ गया तो मतलब फिर दूर रहना का रुक तू मैं बाल ले कर आता हूं

फिर ये लड़का भी डरते डरते आता है

तनु - तुझे क्या चाहिए

लडका - दीदी बाल दे दो ना

तनु - आ पास देती हूं

लडका - नही आप मरोगी दे दो ना दीदी

तनु - ले कर जा बाल अपनी

जैसे ही वो लड़का गया साक्षी बोलती है " डरती क्यो है तू इतना तनु मैं हूं ना डर जाती है बार बार

तनु - हप्प बस मेरे से लड़ती है तू और किसी से मत लड़ियों तू डरपोक

साक्षी - में डरती नही गभरा जाती हूं

तनु - जा दोनो बहन यह से

साक्षी - ये ले केला खा डायन

तनु को भूख लगी थी वो भी खाने लगती है फिर तनु कहती है अब मैं शहर नी जाऊंगी पास मैं कॉलेज है यही बच्चो को पड़ा कर पैसे कमा लूंगी

अनु - दी दी दी आप दोनो के लिए रिश्ता आया है चलो घर जल्दी

इतने में दोनो घर चले जाते है...

और साक्षी और तनु घर आते है तो बहुत भीड़ लगी हुई थी।।

दोनो का रिश्ता तय हो चुका था वैसे तो दोनो छोटी थी लेकिन बाप पुराने खयाल का था ।

तनु - मेरी शादी किसने तय की और क्यो

उदय भान - देख तू शादी के लिए हा कर दे राखी का ध्यान और खाना पीना हम लोग देख लेंगे

तनु के पास फिर कोई ऑप्शन नहीं बचता तो वो हा कर देती है

इधर वीर एक घर में बैठा था

रमेश - क्या यार मां मुझे नी करनी शादी समझती क्यो नही तू

रमेश - कुछ कर ना वीर यार तू

वीर - अबे मैं क्या करू लोडू मैं जा रहा घूमने मेरी प्रेमिका ने बुलाया

रमेश - सही से जाना ये गांव है यहां लोग पीट देते है

वीर निकल पड़ता है बाग की तरह जहा पर पेड़ के नीचे वो लड़की बैठी इंतजार कर रही थी

वीर - सॉरी लेट हो गया मैं

अंजली - अरे लेट नही हुआ आप आ गए हम दासी के पास ये बहुत है ना

वीर - ही ही ही एक गुड न्यूज़ हम दोनो शादी करने जा रहे है

वीर कुछ और कहता तभी कुछ लोग आ गए वीर को ले कर चले गए

वीर - छोड़ दीजिए मुझे कहा ले कर जा रहे हो आप मुझे

तभी वीर देखता है ये कोई और नही सूर्य भान होता है

सूर्य भान - अरे लड़के तू रमेश का दोस्त हैं ना शहर का पड़ा लिखा

वीर - हा

सूर्य भान - अब तेरी शादी होगी साक्षी और तनु से क्योकी तेरे दोस्त रमेश और राजेश जिससे शादी होनी थी वो भाग गया

वीर - मुझे नी करनी शादी मेरी शादी मेरी प्रेमिका अंजली से करनी है समझे गवार

तभी वहा पर उदय भान आता है और कहता है "अंजली का बाप तो जमीदार है ना अरे सूर्य जरा बता उसको की उसकी बेटी क्या कर रही है "

देखते ही देखते वीर की दुनिया बिगड़ गई और उसकी बचपन की दोस्त उसकी प्रेमिका अब जा चुकी थी उससे दूर
जमीदार ने बहुत मारा उसको और भेज दिया अमेरिका पढ़ाई करने ।

अंजली - आप बहुत गलत कर रहे है पापा उसका दुनिया में कोई नही है मेरे सिवा

जमीदार - ठीक है तुझे उसके साथ रहना हैं ना जा यह से उसके पास लेकिन याद रहे तुझे हमारे हिस्सा का एक नवा कुछ नही मिलेगा और बदले में तेरे इस आशिक को में बहुत बुरी मौत दूंगा

अंजली - आप मेरे किया का उसे क्यों दे रहे है

जमीदार - ठीक है फिर तुझे यह से जाना पड़ेगा मुझे माफ कर देना बच्ची मैं एक ऐसे दल दल में फस गया हूं जहा पर मैं लाचार हूं ! तनु तेरी बहन है सगी छोटी बहन

फिर अंजली ना चाहते हुआ भी अमेरिका के लिए निकल गई लेकिन उसको ये नही पता था की प्रोब्लम खुद उसके पीछे पीछे आएगी

इधर वीर ये सब बात सुन कर टूट गया उसके दिमाग में बस यही चल रहा था बहुत शौक है ना तुझे जबरदस्ती शादी करवाना का अगर तेरी बेटियों को मौत से भी ज्यादा दर्द ना दिया तो मेरा नाम भी वीर नही

और वीर ने ऐसा किया भी उसने साक्षी को सोसाइड करने तक की नौबत लाई और तनु को गरीबी भरा जीवन जीने पर मजबूर किया

वही ये सब तनु लेट लेट सोच रही थी तभी उसने वीर की तरफ देखा जो उसकी बेटी को जकड़ कर सोया हुआ था

तभी उसको याद आता है इसके शादी के बाद की बात

तनु और साक्षी की शादी के बाद दोनो रूम में बैठे थे तभी वीर भी आता है।

फिर वीर ने साक्षी के साथ जो सुलूह किया उस रात की तनु दंग रह गई

और साक्षी रोते हुए बस इतना पूछ रही थी आप मेरे साथ ऐसा क्यू कर रहे है मैना क्या बिगाड़ा है आप का

वीर - तू मेरी कुछ नही है याद रखना

वीर ने उसके साथ ऐसा ऐसा सुलुह किया की अब साक्षी हंसना मस्ती करना भूल गई।

लेकिन वीर तनु के साथ ऐसा कुछ नही कर सकता था लेकिन तनु के साथ उसने बदला 5 साल पहले लिया तनु को नींद की होली मिला कर जिसके रूप में उसे काव्या मिली।

तभी साक्षी नींद में कांपने लगती है और तनु का ध्यान साक्षी पर आता है और वो भी फिर सो जाती है

तभी वीर की नजर खुलती है तो वो देखता है की साक्षी कपकपा रही थी क्यो छत पर ठंड लगती है तो वो काव्या को साक्षी को दे देता है

और साक्षी काव्या को अपने सीने से लगा लेती है जिससे उसका कापना बंद हो गया लेकिन अब वीर को नींद नही आ रही थी एक तो उसके बगल साक्षी और तनु लेती थी एक से बढ़कर एक कसा हुआ माल

तभी वीर चुप चाप सो जाता है लेकिन उसको उलझन हो रही थी वो थोड़ा घूमने का फैसला करता है।

जैसे ही वीर उठने की कोशिश करता है वो देखता है तनु उसको घूर रही होती हैं

वीर तुरंत लेट जाता है और सो जाता है

वीर - हद है मैं अब उठ भी नी सकता

वीर भी चुप चाप सो जाता है और जब सुबह होती है तो वीर सो रहा होता है

तनु और साक्षी उठ जाती है

इधर नीचे भी सभी उठ गया था

अनु - भाभी अच्छा हुआ ना दीदी आ गई अब शादी अटैंड कर के जाएंगी

निधि - बनो अच्छा तो शादी बाद होगा

अनु - क्यो

निधि - पागल शादी बाद ही तो होगा आआअह आह धीरे दर्द हो रहा आह ओह येसस्सस फक्ककक

अनु - मुझे नी बात करनी आप से हटिए

तभी उनकी बात के बीच उनको आवाज आती है

कामिनी ये तेरी करतूत है

तनु - मेरी करतूत है मैं तो गई बर्तन धोने सुबह सुबह तूने किच किच की

साक्षी - बड़ी आई तू तो धुद की धुली है ना जैसे मैं टी बनूंगी तू खाना

तनु - फिर रात को तू बनाएगी खाना

अनु - भाभी सुबह हो गई

निधि -
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ये दोनो जितनी सुंदर उतनी बवाल दोनो हंसना भूल गई लेकिन लड़ना नही भूली

वही ये सुबह की लड़ाई सुन कर जब वीर उठता है तो वो देखता है सामने तनु बैठी थीं

तनु उसको तिरछी नजर से देखती है

तभी वीर की बिल्ली उठ जाती है और वो कहती गुड मॉर्निंग पपाआ

उसकी बात सुन कर साक्षी को चाय बना रही थी वो हस देती है

वीर - गुड मॉर्निंग बिल्ली

काव्या - ही ही ही ही फिर वो वीर के गले लग कर तनु की ओर भाग जाती है

तनु - मेरी बच्ची गुड मॉर्निंग umaaah
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फिर काव्या साक्षी के पास चली जाती है और काव्या के जाते ही वीर तनु के पास जाता है

