मुझे गांड मारने का मौका दिया

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Antarvasna, desi kahani: मैं एक दिन अपने दोस्त के घर गया मैं पहली बार ही उसके घर जा रहा था मुझे पता नहीं था कि उसका घर कौन सा है इसलिए हिचकिचाते हुए मैंने एक अपार्टमेंट की घंटी बजायी दरवाजा एक महिला द्वारा खोला गया था जिसे मैंने बाइक को पार्किंग लगाने के दौरान देखा था। जब मैंने उसे देखा तो मुझे आश्चर्य हुआ की यह मेरे दोस्त का ही घर है और वह उसकी माँ थी। उन्होने मुझे बताया कि गगन घर पर नहीं है इसलिए मैंने उस वक्त वहां से जाने की सोची लेकिन उन्होने मुझे कहा की बेटा कम से कम जूस पी कर चले जाना फिर मै रूक गया। कुछ देर की बातचीत के बाद उन्होने पूछा कि तुम्हारे घर पर कौन-कौन है मैंने उन्हें अपने परिवार के बारे में बताया मैंने जब उन्हें अपने परिवार के बारे में बताया तो वह कहने लगे कि सुधीर क्या तुम इससे पहले भी हमारे घर पर आए हो।

मैंने उन्हें कहा नहीं मैं इससे पहले तो आपके घर पर कभी नहीं आया हूं गगन और मेरी दोस्ती को 6 माह ही हुए हैं हम लोगों की मुलाकात कॉलेज के दौरान हुई। मैंने आंटी से कहा ठीक है मैं अभी चलता हूं जब गगन आ जाए तो आप उसे बता दीजिएगा तो वह कहने लगे कि ठीक है बेटा जब वह आ जाएगा तो मैं उसको बता दूंगी। मैं अब अपनी बाइक लेने के लिए पार्किंग की तरफ गया जब मैं अपनी बाइक लेने के लिए पार्किंग की तरफ जा रहा था तो मुझे गगन पार्किंग में ही दिखाई दिया मैंने गगन को कहा गगन मैं तुम्हारे घर तुमसे मिलने के लिए आया था। गगन कहने लगा कि चलो सुधीर तुम घर चलो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे घर पर ही बैठा हुआ था मैं जब तुम्हारे घर गया तो आंटी ने मुझे बताया तुम कहीं बाहर गए हुए हो। गगन मुझे कहने लगा कि मैं अपने पड़ोस के दोस्त के साथ शॉपिंग करने के लिए चला गया था। गगन ने मुझसे कहा कि तुम घर पर चलो लेकिन मैंने गगन को मना कर दिया और कहा कि अभी मुझे घर जाने के लिए देर हो रही है नहीं तो पापा मम्मी मुझसे कई सवाल पूछेंगे। गगन ने कहा ठीक है सुधीर हम लोग कल कॉलेज में मिलते हैं मैंने गगन को कहा तुम कल कॉलेज तो आ रहे हो तो गगन कहने लगा कि हां मैं कल कॉलेज आ रहा हूं। गगन और मैं अपनी एम.एस.सी की पढ़ाई कर रहे हैं अब मैं अपने घर लौट आया था मैं जब अपने घर आया तो मम्मी ने मुझे घर आते ही काम बताया और कहा कि बेटा तुम जाकर गुप्ता अंकल के स्टोर से राशन ले आओ। मैंने उन्हें कहा ठीक है मम्मी मैं राशन ले आता हूं मैंने पापा से कार की चाबी मांगी और गुप्ता जी के पास चला गया।

