पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी

अपडेट 19

साक्षी मन मैं कहती है ना जाने कितने सपने संजोए थे बरसो से थैंक्यू ऐसा पति देने के लिए थोड़ा ओपन नहीं है बट मैं करवा दूंगी और आज तो मेरी मन्नत पूरी हो गई, और अब तुम देखो वीर के बच्चे।

वही वीर ऐसा नेचर देख कर दंग था।

अब आगे

साक्षी अब गुस्से मैं कहती है, "एक बार मैं सुनाई नहीं पड़ता क्या बोला ना शर्ट उतारो दुबारा मैं नहीं कहूंगी"

वीर ये साक्षी की ये बात सुन कर डर जाता है और शर्ट उतारने लग जाता है बेशक उसे साक्षी से बहुत प्यार था , लेकिन ऐसा एक बैक।

वीर ने अपनी शर्ट उतार दी और साक्षी अब वीर के ऊपर लेट गई थी, और उसके होठ को अपने हाथ से सहलाती है और उसके जिस्म पर अपने होठ रखने लगती है।

वही ये सब से वीर का शरीर झटके खाना लगता है उसे अंदर ही अंदर बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन उसे डर भी बहुत लग रहा था।

उसके बाद साक्षी ने अपना पल्लू गिरा दिया और वीर ने डरते हुए अपने हाथ उसकी कमर की तरफ़ किया लेकिन वापिस हटा दिया।

साक्षी ने हस्ते हुए वीर के हाथ अपनी कमर पर रख दिए और वीर के होठ की तरफ़ अपने होठ बढ़ाने लगती है।

जिसके कल्पना मात्र से वीर का शरीर कप जाता है लेकिन वीर देखता है बहुत देर तक साक्षी ने किस नहीं किया तो वीर खुद आंखे खोल लेता है, और जब वो देखता है तो साक्षी उसके ऊपर लेटी है और उसके दोनो हाथ पकड़े हुआ है।

वीर उसकी तरफ देखता है और हटने का इशारा करता है।

तभी साक्षी उसकी तरफ देखती है और उसका मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी को अच्छे से पता था वीर कितना तड़प रहा था, इसीलिए वो उसे और तड़पा रही थी।

साक्षी कुछ और करती उसके पहले उसको मधु की आवाज़ आती है।

बेटी ऊपर आओ ना नीचे क्यो बैठी हो।

साक्षी और वीर दोनो की आंखे लाल हुई पड़ी थी।

साक्षी गुस्से मैं उठने लगती है और वीर उसका हाथ थाम लेता है।

और उसकी तरफ़ देखता था बचपन से उसने आज तक साक्षी को इतना खुश नहीं देखा था आज उसे ऐसे गुस्सा में ऐसे देख वो पुरानी साक्षी को नही लाना चाहता था।

वीर ने साक्षी को रुकने का इशारा किया और खुद भी बैठ गया।

साक्षी एक दम गुस्से मे लाल आंख किए बैठी थी।

उसको देख कर तनु और अनु आगे सरक ली।

तभी वीर उसकी तरफ देखता है और उसे वही वापिस लिटा देता है जिससे किसी को कुछ दिखाई ना पड़े।

तभी वीर बहुत डरते हुए कांपते हुए अपने होठ साक्षी के होठ पर ले जाता है और वीर का रोम रोम कांप रहा था।

साक्षी बस वीर को निहार रही थी गुस्सा तो आ रहा था लेकिन वो कंट्रोल कर रही थी।

तभी वीर उसके एकदम करीब आ गया और साक्षी के होठ पर बड़ जाता है और साक्षी ये देख कर अपने होठ खोल देती है और वीर निचले होठ अपने मुंह में रख लेता है और चूम कर तुरंत हट जाता है।



साक्षी ने देखा की वीर अब भी कांप रहा है उसके लिए ये बहुत बड़ी बात थी , उसने साक्षी को चूमने के लिए जिस तरह हिम्मत जुटाई वो कबीले तारीफ थी, साक्षी एक टक वीर को देख थी और हस रही थी भले ही किस 3 सेकंड का था लेकिन वीर की तरफ़ से पहल थी, और वीर को देखती है जो आंखो को बंद कर के सास को कंट्रोल कर रहा था।

तभी साक्षी खड़ी होती है और वीर उसे पकड़ लेता है और लेटे रहने का इशारा करता है।

साक्षी वापिस लेट जाती है और वीर उसके ऊपर लेट जाता है और उसके बाल को सहलाते हुए कहता है,"गुस्सा मत हो ना मेरी जान, वैसे भी मैं तो तुम्हारा हूं ना रात को करना सब मैं ऐसे ही लेट जाऊंगा और साथ भी दूंगा।

वीर - मैं तुम्हे बहुत चाहता हूं, लेकिन हिम्मत नहीं होती, गुस्सा मत होना हमसे।

साक्षी उसके कंधे पर अपने दोनो हाथ रख देती है और कहती है shhhh
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मैं क्यो नाराज़ होंगी तुमसे, मैं खुद तुम्हे अपने करीब लाऊंगी पक्का रात को करने दोगे प्यार।

वीर - काव्या वाला प्रोमिस।

साक्षी - ठीक ही फिर है, अब हटिए मेरे ऊपर से ना।

वीर भी मुंह बना कर हट जाता है

साक्षी - देखा मेरा कमाल तुमने हिम्मत की किस करने की , आई लव यू बच्चा।

साक्षी खड़ी होती है और वीर को देखती है जो अभी भी सास कंट्रोल कर रहा था फिर मन में कहती है बेशक तुम मेरे से उतने करीब नहीं हो क्युकी मैने ही दूरी बनाई थी वीर, लेकिन वादा ये सारी दूरियां मिटा दूंगी मैं तुम्हे अपने करीब लाऊंगी, मैने कहा था तनु के बाद मैं तुम्हे एसेप्ट कर लूंगी , अब तुम्हारी साक्षी तुम्हे बहुत सारा प्यार देगी, करीब तो तुम खुद आ जाओगे।

साक्षी - पागल लड़का मनाना अच्छी तरह जानता है, मन कर रहा है नोच लूं तुम्हे मेरे पति, साले सब यह आ गए प्यार भी नही करने देते।

साक्षी वापिस हस्ते हुआ मधु के पास बैठ जाती है।

इधर वीर अब उठ कर तनु के साइड पर आ जाता है और देखता है उसके जस्ट बगल में निधि बैठी थी।

और अपनी मासूम सी नजर से तनु को ही देख रहा होता है।

साक्षी वीर के सबसे करीब है, लेकिन जब भी पत्नियों की बात आती है तो उसे तनु ही चाहिए, और ये बात तनु को पता है।

वो भी पलट कर देखती है और स्माइल करती है।

और तनु का मन था वीर के पास के जाने का लेकिन वो चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकती थी।

वो इशारे से वीर को रुकने का बोलती है।

तभी उसकी नज़र अनु पर पड़ती है जो उसे ही देख रही थी



वीर अनु को ही एक टक देख रहा था बिलकुल वैसी है जैसी एक लड़का चाहता है।

तभी अनु उसके पास आती है और कहती है बस करो घूरना हो गया तो।

वीर - उसको कुछ नहीं कहता है और उसकी गोद मैं सर रख लेता है।

और उसका एक हाथ पकड़ कर अपने सर पर रखवा लेता है।

अनु उसका बाल सहला रही थी और कुछ नहीं कहती है और धीरे से कहती है बहुत अच्छे से संभाला है दीदी को।

वीर - हा गुस्सा आ रही थी ना उसे।

अनु - क्या हुआ , अब ठीक हो।

वीर अनु को देखता है, उसकी ये पत्नी सबसे अलग है।

अनु - क्या हुआ।

वीर - आज पता चला की मेरी ये बिल्ली क्यू इतना गुस्सा होती है।

अनु - ही ही ही साक्षी सबसे गुस्सा नही होती ना लेकिन वो मेरे से भी 5 हाथ आगे है।

अनु की गोद मैं वीर कब सो जाता है, पता ही नही चलता।

और अनु भी वीर के करीब अच्छा फील करती है, साथ ही साथ उसने अपनी दीदियों को वीर के इतना करीब देख कर उसे वीर से जलन भी होने लगी है , और आज वीर खुद उसकी गोद मैं आया तो उसे भी अच्छा लगा।

अनु - मैं भी तुम्हारी पत्नी हूं समझें उसने सोते हुआ वीर को टपली मारी और अपनी टांग फैला ली।

और सोते वीर ने उसकी एक टांग जकड़ ली और उसकी जांघ पर सिर रख कर सो गया।

अनु को अच्छा लग रहा था उसे आज एक वाइफ वाली फीलिंग आ रही थी।

और उसकी धड़कन की आवाज़ आ रही थी।

तभी अनु ने देखा की वीर नींद मैं उसका पेट ढूंढ रहा था लेकिन उसे मिल नही रहा था।

तभी अनु नहीं चाहती थी की कोई उसके इस प्रेम प्रसंग को देखे इसीलिए उसने अपना दुपट्टा वीर के ऊपर डाल दिया और खुद हसने लगती।

तभी तनु उसकी ओर देखती है और कहती है क्या कर रही है तू।

अनु - अपने पति को छेड़ रही हूं।

ये देख कर तनु भी हस देती है।

और ऊपर बैठी साक्षी सोचती है नीचे वो दोनो मजे कर रही है मैं फस गई बताओ।

******"********

"मैडरचोद तू अपनी मां चू"
रमेश आगे कुछ बोलता उसके पहले राज बोलता है।

राज - देख रमेश मुझे पैसे मिले तेरे को ठोकने के लिया तो मैने किया, अब तेरा जो मन वो कर रोहित भाई ने कॉन्ट्रैक्ट दिया है तेरा तू जब तक बच सकता है बच ले।

फोन काट जाता है

रमेश - अच्छा हुआ मैने अपनी बेटी अलग कर दी उसे अकेले पला है, रोहित अब तू देख मैं तेरा क्या हाल करता तूने मेरा कॉन्टेक्ट दिया , साले एक तरफ मैं तेरी हेल्प कर रहा दूसरी तरफ तू मेरा ही गेम बजेयगा।

रमेश - तुझे वीर चाहिए ना, मैं तुझे बताता हूं वीर कैसा मिलेगा।

रमेश - हल्लो उदय अपने शूटर लगा दे, रोहित के ऊपर साले को छोड़ना नहीं है।

उदय - जी भाई

**********

रोहित - कब तक बचाएगा , तू वीर हा हा हा हा अब तक तो तेरा गेम बज चुका होगा।

तभी उसके रूम में एक लड़की आती है।

रोहित उन चारों लडको की मौत साप के जहर से हो गई है।

रोहित - क्या बकवास है , ये क्या हुआ , कैसे हुआ।

लडकी - आज ही फोन आया।

रोहित - फिर तू नहीं बचेगा वीर के बच्चे , हिसाब होगा और तुझे देना पड़ेगा , तूने मेरी किस्मत खराब कर दी सब कुछ बिगड़ दिया , सब छीन गया तेरी वजह से , तेरी वजह से मेरी बेटी मारी गई तुझे भुगतान तो करना पड़ेगा।

लड़की रोहित को गुस्से मैं देख कर चली जाती है।

**********

इधर रचना हस्ते हुए दोपहर को कॉलेज से आती है , फिर अचानक से रुक जाती है सीढ़ी पर।

रचना - सब मेरी लाइफ से चले जाते है, अंजली भी चली गई होगी
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रचना के मन में आवाज आती है तूने ही तो भगाया था।

रचना - तो रुक जाती ना , ऐसे ही आ कर सीधा किस करने लगी , ऐसा भी कोई करता था।

तभी रचना को खड़ा देख बॉडीगार्ड चिल्लाता है।

"मैम जाइए रूम में और बाहर मत आना"

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To be continued
tab tak itna pado aur baaki main aur update deta hun raat ko.... Plus 30 like karwa dena ....
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धीरे धीरे स्टोरी को आगे बढ़ा रहा, ये अपडेट पड़ कर जान ही गए होंगे कि क्यों रोहित वीर के पीछे पड़ा है। [embed]http://ad.a-ads.com/2315437?size=300x250[/embed]
 
अपडेट - 20 - तनु द बॉस

तभी रचना को खड़ा देख बॉडीगार्ड चिल्लाता है।

"मैम जाइए रूम में और बाहर मत आना"

अब आगे

रोहित- ये बहन चोद चारो लड़के मर कैसे गए, और वो भी मॉल में कोनसा साप आ गया।

लड़की - पता नहीं, लेकिन अब हमे बहुत सावधान रहने की जरूरत है, वर्ना लेने के देने पड़ सकते है।

रोहित - इसी टाइम का तो मैं इंतजार कर रहा था, मौका जरूर मिलेगा , ये वीर इस वीर से पूरा अलग था।

लड़की - हा और अगर वो वीर रहता तो , हम उसका कुछ नही बिगाड़ पाते , अकेला ही काफी था वो।

रोहित - इस वीर को भुगतान करना पड़ेगा, इसे भुगतान करना तो पड़ेगा, मेरी बेटी की आत्मा को तभी शांति मिलेगी।

तभी रोहित कॉल करता है और कॉल पर कहता है

"अपनी पैनी नज़र रखो, वीर पर और हर किसी पर गांव में जैसे ही वीर अकेला निकले, तुरंत हमे इनफॉर्म करना , और गांव में मैं अपने शूटर भेज रहा हूं"

रोहित - बकरे की मां कब तक खैर मनायेगी।

***********

उदय - भाई रमेश का ऑर्डर है घर के बाहर ही रुको और जैसे ही मौका मिले , रमेश को निपटा देना है, बहन का लौड़ा बचना नही चहिए।

"ठीक है भाई , काम हो जाएगा", लड़के ने कहा और रोहित के घर के बाहर इंतजार करने लगा।

***********

रचना - रूम में जा कर ही क्या कर लूंगी, जाऊंगी फिर रात तक रूम में रहना है।

जैसे ही रचना रूम में अंदर जाती है, उसकी सास अटक जाती है।

रचना चाहे जितना झूठ बोले मुंह मटकाए लेकिन एक बात से वो इनकार नही कर सकती थी, की वो लेस्बियन थी।

रचना अंदर जाती है और रूम में सोई हुई अंजली पर उसकी नज़र पड़ती है।



जिसके होने मात्र के अहसास से रचना की आह निकल रही थी, दूध जैसा गोरा बदन, कटीला शरीर।

रचना धीरे से अंजली को पुकारती है और जब रचना को कन्फर्म हो जाता है की अंजली सो रही है, तो वो उसके जस्ट बगल लेट जाती है और अपने सर अंजली के सर से सटा लेती है।



और उसका हाथ पकड़ती है और दूसरे हाथ से उसकी कमर जकड़ लेती है और अब रचना की सास बहुत तेज हो गई थी वो बहुत तेज सास लेती है।

पहली बार वो किसी के साथ थी, उसका दिल बहुत तेज धड़क रहा था।

फिर रचना ने अपनी आंखे बंद कर के उसके होठ पर अपने होठ रख दिया।



लेकिन रचना को नही पता था, किस कैसे करते है और फिर किस तोड़ देती है और उसके दोनो चूचे अंजली के चूचे से सटे हुए था और वो तेजी से सास लेने लगी।

ये उसकी पहली किस थी, उसकी आंखे पूरी रेड हो चुकी थी, और वो अंजली का गले को चूमने लगती है और उसके बदन को कसने लगती है।



तभी अंजलि की नींद खुल जाती है, और रचना अंजली को देख कर डर जाती है और जल्दी से खड़ी हो जाती है।

रचना - वो वो वो मैं तो बस तुम्हे जगा रही थी, तू तू तुम मेरी जगह पर सो रही थी।

अंजलि - ऐसे जागते है, मेरे ऊपर लेट के ये कोनसा तरीका है किसी को जगाने का बड़ी आई तुम तो मुझे बाहर कर कर रही थी , फिर मुझे क्यो प्यार कर रही थी।

रचना - वो वो वो मैं बहक गई थी मुझे तुमसे कोई प्यार वार नही है , पहली बार तुम मेरे रूम पर आई थी , इसीलिए बहक गई तुम्हे साड़ी में देख कर।

अंजलि - तुम्हे मुझे प्यार नहीं है, बोलो ।

रचना - तुम शादीशुदा हो देखो, तुम्हारी मांग मैं सिंदूर है, और मैं तुमसे कोई प्यार नहीं करती।

अंजलि - मेरे ऊपर लेटने से पहले ये बात नहीं याद आई।

रचना - हा नहीं याद आई, वैसे भी तुम तो शादी शुदा हो।

अंजलि - हा तो तुम भी मेरे साथ चलना मेरे घर मेरी बन कर मेरा पति तुम्हे नहीं छुएगा साथ मैं रहना मेरे।

रचना - में नहीं करती तुमसे प्यार निकल जाओ यह से, शादीशुदा हो तुम्हे क्यों प्यार करू मैं, इसीलिए तुम्हारे पति ने तुम्हे छोड़ दिया, शर्म नहीं आती दूसरे के घर ऐसे आते हुए।

अंजलि की आंखों में आसू आ गए रचना की बात सुन कर और ये सच भी था वीर ने उसे उस दिन नहीं रोका था, और शायद रोकता तो भी तनु ना रोकती , और तो और आज रचना ने भी उसे निकल जाने को कहा।

अंजलि मन मैं कहती है मैं सब को छोड़ दूंगी एक दिन बस वीर और मेरी बहन की लाइफ की प्रोब्लम चली जाए फिर खुद चली जाऊंगी सब की लाइफ से।

अंजली अपने आसू पूछते हुआ निकल जाती है रूम से।

उसे जाता देख रचना भी उसके पीछे पीछे जाती है और अंजली रचना के बगल वाले रूम मैं जाती है।

रचना उसे देख कर वापिस रूम में आ जाती है और उदास हो कर बैठ जाती है।

रचना - मैने उसे ज्यादा कुछ कह दिया क्या, मैं भी पागल हूं , ऐसे कुछ भी बोल देती हूं, इतना बोलने की क्या जरूरत थी।

******************

इधर वीर सोया हुआ था और जब उसकी नींद खुलती है तो वो देखता है वो अनु की गोद मैं सोया हुआ है, फिर वो उठ जाता है और अनु को स्माइल कर के देखता है।

वीर - थैंक्यू।

अनु - इट्स ओके मैं भी तो तुम्हारी वाइफ हूं।

वीर - तब चलो फिर कोपचे में।

अनु - नही चलना , हटो अब मेरे ऊपर से।

तभी वीर की नज़र अनु के बदन पर पड़ती है और उसका लन्ड मैं जान आने लगती है।

तो वीर लेटे लेटे ही अपने हाथ से अनु की क़मर जकड़ लेता हैं, और उसकी आह निकल जाती है और वो कहता है आई लव यू।

अनु - तेजी से सास लेते हुआ कहती है आई लव यू टू और वो वीर को हटा देती है।

वीर - याद रहे तनु को मनाने के बाद परमिशन मिलने के बाद हमारी किस पेंडिंग है।

अनु - ओके लेकिन , बस एक।

और वो तेजी से भाग जाती है, और वीर भी चुप चाप बाहर आता है तो उसकी नज़र तनु पर पड़ती है जो बाहर ही खड़ी थी फिर वो देखता है की वो अकेला ही खड़ी है।



वीर उसके पास जाता है और उसके करीब खड़ा होता है तो तनु उससे थोड़ा दूर हो जाती है।

तनु - जाओ ना अपनी साक्षी के पास मेरे पास क्यों आ रहे हो, जाओ हटो मेरे से दूर।

वीर - अरे मैं क्या करू , वो खुद मेरे पास आ रही थी और वो भी तो वाइफ है मेरी।

तनु - हा तो वही तो कह रही जाओ, मेरे पास मत आओ , जाओ साक्षी के पास और अनु के पास सो जाओ थोड़ा वेट तो कर नहीं सकते थे, मैं तो हूं ही कौन।

वीर - तुम मेरे लिए स्पेशल हो, मुझे तुम्हारे साथ सब से अच्छा लगता है , बेशक साक्षी करीब है , लेकिन जब भी वाइफ की बात आएगी तुम सबसे पहले हो, तुम क्या हो मेरे लिए वो में बता नही सकता।

तनु अब हल्की सी मुस्कुराहट आ जाती है और जा कर एक कोने बैठ जाती है और पलट कर वीर को देखती है।



वीर उसके पास जाता है और उसे गले लगा कर किस करता है गाल पर।

तनु मुस्कुराती हुई वीर के बाहों मैं पड़ी हुई थी, और वीर उससे पूछता है की वो दोनो कहा है, काव्या कहा है।

तनु - सब नीचे गई है।

वीर जल्दी से तनु को बाहों मैं भर लेता है और रूम में ले कर चला आता है।

तनु - अरे वो दोनो आ जाएगी क्या कर रहे हो।

वीर - मुझे फर्क नहीं पड़ता , मुझे मेरी वाइफ को प्यार करना है।

इसके पहले की तनु कुछ कर पाती वीर उसे दीवाल से सटा कर चूमना शुरू कर देता है।



तनु - आह अरे, आराम से।

तभी वीर आराम से तनु को बिस्तर पर बैठा कर किस करने लगता है और तनु उसके इस बार प्यार वाले अहसास से बहुत खुस हो जाती है।

तनु खुद वीर से बहुत प्यार करने लगी थी इस बात से वीर अब वाकिफ था।

तभी तनु वीर को हटा कर अपना ब्लाउज खोलने लगती है , और कहती है मैं देख रही हूं अब तुम कभी भी प्यार करने लगते हो।

वीर - प्यार करता हूं तुमसे क्या करू।

तनु - धत, पागल लड़के , अब जल्दी करो वर्ना ऐसे ही रह जाओगे कोई और आ गया तो।

वीर - मेरी तनु मुझसे बहुत प्यार करती है वो मेरे लिए sb करेगी।

तनु - इतना प्यार और भरोसा है मुझ पर।

वीर - हा कहो तो जान दे दू

तनु -
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ऐसे बात दुबारा मत करना।

तभी वीर तनु की ब्रा उतार देता है और उसके चूचों को मुंह में भर लेता है और तनु इस हमले से पागल हो जाती है।


तनु - आआआआहा तुम्हारे वजह से मुझे आआआहाहा मम्मी बहुत ताने सुनने पड़ते है।

वीर - तुम्हरे चूचे बहुत अच्छा है, क्यो मेने क्या किया

तनु - पता नहीं कैसे तुमसे प्यार हो गया और अब देखो दिन धाडे ऐसे प्यार कर रही हूं , वर्ना कैसी की हिम्मत नहीं मुझे ऐसे घूरने की।

वीर - तुम मेरी हो मैं तो तुम्हे कटता भी हूं।

तनु - उह्ह्ह्ह् वीर अब बस वर्ना klpd हो जाएगा आआआआह्ह।

तभी वीर जल्दी से तनु को अपने उपर बैठा लेता है और उसे चोदना शुरू कर देता है, क्युकी तनु खुद बहुत गरम थी।


