पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी

Update 9

फिर तनु स्माइल कर देती है उसको ये खेल अच्छा लग रहा था।

ऐसे ही रात गुजर जाती है।

अब आगे

सुबह सुबह चिड़ियों की चह चहाने से साक्षी और तनु की एक साथ ही नींद खुल जाती है जिससे वो देखती है की उन दोनो ने ही वीर को अपने अपने साइड जकड़ रखा है और दोनो ने अपनी टांग वीर के ऊपर लाद रखी है।

तभी उन दोनो की नज़र आपस में पड़ी तो दोनो झेप जाती है और दोनो ने जल्दी से वीर को देखा।

साक्षी - सो रहा है।

तनु - अनु

साक्षी जल्दी से अनु को देखती है जो सो रही थी।

साक्षी - वो भी सो रही।

तभी अनु खासती है और दोनो जल्दी से आंखों को बंद कर लेती है।

जैसे ही उन दोनो को कन्फर्म हुआ की अनु सो चुकी है दोनो जल्दी से उठ जाती है और रूम में भाग लेती है।

साक्षी - ओए सेक्सी सुनो जरा

तनु - क्या है

साक्षी - रात को मेने देखा कुछ

तनु - क्या

साक्षी - मैने देखा एक लड़की रात को खेल रही थी

तनु कुछ नही बोलती और साक्षी फिर हस्ते हुआ जाने लगती है तभी तनु कहती है उसको

मैने भी कुछ देखा वैसे

साक्षी - क्या देखा

तनु - मैने देखा एक लड़की लड़की रात को चुप चाप हस रही थी और सीने में घुसी हुई थी

अब साक्षी कहती है सच्ची बताऊं तो उसके साथ रहने मैं अच्छा लगता है।

तनु - हा दिन भर गांड़ के नशे में चूर रहता है घूरता रहता है।

साक्षी हस्ते हुआ कहती है बेचारा अब क्या करे हम दोनो को देख कर ही काम चला लेता है।

तनु - लेट हो रही है खाना बना कितनी देर तक सो रही थी हम दोनों।

साक्षी - कुत्ते ने ऐसे चिपका रखा था की बहुत प्यारी नींद आई पता ही नही चला कब सुबह हो गई यार

तनु - मेरी बेटी अब खुश रहने लगी है।

साक्षी - और तू

तनु - काम कर मैं नहा कर आती हूं

साक्षी उसका हाथ पकड़ लेती है और कहती है मुझे जवाब चहिए।

तनु - मुझे कोई जवाब नही देना और अगर मेरी बेटी की खुशी जरूरी है तो उसके लिए सब करूंगी

साक्षी - अच्छा और अगर तुझे उसने खुश रहना जीना सीखा दिया तो

तनु - तब तू जो कहेगी।

साक्षी - फिर वादा कर खुद प्यार से साड़ी उतारेगी

तनु - ठरकी कही की चल वादा लेकिन दिल्ली बहुत दूर है समझी।

तनु वहा से निकल जाती है और साक्षी दूर खड़ी हो कर उसे देख रही थी और कहती है एक बार हम दोनो को जीना सिखा दो ना वीर तुमने जो गलती करी है वो तुमको ही सही करनी पड़ेगी एक बार सब ठीक कर दो फिर वादा करती हूं खुद साडी उतारूंगी।

तनु - चल हट लंबी लंबी सोचती है,खाना तुझे बनाना है।

साक्षी - सोच ही सही लेकिन अब एक आस तो है

तभी वो दोनो बाहर आती है तो दोनो की नज़र ही जम गई थी।

सामने अनु वीर को बाहों में भर कर के लेटी है और वीर उसके ऊपर लेटा है।



साक्षी - बड़े ही सेक्सी अंदाज में लेटी है देखो, और दिन भर हम दोनो को बोलती फिरती है की मैं वीर से नफ़रत करती हूं, ये बोल बोल कर मेरा दिमाग खा गई और सोई देखो कैसी है।

तनु - उसकी कोई गलती नही है चल अब

साक्षी - नही चलूंगी तू चल मैं अपनी बेटी के साथ नहूँगी आज

तनु - मुझे पता है तू कितनी संस्कारी है चल अब

तभी साक्षी कुछ बोलने वाली थी लेकिन तनु उसका मुंह दबा देती है।

साक्षी - नही उठाऊंगी पक्का

तभी तनु उसका मुंह छोड़ देती है और साक्षी चिल्लाती है "ओए ठरकी उठ जा"

इधर राज अपने पापा उदय के साथ बैठा था जो खेत के सिलसिले से बात कर रहे था।

राज - पापा जमीदार हमारी जमीन पर पानी नी आने देता कुछ करना पड़ेगा वर्ना इस साल की फसल खराब हो जाएगी।

तभी उसके चाचा कहते है बेटा राज वो जमीदार से हमारी बनती कम है हमीं ने उसके स्कूल को खुलवाने से रोका था वही बदला ले रहा है वो साला

उदय - तुम कुछ मत करो वर्ना वो इंसान बहुत बुरा है मारने से पहले सोचेगा नही।

राज - लेकिन उसका दिल जीत लिया तो, जन्नत का मजा है फिर

तभी रसोई में चाय बना रही निधि ये सुन कर कहती है जन्नत का मजा बहन चोद साला रात को बिस्तर पर चोदता नही बड़ा आया जन्नत।

निधि - साला कहती हूं धीरे धीरे चोद ना, चूस तब मजा भी आया बीवी को खुश रख नही पता।

तभी उसको राखी कहती है अरे बिट्टू कब क्या सोच रही हो बेटा

निधि - कुछ नही बुआ

राखी - बीवी को खुश रहने के लिए पति का साथ जरूरी है।

निधि कुछ बोलती तभी उसको आवाज आती

"रुक जा डायन, आज तेरा सर फोड़ दूंगी"

"ही ही ही ही ही ही"

"तू तो पिसचिनी है पता है"

तभी ये सुन कर निधि कहती है बुआ बीवी के खुश रहने के लिए पति का पास होना जरूरी है साथ जरूरी है।

राखी कुछ कहती तभी उसको निधि कहती है कभी तनु और साक्षी को इतना खुश देखा है पहले दोनो जो हमेशा खोई रहती है अब एक सा तेज आ गया है उनकी आंखों में।

राखी -

निधि - हा वीर के पास होने से वैसे हमारी बिल्लो अब अच्छे से लाइफ जीयेगि।

राखी - मैं हैरान हूं ये घर की खिसयाई बिल्ली से शादी होने के लिए कैसे मान गई तनु और साक्षी।

निधि - दोनो की लाडली है और ऊपर से डिट्टो साक्षी की तरह दिखती है।

इधर इतना हल्ला सुन कर अनु की नींद खुल जाती है वो जब आंखों को खोलती है तो देखती है आजू बाजू उसकी बहने जा चुकी थी।

अनु- फिर देखती है की वो वीर के नीचे सोई है

तभी अगले ही पल वो वीर को धकेल देती है और उसकी सास पूरी ऊपर नीचे हो रही थी।

पहली बार किसी ने अनु के जिस्म को छूआ था बेचारी कप कापा गई इस बात से।

तभी ये झटके से वीर उठ जाता है।

तब तक अनु जा चुकी थी।

वीर- ये सुबह सुबह बहन चोद पेल गया, मेरी भी जिंदगी मेंटोस खा कर लिखी गई थी एक से एक सुंदर लड़की मेरी वाइफ जिसके ख्वाब सब देखते है वो वो मेरी है।

वीर - लेकिन मजाल है किसी को हाथ भी लगा दूं मां चोद देंगी मेरी।

वीर - लेकिन कोई नही सब खुश रहे बाकी सबके लिए प्यार खुद जाग जाएगा सबसे पहले मैं अपनी परी को उठा दूं।

वीर काव्या के पास आता है और उसके माथे पर हाथ फेरता है अरे मेरा बेटू उठ जाओ, जाओ।

काव्या - उफ्फ पापा सोने दो ना।

वीर - धत चलो उठो जल्दी से फिर,जलेबी खिलाऊंगा पक्का।

काव्या - साथ मैं पकोड़ा भी गरम गरम

वीर को काव्या की ये तुतराती हुई आवाज बहुत प्यारी लगती है।

काव्या अब उठ कर वीर की गोद में बैठ कर लिपटी हुई थी।

तभी वीर के दिमाग में एक आइडिया आता है और वो काव्या से कहता है बेटू आपको पकोड़ा खाना है ना।

काव्या - हा

वीर - तब आपको पापा की एक बात माननी पड़ेगी।

काव्या - मैं तो आपकी सारी बात मानती हूं ना

वीर - ये हम दोनो की scerat बात है ओके।

काव्या भी वीर से धीरे से फुसफुस्ती हुई कहती है पक्का छोटा भीम वाला प्रोमिस।

वीर - मैं जब पकोड़ा लाऊंगा ना तो आप वो आप खाने से पहले कहना मम्मी आप पापा को अपने हाथो से खिलाओ ना।

काव्या - ठीक है तीनो मम्मी को कह दूंगी लेकिन शाम को चाकलेट लुंगी एक।

वीर - पक्का

काव्या - ही ही ही आप बेस्ट पापा हो, हमेशा ऐसे ही हस्ते रहा करो आप नही थे, तो मम्मी बहुत रोती थी।

वीर- पक्का अब नही जाऊंगा कभी अब तो हर दम तुम्हारे पास रहूंगा।

तभी वीर जल्दी से बाहर आता है और तुरंत पकोड़ा और जलेबी वैगर ले कर आता है

वीर - हाय अब मजा आएगा अब तीनो को मुझे खिलाना पड़ेगा ।

वीर अंदर आता है तो सामने उसको अनु दिख जाती है ।

वीर - ये तो पूरा साक्षी की फोटो कॉपी।

तभी अनु देखती है की वीर उसको देख रहा है और वो कुछ नही कहती।

वीर अंदर आ कर खाने का समान काव्या को दे देता जिसको तनु और साक्षी देख लेती है।

काव्या तो समान ले कर अंदर आ जाती है अनु और साक्षी के पास, तभी तनु बाहर आती है और कहती ये क्या है ये सब

वीर - क्या क्या है

तनु - ये सब क्या लाए हो, क्यो इतने पैसे वेस्ट कर रहे हो फालतू चीज के लिए कल भी मुझे ,2000 दिए था।

वीर - फालतू चीज के लिए नही है कुछ भी, मेरी वाइफ हो तुम समझी, तुम्हारे चहरे पर खुशी देखना चाहता हूं अब आदत डाल लो इन सब की।

तनु - क्यो कर रहे हो ये सब हा

वीर - तुम्हारे हसी के लिए।

तनु कुछ नही बोलती बस वीर को देखती है एक टक।

वीर- वैसे बहुत सुंदर लग रही हो अभी ऐसे सजी रहा करो ना हम बाप, बेटी के लिए।

तभी तनु को अनु बुलाने आती है और वो अंदर चली जाती है और उसके पीछे अनु भी चली जाती है और वीर वापिस जाते टाइम उसकी गांड़ देखने लगा अनु को इस बात का पता चल गया।

उसकी इस बात को साक्षी ने भी नोटिस किया

साक्षी - शर्म तो आती नही इसको ऐसे गुरते हुए, तुझे दिक्कत होती है तो मना कर दिया कर।

अनु - क्या कह कर मना करू
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की अपनी पत्नी को ऐसे घूरो मत, इतना अपनापन दिखाओ, वैसे आपको और तनु दीदी को क्यों दिक्कत नही होती।

तनु - तेरे सुर तो एक दिन मैं ही बदल गए।

ये सुन कर अनु झेप जाती है

साक्षी चल खा चुप चाप फिर बाहों में सोना भी तो है

वही ये सुन कर अनु के गाल लाल हो गया थे।

अनु - हा तो पती है मेरा।

साक्षी - क्या है

तनु - मत छेड़ो उसको ।

तभी वीर अंदर आता है तभी उसका कॉल बज जाता है।

वीर - सुबह सुबह ही बहन के लन्ड का कॉल आ गया

वीर - हेलो

जमींदार - बेटा जरा 4 घंटे के लिए कार ले कर चले आओ 12 बजे तक छोड़ दूंगा। पैसे भी ले लेना 4000

वीर - ठीक है

जमीदार - सुनो

वीर - हा

जमीदार - तुम मेरे खास आदमी हो परेशान मत हो बड़ा भाई समझ अपना

वीर - धन्यवाद

जमींदार - सुनो

वीर - हा

जमीदार - कंडोम का डिब्बा भी ले लेना 2 पेकेट और दवा भी और जल्दी आओ कार की सीट पीछे वाली पर कवर चढ़ा लेना ।

तभी फोन कट जाता है।

इधर वीर की तीनो पत्नियां हस रही थी।

वीर तीनो को एक एक बारी बारी देखता है और कहता है आज कुछ भी कर के किसी एक का तो होठ काट कर रहूंगा।

साक्षी - कब तक आओगे

वीर - 12

तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।

वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।

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Sory for delay ab update time to time rhenga,....ab jaldi hi romantic angel dekna ko milega..
 
Update 10

साक्षी - कब तक आओगे

वीर - 12

तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।

वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।

अब आगे

वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।

वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।

जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।

वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।

तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।

तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।

वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है

वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।

तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।

"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"

"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".



वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।

तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है



वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।

तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।

तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।

जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है

रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह

वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो

रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी

वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।

रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।

तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।

तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।

वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।

तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।

रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।

रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है

इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।

वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।

रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।

इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले

दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब

उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा

"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"

उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है

तभी वो आदमी चला जाता है।

इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है

जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।

जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।



जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।

तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण

तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।

जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।

वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।

जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले

औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।

वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए

इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है

औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब

जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए

और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।

और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है

औरत - बस यही रख दो मेरा बैग

वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है

जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।

तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।

वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।

औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है

तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।

इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।

वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।

इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।

इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।

लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।

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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....
 
Update 11

इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।

इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।

लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।

अब आगे

लड़की - अंजली मेम

अंजली - क्या है

लड़की - ये हमारी इस महीने का टूर का प्रॉफिट है।

अंजलि - ठीक है

अंजली किसी को कॉल लगती है और कहती है " पता करो रमेश कहा है और उसकी बेटी आज कल कहा रहती है"

इधर वीर भी तेजी से सास लेते हुऐ आज जो जो उसने देखा था उससे उसका दिमाग जो हिल गया था।

तभी वो ऊपर आता है तो उसके सामने से कोई जा रहा होता है वो समझ जाता है ये उसकी ही वाइफ है।

तभी वो नज़र डालता है तो देखता ही रह जाता है।



उसकी वाइफ इतनी सजी हुई थी ऊपर से इतनी सुंदर ऊपर से गदराया हुआ बदन, ऊपर से वीर अभी भी वर्जिन वो बहक गया उसने बिना जाने समझें की वो कोन है उसने उसको पीछे से अपने बाहों में समेट लिया।

वीर ने अपने हाथ उसकी कमर पर लोक कर के, उससे पीछे से चिपक जाता है और अपने होठों को उसके पीठ पर रख देता है।

वही वीर उसकी कमर पर हाथ सहलाते हुए बोलता है आई लव यू

तभी किसी की खांसने की आवाज़ आती है।

तभी वीर को तनु धकेल देती है

जिससे देख कर निधि बोलती है ओए होए दीदी रोमांस हा।

निधि - इसी लिए आपने काव्या को तनु और साक्षी के साथ भेज दिया बाग हा अब आम तो एक बहाना है असली मकसद तो प्यार को पाना है क्या जीजू

तभी राखी हस्ते हुआ निधि को जबरदस्ती नीचे ले कर चली जाती है।

राखी - तुम दोनो आराम करो बेटा, दामाद जी बहुत प्यारे है।

बेचारी तनु का पारा चढ़ गया ये देख कर वो गुस्से मैं वीर को देखती है जिससे वीर सहम जाता है और कहता है मत मारो वो बहुत अच्छी लग रही थी।

तनु - ऐसी हरकतें क्यो करते हो जिससे मैं मारू तुमको, कितना भी सोच लूं तुमको ना मारू, लेकिन नही बिना लात खाए दिमाग नही चलता तुम्हारा ।

वीर चुप चाप सर नीचे झुकाए सुन रहा था वो इतने प्यार से मुंह बना कर सुन रहा था ।

तनु - घर में एक बेटी है, चैन नहीं है तुम्हें कभी भी कुछ भी कर देते हो।

तनु - मूड खराब मत करो अब वर्ना सीधा सैंडल उतारूंगी, चुप चाप बोलते हो या नहीं।

वीर - क्या बोलूं

तनु - कल रात से देख रही हूं, हरकते तुम्हारी सब सच सच बोलते हो दूसरा तरीका है मेरे पास किसके साथ मुंह काला कर रहे हो।

वीर - मतलब

तनु - अब सैंडल उतारती है अपनी

तभी वीर जल्दी से कुद पड़ता है और बोलता है अरे मैने कुछ नहीं किया सच्ची मैं कल रात को बस पानी पीने उठा था तभी कुछ शोर सुन तो नीचे गया तो देखा राज निधि प्यार कर रहा था और फिर मैं ऊपर चला आया और आज काम पर गया तो जमीदार ने एक औरत को कार मैं चोदा और वो रो रही थी तभी मैं उसको चुप कराने के लिए गले लगा दिया वो मां की उम्र थी।

(एक तरफ से वीर सब कुछ बक दिया तनु को)

वीर - में अपनी बेटी की कसम खाता हूं मैं बस तुम्हारे और अपनी पत्नियों के अलावा किसी को भी गलत नजर से नहीं देखा।

तनु फिर उसको घूरती है

वीर - तुम्हारी कसम मेरे दिल में ज़रा भी उनको ले कर हवस नही आई ।

तनु - वो तो घर आते ही दिख रहा था।

तभी तनु वीर को पास बुलाती है।

वीर स्माइल करते हुआ जाता है उसके पास तभी तनु उसका हाथ पकड़ कर पास मैं गरम गरम चूल्हे से लकड़ी उठा लेती है।

ये देख कर वीर की गांड़ फट कर हाथ मैं आ जाती है और वो जल्दी से कुद कर बेड पर आ जाता है।

तनु - रुको बहुत देखने का नासा चढ़ा हुआ है ना उतरती हूं अभी आओ नीचे, आओ आज हग
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करवाती हूं बहुत दुसरे का हिम्मत देना है ना आओ दिलवाती हूं।

वीर - नी नी अब से कसम से अब नही होगा।

तनु - घर में तीन तीन को दिन भर ताड़ते हो हवासी कहीं के रुको तुम आज

वीर - रे मैं जल जाऊंगा उससे , मेरी नियत खराब नहीं थी।

तनु - नियत खराब नहीं थी तो हो जाएंगी, तुमने उनको छूआ कैसे।

तनु को इतना गुस्सा मैं देख कर वीर की गांड़ फटी हुई थी

तनु - तुम्हारी नियत सही हो या नहीं आज के बाद किसी को भी नहीं छूना नौकरी करने भेजती हूं हिम्मत देने नहीं।

वीर - हा हा पक्का

तनु - और ये झांकने की आदत कहा से सीख रहे हो घर में।

वीर - अब से पक्का तुम सब के अलावा किसी को नहीं झकुंगा मैने तो वैसे भी कुछ गलत नहीं किया।

तनु - गलत किया या नहीं किया मुझसे नहीं मतलब अब से अगर किसी और को छुआ हम तीनो के अलावा गलती से भी, तो तुम देखना क्या करती हूं मैं।

वही साक्षी अंदर आती है और उसके हाथ से लकड़ी ले लेती है और कहती है वो समझ गया।

वीर - बाहरी वाले से क्या मतलब मैं तो छूता तो छोड़ो देखता भी नहीं, मेरी खुद तीन पटाका पत्नियां है मुझे दूसरे की क्या जरुरत छुने की, मैं तो तुमसे सारी बात शेयर करता हूं।

वीर तभी जाने लगता है तो कहता है बाहरी को क्या छूना घर वाली को छूता हूं तो गांड़ फाड़ देती है।

तभी तनु वापिस से लड़की उठा लेती है और कहती है रुको आओ प्यार करती हूं

लेकिन वीर लकड़ी देख कर भाग जाता है बाथरूम और भागते हुए बोलता है जल्दी भाग वर्ना लोड़ा जला देगी, साले जमीदार तेरी मां की साला कुत्ता।

तनु - अरे आओ ना कपड़े उतार दूं

वही ये देख कर साक्षी हस्ते हुआ लड़की छीन लेती है और और तनु के सर पर मारती है।

साक्षी - क्या करती रहती है तू।

तनु - देखा नी तूने उस बुढ़िया से तो मैं मिलूंगी तब बतुंगी मेरे सीधे साधे पति को बहला रही है ना जो रुको

साक्षी हस रही थी अरे वो बस उसका रोना चुप करा रहा था।

तनु - मेरे पति है बस मेरा ऐसे सब का रोना चुप कराने के लिए नहीं है वो, बस हमारा रोना चुप कराए और बस हमारी डॉट खाए बस किसी और ने ये हक लेने की कोशिश की तो जान ले लुंगी।

तभी साक्षी कहती है चलो कम से कम पति तो माना तुमने।

साक्षी - तू भी अच्छी तरह जानती है, वो हम दोनो के होते हुए कही नहीं जा सकता उसके दिल पर हमारा कब्जा है।

साक्षी - भाभी वाला फिगर और थोड़ा अच्छा फेस इसी पर तो वो फिदा रहता है वैसे भी वो हम तीनो से प्यार करता है।

तनु अब खाने बनाने लग जाती है और साक्षी भी बनाने में लग जाती है।

साक्षी - तनु

तनु - अब क्या है

साक्षी - वैसे हम दोनो ऐसे साड़ी लपेट लेते है तो इससे कंट्रोल नही होता, जिस दिन सज धज जाएंगे क्या होगा।

तनु - इसी लिए जरा भी मेकअप नहीं करती, ऊपर से डर लगता है मेरी बेटी भी है इसीलिए मार भी नहीं सकती।

तभी साक्षी कहती है वैसे अब हम दोनो की लाइफ सेट हो गई है ना।

तनु - हा

तभी काव्या अंदर आती है और बोलती है मम्मी आपकी पीट पर ये रेड रेड क्या है।

जिससे अनु देख कर हैरान रह जाती है क्युकी वो अच्छा से पहचानती थी इस निशान को ये लव बाइट के था।