तनु इतनी ज्यादा सुंदर लग रही थी की उसको मन कर रहा था उसको जकड़ ले

तनु - क्या है

वीर उसकी बात सुन कर भाग जाता है किचन मैं

वीर किचन में जाता है जहा साक्षी बैठी थी वो उसके पास आ कर उसको देखता है

साक्षी - गुड मॉर्निंग

वीर - गुड मॉर्निंग काव्या कहा पर है

साक्षी - गई है फ्रेश होने तुम भी फ्रेश हो लो

वीर - मैने कुछ गडबड नही किया ना देखो तुमने कहा था गांव में कुछ मत करना

साक्षी - हा तुमने कुछ नही किया , अच्छा किया अब मैं चाय बना रही हूं तुम जाओ ब्रश करो और जो तुम सोच रहे हो वो दिमाग से निकल दो ठरकी

वीर - तुम और तनु मुझे नी छोड़ोगी ना अब

तनु - आज पता चल जाएगा तुमको

तभी घर के बाहर एक ऑडी कार आ कर रुकती है जिसमें से एक लड़का और एक लड़की बाहर आते है

लडका - मेरे भाई वीर हम आ गए चल बाहर

वीर शोर सुन कर बाहर आता है और देखता है सामने एक लेडी और एक लड़का खड़ा था

वीर - कोन

लडकी - अपनी अंजली को भूल गए तुम तो हा

रमेश - भाई तू भी ना यार बहुत फनी है बदला नही जरा भी

रमेश - हमने तुझे जितना जलील करने को कहा उतना जलील किया आखिर तूने अपनी दोनो वाइफ को हा

अंजली - छोड़ो ये बात अब हम आ गए चलो अब चलते हैं यहां से दूर अपनी प्यार की दुनिया में

वीर - मेरी दुनिया ऊपर छत पर खेल रही है और बाकी दोनो खाना बना रही है तुम लौट जाओ अपनी दुनिया में

अंजली - तुम ये क्या कह रहे हो हा
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वीर होश में आओ तुम्हारे सामने मैं हूं अंजली तुमरी अंजली जिसने तुम्हरा हमेसा साथ दिया या है ना मेरे कहने पर तुम क्या क्या करता थे

वीर - निकल जाओ यहा से

तभी रमेश उसको पकड़ लेता है और कहता है भोसडी के लन्ड सी सकल के तेरा दिमाग काम नही कर रहा है क्या

अंजली - होश में रहो समझे रमेश

तभी वीर आगे आने लगता है तो अंजली उसको पकड़ लेती हैं कहती है क्या तुम मुझसे प्यार नी करते हा

इतना मैं रमेश उसको थप्पड़ मार देता है और कहता है तू अंदर जा अंजली इसे मैं समझा दूंगा

रमेश - साले जिस थाली में खायगा उसी मैं छेद करेगा हा तुझे याद है तूने क्या क्या किया अंजली के लिया हां

रमेश - साले तू गाटिया इंसान किसी भी लड़की के लायक नही है चुप चाप चलता है अंजली के साथ या दूसरा रास्ता अपना पड़ेगा हमे

वीर - गिरा हुआ तो तू है साले उससे भी गिरी हुई है ये लड़की अंजली मुझे केवल मेरी फैमिली से मतलब है बस

रमेश - तू किसी का नही हो सकता बे, चोट ने तुझे मर्द से छक्का बना दिया। आज तुझे वो मिल रही है तो इतनी सान पट्टी कर रहा है। अबे इतना ही प्यार था तो तूने तनु के साथ क्या किया पाता है ना नींद मैं, जिसका नतीजा है काव्या और उसको भीख मांगने पर मजबूर किया

रमेश - साक्षी के साथ याद है हर दिन उसको मारता पीट देते क्युकी वो सीधी थी तू प्यार के लायक नही है साले तुझे कदर नही है किसी इंसान की

रमेश - कहा है तेरी पत्नी जिसके लिए इतना बोल रहा है तू तुझे उनसे इतना ही प्यार हैं क्यों किया उनके साथ ऐसा सुलह

वीर - तू कोन होता है पूछने वाला तेरा साथ क्यो आई अंजली! और मैं नही जानता निकालो यह से में किसी के लायक नही हूं तो निकालो इतने साल से नही आए तो अब भी मत आओ।

रमेश - इतना ही गमंड है अपनी सुन्दरता पर रुक इसको ही छीन लेता हु

इतने में रमेश गरम पानी उठा लेता है और कोई कुछ बोलता उसके पहले रमेश पानी वीर के ऊपर फेक देता है

वही ये सब ऊपर से साक्षी और तनु देख रही थी और पीछे से काव्या ये सब देख रही थी

काव्या - पापा

तभी तनु काव्या को अंदर भेज देती है और चुप चाप वो दोनो नीचे आने लगती है

जिनको देख कर रमेश कहता है तुम दोनो devoce के कागज साइन करो और जाओ

साक्षी - पानी क्यो फेका

रमेश - तुम मेरी पत्नी होने वाली थी याद है ना devoce दे दो फिर मैं तुमको अपना बना लूंगा तनु राण्ड

इतना मैं रमेश को अपने चहरे मैं गरम पानी फील हुआ रमेश - आह किसने किया ये मदर चोद

इतना मैं रमेश को एक बार और गर्म पानी फील हुआ जिसको किसी और ने नहीं अंजली ने फेका था

अंजली - वो रांड़ नही है समझे राड तेरी मां थी जो मेरे बाप के साथ सोने आई थी मेरी बहन के पाव के धूल जितनी भी नही है वो समझी

इतना कांड हो रहा था तभी वीर का दिमाग ब्लास्ट हो गया (बहन चोद हो क्या रहा है ये कोई कुछ बोल रहा कोई कुछ, मैं रीडर का दिमाग चोद के बराबर कर दूंगा )

वही ये सुन कर तनु राखी को देखती हैं

राखी मुंह छिपा कर चुप चाप बैठ गई

तनु - शर्म नही आई ना मेरी जिंदगी बर्बाद करने में

अंजली - नही आई। क्यो आएगी मेरा पास एक ही ऑप्शन थे तुम सब की शादी करा दूं और खुद चली जाऊ तो मैने ऐसा किया लेकिन फिर रमेश भी अमेरिका आया उसको वहा देख कर मैं शॉक्ड हो गई।

अंजली - फिर रमेश से मुझे पता चला की उसका मां। मेरे बाप की रखैल थी उसने मुझे धमकी दी और ये सब करवाना पर मजबूर किया तो मैने किया

तनु - कैसी धमकी

अंजली - तुम सब की जान की धमकी तो मैं भी लड़की थी क्या करती डर गई, तो को समझ आया वो किया। फिर मेरी इससे डील हुई की में सारी प्रॉपर्टी इसके नाम कर दूंगी बदले में ये तुम्हे आजाद कर दे।

अंजली - लेकिन आधी प्रॉपर्टी तो तुम्हारे नाम पर थी तो इसने वीर से कॉन्टेक्ट करवाया और मुझसे तुम सब को जलील करवाया लेकिन फिर अचानक से वीर का एक्सीडेंट हो गया और वीर ने इसका साथ छोड़ दिया और तुम सब के आगे पीछे घूमने लगा।

रमेश - ही ही ही ही सचाई जान गई लेकिन हमारे प्लान को सक्सेसफुल बनाने वाला तो साक्षी का बाप भी था उसी के वजह से ये सफल हो पाया आखिर इसने ही तो वीर से शादी करवाने का आइडिया दिया क्युकी इसको भी आधी प्रॉपर्टी चाहिए थी हवस में इसको भी घेर लिया था

अनु - भगवान कभी तुझे खुश नही रखेगा रमेश

रमेश - मेरी छोड़ बन्नो तू अपनी देख वीर तो हमारा साथी है उसको सारा प्लान पता था ही ही ही लेकिन तू अपनी देख तेरा बाप तो शादी भी राजेश से करा रहा था लेकिन अब बहुत इंतजार कर लिया

अंजलि - हम तुझे अपना हिस्सा नही देंगे

रमेश ने अपनी बंदूक वीर की तरफ कर दी और बोला मुझे नहीं पता तू कोन है लेकिन इतना जरूर जनता हूं तू वीर तो बिल्कुल नही है