तनु - आआआहहह आयररर उम्मम्म उम्मम इतना तेज़ मत करो यार दर्द होता है , अभी इतनी खुली नही है आआआआहहह देखी दर्द होता है , प्लीज़ मत करो आआआआआह।

वीर एक हाथ से उसके चूंचे दबाने लगते है और कहता है बहुत मस्त है तुम्हारा गांड़।

तनु - छूना भी मत उसे, समझे वर्ना जान ले लुंगी तुम्हारी।

वीर - आआहा , पकड़ क्यो रही हो मेरा।

तनु - मुझे जलन हो रही है हटो, मम्मी यार थोड़ा रुको थोडा सा।



तनु - तुमसे धीरे धीरे नही होता ना, आआआआहहह ऐसे करोगे तो एक दिन मैं अंदर जलन हो जाएगी, अरे धीरे धीरे करा करो जान ले लोगे क्या हमारी आआआआहहहहहह उम्मम्म्म , ऐसे मजा आता है ना।

वीर अपने हाथ से उसकी गांड़ पकड़ लेता है और कहता है सुबह से तुम्हारे लिए तड़प रहा था।

तनु - अब मैं क्या करू कोशिश कर रही थी, लेकिन कोई न कोई आ जा रहा था।

वीर- अच्छा खड़ी हो जाओ अब



तनु - हाए री मम्मममम म्म्म्म्म मम्मी यार तुम्हारा मूड साक्षी बनाए , अनु बनाए , लेकिन तुम उनके पीछे नही आते मेरे पीछे ही क्यों पड़े हो।

तनु - ऐसा बिहेव मेरा साथ किसी ने नहीं किया।

वीर - इसीलिए तो हम बहुत अनमोल है आपके लिया , आपकी जान।

तनु - धीरे प्लीज मार जाऊंगी और इतना तेज क्यो दबाते हो यार दर्द होता है आआआआहहह उम्मम्म् सबर कर के आराम से किया नहीं जाता तुमसे ना।

वीर - किया जाता है यार , लेकिन पता नहीं।



तभी वीर उसे अपने ऊपर बैठा लेता है और चोदना शुरू कर देता है।

तनु - उईईईई मां तोड़ के रख दिया है , अब गिरा दो सोना , जानू गिरा दो बाबू गिरा दो।

वीर - प्लीज़ बस 5 मिनट करने दो ना।

तनु - तुम्हारी और तीन वाइफ है उनके पास जाओ मेरा पीछे क्यो पड़े हो।

वीर - पागल 2

तनु - उईईई मां 3 वो अंजली करमजली है , वो तुम्हारा पीछे कभी नहीं छोड़ेगी, यार तुम मेरी जान ले लोगे क्या चोद चोद के रहम करो।

वीर - अंजली साक्षी सब को छोड़ो मुझे बस तुम चाहिए

तनु देखती है की वीर की सास फिर से तेज होने वाली है और वो हट जाता है पीछे।

तभी तनु बिना देरी किया पीछे आ जाती है और उसकी गोद मैं बैठा कर कूदने लगती है।



वीर - आआआआआहह मत करो, और देर तक करना है।

तनु - धक्के लगाओ साथ मैं डिस्चार्ज होते है।

वीर - प्लीज।

तनु - वीर।

वीर उसे जकड़ कर के धक्के देने लगता है और उसके साथ ही झड़ जाता है ।

और वीर और तनु एक दुसरे के ऊपर ही गिर पड़ते है।

तनु थोड़ी देर सास कंट्रोल करती है और कहती है मन मैं ये क्या क्या हो गया मुझसे मैने वीर को सब सच बता दिया की अंजली और उसका डिवोर्स नहीं हुआ।

तभी तनु गुस्सा मैं आ जाती है और उठ कर जाने लगती है और वीर उसका हाथ थाम लेता है और तनु गुस्से मैं एक जोरदार तमाचा मार देती है और कहती है हो गई हवस पूरी अब छोड़ो मुझे, हवस ही भरी पड़ी है दिमाग में, ना और कोई काम तो है नहीं, है मर्द ऐसा ही होता है बस इसी चीज के पीछे लगा रहता है।

और तनु की आंख अब पूरी लाल हो चुकी थी।

तभी तनु अपनी ब्रा ले लेती है और पहनने लगती है।

और तभी वीर अपनी नम आंखें लिए तनु के पीछे जाता है, और उसे पीछे से हुक बंद करने लगता है जो तनु से नहीं हो रहा था।

वीर उसका ब्लाउज भी बंद करने लगता है और तनु का गुस्सा और बड़ जाता है तभी वीर कहता है तुम मुझे बता देती की तुम्हे मुझसे इतनी नफरत है तो कभी तुम्हारे कपड़े नहीं उतरता मैं तुमसे प्यार करता हूं , तुम्हारे जिस्म से नहीं शायद जिसे मैं प्यार समझ बैठा वही हवस थी बस।

मैं वीर नहीं हूं तनु मैं sid हूं एक सिंपल सा लड़का मुझे ये दुनिया उनकी नफरत से नहीं मतलब मैं तो बस तुमसे प्यार करता हूं, जब यह आया था तब तुम्हे देखा था, तब से ही साक्षी से मेरा अटूट रिश्ता है लेकिन तुम तुम केवल मेरी हो जिसे मैं अपना मानता हूं, पूरी दुनिया रूट जाती थी तो चलता लेकिन मुझे फक्र नही पड़ता क्युकी मेरी तनु मेरे साथ है इतना मारती हो तब भी तुम्हरे पास आ जाता हूं जानती हो क्यो क्युकी तुमसे प्यार करता हूं।

साक्षी के साथ मैं जुड़ा हूं लेकिन तुमसे तो प्यार करता हूं , खैर छोड़ो मैं खुद दूर चला जाऊंगा अब ये हवसी कभी तुम्हारे पास नहीं आएगा माफ करना।

वीर अपने आसू पोछत है और जाने लगता है और कहता हैं "वैसे भी मैं बहुत सीधा सा लड़का हूं दुनिया की समझ नहीं, नहीं जानता कौन अपना है, लेकिन बहुत अजीब से चीजे हो रही है मेरे साथ , मुझे अच्छा नहीं लगता क्या फील करता हूं तुम्हे बताना चाहता हूं लेकिन बता नही पता, बस तब तक देर ना हो जाए"

वीर वहा से निकल जाता है और अब देर रात हो गई थी।

तभी तनु चुप चाप बैठ जाती है और वीर की बात उसके दिल में गूंज रही थी।

तनु - मेरा वीर मुझसे इतना प्यार करता है, और मै उसे क्या क्या बोल दिया।

तनु - मुझे पता था वीर प्यार करता है मुझसे , लेकिन इस हद तक प्यार करता है, मुझे कभी अहसास नहीं था, मैने उसे अनजाने में इतना दर्द दे दिया।

तनु की आंखो में आसू आने लगाते है उसकी बात सोच सोच कर और तभी उसके फेस पर एक मुस्कान आ जाती है और वो कहती है मैं ही हूं तुम्हारी खास वाइफ
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तुम्हारा प्यार , साक्षी के साथ तुम जुड़े हो , लेकिन मुझसे तुमने पहला प्यार किया और आज भी सबसे ज्यादा।

तभी साक्षी कहती है क्या बात है दीदी बहुत उदास है।

तनु - तू इतनी खुश क्यो है डायन।

साक्षी - हसती राहु क्या पता कब ऊपर निकल लूं

*Chataaaaaaakk *
तनु - दिमाग सही नहीं है क्या , आज के बाद ऐसी बात बोली तो जाबन खीच लुंगी तेरी।

साक्षी चुप चाप नजर नीची कर लेती है।

साक्षी - मैं तो मजाक कर रही थी वैसे भी मुझे क्या होगा

तनु उसे गले लगा लेती है और कहती जान है माफ कर दे ज्यादा तेज नही लगी।

साक्षी - मेरा साथ लेस्बियन करेगी तब माफ करूंगी।

तनु - हट बेशरम ,

साक्षी - मुझे करना है मतलब करना है।

तनु - बाद में पक्कका अब काम कर।

साक्षी - कामिनी बहुत तेज लगी।

तनु - प्यार तो भी करती हूं ना।

साक्षी - वैसे एक बात बताऊं।

तनु - बोल

साक्षी - प्यार ना हमे कमजोर नहीं करता , बल्कि ताकत देता है जैसे वीर को ही ले लो वो हमारी ताकत है, उसके रहते ऐसा लगता है जैसे सब कुछ हो हमारे पास।

तनु उसे कुछ नहीं कहती और कस के गले लगा लेती है और कहती है अब काम कर और उसे गाल पर किस करती है।

साक्षी - होठ वाली किस करती ना नागिन।

तनु - बाद में पक्का।

साक्षी हस देती है और गाल सहलाती है और बहुत कस के लगी अब से मरने की बात ही नही करूंगी।

इधर वीर अपनी कार लेने जमीदार के घर निकल गया।

और इधर तनु घर से बाहर निकलती है, और कहती है मैं अपने होते हुए साक्षी के ऊपर कोई आंच नहीं आने दूंगी।

तनु - मेरी बन्नो तू आराम से रह।

तभी वीर गाड़ी ले कर आ रहा होता है की अक्नाक से उसकी कार का टायर पट जाता है जिससे उसका blance बिगड़ जाता है और वो पेड़ के पास कार रुक जाती है।

वीर - थैंक गॉड बच गया , वर्ना आज जान चली जाती लेकिन अचानक से कैसे मेरे कार का टायर कैसे फट गया।

तभी वीर कुछ और करता की उसके तरफ एक लोहे की रॉड आती है।

जिससे वीर किसी तरह बचता है और जल्दी से कार के पास आता है और आजू बाजू देखने लगता है जिसका दिमाग पहले ही काम नहीं कर रहा था।

तभी वीर सोचता है कोई बच्चा होगा और कार का टायर चेंज करने लागत है।

***********

तनु एक पेड़ के ऊपर बैठी थी और उसके सामने कुछ लोग पड़े हुआ था जो काप रहे थे।

तभी तनु को कुछ याद आता है और वो सोचती है।

साक्षी - अच्छा बाय।

तनु- कहा जा रही है।

साक्षी - वो वीर के साथ कार सिकने इसी बहाने रोमांस करूंगी।

तनु - रात हो गई है कल चलना।

साक्षी - ठीक है

तभी तनु सोच से बाहर आती है और चिल्ला कर कहती है और हाथ में एक लोहे की रॉड उठाते हुए गुस्से मैं क्यो पड़े हो मेरी साक्षी के पीछे क्यों, क्या बिगाड़ा है उसने तेरा, हा क्या बिगाड़ा है।

लडका बोलता है अपनी कापती हुई आवाज में "कौन कौन स स स साक्षी हम किसी साक्षी के लिए नहीं आए थे"

लड़का - हम तो व व वीर के लिया

तनु ये सुन कर कासमसा जाती है और धीरे से आवाज मैं कहती है वी वीर के लिए।

लडका - हा अब हमे जाने दो।

तभी तनु की रॉड गिर जाती है और अब उसे वीर की बात याद आती है "मुझे अच्छा नहीं लगता क्या फील करता हूं तुम्हे बताना चाहता हूं लेकिन बता नही पता, बस तब तक देर ना हो जाए" ये याद आते है तनु फिर से बोलती है वीर के लिए।

लड़का - हा

तनु के दिमाग बस एक बात घूम रही थी ये साक्षी के लिए नहीं बल्कि उसके जान से भी ज्यादा प्यारे उसके वीर के लिए आए था।

तभी तनु के सामने वीर का हसता चहरा आता है जिससे वो सबसे ज्यादा प्यार करती थी, जिसे बस तनु से प्यार था अब उसे याद आया वीर क्या कहना चाहता था।

तभी तनु रॉड फेक देती है और उसकी आवाज़ डरवानी हो जाती है और आंखे लाल होने लगती है।

"तुम सब मेरी जान लेने आए थे"

तभी तनु याद करती है की वीर ने आज उसे कैसे इजहार किया, कैसे बस हर पल उसके आगे पीछे घूमता था, वीर को फरक नहीं पड़ता था, बस वो चाहता था उसके सारे डिसीजन तनु ले वो बस तनु का साथ चाहता था।

तभी तनु की आंखें पूरी रेड हो जाती है और उसका चहरा नागिन जैसा होने लगता है।



फिर पूरे जंगल में बस चीख ही चीख फेल जाती है।

नहीं नही नही आआआआहहहहह
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To be continued ......itna pyara update diya hai....like kar dena yar
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itna toh kar hi dena..... Target - 30 ab toh update bhi regular aate hai..... Thankyou and keep supporting.... Reply time nikal kar sab ka dunga chill...
1f970.png
Tb tk bye bye saionara...
 
अपडेट 21

तभी तनु की आंखें पूरी रेड हो जाती है और उसका चहरा नागिन जैसा होने लगता है।

फिर पूरे जंगल में बस चीख ही चीख फेल जाती है।

नहीं नही नही आआआआहहहहह

अब आगे ------

वीर - अरे बहन चोद गांड़ फट गई टायर चेंज करते करते उफ्फ मम्मी चलो घर चलते है अब, अब निकला हूं तो अनु और काव्या के लिया कुछ ले कर चलता हूं।

वीर अपनी कार की दिशा मिठाई की दुकान की तरफ़ कर देता है जिससे कार चल पड़ती है।

और फिर वीर खाने का सामान ले कर घर की ओर निकल पड़ता है।

*************

रचना एक कमरे में इधर से उधर घूम रही थी, "जाऊ या ना जाऊ , कही गुस्सा ना हो जाए वो, लेकिन गुस्सा क्यो होगी वो भला"

तभी रचना के कानो मैं आवाज जाती है

आआआहह मम्मी रे

इतना सुनते ही रचना तेजी से भागती हुए उसके रूम का दरवाजा खटखटा देती है।

थोड़ी देर बाद अंजली डोर ओपन कर देती है।

रचना अंजलि का मासूम चहरा देखते ही देखते खो गई थी।

अंजलि उसे जगाती है "क्या है हा, क्यो आई हो मेरे पास जाओ ना"

तभी रचना होश में आती है और चिल्लाती है तुम्हारा दिमाग सही नही है क्या इतना लेट होता है डोर ओपन करने मैं और चिल्लाई क्यो थी।

अंजली उसका अचानक से बदला behaviour देख कर ही दंग रह गई।

तभी रचना उसे धकेल कर अंदर आती है और पूरे रूम को देख ताक रही थी और तभी उसकी नज़र अंजली के हाथ पर पड़ जाती है और जैसे ही वो देखती है तो वो देखती ही रह जाती है।

और फिर दौड़ कर जल्दी से उसका हाथ पकड़ लेती है, और चिल्लाती है, "दिखाई नहीं पड़ता क्या कैसे कट गया हाथ, ध्यान नहीं दिया जाता क्या तुम्हारा"

फिर रचना जल्दी से दौड़ कर क्रीम ले कर आती है और अंजली को बैठा कर लगाने लगती है, और ये देख कर के अंजली का दिल ही धड़कने लगा बेशक वो अपनी बहन और वीर से प्यार करती थी, लेकिन उसकी इतनी केयर आज तक किसी ने नहीं की थी।

रचना - अब घूर क्या रही हो, बताओ कैसे कट गया।

अंजलि - वो मैने कभी खाना नहीं बनाया, और इसीलिए मैं जब बन रही थी तो मेरा हाथ काट गया।

रचना - आज के बाद तुम कुछ नहीं बनाओगी, समझी मैं खुद बना दूंगी, बात इतनी बड़ी बड़ी करनी है इन्हे अब मुझे क्या देख रही हो।

अंजलि - तो मैं खाऊंगी क्या।

रचना - मैं बनाऊंगी तुम्हारे लिया और तुम वो खा लेना चुप चाप समझ में आया या नहीं।

अंजली बस चुप चाप उसे ही देखने लगती है अपनापन और प्यार क्या होता है उसे धीरे धीरे ही सही रचना से मिल रहा था।

रचना - गुस्सा मत लगवाया करो क्या है।

अंजली कुछ नही कहती उसकी तरफ बड़ कर उसे गले से लगा लेती है और उसे अपने सीने से लगा लेती है।

रचना एकाएक हुए इस हमले से कप जाती है और अंजली उसे अपने बदन से कस लेती है और कहती है थैंक्यू रचु।

रचना - ओ ओके, अब तुम हट सकती हो।

अंजलि - क्यों हट जाऊ अपनी जान के ऊपर से मेरी हो तो दिक्कत क्या है।

रचना - तुम कुछ भी नहीं जानती मेरे बारे में ये प्यार कहा से आ गया, तुम्हारी भलाई के लिए कह रही मेरी किस्मत में नही है कुछ भी।

अंजलि - मैं तुम्हारी किस्मत बदल दूंगी, वादा यहां से तुमको आजाद करा दूंगी।

रचना - देखते है,

अंजलि फिर से उसे पकड़ लेती है और रचना कांपने लगती है और अंजली कहती है क्यो सोते टाइम तो मुझे बहुत छेड़ रही थी और अब मैं खुद पास आ रही तो कप रही हो ।

रचना - में कहा कप रही।

अंजली - अच्छा तो मेरी तरफ देखो।

रचना - मेरा मन मैं चाहे जहा देखू।

अंजली उसकी कुर्ती ऊपर करने लगती है और तभी रचना उसका हाथ थाम लेती है और कहती मेरे बारे मैं तुम्हे कुछ नहीं पता, मेरे बारे मैं जान लेना फिर तुम जो चाहोगी वो करना मैं कभी मना नहीं करूंगी।

अंजली - ठीक है तो बताओ।

रचना - अभी नहीं खाना खा लो रात को आराम से बात करेंगे, क्युकी उसके बाद तुम मुझे छोड़ दोगी और प्यार हवा हो जाएगा, तब तक एक साथ रह लूं , मेरा कोई नहीं है प्लीज़।

रचना जब ये बोल रही थी तो उसकी आंखो में आसू आ गए और ये देख कर अंजली का दिल दर्द करने लगा

अंजली मन मैं कहती है ये मुझे क्या हो रहा है मैं तो इसका इस्तेमाल करने आई थी, फिर ये मुझे इसको रोता देख कर दर्द क्यों हो रहा है।
***************

शहर की सबसे बड़ी बिल्डिंग पर सबसे ऊंचे माले पर एक फ्लैट था जिसकी सुंदरता साफ साफ झलक रही थी।

तभी रोहित वहा पर पूल पर था।

रोहित - चूस मेडरचोद जल्दी जल्दी वर्ना

इधर रोहित प्यार से अपना लोड़ा चुसवाने मैं लगा था, उसका मूड बहुत अच्छा था।

तभी एक लड़की अंदर आती है, रोहित सब उल्टा हो गया, जिन लडको को तूने वीर को मारने भेजा था उन सब की लाश के टुकड़े टुकड़े भी नही मिले पास के जंगल में बस सर मिला और बाकी का बदन छोटे छोटे टुकड़ों मैं तोड़ कर फेका गया है डॉक्टर का कहना है बहुत बुरी तरह से मारे गया है और सबसे बड़ी बात यह भी जहर लेकिन मौत बहुत भयानक मिली है।

इतना सुन कर रोहित का दिमाग हिल जाता है और जोर जोर से लड़की का मुंह चोदने लगता है।



लड़की - घुऊऊ गुऊऊ घूऊ उम्म्मम्मम्म्म अऊऊऊऊ

रोहित - ये मदरचोद हो क्या रहा है

लड़की - एक और बात रोहित

रोहित - क्या है,

लड़की - तुम्हारा एक लोटा बेटा आज तुम जिस कार से जाने वाले थे, उस कार से तुम्हारा बेटा जा रहा था और तुम्हारी कार बम ब्लास्ट हुआ और वो मारा गया।

इतना सुन कर रोहित उस लड़की को गोली मार देती है और चिल्लाता है।

किस मेडरचोड की गांड़ मैं इतना दम हुआ मेडरचोद, मैं पूरे शहर में आग लगा दूंगा , वीर तेरी मां नही चोद डाली मैने तो मेरा नाम रोहित नही , आज तेरी वजह से मेरा दूसरा बेटा मारा गया।

लड़की - ये वीर का काम नहीं है।

रोहित - बहन चोद पता करो सीसीटीवी कैमरा की फोटो निकालो और आस पास के एरिया की फोटो निकलवाओ, सीएम को फोन कर और पूरे एरिया की कमांड लो और मां चोद दूंगा मैं उस लड़के की और वीर तुझे तो हिसाब देना होगा मेरे बेटा का मेरी बेटी का मेरी पत्नी का।

तभी लड़की खड़ी रोहित को देख रही थी।

रोहित - मेडरचोद जितना बोला उतना कर वर्ना तेरी बहन चोद दूंगा और वीर के घर के बाहर गांव में बहन चोद अपने पूरे आदमी फैला दो पता करो किसने मां चोद दी उन लडको कि और सेफ्टी की जरुरत है वीर के पास जरूर कोई और है जो उसकी मदद कर रहा है।

लड़की मन मैं कहती है ये किसने रोहित के अंतिम बेटे को मरवा दिया , अब रोहित पुरे शहर भर में तहलका मचा देगा

********************

राजेश रमेश का जिगरी यार दोनो साथ बैठे था तभी रमेश कहता है "छोटा मोटा गेम नहीं खेलना का रोहित का काम तमाम ही ही ही ही।

तभी उनके पास एक लड़का आता है और कुछ कहता है जिसको सुन कर रमेश के चेहरे की हवाइयां उड़ जाती है।

रमेश - प्रोब्लम हो गई है भाई , रोहित की जगह उसका बेटा मारा गया।

इतना सुन कर राजेश उसको एक बहुत जोर दार थप्पड मारता है, मदरचोद तुझे बोला था ना, ध्यान दिया कर और अब रोहित मां चोद देगा हम सब की।

रमेश - इतनी जल्दी नहीं , अभी हमारे पास हमारा हुकुम का इक्का है।

राजेश और रमेश कामिनी हसी हसने लगते है।

तभी राजेश किसी को कॉल करता है " हा रचना पर नज़र रख अच्छा से बाहर मत निकलने देना और ध्यान रहे।

रमेश - ही ही ही ही रोहित तुम्हारी अमानत हमारे कब्जे में है, लेकिन वीर।

राजेश - मैं होम मिनिस्टर से बात करता हूं, तुम जरा भी टेंशन ना लो , कोई तो है जो उसे बचा रहा , तभी आज वो बच गया, हमारी भलाई इसी में है वीर से दूर रहे।

रमेश - लेकिन अनु और साक्षी

राजेश ,- जब तक रोहित वीर को खत्म नहीं कर देता तब तक हम दोनो कुछ नही करेंगे।

रमेश मन मैं सोचता है तू तनु के होते हुए, साक्षी तक क्या किसी तक नहीं पहुंच सकता जो अपनी मां का सगा न हुआ वो किसी और क्या होगा , मुझे उस रात वीर ने बताया था।

रमेश - कुछ तो राज है, जो छुपा है साक्षी तुम हो क्या , क्या होगा जब साक्षी को पता चलेगा की वो लोग वीर के पीछे पड़े है।

राजेश - आज हमारे पास पैसे है बस ऐसे ही मेहनत जारी रही, तो एक दिन साक्षी तुम यह होगी मेरे पास , तुमहरे हर सवाल का जवाब दूंगा मैं याद रखना , तेरी मां के जैसे ही ही

****************

तनु अभी भी जंगल मैं बैठी थी और डरवानी मतवाली चाल चलती हुई चली जा रही थी।

तभी उसे पायलो की छन छन की आवाज़ आती है "कहा जा रही है तू"

तनु मेरे रास्ते से हट जा यशस्वी वर्ना अच्छा नहीं होगा।

यशस्वी- अरे आप तो बुरा मान गई , तनु वीर खुराना।

तनु अब होश में आई और बैठ गई और यशस्वी उससे फिर बोली " अब जा घर अपने वीर को मनाना भी है"

तनु - उन सब को मरना पड़ेगा, जो मेरे वीर की तरफ देखेगा।

यशस्वी- हा तनु बस तेरा वीर , सिर्फ तुम्हरा उस पर बस तुम्हारा हक है

तनु - हा आज उसने मुझे इज़हार किया , और बहुत प्यार किया, अभी जा कर उसे मना लूं, गुबारे जैसा मुंह फूला कर बैठा होगा।

तनु घर की तरफ निकल पड़ती है वो निकलते टाइम सोचती है मैने सोचा भी नहीं था वीर तुम मुझसे इतना प्यार करते हो पक्का अब कभी तुम्हारे प्यार को बदनाम नही करूंगी हावस नही कहूंगी , मेरा भी कोई अपना है जो मेरी फिक्र करता है , जिसे मुझसे प्यार है जो मेरा गुस्सा उठाता है नखरे उठाता है, वादा तुम्हारी ये फेवरेट पत्नी हमेशा तुम्हारा ध्यान रखेगी और तुम्हारी दोनो पत्नियों का दिल जीताना भी सीखा देगी।

तनु - उस चौथी का भी हूं हरामजादी।

इधर तनु के जाते ही यशस्वी जल्दी से पानी पीने लगती है जिसका बदन अभी भी कांप रहा था और वो बोलती है बच गया आज शहर वर्ना तनु समसाम बना देती, वीर तुमको मैं क्या बोलूं तुमने तनु से प्यार किया , उसके जिस्म से नही नाग रानी का दिल जीत लिया आज तुम्हे उससे सब से ज्यादा प्यार है।

(ये बात तो वीर ही जनता था कितने पापड़ और झापड़ खाए है दिल जीतने के लिए).
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Well well well guyssss .... Story ek kadam aage...... Tanu ki identity toh rival hogi.... Ek nagin.... Aur rohit ki real power bhi jaan gya hoge aur rachna aur rohit ka connection guess karo tab tk.... I know story main bahut se raaj hai but enjoy karo agla update sex aur romance se bharpur rhega.... Jo kal ayga.... Dhere dhere story aage bad rhi hai toh suspance khatam hote jaynge...... Wo update likha ja chuka hai toh chill guysss....