तभी वीर जो अभी अभी अंदर आया था वो वापिस जाने लगता है।

अनु - वो एक चिटी ने काट लिया था इनको।

काव्या - ओ मम्मी ध्यान रखा करो ना इस चिटी ने कल बड़ी मम्मी को भी कटा था।

ये सुन कर साक्षी और तनु एक साथ अटक जाती है।।

तभी अनु बाहर चली जाती है किसी काम से।

और वीर रूम में चुप चाप बैठा था दोनो पत्नी को ताड़ रहा था अपनी।

तभी उसे किसी के डाट खाने की आवाज़ आती है जिससे वो उठ कर बाहर आता है तो देखता है सीधी के पास खड़ी अनु थोड़ा उदास हो कर बैठी हुई है।

वीर पास से देखता है तो पता है उसकी आंखे नम थी।

वीर - क्या है क्यो रो रही हो आप हा

अनु आसू पोछते हुए तुमसे मतलब मैं चाहे जो करू।

वीर - मतलब है तुम मेरी हो तुम्हे रुलाने का हक बस मेरा है आज तक तुम्हारे पति ने तुम्हे नी रुलाया तो किसकी हिम्मत हो गई तुम्हें रुलाने की।

अनु वीर की बात सुन कर अब थोड़ा चुप हो जाती है और कहती है मेरी सहेली की शादी है लेकिन मुझे कोई जाने नी दे रहा।

वीर - कोन नी जाने दे रहा।

अनु - कोई नी जाने देगा मैं बाहर जा रही थी तो पापा ने डाट कर ऊपर फेक दिया वापिस कहता है बाहर गई तो मुंह तोड़ दूंगा।

वीर - बाहर क्या करने जा रही हो।

अनु - तो क्या करू दिन भर दीदी लोग भी ऊब जाती है और मेरी फ्रेंड की शादी में भी नी जाने देंगी।

वीर - अगर मैं तुम्हे ले चलू शादी मैं और घूमने तो ?
अनु - सच्ची ? लेकिन तनु दीदी नी मानेगी।

वीर - वो में देख लूंगा अभी चलो मेरे साथ

वीर उसको ले कर बाहर चल देता है और बाग मैं आ जाता है ।

जहा वो अनु का हाथ पकड़ कर चल रहा था।

और रास्ते में उसको सब देख रहा था और अब उसके पापा ने भी नी डाटा उसको।

वीर के साथ बाग आ कर वो बहुत खुश थी वो उछल उछल कर आम तोड़ थी और वीर उसको देख रहा था।

वीर उसके पास आ कर खड़ा हो जाता है और कहता है मुझे पता है तुम मुझसे नफ़रत करती हो शायद इस शरीर ने तुम्हरे साथ भी कुछ गलत किया लेकिन तुम उदास मत होया करो तुम हस्ती हुई प्यारी लगती हो।

उसकी ये बात सुन कर अनु उसको देखती है और अब वीर उसको ले कर घर चल देता है।

अनु - इतनी जल्दी क्यों है चलने की मेरे साथ रहना तो तुम्हे जरा भी पसन्द है नही क्यों।

वीर उसको कुछ नहीं कहता है और अनु कहती है मैं सही थी तुम हो ही ऐसे हू ।

अनु - इतनी जल्दी मेरे दिल नी पिघलेगा।

तभी घर आ जाता है और वो दोनो खाना खाते है और वीर नोटिस करता है अब तनु उसे इग्नोर कर रही थी।

वही साक्षी हस रही थी।

वीर - अभी भी गुस्सा है क्या

साक्षी - हा मना लेना रात को में।

तभी वीर कहता है बाहर घूमने चले मॉल।

साक्षी - पागल हो तुम तनु मार डालेगी

तभी वीर हस्त है और काव्या को इशारा कर देता है।

थोड़ी देर बाद

साक्षी और तनु मॉल में साडी ले रहे होता है और दूसरे तरफ अनु वीर के पास खड़ी थी।

वीर - अब सुनो मेरी बात शादी कब है।

अनु - 5 दिन बाद

वीर - ठीक है तुम अच्छी सी ड्रेस ले लो

अनु और वीर ड्रेस लेने लगते है।

अनु - ये कैसी है

वीर - कलर अच्छा नहीं है।

अनु - ये

वीर - ये ठीक है

अनु - रुको मैं ट्राय कर के आती हूं।

अनु ड्रेस पहन कर आती है और जिससे वो बहुत प्यारी लग रही थी और वीर अनु के लिए बहुत सी जींस लेता है क्युकी उसे बहुत पसन्द थी।

वही अब अनु वीर को घूर रही थी उसने कभी नी सोचा था कि वीर उसके लिया ये सब करेगा।

अनु मन मैं कहती है थैंक्यू वीर

वही वीर उसको खोया हुआ देख कर उसके पास आता है और कहता है क्या हुआ और कुछ चाहिए।

अनु - नहीं पागल इतना बहुत है

तभी वीर अनु के हाथों मैं 2000 रख देता है और कहता है मेरी वाइफ हो ये तुम्हरे खर्चे के लिया।

अब अनु की आंखे नम हो गईं आज पहली बार किसी ने उसे इतना प्यार दिया था।

वही फिर वो सीधा भाग गई सीधा साक्षी के पास।

वही साक्षी कब से देख रही थी की वीर अनु को संभाल रहा है आज साक्षी बहुत खुश थी एक तरफ आज वीर ने थोड़ा ही सही तनु के करीब आया और अब अनु के लिए इतना कुछ।

तभी वीर तनु के पास जाता है लेकिन तभी वो ट्राय रूम मैं चली जाती है।

और इधर से शॉपिंग कर के वो सब घर चल देते है और वीर ने सब के लिए बहुत कुछ लिया था और आते आते रात हो गई थी इसलिए उन सब ने बाहर से खाना खा लिया।

फिर आते ही काव्या सो गई और आज उसने बहुत खेला था वो बहुत खुश थी और उसकी खुशी देख कर तनु।

तभी सोने का टाइम हुआ और एकदम कोने काव्या उसके बगल तनु और फिर वीर और फिर साक्षी और अनु।

जैसे ही वीर ने देखा काव्या सो गई वीर ने तनु के पैर के ऊपर पैर लाद दिए और उसे अपनी तरफ खींच लिया।

लेकिन तनु ने जरा भी करवट नहीं लिया।

तो वीर ने धीरे से उसके बाल को सहलाया और उसको बोलो नाराज हो हमसे।

तनु - नाराज़ क्यों होंगी तुमने तो बहुत अच्छा किया आज मेरी बेटी खुश है देखो सो गई।

वीर - और मेरी पत्नी खुश नहीं है क्या।

तभी वीर ने उसको पकड़ कर अपनी तरफ कर लिया, अब तनु का फेस वीर की तरफ था।

वीर - माफ कर दो अब से कभी नहीं करूंगा ऐसा पक्का।

तनु - नही जाओ सपोर्ट करो ना

वीर - प्रोमिस नहीं होगा ऐसा दुबारा मैं तो बस तुम्हारा हूं ना तुम्हारी डाट सुनुगा दिन भर और मार खाऊंगा दिन भर और ये हक तो बस तुम्हरा है।

उसकी ये बात सुन कर तनु भी हल्का हस देती है।

तनु - अच्छा ठीक है अब सो जाओ लेकिन अब से नही होना चाहिए।

वीर - पक्का कभी नहीं होगा।

तनु वापिस अपनी बेटी को देखती है और उसे गले लगा कर लेट जाती है।

तभी वीर वापिस साक्षी को देखता है जो अनु को गले लगा कर सो रही थी।

वीर वापिस तनु को सीधा करता है और कहता है मैं तुमसे बहुत प्यार करता हुं तनु तुमने मुझे मारा पीटा मुझे फरक नही पड़ा, क्योंकि तुम जैसी भी हो मेरी हो मेरी पत्नी तुम्हरा गुस्सा भी प्यारा होता हैं ही ही ही ही

वीर - तनु

तनु - हम्म्म

वीर - मैं कोशिश कर रहा हूं तुम्हारा दिल जीतने की तुमको खुश करने की, तुम देखना तुम्हारा दिल जीत लूंगा मैं।

तनु - इतना ही प्यार था तो पहले छोड़ क्यो दिया, और अब प्यार आ रहा है जब सब बदल गया मेरी फीलिंग,

वीर - क्या सच्ची तुम्हें मुझसे प्यार नहीं है

तनु कुछ नही बोलती और करवट बदल लेती है

तभी वीर उसकी कमर पकड़ कर डरते हुआ उसके ऊपर आता है जो अब उसके ऊपर आने मात्र से काप रहा था।

वही तनु अब वीर को कटीली नज़र से देखती है।

वीर - नहीं करती प्यार मुझसे

तनु - हा नही करती क्यो करू तुमसे प्यार हां बंदर कही के।

वीर - मैं तुमसे प्यार करता हूं सबसे करता हूं, तुम मुझसे गुस्सा मत होया करो, मार दिया करो मुझे जब गुस्सा आया करे तो लेकिन इग्नोर करती हो तो दिल में दर्द होता है नही बरदाश होता।

तनु - और जो दिमाग चलाते हो आज कल जायदा मुझे सब पता है समझे।

वीर - क्या मतलब

तनु - काव्या से क्या क्या कहलवाते हो ये करो वो करो कही भी चलना हो तो काव्या का सहारा ले लेते हो।

तनु - और रहते रहते तुम्हारा दिमाग काम करना बंद कर देता है क्या, क्या जरुरत थी इतने पैसे खर्चे करने की मॉल में सारे पैसे लगा दिए हम सब के कपडे मैं।

वीर - मुझे अच्छा लगता है तुम सब के ऊपर खर्चा करना वैसे भी तुम्हारी स्माइल से बड़ कर थोड़ी कुछ है।

अब वीर तनु के उपर लेता था जिससे उसका लन्ड टाइट हो गया था लेकिन वो कुछ कह नी रही थी और वीर एक नज़र देखता है तो तनु सच मैं किसी चांद जैसी है रूप रंग ऊपर से उसकी चूचियां में ऊबार।

वीर - मेरा साथ दोगी, मेरा हाथ थामोगी, पक्का कुछ भी उल्टा सीधा नहीं करूंगा।

तनु - नहीं

वीर - हा कर दो ना रोज तुम्हारे पैर दबा दिया करूंगा।

वही तनु उसकी बात सुन कर मन ही मन हस देती है और ना चाहते हुए भी उसके होठ खिल उठते है नन्ही सी स्माइल के साथ, जो तनु वीर को नही दिखाना चाहती थी इसलिए वो अपना सर पलट देती है दूसरी तरफ।

लेकिन वीर ने देख लिया और कहता है धीरे से ओय मेरी बच्चो की मम्मी आपकी स्माइल बहुत लाजवाब है।

तनु की स्माइल बड़ी हो जाती है अब वीर उसके ऊपर चढ़ कर उसको छेड़ रहा था, जिसे वो ना चाहते हुआ भी बहुत पसन्द आ रही थी।

तनु वही मन मैं वो सब बात याद करती है की जब वो वीर को डाट देती थी, तो भी वो चुप चाप सुनता रहता है हमेशा उसकी डाट सुन लेता है एक बार भी नज़र ऊपर कर के नहीं देखता है, उसका चुपके चुपके उसे घूरना उसकी डाट और मार के बाद भी वो बस तनु को प्यार की नज़र से ही देखता।

वही ये सब सोच कर उसकी स्माइल बड़ी जा रही थी और वीर को देखती है जो उसकी स्माइल को बस प्यार से देख रहा था उसे।

वीर - क्या तुम मुझसे नफ़रत करती हो।

तनु - पहले तुमने मेरे सथ

वीर उसके मुंह पर हाथ रख देता है और कहता है मत याद करो उसे मुझे खुद वो सब बात याद नहीं क्या पता मैं कोई दूसरा सक्स हूं, वो कहानी तो खत्म हो चुकी है उसे सोच कर मूड मत खराब करो अपना बहुत मेहनत करी है मैने ये स्माइल वापिस लाने मैं।

और जब वो हाथ हटाता है तो तनु कहती है मेहनत कैसी मेहनत हा

वीर - क्यो हरदम मार खाता रहता हूं तब जा कर अपनी तनु की हसी देखी है मैने, और वैसे भी सुबह तो जलने वाला था मैं।

वीर की बात सुन कर फिर ना चाहते हुए भी तनु का चहरा खिल जाता है और धीरे से कहती है अच्छा ठीक है नहीं सोचती वो सब बात।

वीर - ही ही ही तो आपको हमसे प्यार हो गया ना

तनु - गधे ऐसे ही मार खाओ, फिर सोचूंगी।

वीर अब ना चाहते हुए भी तनु को देखता है उसकी कमर उसके चूंचे अब बेचारा के नीचे इतनी प्यारी वाइफ हो तो कोन नही बहकेगा।

वीर धीरे धीरे उसके होठ की ओर बढ़ने लगता है लेकिन तनु उसको रोक देती है और कहती है मैने तुम्हे थोड़ा क्या भाव दिया तुम तो सर पर चढ़े जा रहा हो हा, मैने कब कहा कि मेरे दिल पिगल गया।

वीर तेजी से सास लेते हुआ कहता है प्लीज़ मैं जानता हूं तुम्हरा दिल भी प्यार करता है

तनु - बड़े आए मेरे दिल की जानने वाली

वीर - करती हो ना प्यार मुझसे

तनु - रात को तुम्हे क्या हो जाता है दिन भर तो चुप चाप सर झुकाए रहते हो और रात को हरकतें देखो अपनी।

वीर - में क्या करू ऐसा की तुम्हे मुझसे प्यार हो जाए तुम्हारा दिल पिघल जाए, तुम्हारी हसी वापिस आ जाए।

वही ये सुन कर तनु हस देती है और कहती है बस करो सब जाग गए अगर तो मैं बहुत मरूंगी कसम से कह रही।

तनु का दिल भी जनता था की अब वो कितनी खुश रहने लगी है।

तभी वीर फिर आगे आता है और तनु फिर रोक देती है।

वीर अब उदास हो जाता है और चुप चाप ऊपर से हट जाता है।

तनु ये देख कर बहुत हस्ती है और उसकी हसी रुक ही नहीं रही थी वो किसी तरह अपनी हसी रोकती है और वीर की सारी बात याद करती है जो उसे बहला रहा था उसे मना रहा था।

तनु मन मैं कहती है प्यार करते हो ना मुझसे गधे और फिर वो हस्ती रहती है तभी वो कहती है वैसे झूठ भी नहीं कह रहा था थोड़ा ही सही लेकिन प्यार तो है।

तनु अपनी बेटी को देखती है जो बहुत गहरी नींद में सोई थी और वो कहती है अब सब अच्छा चल रहा है अब आदत डालनी पड़ेगी ऐसे ही खुशी की।

तनु वापिस से वीर की तरफ मुंह करती है और उसे अपनी तरफ मुंह करने को कहती है

तनु - उदास मत हो एक बात बताऊं

वीर - हा

तनु - मैने ये नी कहा की प्यार करती हुं लेकिन मैने ये भी नही कहा की प्यार नहीं करती हुं।

वीर इतना सुनता ही पागल हो गया लेकिन उसने कंट्रोल रखा तो वापिस तनु ने बोला अब मैं बहुत खुश हूं तुम्हारे वजह से।

वीर - तो मुझे एक्सेप्ट करने में क्या दिक्कत है

तनु फिर हस्ती है अच्छा बच्चू मेरा मन नहीं है जो दिन भर उठ पटांग हरकतें करते हो इसीलिए बहक रहे हो क्यो करते हो ऐसी हरकते ।

वीर - बस थोड़ा सा

तनु - अच्छा ठीक है प्यार है तुमसे तुम बहुत प्यारे हो बस

वीर - बस एक किस करने दोगी

तनु - वादा करो उससे आगे नहीं बढ़ोगे

वीर - वादा

तनु - किसी और की तरफ़ नहीं देखोगे

वीर - पक्का बस तुम तीनो को देखूंगा

तनु - ठीक है फिर एक किस कर लो

तनु का इतना सुनते ही वीर उसके ऊपर कुद पड़ा और उसके होठ मैं होठ मिला दिया और काटने लगा पहली बार अपनी वाइफ को थोड़ा ही सही प्यार कर रहा था इसीलिए खुश था।

वीर तनु के होठ को चूम रहा था काट रहा था उसे बहुत प्यार आ रहा था तनु पर।



तनु - उम्मम्म्म उम्म्म

तनु फिर वीर को हटा देती है जिससे वीर का मुंह बच्चे जैसा हो गया जैसे वीर का पसंदीदा चीज छीन लिया गया हो।

तनु - पागल हो क्या खा जाओगे 1 घंटे हो गया है हटो मेरे ऊपर से और तुम्हारे हाथ कहा है ।

वीर - हल्दी से अपना हाथ उसकी चूची पर से हटा लेता है

वीर - मेरी नियत जरा भी खराब नहीं थी।

तनु - अच्छा तो मुझे गड़ क्या रहा है नीचे

ये सुन कर वीर के गाल ही लाल हो गए था।

तनु - हटो अब एक ही बात हुई थी।

वीर - क्या एक ही किस बस और अब मैं कभी नहीं कर सकता

तनु - नहीं कभी नहीं।

वीर वापिस उदास हो जाता है और तनु हस रही थी।

तभी तनु बहुत देर तक हसी फिर वापिस से कहती है अच्छा सुनो

वीर - हा

तनु - आई लव यू, अब खुश हा प्यार करती हूं तुमसे बहुत ज्यादा तुमरे आने से सब बदल गया। एक दिन मैं तो प्यार जाग नही जाएगा, एक दिन मैं इतना क्लोज आई बात की ये काफी नहीं है क्या।

वीर अब खुश हो जाता है और तनु फिर बोलती है याद रहे मैने बस एक किस बोला था।

वीर - और आगे का

तनु ये सुन कर गुस्सा हो जाती है और कहती है क्या आगे का जरा बोलो तो

वीर अब चुप हो जाता है तभी तनु कहती है अब सो जाओ जरा भी इधर उधर का ख्याल आया तो जान ले लुंगी समझे हवासी कही के।

वही वीर अब सो जाता है और तनु वापिस पलट कर देखती है उसे तो हसी आ जाती है और कहती है कामिने ने प्यार तो करवा दिया।

तनु - साक्षी सही कहती थी प्यार तो खुद बा खुद हो जाएगा अब इतनी मार खा कर भी केयर करेगा तो आएगा ही ना।

तनु - कामिना कही का पूरा होठ दर्द कर रहे है किस कम किया लेकिन काट डाला पूरा।

वीर बहुत खुश था उसके लाइफ की फर्स्ट किस जो मिली थी तनु से।

वीर - तनु को पहले जैसा खुश कर दिया धीरे धीरे ही सही वो एक दम खुश रहने लगेगी।

इधर तनु ये सुन कर स्माइल करती है तनु भी जान रही थी वीर क्या चाह रहा है और वो मन मैं कहती है ऐसे ही नही होगा वीर बहुत प्यार जताना पड़ेगा बहुत मेहनत करवाऊंगी लेकिन प्रोमिस अगर तुम दिल जीत लिया तो पक्का खुद साडी उतारूंगी और किस करना भी सिकाऊंगी, और वादा तुम्हारी साक्षी को भी तैयार कर दूंगी।

इधर तभी तनु को वापिस वीर बुलाता है

तनु - अब क्या है

वीर कुछ नही बोलता बस उसके सीने पर अपना सर रख कर लेट जाता है और कब भी तनु सो गई उसे पता ही नहीं चला
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Ab dhere dhere romance hoga fir chodam patti hogi
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... ... Like toh barsha hi doge.... [embed]http://ad.a-ads.com/2315437?size=300x250[/embed]
 
Update 12

तनु - अब क्या है

वीर कुछ नही बोलता बस उसके सीने पर अपना सर रख कर लेट जाता है और कब भी तनु सो गई उसे पता ही नहीं चला

अब आगे

वीर सो तो गया था लेकिन थोड़े टाइम बाद उसकी नींद खुल जाती है और जब वो देखता है तो तनु के ऊपर लेटा हुआ था उसके सास लेते हुए चूचे जिसको देखने मात्र से ही वीर की सास तेज़ हो गई।

वीर अपने आप को कंट्रोल करने की कोशिश करता है लेकिन आज उसने पहली बार किस किया था तो उसका दिमाग जरा भी काम नही कर रहा था।

तभी वो सोती हुई तनु के होठ पर अपने होठ रख देता है और उसके नीचे के होठ को अपने मुंह में भर के नोचने लगता है और अब वीर जरा भी अपने होश में नहीं था।



वही वीर की इस हरक़त से तनु की नींद खुल जाती है और वीर को गुस्से से देखती है और वीर को धकेल देती है अपने ऊपर से और धीरे से कहती है दिमाग़ खराब है क्या तुम्हारा तुमको कुछ समझ में नहीं आता।

वीर चुप चाप सुन रहा था और क्या ही करता।

तनु - काव्या बगल में सो रही है अगर वो नही सो रही थी तो अभी पीट के रख देती।

तनु थोड़ी देर चुप होती है और अपनी बेटी की तरफ़ मुंह करती है तभी उसकी क़मर पर एक हाथ आ कर उसको जकड़ लेता है।

तनु - रात को तुमको हो क्या जाता है, इतनी हिम्मत कैसे आ जाती है तुम्हारी।

वीर कुछ नहीं कहता बस उसकी साड़ी का पिन खोल रहा होता है जो ब्लाउज पर लगा हुआ था जिससे उसका पल्लू कंधे से नीचे ना आए।

वीर को ये करता देख तनु एक बार पलट जाती है और उसको धकेल देती है जिससे उसका सर टकरा जाता है हल्का सा।

लेकिन वीर वापिस आता है उसके पास और पिन निकलने लग जाता है और ये देख कर तनु धीरे से कहती है यार क्यो नाटक लगा रखा है मानते क्यों नहीं मेरी बात काव्या उठ जाएगी तो क्या मुंह दिखाने के लायक रह जाऊंगी मैं।

तनु - मैं बाद में तैयार हो जाऊंगी तो खुद सब करने की परमिशन दे दूंगी मुझ पता है तुम बहुत अच्छे पति हो ना देखो अब तो मैं इज़हार भी करी ना।

लेकिन वीर उसकी बात बहुत प्यार से सुनता है और धीरे से कहता है ठीक है और वापिस पिन निकलने लग जाता है।

इस बात तनु का पूरा दिमाग हिल गया और वो उठ का वीर को एक झापड़ मारती है और कहती छूना भी मत अब सुबह तुम्हारी ऐसी की तैसी नहीं करी मैने तो मेरे नाम भी तनु नहीं देखना तुम।

तभी वीर अपना गाल सहलाता है लेकिन थप्पड़ बहुत टाइट था जिसकी आवाज सुन कर साक्षी और अनु भी उठ गई।

अनु - दीदी क्या हुआ

साक्षी - चुप बिलकुल चुप वर्ना तनु हम दोनो को मार देगी चुप चाप सुन।

तभी तनु अगल बगल देखती है की सब सो रही है या नही और फिर बोलती है मैना बोला एक बार जब बस बस अब बस तुमको समझ नहीं आता पहले ही मेरे होठ दर्द कर रहे है ऊपर से साड़ी थोड़ा साथ क्या दिया सर पर चढ़े जा रहा हो दिमाग मत खराब करो मैं नहीं करना चाहती इतनी हवस चढ़ी है तो बताओ।

तनु वापिस लेट जाती है और वीर वापिस उसकी पिन खोलने लग जाता है तनु की आंखे गुस्सा से लाल हो गई उसने वीर को पटापटना शुरू कर दिया।

लेकिन वीर रूका नहीं।

तो तनु उसकी तरफ देखती है और कहती है क्या है हा?