काव्या - पापा को मत मारो मारो पापा

रमेश - तू सब की जान एक ही तोते मैं बस्ती है ना अब तोता ही खतम होगा।

तनु - तुझे हिस्सा चाहिए ना

रमेश - हा

तनु - हम देने को तैयार है।

रमेश - पंडित को बुलाओ और शादी रचाओ तुम आज क्युकी तुमारे बाप ने मरते मरते वसीयत की मां चोद दी थी। तुम्हारे बाप ने वसीयत में लिखा की तुम्हारी प्रॉपर्टी शादी बाद ही तुम्हरे नाम पर होगी।

तभी रमेश बोलता है किस्से शादी करनी है जल्दी करो और तुम्हारी तो हो गई है। अंजली तुम दोनो भी करो और फिर वसीयत पर सिग्नेचर करो और अगर 10 मिनट मैं शादी शुरू नही हुई तो मैं ही ही ही

इधर वीर से मतलब ही नहीं था यह क्या हो रहा है क्या होगा

तभी सूर्यभान साक्षी और तनु के आगे आ कर हाथ फैला देता है और कहता है मुझे माफ कर दो।

पंडित - जल्दी बोलिए किसकी शादी करवानी है

वीर - मैयत करवानी है मेरी

तनु और साक्षी एक दूसरे की तरफ देखती है

साक्षी - डायन देख तूने क्या करवा दिया एक मौका देने की बात हुई थी एक और आ गई

तनु - मुझे तो जैसे सपना आया था ना अरे मुझे क्या पता था ये अलग ही कांड करेगा

तभी साक्षी कहती है तनु

तनु - जा

साक्षी - पल्लू सही करो

तनु आस पास देखती है तो पाती है वीर उसको ही घूर रहा है

तनु - मेरी आधी जिंदगी तो इसने झाट कर दी है इसको ऐसे टाइम पर भी सुकून नही है

तभी जब अंजली की शादी होने जा रही थी तभी अनु बोलती है ये तो गलत है ना सब बहन की शादी एक लड़के से हो रही है

साक्षी - बेटा हो नही रही करनी पड़ रही है सामने देख, अब होने दे वर्ना यही से जनाजा उठ जाएगा

अनु - जब सब बहन एक साथ रहेगी तो मैं अलग क्यो जाऊ। मुझे भी वीर से शादी करनी है वैसे भी पिता जी ने तो मुझे मारना का प्लान बना रखा है

फिर अंजली के बगल अनु भी आ जाती है

रमेश - अब शुरू करो शादी और मैं जायदाद लूं फिर मुझे नही मतलब किसी चीज से

पंडित - जजमान वीर आप आगे क्यो नही बड़ रहे

तभी वीर को याद आता है की उसकी शादी तो हुई ही नहीं है तनु और साक्षी से तो वो कहता है मैं शादी तभी करूंगा जब साक्षी और तनु दोनो शादी करेंगे साथ मैं

रमेश - बहन चोद ये क्या नाटक चला रहा है KBC चल रहा है क्या?

लेकिन फिर साक्षी और तनु आगे आ जाती है और शादी होती है और रमेश प्रॉपर्टी ले कर चला जाता है.....

तभी शादी होने के बाद वीर लंगड़ाते हुए ऊपर जाने लगता है उसका पूरा चहरा लाल हुआ पड़ा था पीट भी जल गई थी।

वीर ऊपर आ कर चुप चाप क्रीम लगाने लगता है तभी तनु और साक्षी आती है जिसको देख कर वीर डर जाता है

तनु - नही छोडूंगी तुमको डरो मत लेकिन मुझे तुमसे प्यार नहीं है जो है वो सिर्फ नफरत है पुराने पास्ट को ले कर तो और है अगर तुम मैं इतनी हिम्मत है तो हमे मना सको तो मना लो...

तभी तनु और साक्षी का ध्यान काव्या पर जाता है तो देखती है तो वो उन दोनो से बात नही कर रही थी उल्टा दूर जा रही थी वो बस वीर की गोद में बैठी क्रीम लगा रही थी।

तनु - क्या हुआ बेटा

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To be continued..... Guys sara past clear ho gya .... Aur isi ke sath intro arc khatam ho gya .... ... Bhot log past past kar rha tha aur sory for delay kyuki main past yhi par khatam karna chahta tha.... Ab thoda romance dek sakta hai aap... And guyss plss like kar dena yarr...pta ni kyu like ni krta aap ...... Agr 20 like aaya aaaj hi toh ek chota hi shi par update aayga ........ review dena na bhula time milte hi reply de dunga thanks [embed]http://ad.a-ads.com/2315437?size=300x250[/embed]
 
Update 7

तभी तनु और साक्षी का ध्यान काव्या पर जाता है तो देखती है तो वो उन दोनो से बात नही कर रही थी उल्टा दूर जा रही थी वो बस वीर की गोद में बैठी क्रीम लगा रही थी।

तनु - क्या हुआ बेटा

अब आगे

साक्षी - बेटा जरा आप नानी के साथ जा कर खेलोगी

तभी ऊपर अंजलि आती है और तनु उससे कहती है अब बोल रण्डी क्या बक रही थी नीचे बंदूक दिखा कर

वही ये सुन कर अनु बेचारी डर जाती है और चुप चाप बैठ जाती है कोने में तभी वो ध्यान देती हैं उसके बगल चुपके से वीर छिपा बैठा है

तभी वो दोनो अपना ध्यान तनु पर लगाते हैं

साक्षी - हम दोनो ने क्या इधर ट्रस्ट चला रखा है कोई भी आएगा और हमारे पति से शादी कर लेगा अब सच सच बता

तभी अंजलि कहती है वाह अकड़ तो देखो तुम दोनो की, तुम दोनो की जिंदगी जहानुम कर दी थी मैंने लेकिन अकड़ नही गई हा।

अंजलि - इस बक्चोद के साथ रहना का मुझे भी कोई शौक नही है समझी लेकिन मुझे मेरी प्रॉपर्टी चाहिए वही लेने आई हूं मैं

साक्षी - कामिनी दिखा दी ना अपनी औकात

अंजलि - हा किया मैने ये सब, रमेश मेरा भाई है हमने ये सब बस पैसे के लिए किया लेकिन वीर की खानदानी प्रॉपर्टी वीर की शादी बाद उसकी पत्नी के नाम हो गई यानी मेरी अब मुझे किसी चीज से नही मतलब

तनु - गंदे खून का नतीजा अच्छा तो कभी हो ही नहीं सकता मुझे यही उम्मीद थी तेरे से

साक्षी - बहस बंद करो तुमको प्रोपर्टी चाहिए थी तो मुझे बताया होता मैं पहले ही दे देती ये इतना लंबा चौड़ा नाटक क्या करना

तभी साक्षी वीर को आवाज लगाती है

वीर आता है साक्षी उससे कहती है इन सब कागज पर सिग्नेचर करो

उसकी बात मान कर वीर चुप चाप कर देता है तभी अंजलि कहती है थैंक्यू umaaah
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अंजलि - अब मैं जाती हूं

तनु - इतनी भी जल्दी क्या है

अंजलि - क्या मतलब

तनु - उसके सामने devoce पेपर रख देती है और कहती है अब इस पर सिग्नेचर करो और फिर तुम्हरा वीर से सारा रिश्ता खत्म

अंजलि हस्ते हुआ सिग्नेचर कर देती है और चली जाती है

साक्षी - साली रण्डी

तनु - अनु का क्या करना है

तभी उन दोनो का ध्यान अनु पर जाता है जिसको किसी बात से मतलब ही नहीं था



साक्षी - इसको तो किसी चीज से मतलब ही नहीं है ये पिक क्लिक कर रही है

तनु - अनु इधर आओ

अनु - हा दीदी

साक्षी - वीर से शादी के लिया हा क्यो की

अनु - क्या करती मैं मेने देख पापा को किसी और के साथ मरने से अच्छा है अपनी बहनों के साथ ही रह लूं

तभी अनु कहती है दीदी आपने अंजली को इतनी तेज तलाक दे कर क्यो भागा दिया और आपको कैसे पता चला

तनु - हाथ में उसके हीरे की रिंग थी और अगर कोई किसी से प्यार करता है तो 17 साल इंतजार नही करता और उनकी नजर वीर की खानदानी जमीन पर थी जो वो लेकर गए।

साक्षी - और भागने के पीछे की वजह हैं काव्या उसके लिए उसके पापा बेस्ट और हम किसी बाहरी को नही आने देंगे जिससे उसका दिल टूटे तू अगर बहन नही होती तो तेरा भी यही हाल करते।।