Like thok dena.taget 30...revos dena na bhule.......
 
Update 22 - sakshi real identity....

इधर तनु के जाते ही यशस्वी जल्दी से पानी पीने लगती है जिसका बदन अभी भी कांप रहा था और वो बोलती है बच गया आज शहर वर्ना तनु समसाम बना देती, वीर तुमको मैं क्या बोलूं तुमने तनु से प्यार किया , उसके जिस्म से नही नाग रानी का दिल जीत लिया आज तुम्हे उससे सब से ज्यादा प्यार है।

अब आगे

इधर वीर चुप चाप कार घर में खड़ी कर देता है और ऊपर की तरफ निकल जाता है और उसने काव्या के लिया बहुत कुछ लिया था।

तभी वीर हस्ते हुआ ऊपर चला जाता है और ऊपर जाते ही सारा सामान साक्षी को पकड़ा देता है और काव्या जब उसकी देखती है तो वीर उसको इग्नोर कर के बाहर आ कर बैठ जाता है।

काव्या - पापा क्या हुआ, मुझसे क्यों बात नही कर रहे।

वीर - जाओ तुम टीवी देखो ना, सुबह से भी किस नहीं दी।

काव्या - उफ फो पापा आप भी टोरी ,

काव्या अपनी टूटी आवाज मैं टोरी बोल रही थी उसे ये देख कर बहुत अच्छा लगा।

वीर - नहीं चहिए आपका सॉरी जाओ।

काव्या - aw पापा गुस्सा फूक दो, देखो आपकी काव्या है ना आपके साथ, आपका हाथ पकड़ कर के वो मैं डोरमैन देख रही थी।

ये सुन कर वीर हसी आ जाती है और काव्या कूद कर उसकी गोद मैं बैठ जाती है।

और अपने हाथो से उसे समोशा खिलाने लगती है।

काव्या - यू आर बेस्ट पापा ।

तभी वहां पर तनु आ जाती है और वीर को देखती है तो उसकी आंखें भर आती है।

तभी साक्षी की नज़र तनु पर पड़ जाती है, और उसको देख कर साक्षी की आवाज़ भारी हो जाती है और वो उसके पास आ कर कहती हैं क्या हुआ।

तभी साक्षी की भारी आवाज़ सुन कर तनु की आंखे लाल हो जाती है।

तभी तनु चुप चाप उसके आगे जा कर उसे बाहों मैं भर लेती है और उसके होठ पर अपने होठ रख देती है।



साक्षी उसे हटाने लगती है और तनु उसके गाल पकड़ कर के वापिस पकड़ लेती है होठ चूमने लगती है।



अनु - तुम दोनो बेशरम की तरह ये क्या कर रही हो इसलिए बचपन से तुम दोनो को मेरी मां अलग कर दिया करती थी।

तभी साक्षी तनु आंख मैं देखती है और कहती हैं देख तू बता दे क्या हुआ वर्ना तू अच्छे से जानती है मैं क्या कर सकती हूं।

तभी अनु जो समोसा खा रही थी वो डर जाती है और कांपने लगती है, अपनी बहन की ऐसी डरवानी आवाज सुन कर वो कांप जाती है और तभी तनु उसे बाहर जाने का इशारा करती है।

अनु जाने लगती है लेकिन उसे आज भी बचपन की कुछ बातें याद आ गई और वो कांप जाती है।

तभी अनु बस वीर के बाजू में बैठ जाती है और उसका हाथ थाम लेती है।

तनु - क्या करेगी तू, हा मैं तुझे डरती हूं क्या।

साक्षी - डरती तो मैं भी किसी से नहीं, तू भी जानती है।

इतना कहते ही साक्षी की आवाज़ भारी हो जाती है बाल अपने आप खुल जाते है, उसके नाक में एक बड़ी सी बाली आ जाती है।

तनु - जिस चीज की डर था वही हुआ, वीर के प्यार ने इसे जगा ही दिया , साक्षी अपने असलियत में आ चुकी थी।

साक्षी - तू सच सच बता दे क्या छुपा रही है, वर्ना अच्छा नहीं होगा, तेरी आखों में आसू क्यों थे।

तभी वीर पता नहीं कहा से रूम में आ जाता है और पीछे से साक्षी को जकड़ लेता है।

वीर - आप बहुत अच्छी लग रही हो ऐसे बड़ी बड़ी बाली में, क्या बात है कही जा रही हो क्या मुझे छोड़ कर।

वीर पीछे से उसकी कमर को जकड़ लेता है और साक्षी वीर की पकड़ मैं थी और उसके हाथ में अपने हाथ रख देती है और कहती है मैं कहा जाऊंगी आपको छोड़कर भला।

तभी तनु कहती है देखो ना वही तो।

साक्षी को वीर बहुत कस के जकड़ लेता है और साक्षी कहती है फिर से लड़ लिया तुम दोनो ने, अच्छा चलो तुम बाहर मैं आती हूं।

वीर फिर बाहर चला जाता है और साक्षी अब वापिस नॉर्मल आवाज मैं आ जाती है और कहती है तू कुछ तो छुपा रही है।

तनु - नहीं छुपा रही , वैसे भी तू जानती है मेरा गुस्सा जो भी था वो मैं सभाल ले रही।

साक्षी जाने लगती है और तभी तनु उसको मासूम नज़र से देखती है।

साक्षी - चल अच्छा सॉरी मुझे लगा , तुझे कोई दिक्कत है , वैसे भी मुझे कोई शौक नही है तेरे पीछे आने का हु।

तनु उसे जकड़ लेती है , और साक्षी कहती है हाए अब रात को लेस्बियन करेंगे ही ही ही ही।

तनु - हट छीनरी कही की।

साक्षी - ही ही ही ही अच्छा हट मैं जा रही मुझे अच्छा नहीं लग रहा ऐसा लग रहा जैसा मेरी जान कोई लेना चाहता है, कोई मेरे वीर को छीन लेने चाहता है।

तनु - धत ऐसा नहीं होगा, हमारा वीर तो बस हमारा है ना, मेरे होते हुए कुछ होगा भला, लेकिन तू देख मैने वीर को पा लिया उसका प्यार तू तो अभी भी नहीं पा पाई ।

साक्षी - ज्यादा मत बोलो समझी , मुझसे वो बहुत प्यार करता है।

तनु - डायन कही की।

साक्षी - तू डायन मत कहा कर अच्छा नहीं लगता।

तनु - ठीक है य

साक्षी - मैं जा रही तू गांड़ मारा वैसे भी वीर को मेरी जरुरत है।

तनु - आज बच गया सब वर्ना रायता फैल ही जाता, मुझे अपने जज़्बात संभालने पड़ेंगे, क्युकी साक्षी को रोक पाना किसी के बस की बात नही।

तनु - साक्षी को खतरा महसूस हुआ , इसीलिए आज वो अपने असली अवतार में आ गई थी, लेकिन वीर को साक्षी के इस रूप में भी अपनापन दिखा रहा था इसलिए उसने साक्षी को संभाल लिया।

तनु एक टक वीर को देख रही थी कैसे हम दोनो टूटे हुए थे और जी रहे थे फिर ये भाई साब आए।

तनु - इतने लात घुसा खा कर भी वो वीर को मुझ मैं प्यार दिखा और उसके प्यार ने मुझे वापिस पहले जैसा कर दिया, और ठीक यही साक्षी के साथ भी हुआ, उसे एहसाह दिला कर की वीर उसके बिना कुछ नहीं है, और ये सच भी है की वीर हमे बहुत चाहता है।

तनु - बड़ी मां आज आप होती तो हमे देख कर बहुत खुश होती, देखो हम पहले जैसे हो गए , आप जैसा चाहती थी वैसे हो गए हम साक्षी बिलकुल पहले जैसी हो गई नटखट , शैतान , प्यारी सी इमोशन से भरी और मैं भी वैसे हो गई।

तनु - आपके जाने के बाद हमने वादा किया था हम कभी अपनी असलियत नी अपनाएंगे, भूल जाएंगे ये दुनिया बस नफ़रत से भरी है हवस से भरी है इसी वजह से हमने सब छोड़ दिया था ,क्युकी ये दुनिया मैं हमरा कोई नहीं था लेकिन फिर वीर आया उसने हमे एहसाह दिलाया प्यार का सहारा दिया और उसने हमे पहला जैसा कर दिया।

तनु - आपकी मौत के वक्त हम कुछ नहीं कर सके छोटे था, लेकिन अब वीर ने हमे जीना सीखा दिया और अगर उस पर किसी ने आंख भी उठाई तो हर उस आंख को बंद होना पड़ेगा।

तनु - छोड़ो ये बात , पुरानी बात को छोड़ो वैसे भी हमे बस वीर से मतलब उसे कुछ नहीं होने देंगे, उसे गधे को ये बात पता चल भी गई तो भी उसे फरक नहीं लड़ेगा।

तभी वीर को देखती है तनु और वीर उसे देख कर दूसरी तरफ सर कर लेता है।

तनु को हसी आ जाती है और कहती है अच्छा बच्चू हमसे चालाकी मैं भी देखू कैसे रूठे रहोगे , ज्यादा ही गुस्सा हो गई।

तभी तनु बाहर आती है और वीर की तरफ आगे बड़ती है और वीर उसे इग्नोर कर देता है और चुप चाप उठ कर tv देखने जाने लगता है तभी तनु भी जाने लगती है और कुछ सोच कर रुक जाती है और देखती है साक्षी अनु को बाहों मैं भर कर फुसला रही थी।

अनु अपनी बाहों को फैला कर तनु को आने का इशारा करती है।

तनु उसकी बाहों मैं आ जाती है और गले लगा कर कहती है हम दोनो ने नाराज़ है तू।

अनु - नहीं गुस्सा करती हो, लेकिन प्यार भी तो करती है हमसे।

तनु - तू बेस्ट है मेरी बहन।

अनु - ही ही ही ही मैं तो हूं ही बेस्ट सबकी लाडली हूं मैं, वैसे आप दोनो के होते हुए , हम सब को कौन छू पाएगा।

साक्षी - ए तू जा पहले अपने गुबार को मना ले वर्ना मैं अन्दर चली जाऊंगी।

तनु - तूने तो इसे मना लिया , साक्षी।

साक्षी - 2 घंटे से मना रही तब मानी वर्ना ये भी गुबार बन कर बैठी थी।

तनु हस्ते हुआ अंदर चली जाती है,

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Well well well well......
Aap hamre villains ke baare jaan hi gya hai.... Toh herione ke baare main bhi thoda jaan lo..... Ye update bas sakshi ke liya tha....
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Sakshi ke paas bhi power hai.... And normal question tha abhi tak use kyu nhi ki power toh pad kar samaj gya honge....past se juda hai mom sakshi ki mom.... Aur next update bas romance par rhega aur shayad thoda bahut villains ke upar rhe.... Pad kar smaj jaoge....but sakshi kya hai jaan jaoge dhere dhere ..... Bye bye saionara ..... Revos jarur dena.....
 
Update 23
साक्षी - ए तू जा पहले अपने गुबार को मना ले वर्ना मैं अन्दर चली जाऊंगी।

तनु - तूने तो इसे मना लिया , साक्षी।

साक्षी - 2 घंटे से मना रही तब मानी वर्ना ये भी गुबार बन कर बैठी थी।

तनु हस्ते हुआ अंदर चली जाती है,

अब आगे -

तनु जब अंदर जाती है, तो देखती है वीर टीवी देख रहा था।

तनु - नाराज़ हो मुझसे।

तनु - अच्छा जी हमे इग्नोर कर रहे है आप ज़रा हम भी तो देखे कब तक हमे ऐसे इग्नोर करते हैं।

ये कह कर तनु वीर के बगल बैठ जाती है और वीर उसे इग्नोर कर के टीवी देखता है।

तनु इतना भाव रुको अभी बताती हूं रुको।

वीर - हा जाओ, मेरी और 2 वाइफ है वो मुझे नहीं मना करेंगी, जाओ हू।

ये सुन कर तनु हस देती है और कहती है,"अरे बाप रे इतना गुस्सा अपनी तनु से"

तनु - मैं भी देखू कैसे दूर रहते हो।

ये कह कर तनु खड़ी होती है और अपना साडी उतार देती है और और ब्लाउज और पेटिकोट में आ जाती है।

तनु - साड़ी बड़ी गंदी हो गई थी।

तभी तनु अपना ब्लाउज उतारने लगती है और अपनी तिरछी नज़र से देखती है तो वीर उसे ही घुर रहा था जैसे अभी ही खा जाएगा।

और अब तनु बस ब्रा में और पेटिकोट मैं होती है ये देख कर के वीर बस तनु को घुर रहा था और खड़ा हो जाता है।

तभी तनु कहती हैं ," बाबू क्या हुआ ये भी उतार दूं, हो जाए एक राउंड जल्दी से वैसे भी आपकी ही तो हूं ना"

ये सुन कर वीर हड़बड़ा जाता है और वापिस बैठ जाता है और तनु वही ब्रा मैं और ब्लाउज मैं ही गिर पड़ती है और हस्ते हुए।

फिर वो खड़ी हो कर कहती है अरे मैं भूल गई थी आप तो गुस्सा हैं, हा चलो अब जल्दी से साड़ी पहन लेती हूं।

तनु एक नई साड़ी निकाल लेती है और पहन लेती है।

तनु - क्या देख रहे हो।

वीर - मूवी

तनु - मूवी मेरी कमर मैं चल रही है क्या।

वीर वापिस अपनी नज़र टीवी पर गड़ा देता है और तनु हस्ते हुआ अंगड़ाई लेने लगती है और जब वो अंगड़ाई ले रही थी तो वीर की नज़र तनु की क़मर पर पड़ जाती हैं, दूध जैसी उसकी कमर और उस पर पतली से कमरबंद।



तभी वीर बस उसे ही देखे जा रहा था और उसकी नज़र का पीछा करते हुए तनु देखती हैं तो कहती है सुनिए जी

वीर- हा

तनु - आप गुस्सा है, ऐसा नहीं देखते कुछ कुछ हो जाएगा आपको।

वीर- कौन गुस्सा है

तनु - अरे आप गुस्सा था ना

वीर - न न नही तो मेरा मतलब हा

तनु मन ही मन हस रही थी और तनु उठ कर वीर के जस्ट बगल बैठ जाती है और वीर धीरे से उससे सट जाता है

तनु वीर की इस हरक़त से स्माइल करने लगती है।

तभी वीर की ओर तनु देखने लगती है और उसके ओर आगे बदने लगती है , और वीर को लगा तनु उसे किस करेगी तो वो अपनी आंखो को बंद कर लेता है।

थोड़ी देर में वीर को कुछ फील नहीं होता तो वो आंखो को खोल कर देखता है तो तनु बस रिमोट लेने आई थी।

वीर अब और गुस्सा हो जाता है और तनु के हाथ से रिमोट ले लेता है और उसका मुंह अब पूरा लाल हो गया था पकोड़े जैसा नाक फुली हुई थी।

और ये देख कर तनु बड़ी मुस्किल से हसी रोक पाई , अगर वो हस देती तो सब खराब हो जाता है।

तनु मन मैं कहती है देखू तो कितना दूर रह पाते है हमसे, पत्नी हूं तुम्हरी, तुम्हे अच्छे से जानती हूं बच्चू कैसे मनाते है , प्यार ऐसे ही नहीं हो गया है आपको हमसे।

तनु स्माइल करती है और वीर से कहती है "क्या हुआ रिमोट दे दो"

वीर - मुझे ये देखना है।

तभी साक्षी और अनु अंदर आती है और वीर से कहती है ये क्या देख रहे हो वीर।

वीर - मुझे पसंद है

साक्षी - तुम्हे नापतोल का एडवरटाइजमेंट पसंद है।

वीर - क्या फिर वो हड़बड़ा कर कहता है हा मुझे पसन्द है लेना है अपने लिए ये

अनु - तुम्हे स्पोर्ट ब्रा लेनी है अपने लिए
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चलो ठीक है साइज बताओ बुक कर देती हूं मैं

वीर अब जल्दी से चैनल बदल लेता है और साक्षी और अनु हसने लगती है और तनु बस मुस्करा रही होती है क्युकी उसे तो अच्छा से पता था वीर तो उसे देखे जा रहा था।

वीर अब बाहर आ जाता है।

अनु - अच्छा आओ गुस्सा मत हो स्पोर्ट्स ब्रा मत पहनना , आओ अंडरलाइन वाली ब्रा दिला दूंगी, आओ मेरा साइज हो जाए तो लेते जाओ आओ।

ये सुन कर तनु और साक्षी हसने लगती है।

साक्षी - तनु कामिनी मानने आई थी या और गुस्सा दिलाने।

तनु उसको और अनु को सारी बात बता देती है और अनु कहती है दीदी मजा आता होगा ना।

साक्षी - तू उसके साथ बाहर जा खाने के लिए कुछ लेती आना इसी बहाने।

तनु - हा ये सही रहेगा अकेले रहूंगी तो और मजा आएगा

वही ये सब सुन कर अनु कुछ सोचती है और मुस्कुराते हुए बाहर आ जाती है, और जैसे ही बाहर आती है वीर पर उसकी नज़र पड़ जाती है, वीर उसको देख कर उसके पास जाता है और तभी अनु उसको देख कर कहती है क्यो तुमसे कहा था कुछ दीदी को मानने को तुम जरा भी नही माने हा

वीर - आज पक्का मना लूंगा , अब एक हग कर लेने दो प्लीज

अनु - जी नहीं, बेशर्म वैसे भी मुझे अच्छा से पता है तुम्हारी दोनो वाइफ भाभीं है एक मैं ही हूं पतली कमरिया इसी लिया इतना उछल रहा है तू मेरा काम करो वर्ना सच्ची बता रही में क्राइम पेट्रोल मैं अगला एपिसोड तेरा आएगा।

वीर - क्या आएगा
अनु - गुस्साई पत्नी ने किया पति का कतल

वीर - ही ही ही ही

अनु - हस मत बंदर

तभी ये दोनो आगे बात करते की बाहर तनु और साक्षी आ जाती है, और इन दोनो को देख कर इनके पास आती है और साक्षी कहती है वीर तनु के साथ जा कर तू बाहर से खाना लेता आ और कुछ कपड़े लेते आना हम सब के लिए

वीर मान जाता है और तभी काव्या भागती हुई आती है और कहती उफ आप लोग भी ना मम्मी रुको मैं तैयार होती हूं, जल्दी से।

इतना सुन कर सब हस देते है तभी उसको पीछे से अनु पकड़ लेती है और कहती है क्यो बच्चू
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इन सब को जाने दो आप और मैं कार्टून देखते है कोई रोकने वाला नहीं क्या कहते हो।

काव्या खुस हो कर कहती है अच्छा मम्मी आप अकेले जाओ

तभी ये दोनो निकल पड़ते है और तनु कार में आ कर बैठ जाति है और वीर उसको देख रहा होता है और तनु कहती है "क्या कार अपने आप चलेगी"

वीर कार ले कर निकल पड़ता है और दोनो जल्दी से एक होटल में रुकते है, वीर कुछ कहता उसके पहले तनु अंदर जानें लगती है और तनु को सब घूर घुर कर देखने लगते है और उसके जिस्म के खुशबू किसी को भी पागल करने के लिए बहुत थी।

तभी वीर ये देख कर के तनु का हाथ पकड़ लेटा है और तनु भी कस कर के थाम लेता है और वीर एक टेबल पर आ का बैठ जाता है और तनु उसका हाथ पकड़ हुए देख रही थी

तनु मन मैं कहती है मुझे आपको मानना आता है बच्चू।

तनु को वीर भी घूर रहा था और वीर को ऐसे घूरते देख तनु हस देती है और सब के सामने उठ कर वीर की गोद मैं बैठ जाती है।

और अब ऐसे वीर जब देखता है तो तनु उसकी आंखो में देख रही होती है।

वीर को अब बहुत अच्छा लग रहा होता है आज पहली बार उसे ऐसे प्यार का अनुभव हो रहा था, पहली बार वीर को किसी ने इतना प्यार का अहसास दिलाया था।