तनु मन मैं कहती प्यार से समझाना पड़ेगा।

तनु - क्या है हा बोलो

वीर - बहुत अकेला फील करता हूं आज पहली बार किस किया तुमने तो बहक गया लेकिन मेरी नियत ऐसी नहीं है मैं कुछ खराब नहीं चाहता मैं धीरे से ही सही तुम्हारा दिल जीत लूंगा।

तनु - तो क्यों नाटक लगा रखा है सो जाओ, दिया ना मैने एक किस तो क्या कर रहा हो।

वीर - बस थोड़ा अपनापन चहिए इसीलिए अल्पिन (पिन) निकालकर साड़ी क़मर तक कर रहा था जिससे तुम्हारा ब्लाउज के पीछे जो पीट दिख रही वहा सर रख कर सोना है।

तनु - ठीक है फिर बिना नाटक के से जाओगे

वीर - पक्का

तनु जल्दी से उठ जाती है और पिन निकालकर साड़ी नीचे कर देती है जिससे उसकी कमर के ऊपर बस ब्लाउज रह जाता है।

और रात में कुछ दिख नहीं रहा था लेकिन वीर को तनु के चूड़ियों की छन छन की आवाज़ आ रही थी।

फिर तनु लेट जाती है दूसरी तरफ मुंह कर के और काव्या को देखती है जो सो रही थी उसको प्यार से सहलाती है।

वीर भी उसको सहलाता है जब दोनो को कन्फर्म हो जाता है की काव्या सो गई तो तनु कहती है अब सो जाओ तुम भी हरकतें तुम्हारी ऐसी है की पूछो मत बच्चो जैसे।

वीर उसकी कमर को जकड़ लेता है और उसकी गांड़ का फील लेता हुआ उसकी पीट पर अपने गाल रख देता है।

वही वीर की बाहों में पड़ी तनु सोचती है पागल लड़का मेरा थोड़ा साथ पाने के लिया इतना मार खाया, वैसे तनु जैसी भी थी उसे इस वीर से थोड़ा तो प्यार था उसके अंदर की लड़की को वीर धीरे धीरे जगा रहा था लेकिन आज वीर ने उसको अहसास दिला दिया की वो एक शादी शुदा है, बच्ची के उठ जाने का डर और पति की ऐसी तड़प देख उसे हसी आ रही थी यही जिंदगी तो वो जीना चाहती थी।

तनु - अभी तो मैं 28 साल की हूं, चलो अब मेरी लाइफ सुधर रही है अच्छा है।

तभी तनु को पता चलता है की वीर की तरफ पिट कर के सो रही है इसका मतलब वीर मेरी गांड़

इतना सोच कर जल्दी से तनु करवट बदल लेती है जिससे देख कर वीर डर जाता है और कहता है अब मेने कुछ नहीं किया बस मैं तो पेट से खेल रहा था तुम्हारे।

वही ये सुन कर तनु कुछ नहीं कहती बस वीर को घूर कर देखती है और कहती सोना है या नही चुप चाप।

वीर उसके होठ को देखता है और धीरे से दूसरी तरफ़ देख कर कहता है नींद नहीं आ रही।

तनु उसे अपनी तरफ खीच लेती है और वीर तुरंत उसके होठ को चूमने लगता है उसकी जीभ से अपनी जीभ मिला देती है तनु इस अहसास से ही वीर का लन्ड खड़ा हो जाता है और तनु के साड़ी के ऊपर से ही टोकरे मार रहा था।



फिर तनु उसको रोकती है और अपनी आंखों को खोलती है और वीर के सीने में घुस जाती है और वीर अब कब सो जाता है उसे पता नहीं चलता।

वही वीर की बाहों में तनु भी सो जाती है।

और इन दोनो को सो जाने के बाद अनु हस्ती है और कहती है दीदी बड़ी जबरदस्त किस थी तनु दीदी का तो पूरा होठ खा गया ।

साक्षी - मेहनत का फल है मेहनत का इतना गुस्सा सहता है बेचारा दिन भर हम सब के लिया सब कुछ करता है तो थोड़ा ही सही तनु हंसना सिख रही है।

अनु - वैसे दीदी ये कहना गलत होगा की अब तनु दीदी वीर के बिना सो नहीं पाती।

साक्षी - सो जा वर्ना अगला नंबर हमारा और तुम्हरा होगा।

वही अनु को जल्दी से साक्षी सुला देती है।

और खुद भी सो जाती है।

वही सुबह जब तनु की नींद खुलती है तो वो देखती है की उसके ऊपर वीर सो रहा है और वीर ने अपने एक हाथ से काव्या को भी पकड़ रखा है और तनु वीर को ऐसे हाल में देख कर उसकी सुबह बन जाती है।

लेकिन अब तनु उठे कैसे क्युकी वो तो नीचे दबी हुई थी।

किसी तरह तनु उसके नीचे से निकल कर आती है और जब वो अपनी हालत देखती है तो जल्दी से बाथरूम भाग जाती है।

तनु के पूरे बाल बिखरे ब्लाउज के बैटन खुले ऊपर के और साड़ी का पल्लू कमर के नीचे लटका हुआ गले पर होठ पर काटे जाने के निशान, पीट पर दात के निशान।

सब चीज उसके शादी शुदा होने के सबूत दे रहे थे।

वही तनु जल्दी से बाथरोम में नहाते टाइम सोचती है अभी उटेगा तो देखूंगी रात को तो बड़ी हिम्मत आ रही थी अभी मेरी तरफ देख कर दिखाएं, ज़रा उठने दो तो देखती हूं रात की हिम्मत का हिसाब लुंगी उठो तो देखू तुमकों।

वही तनु को रात की बात पर हसी भी आ रही थी कितना डर रहा था वो।

फिर तनु ये सब बात छोड़ कर नहा कर टाइम देखती है तो उसका दिमाग हिल गया था 9 बजे इस लड़के ने बिगाड़ के रख दिया है।

जल्दी से तनु नहा कर बाहर आती है तो देखती है अब वीर काव्या को अपने सीने में छिपाए हुए सो रहा है और उसका दूसरा हाथ साक्षी की कमर पर था।

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To be continued ye thoda chota update tha lekin ek aur aayga aaj hi.... Daily aayga aur jaisa kaha pyar ka ful khil chuka hai
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... next update aayga dhophar 3 bje tak....19 July...like toh kr hi dena... [embed]http://ad.a-ads.com/2315437?size=300x250[/embed]
 
Update 13

जल्दी से तनु नहा कर बाहर आती है तो देखती है अब वीर काव्या को अपने सीने में छिपाए हुए सो रहा है और उसका दूसरा हाथ साक्षी की कमर पर था।

अब आगे

थोड़े देर बाद साक्षी की नींद खुल जाती है और वो देखती है की वो खुद वीर की बाहों में सो रही है उनके बीच काव्या सो रही है जो साक्षी से चिपकी हुई थी।

थोड़े देर बाद काव्या की नींद खुल जाती है और वो हस्ते हुआ कहती है गुड मार्निंग मम्मी

साक्षी - गुड मार्निंग मेरी बच्ची, रात को अच्छी नींद आई।

उसके बाद साक्षी ऐसे ही काव्या को बातों मैं फुसलाकर वीर का हाथ अपने कमर से हटाती है और ब्लाउज ठीक कर के काव्या को ले कर जाने लगती है और जाते टाइम चुपके से वीर के सर पर तपली मार कर जाती है, और कहती है पागल
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वही साक्षी के जाने के बाद वीर कसमसाने लगता है और साक्षी जल्दी से भाग जाती है।

साक्षी जब रूम में जाती है तो तनु बस एक कोने बैठी थी।

तनु - गुड मार्निंग बेबी।

काव्या खूब कस के तनु के सीने में घूस जाती है, मम्मी आप बहुत प्यारे लग रहे हो, नई नई साडी में अच्छी लग रही हो।

तनु - तो अच्छी नही लगूंगी, काव्या की मम्मी हूं अब तो सुन्दर लगना ही पड़ेगा।

तभी साक्षी की नज़र तनु की हालत पर जाती है जिसे देख कर उसे हसी आ जाती है, और मन मैं कहती है वाह प्यार की निशानी ले कर ही मानी आप।

इधर तनु जान बूझकर काव्या को अपने दूर नहीं जाने दे रही थी उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी साक्षी से बात करने की

तभी हस्ते हुआ साक्षी बोलती है तनु बेटा जाओ जल्दी से तैयार हो फ्रेश हो कर फिर आराम से खेलना।

"जी मम्मा" काव्या इतना बोल कर भाग गई।

काव्या के जाते ही तनु को देखती हुई साक्षी बोलती है चुम्मा चाटी मैं आप तो हमसे भी आगे निकली मैम।

तनु - दिमाग़ मत खराब कर समझी, कुत्ता रात को सटक गया था।

साक्षी - अच्छा कुत्ता सटक और कुटिया का दिल

तनु - हा तो थोड़ा प्यार आ रहा था बस, है मुझे उससे प्यार
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इतनी मासूम सी सकल बना कर प्यार देखता है तो पीगल जाती हूं मैं।

साक्षी - वैसे एक बात बताऊं , यार यही हाल मेरा भी है लेकिन अब को भी अच्छा फील करता है खुश रहता है।

तनु - हवस भरी है खुश नहीं होगा दिन भर ताड़ता रहत है तो अच्छा नही लगेगा।

साक्षी - वैसे रात को में मजा आई सच्ची बता

तनु - हट कामिनी, इतना लात खाया लेकिन मारा नहीं।

साक्षी मन मैं सोचती है चल कम से कम तू खुश रहना सीख गई वीर तुमने सच मैं कर दिखाया

इधर तनु किसी तरह साक्षी से बच जाती है और साक्षी कहती जल्दी से इसको उठाओ।

साक्षी - तू जा कर उठा , मैं नहा धो कर फ्रेश हो लूं।

तनु वीर को उठाने जाती है और जब देखती है तो वीर अब अनु की कमर पकड़ कर के सो रहा होता है वीर का हाथ उसके सलवार के अंदर जा कर उसके पेट पर था।

तनु वहा पर अनु को बुलाती है जब अनु थोड़ा नींद से बाहर आई तो तनु को देख कर बोली दीदी गुड़ मार्निंग।

तनु - तुम्हार रोमांस बिगाड़ने के लिए माफी चाहती हूं लेकिन अब कृपा उठ जाए वरना कुछ देर में काव्या आएगी तो ये देख कर पूरे घर में बताएगी।

वही अनु को अपनी हालत का अंदाजा हुआ तो वीर का हाथ झटक देती है और एक हाथ घुमा कर मारती है

और ये देख कर दरवाजे के गेट पर वही बैठ जाती है।

वीर पहले अपनी नज़र खोल कर आजू बाजू देखता है और उसकी नज़र अनु पर पड़ती है वो साक्षी समझ कर एक बार और उसके गले पड़ जाता है और कहता है साक्षी गुड मॉर्निंग।

लेकिन इस बार वो झापड़ तेज होता है

वीर जल्दी से उठ जाता है।

और उसको ऐसे खड़े होते हुआ देख तनु हस देती है दरवाजे पर बैठे बैठे।



जैसे ही वीर की नज़र तनु पर पड़ती है वो देखता है वो हसी वीर को अच्छा लग रहा था।

तभी साक्षी कहती है अरे इतना क्यों हस रही हो कुछ हुआ क्या वो अंदर बेड के पास बैठते हुए पूछती है।

वीर - हा मैने आज नोटिस किया की तुम्हारी और अनु की सकल 70% मिलती है बस तुम भाभी हो वो मॉडर्न पटाका।

ये सुन कर साक्षी हसने लगती है और वीर को देखती है



भले ही जो भी हो वीर को साक्षी पर हमेशा से बहुत लगाव रहा है तो वो साक्षी को ऐसे देखता है तो वो उसकी गोद मैं सर रख कर लेट जाता है और उसकी कमर को बहुत कस के जकड़ लेता है और कहता है मैने तुम्हे समझ कर अनु को हग कर लिया और तुम मुझे छोड़ कर मत जाया करो ना सुबह और इस तनु ने भी नहीं बचाया मुझे बस पटाका जैसे बन कर सज जाती है और हस रही थी।

वही वीर सारी शिकायत करता है साक्षी से और साक्षी उसे प्यार से उसके बालो को सहला रही थी तभी अनु अंदर आती है और जब वो देखती है वीर को ऐसे तो उसको हटाने के लिए आगे आती है और कहती है इसको जब देखो हवस ही चढ़ी हुई है, हटो दीदी इसको मैं बताती हूं ये कह कर वो वीर के बालों पर आती है।

तभी साक्षी उसकी तरफ देखती है और कहती है खबरदार अगर छुआ भी तो अभी वो मेरे पास है समझी।

फिर वीर सबकी शिकायत कर रहा था साक्षी हंसते हुए उसके गाल सहला रही थी।

साक्षी - अच्छा अब बस जाओ और नहा कर आओ फ्रेश हो कर।

जैसे ही वीर उठता है वैसे ही बाहर निकल जाता है जहा तनु आराम से काम करने मैं लगी थी बिस्तर हटाने में।

अब वीर तनु को देखता है तो उसके पास चला जाता है और बैठ जाता है

तनु - क्या है अब

वीर धीरे से फुसफुसाते हुए कहता है बहुत अच्छी लग रही हो।

तनु - ज्यादा मस्का मत लगाओ, हटो मेरे पास से काम करने दो।

वीर - तुम हस्ते हुआ बहुत प्यारी लगती हूं, लेकिन गुस्सा मैं इतना प्यारी की पूछो मत लेकिन ये बताओ इतना मारती क्यो हो मैं तो तुम्हे

तनु - तुम्हे नही पता क्यों मारती हूं तुमको

तभी वहा पर काव्या आ जाती है और हस्ते हुआ गले लग जाती है वीर के गुड मॉर्निंग पापा।

वीर - अरे मेरा बच्चा गुड मॉर्निंग

काव्या - अरे पापा आप ने दोनो गाल पर मेकअप किया किया है बुधु पापा मेकअप लड़कियां करती है।

उसकी बात सुन कर तनु और साक्षी हस देती है, दोनो हस्ते हुए पेट पकड़ लेती है और वीर झेप जाता है।

लेकिन तनु कहती है अरे बेटा वो पापा को ना किसी कीड़े ने मार दिया।

काव्या - उसी कीड़े ने आपके होठ और गले में कटा है ना मम्मा

तनु अब झेप जाती है और वीर को देखती है और धीरे से कहती है हा गंदा कीड़ा था, फायदा उठा रहा था बहला कर।

ये सुन कर अनु और साक्षी हसने लगती है और तभी काव्या कहती है उफ्फ मम्मा ये कीड़ा बहुत गंदा है यार, इसी कीड़े ने परसो बड़ी मम्मा को काट लिया था।

ये सुन कर वीर जल्दी से उसे गोद मैं उठा लेता है और बिना कुछ कहे बाथरूम में घुस जाता है।

और फिर दोनो की हसी बाहर आ रही थी और उनकी इस हसी ने तनु साक्षी और अनु का रोम रोम खुश कर दिया था।

लेकिन तभी गेट नॉक होता है और निधि अंदर आती है जिसके साथ राखी भी होती है, और जब वो दोनो तनु को देखती है तो उसकी हसी देख कर दोनो सरप्राइज हो जाती है।

तभी निधि की नज़र तनु पर पड़ जाती है जो बहुत ध्यान से देखने पर उसे सारे लव बाइट नज़र आ जाते है और हस्ते हुआ कहती है।

निधी- क्या बात है तनु तू तो छिपी रुस्तम निकलीं।

वही ये सुन कर तनु थोड़ा शरमा जाती है वीर ने हरक़त ही ऐसी की थी वो लव बाइट तो छिपा देती लेकिन होठ उसके कटे पड़े था।

तभी निधि कहती है वैसे साक्षी तू भी कम पिछे नही है होठ तो तेरे भी चीख चीख के कह रहे है।

लेकिन जब तनु और साक्षी को ऐसे चुप और शरमाते देखती है तो अनु बोलती है अरे भाभी पूछो ही मत ऐसे ऐसे दर्द देते है की पूछो मत।

लेकिन हम तीन रहते है ना तो संभाल लेते है वर्ना घंटो तक मेहनत करनी पड़ती है।

उसकी ये बात सुन कर निधि ही झेप जाती है और कहती है अरे अनु तू तो बेशरम हो गई है।

अनु - अब शादी बाद तो बेशरम होना ही पड़ता है क्यो।

तनु - और नहीं तो क्या वर्ना कभी कभी लोग चिलाते है रुक रुक कर गाड़ी चलाओ ना

वही ये बात सुन कर निधि भाग जाती है गाल लाल कर के नीचे क्युकी ये चीज़ उसने राज से बोली थी चूदाई के टाइम जो सुन लिया वीर ने और वीर सब कुछ बताता था तनु से।

तभी निधि को ऐसे भागते देख तीनो हस पड़ती है, तभी राखी आ कर तनु को साक्षी को गले लगा लेती है और कहती है ऐसे ही हस्ते रहा बेटा तुम दोनो।

तभी वीर बाहर आता है जिसने बस एक टॉवल लगा रखा था और काव्या चिलाती है अरे नानी मुझसे मिलने आई हो।

राखी - हा तुमंसे मिलने आई हूं।

वही वीर को देख कर साक्षी उसके आगे खड़ी हो जाती है ताकि उसका शरीर राखी ना देख पाए।

और तभी तनु धीरे से कहती है, रूम में जाओ जल्दी।

तभी वीर रूम में कपड़े पहन रहा होता है तभी उसके सामने अनु आती है और रेड ड्रेस में वो बहुत सुंदर लग रही थी वो वीर को देख कर कहती है सॉरी सुबह के लिए।

तभी वीर कहता है सॉरी किस लिए
अनु - सुबह तुमको मारने के लिए

वीर - अरे तुम मेरी वाइफ हो कोई किरायेदार थोड़ी चिल खिली खिली रहती हो तो अच्छा लगता है।

अनु उसकी बात सुन कर एक टक हस देती है और कहती है शैतान, वैसे भी में तो सबसे पतली दुबली वाइफ हो ना छोटी सी।

वही वीर उसको रोक कर कहता है पतली दुबली नहीं, सबसे मॉडर्न वैसी मुझे पसंद हो तुम।

अनु - कामिने मुझे सब पता है, 2 गदराई हुई है पहले ही इसीलिए तुझे 1 चिकनी चाहिए मॉडर्न वाली

तभी अनु को कुछ याद आ जाता है और वो कहती मेरी सहेली के लिए तुमने तनु दीदी से बात की

लेकिन जब अनु वीर को देखती है तो पाती है वो तो उसको ऊपर से नीचे तक देख रहा है।



अनु - घुर लो आराम से, घूर लो घूर कर ही काम चला लोगे ना।

वीर - और क्या करू थोड़ा छु लिया तो इतनी मार पड़ी।

अनु - तो ऐसे करोगे तो मार पड़ेगी ना, हू नहीं तो

अनु जाने लगती है और उसको जाते हुए ऐसे देखना वीर को अच्छा नहीं लग रहा था।

वीर - उदास मत हो अच्छा सुनो, आज तुम्हे अपनी सहेली की शादी मैं ले कर चलूंगा परेशान मत हो, तुम ही तो मेरी शान हो हमेशा हस्ती रहा करो ना तुम्हे उदास देखता हूं तो बुरा लगता है।

अनु कुछ नहीं कहती बस वीर को देखती है जो उसका हाथ थामे हुआ था और अब अनु को थोड़ी सी कपकपी हुई उसे अहसास हुआ एक पत्नी होने का, लेकिन साथ मैं उसे ये भी पता चला की वीर उससे प्यार करता है लेकिन डरता है।

अनु - ठीक है

और अनु जाने लगती है तभी वीर उसका हाथ पकड़ लेटा है और कहता है मुझे नहीं पता तुम मेरा बारे में क्या सोचती हो लेकिन मैं तुमसे प्यार करता हूं , हा मैने बहुत गलतियां किया लेकिन मैं इसीलिए तो सुधारना चाहता हूं ना, आई लव यू अनु

अनु प्यार का इजहार सुन कर कप कपा जाती है और तेजी से सास लेते हुए कहती है मेरे हाथ छोड़ो वीर , मुझे नहीं पता कुछ।

लेकिन वीर उसका हाथ नहीं छोड़ रहा था।

वीर कुछ कहता उसके पहले वो वीर के गाल पर एक थप्पड़ जड़ देती है और तेजी से भाग जाती है।

और उसको ऐसे भागता हुआ देख तनु और साक्षी हस देती है।

वीर - बहन चोद ये लड़कियां का दिमाग अलग लेवल का चलता है में तो इसको शांत करना चाह रहा था ताकि ये आराम से मस्ती कर सके विश्वास करे मुझ पर।

तभी वीर कहता है मुझे कुछ भी कर के तनु और साक्षी को मनाना पड़ेगा, वर्ना ये मेरी जान ले लेगी, तभी वो मन मैं सोचता है अगर तनु और साक्षी खुश हो जाती है तो आज रात वो मुझे किस करने देंगी।

तभी वो देखता है साक्षी आईने के सामने झुमके पहन रही होती है जिसे देख कर वीर की नज़र उसकी कमर और पीट पर टिक जाती है।