अनु - मुझे मत चाटो

तनु - इसको रहने का तरीका सिखा दो

साक्षी - समझ जाएगी खुद ही

तभी वीर रूम से बाहर आता है और कहता है क्या हम सब घर चले अब शहर

तनु उसको इग्नोर कर के रूम में चली जाती है खाना बनाने चली जाती है

उसके बाद अनु सोचती है रहने का तरीका मतलब कहना क्या चाहती हैं

तभी वीर को देख कर वो भी उसको अनदेखा कर के चली जाती है

तभी साक्षी उसके पास आ जाती है और कहती है तुम्हारा घर तो अंजली का हो गया और तुम्हारा टूर का बिजनेस भी

तभी वीर ये सुन कर उदास हो जाता है

और अनु साक्षी को भी ले कर चली जाती है

तनु - बता दिया

अनु - हा दीदी ने बता दिया

तभी तनु की नज़र वीर पर पड़ती है जो एक कोने चुप चाप उदास बैठा हुआ था

साक्षी भी उसको देखती है तो उसे अच्छा नही लग रहा था

अनु - आप लोग उसे क्यों देख रही हो सुन नही था क्या अगर वीर पहले जैसा होता ना तो अब तक ये भी हमे छोड़ कर प्रोपर्टी ले कर चला जाता अंजली के साथ, तब ये अंजली का ही राग जपता और ये एक तो पता नही कोन है कोनसा वीर है भले ही ये बदल गया बट रहेगा तो वीर ही।

और ये बात सच भी थी वीर पहले जैसा होता तो बहुत चीज बदल चुकी होती

तभी साक्षी कहती है बस करो अनु बहुत बोल ली तुम्हारा तो पति है ना और जैसा भी है कोई भी है कोसिस तो कर रहा है ना वो साथ पाने की तुम्हारा भी साथ दिया ना उसने इतना ही नफरत है तो उसके नाम का सिंदूर क्यों लगा ली

अब अनु चुप हो गई तभी तनु कहती है जाओ जरा काव्या को बुला कर ले आओ और डरो मत

अनु भाग जाती है जल्दी काव्या को लाने

तभी साक्षी वीर के पास आ कर बैठ जाती है और दूर से उनको तनु भी जाक रही थी

साक्षी - क्या हुआ उदास हो क्यो

तनु - अरे उसी के लिया होगा अंजली के लिए बुला दूं उसको

साक्षी - रुको करती हूं कॉल

वीर बहुत धीरे से कहता है मेरे पास जब 3 वाइफ है तो मुझे उसकी क्या जरूरत

साक्षी - तो क्या बात है

वीर - मैं क्या करूंगा 28 साल का हूं मेरे पास पैसा कमाने का क्या जरिया है मेरा घर सब कुछ तो चला गया

साक्षी - अच्छा ये बात है चलो एक गुड न्यूज़ देती हूं ये जो घर का ये हिस्सा देख रहे हो ये हमारा छोटा सा घर है और उस साइड भी एक रूम बनवा देंगे बाकी रही बात तो पैसे कमा कर फिर आ जाएगा सब

साक्षी - और वैसे तुम्हारी वाइफ भी तो है तुम्हारे पास मैं और तनु भी, नही छोड़ कर जा रहे कही ही ही ही

तनु - नई शुरुवात करो हम भी पुरानी बात छोड़ कर तुमको एक मौका दिए ना क्या ये तुम्हारा घर नही है

वीर अब बहुत खुस हो गया था उसको पहली बार तनु कुछ बोली फिर उसने पता नही क्या सोचा उसने जल्दी से तनु और साक्षी को गले लगा लिया

इससे पहले की साक्षी अलग होती 1 सेकंड बाद एक आवाज आई

• चाटाअक *

वीर के गाल लाल हो गए

साक्षी ये देख कर हसने लगती हैं और हस्ते हस्ते गिर पड़ती है वही छत पर बेचारी लेट जाती है और उसका पेट दुकने लगता है

वही ये हसी की आवाज नीचे तक आती है जो रूम में उदास बैठी निधि सुनती है तो वो भी स्माइल करती है राज और राखी ,उदय और सूर्य, मधु पूरा परिवार वही बैठा था

वही ये सुन कर निधि कहती है चलो अच्छा है ऊपर खुशी का मोहाल है

तभी नीचे हस्ते हुआ भागते हुए अनु आतीं है और वो किसी तरह हसी को रोकती है और देखती है सामने काव्या अकेली बैठी हैं

अनु को देख कर राज कहता है दीदी आप नीचे आओ बैठो ना

तभी उदय भान बोलता है बिटिया

अनु - चलो काव्या ऊपर चलो अपने घर

निधि - ये भी तो तुम्हारा घर है

अनु - मेरा घर ऊपर है चले बेटा

काव्या आ जाती है और ऊपर चली जाते है दोनो

जैसे ही काव्या ऊपर आती हैं वैसे वो देखती है साक्षी ऊपर छत पर पड़ी हस रही थी और रूम में तनु काम कर रही थी लेकिन एक खुश नुमा मोहाल था

तनु मन मैं सोचती है चलो कम से कम ठीक तो हुआ सुबह से नाटक हो रहा था मैं अपनी बेटी को क्या बोलती अगर वीर की शादी हो जाती तो वैसे भी बड़ा आया हम दोनो की ही डाट खाएं मार खाए तभी तनु कहती है मैं क्यों सोचूं रही उसके बारे में

तभी उसको हसी की आवाज़ आती है जिससे वो समझ जाती है की काव्या आ गई

तभी तनु बाहर आतीं है और उसके पीछे पीछे निधि भी आती है

मम्मी ये मौसी ऊपर क्या कर रही है इतनी देर से हमारे घर

साक्षी - बेटा वो ये वो ये ! वो वाली मम्मी से पूछो

तभी निधि हस देती है और तनु से कहती है बताओ

तनु - ये भी तुम्हारी मम्मी है

काव्या - मेरी और कितनी मम्मी है

तनु - बस लास्ट है और कोई नही आएगी पक्का

काव्या - अब कोई नही आएगी ना मुझे नही चाहिए और

तनु - प्रोमिस अब कोई और नही आएगी अब आई तो किसी की जान जाएगी

ये सुन कर वीर डर जाता है और थोड़ा पिछे हो जाता है तभी तनु ये हरकत देख कर थोड़ा स्माइल कर देती है

और साक्षी फिर हसने लगती है और अनु भी हसने लगती है

फिर वीर अनु को देखता है तो वो नोटिस करता है अनु भी बहुत कसा हुआ माल है 27 साल की ये भी है कतई चोदने लायक

तभी तनु अनु को घूरती है तो अनु डर जाती है तभी अनु साक्षी को आखों में देखती है तो पाती है वो कुछ समझ रही थी

अनु भी लड़की थी उसको समझते देर नहीं लगी की वो दोनो उसको क्या कहना चाहती है तभी अनु देखती है वीर उसके जिस्म को घूर रहा है

तभी वो गुस्सा मैं वीर को देखती है तो वो फिर साइड हो जात है

तभी काव्या कहती है मम्मी

तनु - क्या है

काव्या - मतलब अब पापा इनको भी घूरेंगे, पापा इनको भी सोते टाइम चादर डालेंगे और ठंड लगने पर माथा टच करेंगे जैसे आपको किए थे कल और फिर मुझे उनके पास लिटा देंगे

वही ये बात सुन कर साक्षी और तनु के गाल थोड़ा लाल हो जाते है ये उनके साथ पहली बार था जब कोई उनको प्यार जता रहा था

वही अनु ये सुन कर अजीब नज़रों से वीर को देखती है जो मन मैं कहता है पोल खुल गई

तभी तनु काव्या के कान नोचते हुए कहती है बहुत बोलने लगी है तू मार भूल गई है क्या चल कमरे में बड़ी आई तू रात को सोती है या यही सब करती है

तभी काव्या की नज़र निधि पर पड़ जाती है और कहती है अरे मैं तो आपको देखा ही नहीं मामी ।