तनु - नाराज़ हो हमसे

वीर - नहीं, बस थोड़ा बुरा लगा।

तनु - सॉरी, देखो आपकी जान ऐसे सॉरी बोल रही है ना
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वीर - ही ही ही ही कोई बात नहीं लेकिन ऐसे मुझसे गुस्सा क्यो थी, मैने क्या किया था तुम्हारा, मैं तो बस तुमसे प्यार करता हूं , तुम्हे पता है मैं तुमसे प्यार करता हू

तनु - सोरी ना, वो मैं तुमसे कुछ छुपा रही थी और प्यार करते करते उगल दी, इसलिए गुस्सा लग गई , मैं भी चाहती हूं गुस्सा ना हू लेकिन मैं चाह कर भी अपने आप को नहीं बदल सकती।

वीर - तो मत बदलो ना, मैं तुमसे ऐसे प्यार करता हूं जैसी तुम हो, बदल कर प्यार करूंगा तो वो प्यार थोड़ी होगा, तुम जैसे हो हमे पसंद हों , वैसे भी अगर मैं तुम्हारे बारे मैं सब जान गया तो भी मुझे फर्क नहीं पड़ेगा

तनु - पक्का फरक नहीं पड़ेगा

वीर - प्यार करती हो हमसे

तनु - जान से ज्यादा करती हूं

वीर - तो प्यार मेरी तुम तो मेरी वाइफ हो अगर प्यार है तो मुझे तुम जैसी हो एक्सेप्ट हो बस मेरी हो वैसे भी अब तो मेरी वाइफ बन गई हो अब तो झेलना पड़ेगा ना।

तनु - awww कुत्ते झेलने पड़ेगा , रुको बताती हूं

वीर तभी उसकी कमर जकड़ लेता है और तनु से नज़रे नहीं मिलाता

तनु - वैसे अब बताओ क्या बात है।

वीर - कुछ तो नही

तनु - तुम्हे पता है अगर तुम अपनी वाइफ को छोड़ कर कही भागने का प्लान है तो उसे वही भूल जाना वर्ना वापिस खीच के लाउंगी और बहुत मरूंगी।

वीर - केकेके क्या मतलब

तनु - मुझसे कुछ छिपा नहीं सकते बच्चू, मैं तुम्हारी वाइफ हूं समझे पहला प्यार बेशक साक्षी से बहुत करीब हो लेकिन मैं यहां रहती हूं (उसके दिल पर उंगली रखते हुआ)

वीर - हा

तनु - वैसे साक्षी और अनु हम सब से इतना प्यार करने के लिए शुकिया हम सब को जीना सिखाना के लिया बहुत बहुत थैंक्यू पति जी अब हम सब आपके हो गया।

वीर - हा

तनु - अब बताओ

वीर - मतलब

तनु - तुम्हारी पत्नी हुं, जानती हूं तुम्हे अच्छा से साक्षी और अनु के टाइम अगर तुम्हारा नियत ना बिगड़े तो समझती हूं , लेकिन मैं स्पेशल हूं, अगर मेरी टाइम नियत ना बिगड़े मतलब कुछ बात है।

वीर - मुझे नहीं पता हटो मेरे ऊपर से

तनु - बताओ

वीर - बहुत अजीब हो रहा हमेशा कोई न कोई मेरा पीछा करता रहता हैं , मुझे मारने की कोशिश करता है मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं हमेशा लेकिन वो मुझे मार देंगे मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं तनु , साक्षी और अनु की बकिती कुछ नहीं भुला मैं।

तनु वीर की आंखो में देखती है और उसकी आंखो से आसू पूछती है और कहती है इतना सब कुछ दिल में दबाए बैठे थे हा

वीर - हा

तनु - तुम कही नहीं जाओगे, मतलब कही नहीं वैसे भी तुम्हे क्या लगता है तुम्हारी तनु नॉर्मल है।

वीर बस टूक टुकी लगाए उसे देख रहा था।

तनु - प्यार करती हूं तुमसे तुम्हारी साक्षी और तनु के होते तुम्हे कौन छू लेगा, मैं अभी कुछ बता नहीं सकती बट यकीन करो मेरा कोई तुम्हे कुछ नहीं कर सकता समझें।

वीर - कभी कभी तुम्हारी बात पहेली जैसी लगती है, लेकिन तुम जैसी भी हो हमे पसन्द हो इसीलिए तुम मुझे पसंद हो।

तनु - हा हा पता है तुम्हारी पहली नज़र से ही देख रही हूं चुपके चुपके मुझे घूरते था, साक्षी के साथ गांव आए थे तब भी मुझे घूर रहे थे, तुम्हे क्या लगता है मुझे पता नहीं होता था।

वीर उसकी बात सुन शरमा जाता है

तनु हस्ती है और कहती है बता दूं साक्षी को की जब इसे पता नही था की मैं इसकी वाइफ हूं तब से लाइन मार रहा है चुपके चुपके घूरता पीछा करता।

वीर - नही प्लीज़ मत बताना

तनु - ही ही ही ही ही पागल

तभी तनु की आंख लाल हो जाती है और कहती है प्रोमिस आपको कुछ नही होने दूंग

वीर - देखो मैं नहीं जानता तुम क्या हो लेकिन इतना तो बहुत पहले से जानता था कि तुम नॉर्मल नहीं हो लेकिन बस मेरा साथ मत छोड़ना शायद आगे कुछ ऐसी बात निकल कर आए जिससे सब हमसे दूर हो जाए और हमे पापी बोले , लेकिन तुम साथ देना मेरा।

तनु - पत्नी हूं तुम्हारी समझे अब जो भी होगा पत्नी ही रहूंगी समझे मिस्टर sid

तनु - अब बस चुप मेरे हो बस मुझे पता है तुमने कुछ हिंट दिया साक्षी को ले कर लेकिन अब तो पति हो तो चिल मैं स्भाल लुंगी लेकिन अच्छा लगा सुन कर मैं पहली पत्नी हूं।

वीर की आंख नम हो गईं उससे इतना प्यार का अहसास तनु ने दिलाया था।

तनु उसके ऊपर बैठ कर उसे अपने सीने मैं लगा लेती है और मुस्कुराती है



तनु - पागल चुप ऐसे उदास नहीं होते ना अब तो हसने के दिन है अब हर रात सुहागरात और दिन बस बेड तोड़ देना है हम दोनो को मिलकर, अब बाहर नहीं जाना आपको

वीर - पहला कौनसा जाने देती थी।

तनु - ही ही ही एक बार सब ठीक हो जाए फिर जाने देना।

वीर - तुम्हे कैसा पता था की मेरे ऊपर खतरा है।

तनु - शाह
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प्यार करो बस बाकी चीज टाइम के साथ जान जाओगे लेकिन तुमसे बहुत प्यार करती हूं , तुमने प्यार का अहसास दिलाया हमे।

तनु - अच्छा जी मतलब मैं संभाल लुंगी तो तुम अपना डंडा चुभाने लगे।

वीर - आई लव यू

तनु - आई लव यू टू पागल तुम्हे भी मानना कोई आसान काम नही है।

तनु मन मैं सोचती है तुम सच में बहुत प्यारे हो वीर तुम हर पल मुझे एहसाह दिलाते हो प्यार की तुम नई नई वजह देते हो प्यार की "कभी बेटी को अपना कर , कभी प्यार जाता कर , कभी गुस्सा सह कर, अभी तुम्हे पता है मैं इंसान से बड़ कर कुछ हूं तुम्हे फिर भी फर्क नहीं पड़ा और कुछ जानना नहीं है"

तनु - तुम्हे तो कभी प्यार की कमी नहीं होने दूंगी पागल लड़का

वीर - सुनो

तनु- क्या

वीर - कार मैं प्यार करोगी

तनु - धत

****************

रचन - खाना अच्छा था ना।

अंजली - हा बहुत अच्छा था, क्यो।

रचना - चलो अब घूमने चलते है रात को फिर तुम्हे सब बता दूंगी अपने बारे मैं बस मेरा साथ मत छोड़ना

अंजलि - चलो

रचना - अंजलि चलो मेरी कार से चलते है इस टाइम कोई बॉडीगार्ड नहीं रहते।

अंजली - अच्छा चलो

रचना - ही ही ही ही चलो

अंजलि - बहुत खुश हो।

रचना - बचपन का सपना था, अब पूरा होने की उम्मीद जगी है

अंजलि - प्रोमिस होगा।

रचना - चलो फिर चलते है

अंजली और रचना घूमते घूमते एक घर के पास आ गया।

अंजलि यहां क्यों रोक दी कार

रचना - चलो ना अंदर

अंजली - पता नहीं ऐसा क्या सरप्राइज़ देना है आपको

रचना - प्रोमिस आपको disappoint नही करूंगी

अंजली अंदर जाती है तो उसके सामने रोहित और लड़की बैठे होते है

रचना जल्दी से गेट बंद कर देती है।

रचना - वेलकम मिसेज वीर अंजली

अंजली अपनी नम आंखों से रचना को देख रही थी

रचना - कामिनी औकात दिखा दी अपनी

अंजली कुछ और कहती उसके पहले रूही उसके पास भागते हुए आती हैं

रूही - दीदी मुझे बचा लो दीदी ये मुझे मार देंगे दीदी , मेरा बेटा को मार देंगे दीदी

इससे पहले कुछ और कहती रूही रचना ने बंदूक से हवा में फायर किया

ही ही ही ही ही ही

"गेम शुरू हो चुका है अंजली मेरे भाई को मार दिया कामिनी अब तेरी बारी"

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To be continued ...... Mujhe pta hai bahut se questions hai lekin stay tuned dhere dhere sab khul jaynge aur maine bola hai pahle hi sabhi charcter ki side stroy aaygi... I mean imp kirdaar ki lekin time aane par....
 
Update - 24 ruhi aur past .... Part 1
basically is update main aaap jaan jaoge....bahut si cheez ke ans mil jayge aapko jaise sakshi aur tanu normal life kyu jee rhe tha.... Lekin iska part 2 (update 25 bhi aaj hi aayga wo long rhega usmain aap past achi tarah samaj jayenge but anjali aur ruhi ki side se baaki ka past reason sab sakshi aur tanu ki story ke sath hi aage aaygii..

Ab story


रूही - दीदी मुझे बचा लो दीदी ये मुझे मार देंगे दीदी , मेरा बेटा को मार देंगे दीदी

इससे पहले कुछ और कहती रूही रचना ने बंदूक से हवा में फायर किया

ही ही ही ही ही ही

"गेम शुरू हो चुका है अंजली मेरे भाई को मार दिया कामिनी अब तेरी बारी"

अब आगे ---

"दीदी दीदी उठो ना कितना सोती हो आप", एक छोटी सी बच्ची तुतला कर बोलती है।

"छोटी सोने दे देख परेशान मत कर , वैसे ही पापा आज कल सोने नहीं देते, जब देखो पड़ो पड़ो पड़ो , मुझे पसन्द नहीं गांव का स्कूल" कुनुमुनाते हुए एक और बच्ची बोलती है।

"उहफो दीदी उठो तो तभी तो देख पाओगी सुन्दर सी दुनिया मुझे देखो मैं तो दिन भर घर रहती हूं, अगर मेरी मम्मी होती , मेरी बहन होती तो वो भी मुझे अपने साथ
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स्कूल ले जाती ना दीदी", नम आंखों से छोटी बच्ची बड़ी बच्ची को बोलती है।

इतना सुन कर सो रही लड़की एक जोरदार तमाचा देती है।

"तेरी हिम्मत कैसे हुईं, ये कहने की रूही क्या मैं तेरी बहन नहीं हा तूने मुझे अनाथ कर दिया", अंजलि बोलती है।

"अरे मेरा कहने का वो मतलब नहीं था दीदी" रूही टूटी आवाज मैं कहती है।

तभी अंजली उसे गले लगा लेती है, और कहती है बहन नहीं पत्नी है तू मेरी समझी।

रूही - हट चलो वर्ना चाचा गुस्सा करेंगे।

अंजली - तू चल नीचे मैं आती हूं

रूही - दीदी मुझे अकेला मत छोड़ो, मुझे अकेला डर लगता है।

अंजली - aww मेरी पत्नी को डर लगता है, चलो चले दोनो साथ

दोनो जैसे ही नीचे आए नीचे अंजली के पापा जमींदार वही मौजूद थे जो इन दोनो को देख कर बोला।

"अरे रूही इतनी देर से उठाने गई थी, आई क्यो नहीं", जमींदार की इतनी बोली सुन रूही कांप कर वही खड़ी हो गई।

"खबरदार मेरी पत्नी से केवल में ऊंची आवाज मैं बात कर सकती हूं, और कोई नही" अंजली की आवाज़ सुन कर जमींदार भी हसने लगता है , और हस्ते हुआ कहता है,"अच्छा अब खाना खा लो और पढ़ाई करने के लिए निकल जाओ"

"नही पापा मैं नहीं जाऊंगी, मैं एक ही शर्त पर पढ़ाई करूंगी जब रूही मेरे साथ रहेगी हमेशा और पढ़ाई करेगी" अंजली ने जमीदार को कहा।

और अंजली की बात सुन कर जमींदार हस्ते हुए कहता है," अच्छा ठीक है मेरे बच्चियों अब खाना खाओ और निकल जाओ"

जमीदार की बात सुन कर अंजली खुशी से कुद पड़ती है और रूही का हाथ पकड़ के कहती है," अब तू भी मेरे साथ चलेगी स्कूल"

फिर दोनो स्कूल के लिए निकल पड़ते है जो पास मैं पढ़ता था।

दोनो क्लास में चली जाती है तो सभी अंजली को बहुत इज्ज़त देते थे क्युकी वो जमींदार की बेटी थी।

जैसे ही अंजली क्लास मैं आई उसने अपने हाथ मैं रूही का हाथ पकड़ रखा था जिससे सब रूही को बस घूर रहा था।

रूही एक सीट मैं बैठी थी की वहा एक लड़की आ कर बैठ जाती है जिसे देख कर के अंजली कहती है ,"आप कही और बैठ जाओ ये हम दोनो की सीट है"

अंजली की बात सुन कर वो लड़की मासूम सी सकल बना कर जाने ही वाली होती है की तभी उसे एक और आवाज़ सुनाई पड़ती है," क्यो ये सीट तेरे बाप की है, तू इसे घर से ले आई थी"

उस लड़की की आवाज़ सुन कर रूही डर जाती है, और रूही को डरता हुआ देख कर अंजली उसका हाथ थाम लेती है और उस लड़की के सामने खड़ी हो जाती है और कहती है ," नही सीट मैं घर से तो नही लाई थी, लेकिन सीट तो तेरे घर से भी नही आई, और मेरी रूही से बात करते वक्त आवाज़ नीचे गर्म मुझे सिर्फ चाय पसंद है"।

इससे पहले की अंजली कुछ और कहती दूसरी लड़की जो चुप चाप खड़ी थी वो बोलती है," चुप रहो तनु हर टाइम आवाज नही निकलते, और अंजली तुम हमे मां ने लड़ने से मना किया है, वर्ना हम क्या है ये तुम्हे जरूर बताते"

रूही - आप सब मत लड़ो, मेरी दीदी से

रूही की इस आवाज़ से तीनो लड़कियां का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया।

और इसी तरह अंजली और तनु की दुश्मनी शुरू हो गई, लेकिन दोनो मैं एक चीज नॉर्मल थी दोनो का चहरा बिलकुल एक जैसा था जिसकी वजह से बहुत बार तनु को लोग अंजली समझ लेते थे।

एक बार रूही अपनी सहेली के साथ खेलने के लिए चली गई थी।

अंजली - पापा मेरी दुल्हन कहा गई।

जमीनदार - तुम्हारी दुल्हन अपनी सहेली के साथ खेलने गई है।

अंजली - लेकिन क्यो मुझसे क्यों नहीं पूछा इसने

जमींदार - अरे तू भी चली जा बगीचा मैं।

अंजली भागते हुए बगीचा मैं पहुंच जाती है और चिल्लाती है ," रूही "

"रूही "

तभी उसे एक तरफ रूही की चीख सुनाई पड़ती है उस चीख को सुन कर के अंजली जल्दी से भागते हुए उसी ओर आ जाती है, जब अंजली वहा आ कर देखती हैं, तो रूही एक तरफ बेहोश होती है, और उसके साथ अनु भी बेहोश पड़ी होती है।

ये देख कर के अंजली बहुत जोर से चीखतीं है," तुम दोनो ने क्या किया मेरी बहन के साथ, मैं तुम दोनो की जान ले लुंगी।

तभी पेड़ के एकदम ऊपर वाली टहनी से कुद कर साक्षी नीचे आती है और कहती तुम्हे ऐसा लगता है की तुम मेरा कुछ कर पाओगी।

अंजली अब ध्यान से तनु और साक्षी को देखती है और कहती है त तुम दोनो चाहे जो भी कहो मैं अपनी बहन के लिए किसी से भी लड़ने के लिए तैयार हूं।

तभी रूही रोते हुए अंजली के गले लग जाती है जो अब होश में आ चुकी थी और कहती है," दीदी ये दोनो
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अगर नही आई होती तो ये कामिना हमारी इज्जत लूट लेता"

अंजली कुछ और कहती तभी वहा एक औरत आती है जिसके चहरे से ही नूर टपक रहा था वो आते ही तनु और साक्षी को एक बहुत जोर का थप्पड़ देती है और कहती हैं "मैने कहा था ना तुम दोनो को कुछ उल्टा पलटी हरकत मत करना मेरी बात तो तुम्हे सुननी नहीं है"

साक्षी - मां हमने कुछ नहीं किया , हम तो बस पेड़ से फल तोड़ रहा थे यही हमारे पास आया था और

तनु इशारे से अंजली की तरफ देखती है

तभी साक्षी की मां कहती है तुम जाओ बेटा रूही और अनु को ले कर तुम जमीदार की बेटी हो ना।

तनु - चलो जाओ , भागो बड़ी मां नहीं आई होती तो आज तुमको खा जाती मैं

अंजली - अरे चल चल

अंजली उन दोनो को लेकर चली जाती है और जाते हुए उसे बस इतना सुनाई पड़ा " मम्मी ये सब वापिस हमारे लिए आए था, ये क्यो बार बार हमे मारने आ जाते है"

तभी उसे रूही कहती है "दीदी बड़ा अजीब चीज हुआ आपको पता है , वो मैं खेल रही थी ना तब एक अंकल आए और हमे और अनु को पकड़ लिया और हस्ते हुए बोले अब वो सिर्फ मेरा है सिर्फ मेरा हा हा हा हा हा"

तभी अंजलि उसे इग्नोर कर के अनु का हाथ पकड़ लेती है और कहती है बेटा आपका क्या नाम है

अनु - ही ही ही मेरा नाम अनु है आप बिल्कुल मेरी तनु दीदी की तरह हो वो गुस्सैल है, और आप नरम दिल

रूही - हमसे बात क्यो नहीं कर रही

अंजली कुछ नहीं कहती और चुप चाप अनु को घर छोड़ कर वापिस आ जाती है

और जब वो जा रही होती है तो उसे दो लड़के दिखते है जो बहुत तेजी से भागते हुए चले जा रहे थे।

तभी वो दोनो वापिस घर आ जाते है और अंजली को बहुत गंदी फील आ रही थी फिर भी छोटी सी अंजली ने हिम्मत कर के बाहर आई और और जंगल की ओर आने लगी , तभी उसे एक लड़का दिखता है बहुत सीधा स्कूल का अंजली उसे बुलाती है

लडका - हा

अंजाली - चलो मेरे साथ आम के बाग वहा मुझे बाहर छोड़ देना फिर वापिस आ जाना

लडका उसकी बात मान कर चल देता है और दोनो आम की बगिया में आ जाते है और लड़का वही बाहर खडा रहता है

जैसे ही अंजली बाग मैं आती है वो देखती है उसके सामने साक्षी और तनु जमीन पर खून से लतपथ पड़े है और उसकी मां रोशनी सामने खड़ी थी जो अपनी अंतिम सास ले रही थी।

रोशनी - कभी भी याद रखना अपनी शक्ति का इस्तेमाल मत करना साक्षी तुम क्या हो इसे राज रखना, और हमेशा अपनी बहन का साथ देना तनु, तुम्हारी शक्ति का इस्तेमाल मत करना एक आम सी ज़िंदगी जीना

रोशनी - मेरी मौत के साथ मेने तुम सभी के पीछे पड़े सभी लोगो को मार दिया , तुम सब आराम से जीना लेकिन उस चीज की हमेशा रक्षा करना।

तनु - आप ही नहीं रहेंगी तो फिर हमे क्यों जीने दे रही है ये दुनिया तो हमे कभी एक्सेप्ट नहीं करेगी मां।

रोशनी - इसलिए कह रही आम ज़िंदगी जियो और इस चीज की रक्षा करो और याद रहे कोई आएगा जो तुम्हे चाहेगा, तुम कैसी भी हो वो तुम्हे अपनाएगा तब तुम सब खुद ब खुद अपनी पूरी शक्ति पा लोगे।

ये सुन कर अंजली वहा से भागती हुई निकल जाती है, और उसे रास्ते में एक अंकल मिलते है जो लड़खड़ा रहे थे उसके शरीर पर तलवार घुसी हुई थी जो बहुत अजीब थी।

वो अंजली को देख कर के अपनी तलवार अंजली के पेट में घुसाने के लिए फेक देता है लेकिन वो तलवार अंजली को लगती उसके पहले रूही उसे ढकेल देती है और वो तलवार गिर जाती है।

रूही - दीदी भागो

लेकिन वो दोनो बच्चियां थी उनके पास साक्षी और तनु जैसी शक्ति नही थी वो कुछ कहती उसके पहले वो आदमी तलवार रूही की तरफ़ फेक देता है तभी अंजलि उसके सामने आ जाती है और अंजली के पेट में तलवार घुस जाती है।

रूही - क्यो किया अपने ऐसा

अंजली - अपनी वाइफ को केवल में छू सकती हूं बस बचपन से आज तक केवल तू ही मेरी अपनी है तुझे आंखो के सामने मारता नही देख सकती थी।

तभी वहा पर साक्षी आ जाती है और फिर जब अंजली की नींद खुलती हैं वो अपने आप को उसी जगह पाती है और उसकी चोट काफी भर चुकी थी।

तनु - क्यो आई थी यह

अंजली अपना सिर उठा कर देखती है तभी तनु कहती है बेहोश हैं वो

अंजली - पता नहीं तुम्हे दर्द मैं नहीं देखा गया पता नहीं क्यो, तुम्हारे साथ कोई रिश्ता है

तनु - हमारा केवल चहरा सेम है बस और कुछ नही आज के बाद ऐसा मत करना वर्ना मैं क्या कोई नहीं बचा पाएगा, अब तो बड़ी मां भी नहीं रोकेंगी

अंजली - बड़ी मां के जाने से उदास हो ना

तब तक तनु जा चुकी थी

.....
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To be continued ismain aap ruhi ko jaan gya honge...... Lekin ab iska duara part jo aayga usmain bahut si cheez saamne aa jaygiii....veer, rohit, aur sab toh 1 update ismain lag jayga.... Tab tk keep supporting reply subah de dunga.....