तभी वो साक्षी के पीछे खड़ा होता है।

साक्षी - क्या हुआ कुछ चहिए

तभी साक्षी वीर की हालत देख कर समझ जाती है क्या बात है।

लेकिन तभी वीर पीछे से उसकी उसकी कमर पकड़ कर के हग कर लेट है और उसके कंधे पर अपना सर रख देता है

साक्षी उसे कुछ नहीं कहती और और उसकी तेज सास और उसकी बेबसी देखती है आखिर वीर भी तो इंसान था, वो अपना प्यार ले लिया सब कुछ कर रहा था।

साक्षी उसका हाथ पर अपना हाथ रख देती है और कहती है आराम से सास लो मैं तुम्हारी बाहों में हूं ना, चुप बिलकुल।

साक्षी - मेरे सामने तुम्हारी सिटी पीटी क्यों गुल हो जाती है हा, अच्छा देखो मेरी आंखों में देखो बाबा

तभी साक्षी हस्ती है और उसकी तरफ मुड़ जाती है और वीर उसे कस के गले लगा लेटा है।

अब वीर के हाथ थोड़े थोड़े कप रहे था।

साक्षी - रेड साडी में अच्छी लग रही हूं ना।

वीर - हम्म

साक्षी - i love you ना बाबा इतना बेबस मत हो मैं तुम्हारी ही तो हूं ना, तुम्हारी इसी अदा पर तो मुझे प्यार है।

साक्षी - वीर प्लीज़ ना मेरी तरफ तो देखो

वीर अब साक्षी की तरफ देखता है तो साक्षी स्माइल करते हुआ कहती है तुम्हारी साक्षी सबसे खास है ना तुम्हरे लिए

वीर - हा

साक्षी - तो मैं तुमसे प्यार करती हूं बहुत, तुमने बहुत ध्यान रखते हो मेरा।

वीर अब साक्षी से दूर हटने को तैयार नहीं था।

साक्षी - वीर वीर जब मुझसे दूर नहीं रह पाते तो क्यों रहते हो।

साक्षी वीर के सीने में घुसती है और उसे खूब टाइट हग कर लेती है जिससे वीर की सास अटक जाती है और धीरे से साक्षी कहती है वैसे मेरे लिया इतना तड़प रहा है आप हा।

वीर - बहुत ज्यादा

तभी काव्या अंदर आने लगती है और वीर हट जाता है।

साक्षी वीर का उदास चहरा देख कर हसी आ जाती है।

साक्षी - ये लड़का ना साड़ी उतरवा कर मानेगा मानना पड़ेगा, प्यार तो बहुत करता है।

तनु - इसी लिया मैं आज इसके सामने नहीं आई

साक्षी - तो तड़पता हुआ छोड़ दोगी तो बेचारा क्या करे

तनु - तड़पना जरूरी है

साक्षी - कामिनी तू भी जानती है और मैं भी प्यार हम दोनो करते है

तनु - ही ही ही हा लेकिन इतना भी नहीं की साडी उतर जाए

साक्षी - जल्दी किसको है लेकिन किस करना सीखना पड़ेगा वर्ना दिक्कत हो जाएगी।

तनु - खुद कुछ करेगा हम दोनो को खुश करने के लिया अगर मैं इंप्रेस हुई तो पक्का करना सीखा दूंगी , तू और मैं बारी बारी, लेकिन अगर मैं खुश नहीं हुई तो छुने भी नही दूंगी।

साक्षी - तू कब तक सामने नहीं आयेगी, और तुझे लगता है वो हम दोनो को देख कर कंट्रोल कर पाएगा

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To be continued.... Ab romance ki shruuwaat ho chuki hai... next update bahot jyada romantic hoga...... Kis ladki ke sath dekna hai bta dena... Like kar dena bye bye next update bhi aaj aayga... Bas time nhi pta...
 
Update 14

वीर खाना पीना खा कर जमीदार के यहां काम करने चला जाता है और कार से फिर दोपहर को आता है।

वीर - ये बेटी चोद इंसान है या लन्ड बहन चोद बस भोसड़ा मैं खोया रहता है ।

तभी वीर ऊपर कार को तबेले के पास खड़ा कर के जब जाने लगता है तो उसे कुछ आवाज आती है

वीर देखता है

निधि - आआआहहह हट जाइए वरना अच्छा नहीं होगा, आआआआहह्हह मम्मी छोड़ दीजिए उई मां रात को चोदने में क्या दिक्कत रहता है आपको अभी कोई आ जाएगा तो क्या रह जायेगा



निधि - निकल गया ना अब हटो , कुत्ता कही का रोज रोज का यही हो गया है।

वीर इन दोनो की चूदाई देख कर तेज से सास लेता हुआ भाग गया।

वीर - आज एक बात तो समझ गया ना मैं भी हा होती है और सभी पत्नी की गाली खाते है , लेने के लिए।

तभी वीर ऊपर चला जाता हैं तो उसको दीवाल के पास बैठी हुई काव्या दिखती है।

और अंदर तीनो पत्नियां बैठ कर कुछ कर रही थी।

जैसे ही वीर काव्या को ले कर रूम में आता है तो देखता है तीनो उसको देखने लगती है

तभी काव्या बोलती है मम्मी चलो ना घूमने चलते है बाहर।

तभी तनु वीर को देखती है और मन मैं कहती है फिर कुछ दिमाग लगा कर आया है

साक्षी - हा बेटा हम सब चलेंगे परेशान मत हो।

तभी साक्षी और अनु काव्या को तैयार करने लगती है, और वीर बाहर आता है तभी उसको तनु बाहर दिखती है, जो दीवाल पर चढ़ के बैठी थी।

वीर - चलो ना घूमने तुम भी

तनु - वो दोनो जा रही है ना, काव्या को ले कर जाओ ना, आराम से।

वीर - नही मैने तो तुम्हारे लिया सब किया, चलो ना मैं तुमको पसन्द करता हूं।

तनु वही दीवाल पर टेक लगा कर वीर को देखती है।



और कहती है मुझे सब पता है तुम्हे क्यो पसन्द आ रही हूं मैं, हट जाओ वर्ना कूट दूंगी हटो जरा साक्षी को बताने दो मुझे ये मेरे लिया है ना रुको।

तनु की इतनी बात सुन कर वीर की गांड़ फट जाती है और वो तनु को पकड़ लेटा है, अरे प्लीज़ मत बताओ ना।

ये सुन कर तनु कुछ नहीं कहती है वीर को हटने का इशारा करती है, लेकिन वीर फिर से जज्बातों मैं बह गया था। और तनु की खोपड़ी अब हिल गई थी।

तनु - बार बार आ कर छूना जरूरी है बिना छुए बात नहीं हो सकती तुम्हारी।

और वीर को थोड़ा धकेल देती है और आगे बड़ जाती है

वीर - मेरी ही गलती है पता नही इसको देख कर क्या हो जाता है कंट्रोल खो क्यो देता हूं।

तभी तनु गुस्से में नीचे जाती है और उसने ध्यान नहीं दिया की सीढ़ी के बगल ऊपर साइड गरम पानी है और वीर जस्ट उसके पीछे होता है।

तभी तनु की हाथ उस बर्तन पर लग जाता है, जिसमें गर्म पानी था और वो गर्म पानी तनु के ऊपर गिरने लगता है।

तभी वीर तनु को अपनी बाहों में दबोच लेता है, और सीढ़ी पर ही उसके ऊपर लेट जाता हा, जिससे गर्म पानी उसके ऊपर गिर पड़ता है और तनु बिल्कुल सेफ रहती है।

तभी वीर का ध्यान आता है, की उसके एक हाथ तनु की मुलायम चुचियों पर होते है , जिसके अहसास से ही वीर का दिल खुश हो जाता है, लेकिन तभी वीर की आंखों में आसू आ जाते है।

जब शरीर पर पूरा गरम पानी गिरता है ना तो सारी आशिकी गांड़ के रास्ते निकल जाती है और वही वीर के साथ हुआ।

उसकी पूरी पीठ जल गई और इस आवाज़ से हर कोई आ गया।

काव्या - ही ही ही ही पापा क्या हुआ गिर पड़े, मम्मी के ऊपर।

वही वीर काव्या की आवाज़ सुन कर जल्दी से अपना हाथ तनु के ऊपर से हटा लेता है और खड़ा हो जाता है।

साक्षी - क्या हुआ वीर, तनु, तुम दोनो ठीक हो ना।

अनु - कैसे गिर पड़े दिखाई नहीं देता क्या, अंधे हो जरा देख लिया करो, बेटी है तुम्हारी कुछ तो शर्म कर लिया करो।

तभी ये शोर सुन कर राज और उसका चाचा सूर्य और उदय दोनो खड़े थे।

उदय - दिमाग़ सही नहीं रहता क्या तेरा, तीन तीन बीवी मिलने से पागल हो गया है तू।

सूर्य - कैसे गिर पड़े , ये तुझे परेशान कर रहा था क्या बिटिया।

मधु - अरे आप दोनो कहा बच्चो के बीच आ गए है।

उदय - अरे ये तो इंसान ही गिरा हुआ है, पता नहीं कहा मेरी बिटिया फस गई इस करमजले के चक्कर में, कल को मेरी बेटी गिर पड़ती, चोट लग जाती तो , आज बच गई आगे क्या होगा भगवान जाने।

मधु - कुछ नहीं होगा वो दोनो खुश है।

तभी तनु चिल्लाती है , अरे इतनी ही फिकर है तो बर्तन किसने रखा था , वीर की गलती नहीं है समझे अपनी हरकतें देखे।

तभी तनु कुछ और बोलती उसके पहले वीर ने उसको इशारे से मना कर दिया।

और ऊपर जाने लगा और काव्या को देख कर बोला परेशान मत हो बेटा हम सब घूमने चलेंगे।

तनु ये सुनती है तो उसकी आंखें नम हो जाती हैं , और तनु का गुस्सा देख कर सब सटक लेते है और सब को पता चल गया था गलती वीर की नहीं थी।

वीर ऊपर आता है और तनु उसके पीछे रहती है।

साक्षी - ठीक हो तुम दोनो, बर्तन में पानी था इसलिए चोट लगी।

तभी तनु कुछ बोलती उसके पहले वीर बोलता है हा बाबा मैं बिल्कुल ठीक हूं आप टेंशन मत लो अब चलो वर्ना काव्या रो देगी।

तभी वो दोनो और काव्या नीचे जाने लगती है।

तनु - बताने क्यो नहीं दिया।

वीर - काव्या बहुत खुश है अगर तुम बता देती तो साक्षी कभी जाने नहीं देती, और मैं काव्या को उदास नहीं देख पाता।

तनु कुछ और कहती तभी वीर कहता है माफ करना मैने तुम्हे छुआ, अब से नही टच करूंगा।

तनु - क्यो बचाया मुझे , में तुम्हे दिन भर मारती रहती हूं फिर भी मुझे बचाया।

वीर - प्यार करता हूं , तुमसे अपनी आंखों के सामने ऐसे जलता नहीं देख सका, तो सोचा दुनिया भर की गाली सुन सकता हूं, तुम्हे बचा कर तो किया।

तनु अपनी आंखों को पोछती है और कहती है शर्ट उतारो, कमरे में चल कर।

वीर - अरे ठीक है

तभी तनु अपनी चप्पल उतार लेती है।

वीर- उतार दिया मैने आओ।

तनु - बिना डाट खाए दिमाग चलता नहीं तुम्हारा।

फिर वो वीर के पीठ पर क्रीम लगती है और धीरे धीरे पोछती है फिर शर्ट पहने को बोल देती है।

वीर जाने लगता है और कहता तुम भी चलो।

तनु - एक शर्त है

वीर - कैसी

तनु - तुमने कहा था तुम अब से मुझे टच नहीं करोगे।

वीर - हा तो

तनु - वैसे मैने तो रोका नहीं, इसीलिए अगर तुम उस बात के लिया सॉरी बोलो तो मैं चलूंगी।

वीर - ठीक है सॉरी, अब चलो।

तनु - ही ही ही तुमने मुझसे एक सवाल पूछा था ना, कल रात को।

वीर - हा , यही की तुम सजती क्यो नहीं, सवारती क्यो नहीं , बेकार सी सकल क्यों बनाए रहती हों, और मेरे प्यार झूठा है क्या, यही पूछा था।

तनु - एक औरत, तब सजती है जब उसको अपने पति को लुबाना हो, उसके लिया ही औरत सजती है , और तुमने कहा था ना बहुत प्यार करते हो मुझसे।

वीर - हा

तनु - तुमको तुम्हारी तनु को सजती हुई देखना था, वादा रहा अब से तुम्हारी तनु तुमको हमेशा सजी हुई मिलेगी, तुम्हारे लिए , अब जाओ पागल।

वीर आगे आता है और तनु भाग जाती है पीछे

तनु - ओह हेलो, मिस्टर बेताब मैने सजने को बोला की तुम्हारे लिए सजूँगी, सज नहीं गई, और वैसे भी मैने इज़हार नही किया।

वीर उदास हो कर जाने लगता है , तभी तनु कहती है लेकिन क्या पता तुम्हारा हस्ता चहरा देख कर कर दूं,

वीर हस्ते हुआ चला जाता है,

और तनु स्माइल करती है और कहती है बेरूपिए ने मेरा दिल तो जीत लिया
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और ये कहते हुए उसके गाल लाल हो जाते है।

तनु - आज तुमको पागल ना कर दिया तो मेरा नाम भी तनु नहीं, पागल लड़का कुछ भी कर देता है बताओ, बंदर कहता है तुम तो मेरी हो ही ही ही ही।

राखी - तुम्हे खुश देख कर अच्छा लगा बेटी।

तनु - मां बहुत खुश हूं मैं, बहुत प्यार करने वाला मिला, अब जो भी हो ये मुझे अपनाया है इसने अब मेरी पारी इसे दिखाने की, की इसकी तनु कोई गांव की ऐसी वैसी नहीं है।

राखी - पागल

इधर तनु तैयार होना शुरू कर देती है, और दूसरी तरफ कार में साक्षी और अनु और काव्या बोर हो जाती है।

काव्या - पापा मम्मी कहा है , कब आएगी वो, मैं बोर हो गई।

अनु - यार दीदी बुलाओ ना, बड़ी दीदी को।

साक्षी - मेरे मैं इतनी हिम्मत नहीं , जिसको दात खाना हो बुलाओ।

वीर पहले सोचता है तनु को बुलाने जाए लेकिन फिर वो कहता है आज दात खाना का मन नही तनु कभी भी गुस्सा हो जाती है।

तभी 1.5 घंटे बाद तनु नीचे आती है, और उसको देख कर वीर की सास अटक आती है वो जल्दी से पानी पीने लगता है।

वही सूरज ढल चुका था और हल्का हल्का चांद निकला था, ऊपर से तनु ने ग्रीन साड़ी पहनी थी जिस पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी तनु की कमर पर पड़ती है, खुले खुले बाल, होठ मैं हल्की लिपस्टिक, और हवा में उसके बाल लहरा रहे था, और तनु के बाल उसकी आंखों में लग रहे था इसलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली ।



और तनु का ये रूप देख कर वीर का रोम रोम हिल गया, उसे अपनी सास कंट्रोल करने मैं दिक्कत होने लगी, उसे ये समझ नहीं आ रहा था की सुबह वाली तनु कही कोई दूसरी तो नही थी ये तो पूरी चेंज हो गई।

वीर - तो ये है तनु जिसने पूरा गांव में अपना सिक्का चला रखा था

वीर खुद अब किसी तरह अपने लन्ड और सास को बैठने की कोशिश कर रहा था।

और वही तनु का ऐसा रूप देख कर राज और उसके चाचा और पापा सब तनु को घूर रहे था।

काव्या - हाए मेरी मम्मी।

साक्षी हल्की स्माइल के साथ तनु को देखती है और कार का डोर खोल कर सबसे पहले तनु को अंदर बैठने देती है।

काव्या - मम्मी मुझे चिपका लो।

उसकी ये बात सुन कर तनु को हसी आ जाती है और उसने काव्या को अपनी गोद मैं बैठा लिया और वीर को हल्की स्माइल के साथ देखने लगी।

साक्षी आगे बैठी थी वो खांसती है और कहती है चले।

अनु बस चुपके चुपके तनु को घूर रही थी वो भी लड़की थी उसे भी पता था एक लड़की कब सजती है।

अनु मन में सोचती है दीदी ने सजना शुरू कर दिया मतलब.

साक्षी - इतना टाइम कैसे लग गया।

तनु - पानी भरी नहाई, और फिर तैयार हुई, और थोड़ा हेयर रिमूवर की।

साक्षी भी अब तनु को तिरछी नज़र से देख रही थी या ये कहे उसको भी जलन हो रही थी की तनु इतना सज कर आई है।

तनु मन मैं कहती है वीर तुम्हारी सास तो तेज है अभी ही, इज़हार करूंगी तो पागल हो जाओगे,

तनु को मन ही मन हसी आ रही थी क्युकी उसको पता था , वीर को इज़हार के बाद भी बहुत प्रोब्लम होगी, उसकी 2 वाइफ और भी है।

तनु - अभी तो पार्टी शुरू हुई है वीर

नेक्स्ट सीन

"हा भाई वीर का गेम बजा डाल" ऊपर से ऑर्डर है रमेश भाई ने बोला है।

लेकिन उन्हें क्या पता था उनकी ये कॉल अंजली बैठी सुन रही थी।

अंजलि - now game start ramesh

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To be continued.... Next scene bahut romantic hoga..i know update chota hai lekin ab bahut jald chudai hone walai hai
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aur next scene main aap shyad anjali se bhi mile
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i dont know lekin romance toh bahut gajab wala hoga....dekho yaha tak aaye ho toh like kar hi doge
 
अपडेट 15

तनु - अभी तो पार्टी शुरू हुई है वीर

नेक्स्ट सीन

"हा भाई वीर का गेम बजा डाल" ऊपर से ऑर्डर है रमेश भाई ने बोला है।

लेकिन उन्हें क्या पता था उनकी ये कॉल अंजली बैठी सुन रही थी।

अंजलि - now game start ramesh

अब आगे

महेश - अबे भाई रमेश भाई ने बोला है , वीर नाम के बंदे का गेम बजाना है।

रोनी - वो तो ठीक है, हमसे नहीं मतलब अपने को पैसे से मतलब है वो रोकड़ा देगा तो , काम शुरू होगा अपना।

महेश - में बात करता हूं, रमेश से तू तब तक वीर पर नज़र रख , सुना है वो भोसड़ापुर , गांड़ चौराहा मैं रहता है।

रोनी - में अपने शूटर लगा देता हूं, पैसे मिलते ही काम हो जाएगा।

इधर अंजली ये सुन कर खड़ी होती है और एक उसके पास एक कॉल आती है।

लडकी - हेलो मैम , जैसे अपने बोला था मैने सब पता कर लिया है, रमेश की एक बेटी है जिसका नाम दिव्या है, जो स्कूल की टीचर है।

अंजली - ओह और कुछ इंफोमेशन

लड़की - रमेश इसके साथ नहीं रहता ये अकेली रहती है, क्युकी रमेश को डर है कि इसके साथ रहने पर इसे कुछ हो ना जाए, लेकिन ये बहुत सीधी हैं बेचारी अकेली रहती है लेकिन डरती रहती है।

अंजलि - एड्रेस मुझे भेज इसका।

लडकी - लेकिन दीदी केयरफुल रहना ।

**********

राजेश - अबे मैडरचोद तेरे चक्कर में मेरी साक्षी भी नहीं मिली और ना अनु।

रमेश - लन्ड सी सकल के, मुझे कोनसा दोनो मिल गई , लेकिन अब तू देख पैसे मिल गया, कब बहुत जल्द वीर का गेम बजाना पड़ेगा, और वैसे भी वो वीर तो रहा नहीं और इस वीर से हमे लन्ड फरक नहीं पड़ता।

राजेश - हा साला वो वीर साला आग था जो किसी को भी जला के राख कर देता , हम साले का एक्सीडेंट करवाने में सारी हालत बिगड़ गई।

रमेश - आज ही वीर का गेम बजेगा और फिर अनु और साक्षी अपनी हर रात रंगीन करेंगी।

राजेश - और तनु

रमेश - भोंसड़ी के उसकी तरफ देखना भी मत , वर्ना वो जिंदा गाड़ देगी, साली इंसान है या डायन पता नहीं सुंदर इतनी है, लेकिन हर बार कुछ ना कुछ हो ही जाता है, उसके रहते कुछ हो ही नहीं पता।

राजेश - कही वो कुछ राज तो नहीं छुपा रही।

रमेश - मुझे ये सब तो नही पता लेकिन इतना जरूर जानता हुं, उसकी मर्जी के बिना उसे जिसने छूआ, वो कभी जिंदा नहीं लौटा।

राजेश - उसकी गुस्साई आंखे बात बात पर उसे गुस्सा आने, आखिर तुम हो क्या, तनु।

रमेश - याद है ना, जब हम दोनो ने वीर से जबरदस्ती उसे नींद की गोली दे कर सेक्स करने के लिया बोला था तो उसके बाद से वीर का दुबारा लन्ड खड़ा नहीं हुआ, और उसके अंदर जहर भी आ गया, जिसकी वजह से ये हुआ।

रमेश - छोड़ उसको बस तू इतना याद रख आज ही वीर का गेम बजेगा, सुना है मूवी देखने गया है।

**********

साक्षी मन मैं सोचती है कामिनी इतना सज कर आई है।

इधर वीर कार ड्राइव कर के मूवी थिएटर आ जाता है और मूवी थिएटर आ कर तनु और अनु बहुत खुश थी, वही काव्या तो खुशी से उछल रही थी।

वीर सब की नज़र से बच कर चुपके चुपके से तनु को ही घूर रहा था, जो आज सच्ची कहर ढा रही थी।

तनु उसकी नज़र भाप कर हस्ते हुआ आगे निकल जाती है और काव्या का हाथ पकड़े रहती है।

तनु का मूवी देखना बहुत पसंद था इसलिए वो जल्दी से आगे जा रही थी, तभी वीर ने उसको पकड़ लिया।

वीर - अरे रुको ना, थोड़ा टिकट तो लेने दो।

तनु - तो ले कर आओ जल्दी, बाद में घूर लेना।

वीर ये सुन कर चल देता है और कहता है मैं ही मदर चोद हूं, रोकने की क्या जरुरत थी।

तभी वीर टिकट लेने गया , और सब को ले कर थिएटर में गया और बहुत ही अच्छी मूवी की टिकट लिया था।

