बबिता दर्द से चिल्ला पड़ी

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Hindi sex stories, antarvasna: एक बार मैं और मेरा दोस्त संजय साथ में घूमने के लिए मनाली गए और जब हम लोग मनाली गए तो वहां पर हम लोगों का अनुभव कुछ ठीक नहीं रहा। मनाली में मेरी तबीयत काफी ज्यादा बिगड़ गई थी जिस वजह से हम लोगों को मनाली से वापस दिल्ली लौटना पड़ा। हम लोग दिल्ली वापस लौट आए थे इसलिए जब भी मैं और संजय एक दूसरे को मिलते तो अक्सर हम दोनों इस बारे में जरूर बातें किया करते हैं। संजय एक अच्छी कंपनी में जॉब करता है और वह अक्सर मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आ जाया करता है। हालांकि कुछ महीनों से हम दोनों की मुलाकात नहीं हो पाई है क्योंकि मैं भी अपने काम के चलते काफी ज्यादा बिजी रहता हूं और शायद संजय भी अपने काम के चलते बिजी हैं इस वजह से हम दोनों एक दूसरे को काफी समय से मिल नहीं पाए थे। एक दिन मैं और संजय साथ में बैठे हुए थे काफी लंबे समय के बाद हम दोनों एक दूसरे को मिल रहे थे।

हम दोनों एक दूसरे को बहुत लंबे समय बाद मिल रहे थे इसलिए मेरे लिए शायद यह बहुत ही अच्छा था कि हम दोनों एक दूसरे को काफी लंबे समय बाद सही लेकिन मिल रहे है। मैंने उस दिन संजय से कहा कि तुम काफी लंबे समय बाद मुझे मिल रहे हो तो उसने मुझे बताया कि वह अपने काम के सिलसिले में अक्सर बाहर ही रहता है इस वजह से उसकी मुझसे मुलाकात नहीं हो पाई थी। संजय और मैं बहुत लंबे समय बाद मिल रहे थे इसलिए हम दोनों की इस बीच बात भी नहीं हो पाई थी। संजय ने मुझे कविता के बारे में बताया मैंने संजय से कहा कि कविता तो हमारे साथ ही हमारे स्कूल में पढ़ा करती थी। संजय ने मुझे कहा कि वह कविता को पसंद करता है और कहीं ना कहीं कविता भी उसे पसंद करने लगी थी। मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं मालूम था लेकिन जब उस दिन संजय ने मुझे कविता के बारे में बताया तो मुझे यह जानकर काफी खुशी हुई और संजय भी बहुत ज्यादा खुश था।

हम दोनों ने उस दिन साथ में काफी अच्छा समय बिताया। मैंने संजय से कहा कि यह तो बड़ी खुशी की बात है कि तुम कविता से प्यार करते हो लेकिन संजय ने कविता से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा था। हालांकि कविता और वह एक दूसरे को अक्सर मिला करते लेकिन उन दोनों ने अपने प्यार का इजहार नहीं किया था। जब मुझे संजय ने इस बारे में बताया तो मुझे काफी अच्छा लगा और मैंने उन दोनों की मदद की। मैंने कविता और संजय को एक दिन अपने घर पर बुलाया उस दिन वह दोनों मेरे घर पर आए और उसी दिन संजय ने कविता को प्रपोज किया। जब संजय ने अपने प्यार का इजहार कविता से किया तो कविता भी संजय के रिलेशन को स्वीकार कर चुकी थी और वह दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि कविता और संजय एक दूसरे को डेट कर रहे हैं। उन दोनों के बीच बहुत प्यार है और जिस तरीके से वह दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताते उससे कहीं ना कहीं यह साफ हो चुका था कि वह दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं। मुझे जब संजय ने अपनी सगाई की बात बताई तो मैं काफी खुश था और मैं संजय की सगाई में भी गया हुआ था।

जब मैं संजय की सगाई में गया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और उस दिन मैंने संजय और कविता को उनके भविष्य के लिए बधाई दी। उन दोनों ने अपनी जिंदगी को अच्छे से बिताने का फैसला कर लिया था इसलिए उन दोनों ने जल्द ही शादी कर ली। उन दोनों की शादी हो जाने के बाद वह दोनों मुझसे अक्सर मिला करते थे जब भी संजय और कविता मुझे मिलते तो मुझे काफी अच्छा लगता। एक दिन संजय मुझसे मिलने के लिए घर पर आया हुआ था तो संजय ने मुझसे कहा कि रोहित तुम भी अब शादी कर लो। मैंने संजय से कहा कि मैं भी चाहता हूं कि मैं शादी कर लूं लेकिन तुम तो जानते ही हो कि घर की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है। पापा के बिजनेस में हुए नुकसान की वजह से घर में काफी ज्यादा तनाव था। संजय को मेरे घर की स्थिति के बारे में मालूम था और शायद उससे उभरने के लिए हम लोगों को थोड़ा समय चाहिए था। जब हम लोग इस स्थिति से उभरने लगे तो मैंने भी अब शादी करने का फैसला कर लिया था। मेरे लिए काफी रिश्ते आने लगे थे और मैं जब पहली बार बबिता से मिला तो मुझे बबिता से मिलकर अच्छा लगा।