काव्या - सोरी मम्मी मामी के सामने ये बात नही पूछनी थी ना

तभी ये सुन कर वीर जल्दी से उसको उठा लेता है और कहता है चलो रूम में टीवी देखते है

काव्या - नही है पापा आपको पता है मेरी सभी सहेली के पास है टीवी

तभी वो दोनो बात करते है रूम में चले जाते है

और इधर बच गए अनु और साक्षी और तनु

वही ये तीनों अच्छी तरह से समझ गए की अब इनकी अच्छी वाली खिंचाई होगी

निधि - तो साक्षी वो एक हेल्प करेगी मेरी

साक्षी - हा बोलो ना निधि

निधि - वो मेरा कंडोम खतम हो गया है तुम दोनो के पास एक्स्ट्रा है क्या

वही ये सुन कर तनु को खासी आ जाती है और वो कहती है आप बैठो मैं चाय बना देती हूं

साक्षी - म म म बर्तन धूल कर आती हूं

निधि - अरे चाय और बर्तन छोड़ो और इधर बैठो तो

अनु - वो भाभी मेरी सहेली आ रही है मैं उसको बुला कर आती है

निधि - अरे रुक तो

वही फिर निधि कहती है इतने सालो बाद तुम्हारी हसी से घर गुलजार हो गया साक्षी बस ऐसे ही हस्ती रहो तुम उम्मीद है तनु भी हासेगी जल्दी क्यों

तनु कुछ नही कहती लेकिन निधि जानती थी तनु ने बहुत कुछ फेस किया है उसका दर्द उसकी पीड़ा गांव वालो के ताने और वही साक्षी जिससे हर दिन मार खाते हुआ सुनना

और इन दोनो की वजह से बेचारी अनु को घर में कैद कर दिया गया

तनु कुछ कहती लेकिन उसकी नजर तभी काव्या पर पड़ती है जो तकिया फेक रही थी वीर पर

काव्या - ही ही ही ही पापा ये लो ये मेरी प्यारी तकिया है

तभी वो तकिया वीर को लग जाती है और वीर गिर जाता है

तभी काव्या उछलने लगती है और दोनो हाथ से नेता की तरह हिला कर कहती है थैंक्यू

वही ये देख कर तनु को हसी आ जाती है फिर उसकी आंखों में आसू आ जाते है

एक साल पहले उसकी बेटी बस घर पर अकेले रहती ना बोलती है ना हस्ती है।

तभी उसके कंधे पर किसी का हाथ फील होता है और वो देखती है उसके एक तरफ साक्षी और दूसरी तरफ अनु लटकी है

फिर दोनो अलग होती है और साक्षी कहती है आदत डाल लो ऐसे

तभी वो दोनो अलग होते है और निधि वापिस से काव्या को बुलाती है लेकिन तभी काव्या चुपके से बाहर जाक कर रूम का गेट बंद कर देती है

ये देख कर अनु को हसी आ जाती है और कहती है कुछ कांड किया इसने तभी तनु अंदर आती है देखती है रूम अब कबाड़ हो चुका था

और तनु को देख कर काव्या डर जाती है और चुप हो जाती है और वीर उसको इशारे से मना करता है

तभी तनु कहती है बिल्ली कही की ये रूम को क्या किया

काव्या - मम्मी ही ही ही

काव्या तनु के गले लग जाती है और फिर तनु खाना निकल देती है जिसमें खाना कम था और खाने वाले ज्यादा

तभी अनु कहती है मुझे भूख नही है तभी साक्षी अंदर आती है और अपनी सैंडल उठा लेती है जिसको देख कर अनु कहती है अब भूख लग गई।

तभी वीर ये सीन देख कर उदास हो जाता है क्युकी ये अब उसकी ज़िमेदारी थी की वो घर पर किसी चीज की कमी ना रहने दे और उसके घर पर खाना का भी समान नही था।

वही तनु गांव के बच्चो को ट्यूशन देती थी जिससे उसको कुछ पैसे मिल जाते थे क्युकी उदय भान उसको पैसे देता नही था

और अब साक्षी और अनु उसके पैसे लेंगी भी नही

तभी साक्षी वीर को देखती है और उसके हाथ पकड़ लेती है उसको अच्छा से पता था वीर क्या सोच रहा था उसकी हरकते किसी नए नए पति के जैसे थी।

अनु और तनु ये नोटिस करती है

तभी साक्षी कहती है खाना खाओ फिर हम भी खाए भूख लगी है

वीर खाना खा लेता है और फिर सब खा लेते है थोड़ा थोड़ा।

तभी वीर काव्या के पास जाता है और कहता है चॉकलेट खाओगे बेटू

काव्या कुछ सोचती है फिर कहती है नही मुझे नही चहिए उसके बदले मेरी मम्मी के लिए साड़ी ला दोगे सब मेरी मम्मी को चिड़ाती है की मेरी मम्मी के पास साड़ी नही है

तभी वीर कहता है आपके पापा का प्रोमिस है आज आपके लिए बहुत सारी चॉकलेट लाऊंगा और बहुत साड़ी लाऊंगा आपके लिए

काव्या - प्रोमिस

वीर - हा प्रोमिस

काव्या - नही पिंकी प्रोमिस करो

वीर- अरे ये कैसे करते है

काव्या - अरे बुधु अपनी उंगली बड़ी उगली के पीछे रखो फिर कहो

वीर हस्ते हुआ कहता है ओके पिंकी प्रोमिस

तभी वीर को याद आता है दुकान से तो रेडिमेट ब्लाउज भी आता है फिर वीर चुप चाप साक्षी के पास जाता है लेकिन वो और अनु सहेली के घर चली गई थी साथ मैं काव्या को भी ले कर चली गई।

तभी वीर तनु के रूम में जाता है जहा वो अपना पेटीकोट और साड़ी फट गई थी वो सिल रही थी वीर को देखते ही वो कहती है चिल्ला कर क्या है जाक क्या रहे हो

वीर कुछ नही कहता बस अलमारी ओपन कर के देखता है कोने में तनु की ब्रा राखी हुई थी फिर वो उसको टच करता है ये देख कर तनु गुस्सा हो जाती है और उसकी आंखे लाल हो जाती है और बहुत तेज थप्पड़ मारती है वीर को कहती है ये क्या बदतमीजी है

तनु - इसी लिए मेरी बेटी के पास आ कर अपना रहे हो हवस में अंधे हो गया हो याद रहे मैने साथ रहने का फैसला किया है बेटी के लिया तुमसे प्यार नहीं है तुम एक गिरे हुआ हवस से भरे इंसान हो जो तुमने मेरे साथ किया ना वो याद है

तनु - निकल जाओ वर्ना अच्छा नही होगा

वीर ये सब सुन कर बस अपनी नम आंखों से आसू पोछते हुए कार ले कर अपनी चला जाता है

वीर - तुम मुझे मत अपनाओ लेकिन तुमको मैं जीना फिर से सीखा दूंगा साक्षी और तनु ये मेरा वादा है तुम्हारी नजरो में चाहे जितना गिर जाऊ लेकिन अपनी बेटी की नजरो मैं नही गिरना चाहता अब चाहे मर जाऊ लेकिन किसी को भी तुमको ताने नही मारने दूंगा।

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I am rally sorry guyss
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Tabiyat bahot jaada khyaab ho gai hai meri but update aaynge chill...
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Aap sb ke kahne main anjali fix kar diya ab main herione yhi teen. rhengiii..... Pls sex ki jaldi mat kro story acha se chalne do.....and thanks for supporting....milte hai jaldi hi jin waale story par update ke sath pinky promise
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..... Like kar dena guyss....aur sorry tabiyat issue se delay kar rha hun bs...
 
Update 8

वीर ये सब सुन कर बस अपनी नम आंखों से आसू पोछते हुए कार ले कर अपनी चला जाता है

वीर - तुम मुझे मत अपनाओ लेकिन तुमको मैं जीना फिर से सीखा दूंगा साक्षी और तनु ये मेरा वादा है तुम्हारी नजरो में चाहे जितना गिर जाऊ लेकिन अपनी बेटी की नजरो मैं नही गिरना चाहता अब चाहे मर जाऊ लेकिन किसी को भी तुमको ताने नही मारने दूंगा।

अब आगे -

वीर ऐसा कह कर चुप चाप कार की चाबी ले कर निकल गया को शायद काम ही मिल जाए कुछ।

लेकिन वीर अच्छा से जानता था, ये गांव है यहां पर उसको काम मिलेगा,तो भी मेहनत वाला और वो उससे होगा नही हा! भोसड़ा मारने को मिल जाए तो कह नही सकता।

तभी वीर कार ले कर चुप चाप गांव में जा रहा था लेकिन शाम का टाइम था तो ज्यादा भीड़ थी लेकिन वो किसी तरह कार ले कर जा रहा था

वीर कही भी काम मागता लेकिन काम उसको मिल नही रहा था तभी वीर को याद आता है वो टूर का काम करता था वहा कार का काम शायद मिल जाए फिर तो उसकी खुद की भी कार भी थी।