साक्षी और तनु धीरे से कहती है ज्यादा रोमांटिक तो नहीं है मूवी वर्ना दिक्कत होगी, क्युकी काव्या भी है।

वीर नहीं ज्यादा रोमाटिक नहीं है फिर सब लाइन से बैठ गया और एक वीर के आजू और बाजू तनु और साक्षी थी।

जैसे ही मूवी शुरू हुई, लाइट ऑफ हुई।

वीर ने अपना सर टर्न कर लिया तनु की तरफ़ वही तनु बेफिक्र हो कर मूवी देख रही थी।

तभी वीर की नज़र उसकी तरफ कर के उसको ऊपर से नीचे घूरता है।

खुले बाल , लिपस्टिक होठ, प्यारी सी क़मर जो किसी को भी दीवाना बना दे।

तभी वीर धीरे से अपना हाथ तनु की कमर पर रखता है और तभी तनु अपनी नज़र घुमा कर वीर को देखती है और कहती है मूवी देखो अच्छी है, मुझे तो घर पर और दिन भर देखते रहते हो।

वीर - मूवी तो मैं दुबारा भी देख सकता हूं, लेकिन चहरा और नागिन से आंखे दुबारा नहीं देख सकता, वर्ना तुम हमेशा गुस्सा रहती हूं।

तभी तनु मूवी देखने लगती है और कहती अगर मुझे देखा अब तो रात को तुम्हारे बगल नहीं सोऊंगी।

ये सुन कर वीर का खोपड़ा हिल गया और अजीब सा फेस बना कर मूवी देखने लगता है।

और भून भुनाता है बड़ी आई , में डरता हूं क्या जबरदस्ती सोना पड़ेगा, मेरे साथ।

लेकिन वीर गलती से भी तनु की तरफ नहीं देख रहा था।

तनु - मूवी के टाइम नो डिस्टरबेनेस, वर्ना मूड बदल जाएगा मेरा वैसे भी आज तुम्हारी लाइफ का बेस्ट दिन होगा ही ही ही ही, मूवी खत्म होने के पहले।

तभी वीर की नज़र बगल में बैठी साक्षी पर जाती है जो मूवी देखते टाइम हस रही थी और बहुत खुश थी।

इसका हस्त चहरा देख कर उसकी सास थम गई , और उसे वो सीन याद आता है जब हर रोज साक्षी मार खाती और रोती थी तब उसके चहरा पर नूर नहीं बस खौफ होता था।

तभी ये सोच कर वीर की आंखों में आसू आ गए था।

और वीर ने धीरे से उसके बाल सहलाए।

वही उसकी इस हरकत से साक्षी उसकी तरफ देखती है और कहती क्या है उदास क्यों हो किसी ने कुछ कहा क्या।

वीर - आपकी इस हसी और खुशी के लिए मैं बहुत तड़पा हूं, मैं राहू या ना राहू लेकिन तुम्हारी इस खुशी को कभी कम मत होने देना।

तभी साक्षी अपनी सीट से उठ कर वीर की गोद मैं बैठ जाती है और कहती है दिमाग मत खराब करो समझे।

और वही साक्षी की इस हरकत से वीर की सास तेज़ चलने लगती है और वीर का लन्ड अब साक्षी को अपनी मोटी गांड़ पर फील होने लगता है।

साक्षी - क्यो हालत खराब मेरे बैठते ही, ही ही ही।

और ये सच भी था साक्षी की हर अदा, उसे पागल कर देती थी।

साक्षी - तुम्हे शायद पता ना हो , तुम्हारी फेवरेट हूं मैं , अब ऐसे ही चुप रहो और मूवी देखो।

साक्षी - और ये डंडा गड़ाना बंद करो।

ये सुन कर वीर की सास थम गई और अब वो बिल्कुल चुप हो गया, और साक्षी हस्ते हुए मूवी देख रही थी।

अब वीर चाहे जैसा भी हो था तो वर्जिन ही उसकी गोद मैं आज उसकी मां बैठी थी जो उसकी ही पत्नी थी अब और वो भी ऐसा अहसास उसकी लाइफ में पहली बार था वीर को बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं थी कुछ और करने की वो डर रहा था साक्षी की कमर भी पकड़ने में।

लेकिन वीर ये फीलिंग बहुत अच्छे से एंजॉय कर रहा था।

तभी वीर धीरे धीरे सास को और तेज होता फील कर रहा था और अब वो तुरंत साक्षी की कमर जकड़ लेता है और तेजी से नीचे से हल्का धक्का लगाता है और साक्षी के कंधे पर दात गड़ा देता है।

*आआआह्ह*

वही ये आवाज सुन कर अनु और तनु का ध्यान साक्षी पर जाता है और बोलती है क्या हुआ है तुमको तनु

साक्षी - कु कू कुछ भी तो नही मो मूवी बहुत आ अच्छी है

वही ये सब होने की वजह से वीर अब डर जाता है और उसको पता चल जाता है अगर यह कुछ किया तो दिक्कत हो जायगी।

तभी साक्षी कहती है फुसफुसाते हुए पागल हो क्या मूवी थिएटर है दिन ब दिन तुम्हारी हरकते अजीब होती जा रही है अगर कोई देख लेता तो।

वीर अब बिल्कुल चुप था उसकी जरा भी हिम्मत नहीं हो रही थी।

तभी साक्षी कहती है अच्छा डरो मत डॉट नहीं रही अब मूवी देखने दो।

तभी साक्षी देखती है की वीर के हाथ कपकपा रहे है तो वो वीर के हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख लेती है और अपनी साड़ी के पल्लू से उसके हाथ छुपा लेती है।

और मूवी देखने लगती है तभी साक्षी वीर के ऊपर से हट जाती है और बगल में बैठ जाती है।

वीर साक्षी की तरफ बेबस नज़रों से देखता है

और साक्षी दूसरी तरफ मुंह कर के मूवी देखती है और मन ही मन हस रही थी, लेकिन वीर बहुत खुस था आज उसकी बचपन की क्रश उसके ही गोद मैं बैठी थी और वीर का लन्ड उसकी गांड़ के छेद के जस्ट नीचे।

लेकिन वीर भी जनता था उसका दिल की धक धक इतनी तेज लाइफ में कभी नहीं थी।

वही वीर का लन्ड जैसे ही नीचे हुआ वो उठ कर कही जाने लगा।

तनु - क्या समय पर रुक गए वीर वर्ना बहुत मार पड़ती।

तनु भी साक्षी को देखती है उसे भी पता था साक्षी, वीर के बहुत पास है, दोनो के लिए वीर का प्यार बहुत सेम था।

जब की वीर दोनो से बहुत प्यार करता था बस तरीका दूसरा है, जताने का।

तभी वीर कॉफी और पॉपकॉर्न और बहुत सी चीज खाने को ले आता है।

और काफी साक्षी को पकड़ाते हुए उसके माथे पर किस कर देता है जिसे अनु देखती है गंदी सी सकल बना कर।

तभी वीर कॉफी उसे भी पकड़ा देता है और वो भी वीर को देखती है और वीर आगे बड़ जाता है और तनु के पास आ कर उसे कॉफी और पॉपकॉर्न दे देता है और उसकी आंखों में देखते हुआ कहता है देखते हुआ खाओ।

तभी वीर फ्राई उठाता है और काव्या को जकड़ कर के खिलाने लगता हैं, और वो तनु और साक्षी को भी खिलाता है।

फिर काव्या उठ कर तनु की गोद मैं लेट जाती है।

तभी वीर नोटिस करता है को अनु बहुत अनकंफेटल हो रही थी।

तभी वीर देखता है उसके बगल कुछ लड़कों का ग्रुप था जो शायद अनु को कुछ कह रहे था।

अब अनु थी तो बहुत सुंदर पूरी साक्षी को पड़ी थी ऊपर से आज वो बहुत सुंदर लग रही थी।



तभी वीर उसके पास आता है और उसके बगल बैठ जाता है और अपना हाथ उसके हाथ में रख कर उसको अपनी तरफ खींच लेता है।

जिससे वो झटके के साथ वीर के ऊपर आ जाती है।

और वीर अपना हाथ उसके रेड टॉप के अंदर डाल कर उसकी कमर पर रख देता है और दूसरे हाथ से उसकी जांघ को सहलाता है और अपने पैर उसके पैर पर रख देता है।

वही ये सब इतनी तेजी से हुआ की अनु की हालत पतली हो गई उसके गाल ही लाल हो गए।

तभी वो लड़का जो अनु से कब से बात करने की कोशिश कर रहा था उसकी ये देख कर गांड़ सुलग गई।

वही अनु के गाल हुए पड़े हुए था और सास तेजी से चल रही थी।

तभी वीर कहता है आराम से एंजॉय कर मूवी हम तुम्हारे पास है।

और वीर के मुंह से इतना सुन कर अनु का दिल पिगल गया और वो स्माइल करते हुआ मूवी देखने लगती है।

तभी वो लड़का अनु से कहता है डरो मत ये तुम्हे छेड़ रहा है तो बोलो हम देख लेंगे इसे।

लेकिन अभी तक जो लड़की चुप चाप बैठी थी वो देखती है उसके बगल अब साक्षी नहीं बल्कि तनु बैठी है।

तभी अनु तनु का इशारा पा कर बोलती है तुम्हे परेशान होने की जरुरत नहीं, इसका जो मन वो करे मेरे साथ।

तभी वो लड़का चुप चाप बैठ जाता है क्युकी अब वो बोलता तो कुटाई हो जाती।

तभी लडके के दोस्त कहते है अबे भाई ये तो पार्टी बदल दी।

तभी वीर उस लड़के की तरफ देखता है जो अनु को पटाने की कोशिश कर रहा था तभी वीर आगे झुक कर तनु के गले को दातों से चूमता है और काट देता है।

और अपने दोनो हाथो से उसके कमर को कस के जकड़ लेता है।

वही ये सब होने से अनु की सास तेज़ हो जाती है और उसे एक अजीब सा दर्द था लेकिन अनु को कही न कही ये दर्द अच्छा लग रहा था।

आखिर वो भी कच्ची कली थी।

तभी वीर और अनु दोनो की हालत खराब थी आखिर दो वर्जिन जो मिल गया था।

जो अनु के साथ वीर नहीं कर पा रहा था वो वो इन लड़कों ने कर दिया।

तभी वीर अपना दूसरा हमला करता है।

वीर - तुम्हे पता है
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अनु तुम मेरी दूसरी वाइफ की तरह नहीं हो लेकिन फिर भी तुम बहुत स्पेशल हो मुझे बहुत पसंद है तुम्हारा गुस्सा।

वीर - तुम चाहे जितना गुस्सा हो लो मार लो , लेकिन मैं हमेशा तुम्हारे पास रहूंगा।

वही ये सब सुन कर अनु हल्का सा हस देती है।

वीर - सुनो

अनु - हा

वीर - सुनो तो बाबा

अनु - हा बोलो ना

वीर - आपके इश्क ने हमे जीना सिखाया है, जैसी भी है आप हमे बहुत पसंद है, आपका गुस्सा आपकी लड़ाई सब कुछ मेरी।

अनु ये सुन कर हस देती है और कुछ भी नहीं कहती।

अनु फिर उठ जाती है और साक्षी के बगल बैठ जाती है।

और उसके जाते ही वीर बोलता है बहन चोद जो आती है भाग जाती है।

तनु ये सुन कर हसने लगती है और उसकी हसी की वजह साक्षी और अनु भी समझ रही थी।

तभी तनु प्यार से वीर का गाल सहलाती है ।

वीर भी चुप चाप मूवी देखने लगता है और मूवी खत्म होने वाली होती है तभी तनु वीर से कहती है

तनु - ओए

वीर - हा

तनु - मैं सोच रही हूं

वीर - क्या हुआ बताओ

तनु - वैसे तुम इतने भी बुरे इंसान नहीं हो, देखो वीर मैं बहुत ज्यादा गुस्सा करती हूं, बात बात पर मार देती है, गुस्सा आता है तो कुछ नहीं देखती बस कुटाई शुरू कर देती हूं।

वीर - हा मैने फेस किया है।

तनु -(हस्ते हुआ)हा हा पता है, अच्छा सुनो

वीर - कुछ खाने को लाना है क्या?

तनु - नहीं ...

वीर - फिर क्या हुआ ...

तनु - वो मैं कह रही थी, जलन कैसी है सैयां जी।

वीर - यह गांड़ जली पड़ी है, तुम जलन की पूछ रही हो, लेकिन तुमको मैं कुछ नहीं होने दिया ना, ना ही होने दूंगा।

तनु - ठीक है अच्छा मैं कुछ देती हूं गिफ्ट, लेकिन मेरी कुछ शर्त है

वीर - बोलो क्या है

तनु - मेरी दात खाओगे जैसे अभी खाते हो ऐसे रोज खानी पड़ेगी।

वीर - हा मंजूर है, वैसे भी मुझे फरक नही पड़ता।

तनु - मेरी हर बात मानोगे

वीर - हा बाबा मानूंगा

तनु - मार खाना पड़ेगा।

वीर - ये भी मंजूर है,

तनु - तो मैं कह रही थी तुमसे

वीर हा बोलो

तनु उठ कर खड़ी हो जाती है और बाहर निकलते हुआ कहती है।

वीर - क्या हुआ कहा जा रही हो।

तनु मैं कह रही थी की

वीर - बोलो

तनु - मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं, बस कभी धोका मत देना,और मेरी सब बात मनाना बाकी तुम्हारी तनु ऐसे ही तुमको रोज़ सजी हुई मिलेगी।

तनु - आई लव यू वीर हमे नहीं आता था प्यार करना आपने सीखा दिया, मुझे तो पता नहीं था कुछ भी बस सब तुमने सिखाया, अब से तुम्हारी पत्नी वाला हक देती हूं , हुई मैं तुम्हारी मेरे बंदर

ये कह कर तनु भाग जाती है।

तभी वीर कुछ समझता तभी काव्या आ कर उसको हग कर लेती है और गाल पर किस करती है।

काव्या - अब खुश हो ना पापा

वीर - तुमको किसने बताया

काव्या - मम्मी बोली पापा अभी बहुत खुश होंगे तो तुम उनको पकड़ लेना।

वीर हस्ते हुआ उसको पकड़ लेता है और कहता है तुम बेस्ट हो तनु

काव्या - पापा

वीर - हा,

काव्या - पापा जाइए अपडेट दीजिए game888 भैया बोले वादा करते है तो निभाया करिए।

वीर - अच्छा लेकिन तुम्हारे भैया ने अपडेट 14 लाइक भी नही किया
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काव्या - अरे पापा वो कर देंगे टेंशन मत लो।
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Ab kya hoga updates main jante hai aap....see youuu sooon
 
अपडेट - 16

काव्या - मम्मी बोली पापा अभी बहुत खुश होंगे तो तुम उनको पकड़ लेना।

वीर हस्ते हुआ उसको पकड़ लेता है और कहता है तुम बेस्ट हो तनु

काव्या - पापा

वीर - हा

अब आगे --

तभी वीर तनु को देखता है जो भागते हुए बाहर खड़ी थी, उसे पता था अगर को अभी नहीं भागती तो वीर यही शुरू हो जाता,

तभी वीर बिना कुछ कहे काव्या को पकड़ कर हग लेता है और कहता है अब तो बस मैं ही मैं हूं जो चाहूंगा वो करूंगा ही ही ही ही।

तभी वीर की नज़र पड़ती है की साक्षी उसे ही घूर रही थी, जिसे देख कर वीर चुप चाप मूवी देखने लगता है।

वीर - साला के पास जाता हूं, तो दूसरी सटक जाती है।

फिर मूवी खत्म हो जाती है, तो वीर काव्या को गोद मैं उठा कर दूसरा हाथ से साक्षी का हाथ पकड़ कर चल देता है।

अनु - अच्छी थी ना, मूवी।

साक्षी - हा बहुत प्यारी थी, तभी उसे याद आता है , की कैसे आज वो वीर की गोद मैं बैठी थी, और जैसे ही वो वीर को देखती है तभी धीरे से कहती है , इसीलिए मूवी दिखाने लाए थे हमे।

वीर - ऐसा नहीं है, वो तो मैं बस।

साक्षी - अगली बार कोने की सीट बुक करना, और एक दम ऊपर तुम्हारी जैसी हरकते है ना।

तभी पीछे से धीरे से तनु कहती है साक्षी से , इसकी तीन बीवियां है तब हम लोग किसी तरह सभलते है , अकेली होती तो टपक जाती बेचारी

ये सुन कर साक्षी भी हंसने लगती है।

तभी वीर चुपके से तिरछी नज़र से तनु के चूचों को ही घूरने लगता है और उसके हस्ते चहरे पर नज़र डालता है।

तभी वीर के दिमाग में पता नहीं क्या आता है वो उन सभी को ले कर एक टीवी की दुकान पर जाता है।

तभी अनु समझ जाती है और खुशी से कूदने लगती है, और काव्या को ले कर आगे जाती है और tv पसंद करने लगती है।

तभी साक्षी आगे जाने का होती है और साक्षी को आगे जाता देख वीर तनु के पास आने लगता है।

तभी तनु पीछे से साक्षी की कमर लॉक कर के खड़ी हो जाती है।

और जीभ निकाल कर वीर को चिड़ाती है।

साक्षी - इतने पैसे क्यों खर्चा कर रहे हो हा, टीवी की क्या जरुरत है।

वीर - जरुरत है , आप सब ऊबती हो मेरा बिना , तो मुझे ये देख कर बुरा लगता है।

साक्षी ये सुनती है तो उसे बहुत अच्छा लगा था , और वो आगे चली जाती है टीवी पसंद करने और तनु उसके पीछे वो सब बहुत खुश थी।

इधर tv पसंद कर के खाना पैक करवा कर वो सब घर चल पड़ते है।

और घर आ कर जब घर की सभी औरते tv देखती है तो वो बहुत खुश होती है।

सबसे ज्यादा खुश तो निधि होती है।

और उससे भी ज्यादा खुश थी हमारी काव्या ।

जैसे ही tv लग गई काव्या ने डोरेमोन लगवा कर देखना शुरू कर दिया।

और इधर सब खुश थी।

काव्या को इतना खुश देख कर तनु की आंखे ही भारी हो जाती हैं, और वो आपने आसू पोछने लगती है, तभी ये देख कर वीर उसके पास आ जाता है उसकी कमर पर अपना हाथ रख देता है, जिसे तनु भी पकड़ लेती है।



वीर - ओए पागल, ऐसे रोते नहीं वर्ना काव्या देख लेगी तो क्या सोचेंगी, की पापा उसकी मम्मी को खुश नही रखते।

तनु अपने आसू पोचती है और हस देती है।

वीर - वैसे आज बहुत अच्छे लग रहे हो, हमारी बेटी कितनी खुश है ना।

तनु - हा बहुत ज्यादा देखो कैसे हस रही है बहुत सहा है मेरी बेटी ने।

वीर - और बेटी की मां ने।

तनु - हा उसने भी , वैसे सह तो बेटी के पापा ने भी है क्यों, इतना मार खाने के बाद अब बाहों में आई हूं, तो बताओ खुश तो बहुत होगे।

वीर - वैसे मैं अब चाहे जो करू ना।

तनु - जैसा तुम्हारा मन, तुम्हारी वाइफ हूं ।

वीर - मुझे रोकोना मत अब, बहुत तड़पा हूं, तुम्हे देख कर बहुत अजीब लगता है, चूल सी मच रही है, मुझे भी वो करना है।

तनु - पागल कही के वाइफ ही हूं तुम्हारी, साडी उतारू क्या अभी ही।

ये सुन कर वीर के गाल लाल हो जाते है और सास तेज़।

तभी तनु कहती है वैसे मेरा पति इतना भी बुरा नही है, तुम्हारी इसी अदा पर तो हम फिदा है, अब हमारा गुस्सा आप झेलते हो, तो प्यार भी आपको ही दूंगी पूरा, लेकिन जो तुम सोच रहे हो सैयां जी वो करोगे कहा।

ये कहते हुए तनु की हसी निकल जाती है और कहती है बताओ कहा करोगे।

तभी वीर कुछ नही कहता और उसे घूरता है जिसका बदन सच्ची किसी परी की तरह था।

तभी तनु आगे निकल जाती है और वीर डरते हुए, उसके हाथ पकड़ लेटा है और तनु को जल्दी से अपने सीने से लगा लेता है उसकी कमर पकड़ कर के, वही तनु स्माइल करती हुई बस उसके सीने में घुसी हुई थी।



तभी तनु अलग होती है और खाना निकलने चली जाती है और वीर उदास हो जाता है।

तनु -
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शहह, रात को अभी बच्ची जाग रही है, रात को चुभाना अपना ये, तुम्हारी ही हूं भाग नहीं रही समझें।

तभी वीर की नज़र साक्षी पर पड़ती है जो हस रही थी और बेड पर बैठ कर डोरेमोन देख रही थी।

वीर चाहे जितना सब को इक्वली प्यार कर ले लेकिन वो भी जनता है उसके दिल में साक्षी की क्या अहमियत है।

तभी वीर चुप चाप उसके बगल आता है और उसे पीछे से पकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जैसे ही साक्षी ये देखती है तो जल्दी से वीर को पीछे से हटा कर खुद की गोद मैं लिटा लेती है।

साक्षी उसके गाल सहलाती है और उसके आसू पोछती है और कहती है क्या बात है हा फिर से वही पुरानी बात सोच रहे था क्यो।

वीर कुछ नहीं कहता और चुप चाप जाने लगता है।

वीर मन मैं सोचता है मेरी वजह से सब का मूड खराब होगा इससे अच्छा मैं खुद बाहर आ जाऊ।

और वीर अपने बेड पर आ गया।

जैसे ही वीर ने पलट कर देखा तो साक्षी उसके बगल बैठी थी।

और साक्षी ने अपनी बाहें फैलाई और वीर चुप चाप उसकी बाहों में गिर पड़ा।

और साक्षी उसका सर सहला रही थी।

साक्षी - तुमने मुझे अपने प्यार से सभाला है, तुमने अपनी तरीके से मुझे जीना सिखाया, तुमको लोग चाहे कुछ भी कहे तुम मेरे हीरो हो समझे, तुम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हो ना।