I know romance update chahiye tha lekin ye past khatam hone do fir romance hi hoga
 
Update 25...

तनु - हमारा केवल चहरा सेम है बस और कुछ नही आज के बाद ऐसा मत करना वर्ना मैं क्या कोई नहीं बचा पाएगा

अंजली - बड़ी मां के जाने से उदास हो ना

तब तक तनु जा चुकी थी

अब आगे

अंजली - वो कौन थे, तनु जिन्होंने रोशनी मां को मार दिया और तुम इतना गुस्सा मैं इसीलिए हो ना क्युकी तुम उन्हे नहीं बचा पाई

तनु - तुमसे मतलब नही है चुप चाप अपना काम करो और निकल जाओ और आज जो कुछ भी हुआ उसे किसी को बताना मत

अंजली कुछ कहती उसके पहले वहा वो लड़का आ गया और अब रूही भी उठ चुकी थी।

उस लड़के ने और रूही ने अंजली को ले कर घर आ गए।

तभी वहा एक अजीब से बूढ़ा आ गया और वो तनु के पास आ कर कुछ दिया और बोला और चला गया।

रूही - तुम कौन हो, और वहा क्या कर रहा था

लड़का - म म म मेरा नाम रोहित है

रूही - तो डर क्यो रहे हो ,

रोहित - घर में कौन कौन है, मैं मेरा भाई छोटा और मेरी मां

तब तक अंजली और रूही घर आ गई और जमींदार ने अंजली को इसी हालत देख कर पुरे गांव में हड़कंप मचा दिया

*************

इधर दूसरे तरफ उस दिन से अंजली की मुलाकात नहीं हुई तनु और साक्षी से।

*************

जंगल मैं कई लोगो की लाश थी, उनमें से एक जिंदा था अभी जो अपनी अंतिम सास ले रहा था, जिसने अंजली को तलवार मारी थी।

तभी उसके पास एक बच्चा रोते हुए आता है

"पापा पापा पापा आपको क्या हुआ पापा"

"बेटा अपना ध्यान रखना मैं उसे लेने मैं हार गया लेकिन तू मेरी मौत का बदला लेना और उसे अपना बना लेना, तभी मेरी मौत का सहारा मिलेगा"

ये कह कर उसकी अंतिम सास भी बंद हो गई, और वो लड़का चिल्लाते हुए वही रोता रहा, और फिर गांव में निकल गया और बोला " आपके हर जख्म का बदला लूंगा मैं हर उस चीज़ का, और उसे हर एक दिन भुगतना पड़ेगा पापा"

तभी वो लड़का निकल गया।
**********

और अंजली और रूही बैठ कर बात कर रही थी तभी वहा जमींदार आता है और कहता है "बेटा अब तुम दोनो का यह रुकना सही नहीं है अब बहुत कुछ देख लिया है तूने और अब तू शहर जाएगी समझी अगले हफ्ते"

अंजली - मेरी पत्नी साथ जाएगी

जमींदार - तेरी हरकते कब सही होगी, हा एक जगह पैर टिकते ना तेरे तो आज कही न जाना पड़ता

ऐसे ही जमींदार उन्हें सुना कर वहा से निकल जाता है

रूही - ले सुन ली, और मुझे भी सुनवा दिया तूने

अंजली - हम साथ साथ है hehehe

***************

इधर रमेश और राजेश बगीचे में खेल रहा था तभी उनकी बॉल टकरा जाती है एक लड़के से।

रमेश - भाई मेरी बॉल दे दे

राजेश - क्या नाम है बे तेरे पहले इधर देखा नहीं

"वीर नाम है मेरा" उस लड़के ने कहा

वीर - अभी नया नया आया हूं, गांव में

राजेश - कहा रहता है

वीर - यही जंगल मैं अकेला

राजेश - कोई नही आज से हमारे साथ रह लेना

तभी वीर कहता है ये जंगल मैं कोई आंटी मार गई ना

रमेश - हा बहुत रोकड़ा है उनके पास सारी उनकी बेटी के नाम रोशनी आंटी थी वो पता नहीं कौन लोग थे वो बेचारी को मार गया

ऐसे ही वो लोग बात करते करते घर चले गया और देखते देखते ही तीनो की दोस्ती गहरी होती है।

तभी वीर एक दिन बाहर घूम रहा था तभी उसे सामने से साक्षी और तनु बैठी हुई दिखाई दी और वो उन्हें ही घूरने लगा

तभी उसकी नज़र राजेश पर पड़ती है जो एक पेड़ पर बैठ कर उसी को देख रहा था।

राजेश - यहा क्या कर रहा है तू

वीर - कूच भी तो नहीं नही

राजेश - कुछ ज्यादा ही साक्षी और तनु के पास नही बतकता तू

वीर - वो वो मैं मेरा कुछ काम है

राजेश - चल ठीक है मैं तेरा साथ दूंगा बदले मैं मुझे जायदाद चहिए बस

वीर - ठीक है लेकिन तू मुझसे कभी कुछ नही पूछेगा ।

राजेश - ठीक है

तभी उन दोनो की नज़र अंजली पर पड़ जाती है और वीर उसे देखता ही रह जाता है सेम टू सेम तनु की कॉपी

राजेश - अबे ये जमीनदार की बेटी है, लेकिन राज की बात है ये लड़की तनु की बहन है

राजेश - बस राज है कभी पूछियो मत

वीर उसे देखता हुआ कहता है मेरा प्लान पूरा होने में तू मदद करेगी

वीर - तुझे जायदाद चहिए ना

राजेश - हा

तभी वीर उससे कुछ कहता है और राजेश हस देता है और कहता है "तू तो पक्का कामिना है बे"

************

इधर अंजली और रूही का शहर जाने का टाइम हो गया था जिस बस से वो जा रही थी उसी बस से रोहित भी जा रहा था।

अंजली - तुम कुछ बोलते क्यों नहीं रोहित बोलने के पैसे लगते है क्या

रोहित - नहीं मम्मी कहती हैं, किसी से बात नही करना चहिए मुझे बस पैसे कमाने है और खुद को कामयाब बना कर बहन को अच्छा से पालना है

तभी अंजली हस्ती हुई कुछ कहती उसके पहले कोई अंजली को कहता है "क्या मैं इधर बैठ सकता हूं"

अंजली कुछ कहती उसके पहले अंजली के साथ एक आदमी बोलता है पीछे बैठ जा इतनी सीट खाली है

ऐसे ही अंजली और रूही कॉलेज आ गई और धीरे धीरे वीर ऐसे ही उसके करीब आने की कोशिश करता लेकिन अंजली हमेशा रोहित के साथ रहती।

एक दिन अंजली उधर बैठी थी अकेला कॉलेज में तभी उधर वीर उसके बगल में बैठ जाता है और कहता है "अगर महारानी आपकी आज्ञा हो तो हम आपको कुछ कह सकते है"

अंजली - ही ही ही ही बिलकुल कह सकती है आप

वीर - मैं लड़का हूं यार

अंजली - वैसे आज आपकी इच्छा पूरी हो गई है ना हमे अकेला पा कर

वीर - हा सालो की इच्छा पूरी हुई मेरी

अंजली - चलो बताओ फिर क्या काम है , जो सालो से परेशान हो

वीर - वो मैं

तभी वहा खुदते हुआ अचनक से रूही आ जाती है और कहती है "चलो मेरा साथ मैं कुछ दिखाती हूं"

अंजली - अरे उसे बोलने तो दे
वीर - तू कौन

रूही - मैं इसकी पत्नी हूं, अब बागो यह से

वीर - ये बहनचोद कहा से आ गई ये तो कॉलेज में थी क्लास मैं।

तभी उन दोनो के जाने के बाद राजेश बोलता है सीसे का था दिल मेरा पत्थर का जमाना था

वीर - राजेश अब पानी सर से ऊपर जा चुका है

राजेश - मतलब

वीर कुछ नही अब तू देखना

***************

रोहित अपने रूम में सोया था तभी उसे कॉल आती है।

रोहित - हेलो

"हेलो हमारी बात रोहित से हो रही है"

रोहित - जी

"सर आपकी जॉब लग गई है, आपको आपकी फैमिली सहित रहने के लिए क्वार्टर भी दिया जाएगा"

रोहित उससे जॉब की सारी डिटेल निकलवा लेता है और अपनी फैमिली के साथ वही निकल जाता है।

कुछ दिन बाद रोहित उस जगह आ जाता है और अपनी छोटे भाई को एक एड्रेस देता है वही आने को।

रोहित मम्मी - बेटा ये तो बहुत बडी बिल्डिंग है, लेकिन शायद ये अभी बनी नहीं है।

अजय (रोहित का छोटा भाई) - चलो ना ऊपर चलने को बोला है

दोनो ऊपर जाते है तो ऊपर कोई नही होता है तभी उनकी नज़र रोहित पर पड़ती है जो एक दम कोने बेहोश पड़ा होता है और उसकी हालत खराब होती है।

वो जैसे ही उस कोने में जाते है एक आदमी जो वही खड़ा था उन्हें उधर ही धकेल देता है।

और काफी टाइम बाद रोहित बेहोसी की हालत से बाहर आता है तो उसके सामने एक लड़की खड़ी होती है।

रोहित - ये कैसा मजाक है, तुमने मुझे क्यो बुलाया यह

लड़की - अबे मैं खुद मरने आई हूं, तुम्हे क्यों बुलाऊँगी

रोहित कुछ नहीं बोलता तभी उसे अहसास होता है और वो नीचे झांकता है तो चिल्ला देता है नहीं

रोहित - मां मां मां , भाई भाई भाई

लड़की आगे जा कर उसके कंधे पर हाथ रख देती है और कहती है ये दुनिया है यहां ऐसा ही होता है कोई अपना नहीं होता

रोहित - मैने किसी का क्या बिगाड़ा था , मैने तो इस दुनिया मैं कभी किसी से राबता नही रखा

लड़की - रोना बंद करो पहले तभी तो आगे कुछ करोगे,

रोहित रोते रोते उस लड़की को जकड़ लेता है, वो लड़की रोहित की बाहों मैं होती है और अपना फोन निकल कर फेक देती है, और रोहित को जकड़ लेती है।

*************

उस दिन के बाद से रोहित कभी नही दिखा लेकिन उसके कारनामे पुरे शहर में फैलने लगे , पैसों के लिए जान लेना उसका पेसा बन गया , और उस लड़की जिसने रोहित को उस टाइम सभला था , वो थी पल्लवी।

पल्लवी - रोहित मैने तुम्हारा दिया गया नंबर ट्रेस किया ये किसी वीर के नाम है।

रोहित - वीर,वीर,वीर ही ही ही ही ही कब तक बचोगे बच्चू

पल्लवी - वो वो एक .......

रोहित - ये क्या बकवास है

पल्लवी - अभी यही अच्छा है रोहित की हम सही टाइम का इंतजार करे, तुमने कभी कुछ बुरा नही किया है तो अभी भी मत करो।

रोहित - क्यू क्यों किया उसने ऐसा क्यों मैने क्या बिगाड़ा था किसी का, और वो खुद एक xxxxx है।

***********

इधर रोहित की गैर मौजूदगी में अंजली और वीर करीब आते जा रहा थे।

वीर - क्यो ना हम सगाई कर ले क्यों।

अंजली - ठीक है, गांव चल कर पिता श्री से बात करेंगे।

इधर वीर उसके पास से हो कर रमेश और राजेश के पास आता है और कहता है प्लान शुरू करो।

इधर वो सभी गांव आ गए और शादी की तैयारी शुरू हो गई।

और मौके पर रमेश और राजेश निकल गया और वीर की शादी दोनो से हो गई।

इधर अंजली जब ये सुनती है तो पैर पटकते हुए अपना पापा के पास जाति है और कहती है ये सब आप क्यों करवा रहे है।

जमींदार - बेटी तनु तेरी बहन है, सगी और इसीलिए ये सब मुझे करवाना पड़ रहा है।

ये सुन कर अंजली वही फुट फूट कर रोने लगती है और अपनी बहन के लिए खुश हो कर ये घर छोड़ कर चली जाती है।

इधर सब कुछ होने के बाद जमींदार के घर आता है एक लड़का

जमीनदार - देखो तुम जो जो कहते थे , वो वो हो गया ना अब मेरी बेटी का पीछा छोड़ दो , सारी जमीन और हिस्सा तुमको दे दिया मेरी तनु और अंजली का पीछा

तभी वो लड़का हस्ते हुए निकल जाता है और बस गोलियों की आवाज़ आती है।

वही इन सब चीजों से अंजली एक दम सदमे में आ जाती है।

तभी अंजलि को रूही सभलती है और उसे सारी सचाई बताती है।

अंजली - तुझे कैसे पता, की ये वीर का काम है और किसी का नहीं।

रूही - में एक हैकर हूं, दीदी आप भूल गई क्या।

अंजली - मेरी वजह से पिता जी मारे गया।

रूही - नहीं इन सब की वजह है तनु और साक्षी का पास्ट वो दोनो कुछ गहरा राज छिपा रही है, लेकिन दीदी ये सब वीर भी नहीं कर रहा है उससे कोई और करवा रहा है।

अंजली - ये लड़का किसका है।

रूही - दीदी ये सड़क पर पड़ा था अनाथ था इसे मैं अपना नाम दूंगी।

रूही - ये लीजिए फोन और सारी बात तनु को बता दीजिए।

अंजली ने उसकी बात मान कर ठीक वैसा ही किया।

तनु ने पूरी बात सुनी तो वो अब और टूट चुकी थी उसका सब कुछ छीन लिया गया था , और दूसरी तरफ साक्षी हर दिन जिल्लत की जिंदगी जी रही थी।

उन दोनो को उनकी मां के एक वचन ने रोक रखा था, और ऐसे ही ज़िंदगी वो सब जी रही थी।

**********

वीर कार चला रहा था और एक जंगल मैं आ कर रुकता है जैसा जैसा तुम तुम कह रहे हो वैसा वैसा मैने किया।

आदमी - हा ठीक है जैसे बोलूं वैसा ही करने का अब जा यहां से और आज तनु के पास जा और ये दवाई मिला कर तनु को दे दे और उस चीज़ को मेरे पास लाओ।

वीर कार ले कर तनु के घर आ जाता है और तनु बेहोश भी हो जाती है लेकिन तनु की खुबसूरती देख कर वीर का मन डोल गया और उसने उसके साथ वो किया जिसके बाद उसे काव्या मिली।

इधर वीर को जिस काम के लिया भेजा गया था वो काम हुआ ही नहीं।

लेकिन उस रात से वीर के साथ अजीब अजीब से चीज होने लगी उसका लन्ड खड़ा होना बंद हो गया शरीर में एनर्जी कम होती चली जा रही थी और उसकी याददस्त कमजोर होती जा रही थी और उसका गले पर एक लाल निशान आ गया था।

और ये सब बात वीर के नोटिस करते ही उसने ये बात राजेश हो बताई।

राजेश - हमे जायदाद जल्दी से जल्दी ले लेनी चहिए अंजली की शादी करा के।

**************

अंजली उदास हो कर बैठी थी और कुछ काम कर रही थी तभी उसके पास रूही आ गई और कहती है "उदास मत हो मैने बहुत कुछ पता किया "

अंजली - तो अभी हमे क्या करना चाहिए

रूही - बताती हूं,सबसे पहले तो तुम्हे याद करना है मैं तुम्हारी वाइफ हूं

अंजालि - हा तो

तभी रूही उसे पकड़ कर के अपनी तरफ खीच लेती है और अपने होठ उसके होठ से मिला देती है



और धीरे धीरे दोनो के जिस्म से कपडे उतार जाता है।

रूही - अब ठीक है

अंजली - तूने ये अच्छा नहीं किया

रूही - क्या मतलब

अंजलि उसे एक थप्पड दे देती है और कहती बेहसर्म ऐसे करते हुए तुझे शर्म नहीं आई अपनी ही बहन के साथ मैं तो तुम्हे बहन मानती थी, आज के बाद अपनी सकल मत दिखाना।

रूही - तो इसमें मेरी क्या गलती अगर बचपन से मुझे आपने वाइफ वाइफ कह कर अपने करीब रखा और अब मैं ऐसी बन गई तो मुझे छोड़ दे रही हो

अंजली गुस्सा मैं निकल जाती है और जैसे ही वो बाहर जाती है रमेश उसे ले कर चला जाता है।

फिर काला साया आ जाता है और वीर की जगह sid आ जाता है और इससे इनका पूरा किया धरा बिगड़ जाता है।

और उस दिन से रूही और अंजली की कभी मुलाकात नही हुई।

*********

और फिर रमेश और अंजली इंडिया वापिस आ जाते है, और वीर के गांव आ जाते है जहा वीर रहता था।

और फिर शादी हुई और राजेश और रमेश पैसे लें कर कागजाद ले कर निकल गया।

(नोट - ये पार्ट आपने शुरूवात मैं पड़ा है इसीलिए ज्यादा डिपली नहीं लिखा)

**********

इधर शादी होने के बाद तनु अंजली के पास आती है और कहती है रूही कहा है।

अंजली -
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तनु - उससे बात करो और बोलो राजेश और रमेश पर नज़र रखे और तुम वापिस सिटी जाओ और वीर का छुपा हुआ बिजनेस सभालो और अच्छा से नज़र रखो, कुछ गडबड ना हो, क्युकी मुझे शक है ये सब के पीछे वीर नही कोई था जो हमारे साथ हुआ पास्ट मैं इतनी जिल्लत हमे उठानी पड़ी।

अंजलि - हा कोई और है जो तुम्हे उस राज को हटीयाना चाहता है और उसका कनेक्शन रोशनी मां से है, लेकिन मैं वीर को मारना चाहती हूं।

तनु - ये वीर नही है कोई और है ।

अंजलि - में जा रही हूं , लेकिन तू अपना ख्याल रखना ।

तनु - में तो कबका मर गई हूं, अंजू बस एक जिंदा लाश हूं अब।

अंजली - मेरा सोच मेरा साथ कौन है हर कोई तो मेरा खिलाफ है

फिर अंजली वहा से निकल गई और रूही रमेश और राजेश और रोहित पर नजर बनाए रखी थी

और हर छोटी छोटी बात तनु से बताती उसने ही बताया था कि वीर पर कोई हमला करेगा।

अंजली - रूही

अंजली चिल्लाते हुआ सोच से बाहर आ जाती है।

***************
एक बड़ी सी बिल्डिंग में एक आदमी सिगरेट जलाते हुआ कहता है "तुम्हे क्या लगा अंजली तुम इतनी आसानी से मेरा खेल बिगाड़ लोगी , सालो पहले तो मेरा हो जाना चहिए था उसे लेकिन रोशनी ने तुम्हे बच्चा लिया, लेकिन अब मैं तुम्हे गेम बिगड़ने नही दूंगा"

हा हा हा हा हा मैने ही रोहित को बताया की उसके बेटे के मरने के पिछे कोई और नहीं तुम्हारा हाथ है, वीर तो एक प्यादा था मेरी जान , बाजी तो अभी शुरू हुई है।

रोहित के होते हुआ मुझे कुछ करने की जरुरत नहीं, विलन बनते नही उन्हें ये दुनिया खुद बनाती है , तुम बदल गया ना वीर लेकिन रोहित फिर भी तुम्हारी जान ले लेगा और उसके बाद तनु को उसे बहार निकलना पड़ेगा।

लेकिन मुझे ये समझ नही आ रहा आखिर उस रात ऐसा क्या हुआ की वीर तनु से डरने लगा।

***************

अंजली - रूही रूही, रूही रूही, मेरी रूही को छोड़ दो।

रोहित - ऐसे ही मेरा बेटा भी तड़प रहा होगा जब तूने उसे मारा होगा।

तभी रचना के एक गोली फायर की और वो गोली सीधे जा कर रूही के पैर में लग गई।

अंजली - मेरी बच्चू रूही हिम्मत रख तुम्हे कुछ नहीं होगा , क्यो मेरे पीछे पड़े हो हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, हा हू मैं वीर की पत्नी इसलिए मुझे मारने आए हो, तुम।

रोहित - नही वीर का और मेरा मामला अलग है , वो हम एक दूसरे से निपटा लेंगे , वक्त आने पर क्युकी वीर के पीछे जो है उसे मरना पड़ेगा , लेकिन तुम अंजली तुमसे ये उम्मीद नहीं थी।

अंजली फुट फूट कर रो रही थी और रूही रूही कर रही थी।

रोहित - वीर को जब तक बचा सको, बचा लो।

अंजली - मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था रोहित।

रोहित - क्यों मारा तूने मेरे बेटे को क्यो मैने तो तुम्हे और वीर को कुछ नहीं कहा , अपनी दुश्मनी के बौजुद भी कुछ नही कहा , क्युकी मुझे पता था वीर इतना घटिया इंसान है still तुम उसके साथ हो मतलब ये वीर हो ही नही सकता फिर तुमने मेरा बेटा को क्यो मारा।

अंजली - मैं तुमको अपना भाई बनाई, तुम्हारी मां को इज्जत दिलवाई , और तुम्हारे भाई को पढ़वाया और तुम कहते हो मैने तुम्हारे बेटे को मरवाया बहुत खूब रोहित अच्छा सिला दिया आपने।

रचना - कामिनी

तभी रोहित उसे रोक देता है और अंजली से कहता है ठीक है तुमने नहीं किया तो किसने किया फिर।

अंजली - हवस इंसान को खोखला कर देती है ऐसा कौन है, जो साक्षी और मेरे पीछे पड़ा हो, और किसे मेरे मरने से फायदा होगा।

रोहित - कुछ समझ नहीं आ रहा , लेकिन तुम जाओ और ध्यान रहे तुम्हरा सामना जिससे होगा और इस इंडिया का सबसे खूंखार आदमी है , मुझे इसके आलावा कुछ नही पता , और मैने वीर पर कोई हमला नहीं किया , मैने हमेशा केवल अपने खबरी भेजे है, जिन्हे कोई ना कोई मार दिया जो मुझे नहीं पता

अंजली - तो तुम ये क्यों कहते रमेश से ये तेरे आदमी है ,

रोहित - दहशत बनाने के लिय,तुम्हे हॉस्पिटल भेज देता हूं, ज्यादा खून नहीं बहा होगा रूही का।

रचना - मैं छोड़ दूंगी डैड

अंजली - मेरी नजरो से दूर हो जाओ सब के सब वर्ना अच्छा नहीं होगा, में तनु की बहन हूं , तनु की और वो आएगी

****************

इधर होटल में वीर तनु को अपनी गोद मैं बैठाया हुआ था की तभी उसके फोन पर एक मैसेज आता है, जिसे देख कर के तनु जल्दी से उठ जाती है और वीर को चलने के इशारा करती है, वीर कुछ कहता उसके पहले तनु जोर से चिल्ला देती है।

वीर तनु को गुस्से मैं देख कर डर जाता है और चुप चाप कार चलाने लगते है।

वीर कार ले कर एक घुमशुम घर पर आता है और तनु वीर का हाथ थाम कर अंदर ले जाती है और अंदर जाते ही अंजली बेहोश पड़ी होती है जो बहुत रोने के वजह से बेहोश हो गई थी।

तनु - ये लड़की कभी सुधर ही नही सकती, इसको बोलती हूं आम करती है इमली

वीर - बहन किसकी है

तनु - क्या बोला

वीर - केके कुछ नहीं

तभी तनु की नज़र रूही पर पड़ती है जिसका खून बहुत जा चुका था, तभी वो वीर के हाथ में अपने नाखून गड़ा देती है जिससे वीर बेहोश हो जाता है।

और फिर आधे घंटे बाद जब होश आता है अंजली को तो वो देखती है वो रूही की गोद मे पड़ी है

अंजली - रूही रूही रूही तू ठीक है वो उठ कर उसे गले लगा लेती है।

रूही - अरे मुझे क्या होगा , कौन सा मुझे गोली लगी थी
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अंजली आंखे फाड़े रूही को घूर रही थी, और तभी उसकी नज़र तनु पर पड़ती है जो अपनी गोद मैं वीर का सर सहला रही थी उसे होश में लाने के लिए, जिस पर उसे बहुत प्यार आ रहा था, वीर चाहे जैसा भी हो वीर से वो बहुत प्यार करने लगी थी, हद से ज्यादा।

तनु मन मैं कहती है अभी सो रहा है उठेगा तो
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बच्चो जैसा हाल कर लेगा
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मुंह फूला कर , ऊपर से गुस्सा करेगा।

**************
इन सब से दूर एक आदमी अपना फोन पटक देता है और कहता है पहले वीर का बाप और अब वीर और अब सारे पत्ते मेरे फेल क्यो हो जाते है
तभी वो कॉल कर के कहता है अपने आदमी से "जिस घर मैं वो है सब को उड़ा दो साक्षी को छोड़ कर"

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To be continued saara past cover kar diya.... Bas sakshi aur tanu ko chod kar.... Aur roshni waala part chodkar ..... Ye sab in dono ki side story hai....aur baaki dhere dhere aane jaan jaoge.....