तभी गांव के एक टूर का काम करने वाले जमीदार के पास गया

जमीदार - का हो बबुआ! का हाल चाल बा।

जमीदार को लगा कि वीर कोई कार बुक करने वाला कस्टमर है

तभी जमीदार कहता है वीर के बोलने से पहले " देखो बबुआ अभी कोई कार खाली ना बा"

तभी वीर कहता है " अरे नही चाचा मैं खुद काम मागने आया हूं "

वीर की बात सुन जमीदार हस्ते हुआ कहता है " का काम कर लेवा हो"

वीर उससे कहता है " चाचा कुछ भी लेकिन नौकर छोड़ कर "

उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है तो ससुरा ये का कंपनी है का जाऊंन तोहका रख देई।

वही वीर जमीदार की बात सुन कर कहता है नहीं चाहिए तुम्हारी नौकरी रखो अपने पास लेकिन मेरे सामने आवाज़ ऊंची मत करना कोई मेरी पत्नी नहीं हो जो तुमसे डरूंगा।

तभी वीर अपनी कार की चाबी निकल लेता है

तभी जमीदार ये देख कर उसको रोक लेता है और कहता है " एक काम है तुम्हारी कार खुद की है "

वीर - हा

जमीदार - तब अच्छा है घरवाली है तुम्हारी

वीर - हा है घरवाली मेरी 3 थो काहे तू भी एक दोगे का

जमीदार - बबुआ अच्छा मजाक करता हा, हम तोहका टूर के काम पर रख देता हूं, लेकिन रोज के 2500 देब और पेट्रोल के अलग से लेकिन हामर हर बात माननी पड़ेगी।

वीर - ठीक है

तभी जमीदार कहता है हम रमाकांत है हमका यही कहा करा अब से

वीर उसकी बात मान लेता है तभी वो जोर से आवाज लगाता है अरे बिट्टू बाहर आओ

तभी एक औरत चाय ले कर बाहर आती है

रमाकांत - ये अब काम करेगा टूर का और रोज तुमको पैसा दे देगा ला कर

रज्जो - ठीक है जी

फिर रज्जो अंदर चली जाती है और जमीदार कहता है देखो यहां पर कार के अच्छा खासे पैसे मिलते है तभी रमाकांत वीर को दूसरे शहर भेज देता है और कहता है " दूसरे शहर में एक ई जगह पर जा कर इनको ले कर आना है

तभी वीर कार ले कर चला जाता है और कहता है मेडरचोद साला इतनी दूर भेज रहा है

तभी वीर कार चुप चाप चलने लगता है

इधर घर पर काव्या और साक्षी नीचे से ऊपर आती है खेल कर

तभी काव्या कहती है चलो ना जल्दी मम्मी पापा को परेशान करना है

तभी काव्या ऊपर आ जाती है और कहती पापा

तभी तनु ऊपर उसको कपड़े सिलते हुआ दिख जाती है जो उसको कहती है पापा कही बाहर गए है

तभी काव्या उदास हो जाती है और उसको ऐसे देख कर तनु का मन बैठ जाता है।

तभी साक्षी कहती है थोड़ी देर में आ जाएंगे पापा बेटू

तभी साक्षी अंदर आती है और कहती है खाना का क्या होगा

तभी तनु कहती है क्या होगा क्या थोड़ा चावल है बस वही फ्राई कर दूंगी सब खा लेंगे और कुछ लाने के पैसे नही है

तभी साक्षी कहती है उस रा‌ंड ने तो फकीर बना दिया कुछ करना पड़ेगा वर्ना इतना लोगो के खर्चा कैसे चलेगा।

तभी साक्षी कहती है तूने कुछ कांड किया क्या ये अचानक से वीर क्यो चला गया

तभी तनु कहती है मुझे नहीं पता और मैं जानती भी नही हट सामने से साड़ी सिलने दे

तभी अनु ये सुन लेती है जो अभी अभी आई थी वो ये सुन कर कहती है लगता है पिट कर गया है ही ही ही ही

तभी साक्षी उसको चुप कराती है कहती है जा कर काव्या के साथ खेल समझी

इधर वीर भी शहर आ गया था तभी वो जिस जगह रुकता है वहा एक औरत आती है

"ए ड्राइवर चल बैग रख कार मैं"

जिसको सुन कर वीर कहता है " मैं कार चलाने के पैसा लेता हूं समान रखने के नही"

तभी वो औरत वीर को घूरती है और सामन रख देती है और
चुप चाप बैठ जाती है

तभी कार चाल पड़ती है जिसको देख कर वो औरत कहती है देखो अगर मेरी तरह देखा ना तो आंखो को नोच लुंगी

ये सुन कर वीर हस्त है मैं भी तुमको देखने के लिए मरा नही जा रहा समझी शौक नही पड़ा मुझे तुमको देखने का

तभी वीर कहता है इतनी अकड़ ले कर कहा जा रही गांव में

औरत - वहा स्कूल में मेरी नौकरी लग गई है टीचर की वही रहूंगी अब बेटी के साथ

तभी वीर देखता है उसका बेटी भी इधर है तभी वीर कार चलाते हुए आने लगता है तभी वो एक सुन सान रोड पर गाड़ी रोक देता है

जिससे वो औरत डर जाती है और कहती नहीं मुझे कुछ मत करो तुम मुझसे पैसे ले लो मुझे मत करो

वीर - अबे चुप करो यार कितना बोलती तुम्हारे पास क्या है लेने को मोटी

तभी वीर कहता है उससे की कार पंचर हो गई है रुक जा कुछ मिनट बना लूं।

इधर घर में अब काव्या परेशान हो गई और कहती है मम्मी आप ने ही कुछ किया जो पापा चले गए।

तभी तनु कहती है तुम्हारे पापा कहा जाएंगे हम सब को छोड़ कर आगे पीछे ही घूमेंगे हम सब के परेशान मत हो ना बेटू थोड़ी देर में वो आ जाएंगे।

काव्या - नहीं मम्मी कॉल करो ना पापा को, मुझे नहीं चहिए चॉकलेट बस पापा को बुला दो।

साक्षी - क्या मतलब बेटा

काव्या - वो कुछ नहीं आप कॉल करो ना पापा को

फिर उसकी बात मान कर साक्षी ने कॉल किया उसको लेकिन फोन तो कार मैं था जिसकी वजह से वीर उठा नही सकता था।

वीर भी पंचर बना कर उस लड़की को सीधा जमीदार के घर उतार देता है क्युकी अब वो वही रहेगी।

तभी जमीदार आता है बाहर और कहता है आओ आओ चमेली , कोई तकलीफ तो नही हुई आने मैं

तभी चमेली कहती है नही कोई दिक्कत नही हुई वीर ने सब अच्छा से संभाल लिया।

तभी वीर कहता है अब रात काफी हो गई है मेरे पैसे दे दे मैं चलूं।

ये सुन कर चमेली वीर को 3000 दे देती है जिससे वीर स्माइल कर के चला जाता है

वीर वहा से निकलते टाइम देखता है रज्जो जमीदार की बेटी ऊपर खड़ी चमेली को घूर रही थी और उसकी आंखो मैं नमी थी।

लेकिन वीर वहा से निकलने लगता था तभी उसको जमीदार रोकता है और कहता है वीर कल 1 बजे आ जाना मैं कॉल करूंगा, दोपहर को कही चलना है।

वीर उसकी बात मान कर मुंडी हिला देता है और इधर साक्षी वीर का फोन नहीं उठने से परेशान हो जाती है और तनु को देखती हैं।

तभी तनु कहती है पता नहीं किस लन्ड से मेरी किस्मत लिखी गई थी।

तनु की ये बात सुन कर साक्षी और अनु हस हस के गिरी जा रही थी।

तभी साक्षी कहती है ध्यान से काव्या के पास रहना हम पापा को ले कर आते है।

तभी तनु और साक्षी गुस्सा मैं नीचे आते है और तभी नीचे आने पर मधु चाची और भाभी किसी बात को लेकर बात कर रहे थे।

वही तभी तनु गुस्सा मैं नीचे आती है तभी मधु उसको कहती है अरे बेटा तनु और साक्षी तुम दोनो का पति क्या करता है 3 पत्नियां है अब।

इतना सुन कर तनु का दिमाग तो पहले भी हिला हुआ था लेकिन ये सुन कर और हिल जाता है, लेकिन तभी तनु कहती है कुछ भी नहीं करते चाची हम तीनो को बारी बारी चोदते है क्यों,आपको भी चुदवाना है क्या?