साक्षी - मैं करती हूं ना तुमसे प्यार, पागल ऐसे मत उदास हुआ करो समझे।

तभी साक्षी उसे संभाल कर अंदर चली जाती है और वीर का मूड एक दम ठीक हो जाता है।

तभी तनु जो काम कर रही थी।

तुम सब चुप चाप सोने चलो अब समझे रात बहुत हो गई है।

जैसे ही ये बात सुनी सब चुप चाप चल पड़े सोने।

तभी वीर देखता है काव्या को तनु सुला रही थी।

और इधर अनु सो चुकी थी।

वीर देखता है की अनु और साक्षी दुपक कर सो रही है वीर के दिल में एक तीस सी उठी।

कौन नहीं चाहेगा की उसकी दो सुंदर सुंदर बीवी हो और उन्हें चिपका कर सोए।

वीर जानता था, अनु को ज़रा भी डिस्टर्ब हुआ तो वो बहुत मरेगी, लेकिन अनु बहुत सेक्सी है फिगर तो उसका किसी भी लड़की को फेल कर दे।

वही दूसरी तरफ साक्षी जिसे वो छू तो सकता था लेकिन साक्षी की तरफ से अभी भी मंजूरी नहीं मिली है, इसीलिए वो कभी कभी ही छूता था साक्षी को।

वीर - एक दिन मैं तुम्हारा भी दिल जीत लूंगा साक्षी, साक्षी तुम मुझसे खुश रहने लगी हो , तुम्हारी इस स्माइल के लिए बहुत मेहनत करी है मैने, तुम्हे क्या पता तुम क्या हो मेरे लिए।

तभी तनु ये सुन कर कहती है अनाड़ी कही के वो तो पहले ही प्यार करती है, बस थोड़ी सी मेहनत करनी है।

तभी वीर पलट जाता है और तनु को जागता है।

वीर - तनु ओह तनु प्लीज उठ जाओ ना।

तभी तनु पलट जाती है और सीधे हो कर सोने लगती है।

जैसे ही वीर वापिस सोने को हुआ तनु अपनी एक आंख खोल कर देखती है, फिर जल्दी से वापिस बंद कर लेती है।

तभी तनु की हसी निकल जाती है और वो कहती है अनाड़ी कही का हम दोनो को ही सब सीखना पड़ेगा।

वीर की ये हरकत देख कर तनु और साक्षी दोनो हसने लगती है।

तभी तनु अपनी आंखे खोल लेती है।

और वीर उसके ऊपर चढ़ जाता है और कहता है सो क्यों गई थी काव्या को सुलाते सुलाते।

तनु - तो जगा लेते ना हमे।

वीर - मुझे प्यार करना है तुमसे।

तनु - तुम्हारे ही नीचे ही कर लो क्या करना है प्यार।

तभी वीर कपकपा जाता है और तनु हस देती है।

तभी तनु वीर को कहती है इतना प्यार करते हो मुझसे की जगाना भी सही नहीं समझा।

तनु - चलो कर लो ना प्यार।

तभी वीर डरते हुआ बोलता है अगर मैं तुम्हे satisfied नही कर पाया तो मुझे छोड़ दोगी तुम।

तनु उसकी ये बात सुन कर फिर हसने लगती है।

तनु - क्या मतलब

वीर - जब भी मैं वो हाथ से करता हूं तो मेरा 2 मिनट से पहले ही निकल जाता है।

तनु - क्या हाथ से करते हो।

किसी तरह अपनी हसी रोकते हुए कहती है।

वीर - वो हाथ से डंडा हिलाता हूं तो।

तनु - डंडा 2 मिनट क्यो जब मन तब हिलाओ ना।

वीर - जब भी मैं अपना लन्ड हिलाता हूं हाथ से तब मेरा पानी बहुत जल्दी निकल जाता है, ये बोलते हुए वीर डर जाता है।

तनु - अच्छा ठीक है ना उदास मत हो मैं मजाक कर रही थी, वैसे ये नॉर्मल है डरो मत, मैं सब सिखा दूंगी, देर तक गाड़ी चलाना मैं सीखा दूंगी, बस सास कंट्रोल करना और रुकने को जब बोलूं तो रुक जाना।

तनु - बाकी मैं संभाल लूंगी, ये तो नॉर्मल है।

वीर ये सुन कर अच्छा फील करता है तभी तनु फिर बोलती है वैसे उतने भी सीधे नही हो तुम, गंदे गंदे काम करते हो हा।

तनु - क्यो कुछ करना था ना आपको तो करिए आपके नीचे हूं।

तभी वीर डरते हुए उसे देखता है और एक छोटी सी स्माइल करता है।

तनु उसे अपने ऊपर से हटा देती है, और नीचे लिटा देती है और उठ कर अपनी साड़ी का पल्लू हटा कर वीर के ऊपर आ जाती है और लेट जाती है।

और वीर को बोलती है किस करते टाइम काटते नहीं अब मुंह खोलो और मेरे होठ को चूसना और अपनी जीभ से मेरी जीभ को मिला देना बाकी मैं जो करू वही कॉपी करना।



वीर की पहली किस से वीर का दिमाग हिल गया उसके बाद वीर ने खुद तनु को जकड़ कर वीर को किस करना शुरू कर दिया।

वीर को इस कदर खुद को जकड़ते देख तनु की आंखे खुद बा खुद बंद हो जाती है।

और फिर वीर तनु को नीचे लिटा कर किस करने लगता है और उसके गाल को अपने एक हाथ से पकड़ लेता है।



वही तनु की आंखे खुद बा खुद बंद हो गई। और तनु और वीर खुद बा खुद रुक गया जब उनकी सास रुक गई।

तब तनु तेज तेज सास लेते हुआ वीर को सास कंट्रोल करने को बोली।

तनु की सास तेज चल रही थी और वो बोली मैं लड़की हूं इसलिए मेरा छोड़ो और अपनी सास को कंट्रोल करो तुम्हारा फर्स्ट टाइम है।

तभी तनु वापिस से वीर को खीच लेती है और अपने गले की तरफ ढकेल देती है।
जिससे वीर उसके गले को चूमने लगता है और होठ से दबा लेता है।



जिससे तनु अपना होठ दबा लेती है और अपनी आवाज को रोकने की पूरी कोशिश करती है।

तभी तनु कहती है वीर आई लव यू तुमसे बहुत प्यार करती हूं मैं , कभी भी मेरे गुस्सा और मार की वजह से मुझसे नफ़रत मत करना।

वीर - ये सब मत सोचो मैं तुम्हारा हूं, तुम्हरा हक है ये।

तभी तनु अपनी आंखें बंद कर के वीर को अपने ऊपर जकड़ लेती है और उसकी पीठ को सहलाती है।



तभी तनु वीर को रोकती है और कमरे की तरफ इशारा करती है।

वीर तनु को उठा लेता है और रूम में लाता है।

रूम में उसे उतार देता है नीचे।

तभी तनु अपनी साड़ी उतारने लगती है और ब्रा और पेटीकोट मैं आ जाती है बेड पर और वीर पूरा नगा हो कर बेड पर आ जाता है।

दोनो की सास इतनी तेज चल रही थी की कोई भी बाहर से सुन सकता था तनु और वीर दोनो एक दूसरे के जिस्म को घूर रहे थे।

तभी वीर तनु के ऊपर आ जाता है और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को चूसने लगता है और चूमने लगता है और दात गड़ता है।

वही यही हाल तनु का भी था, जिसकी सास बहुत तेज चल रही थी

और वीर उसकी कमर को बहुत कस के पकड़ रखा था और फिर वीर उसके चूचों को इतनी तेज मसलता है की तनु की चीख ही निकल जाती है।

तनु - आआहाह पागल हो क्या, इतना तेज क्यो दबा रहे हो,

वीर - बहुत सॉफ्ट लग रह है तनु, बहुत प्यारी लगती हूं, तुम बिना ब्लाउज के

तनु - आआआआहाहह मत कर ना, इतना तेज क्यो दबा रहे हो यार ओह यार

तभी तनु अपने दोनो हाथ से अपने चूचों को धक देती है जिससे वीर खुद बा खुद इशारा समझ जाता है और नीचे की ओर जाने लगता है।

वीर अब नीचे उसकी कमर पर अपनी जीभ चलता है और नाभि पर पहुंचते ही तनु की आह निकल जाती है।

जिससे वीर समझ जाता है की यही अपनी जीभ डाल कर चूमने लगता है ।

तनु - आह वीर आराम से जान आह गॉड।

वीर का सर पकड़ लेती है तनु।

वीर अब तनु की कमर छोड़ कर उसकी आंखों में देखता है और तनु के पेटिकोट की तरफ़ बड़ता है।

तभी तनु उसका हाथ थाम लेती है और उसकी पेंट की तरफ इशारा करती है।

वीर इस टाइम कुछ नहीं समझ रहा था इस वक्त तनु अगर उसको ऊपर से नीचे कूदने को कहती तो भी वो कर देता।

तभी वीर जल्दी से अपना पैंट और चढ़ी उतार कर फेक देता है और जल्दी से बेड पर आ जाता है।

तभी तनु तेजी से सास लेते हुए, उसके लन्ड को देखती है और अपने पेटिकोट का नारा खोल देती है जिससे, अब तनु मात्र ब्रा और पैंटी में रह गई।

वीर पहली बार तनु को बिना कपड़ो के देख रहा था जिससे तनु की शर्म से आंखें बंद हो जाती है।

और वीर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को छूता है जिससे तनु की आह पूरे रूम में गूंज जाती है।

वीर देखता है तो उसकी चूत थोड़ी सी गीली थी।

तभी तनु कहती है ऐसा क्या देख रहे हो, मेरा भी प्रीकम होता है।

तभी उसकी प्यारी आवाज सुन कर वीर उसके ऊपर लेट जाता है और वीर का लन्ड सीधा पैंटी के ऊपर उसकी चूत से टच होता है।

और वीर तनु के होठ पर होठ रख देता है।

वीर अब बरदाश के बाहर जा रहा था और तनु भी।

तनु मन मैं सोचती है इसी तरह चलता रहा तो बिना कुछ किए ही दोनो का पानी निकल जाएगा।

तभी तनु उसकी किस रोकते हुए कहती है, पानी दो प्यास लगी है।

वीर ना चाहते हुआ भी पानी लाया।

और 2 मिनट बाद वीर को इतना तड़पते देखते हुए तनु लेट जाती है और वीर वापिस उसके ऊपर लेट जाता है।

वीर तनु के चूचों की तरफ बड़ता है तभी तनु अपने हाथो से अपनी ब्रा निकाल देती है।



वीर अब उसकी चूचों को देखता है और उसके आंखों से सामने उसके चूचे देख कर वीर पागल हो जाता है और वीर आपने मुंह में एक चूचे डाल कर, एक चूचे को हाथ से दबाने लगता है और डबल हमले से तनु पागल हो जाती है।

तनु - हाए वीर आराम से आआआआहाह वीर दर्द हो रहा है काट तो मत, वीर मैं बोल रही हूं ना मत काटो।

वीर को फरक नहीं पड़ रहा था वो तो बारी बारी दोनो चूचों को कटता है तभी वीर को पता नहीं क्या होता है वो चूचों से हट कर अपनी सास कंट्रोल करता है और तनु के पूरे जिस्म को काटने लगता है और चूमने लगता है।

उसके इस हमले से तनु पागल हो जाती है, और उसे कस कर पकड़ लेती है।

तभी वीर को रोक देती है, और वीर को नीचे की तरफ ढकेल देती है और अपनी टांगो को थोड़ा ऊपर कर देती है।

जिससे वीर उसकी टांगों से पैंटी उतारने लगता है।

अब वीर पागल हो गया था, और अब वीर की सबसे प्यारी चीज तनु की गांड़ उसके सामने थी।

तनु - अगर उसकी ओर देखा भी तो कपड़े पहन लुंगी, मैं।

वीर - प्लीज

तनु - नही पहले अच्छा से सेक्स करना सीख जाओ, देर तक फिर पक्का नही रोकूंगी।

अब वीर जल्दी से उसकी चूत पर टूट पड़ता है जिससे।

तनु - बच गई मैं आज

तभी उसे अहसास होता है की वीर की जीभ अब उसके अंदर है।

ये पहला अहसास था जब तनु से कोई इस कदर प्यार कर रहा था वीर ने इतनी हिम्मत दिखाई थी, मार खाई थी उसका प्यार जीता था।

तनु - आह्हह्हह्हह आह्हह्हह्हहह वीररेर रुको रुको वहा आआआहहहह उह्हुहु उह्ह्ह्ह वीर आआआहहाह मैमम्यी मम्मी वीर बच्चा

वो बिस्तर पकड़ के आगे होने को हुई, तभी वीर ने उसकी कमर पकड़ के उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी।



तनु उस एहसाह से पागल हुए जा रही थी और उसके कहराने की आवाज़ पूरे रूम में गूंज रही थी वो दोनो ये भूल गया की वीर की 2 पत्नी और है।

तभी तनु कुछ और बोलती उसके पहले उसे अहसास हुआ कि वीर का सर उसने पकड़ रखा है।

तभी वीर हट गया पीछे।

तभी तनु अपनी सास भरती है और कहती है ये लड़का तो मुझे पागल कर के मानेगा।

तभी वो देखती है की वीर उसकी कमर को सहला रहा था और उसका मासूम सा चहरा देख कर तनु सब भूल जाती है, और कहती है तुम इतने प्यारे हो वीर की पूछो मत पागल जान बस्ती है तुम मैं वर्ना इतनी हिम्मत किसी मैं नहीं मुझे ऐसे छुने की।

तभी वो वीर को बेड पर लेटने का बोल कर खुद उसके खडे लन्ड को पकड़ लेती है और धीरे से उसको हाथो से हिलाती है और अपना मुंह आगे बढ़ाती है।

वीर - मत करो तुम कमफैट नहीं हो तो, वैसे भी मुझे पसंद नहीं।

तनु - ये तुम्हारा हक है, मुझे करना है।

तभी वो बस लन्ड का टोपा अंदर करती है और हाथ से थोड़ा लन्ड हिलाने लगती है



जिसके अहसाह होते ही वीर पागल हो जाता है और तेजी से धक्के मारने लगता है और तनु के बाल पकड़ लेता हैं।

लेकिन तनु पीछे हट जाती है, और वीर डर जाता है।

थोड़ा पीछे होने लगता है,तनु उसको पकड़ लेती है और उसके ऊपर लेट कर उसके गाल सहलाती है और प्यार से थप्पड़ मारती है।

तनु - मैं तुम्हारी वाइफ हूं, तुम्हारी तनु तुम प्यार करते टाइम ऐसा कर सकते है, थोड़ा बहुत सह लूंगी, वैसे भी दिन मैं तो तुमको हमसे ही मार खानी है।

वीर - चलेगा प्यार करती हो तो मार खा सकता हूं।

तनु - मतलब हरकते नहीं सुधरोगे।

तनु वापिस लेट जाती है और वीर अब तेज हार्ट बीट के साथ उसके ऊपर आता है।

और अपना लन्ड उसके चूत पर लगा कर धक्का देता है जिससे लन्ड ऊपर निकल जाता है।

तभी वीर दो और तीन बार ट्राय करता है लेकिन हर बार लन्ड फिसल जाता है।

वीर - नहीं करना तो मत करो इतना तड़पती क्यों हो।

वीर की बात सुन कर तनु जिसकी सास पहले ही तेजी से चल रही थी और गाल पहले ही शर्म से लाल थे।

वो हस्ते हुए गिर पड़ती है।
और हस कर कहती है अंदर नहीं जा रहा तो मेरे पर गुस्सा क्यो निकल रहे हो पूरी टांग खोल कर लेती हूं।

तभी तनु वीर को कहती है अब तुम बस मुझे किस करो और थोड़ा ऊपर हो कर मेरे ऊपर लेटना जब कहू तब धक्का देना आराम से प्लीज़।

वीर समझ जाता है।।आज पहली बार तनु प्लीज़ बोल रही थी।

तभी वीर तनु के ऊपर लेटा था और तनु को किस कर रहा था और उसके हाथ उसके दोनो चूचों को दबा रहे थे।

और तनु ने अपने हाथ से वीर का लन्ड सेट किया और धक्के का इशारा किया।

वीर ने इतना जोर का धक्का दिया, की तनु की आंखों में से आसू आ गए

इतने सालो बाद दूसरी बार तनु चूद रही थी इसके पहले वीर ने किया था लेकिन बेहोश कर के ये उसका फर्स्ट टाइम था एक तरह से।

तभी तनु ने वीर को अपनी टांगों से लॉक कर के फसा लिया।

जिससे वीर ने तनु को देखने के लिए उसके होठ को छोड़ा और जैसे ही देखा तनु की आंखों में आसू थे तो वो पीछे हटने लगा।

तनु ने उसे लॉक कर लिया जिससे वीर कितना भी जोर लगाता लेकिन हिल नही पाता।

तभी वीर ने कहा हटो, मुझे नहीं करना।

तनु - अगर हिले तो बहुत मार खाओगे, चूद मैं रही हूं ,रो तुम क्यों रहे हो, हर लड़की को दर्द सहना होता है , इतनी ही केयर है तो तेज़ धक्का क्यो मारा।

तभी वीर आसू पोछता है और उसके होठ की तरफ बड़ता है।

तनु - नहीं करना किस हटो।

वीर - प्लीज अब हर बात मानूंगा।

काफी देर मनाने के बाद तनु ने उसे किस करने दिया।

तनु ने अब टांग से लॉक हटा दिया और हल्का धक्का का इशारा किया।



तनु - आआआहह आआआआआह्हह्हह वीर वीर आआआआआह्हह्ह मम्ममम्म अम्मम्मम मम्मी धीरे धीरे आआआआह्ह्हह, नाराज़ हो आआआहाहह हह्ह हह्ह्ह्ह हमसे।

वीर - बहुत अच्छा लग रहा है, बस थोड़ा दर्द है नहीं बिलकुल नहीं नाराज़ क्यू जाऊंगा।

तभी वीर उसकी एक टांग पकड़ कर चोदने लगता है।



तनु - अअह्ह्ह्ह वीईईईईईई वीईईईईईर थोड़ा आआआआआआआआ आराम से वीर , मर जाऊंगी बच्चा वीर धीरे धीरे ना।

तनु - वीर अगर तेज आआआआहहहह मामममम्म मम्मी मर जाउंगी मैं, मत ना धीरे धीरे

तभी तनु वीर को पकड़ कर उसकी आंखों में देखती है और वीर रुक जाता है।

तनु बहुत मुस्किल से कह पाई " अब धक्का मत देना"

तनु अब वीर को लिटा देती है और उसके ऊपर आ जाती है और वीर की सास कंट्रोल होने देती है।

और वीर के ऊपर बैठ जाती है और तेजी से राइड करती है।

तनु - आआआहाह तुमको कहती हूं रुको, हर टाइम तेज तेज नहीं किया आआआआआआआआह आआह्हह्ह जता समझें।

तभी जैसे ही वीर का पानी आने वाला होता तनु धीरे हो जाती और रुक जाती।



और वीर उसकी पीठ सहला रहा था।

वीर - समझ गया मैं तेज तेज कर सकता हूं, लेकिन जब आने वाला हो तो रुक जाऊ और सास कंट्रोल करू।

तनु - आआआह्हह हा बहुत दर्द हो रहा है थोड़ा आराम करने दो अब।

वीर - मेरा पानी नही आया।

तनु - क्यो थक गया और नही करना

वीर उसको हग कर लेता है और कहता है थैंक्यू।

तनु - मस्का मत लगाओ और आओ।

वीर - तुम्हे भी मजा आ रहा है ना

तनु ये सुन कर गाल लाल कर लेती है और दूसरी तरफ देखने लगती है।



तनु - बच्चा नहीं बच्चा आआआआहहह मर जाऊंगी धीरे धीरे धीरे देखो इतना तेज नही बच्चा आआआआहहह मम्ममम में दुबारा नहीं करने दूंगी वीरर धीरे धीरे।



तनु - आआआआहहहहह बस करो अब मैं थक्कक गई हूं प्लीज़ रहम करो थोड़ा कल कर लेना अब कल कर लेना ना।



तनु - आआआहहा दर्द हो रहा है मदरचोद, एक ही दिन मैं सीख लेगा क्या चोदना।

तनु - हाआआआ हाए राबा मार डालोगे क्या यार , अरे यार आआआआआआ अअह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह रुको अच्छा थोड़ा, वीर चोदो मुझे जोर से आआआआहहह एस वीर जान आई लव यू।



तनु - बेब आआआआह्हह चोदो जोर से आआआआहहह जानू आआआह्हह्ह अअह्ह्ह्हह इस yess yess yesss fuck fuck fuckkkkkkkkk।

तनु के इस तरह से करने से वीर भूल गया की उसे रुकना था और वो तनु के अंदर ही झड़ गया।

जैसे ही वीर का पानी गिरा तनु बिस्तर पर गिर पड़ी।

तनु अपनी चूत पकड़ के बैठ गई हाथो से जिसको बहुत दर्द हो रहा था, वीर ने इतना बुरा चोदा था।

वीर - यार बहुत जल्दी हो गया।

तनु - ही ही ही ही मैने क्या किया मैने तो अपनी फीलिंग बताई, अब तुम नहीं रुके तो मैं क्या करू।

वीर - तुमने जान बूझकर मेरा गिरवाया।

तनु - तो पूरी रात चोदोगे क्या , जान निकल गई मेरी अब बाद मैं करना, वैसे क्या समझे।

वीर - जैसे ही लगे पानी आने वाला है रुक जाओ।

तनु - हा जो तुम रुक नही पाते।

वीर - अच्छा लगा तुम्हे तुम खुश हो।

तनु - बहुत ज्यादा देखा कितना अच्छा से किया तुमने फालतू डर रहे थे, धीरे धीरे और देर तक करना सीख जाओगे
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वैसे भी मैं भी सेकंड टाइम हूं, इसलिए रुकवा दिया तुम्हे, धीरे धीरे दोनो देर तक करना सीख जाएंगे।

वीर - एक बार और करे।

तनु - बक बहुत दर्द हो रहा है।

तनु - सच्ची बताना साक्षी समझ कर चोद रहे था ना तेज तेज।

वीर उसकी बाहों में आता है चूत पर गरम पानी से सेकाई करते हुआ कहता है "ऐसा नहीं है , बेशक मैं बहुत प्यार करता हूं , साक्षी से लेकिन उतना ही तुमसे भी करता हैं, वो सीधी है मासूम है, उसके साथ बहुत अच्छा लगता है, वही तुम दूसरी तरफ जो मेरी बहुत अनमोल वाइफ हो
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जो बॉन्ड मेरा तुम्हारे साथ है वो किसी के साथ नहीं , और ना कभी हो पाएगा, मैं तुमसे हर बात शेयर कर सकता हूं लेकिन और किसी से नहीं"