And mera pc chal bsa
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isliya phone par tyep kar ke update de rha but ab se regularly aayga.... Kyuki main cheez yhi thi...
Baaki ab se acha updates aaynge.....pyare pyare jo samaj main aaye....
 
Update 26

तनु मन मैं कहती है अभी सो रहा है उठेगा तो
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बच्चो जैसा हाल कर लेगा
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मुंह फूला कर , ऊपर से गुस्सा करेगा।

**************
इन सब से दूर एक आदमी अपना फोन पटक देता है और कहता है पहले वीर का बाप और अब वीर और अब सारे पत्ते मेरे फेल क्यो हो जाते है
तभी वो कॉल कर के कहता है अपने आदमी से "जिस घर मैं वो है सब को उड़ा दो साक्षी को छोड़ कर"

अब आगे

रूही - कब से सो रही हो उठो

अंजली रूही की आवाज़ सुन कर उठ जाती है और उठते ही तनु की तरफ़ देखती है जो वीर को सहला रही थी उसके माथे को सोहला रही थी।

तनु मन ही मन मुस्कुरा रही थी और वीर को देख रही थी जो उसकी गोद मैं बहुत प्यार से सोया हुआ था

तनु - गधा घोड़ा बैच कर सो रहा है, किसी बात की केयर नही है, चलो उठो अब

तनु ने उसकी नाक दबा दी, जिससे वीर कुनमुनाते हुए तनु की गोद मैं लेट लेट दूसरी तरफ़ करवट ले लेता है और उसकी ये हरक़त देख कर तनु हस देती है और अंजली की आंखे बड़ी बड़ी हो जाती है और रूही भी स्माइल करने लगती है

तनु - अरे उठो वर्ना फेक दूंगी , उठो वीर , वीर वीर तनु वीर को हिलाते हुए कहती है , और जबरदस्ती उसकी आंखो को खोलने लगती है।

इधर वीर कुनमुनते हुए तनु की कमर को लॉक कर लेता हा लेटे लेटे और कहता है "मैं नहीं उठूंगा जो करना है कर लो"

इधर वीर की ऐसे बच्चो जैसी हरकत देख कर तनु हस्ते हस्ते गिर पड़ी थी, और उसे इतना जोर से हंसता देख अंजली को जैसे साप शुंग गया हो, और रूही वीर की बचकानी हरकते देख कर हस रही थी बहुत समय बाद आज रूही हसी थी।

इधर तनु अपने होश सभालती है तो देखती है वीर उसकी कमर पकड़े हुआ है और उसकी झाग पर सर रख कर लेटा है, और उसे नींद मैं तनु पर भरोसा था।

तभी अंजलि कहती है, इसे ऐसे सिचुएशन मैं भी नींद कैसे आ सकती है, उठाओ इसे और ये क्या कर रही हो तुम

तनु - अपने पति को प्यार कर रही हूं मैं और यही तो है जिससे मुझे प्यार है, जिसने मुझे जीना सिखाया , हंसना सिखाया और विश्वास दिलाया।

अंजली - तुम्हारा अकेला का तो पति नही है ना, 2 और है बड़ी आई,

तनु - तेरा भी तो है इतना क्या उछल रही है
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अंजली तनु की बात सुन कर झेप जाती है और रूही बीच में बोलती है तुम दोनो बहने घर पर लड़ लेना अभी के लिए घर चलो, और इसे उठाओ।

तनु - वीर उठो वर्ना थप्पड़ पड़ेगा अब घर नही है, समझे एक बार मैं सुनाई नही पड़ता

अब तनु ने बहुत गुस्से मैं ये बात बोली थी, और तनु की आवाज सुन कर रूही अंजली को पकड़ लेती है।

तभी वीर उसकी कमर को और टाइट जकड़ लेता है और और कहता हैं " ना उठाऊंगा मैं चलो जाओ मैं अपनी तनु के ऊपर से नहीं उठूंगा जो करना है करो मुझे सोने दो बस 5 मिनट" ये कहते हुआ वीर सोते सोते ही जीभ निकाल लेटा है और वीर का ऐसा बिहेवियर देख कर तनु की हसी ही नहीं रुक रही थी और अब अंजली भी मन ही मन हस रही थी

और कहती है अब मुझे पता चला तुम्हे हमेशा साक्षी क्यों उठाने जाती है , कामिनी अकेले अकेले मजा लेती है।

तभी तनु को कुछ अहसास होता है और वो हड़बड़ा जाती है और वीर से कहती है जल्दी घर चलो जल्दी वर्ना वो डायन खून पी लेगी अगर देर हुआ तो ये बात वो मन मैं कहती है और हस्ते हुआ कहती है "बच्चू मुझे अपने पति को ऐसे उठाने के लिए माफ करना" ये कह कर वो वीर की तरफ़ देखती है और उसकी आंखें लाल होने लगती है।

तभी वीर को कुछ साप जकड़ेंने लगते है और वीर हड़बड़ाते हुए डर जाता है और कप रहा होता हैं, और वीर हिलना तो चहता था लेकिन उसका शरीर कुछ नही कर रहा था।

तभी जल्दी से उठ कर बैठ जाता है और कहता है "भागों भागों भागों सापों ने अटैक कर दिया भागों, जल्दी से भागो मेरी तनु कहा है, मेरी तनु, तनु।

तभी तनु कहती है उठ गया तो अब चलो, बाद मैं सो लेना मेरे ऊपर ये कहते हुआ तनु एक हल्की से मुस्कान के साथ मुस्कुरा देती है।

तभी वीर उसकी तरफ देखता है और कहता है "मुझे नहीं सोना और ऐसे क्यो उठाया"

तनु " मैने क्या किया एक तो वैसे ही उठ नहीं रहे थे"

वीर - झूठ मत बोलो मैं एक बार मैं उठ जाता है हूं, हल्की सी आवाज़ होती है तो भी।

वीर की ये बात सुन कर तीनो लड़कियां जो बैठी हुई थी वो हस हस के गिर पड़ती है।

और वीर कहता है ऐसे हसो मत घर पर चलो अब लेट नहीं हो रहा।

इधर वीर अपना मुंह फूला कर चुप चाप जाने लगता है और सभी बाहर आ जाती है और सभी हस रही थी तभी वीर की नज़र अंजली पर पड़ती है, और उसे ही घूरे जा रहा था वीर

वीर देखता है तो अंजली पूरी सेम टू सेम तनु की तरफ देखती हैं, और उसे देख कर कहता है इसकी भी गांड़ मोटी है सेक्सी बदन हाए।

तभी अंजलि मुड़ कर वीर को देखने लगती हैं



तभी तनु और रूही खसते हुए कहती है अगर मिलाप हो गया हो तो घर चले।

उसकी ये बात सुन कर अंजली झेप जाती है, और अंदर बैठ जाती है और कहती है ये वीर तो नहीं है , अगर ये वीर होता तो आज ही उसकी मौत होती मेरे हाथो ये कोई और है।

इधर रूही भी उदास होते हुए अंदर बैठ जाती है, और आज उसका बच्चा भी चला गया बेशक वो सगा बेटा नही था लेकिन रूही की जान उसमें बस्ती थी रूही ने ही उसे पाल पोस कर बहुत बड़ा किया था और आज 4 साल का वो बच्चा चला गया उसका सब कुछ चला गया था फिर भी रूही हमेशा हस्ती रहती है उसकी लाइफ उसने पूरी अंजली के लिए बर्बाद करने का सोच राखी है लेकिन आज अंजली को वीर के साथ देख कर उसे खुशी हुई थी।

तभी अंजलि रूही की तरफ देखती है , और उसकी नज़र को देख कर उसे अहसास होता है उसने अपने साथ साथ रूही की ज़िंदगी बर्बाद कर दी थीं

तभी रूही और बाकी कार मैं बैठ जाती है और वीर चल पड़ता है, इधर वीर अपनी नज़रे चुरा चुरा कर तनु को देख रहा था।

तनु - क्या बात है जी बड़ा प्यार आ रहा है हम पर

वीर की चोरी पकड़े जाने पर वीर चुप चाप कार चलाने लगता है

तभी तनु हस्ती है और कहती है अच्छा तो आप हमसे गुस्सा है।

वीर कुछ नही कहता तभी तनु अंगड़ाई लेती है, और वीर उसे निहारने लगता है, और तनु कहती है सॉरी ना ऐसे गुस्सा मत हो , वैसे भी मैने क्या किया

वीर - अकेला मैं बात होगी

तनु - झूठे अकेला मैं बात कहा करते हो तुम

तनु की बात सुन कर अंजली के गाल ही लाल हो गया था और रूही दूसरी तरफ़ मुंह कर लेती है और वीर चुप चाप गाड़ी चलाने लगता है और तनु एक हाथ से उसका हाथ थाम लेती है जो उसे मना रही थी।

ऐसे ही घर आ जाता है और जब वीर कार से उतरने लगता है तो उसकी नज़र रूही पर पड़ती है , तो उसे देखता ही रह जाता है मासूमियत उसके चहरे से टपक रही थी, उसका प्यारा सा फेस उसकी पतली कमर उसे पकड़ने के लिया कोई भी तड़प उठे।

तभी वीर और तनु की नज़र रूही पर से हट जाती है और अंजली पर पड़ती है जो बड़ी सोच मैं धुभी हुई थी और उसको ऐसे सोच मैं देख कर तनु कहती है " ये कामिनी कुछ धमाका करेगी"

तनु - अंदर चलोगी तुम दोनो

अंजली कुछ सोच मे थी और चुप चाप ऊपर की ओर चल पड़ी।

जैसे ही अंजली ऊपर गई उसके बगल रूही ऊपर आई तो उसे एक अजीब सा अपनापन फील हुआ लेकिन वो अच्छी तरह जानती थी कि वो एक गैर है इन सब के बीच और वो कहती है मैं चली जाउंगी कल।

तभी तनु और वीर भी ऊपर आ गया था, और इधर साक्षी और अनु टीवी मैं सीरियल देख रही थी और दोनो बाहर आती है और अनु रूही को देख कर कुद पड़ती है और चिल्लाती है कुतिय बड़े टाइम बाद मिली।

रूही कस के गले लग जाती है अनु के।

अनु - बहुत फेस किया ना तूने।

रूही - छोड़ ना बीती बात और बता शादी वाली लाइफ कैसी है।

अनु - आराम से बताऊंगी पूरी बात एक एक बात डीपली वैसे भी अब तो यही रहेगी।

रूही - धत मैं यह क्यों रहूंगी , वैसे भी ये कौनसा मेरे पति का घर है मैं तो चली जाऊंगी कुछ टाइम में

अंजली - वो मैं जाने दूंगी तो जाएगी ना तू, और तू यह इसलिए नही रहना चाहती क्युकी ये गैर है तेरे लिए तो ठीक है मैं भी वीर को छोड़ दूंगी।

तनु - क्या नाटक लगा रख हैं।

अंजली - जहा मेरी बहन का कोई अपना नहीं वहा, मेरा भी कोई अपना नहीं, वो इसीलिए यह नही रहना चाहती क्युकी यह सब वीर की वाइफ है और उसका कोई पति नहीं है मेरी वजह से उसने अपना सब कुछ खोया मैने उसे दूर कर दिया और अब और नहीं।

साक्षी - ठीक है , रूही तुम यह नहीं रहना चाहती।

रूही - नही

तनु - फिर ठीक है तुम्हे यह रहना तो पड़ेगा

साक्षी - जब सारी बहेनों के पति के ही है तो तुम्हारे अलग क्यों, तुम्हारी भी शादी वीर से हों जायेगी तो तुम्हे यह रुकना पड़ेगा क्यो अंजलि

अंजली - हा

तनु - फिर हमारी बात माननी पड़ेगी , हर एक बात छोटी से छोटी बड़ी से बडी।

अंजली - मंजूर है,

रूही अपनी तिरछी नज़र से वीर को देख रही थी जो काव्या के साथ खेल रहा था।

ये सुन कर साक्षी जो तनु को पीछे से पकड़ कर के खड़ी थी वो कहती है " बधाई हो वीर 5 वी आने वाली है"

तनु - अगर अब किसी का मुंह खुला तो मैं जबान हमेशा के लिए बंद कर दुंगी।

रूही - लेकिन

अनु पीछे से रूही को एक थप्पड मारती है और कहती है अगर अब कुछ बोली तो ढकेल दूंगी चल बसेगी ऊपर से और कौनसी दावा लेती थी बाहर से इतना सेक्सी बन कर आई है।

तभी वीर शोर सुन कर उसके करीब आता है और तनु के बाजू खड़ा हो जाता है।

वीर - क्या बात है

तनु - रूही से शादी करोगे

वीर - नहीं करना सब आती है मुझे मारती है
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कोई मेरी बात नही सुनता

तनु - चुप और चल कर कार निकालो तुमसे किसी ने राय मांगी है क्या और अनु जा कर रूही को तैयार करो, और अंजली तू भी अंदर जा लेकिन याद रहे, मेरी बात तुम बहन थी इसलिए शादी हो रही वर्ना वीर की तरफ देखने वाले की लाश भी हम नही छोड़ते।

तनु की बात मैं एक अजीब सी धमकी थी एक अलग सा डर जो सबको डराने के लिए काफी था।

इस शादी के लिए वीर खुद तैयार नही था, लेकिन तनु की बात सुन कर वो डर गया था , और कार निकलने चला गया वीर इतना दर गया था कि वो कप रहा था।

वही हाल बाकी का भी था।

सब के जाने के बाद साक्षी कहती है " बहुत कुछ हुआ है अगर हमने रूही को जाने दिया, तो रूही के पीछे जाएगा और तू जानती है ना बड़ी मां ने रूही के अंदर क्या डाला है, हमे उसकी रक्षा करनी है"

तनु - हा मुझे अच्छा से याद है

साक्षी - वैसे रूही की शादी के लिए तू मान गई मुझे उम्मीद नहीं थी।

तनु - यार वो बहन ही है भला चाहती हूं सबका मैं और मेरा वीर पर आज और बहुत प्यार आ रहा है

साक्षी - बेचारे को इतना डाट दी वो तो तेरे लिए सब करता है ना

तनु - यार रूही मेरी भी बहन है बचपन से अंजली के साथ है अंजली मेरी जान है हम दोनो एक है और रूही भी एक अलग जुड़ाव है ऐसे वीर मना किया तो गुस्सा आ गया , लेकिन तू जानती है ना वीर से में कितना प्यार करती हूं , बेशक वो इस शादी से अभी एग्री न करे लेकिन जैसे ही शादी हो जाएगी वो खुद ब खुद रूही को चाहने लगेगा, कम से कम रूही को एक नई जिदंगी दे सकती हूं मैं वो हमेशा अकेली रही है , वीर से शादी के बाद खुद ज़िमेदारी आ जाएगी , और उसे हमारे साथ रहना पड़ेगा क्युकी ये उसका घर बन जाएगा।

साक्षी - वीर

तनु - यार मुझे भी बुरा लग रह था लेकिन तू देखना आज रात भर उसे बहुत प्यार करूंगी।

साक्षी - उसे कैसे पता की रूही के पास वो चीज़ है।

साक्षी - कुछ तो बात है लेकिन कोई नही हम सब संभाल लेंगे वैसे भी टेंशन मत लो

तनु - रात भर मेरी क्या हालत होगी आज तू नहीं जानती, वो केवल मैं जानती हूं , नई पत्नी की हवस भी मेरे से उतरेगा।

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to be continued ..iske baad ka mast waala part socha tha add kar dun... But chodo next update main de dunga sex aur romance....
 
Update 27

साक्षी - उसे कैसे पता की रूही के पास वो चीज़ है।

साक्षी - कुछ तो बात है लेकिन कोई नही हम सब संभाल लेंगे वैसे भी टेंशन मत लो

तनु - रात भर मेरी क्या हालत होगी आज तू नहीं जानती, वो केवल मैं जानती हूं , नई पत्नी की हवस भी मेरे से उतरेगा।

अब आगे ---

साक्षी - तू ना वैसे ये बता सेक्स लाइफ कैसी चल रही है आज कल हमेशा खिली खिली रहती है, तू

तनु - हा अब इतना प्यार करने वाला मिला है तो खुश तो रहना पड़ेगा ही, वैसे क्या बोल रही है अब बता

साक्षी - अरे मैं कह रही उसे कैसे पता की रूही के पास वो चीज़ है।

तनु - रूही की खूबसूरती , रूही की अदा , उसका साफ दिल, और ये बात तो कोई नहीं टाल सकता ना की उसके जितना सुंदर तो कोई नहीं है और यही वजह है जिससे उसको सक हुआ होगा।

साक्षी - उसने रूही को इंडिया बुलाने के लिए इतना दिमाग़ लड़ाया।

तनु - वो जो भी है हमे उसे हल्के में नहीं लेना है और मैं नहीं चाहती थी रूही गलत हाथ में पड़े।

साक्षी - तू बड़ी कामिनी है यार नागिन कही की, उससे वीर की शादी करा दी ताकि वो वीर के प्यार में पड़ जाए , और वीर की हर बात मानना शुरु कर दे और तू उसकी सेफ्टी पर नज़र रख सके।

तनु - वैसे एक रीज़न और है

साक्षी - क्या

तनु - मुझे नहीं पता हमारे दुश्मन क्या घात लगा कर हमला करेगा , लेकिन उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता इसलिए हमे पास और साथ रहने की जरूरत है, दूसरा रीजन है रूही की खुशी वो टूट चुकी है बचपन से अनाथ रही है ऊपर से अंजली ने उसे बहार फेक दिया , और अब उसे जरूरत है जो उसे प्यार की नज़र से देखे उसे प्यार का अहसास दिला सके, और वीर उस चीज़ के करीब रह सके।

साक्षी - वैसे ये सुंदरी तू ला रही है, इससे अनु का दिल बहला रहेगा।

तनु और साक्षी आपस में बात कर रही थी।

इधर अंजली बहुत थक गई थी तो वो काव्या को ले कर सो गई थी।

इधर रूम में अनु, रूही को सजा रही थी और उसे कह रही था।

अनु - तुझे पता है वीर बहुत अच्छा है, मासूम है बहुत डाट खाता रहता है , सबसे लेकिन उसने इसे घर बना दिया, वर्ना ये बस ईट थी।

रूही - क्या फ़र्क पड़ता है ये शादी तो बस सौदा है ताकि मैं घर छोड़ कर ना जा सकू, और इस घर में रह जाऊ, क्युकी दीदी को पता है अगर मेरी शादी वीर से हो गई तो मैं वीर के लिए लॉयल रहूंगी, और उसकी केयर करूंगी।

अनु - कुछ मत करना तू, मैं तेरी सीधेपन का फायदा किसी को नहीं उठाने दूंगी इतना तो मत सोच।

रूही - अच्छा मैं ना सोचूं फिर क्या करू ये शादी मेरे से पूछे बिना की जा रही।

अनु - तू ये शादी नहीं करना चाहती।

रूही - एक लड़का जो आज पहली बार दिखा, जिससे आज देखी और उससे शादी की जा रही है उसकी 4 पत्नी पहले ही है और तू कहती है मैं तुरंत तैयार हो जाऊ, ऊपर से उसने भी मना किया।

अनु - सुन मेरी बात,

रूही - बोल

अनु - बताऊं तुझे वीर के बारे मैं कैसा है वो।

रूही - हा बता इतनी तारीफ़ कर रही है जो उसकी मुझे जबरदस्ती सब बहने मिल कर एक लड़के से शादी करवा दे रही हो , वो भी पता नही कैसा हो क्या सोचता हो।

अनु उसकी बात सुन कर हस रही थी और कहती है तुझे डर है वीर कैसा है, क्यू तुझे डर है, वो कैसा है।

तभी रूही कुछ बोलती उसके पहले अनु गेट लॉक कर देती है और जो नाईटी पहनी थी उसे सरका कर गिरा देती है जिससे अब वो पूरी नंगी हो जाती है।

वही उसे देख कर रूही अब उसे ही घूरने लगती है और उसे अपनी आंखें पर बरोशा नहीं हो रहा था, वो उसके बदन को सहलाने के लिए अपने हाथ को आगे बड़ती है लेकिन अनु उसका हाथ पकड़ लेती है और कहती है "खबरदार अगर हाथ लगाया तो बेशक तो सबसे सुंदर है लेकिन आज तक मेरा वीर ने भी हाथ नहीं लगाया और ऊपर से तू अभी गैर है, मुझे छुने का हक सिर्फ वीर और उसकी पत्नियां का है"

रूही उसके पास से हट जाती है और अनु एक साड़ी निकाल लेती है और फिर पता नहीं क्या सोचती है वापिस रख देती है, और कहती है "नाराज़ मत हो वीर कैसा है इसका जवाब तो मिल गया ना, वैसे भी जो तू चाहती है उसके लिए छूट है , बट उसके पहले तेरी मांग मैं वीर के नाम का सिंदूर होना पढ़ेगा, फिर प्रोमिस मैं नही रोकूंगी तुझे"

रूही - हा ठीक है, अब कपड़े पहन ले साड़ी क्यो अंदर रख दी तूने।

अनु - समझ जाएगी धीरे धीरे

रूही - मुझे यकीन नहीं हो रहा तू अभी तक वर्जिन है

अनु - तुझे क्या लगता है , मैं खुद वीर की तारीफ की वो यू ही थी।

रूही - चल अब बाहर चलते है, शादी करने

अनु - वाह जी आपको सौतन बनाने की इतनी जल्दी

रूही - वीर तो वैसे भी मुझसे शादी नही करना चाहता।

अनु - क्या

रूही - कू कुछ भी तो नही यार चल वर्ना सो जाऊंगी।

इधर ये दोनो रूम से बाहर आते है और इधर वीर भी ऊपर आ रहा गया था और चुपके से झाक रहा था तनु को उसे ऐसे झांकते देख साक्षी देख लेती है और हस देती है और कहती है "पत्नी का खौफ देख कर अच्छा लगा"

इधर वीर कुछ कहता उसके पहले कोई वीर के कंधे पर थपटपता है और कहता है "कुछ देख रहे हो चुपके चुपके"
एकाएक तनु के आने से वीर घबरा जाता है और दौड़ कर साक्षी के पीछे खड़ा हो जाता है।

और उसके पेट को पकड़ कर उसके कंधे पर अपना सर टिका लेता है और फिर तनु को देखता है और कहता है "में तो बस देखने आया था बहुत देर हो गई थी ना"

तनु हसने लगती है उसके इस बिहेवियर पर और साक्षी जो उसकी बाहों मैं खड़ी थी , उसे अच्छा लग रहा था की वीर उसके पीछे सेफ फील कर रहा है।

तभी तनु कहती है "वैसे अच्छी बैक चुनी है ,सेफ्टी के लिए क्यों एकदम सेफ".