उसकी ये बात ऊपर खड़ी अनु और भाभी सुन लेती है जो फिर हसने लगती है तभी साक्षी कहती है माफ करना चाची ये तो है ही पागल।

इतना कह कर साक्षी तनु को ले कर बाहर निकल जाती है।

तभी तनु से साक्षी कहती है और बता सच्ची सच्ची वीर के आने से अब अच्छा लगता है ना।

वही ये बात सुन तनु रुक जाती है क्युकी वो खुद जानती थी लेकिन फिर तनु आगे बढ़ जाती है और जब दोनो गेट पर आते है तो एक कार आ कर रुकती है।

साक्षी और तनु देखते है तो ये वीर था साथ मैं कई चीज भी थी उसके पास जो वो साक्षी को पकड़ा देता हैं।

तभी साक्षी वो सब पकड़ लेती है आगे जाने लगती है तभी रुक जाती है और पीछे देखती है तो वीर वापिस से उन्हे ताड़ रहा था।

साक्षी - ऊपर चल कर घूर लोगे तो कोई दिक्कत होगी क्या?

वीर ये सुन झेप जाता है और आगे चलने लगता है ऊपर आते ही वीर के ऊपर काव्या कुद पड़ती है और कहती ही ही ही पापा कहा चलें गए थे मुझे लगा आप फिर हम छोड़ कर चले गया मुझे और मम्मी को छोड़ कर।

वही उसकी ये बात तनु सुन लेती हैं और वो काव्या देखती है तो उसकी खुशी देख कर के हस देती है।

इधर वीर काव्या को उतार का के नीचे रूम में लाता है और खूब सारी चॉकलेट उसके सामने रख देता है जिसको देख कर तनु की आंखे चोड़ी हो जाती हैं।

तभी ये देख कर के अनु आती है और कहती है रुको मैं खत्म करने में मदद करती हूं काव्या।

काव्या अपनी टूटी आवाज़ में कहती है नही छोटी मम्मी, मम्मी देखो ना ये मेरी चॉकलेट

लेकिन तभी काव्या को कुछ और याद आ जाता है वो सभी झोले में चेक करती है और देखती है 4 साड़ी पड़ी हुई थी।

ये देख कर साक्षी आगे आती हैं और देखती है एक बैग मैं ब्रा और पँटी पड़ी हुई थीं जिसको देख कर वो नोटिस करती है ये किसके लिए है और हस्ते हुए तनु की ओर देखती है।

तनु - कामिनी भाग इधर से रुक तू जरा।

साक्षी - मेरे पर क्यो गुस्सा हो रही हैं, मैने थोड़ी लाया है ये सब

तभी साक्षी आगे आती है और कहती है बाकी की बैग चेक करने दे हट।

साक्षी और तनु चेक करते हैं तो देखती है एक बैग मैं सब्जी पड़ी हुई थी और सेंटरी pad पड़ी हुई थी।

ये देख कर साक्षी और अनु फिर हसने लगते है और इस बार तनु के गाल ही लाल हो हुए थे वो समझ नही पा रही थी क्या रिएक्शन दे।

क्युकी अब वीर की हरकतें जैसी भी हो वो खुश तो रख रहा था सभी को।

तभी अनु एक लास्ट बैग चेक करती है और कहती है मेरे लिए क्या लाया है वो देखती है तो जींस और टॉप दो सेट थे उसके लिए।

ये देख कर वो कहती है "ये मेरे लिए है क्या "।

तभी तनु कहती है अब हम दोनो को तो ये साइज होता नही और काव्या छोटी सी है।

तभी तनु फिर उदास होती है क्युकी उसको लगा था वीर काव्या के लिए कुछ नहीं लाया तभी वो कुछ और कहती तभी एक थप्पड़ उसके सर मैं पड़ता है जो बहुत ज़ोर से पड़ा था।

साक्षी - किसकी याद मैं खोई है रात को खोना यादों में इतनी देर से चिल्ला रही बैग मैं काव्या के कपड़े हैं निकाल हाथ मैं पकड़ कर बैठी है छोड़ हट।

तभी तनु का ध्यान आता है और उसकी आंखे नम हो जाती है ये पहली बार था जब उसकी बेटी के लिए नए नए कपड़े आए थे और ऊपर से वीर में थप्पड़ के बाद भी ऐसा किया।

वो एक टक वीर को देखती है जो बाहर बैठा हुआ था।

तभी अनु कपड़े साइड कर देती है और कहती है " मुझे नहीं चाहिए किसी ऐसे इंसान से कपड़े''

उसकी ये बात साक्षी और तनु सुनती हैं और बाहर आती है वीर के पास जो मुंह धुलने जा रहा था।

साक्षी - तुम वीर को मुंह धुलवा कर लाओ मैं चाय बनाती हूं और अच्छा से पूछ लेना सब सारी बात

तभी साक्षी वापिस रूम मैं आती है और चॉकलेट खाने लगती है क्युकी अभी तक काव्या अकेली खा रही थी।

ये देख कर अनु की आंख बड़ी हो जाती है दीदी आप उसकी लाई हुई चॉकलेट क्यो खा रही।

साक्षी - तो तू मत खा ना, वैसे भी ऐसे इंसान के हाथ से नही खाना चहिए।

ऐसा कह कर साक्षी काव्या से कहती है बेटू ये वाली चॉकलेट अच्छी है वो कोने से समोसा निकल ना, दोनो मां बेटी खाते है।

ये सब आंखे फाड़े अनु देख रही थी उसको अपनी बहन पर यकीन नही हो रहा था।

तभी वीर मुंह धुलने के लिए बाथरूम में आता है जहा पर उसके साथ तनु होती है, वीर को देख रही थी।

तनु - काव्या के कपड़े लाने के लिए थ

वीर - बेटी है, वो मेरी उसकी खुशी के लिए मैं कुछ भी करूंगा।

वीर - तुमको साड़ी पसंद आई

तनु कुछ नही बोलती तभी वीर कहता है वो पर्पल
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वाली पहन लेना ना मैने बड़े प्यार से एक साथ बहुत साड़ी लाने के पैसे नहीं थे क्युकी घर के सामान भी लाने थे।

वीर - बस मेरी बेटी को फटे पुराने कपड़े मत पहनाया करो और मैं हूं हवासि क्या करू नही बदल सकता खुद को ना, तुमसे प्यार करता हूं जो सही लगता है वो करता हूं।

वीर - वैसे के बात बताऊं

तनु - हा

वीर - इमोशन करवा कर कर तुमको साक्षी रूम से बाहर भेजना चाहती थी क्युकी समोसा और टिकिया अंदर है।

तनु - अरे! खाने के बाद बात करती हूं हा।

ऐसा कह कर तनु भाग जाती है और साक्षी को देख कर कहती है डायन

साक्षी - गुस्सा क्यो होती है तू भी बैठ के खा ना।

तभी तनु भी बैठ कर खाने लगती है जिसे देख कर अनु अब हिल जाती है।

अनु - दीदी

साक्षी - दीदी दीदी क्या कर रही है चल खाना बना, तू हम खा कर बनाते है।

तनु - तुझे खाना है या नही

साक्षी - जल्दी बता फिर हम खा ले

तनु - चल मत खा मैं खा लेती हूं।

अनु - दीदी

साक्षी - क्या है

अनु - मुझे समझ नही आ रहा

तनु उठती है और कहती है ज्यादा समझ मत ये समोसा ठूस बैठ कर और फिर तनु साड़ी अलमारी में रखने लगती है और पुरानी वाली फटी हुई फेक देती है।

तभी साक्षी कहती है रेड वाली साड़ी मेरी तनु ठीक है पर्पल वाली मेरी।

तनु- अनु जरा गारमेंट्स देना

साक्षी - रुक मैं देती हूं ये सटक है, अब तो खाना बना दे मेरी मां

तनु - हा चावल सब्जी बना देती हूं वैसे भी खाया तो सब ने

साक्षी - ठीक है मैं वीर के पास हूं तब तक तुमने पूछा था उससे

तनु - में गई थी बट पूछी नही तुम कर लो मैं खाना बना देती हूं।

तभी साक्षी बाहर निकल जाती है और वीर के बगल आ कर बैठ जाती है।

वीर - हल्लो

साक्षी - ही ही ही हेलो, अब बताओ कहा से लाए इतने पैसे

वीर - जमीदार के यह कार टूर का काम किया 3000 मिले और कुछ पैसे मेरे पास थे पहले।

वीर - तुम मुझसे गुस्सा हो क्या।

साक्षी - क्यो मैं क्यों होने लगी गुस्सा।

वीर - तुम्हारे अलावा तो कोई है भी नही जो मुझेसे सही से बात करे, लेकिन तुम भी तो बात नही करती तो अकेले फील होता है,