तनु मन मैं कहती है मेरे भी कोई अपना है जो मेरे नखरे उठा रहा है मेरी डाट सुनता है , दात खाता है पागलों जैसा प्यार करता है मुझसे ही ही ही।

तनु - आई लव यू, थैंक्यू मुझे स्पेशल फील करवाने के लिया।

तनु कहती है समझ गई मैं

वीर - क्या

तनु - अब मेरी साड़ी कभी कही भी उतर सकती है।

वीर - हा ये तो है, वैसे मार भी तो मैं खाता रहता हूं।

तनु - हा तो मेरा गुस्सा दिखता है, प्यार नही दिखाता तुम्हे अभी भी आंखो में आसू है।

वीर -
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awww मेरा बच्चा आई लव यू ना।

वीर तनु को देखता है जो इस वक्त सच्ची बहुत प्यारी लग रही थी।

तभी तनु उठने को होती है तभी वीर उसके ऊपर लेट जाता है और कहता है ऐसे सोने मैं ज्यादा अच्छा लगता है ।

तनु - सुबह सब को क्या बोलोगे।

तनु - अरे इतनी तेज सो गया।

तनु - हाय कुत्ते ने पूरा शरीर तोड़ दिया , जरा भी रहम नहीं किया की दूसरी बार है, लेकिन इतना प्यार करता है मुझसे , तुम भी मेरे लिए बहुत स्पेशल हो वीर।

तभी तनु भी कुछ पुरानी यादों में खो जाती है।

साक्षी - एक दिन देखना कोई तेरे साथ बहुत गंदा तरीके से चोदेगा , पूरा शरीर मैं कटेगा और जगह जगह दातों के निशान होंगे।

तनु - ऐसा करने वाला पैदा नहीं हुआ अभी किसी भी में इतनी हिम्मत नहीं की मेरे गुस्सा के सामने टिक सके , और मेरा दिल जीत सके, और निशान देने की बात तो छोड़ो ये चुतियाप है

साक्षी - उस दिन देखूंगी मैं देखना तू खुद उसे जान से ज्यादा चाहेगी।

तभी तनु अपने शरीर पर नज़र डालती है जिसे वीर ने जगह कटा था दातों के निशान थे।

तनु - कल क्या मुंह दिखाऊंगी साक्षी को इस दिन इतनी बात बोल रही थी।

तभी तनु देखती है अभी भी वो वीर के नीचे सो रही है, तो अब ऐसा सीधा और मासूम से प्यार नहीं होगा तो क्या होगा।

फिर तनु भी वीर को दुपका कर सो जाती है बिना कपड़ो के ही।

.
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To be continued....like thok do....der se aaya but bde update ke sath aaya
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अपडेट 17 (तनु कौन है, रमेश क्यो पड़ा है पीछे)

(ये अपडेट मैं मैने बताया है तनु कौन है , और रमेश क्यो पीछे पड़ा है बाकी बातें टाइम के साथ अपडेट के साथ क्लियर हो जाएगी, और अपडेट लेट है क्युकी आप सब लाइक ही नहीं करते
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तभी तनु अपने शरीर पर नज़र डालती है जिसे वीर ने जगह कटा था दातों के निशान थे।
तनु - कल क्या मुंह दिखाऊंगी साक्षी को उस दिन इतनी बात बोल रही थी।
तभी तनु देखती है अभी भी वो वीर के नीचे सो रही है, तो अब ऐसा सीधा और मासूम से प्यार नहीं होगा तो क्या होगा।
फिर तनु भी वीर को दुपका कर सो जाती है बिना कपड़ो के ही।

अब आगे -------

तनु - एक तो ये कामिना पागलों जैसा नोचता है।

तभी उसके दिल से आवाज आती है प्यार भी तो करता है।

तभी तनु की नज़र वीर पर पड़ती है जो उसकी क़मर को पकड़ कर के उसके सीने पर सर रख कर के सो रहा था।

ये देख कर किसी भी पत्नी का दिल पिघल जाए तो उसके नीचे ही सो जाती है।

इधर सुबह साक्षी की नींद खुलती है तो वो देखती है की उसके बगल तनु और वीर दोनो गायब है।

तभी साक्षी अजीब तरह से हस्ती है और रूम की तरफ़ बड़ जाती है।

तभी वो देखती है की रूम लॉक है।

साक्षी - तनु रूम खोलो, जल्दी।

तभी तनु जो वीर के नीचे सो रही थी उसकी नींद खुल जाती है।

*ठक* *ठक*

तभी तनु वीर को देखती है जो नींद मैं भी तनु को पकड़ के सोया हुआ था जकड़ के।

तभी तनु धीरे से उसका सर सहलाती है और कहती है इतने दिन से दूर था इसलिए नींद मैं भी नहीं छोड़ रहा।

तनु - वीर उठो , वीर वीर

वीर - उम्ह सोने दो ना, बाद में किया जाएगा ना अभी नींद आ रही है।

तनु - मैं दुबारा नही बोलूंगी , एक बार मैं समझ नहीं आता।

वीर अब जल्दी से उठ जाता है और बैठ जाता है।

तनु - मुंह क्या देख रहे हो मेरा कपड़े पहनो, सुबह हो गई है भूल जाते हो क्या घर में बच्ची भी है तुम्हारी।

सुबह सुबह डाट पड़ गई और सब याद आ गया।

तभी तनु ये सुन कर उसे घूर के देखती है।

वीर जल्दी से कपड़े पहनता है और तनु अब ब्लाउज पहन चुकी थी।

तभी तनु अपनी ब्रा का हुक बंद करने की कोशिश करती है और वीर उसके पीछे आ जाता है और हुक बंद करने लगता है और ब्लाउज का हुक भी बंद करने लगता है।



तभी तनु कहती है तुमने पहन लिया,

वीर कहता है हा, तनु फिर जल्दी से बेड शीट हटा दो और में साडी पहनती हूं।

तनु इतनी तेज साड़ी पहन रही थी की चूड़ियों की छन छन साक्षी को साफ साफ सुनाई पड़ रही थी।

तभी साक्षी कहती है कुछ तो कांड किया है दोनो ने, कही वीर को चोट तो नहीं लग गई , मेरी ही गलती है जब मुझे पता है की उसे ऊपर चढ़ कर सोने की आदत है तो भी मैं दुसरे तरफ मुंह कर के सोती हूं।

तभी तनु देखती है वीर का मुंह लटका हुआ है तो वीर गेट खोलता उसके पहले वो एक हाथ उठा कर उसकी तरफ देखते हुए , अपने एक हाथ से अपने कान पकड़ लेती है।

वीर उसकी ये हरकत देख कर के उसे गले लगा लेटा है।

तनु सुबह सुबह वीर के गले लगी तो उसे बहुत अच्छा लग रहा था।

तनु - चलो अब जल्दी से किस कर लो मार्निंग वाली , और गेट खोलो।

वीर - बहुत मन कर रहा है प्लीज़।

तनु - आई लव यू , मेरा बच्चा बाहर आपकी साक्षी खड़ी है।

वीर - कुछ करो ना।

तनु - अभी नही , अभी गेट खोलो बाद मैं पक्का मैं कुछ करूंगी, अभी गेट खोलो।

तभी वीर तनु के होठ चूसने लगता है।

उम्मम्मम उम्मम्मम्म

तनु - अब बस इतना , इतना भी नहीं डाटा था जितना तुमने उसूल लिया।

वीर - तो मेरी वाइफ हो , प्यार हो मेरी।

तनु - अच्छा बच्चू मस्का , फिर भी नही दूंगी।

वीर - वैसे कुछ भी कहो तुमरी गांड़ सच्ची बहुत प्यारी है।

ये सुन कर तनु का गाल पूरे लाल हो जाते है और वीर को धकेल देती है और कहती है गंदे कही के।

वीर हस्त है तभी बहुत तेज़ी से गेट नॉक होता है।

तभी तनु धीरे से कहती है जल्दी गेट खोलो वर्ना साक्षी तोड़ देगी।

जैसे ही वीर ने गेट खोला साक्षी उसे देख कर उसके गले लग जाती है।

साक्षी - थैंक गॉड , मैं डर गई थी मुझे लगा क्या हो गया।

साक्षी - क्या है हा , गेट क्यो नहीं खोल रही थी इतना टाइम लगता है , क्या कर रही थी तू।

वही ये सब सुन कर वीर चुप चाप खड़ा था।

तभी उसके बगल अनु खड़ी हो जाती है जो इतना हल्ला सुन कर आ गई थी।

तभी साक्षी की नज़र तनु पर पड़ती है तो वो तनु को देखती है तो उसकी हसी निकल जाती है।

साक्षी - अनु जा कर काव्या के साथ सो जा।

अनु - दीदी ठीक है, सब ठीक है ना?

साक्षी - हा सब ठीक है , तुझे बाद मैं सब बता दूंगी।

वीर - मैं भी अनु के साथ जाता हूं , बेचारी काव्या अकेले सो रही है
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तभी साक्षी वीर का हाथ पकड़ लेती है और कहती है अरे आप कहा आप भी रुकिए जरा।

तभी साक्षी तनु को देखती हैं , बिखरे हुए बाल लाल लाल दातों के निशान से सजे हुए गले, बेड शीट जमीन पर कमर पर दातों के निशान।

तभी साक्षी वीर को देखती है जिसके गले पर दातों के निशान थे।

तभी साक्षी हस्ते हुआ कहती है वीर ज़रा शर्त उतारो अपनी।

वीर को ना चाहते हुए भी, शर्त उतारनी पड़ी।

जैसे साक्षी वीर की पीठ देखती है।

उसकी पीठ पर नाखून से नकोटे जाने के निशान थे और पीठ के ऊपर साइड दातों के निशान थे।

साक्षी - वाह जी आप दोनो तो फॉरवर्ड निकले, आप जाइए अब वीर सो जाइए जरा मैं अपनी बहन से बात तो कर लूं , बचपन से इंतजार में थी।

तभी वीर वहा से चुप चाप जाने लगता है लेकिन तभी वो आगे बडकर पीछे से साक्षी की कमर पकड़ के खड़ा हो जाता है।

और साक्षी कुछ नहीं कहती , और वीर को देखती है और वो समझ जाती है।

वीर साक्षी के बिना ज्यादा टाइम नही रह पता था ये उसकी बचपन की आदत थी।

तभी साक्षी हस्ते हुए कहती है , जाओ और बाहर मेरा वेट करो मैं आती हूं बस 10मिनट।

तभी तनु वीर को देखती है और मन मैं कहती है अजीब लड़का है डाट भी खाता रहता है लेकिन हम दोनो से दूर भी नही रह पता ज्यादा टाइम।

तभी उसे गला खखारने की आवाज़ आती है।

साक्षी - वो गया तनु जी , हा तो आप क्या कहा करती थी पहले कोई मेरे आगे टिक सके, इतनी किसी की औकात नहीं

तनु - वो वो

साक्षी - हा याद आया , प्यार अलग होता है चुटियापा अलग, दातों से काटना गले में ये कैसा प्यार है नोचना।

साक्षी - कोई आपके गुस्से के आगे टिक नही सकता , आज देखो आपको जगह जगह से नोचा है उसने और वो भी प्यार से, और सोया भी आपके ऊपर है, तो कहा गया गुस्सा।

तनु - गुस्सा तो वैसा का वैसा है, गुस्सा मैं नो बदलाव, सुबह सुबह ही डाटा मैने उसको।

साक्षी - अच्छा और सुबह सुबह डाटा आपने।

तनु - हा तो करती हूं, प्यार उससे बस नही रह पाती उसके बिना पता नहीं कैसे इतना प्यार करने लगी, वो सब कुछ कर रहा बस मेरी खुशी के लिया तो आता है उसपर प्यार।

साक्षी - पागल ही ही ही ही, वैसे वो सब से ऐसे ही प्यार करता है, लेकिन अच्छा है तुम्हारा गुस्सा सहने वाला आ गया।

तनु - पता नही कैसा लड़के पर दिल आ गया।

साक्षी - कुछ भी कहो , जान है वो हम सब की।

तनु थोड़ा आगे होती है तो लड़खड़ा जाती है।

साक्षी - आराम से मैडम चल नहीं पा रही आप, चलो थोड़ा सो जाओ, दर्द कम हो जाएगा।

तनु - पूरे शरीर से उसकी खुशबु आ रही।

साक्षी - हा पहले नहा लो , अब उसकी ही खुसबू आएगी , अब तो कभी भी साड़ी उतारनी पड़ेगी।

तनु कुछ नहीं बोलती चुप चाप जाने लगती है और साक्षी हंसते हुए सहारा देती है।

साक्षी - awwww मेरी प्यारी से नागिन।

तनु - ये सुन कर हड़बड़ा जाती है और कहती है क्या बकवास कर रही है सुबह सुबह।

साक्षी - सहारा चाहिए या नहीं वर्ना जाऊ मैं, नागिन कही की।

तनु - मेरा भी टाइम आएगा बेटा , तब तू देखना मैं तेरी कैसी क्लास लेती हूं , डायन।

साक्षी - मैं तेरी तरह इतना नही काटने दूंगी , संभाल लुंगी उसे।

तभी वो दोनो अनु के पास आ जाती है और दोनो अनु को देखती है और दोनो एक दूसरे को देखती है और वही गिर पड़ती है हस्ते हस्ते।

अनु - क्या हुआ हस क्यों रही हो।

तनु और साक्षी बहुत जोर से हस रही होती है।

तभी अनु की नज़र वीर पर पड़ती है जो उसे ही तिरछी नज़र से घूर रहा था।

साक्षी - तू तो भाभी भी है और मॉडर्न भी है, तेरा क्या होगा
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तभी अनु समझ जाती है की क्या बात हो रही है, वो कहती है मैं जा रही टीवी देखने आप लोग करो नाटक।

तभी वो दोनो जोर से हसने लगती है।

इधर इन दोनो की हसी की आवाज़ नीचे राखी के कानो मैं सुकून डालती है और निधि और बाकी सब हसने लगते है।

इधर साक्षी अनु को परेशान देख कर उसके पास जाती है।

अनु - क्या है, क्यो परेशान कर रही हो मुझे, जाओ और काम करो, मुझे समझ नहीं आ रहा कुछ।

तभी साक्षी कहती है हमारा वो मतलब नही था तू आराम कर।

तभी वहा पर तनु आती है और कहती है हमारा मतलब वही था बन्नो जो तुम समझ रही हो हम दोनो तो बीच की हो एकदम परफेक्ट तुम्हरा क्या हाल होगा
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तभी अनु वापिस दूसरी तरफ चली जाती है और कहती है खुद को देखो जगह जगह दात के निशान है।

इधर साक्षी कहती है चल जल्दी नहाने चले वर्ना काव्या उठ जाएगी।

इधर वीर भी चुप चाप काव्या को जकड़ के सो रहा होता है वो कुछ बोलता तो अनु उसकी खोपड़ी फोड देती।

इधर अनु उसके बाद अपना शरीर देखने लगती है



अनु - यार कुछ ज्यादा सेक्सी कपड़े पहन लिया है क्या, एक तो पता नहीं दीदी जैसी मोटी क्यो नहीं हूं।

इधर दूसरी तरफ सीन चेंज होता है।

********

रमेश - बहन के लोड़े वीर का गेम क्यों नहीं बजाया।

"देख बे चमन झंडू मैं काम पैसे के लिया करता हूं समझा बे सीधे लन्ड चल पैसे दे आज ही गेम बज जाएगा"

रमेश - ये ले पैसे गांड़ में डाल ले लेकिन काम आज ही होना मांगता

"ठीक है , बोल किसका काम बजाने का है"

रमेश - वीर का

"काम हो जाएगा "

"हा बे वीर पे नज़र रख और मौका मिलते ही पेल डाल"

******

अंजलि - अच्छा जी मेरे पति पर डाका डाला जाएगा,

अंजलि किसी को कॉल करती है और कहती है रमेश की बेटी का एड्रेस देना तो जरा

अंजलि फिर उसकी बताई जगह निकल जाती है।

अंजलि - बेटा मुझे इतना तो पता था , तू इतनी आसानी से वीर को जाने नही देगा , मुझे अच्छा से पता है तेरा निशाना वीर क्यो है, लेकिन वो कौन है जो वीर को मारना चाहता है, आखिर क्या राज है, जो वीर से जुड़ा है आखिर है कौन है इन सब का मास्टरमाइंड रोहित।

वो सीधे हॉस्टल में चली जाती है, जहा एक लड़की बैठी होती है , एक रूम में।

वो दरवाज़ा खटखटाती उसके पहले उसका फोन बज जाता है।

अंजलि - हा रूही बोल(रूही अंजली की पर्सनल हैकर)

रूही - जिससे तू मिलने जा रही है उसे कभी लडको के पास नहीं रखा गया, जिस वजह से वो अब लडकियों के साथ रहते रहते उसे लडको से इंटरेस्ट खतम हो गया तो एक तरह से उसे लेस्बियन मान, लेकिन याद रहे बहुत रोती है।

रूही - इसके थ्रू तू रमेश के बारे में हर एक डिटेल जान सकती है, बहुत सीधी लड़की है कभी स्कूल और हॉस्टल के आलावा कहीं नहीं गई।

अंजलि - इंटरस्टिंग

रूही - प्लीज़ इससे दूर रहो, हमेशा रोती रहती है, कभी इसका दोस्त तक नहीं बना क्युकी इसके साथ हमेशा सिक्योरिटी रहती है बस हॉस्टल का रूम छोड़ कर, अपने पापा कि हर बात मानती है, यानी रमेश की , बहुत अकेली लड़की है इसका कोई नही सभालने वाला, जो लड़की इसको बहार ले जाती अगले दिन रमेश उसको गायब करवा देता, बस हॉस्टल में जिससे बात करतीं है बस वही।

फिर फोन काट जाता है।

और अंजली दरवाजा नॉक करती है।

लडकी - क्या है , किससे मिलना है आपको।

अंजलि - जी रचना है।

रचना - हा मैं ही हूं, बताइए।

अंजलि - अंदर आने को नही बोलोगी।

रचना - नहीं क्यो आना है अंदर आपको जाइए यहां से बिना मतलब मेरे पास टाइम नहीं है, समझी।

अंजलि वही रचना को धकेल कर दरवाजे पर किस करने लगती है।



रचना आचनक हुए इस हमले से घबरा जाती है आज पहली बार किसी ने उसके होठ को छुआ था।

रचना जल्दी से घबरा कर अंजली को अंदर धकेल देती है और आंखो में आसू आ जाते है , रचना नहीं चाहती थी की उसकी बाकी सहेली की तरह ये भी गायब हो।

इधर रचना रोना स्टार्ट करती उसके पहले अंजली फुट फूट के रोने लगती है।

इधर अंजली को रोता देख, रचना के आसू रुक जाते है और वो खुद अंजली को देखने लगती है।

रचना - शर्म नहीं आती ऐसी हरकतें करते है हुए और रो क्यों रही हो।

अंजलि - तुमने मुझे किस क्यो किया, तुमने मेरा फायदा क्यो उठाया, मैं तुमसे प्यार करती हूं तो मतलब कुछ भी करोगी मेरे साथ।

रचना - मैने कब किस किया , तुमने किया मुझे।

अंजली - अच्छा मैने किया (एक दम मासूम सी सकल बना कर वो कहती है)

रचना - हा तुमने किया और मुझ पर ब्लेम लगा रही हो।

अंजलि - हा मैने किया किस तुम झूठ तो नहीं बोल रही।

रचना - मैं झूठ नही बोल रही तुम बेशर्म हो ऐसे करते टाइम शर्म नहीं आई , कोई देख लेता तो।

अंजलि - तो क्या बोल देती मेरी हो तुम सिंपल।

रचना - मैं कब तुम्हारी हो गई , और जाओ से यह से में लेस्बियन नहीं हूं, समझी।

इसके पहले की रचना कुछ और कहती वो देखती है की अंजली उसका छोड़ा हुआ झूठा खाना खा रही थी।

रचना बस आंखे फाड़े देखे जा रही थी।

जैसे ही रचना घूरती है अंजली फिर रोना स्टार्ट कर देती है।

रचना - अब क्या हुआ रो क्यों रही हो, हल्ला मत करो वर्ना दिक्कत हो जायगी प्लीज़।

अंजलि - *स्निफ* तुम मुझे घूर क्यो रही हो, और इतनी दूर से तुम्हारे लिए आई हु।

रचना - खाओ खाओ , तुम।

जैसे ही रचना अब देखती है की अंजली का चहरा बहुत खिला हुआ है।

अंजलि - तुम इतना डरती क्यो हो, और ये मुझे चुप क्यों कर रही थी।

रचना - कुछ नहीं

उसकी बात सुन कर अंजली फिर रोने लगती है।

रचना उसके पास बैठ कर कहती है कितना रोटी हो तुम , तुमने तो मेरा भी रिकॉर्ड तोड दिया 1 महीने में जितना रोती हूं उतना तुम एक दिन मैं रो दी।

तभी अंजलि उसको खूब टाइट हग कर लेती है और रचना को अंजली का भरा हुआ शरीर बहुत अच्छा लग रहा था।

तभी अंजलि कहती है भाभी जैसा शरीर है ना , अच्छी लगी मैं तुम्हे ।

रचना कुछ सोचती है तभी वो देखती है की अंजली का मुंह बन गया तो वो रचना कहती हैं अरे बहुत अच्छी हो रोना मत।

फिर अंजली चुप हो जाती है और हस्ते हुए उसे अपने हाथ से मैगी खिलाती है और कहती है अपने हाथ से बनाया तुम्हारे लिए खाओ।

रचना - वो खा लेती है और

अंजली बहुत बात करती है।

रचना - तुम मुझसे मिलने क्यो आई थी।

अंजलि - बुधु बचपन से प्यार करती हूं तुमसे अब मैं तुम्हारे पास रहूंगी।

रचना - कितना बोलती हो तुम।

अंजलि - रचना ये बताओ ये राज कौन है, जो अक्सर दिखता रहता है।

रचना - दूर रहना इससे , बहुत गंदा इंसान है ये लोगो को मारता है पैसे के लिए , तुम दूर रहना प्लीज़ और मुझसे बात मत करना।

अंजलि - लेकिन ये क्यों करता है और इससे रोकने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा।