बबिता से मिलना मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा और हम दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे थे इसलिए जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता। बबिता और मैंने भी सगाई करने का फैसला कर लिया था और फिर हम दोनों की सगाई हो गई। हम दोनों के बीच में फोन पर बातें हो जाया करती थी इसलिए हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों शादी कर ले और जल्द ही हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था। हम दोनों की शादी हो जाने के बाद हम दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी को बड़े ही अच्छे से जी रहे है। जिस तरीके से बबिता मेरा ध्यान रखती है उससे मैं काफी खुश हूं और बबिता ने घर की सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा लिया है। बबिता के घर में आने से सब कुछ ठीक चल रहा है और मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी है जिस तरीके से बबिता और मेरी जिंदगी अच्छे से चल रही है। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हैं और मैं इस बात से बड़ा खुश हूं कि बबिता ने घर की जिम्मेदारी को बखूबी निभा लिया है। घर में किसी भी प्रकार की अब कोई परेशानी नहीं है और मैं अपनी नौकरी में पूरी तरीके से ध्यान दे रहा हूं। बबिता भी चाहती थी कि वह जॉब करे लेकिन मैंने उसे मना कर दिया था और बबिता भी मेरी बात मान गई। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता।

मैं बबिता के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करता हूं और जिस तरीके से बबिता और मैं एक दूसरे के साथ अपनी शादीशुदा जिंदगी को आगे बढ़ा रहे हैं उससे हम दोनों बहुत ज्यादा खुश हैं। मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि बबिता और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में बहुत ही खुश हैं। हम दोनों का शादीशुदा जीवन अच्छे से चल रहा है और बबिता मुझे बहुत ज्यादा प्यार करती है और मैं भी बबिता का बहुत ध्यान रखता हूं। हम दोनों की शादी को 6 महीने हो चुके हैं और जिस तरीके से हम दोनों की शादी शुदा जिंदगी चल रही है उससे मुझे बड़ी खुशी है। बबिता भी इस बात से बहुत ज्यादा खुश है कि हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते हैं। बबिता और मेरे बीच शारीरिक संबंध अक्सर बना करते हैं। जब भी मैं और बबिता एक दूसरे के साथ सेक्स करने का फैसला करते हैं तो बबिता को यह बहुत ही अच्छा लगता है। एक दिन मैं और बबिता घर पर ही थे उस दिन जब मैंने बबिता के हाथों को पकड़ा और उसे सहलाना शुरू किया तो वह गर्म होने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है बबिता को यह बहुत ही अच्छा लग रहा था कि मैं उसके हाथों को सहला रहा था।

मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह भी पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। उसकी उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी और मैं भी उत्तेजित होता जा रहा था। बबिता के कपड़े उतारने के बाद मैंने उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरू किया तो वह तड़पकर मुझे कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। जब मैंने बबिता के होंठों को चूमना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी और कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने जब बबिता की पैंटी को नीचे उतारकर उसकी चूत को सहलाना शुरू की है तो वह और भी ज्यादा गर्म होने लगी। जब मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू किया था तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और बबिता को भी काफी अच्छा लग रहा था। वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी उस से हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे और कहीं ना कहीं बबिता भी इस बात से बड़ी खुश थी। मैं और बबिता एक दूसरे की गर्मी को बढाए जा रहे थे। जब मैंने उसकी चूत पर अपने मोटे लंड को लगाकर अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया तो वह मचलने लगी। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुम और ना बढ़ाओ।

मैंने बबिता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया था और मेरा लंड उसकी योनि में जाते ही वह जोर से चिल्लाने लगी थी। मैं उसे तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मेरे धक्कों में और भी ज्यादा तेजी आती जा रही थी और बबिता की गर्मी भी बढ़ती जा रही थी। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को शांत करने की कोशिश कर रहे थे। मैंने जब बबिता के दोनों पैरों को चौड़ा किया तो मैं उसकी चूत आसानी से मार रहा था। वह जोर से चिल्ला कर मुझे कहती मुझे अच्छा लग रहा है। हम दोनों को काफी अच्छा लगने लगा था। मैं इस बात से बडा खुश था जिस तरीके से बबिता और मैं एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। अब मैं समझ चुका था मेरा वीर्य बाहर की तरफ को गिरने वाला है। जैसे ही मेरा वीर्य बबिता की चूत में गिरा तो वह खुश हो गई थी और मैं भी काफी ज्यादा खुश था। जिस तरीके से बबिता और मैंने एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे लिए थे उस से हम दोनो बहुत खुश थे।
 
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