साक्षी - अरे इतना सब अकेला सोच लिया जरा मेरी तरफ देखा, तनु की तरफ देखो काव्या को देखो जो अपनी मम्मी के पास बैठी खाने में मस्त है, हा थोड़ा गुस्सा है हम सब लेकिन मानाओ तुम ना तुम्हरे ही है।

साक्षी - चाहे तुम हो या कोई और लेकिन इसी शरीर ने हमारे साथ खिलवाड़ किया था इतनी आसानी से कैसे भूल जाए सब हा।

वीर- i love you अब तो मैने साबित किया ना की मैं तुमसे प्यार करता हूं, अब तो मेरे साथ रहने मैं तुमको दिक्कत नही है।

साक्षी - i love you too इतना सोचने की जरूरत नही है हम सब तुम्हरे है।

तभी तनु कहती है चलो अब खाना खा लो फिर फुसलाना हम सब को

तभी वीर अंदर रूम में आता है और उसको तनु हस्ते हुआ दिखती है वो ये देख कर खुश हो जाता है।

तनु - अभी भी नहीं है मेरी समझे दात मत दिखाओ।

ये सुन कर वीर तनु और साक्षी को देखता है जो भले ही पहले ही टूट चुके थे लेकिन अब वीर ने उनको जोड़ने का काम शुरू कर दिया था।

तभी वीर की नजर अनु पर पड़ती है

वीर सोचता है ये लड़की तो पूरा का पूरा साक्षी की फोटो कॉपी है
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बस थोड़ी पतली है।

तभी काव्या कहती है छोटी मम्मी देखो पापा आप को देख रहे है अब।

वही ये सुन कर वीर अब खाने पर ध्यान देता है और तनु उसकी प्लेट में और डाल देती है।

फिर खाने के बाद वीर चुप चाप बाहर आ जाता है और साक्षी बाहर बिस्तर लगाने लगती है और तनु भी काम कर के आने लगती है।

अनु - सोना कहा है दीदी

साक्षी - देखो मैं और तनु और ये बहार सोते है।

अनु - मैं कहा लेटू

साक्षी- अनु तू भी वाइफ है समझी साथ मैं चल कर सो और तू भी जानती है वो तेरे हसबैंड है नई शुरवात हुई है वैसे भी तू खुस है या नहीं ये तेरा दिल जानता है।

तनु - बस कर वो समझ गई।

इधर बेड पर वीर काव्या को जकड़ कर सुला रहा था, और साक्षी को ताड़ रहा था जो बहुत खिली खिली लग रही थी।

वही रात का टाइम था और अब काव्या सो गई थी और वीर उसको प्यार से सुला दिया और काव्या के बगल तनु आ कर लेट गई और वहीं वीर के बगल साक्षी और फिर अनु।

वीर लेटा हुआ था उसको नींद नही आ रही थी तो वो बाथरूम करने के लिए उठा हुआ था।

वो जब सीढ़ी के पास पहुंचा तो उसको शोर सुनाई पड़ा तो वो शोर की तरफ बढ़ा।

गांव के दरवाजा तो होता ही है खतरनाक तो उसने चुपके से झांकना सही समझा और जैसे ही वीर ने नज़र अंदर की ओर की उसकी आंखे ही जम गई गेट पर।

सामने साक्षी का भाई राज अपनी पत्नी को चोद रहा था

राज निधि को पेट के बल लिटा कर पीछे से चोद रहा था और उसकी ही आवाज आ रही थी



निधि - आह आह.. आ थोडा रुक रुक आआआ आ आराम से करिए ना देर तक चलेगा मजा आएगा आ हाए ओह यारर समझ करो ना उह उह मां यार समझ नही आती क्या

राज - चुप करो आने वाला आआआआआआआ मेरी जान धीरे मजा नही आता

निधि - अरे आआआह उह उह उह नही रुको

लेकिन तब तक निधि के अंदर झड़ चुका था।

निधि - जब कर नही पाते तो दवा ले लो ना हद है ।

इधर वीर ये देख कर जल्दी से भाग गया ऊपर और निधि वापिस गेट पर आती है तो उसको पता चल गया था की कोई था गेट पर तभी उसको ऊपर का गेट बंद होने की आवाज आई।

इधर वीर ने पहली बार सामने से चूदाई देखी थी उसकी सास बस ऊपर नीचे हो रही थी।

तभी वो वापिस लेट जाता है जहा उसके जस्ट बगल साक्षी लेटी हुई थी वो आपने कापते हुआ हाथो से साक्षी के कमर को सहलाता है।

वही ऐसा करते ही उसकी सास जम गई आज अपनी खुद की मां को ऐसे इतने करीब देख उसकी सास अटक रही थी लेकिन फिर वो हिम्मत कर के उसके और करीब आ जाता है।

फिर वो अपनी एक टांग साक्षी के ऊपर रख देता है और उसके बाद उसकी नजर साक्षी के चूचो पर पड़ती है जो देख कर उसकी सास और तेज हो रही थी।

फिर कोई भी लड़का अपना कंट्रोल खो दे तो वीर तो फिर भी पहली बार किसी लड़की के साथ था वो जल्दी से साक्षी के ऊपर आ जाता है और उसको दबोच लेता है।

तभी साक्षी की नींद खुल जाती है और वो चीखती उसके पहले वीर ने उसका मुंह दबा दिया।

वीर - प्लीज चीकना मत प्लीज मैं तो बस तुम्हारे साथ मैं बहक गया था माफ कर दो।

साक्षी बस हा मैं मुंडी हिला देती है, और ऊपर से हट जाता है वीर।

वही वीर अब बहुत ज्यादा डर रहा था जिसकी वजह से साक्षी हस देती है और उसके सीने में घुस जाती है और धीरे से कहती है मैने तो कुछ कहा भी नही फिर भी डर रहे हो।

वीर - ए एक किस कर सकता हूं।

साक्षी - चुप चाप सो जाओ हग करने दे रही हो ना

वही साक्षी, वीर को ऐसे तड़पते देख बहुत हसी भी आ रही थी आज उसको पाने लिए कोई तड़प रहा था।

थोड़ी देर बाद साक्षी सो जाती है और फिर वो करवट ले लेती है।

तभी उसकी नजर तनु पर पड़ती हैं जो साई हुई थी करवट ले कर



पहले तो वीर उसको देख कर आंखे बंद कर लेता हैं लेकिन फिर उसको बाहों में जकड़ लेता है।

और उसकी कमर कस लेता है और उसका पल्लू हटा कर उसकी पीट पर सर रख देता है।

थोड़े टाइम बाद तनु की नींद खुल जाती है और वो देखती है वीर उसको जकड़ कर के सोया हुआ है

पहले तो तनु उसको मारने के लिए आगे बढ़ती है लेकिन फिर उसको वीर की बात याद आती है जो उसको कह रहा था मैं तुमको प्यार करता हूं।

तनु - अगर बात मेरी बेटी की खुशी की है तो मैं ये माफ कर सकती हूं और ऐसा कहते हुए वो वीर के हाथ को हटा देती है और कहती है अब सब खत्म हो चुका है वीर,अब तो मैं टूट चुकी हूं। शायद तुम मेरी खुशियां वापिस ला पाओ।

तभी वीर नींद मैं था और उसने तनु की कमर को लॉक किया और उसके ऊपर लेट गया और उसके चूचों पर सर सर रख कर लेट गया।

तनु वीर को धकेलने वाली थी तभी उसको आवाज आती है वीर के बड़बड़ाने की

वीर - तनु मत जाओ, तनु , रुक जाओ प्लीज। मुझे मत छोड़ो।

अचानक वीर कांपने लगता है और उसको कापते हुआ देख कर तनु एक तरफ देखती है जहा उसकी बेटी सोई हुई थी और उसके ऊपर उसका पति।

लेकिन तनु धीरे से वीर को अपने ऊपर से हटा देती है और उससे थोड़ा दूर हो कर लेट जाती है।

थोड़ी देर बाद तनु पलट कर देखती है तो वीर हाथ चला कर उसको ढूंढ रहा था।

फिर तनु स्माइल कर देती है उसको ये खेल अच्छा लग रहा था।

ऐसे ही रात गुजर जाती है।

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To be continued
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ab romantic life shru ho gai hai toh
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.... Lets enjoy.... Aur ek question hai batoo sabse pahle chut kon degiii....
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Nidhi mat bolna. [embed]http://ad.a-ads.com/2315437?size=300x250[/embed]
 
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