रचना - बस पैसे के लिए काम करता है।

अंजलि - सुनो एक और किस कर लूं।

रचना - अब निकालो मेरे रूम से बाहर मुझे कॉलेज जाना है मेरा हिस्सा का खाना खा गई और ऊपर लेट भी हो रहा गर्ल कॉलेज में बहुत स्टिक रूल होते है बेशरम लड़की।

अंजलि - प्यार करोगी हमसे।

रचना - bye बेशरम और घटिया लड़की अब मत आना दुबारा वर्ना मुंह तोड़ दूंगी।

इधर रचना हस्ते हुए चुप चाप कार मैं बैठ जाती है।

और उसके जाते ही अंजली रूही को कॉल करती है।

रूही - हा बोल।

अंजलि - मेरा सामन रचना के रूम में भिजवा दो , और सुनो कुछ भी कर के बगल वाला रूम मुझे चाहिए, बैकअप के लिया और राज को पैसे दे कर रमेश पर ही गोली चलवाओ, और रोहित के नाम से कॉन्टेक्ट करना उसी के नंबर से ये जब तक आपस में लड़ेंगे तब तक मेरी बहने सेफ रहेंगी।

रूही - सावधान रहना पता नही ये रोहित कौन है, जहा तक मुझे शक है , अनु को छेड़ने के लिए लड़के थिएटर में रोहित ने ही भेजा था।

***********

इधर अनु अपने आप को ही निहारे जा रही थी तभी वीर उठ के आता है तो उसके सामने अनु की उभरी हुई गांड़ और चूची होती है।



वीर - अनु गुड मार्निंग।

अनु - गुड मॉर्निंग, तुमने बात करी दीदी से मेरे लिए।

वीर - यार वो नही मानेगी तुम्हे पता है ना।

अनु - तुम ट्राय तो करो।

वीर - किसके लिए मार खाऊं मैं बड़ी आई तुम

अनु - अपनी छोटी सी वाइफ के लिए, जिस हक से गोद मैं बैठाया उस हक से मैं भी तो वाइफ हो हा कभी कभी गुस्सा आ जाता है।

वीर - मुझे हग करने दोगी और किस जितना मैं चाहूं।

अनु - अच्छा बच्चू ठीक है मैं एक किस करने दूंगी, लेकिन मानने के बाद और एक रात मेरे बगल सोना पड़ेगा।

अनु - ठीक है लेकिन केवल एक रात।

अनु - मुझे एक किस करने के लिए इतनी मेहनत।

वीर - बात एक किस की नहीं है , मुझे तुम पसंद हो तुमसे डर लगता है क्युकी तुम हमसे नफ़रत करती हो।

अनु - में नफरत मृत करती वीर कभी थी बट अब नहीं है , तुम खुद मेरे पास नहीं आते, तो मैं कैसे तुमसे प्यार कर सकती हूं।

वीर - ये क्या इज़हार है।

अनु - नही पास आना पड़ता है , तब कोई अपना बनता है , वैसे तुम एक अच्छे पर्सन हो , मुझे अच्छा लगता है तुम्हारी वाइफ होना, तुमने कभी हर्ट नहीं किया।

अब अनु टीवी ऑन कर देती है और अब साक्षी और तनु और काव्या भी आ गए साथ मैं रूम में।

तभी न्यूज की हेड लाइन आई

अब तक की सबसे ताजा ख़बर सिनेमा हॉल में मूवी देखने गए 4 युवक की मौत साप के जहर से हुई मौत।

अनु - दीदी ये तो वही है जिसने मेरे पर कमेंट किया था।

तनु - चैनल बदलो और ढंग कर लगाओ गलत आदमी के साथ गलत ही होता है।

अनु - ही ही ही ही मर गया मदरचोद।

तभी वीर की नज़र तनु पर जाती है तो उसका लोड़ा ही खड़ा हो जाता है और वो तनु से इशारे करता है.

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To be continued ........

Give your valuable review like toh karoge hi..... Next update bahut pyar hoga romantic sa....
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like kar dena...........
 
Update 18

तनु - चैनल बदलो और ढंग कर लगाओ गलत आदमी के साथ गलत ही होता है।

अनु - ही ही ही ही मर गया मदरचोद।

तभी वीर की नज़र तनु पर जाती है तो उसका लोड़ा ही खड़ा हो जाता है और वो तनु से इशारे करता है।

अब आगे

तनु वीर का इशारा देख कर हस देती है और आगे हो जाती है और काव्या को पकड़ कर बैठ जाती है और घूम कर वीर को जीभ से चिढ़ाती है

वीर - प्लीज़ आओ ना।

तनु - नहीं आऊंगी, रात को बहुत छेड़ रहे थे, ना हमे।

वीर - प्लीज़ ना पक्का ज़रा भी तंग नहीं करूंगा।

तनु - नहीं, और तुम्हे कही बाहर नहीं जाना, कार जमीदार ले गया खुद, और पैसे दे गया, तुम अब से घर पर रहोगे और आस पास रहोगे बस।

काव्या - यस पापा साथ रहेंगे पूरा दिन।

तनु - हा बच्चा पापा घर पर रहेंगे , और अगर मेरी बात मानेंगे तो ही पापा भी खुश रहेंगे।

वीर रात को लेना है तो उसकी बात माननी पड़ेगी वैसे भी मेरा काम तो हो ही रहा है।

तभी वीर देखता है तनु मूवी देखते टाइम बहुत खुश थी।

वीर उसे एक टक घूरे जा रहा था, तभी उसे बर्तन गिरने की आवाज़ आती है, जिसे गुस्से मैं अनु ने फेका था।

वीर के लिए ये वार्निंग थी ये उसे याद करवाने के लिए था उसकी वाइफ ही है तनु , ये समझ कर वीर की फट जाती है और वो अब तनु को भी देखना बंद कर देता है।

अनु - नहीं घूर लो ना, अब तुम मुझे घूरना तब बताउंगी।

ये सुन कर तनु हसने लगती है।

और इधर हसी का मोहाल देख कर निधि भी आ जाती है और कहती है वाह क्या बात है बहुत हस रही हो।

तभी निधि की नज़र टीवी पर पड़ जाती है और कहती है वाह जी तुम लोग अब बताना भी जरूरी नहीं समझा, कम से कम बता देती देखने तो दोगी नहीं टीवी।

तनु - ऐसा नहीं है निधि , कल ही आई , और तब से टाइम नहीं मिला वर्ना पक्का बताती, वैसे अब तो हम सब रोज देखेंगे।

तभी राखी जो एक दम पीछे खड़ी थी।

वो अन्दर आती है और अब राखी और निधि की नज़र अनु पर पड़ती है तो दोनो के गाल एक पल के लिए लाल हो जाते है।

वही ये देख कर अनु जल्दी से तनु के सामने खड़ी हो जाती है और कहती है बैठो ना भाभी, बुआ , चाची।

निधी और मधु एक टक बस अनु को घूर रहे थे तभी मधु मन मैं कहती है ये सब आपस में चाहे जितना लड़े , लेकिन एक दूसरे को कुछ भी होता है तो सबसे पहले एक दुसरे को बचाती है।

तभी निधि बैठ जाती है और राखी और मधु एक टक खुशी से वीर को देखती है।



वीर - क्या हुआ आप दोनो मुझे क्यो देख रही है।

तभी वीर की नज़र कही और जाती तभी उसे दो लड़की की आवाज़ आती है।

"दीदी कितनी मजबूत सैंडिल है ना"

तनु ,"हा जरा भी नीचे गई अगर तो टूट जाएगी शायद सैंडल"

वीर अब अपनी नज़र जल्दी से ऊपर कर लेता है, उसे ये धमकी समझ आ गई थी।

तभी राखी उसे गले लगा लेती है और कहती है तुम जब से आए हो मेरी बच्ची जीना सीख गई।

तभी वो दोनो भी बैठकर टीवी देखने लगी।

और अनु भी बैठ गई और तनु वीर के पास आ कर कहती है धीरे से बच गई वर्ना सैंडल टूट जाती।

वीर - तुम्हे क्या लगता हैं , में अब अपनी ही सासु मां को निहरूंगा।

तनु - बेटा मैं अच्छी तरह जानती हूं , तुम्हे।

तभी तनु का आंचल पकड़ कर निधि कहती है अब तो उसे छोड़ दे या दिन मैं भी शुरू रहना है।

ये सुन कर तनु झेप जाती है।

और काव्या को पकड़ कर बैठ जाती है।

और फिर कोई कुछ नहीं कहता है, तभी वीर की नज़र बाहर खड़ी साक्षी पर पड़ती है जो अपने बाल सुखा रही थी।



तभी वीर उसके पास जाता है और ज्यादा पास जाने पर उसकी हार्ट बीट बड़ जाती है।

तभी हस्ते हुए साक्षी मुड़ती है और देखती है।

"मुझे पता था तुम बाहर आओगे मेरे लिए" साक्षी की ये बात सुन कर वीर उसकी तरफ देखता है।

साक्षी - तुम्हे पता है तुम भले ही चाहे जैसे हो, तुम हमेशा मुझे स्पेशल फील करवाते हो।

वीर - तुम अभी भी मुझसे नफ़रत करती हो।

साक्षी - पागल मैं क्यों करने लगी ऐसा।

तभी साक्षी वहा पर टेक लगा कर वीर को देखती है।



वीर - मैं तुमसे प्यार करता हूं , बहुत।

साक्षी - हा तो मैं भी तो बहुत प्यार करती हूं तुमसे।

वीर - तो क्या तुम

साक्षी - हा क्या मैं आगे बोलो ये धक धक क्यो सुना रहे हो अपनी।

वीर की हिम्मत अब जवाब दे चुकी थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

वीर - मुझे नहीं पता मैं तुम्हे प्यार करता हूं तुम्हारे करीब आना चाहता हूं , लेकिन कुछ समझ नहीं आता डर लगता है सब भूल जाता हूं, दिल जवाब दे जाता है मेरा कुछ पल्ले नहीं पड़ता।

वीर कुछ और बोलता उसके पहले साक्षी उसके मुंह पर उंगली रख देती है।

साक्षी - आई लव यू , में खुद इंतजार कर रही थी, इतना मत सोचो।

वीर - तो तुम कुछ करने क्यो नहीं देती।

साक्षी - क्या नहीं करने देती।

वीर - वो वो मुझे वो करना है।

साक्षी - वो वो क्या करना है बताओ ना।

वीर - मुझे मुझे साड़ी उतारनी है तुम्हारी।

साक्षी - अच्छा ऐसा बोला ना आओ उतार लो।

ऐसा कह कर साक्षी अपना पल्लू गिरा देती है और अपनी मदहोश चाल में वीर के पास आतीं है।

साक्षी के इतना करीब आ कर वीर की सारी हवस बुझ गई।

वीर - न न न न न नहीं बाद में करेंगे।

साक्षी - अरे अभी तो बोले साड़ी उतारना है।

तभी वीर थोड़ा दूर हो जाता है और साक्षी उसके और करीब आ जाती है।

वीर खड़ा था और साक्षी उसके इतने करीब आ गई की वीर को अपने सीने मैं साक्षी के चूचे फील हो रहे थे।

और ये मोहाल देख का वीर ने अपनी आंख बंद कर ली।

और साक्षी हसने लगती है और कहती है तुम्हे क्या लगा तुम ऐसे मेरे करीब आ जाओगे , तुम्हारे दिल पर मेरा कब्जा है समझे।

साक्षी - चलो अब आंख खोलो...

वीर अपनी आंखो को बंद कर के दूसरी तरफ सर किया हुआ था।

साक्षी - ओह शीट(shit) veeeeeeeeer देखना मत मेरा ब्लाऊज फट गया।

वीर - क्या कैसे

वीर हड़बड़ाते हुए बोलता है और जल्दी से अपनी आखें खोल लेता है,और उसके सीने पर देखता है जहा ब्लाउज था।

वीर फिर तेजी से सास कंट्रोल करते है वापिस मूंद लेता है।

साक्षी ये देखती है और कहती अरे वाह मतलब सास कंट्रोल नहीं हो रही , लेकिन मजे पूरे लेने है।

वीर - नही ऐसा नहीं है,

साक्षी - तो कैसा है बताओ।

वीर - नहीं हा नहीं हा अरे दूर हटो ना म मेरा मतलब साक्षी।

साक्षी - बेचारी बड़ी मुस्किल से अपनी हसी रोक रही थी।

तभी साक्षी कहती है मैं तो नही जाऊंगी दूर, मैं तो अपने पति के साथ रहुंगी, वैसे भी तनु के साथ इतना प्यार मेरे टाइम है ये बच्चू।

वीर जाने लगता है तभी साक्षी उसे पकड़ लेती है और वापिस उससे इतना सट जाती है की वीर की सास अटक जाती है।

वीर - सा सा सा

साक्षी अपने नुकीले सीने वीर के सीने मैं गड़ा रही थी।

साक्षी - मैं क्या कहती हूं , जल्दी से एक बेबी कर ले हम सब वर्ना बचारी काव्या अकेला फील करेगी ना।

वीर - हल्ह्ह हा

साक्षी - तो फिर आंख खोलो ना और देखो।

तभी साक्षी वीर का हाथ पकड़ लेती है और अपने सीने की तरफ लाने लगती है।

वीर ये देख कर बहुत तेज सास ले रहा था।

जिससे साक्षी को बहुत हसी आ रही थी, वो हाथ अपने सीने के जस्ट ऊपर लाती है तभी उसकी नज़र वीर के पैंट पर जाती है जहा तंबू बन गया था।

साक्षी - ही ही ही ही सैयां जी ये नीचे क्या है , नया फोन लिया क्या दिखाओ ना।

वीर अब तेज से सास लेता हुआ, हड़बड़ा जाता है और दूर भाग जाता है।

वीर - आई लव यू ना ।

साक्षी - मैं नहीं मानती तुम्हारा दूर , भाग रहे हो मैं सुंदर नहीं हुं ना।

वीर की आखें अभी भी बंद थी, इसीलिए वो नही देख पा रहा था की साक्षी हस रही हैं और बोलता है नहीं मैं सच्ची प्यार करता हूं ना।

साक्षी - तो वापिस आओ।

वीर वापिस आता है।

जैसे ही वीर खड़ा हुआ , साक्षी उसके कंधो मैं हाथ डाल कर खड़ी हो जाती है मुस्कुराते हुए।

साक्षी - आ जी इतना प्यार इतनी शर्म अपनी बीवी से , हा।

साक्षी को वीर के साथ इतना अच्छा लग रहा था की कोई भी देख सकता था कि वो कितना प्यार करती है।

तभी साक्षी वीर से पूरा सट जाती है जिससे वीर का लन्ड उसे अपनी जांघों पर फील होता है और वीर अब काप रहा था।

साक्षी अपनी नाक वीर की नाक के पास लाती है और थोड़ा वीर के गाल सहलाती है।

जिससे वीर को हल्का झटका लगता हैं।

साक्षी- आआआआह्ह्ह्ह वीईईईईई आई उह्ह्ह वीर

जैसे ही वीर ये साक्षी के मुंह से सुनता है उसका लन्ड फुकारने लागत है, और पानी छोड़ने के करीब आ गया था।

साक्षी - आआआहा जान सुनिए ना आराम से।

वीर के हाथ कप रहे थे वो करना सब चाह रहा था लेकिन कुछ नहीं कर पा रहा था बचपन से उसके दिल में साक्षी बसी थी आज उसके इतने करीब आने से वो ज़रा भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

तनु - हद है मैं यह फस गई बाहर इतना मस्त शो चल रहा है।

तभी उसे वीर पर तरस आ जाता है और अनु को इशारा करती है जो काफी देर से ये शो देख रहे था।

तभी अनु चिलाती है दीदी आओ ना मूवी देखो।

साक्षी - आ रही।

फिर साक्षी जल्दी से दूर हट जाती है और वीर से कहती है आई लव यू बाकी का शो का इंतजार करना।

वीर - ठीक है मैं जाऊ अभी।

साक्षी - हा जाओ।

तभी वीर बाथरूम भाग जाता है जिसका लन्ड से साक्षी ने बिना कुछ किए ही पानी निकलवा दिया।

साक्षी - बच्चू मैं तुम्हारी फेवरेट थी और रहूंगी ,मैने कहा था ना जैसे ही तुमने तनु का दिल जीता मैं तुम्हे अपने प्यार का इजहार कर दूंगी।

साक्षी - मुझे पता है तुम वीर नहीं कोई और हो, लेकिन जो भी हो मेरे बहुत करीब जो मुझे याद नहीं आ रहा , लेकिन अब मुझे याद नहीं करना अब तुम्हारी वाइफ हूं, तुम कभी मेरे पास आने की हिम्मत नहीं जुटा सकते।

तनु - क्यो छेड़ रही थी।

साक्षी - अभी तो शुरुवात है बच्चू, मैने कहा था ना तेरे बाद मैं पक्का इज़हार कर दूंगी।

तनु - बेचारा का रहा था।

साक्षी - बेचारा
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तुम्हारा बेचारा मेरी ब्रा और पँटी बाथरूम ले गया था और उसने सोचा मैंने देखा नहीं।

तनु बस हस रही थी।

साक्षी - तुम कभी हिम्मत नहीं जुटा पाओगे , ये रिश्ता मैं आगे ले चलूंगी मैं तुम्हे बतूंगी तुम्हारी साक्षी भी किसी से कम नहीं ये तो तुमने देख लिया, आज रात को तुम्हे कौन बचाएगा मेरे पति देव जी।

तनु -
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बजी आज बैंड इसकी, यार वो तेरे से बहुत प्यार करता है।

साक्षी - पता है लेकिन हिम्मत नही जुटा पा रहा और तड़प रहा अंदर ही अंदर और ये तड़प मैं खत्म करूंगी, अब तू देख धीरे धीरे कैसे इतना करीब ला दूंगी फिर खुद भाव खाऊंगी।

साक्षी मन मैं सोचती है जिस तरह ये तड़पता है ऐसा लगता है जैसे बचपन से मेरे लिए फिकर है , खैर कोई नहीं।

तनु - चल अंदर।

दोनो अंदर चले आते है।

इधर वीर बाथरूम में साक्षी की पैंटी को अपने लन्ड पर रख कर के हिला रहा होता है।

वीर - मम्मी मम्मी आआआआआह्हह

ऐसा कहते ही वीर का पानी निकल जाता है और वो जल्दी से पैंटी डाल कर रूम में आने लगता है।

वीर - मैं डरता नहीं साक्षी से वैसे भी वो तो मेरी वाइफ है मैं इस बार खुद उसको पकड़ लूंगा, बचपन की बात दूसरी थी अब दूसरी बात है, अब वाइफ है मेरी वैसे भी बचपन से में यही चहता था तो अब क्या हुआ।

वीर - फिर कहता है मन करता लेकिन हिम्मत नहीं होती साक्षी को आराम से बात कर के करना था मैं जानता हूं अब वो खुद बात करेगी और धीरे धीरे क्लोज आएगी मैं कौन सा उससे डरता हूं।

तभी वीर रूम में आता है।

और आते ही उसकी हार्ट बीट बड़ जाती है।

तभी वीर अनु के बगल चुप चाप बैठ जाता है।

वीर - देखता है आजू बाजू और साक्षी उसे नहीं दिख रही थी और वो फिर मूवी देखने लगता है सब ऊपर इसी रूम में थे।

तभी अचानक से लाइट ऑफ हो जाती है और वीर डर जात है।

वीर कुछ और करता उसके पहले वीर पैर पर एक पैर आ जाता है और उसके पैर के अंगूठे के साथ खेलने लगता है।

वीर कुछ करता उसके पहले उसके सीने पर दो चूचे गड़ने लगते है।

वीर - प्लीज़ साक्षी यह नहीं सब है साक्षी प्लीज़ रात को जितना मन उतना कर लेना प्लीज़ मत करो , कोई देख लेगा।

साक्षी -
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शाह आवाज नहीं कोई नहीं जान पाएगा, चुप चाप लेटो , और अनु आराम से हमे छुपाना।

वीर नही लेट रहा था लेकिन साक्षी ने उसे खींच के जमीन पर लिटा दिया धीरे से उसके पास लेट गई।

वीर अभी बाहर जो हिम्मत की बात कर रहा था फिर से उसकी हिम्मत उड़ गई लेकिन वो समझ गया अब वो अपने मुंह से चू भी नहीं निकल पाएगा।

तभी एक हाथ से उसकी शर्ट के बैटन खोलने लगी।

साक्षी - प्यार करेंगे हम दोनो

इधर तनु और साक्षी इन्हे छिपाने की कोशिश कर रहे थे और दोनो की गांड़ फटी पड़ी थी।

वीर को अभी बस डर लग रहा था अगर किसी ने देख लिया तो लोड़े लगने पक्के थे।

तनु- इसको हुआ क्या।

वीर - मैने इज़हार किया था प्यार का।

साक्षी - तो बस मेरा पति मेरा जो मन वो करूंगी , अब तुम दोनो कवर करो बस , बीच में मत आओ।

तनु समझ गई थी ये नहीं रुकेगी।

वीर मन ही मन सोच रहा था प्यार करना था धीरे धीरे ओपन हो कर साक्षी तो मेरी मां निकली।

अनु धीरे से तनु से कहती है दीदी हमेशा से ऐसी है उन्हे ऐसे मामले में रिस्क लेना छेड़ना और तंग करना बहुत पसन्द है, खासकर पति जब ऐसा हो तो हर कोई का दिल फिसल जाता है।

साक्षी मन मैं कहती है ना जाने कितने सपने संजोए थे बरसो से थैंक्यू ऐसा पति देने के लिए थोड़ा ओपन नहीं है बट मैं करवा दूंगी और आज तो मेरी मन्नत पूरी हो गई, और अब तुम देखो वीर के बच्चे।

वही वीर ऐसा नेचर देख कर दंग था।
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To be continued..... Thoda ab sakshi ke dusre pahlu se milye..... Yhi hai hamari real sakshi......

Veer aisa react is liya kar rha hai kyuki bachapn se sakshi uski ma thi, beshak veer ne use wife accpet kr liya lekin acank se sakshi ka aisa nature se uski siti piti gul.. karna toh wo bahut kuch chah rha lekin himmat nhi ho rhi....and sakshi toh hamri main herione hai phle bhi bola tha.... Dusra update toh aur majedaar hai usmain aap jaan jaynge sakshi hamri kesi hai.....But main post ek hi krunga kyuki 40 like nhi gai
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...but is par 30 like ho gya toh raat ko update aa jayga bye bye saionara ...........

Well main story bhi aage bad rhi hai... Rohit aur tanu ka kya seen hai wo aage aane wale kuch updates main saaf pata chal jayga.....
 
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