तभी रूही को पकड़ कर अनु बाहर आती है और उसको देख कर सभी का ध्यान रूही पर चला जाता है।

रूही ऐसे सब को अपनी ओर घूरता पा कर शर्मा जाती है और कहती है ऐसे मत घूरो मुझे।

तभी उसकी नज़र वीर पर पड़ती है जो उसे नहीं बल्कि साक्षी को देख रहा था इधर साक्षी उसके बाहों से आजाद हो कर रूही के पास आती है और अपने हाथ से अपनी आंखो के पास लगा काजल उसके माथे पर बहुत हल्का सा लगा देती है और कहती है "ये मेरी तरफ से तुम्हारा वेडिंग गिफ्ट ये तुम्हे हर बुरी नज़र और बुरी शक्तियों से बचायेगा और कोई तुम्हारा कुछ नहीं कर पाएगा तुम हामेसा हस्ती रहो नज़र ना लगे किसी की।

और रूही को हग करते हुआ कहती है चुपके से "तनु ने तुम्हे चुना है लकी हो, तनु कभी किसी को वीर के पास नही भटकने देती लेकिन तुम खुद उसकी पसंद हो"

ये कह कर वो चुप चाप तनु के बगल खड़ी हो जाती है और तनु रूही को गले लगा कर अलग होती है और कहती है देखना तुम बहुत खुश रहोगी , तभी रूही की नज़र तनु के गले पर और होठ पर पड़ती है जो वीर के प्यार की गवाही दे रहे था जिसे देख कर तनु हस्ते हुए कहती है "ऐसे मत देखो तुम्हारा इससे भी बुरा हाल होगा और यही तो प्यार है"

तभी रूही की नज़र वीर पर पड़ती है जो उसे घूर रहा था, वो ये बात भूल गया की सब यही मौजूद है।

तभी अनु रूही के आगे खड़ी हो जाती है और कहती है आंखें नोच लुंगी मैं तुम्हारी अगर उसे देखा तो , तू तो शादी नहीं करना चाहता था ना तो अब क्यों घूर रहा है उसे"

उसकी ये बात सुन कर सब हसने लगते है और अनु रूही का हाथ पकड़ कर कार की तरफ़ ले जाने लगती है और वीर उसे जाता देख रहा था, और अब वो वही अटक जाता है और रूही एक बार तिरछी नज़रों से उसे देखने लगती है और कहती है जब इतना ही घूरना था तो सबके सामने मना क्यो किया मुझे बड़ा आया।

इधर अनु उसे कहती है क्यू मैने कहा था ना।

रूही - हा, शर्म नही आती उसे क्या ऐसे कोई घूरता है , दीदी लोग देख रही थी।

अनु - क्या कह कर मना करोगी, अभी तो मैने रोक दिया तब क्या कहोगी शादी बाद की अपनी पत्नी को क्यो घूर रहे हो, और जैसी तेरी हरकतें है ना वैसे तू बहुत जल्दी टांग खोल देगी।

रूही - छी कितनी गंदी बात करती है तू।

तभी सब चले गए थे और तनु कहती है चलो जाओ शादी करो और मुझे नींद आ रही है मैं सोने जा रही और हा साक्षी साथ रहेगी शादी मैं, अब जाओ और अच्छे से एंजॉय करो।

इधर वीर जो तनु को देखता है उसे बाय बोल चला देता है और जाने से पहले तनु का जोड़ा देख रहा था जो बहार ही तांगा हुआ था।

तनु - जाओ यार जल्दी इतना लेट क्यों कर रहे हो।

उसकी बात सुन कर वीर अपना सर नीचे कर के चला जाता है और तनु स्माइल कर के कहती है पागल।

वीर कार मैं आ कर के बैठ जाता है और कार ड्राइव कर के सीधा मंदिर आता है और शादी की तैयारी में जुट जाता है और वीर टाइम निकल कर बस रूही को घूर रहा था।

तभी पंडित जी शादी के लिए ढुलहन और दूल्हा को आगे बुलाते है और वीर और रूही आगे आ जाते है और शादी शुरू हो जाती है।

वीर अब रूही के बगल बैठा था और उसे ही देख रहा था और उसे ऐसे घूरता देख रूही अपनी नज़रे फेर लेती है और वीर दुसरी तरफ देखने लगता है और ऐसे ही शादी की सारी रस्में पूरी हो जाती है और रूही उठ कर जाने लगती है और वीर उसे ही देखने लगता है



वीर उसे ऐसे सजा हुआ देख कर पूरा हिल गया था, और कहता है मेरे नसीब में ऐसे सुंदर लड़की आएगी मुझे उम्मीद नहीं थी।

तभी वो कहता है ये तनु जितनी सुंदर है और अनु जितनी स्लिम हाए

इधर वीर वापिस घर के लिए आने लगता है और रूही को देख कर धीरे से कहता है , मुझे ऐसे इग्नोर क्यो कर रही हो।

उसकी बात सुन कर रूही कहती है "तुम तो मुझसे शादी नही करना चाहता थे, तो अब क्या हो गया हा, जाओ ना मेरे पास क्यों आ रहे हो, और शर्म तो आती नहीं ऐसे घूरते हुए, सब क्या सोच रहे होंगे हर कोई मुझे ही घूर रहा है पूरे शादी के टाइम कौन घूरता है"

वीर - तो अपनी वाइफ को घुर रहा हूं, किसी दूसरे को थोड़ी

रूही - हा तो घूरो लेकिन मुझे अनकोफेटेबल तो मत करो, सब क्या सोच रहे है, की देखो लड़की और लड़के को और क्या घूर रहे हो मुझे दिख नही रह क्या।

वीर - अच्छा ठीक है डातो मत लेकिन , मैं क्या करू तुमसे बात करना चाहता हूं लेकिन तुम करती ही नहीं।

रूही - हा तो इतना ही करना है तो क्यों मना किया था शादी के लिए और अब बच्चो जैसे हरकतें कर रहे हो, अभी सब के साथ चलो बाद मैं कभी मेरा मूड किया तो मैं बात करने खुद आ जाऊंगी।

वीर - प्रोमिस

रूही - हा प्रोमिस

वीर - वैसे तुम बहुत अच्छी दिख रही हो।

रूही - मस्का काम नहीं करेगा, वैसे भी सबसे सुंदर वाइफ हूं तुम्हारी तो मुझे पटाने की कोशिश कर रहे हो लेकिन तुम मेरे साथ टाइम स्पेंड तक नहीं कर पाओगे।

वीर - थैंक्स टू अंजली और अनु।

रूही कुछ और बोलती उसके पहले अनु उसे वापिस ले कर चली जाती हैं, और कहती है क्या कह रहा था वो " अरे कुछ नहीं वो तो बस मुझसे बात कर रहा था"

ऐसे ही वो सब घर आ गए और घर आते ही काव्या और अंजली के बगल रूही और अनु तुरंत सो गए थे क्युकी रात काफी हो गई थी।

वीर कार पार्क कर के सबसे देर में आता है।

और जब वो आता है तो अपनी 3 पत्नी को ऐसे सोते देख उसकी नियत तो बिगड़ जाती है और उसका मन भी था तीनो के साथ सोने का लेकिन वो बस तरस कर रह जाता है और कहता है आप सब ने बहुत फेस किया है वादा रहा तुम सब की स्माइल वापिस लाऊंगा अंजली तुम्हारा हर दिन खुशी से भर दूंगा।

ये कह कर वो एक चादर डाल देता है सभी के ऊपर और काव्या को किस कर के अंजली का बाल सहलाता है और और अनु को और रूही को प्यार से सोता देख कर वो हस कर चला जाता है।

वीर - मेरा बहुत मन कर रहा है लेकिन तनु और साक्षी को इतनी रात परेशान करना ठीक नहीं है, वैसे भी ऐसे मोहाल मैं उन्हे सेक्स के लिए कहना गलत होगा, इसलिए वीर नहाने का सोच कर ठंडे पानी से नहाने चला जाता है और जो कापकाप्ते हुए जल्दी से रूम में जाने लगता है क्युकी वो बहुत तेज कप रहा था।

जैसे ही वीर रूम में अंदर आता है उसका बॉडी का रोम रोम कप जाता है और उसका दिमाग ही हिल गया।

वीर की नज़र बेड पर पड़ती है जो फूलों से सजी हुई थी, और वही साक्षी ढूलहन के जोड़े में बैठी थी और नाक को रुई से साफ कर रही थी।



वीर तो जैसे जम ही गया और तभी उसकी नज़र बेड के दुसरे छोर पर गई जहा तनु ढूलहन के जोड़े में बैठी अपना पल्लू पकड़े वीर को देख रही थी और मासूम सा चहरा बनाया हुआ था।



वीर कुछ कहता उसके पहले तनु कहती है दुश्मन को उनका काम करने दिया जाए और वैसे भी ये दुश्मन का नहीं वाइफ का टाइम होता है समझे, उल्लू कही के तुम्हारी दोनो पत्नियां है ढूलहन के जोड़े में है अगर हमारे होते हुआ आप तड्पो तो फिर हम दोनो कैसी पत्नी फिर।

वीर की सिटी पीटी गुल हो चुकी थी और साक्षी और तनु के दूसरे की तरफ देख रही थी और स्माइल करते हुए बोली 1 बजे है 6 बजे तक टाइम हैं।

To be continued.....

Waise kosis sab cover karne ki thi but maine shaadi wala update de diya waise taiyar rho damdaar update toh agla hoga aur ruhi aur veer ki nokjhok chalgi
 
Update - 28

वीर की सिटी पीटी गुल हो चुकी थी और साक्षी और तनु के दूसरे की तरफ देख रही थी और स्माइल करते हुए बोली 1 बजे है 6 बजे तक टाइम हैं।

अब आगे----

तनु - वाह जी! आपको शॉक भी लगता है हमे तो पता नहीं था।

साक्षी - वैसे जानू बच गए थे, उस दिन आज कौन बचाएगा आपको।

तनु - ही ही ही ही अब मैं क्या करू पत्नियां है तुम्हारी ऐसे सरप्राइज़ मिलते रहेंगे।

वीर - ये ये ये बेड वैगरा तुमने सजाया

साक्षी - हा क्युकी मेरे पति जी को, सुहागरात माननी थी।

ये सुन कर वीर की नज़र दोनो पर पड़ती है दोनो एक से बडकर एक भरे हुए गदराये हुए बदन के मालिक सुंदरता और तीखे नैन नक्श दोनो को भर भर के दिए थे।

तभी तनु उठती है और साक्षी भी उठती है दोनो बड़ी ही सेक्सी अंदाज में चल कर वीर के पास आती है और तनु गेट बंद करने लगती है और साक्षी वीर के एकदम करीब खड़ी हो जाती है और कहती है सुहागरात माननी थी आपको घूर रहे थे जोड़े को तो कह देते हमसे।

वीर तनु के साथ तो कोम्फेटेबल था लेकिन साक्षी उसकी मां थी , जिससे वो बेहद प्यार करता था , लेकिन गभराहट वीर की जा नही रही थी, और वो साक्षी के लिए तड़प भी रहा था तभी वीर के पैर लड़खाते है और वो पिछे को होता है।

तभी पीछे से उसकों तनु पकड़ लेती है और साक्षी कहती है कब तक मेरी ब्रा और पैंटी खराब करोगे, अब तुम्हारी वाइफ खुद तुम्हे प्यार करेगी, तुम्हारा और मेरा साथ तो हमेशा का है बच्चू।

वीर कुछ कहता तभी साक्षी उसका हाथ थाम कर बेड पर ले कर चलने लगती है और तनु उसके पीछे पीछे वीर के दूसरा हाथ थाम कर बेड पर लाती है।

दोनो को ऐसे सजा और सवार देख कर वीर की सास तेज़ हो गई थी ऊपर से आज साक्षी के मौजूदगी उसे अहसास दिला रही थी।

साक्षी उसे बेड पर लिटा देती है और तनु और साक्षी एक दुसरे की तरफ हस्ते हुए देखती है और वीर की तरफ देखती है वीर ये तो समझ गया था की दोनो को आज कोई नहीं रोक सकता लेकिन तनु को वीर नजरो से देख रहा था।

तभी तनु हस्ते हुए कहती है पति जी आप की दोनो वाइफ तैयार है,सजी है, क्यो ऐसे ही हमसे शुरवात करना चाहते थे , ना अब हमे जी भर कर प्यार करना, वैसे भी आप हमारे हो और तनु स्माइल करते हुआ साक्षी को देखती है दोनो वीर को पा कर बहुत खुश थी, और अब वीर को इस प्यार की आदत डालनी पड़ेगी।

वीर कुछ बोलता उसके पहले तनु उसके फेस के पास फेस का कर उसकी आंखो में देखती है, और मौके का फ़ायदा उठा कर साक्षी उसके ऊपर आ कर लेट जाती है और उसके आधे शरीर पर कब्जा कर लेती है और उसका एक हाथ बहुत कस के अपने हाथ मैं दबा लेती है।

जिससे वीर की सास ही तेज हो जाती है, और वीर कुछ कहता उसके पहले उसके दूसरे तरफ उसके आधे शरीर पर तनु लेट जाती है, और उसका एक हाथ पकड़ लेती है।

और जैसे ही वीर को साक्षी और तनु के सीने के उबार अपने सीने पर फील हुआ उसकी सास एक बार अटक गई और वो अपनी आंखो से साक्षी की नजरो को देखने लगा।

तभी साक्षी कहती है "वैसे बात करना अच्छा नहीं लग रहा था, ऐसे ज्यादा अच्छा लग रहा है" और बोलते बोलते साक्षी एक हाथ से वीर के गले पर और होठ मैं उंगली फिराने लगती है।

वीर की सास तेज चलने लगी थी और तभी वीर का लन्ड साक्षी की नाभी पर फील होने लगा जिससे साक्षी की सास तेज चलने लगी, और वो भी तेजी से सास लेने लगी और वीर से कहती है इंतजार नहीं हो रहा तुमसे।

तभी तनु वीर की नजरो मैं देख रही थी और वीर के हाथ को बहुत कस के पकड़ लिया और वीर के गले पर अपने होठ रख दिए।

वही वीर को दोनो तरफ से हो रहे हमले बरदाश नहीं हो रहे थे, लेकिन उसे अच्छा तो बहुत लग रहा था।

तभी साक्षी अपने सीने वीर के सीने मैं गाड़ते हुए कहती है वैसे वो गलत छेद है, ये सुन कर वीर की सास अटक जाती है और साक्षी उसके होठ के करीब जाने लगी और धीरे से कामुक आवाज़ मैं कहती है वैसे पति और पत्नी की बेशर्मी जितनी ज्यादा हो प्यार उतना गहरा होता है, अभी तक आपने गुस्सा देखा है, अब प्यार देखने की बारी है।

तभी वीर अपना सर उधर कर लेता है जिससे उसके गले को पागलों की तरह चूम रही तनु के होठ अलग हो जाते है और तनु उसे घूरने लगती है और बच्चो की आवाज़ मैं कहती है " क्या कर रहे हो"

तभी तनु को एहसाह होता है की उसके बगल साक्षी भी मौजूद है जिससे वो वीर की नाक पकड़ कर हिलाती है और कहती है हाए जान अगर तुम्हारी 3 पत्नी जो बहार लेती है अगर वो ऐसे शरमाते हुए देख लेंगी ना तो वो तुम्हे खा जाएगी।

साक्षी - तनु जरा अलमारी से रस्सी लाओ ज़रा।

तनु - ही ही ही ही रुको लाती हूं।

वीर कुछ बोलता तभी साक्षी अब पूरा उसके ऊपर आ गई, और वीर की सास तेज़ हो गई, और साक्षी कहती है हिम्मत है तो बोल लो कुछ, मैं तुम्हारी वो साक्षी हूं , जिसके आगे तुम कुछ नहीं कर सकते।

और उसके बाद साक्षी वीर के मुंह के जस्ट सामने आ जाती है और वीर की गर्म सास उसे फील होने लगती है , और दोनो एक दूसरे को देख रहे थे, लेकिन तभी साक्षी उसके नाक के पास अपनी नाक लड़ा देती है और वीर की हालत खराब हो गई, बेशक उसने सेक्स पहले किया था लेकिन वो आज तीसरी बार सेक्स कर रहा था वो भी साक्षी के साथ जो उसकी पत्नी थी, अब बचपन से जिसे देखा था वो एहसाह वीर भूल नहीं पा रहा था।

तभी वीर को अपने हाथों मैं कुछ फील होता है तब तक साक्षी हंसते हुए कहती है," बहुत छटपटा रहे थे, ना अब तो आपके हाथ भी बांध दिए गए, अब आपके हाथ तब खुलेंगे जब हमे लगेगा।

वीर तनु और साक्षी का ये रूप देख कर मन ही मन खुश था, लेकिन ये रूप उसे बहुत हैरान भी कर रहा था, तो वो दोनो को अपनी टिमटिमाती आंखो से देखेंने लगा जिसे देखते ही तनु जो अपना जोड़ा सही कर रही थी, वो वीर के बाजू में आ कर लेट जाती है , और अपनी अल्पिन निकल देती है, और वीर की शर्ट तो पहले भी नही पहनी थी बस बनियान थी जिसे तनु ने फाड़ कर फेक दिया और अब वीर का बदन जिसमें 6 पैक ऊबर रहे थे, वो सामने आ जाता है।

वही साक्षी भी वीर के पास वापिस उसके आधे शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है, और उसके होठ एकदम करीब आ जाती है , और वीर अपनी आखें बंद कर लेता है।

तभी वीर को हल्का से दर्द का अहसास होता है जिससे उसकी आह निकल जाती है, तभी वीर अपनी आंखो को खोलता है तो देखता है तनु उसे नोचने मैं मस्त थी, जिसकी सास भारी थी, होठ कांप रहे थे और उसके पूरे आधे सीने पर वो काट रही थी, और अपने होठ के और दातों के निशान छोड़ रही थी।

इस हमले से वीर की सास अटक गई थी लेकिन फिर भी वो ठीक था, लेकिन उसे तनु पर बहुत प्यार आ रहा था, और आता भी क्यू नहीं , साहब पहले ही मजा लूट चुके है, इसलिया तनु जानती थी उसे क्या करना है, और वीर को प्यार कर रही थी।

वीर को तभी अहसास हुआ की उसके दूसरे छोर पर उसके आधे शरीर पर साक्षी लटकी हुई, जिसकी ओर देखते ही वीर की सास चढ़ गई, और साक्षी अपने नाखून वीर के कंधे पर गड़ा दी, और उसके होठ के जस्ट बगल अपने होठ रख दी।

यह वीर पागल हुआ जा रहा था उसे एक नसीब ना हुई , आज दोनो उसे खाए जा रही है, इस दोहरे हमले से वीर की सास तेज़ थी।

वीर के हाथ बंधे हुए थे, और वीर कुछ नहीं कर सकता तभी साक्षी ने और तनु ने एक साथ हमला कर दिया।

साक्षी ने पहली बार अपने होठ वीर के होठ पर रख दिए और तनु ने अपने जिस्म वीर के जिस्म पर रख कर उसके शरीर से चिपक गई और अपने होठ वीर के गले पर रख और वीर के गाल से गाल सटा रही थी।

वही साक्षी वीर के होठ को चूमे पड़ी थी, और उसके होठ से होठ मिला कर वीर के जीभ से अपनी जीभ मिला रही चुकी थी , ये साक्षी की पहली किस थी , उसने पहली बार किसी को चूमा था साक्षी के रोम रोम हिल चुका था, उसकी मदहोशी से साफ पता चल रहा था।

तभी साक्षी ने अपने एक हाथ से वीर के गाल पर रखा और दूसरा हाथ वीर के कंधे पर और उसके होठ को काटना शुरू कर दिया जिसमें वीर ने उसका पूरा साथ दे रहा था।

वही दूसरी तरफ तनु वीर से इतना कस कर के चिपकी हुई थी की वीर के रोए भी खड़े हो चुके थे और वीर के आधे शरीर को अपनी लाल लिपस्टिक से लाल कर चुकी थी

तभी तनु की नज़र साक्षी पर पड़ती है तो वो हैरान हो गई थी क्युकी साक्षी इतनी हार्ड किस कर रही थी की वीर के होठ भी लाल हो गया थे, और उनमें हल्की सी सूजन थी।

तभी तनु को अपनी किस याद आ गई, वीर की अदा सेम टू सेम उसी के जैसे थी वीर ने उसके गाल और कंधे पकड़ कर ऐसी ही जोरदार किस करी थी तभी उसने कहा बाद मैं सोचूंगी ये सब ये कह कर वो साक्षी के पीछे एक थप्पड मारती है और उसकी चोटी खींच लेती है जिससे उसकी की रुक जाती है।

और किस के रुकते ही वीर थोड़ी तेज तेज सास लेते है और साक्षी मुंह बना कर तनु को देखती है जैसे उसकी पसंदीदा चीज किसी ने छीन ली।

साक्षी - क्या है
तनु - सास ले खुद भी और उसे भी रोज़ रात और दिन अब यही करना है, उसकी हालात भी देख कब से उसे पकड़ के उसे ही खाए जा रही थी।

तभी साक्षी सास लेती है और पानी का बॉटल से पानी पीती है और फिर से अपने मुंह में पानी भर लेती है और वीर को किस करते हुए पिलाने लगती है।

तभी साक्षी की नज़र वीर पर पड़ती है तो उसे हसी आ जाती है, वीर की आधी साइड लाल थी , और आधी साइड वाइड।

तभी साक्षी तनु को देखती है और तनु कहती है, मेरा छोड़ अपना देख तूने उसका पूरा मुंह लाल कर दिया है।

तभी दोनो एक दूसरे की तरफ देखती है और फिर वीर को देखती है और दोनो की लाल आंखें बहुत कुछ कह रही थी।

तभी वीर कहता है फिर होने वाला है मेरे साथ और वीर कहता है अरे मुझे 2 मिनट के लिए खोल दो बस 2 मिनट के लिए प्लीज।

तभी तनु उसके ऊपर लेट जाती है और साक्षी उसके बगल वापिस अपनी साइड और दोनो वीर को देखती हुई अपनी सास पकड़ते हुए बोलती है " जी नहीं खोलेंगे"

वीर - यार बस 2 मिनट।

तभी वीर की नजरो मैं देखती हुआ साक्षी कहती है क्या बात है

तनु - दर्द कर रहा है

तभी दोनो हस्ते हुए वीर के लन्ड की ओर देखती है और वीर अपनी आंख फाड़े फाड़े देख रहा था तभी साक्षी ने जींस का बैटन ओपन कर दिया और तेज से सास लेने लगी और तनु ने अपनी सास पकड़ते हुआ हस्ते हुआ अपने हाथ से वीर का लन्ड सेट किया और दोनो वापिस अपनी अपनी जगह पर आ गए।

तनु - अब ठीक है

साक्षी अब वापिस वीर के होठ वीर को कोने कोने चूमने लगती है और अब उसकी सास पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और इधर तनु का भी यही हाल था वो वीर के होठ को काट रही थी और ऊपर से वीर के जिस्म से खेल रही थी।

वीर की दोनो भरी हुई पत्नियां वीर को पूरा खा रही थी, इधर वीर की हालत बहुत खराब हो चुकी थी उसका बस चलता तो अब वो अभी के अभी दोनो को चोदना शुरू कर देता।

लेकिन वो ऐसे नही करना चाहता था क्युकी आज उसकी दोनो पत्नियां उसे धीरे धीरे प्यार कर रही थी, जैसा सुहागरात में होता है, लेकिन दोनो बहुत गरम हो चुकी थी , लेकिन वीर के हिस्से का काम तो वीर के बिना नही हो सकता था।

दोनो इतनी गरम थी की कुछ समझ नहीं आ रहा था साक्षी तेज से सास लेते हुए तनु को देखती है और वीर का लन्ड जो अब 90 डिग्री पर खड़ा था वो दोनो को चूब रहा था वीर और साक्षी के दूसरे को बहुत प्यारी भरी नज़र से देख रहे थे।

तभी वीर तनु की तरफ देखता है और तनु उसका हाथ खोल देती है, और जैसे ही वीर का हाथ छूटा तनु और साक्षी की दिल की धड़कन तेज हो गई।

तनु तो फिर भी ठीक थी, लेकिन साक्षी की ये सही मैं सुहागरात थी बेशक दोनो वीर से कही ज्यादा जानती थी , लेकिन वो भी वीर को पति मान कर आज से ही उसको अपना सब कुछ शॉप दी थी, लेकिन वो शर्म और हया उसके चेहरे पर आ रही थी।

तभी वीर आगे बढ़ा साक्षी का हाथ पकड़ कर के अपने सीने से लगा लिया, और उसकी कमर को जकड़ कर के उसे बहुत कस कर सट कर होठ से होठ मिला दिया, और दोनो के होठ से होठ मिलते ही, वीर ने साक्षी के जिस्म को मसलना शुरू कर दिया।

वही वीर के हाथ अब साक्षी की गांड़ पर गए जिससे साक्षी मदहोश होने लगी और तभी वीर ने अपना एक साथ साक्षी के चूची पर रख कर मसलना शुरू कर दिया।

इस दोहरे हमले से साक्षी बावली सी हो गई, और वीर ने बेड पर टेक लगा लिया और साक्षी के जिस्म पर अपनी छाप छोड़ने लगा इधर साक्षी इस दोहरे हमले से पागल हुए जा रही थी, अगर ऐसे ही चला तो वो पानी छोड़ देती।

इधर तनु बस चुप चाप इनके काम कीड़ा को देखने लगी, और तनु मन मैं कहती है ये रात साक्षी को ज्यादा प्यार मिलना चहिए उसे इसकी ज्यादा जरूरत है और वो आराम से बैठ गई।

इधर वीर अपनी किस तोड़ते हुए कहता है मैने इसके लिए बहुत वेट किया , फाइनली आज दोनो चीज एक साथ हुई आप भी हमारी सुहागरात भी, इधर वीर अब साक्षी को थोड़ा साइड कर देता है और उसको एक हाथ से हग किया हुआ था और उसी हाथ से उसके जिस्म को छेड़ रहा था।

इधर वीर एक साइड खाली थी , जिसे तनु अजीब नज़रों से देख रही थी की ये क्या कर रहा है , तभी वीर ने उसे अपनी ओर खींच लिया, और उसकी आंखो में देखेते हुए बोला "बच्चू आज हमारी सुहागरात है समझी, कोई सान पट्टी नही , दुनिया की नजरो मैं चाहे जो भी हो तुम दोनो मेरे नजरो मैं तो पत्नी ही रहोगी, और ऐसे कोने कोने क्यो बैठी थी, अब तो हर रोज आपको झेलना पड़ेगा, आप को तो पता ही है।

तभी तनु हस देती है और उसकी आखों में हल्की नमी थी, तभी वो वीर के गले लग जाती है और वीर उसे अलग कर के उसके होठ पर हमला कर देता है और एक हाथ से तनु की कमर और चूची बहुत जोर जोर से दबा रहा था और तनु वीर के हाथ को रोकने की कोशिश करती है।

तभी तनु को एक हाथ और अपनी कमर पर फील होता है, वो हिल नही पा रही थी की क्युकी वीर उसे पकड़ हुआ था तभी साक्षी के साथ से तनु की कमर सहलाते हुए, दूसरे हाथ से तनु के चूचों को दबा देती हैं उसकी भी पकड़ बहुत तेज थी।

इधर तनु की आंखे अब खुद बा खुद बंद होने लगी और तभी उसके ऊपर लटते हुए साक्षी उसके कान को मुंह में भर लेती है और अब तनु छटपटाने लगती है और वीर स्माइल करते हुए उसके होठ को छोड़ देता है।

तनु - तेरी आ आआ आआ आ तेरी बारी आने दे फिर बताऊंगी मैं इतने कस के निचोड़ा है तूने।

साक्षी - ही ही ही ही आदत डाल ले बन्नो।

तभी वीर एक बार और किस करना शुरू कर देता है, इस बार भी तनु ने साथ दिया और दोनो ने साक्षी और वीर ने बहुत कस के तनु को निचोड़ा जिससे तनु की आह ही निकल जा रही थी।

तभी तनु को सास लेने के लिए वीर ने छोड़ा तो तनु लुड़क गई और तकिया पर और अपना बदन सहलाते हुआ बोलती है रुक तुझे तो बताती हुं, उसकी नाक की बाली और कान के जमके, उसका जोड़ा सब उसकी प्यार की गवाई दे रहा था तभी साक्षी बोली जब ये मुझे निचोड़ रहा था तब तो तू चुप चाप आंखे सेक रही थी, जो हाल तनु का था वही हाल साक्षी का भी था।

इधर वीर ने अब साक्षी को देखा और उसकी आंखें मैं देखते हुए, उसे अपने ऊपर बैठा लिया और उसके कानो से झुमके उतारने लगा , और साक्षी इस एहसाह से सिहर सी उठी, और अगले ही पल फिर ने उसके दूसरे झुमके उतारने लगा , वो बस अपनी आखों को बंद कर के ये एहसास ले रही थी क्युकी उसे पता था अब क्या होने वाला है, तभी साक्षी ने अपनी आखों को खोला और देखा तो पाया कि वीर उसकी बाली खोल रहा है नाक की और उसके बालो से हटाते हुए मांग टीका निकल रहा है।

और अब साक्षी के बाल जो बंधे हुए थे, उसे हमेशा बंधे बाल पसन्द थे, वीर ने उसे खोल दिया और कहा "खुले बालो मैं अच्छी लगती हो"

साक्षी - ठीक है फिर आपकी जैसी मर्जी पति जी

फिर वीर साक्षी के गले पर से गहने उतारने शुरू कर दिए और साक्षी के सारे गहने उतर जाने के बाद वीर उसकी साड़ी का पल्लू भी हटा दिया , जिससे एक बार फिर साक्षी की नज़र चोड़ी हो गई और उसने साक्षी को उठा कर खड़ा किया और साक्षी की साड़ी खोल दी जिससे साक्षी अब ब्लाउज और पेटिकोट मैं रह गई थी, जिससे वो अपने लाल गाल लिए चुप चाप बेड पर बैठ गई एक दम कोने और मन ही मन इस feeling को जी रही थी, जिससे तनु हसने लगी और वीर ने अब तनु को अपनी बाहों में भर कर उसके गहने उतारने शुरू कर दिया जिसके अहसास से अब उसकी सिसक निकल आई , वही तनु के सारे गहने उतर जाने के बाद वो स्माइल करती हुई वीर को गले लगा दी, और वीर ने उसकी पतली सी कमर के थाम लिया और दोनो ऐसे ही खड़े रहे, और फिर साक्षी भी चुप चाप खड़ी हो कर दोनो के बीच घुस गई।

तभी साक्षी को वीर ने उठा कर बेड पर रख दिया और तनु ने अपनी साड़ी उतारनी शुरू कर दी और पेटीकोट और ब्लाउज मैं आ कर बेड पर बैठ गई।

तभी वीर ने साक्षी को लिटा कर अपना जींस उतार कर फेक दिया और साक्षी के ऊपर लेट गया जिससे साक्षी को अपनी चूत के ऊपर वीर का लन्ड गड़ने लगा इधर वीर बस उसे चूमे जा रहा था और ऊपर से साक्षी को चोदने लगा, जिससे साक्षी की सास अटक गई।

और तनु ने तभी वीर को एक चपत मारी जिससे वीर होश में आया और तनु साक्षी के होठ को चूमने लगी और वीर साक्षी के पेट को चूमने और उसका हाथ तनु की हिप्स पर थे और साक्षी बस आहे भर रही थी, और साक्षी इस मजे से अपनी आखें बंद कर ली और तनु ने उसके चूचों को दबनाना शुरू दिया और साक्षी आहे भरते हुए तनु को जकड़ लिया और तनु को जकड़ते ही दोनो के चूचों के मिलते ही दोनो की एक साथ आह निकल पड़ी।

और वीर ने साक्षी के ऊपर तिरछे लेते लेते तनु को पकड़ लिया और उसकी कमर को चूमना शुरू कर दिया, जिससे तनु पागल हुए जा रही थी, और तनु के साथ खेलने के बाद वीर वापिस साक्षी पर आता है और उसके पेटिकोट को खोल देता है जिससे साक्षी की सास तेज़ हो गई थी।

और वीर ने 2 सैकंड मैं साक्षी के पेटिकोट निकल दिया और ऊपर से तनु ने उसका ब्लाउज निकल दिया और साक्षी ने भी जल्दी से तनु का ब्लाउज उतार दिया।

क्युकी दोनो को नही पता था वीर कब किसके साथ क्या करे।

इधर वीर ने जैसे ही अपना मुंह साक्षी की झांग पर रखा साक्षी के पूरे शरीर में करंट दौड़ गया और इधर वीर के हाथ तनु के झाग से खेल रहे थे और उसकी गांड़ को दबा रहे थे तभी तनु के भी पेटीकोट वीर ने उतार दिए और अब साक्षी के ऊपर साइड आ कर वीर तनु और साक्षी के ऊपर आ गया और तीनो की सास बहुत तेज चल रही थी।

तभी वीर के दोनो हाथ दोनो के चूचों को दबाने मैं शुरू हो गए धीरे धीरे दोनो के ब्रा उतार गई।

ब्रा के गिरते ही साक्षी की आंखे बंद और हार्ट बीट तेज हो गई , और वीर के आखों के सामने जैसे ही साक्षी और तनु के चूचों दिखे वीर पागलों जैसे उन्हें काटना चूसना शुरू कर दिया और वीर के हर अहसास से इधर साक्षी और तनु दोनो की हालत खराब होती जा रही थी और ऊपर से तनु फिर भी कंट्रोल में थी लेकिन साक्षी की चूत पानिया गई थी।

इधर वीर के हाथ साक्षी और तनु के हाथ थाम रखे थे, और दोनो की हाथों से चूड़ियों की छन छन पूरे रूम में फेल गई थी।

तभी वीर ने तनु को इशारा किया और तनु साक्षी के ऊपर आ गई और आते ही तनु की पँटी उतार गई और अगले ही पल साक्षी की पूरी लाल हो गई और उसकी पँटी उतार गई और उसकी पैंटी उतरते ही तनु ने उसका हाथ बहुत जोर से थाम लिया जिसेसे तनु उसकी आंखो में देखती है और उसके होठ को नोचने लगती है।

इधर वीर ने अपना मुंह साक्षी की चूत पर रखते ही साक्षी सिहर उठी उसके हाथ तनु के हाथ में थे और वो छटपटा रही थी और तनु उसे पागलों जैसे चूमे जा रही थी

साक्षी - तनु तनु तनु

तनु - हा बाबा तुम्हारे पास हूं ना,

साक्षी - तनु उम्मम्मम्मम

तनु ने उसके होठ चूम लिएं जिससे वो कुछ ना कह सकी लेकिन तभी वीर साक्षी को छोड़ देता है और तनु की चूत पर अपना मुंह रख देता है जिससे तनु की आह निकलने वाली थी की साक्षी ने उसके होठ को थाम लिया, और उसके दोनो चूची को दबाने लगीं और दोनो इस कदर गर्म हो गई थी की दोनो को कुछ भी परवाह नहीं थी।

तभी तनु जो साक्षी के ऊपर लेटी हुई थी उसकी कमर और गांड़ पकड़ लेता है और जोरदार धक्का लगाते हुए वीर तनु की चूत में लन्ड उतार देता है और मौके पर ही साक्षी ने तनु का मुंह अपने मुंह में ले लिया, और एक हाथ से उसकी चूत सहलाने लगी।




तनु - शीट आआआआहह यारर थोडा आराम से aaaahahaa वीईईई वीर नही बच्चा जान आराम से ना आए कामिनी काट क्यो रही है।

साक्षी उसके होठ को अपने हाथ से बंद कर देती है और उसकी पीठ को एक हाथ से पकड़ लेती है और उसके चूचों को बारी बारी चूसने लगती है।

इधर तनु की सिसकारियां पूरे रूम मैं फेल गई थी और वो वीर को रुकने का बोल रही थी।

तभी साक्षी धीरे से उसकी ओर देख कर कहती है सारी दुनिया जिससे डरती है आज उसको एक लड़के ने परेशान कर दिया कहती थी ना मैं एक दिन ऐसे आएगा जब कोई तुम्हे प्यार से जोतेगा और तू खुद साथ देगी।

तनु - आआआहह्ह मम्मी ree थोड़ा धीरे यार पूरा जल रही है , कामिनी वो मेरे प्यार है उसी ने तो जीना सिखाया और तनु उसके होठ मैं होठ दे देती है और उसी टाइम वीर ने तनु की चूत से निकल कर साक्षी की चूत में डाल देता है जिससे साक्षी की चीख निकल जाती है।




साक्षी - आह्हह्हह आह्हह्हह्ह वीर वीर यार आह्हह्हशा उम्म उम्मम् धीरे आह।



साक्षी - आआआआहहह वीर आराम से आआहाह्ह ऐसे ही आआआहहहह उफ्फफ्फ तुमसे धीरे नही होता क्या तोड़ के रख देते हो यार हो यार दिन भर तो चुप रहते हो डाट खाते हो आआआआह मम्मी यार रात को हिम्मत इतनी आ जाती है

साक्षी - अह्हहहहह वीर मर जाऊंगी अब थोड़ा थड़ी रेस्ट दे दो थोडी देर के लिए रेस्ट दे दो आआआआआहहह यार
साक्षी की चीख सुन कर तनु उसके बाल सहलाने लगती है और वीर उठ जाता है



इधर साक्षी छूटते ही सोफे पर बैठ जाती है और उसी सोफे पर तनु के कंधे पकड़ कर वीर शुरू रहता है।



तनु - आह आराम से ऐसे ही दक्के लगाओ आआआआ येसस्सस्स yessss बेब आआआआहहह जान थोड़ा होले होले होले।

तनु - प्राण ही निकल लेते हो यार तुम , रात को तो पूरे फॉर्म में रहते हो आआ आआ

वीर - तुमसे कितना प्यार करता हूं

तनु - आआआआहहह उम्मम्म्म उम्मम्म्मम प्यार अरे प्यार तो मैं भी करती हूं बच्चा आहा , इस डायन की बारी अब छोड़ो मुझे हटो aaaaah दईया छोड़ दो यार थोड़ा सास लेने दो तोड़ कर रख देते हो।

तनु के छोड़ते ही वीर साक्षी की लेने लगता है और तनु साक्षी के चूत पर मुंह रख देती है।




साक्षी - आआआहहहह अहाशहहह वीर वीर fuck fuck fuck ohhhh goddddddd सस्ससास



साक्षी - यार वीर आआआहह्हह अहाहहह उम्मम्मम् तेज तेज तेज डक्के मारो आआ वीर वीर वीईईईईईईई बीयर

साक्षी का पूरा जिस्म अकड़ने लगा और जो झड़ने लगी थी।

साक्षी - यार अब छोड़ दो यार वाइफ हूं तुम्हारी थोड़ा रेस्ट दे दो हम दोनो को तुम तो रुक जाते हो बार बार हमारी चूत है मशीन नही बस थोड़ा रेस्ट।

तभी वीर साक्षी को दबा लेते है और उसके ऊपर लेट कर चोदने लगता है और उसके पूरे अंदर डाल देता है




और पूरा पानी साक्षी की चूत में निकल देता है।
साक्षी और तनु वीर के नीचे दबी रहती है और दोनो की चूत में वीर में एक एक बार पानी छोड़ दिया था।

साक्षी और तनु अपनी सास पकड़ रहे थे। दोनो की पिछले 1 घंटे लगातार चूदाई हो रही थी दोनो का शरीर जवाब दे गया था।

साक्षी - जब उसका पानी एक बार आ गया था, तो तूने दुबारा खड़ा क्यो करवाया डायन।

तनु - क्युकी मैं वीर को जानती हूं एक बार से उसका दिल नही भरता और 2 बार मैं 45 मिनट तक चला अब वो थक गया है तो रेस्ट करो , और गुस्सा मत हो।

साक्षी - क्यो गुस्सा से क्या हुआ

तभी साक्षी की नजर वीर के लन्ड पर पड़ती है जो वापिस खड़ा हो रहा था तभी साक्षी मासूम सी सकल बना कर कहती हैं समझ गई।

तनु - क्या समझी

साक्षी - जितना पसंदीदा पत्नी, उतनी उसकी ठोकाई होती है।

तभी साक्षी और तनु और वीर एक दूसरे को जकड़ कर लेट जाते है और 15 मिनट बाद साक्षी नोटिस करती है की उसे कुछ आवाज आ रही थी।

तभी वो देखती है की वीर तनु का मुंह दबाए उसे चोद रहा रहा था।




तनु - उम्मम्म्म इम्म्म यार आआआआह्हह्हह

तभी वीर अपना हाथ हटा देता है और तनु कहती है दिल नही भरता ना तुम्हारा।

वीर - तुमसे मेरे दिल भर जाएगा मजाक मत करो।

तभी तनु का बदन अकड़ने लगता है और वीर उसे पकड़े रहता है और तनु को झड़ने देते है।

तभी तनु को छोड़ कर वीर साक्षी के पास आता है और कहता है बस एक बार बार बस एक बार लास्ट बार प्लीज ना वाइफ

साक्षी - यार

तब तक साक्षी को वीर बड़ी सी तकिया पर टिका देता है और उसकी दमदार चूदाई शुरू कर देता है।




साक्षी का तो दिमाग ही हिल गया इतना तेज तेज दकके वीर लगा रहा था और उसके गाल पूरे लाल लाल थे, आज उसका पति उसकी ऐसी दमदार चूदाई कर रहा था की उसे दर्द और मजा का मिला जुला अहसास हो रहा था।

तभी वीर झड़ने को आता है और दोनो एक साथ झड़ जाते है और वीर साक्षी और तनु एक दुसरे के ऊपर पड़े हुए थे, और तनु कहती है मजा आई सुहागरात को।

साक्षी - हा बहुत ज्यादा ही ही ही पूरा शरीर दर्द कर रहा है लेकिन फिर भी धीरे धीरे जगह बन जाएगी तो मजा ही मजा आएगा वैसे भी इतना प्यार पति है

तनु - गुड और एक राज की बात बता

साक्षी - क्या

तनु - ये सुहागरात ना भी होती तो भी इतनी चूदाई होती तुम्हारी
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बस ये एक्स्ट्रा राउंड नही लगता लास्ट वाला , और अब आदत डाल लो कभी भी साड़ी उठानी पड़ जा

ये सुन कर साक्षी हसने लगती है और कहती है हम दोनो को पूरा निचोड़ दिया है या

तनु - यार पूरा शरीर दर्द कर रहा है , हाए वैसे बहुत प्यार करता है हम सब से मुझे इस बात की खुशी है, मैं क्या हूं इससे इसे फरक नही पड़ता

साक्षी - हा कहता है मुझसे एक दिन तुम और तनु साथ रहो मेरे बस बाकी खुश रखने की जिमेदारी मेरी है

तनु - प्यार जीता है इसने हम सब का मेरे लिया इतना कुछ कर रहा है प्रोमिस वीर तुम्हे कभी उदास नही होने दूंगी बस थोड़ा गुस्सा वाली हूं मैं, इस लिया बहक जाती हूं

साक्षी - तुम्हे लगता है तुम्हारे गुस्सा से उसे फर्क पड़ता है वो गुस्से मैं भी तुम्हे वाइफ समझता है, और तुम्हारे साथ रहना चाहते

तनु - बहुत प्यार करता है और ये अजीब ही है देखो इस

तभी दोनो की नज़र वीर पर पड़ती है जो नींद मैं भी दोनो को चिपकाए हुआ था, और साक्षी और तनु को नींद मैं ही धुड़ रहा था

उसकी इस हरकत पर दोनो हसने लगी और तनु एक थप्पड मारती है वीर के सर पर जिससे वीर कुनमुना जाता है और दोनो को जकड़ लेता

और दोनो हस्ते हुआ उसे सहलाने लगती है और कब सो जाती है पता ही नही चलता
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Ye shuagraat ka laat updated tha isliye bahut time laga main esa ache se finish karna chahta tha..... Aur update ki length bahut badi hai...
Khair chodo yar koi fayada nhi batane ka
 
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