मैं जब गुप्ता जी की दुकान पर पहुंचा तो वहां पर काफी भीड़ थी गुप्ता जी अपने काम में इतने व्यस्त थे कि उन्होंने मेरी तरफ देखा ही नहीं। जब उन्होंने मेरी तरफ देखा तो वह कहने लगे अरे सुधीर बेटा तुम कब आए मैंने उन्हें बताया गुप्ता जी मुझे आए हुए तो बहुत देर हो चुकी है लेकिन आप अपने काम में व्यस्त थे इसलिए मैंने सोचा कि जब आप थोड़ा फ्री हो जाए तो तब मैं आपसे बात करूं। वह मुझे कहने लगे बताओ क्या लेना था मैंने उन्हें मम्मी की दी हुई पर्ची पकड़ा दी उन्होंने सामान देखा और अपनी दुकान में काम करने वाले लड़के से कहा कि यह सामान निकाल दो। करीब 15 मिनट तक मुझे इंतजार करना पड़ा और 15 मिनट बाद जब मैंने सारा सामान ले लिया तो गुप्ता जी से कहकर मैंने उनके लड़के से सामान कार में रखवा दिया मैं अब घर लौट आया। मैं जब घर लौटा तो मम्मी हिसाब की जांच कर रही थी मम्मी ने कहा दाल कितनी महंगी हो गई है मैंने मम्मी से कहा मम्मी अब महंगाई तो बढ़ ही रही है तभी पापा भी कहने लगे कि अरे सुधा तुम भी कहां इस चक्कर में पड़ी रहती हो तुम मेरे लिए चाय बना दो। पापा के कहने पर मां चाय बनाने के लिए रसोई में चली गई और वह चाय बना कर जब हॉल में आई तो उस वक्त मैं भी पापा के साथ बैठा हुआ था पापा अपना कुछ जरूरी काम कर रहे थे मैंने पापा से बात नहीं की पापा ने अपनी फाइलों को मेज पर रखा और अब वह चाय पीने लगे। मेरी मम्मी ने मुझे भी चाय दी और मैं भी चाय पी रहा था पापा मुझसे बात करने लगे और कहने लगे कि सुधीर बेटा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है तो मैंने पापा से कहा पापा मेरी पढ़ाई तो अच्छी चल रही है। पापा अपना बिजनेस संभालते हैं हम लोगों का पुश्तैनी कारोबार है उसे ही पापा करते आए हैं और पापा चाहते हैं कि आगे मैं भी उनके काम में हाथ बढ़ाऊँ। मैंने पापा से कहा कि पापा आप दिन रात इतनी मेहनत करते हैं क्या आप थकते नहीं है तो पापा कहने लगे कि बेटा मैं थक तो जाता हूं लेकिन शायद अब इन सब चीजों की आदत पड़ चुकी है।

हम लोग आपस में बैठकर बात कर रहे थे कि तभी पापा ने कहा कि क्या तुम्हारी बात नैना से हुई मैंने पापा से कहा दीदी से तो मेरी बात हुई नहीं थी दीदी से मेरी बात करीब तीन-चार दिन पहले हुई थी उसके बाद मेरी कोई बात नहीं हुई है। पापा कहने लगे जरा नैना को फोन लगाना मैंने जब दीदी को फोन लगाया तो दीदी मुझसे बात करने लगी दीदी घर के हाल चाल पूछने लगी मैंने दीदी को बताया घर में सब कुछ ठीक है। पापा ने मुझे कहा लाओ मुझे फोन देना तो मैंने पापा को फोन पकड़ा दिया पापा ने काफी देर तक दीदी से बात की और उसके बाद उन्होंने फोन रख दिया। दीदी जॉब करने के लिए बेंगलुरु चली गई हालांकि पापा इस बात से बहुत गुस्सा थे लेकिन मम्मी ने किसी प्रकार से पापा को मना लिया और नैना दीदी जॉब करने के लिए बेंगलुरु चली गई। पापा बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि नैना दीदी जॉब करें क्योंकि घर में किसी भी चीज की कभी कोई कमी नहीं रही लेकिन दीदी चाहती थी कि वह जॉब करें और कुछ समय अपनी जिंदगी वह अपने तरीके से जीना चाहती थी। मम्मी के कहने पर ही पापा ने दीदी को जाने के लिए कहा था पापा और मम्मी आपस में बात कर रहे थे तो मैंने पापा से कहा क्या दीदी घर आ रही है तो पापा कहने लगे हां बेटा वह घर आ रही हैं।

मैंने पापा को कहा लेकिन दीदी घर कब आएंगी तो वह कहने लगे कि तुम्हारी दीदी इसी महीने के आखिरी तक घर आ जाएगी। अब मैं अपने रूम में चला गया और रूम में ही अपने लैपटॉप पर मैं मूवी देखने लगा काफ़ी देर हो जाने के बाद मुझे नींद आ गई कुछ देर बाद मां ने मुझे उठाया और कहा कि बेटा तुम खाना खा लो मैंने मां से कहा ठीक है मां। मैं खाना खाने के लिए चला गया और मैं खाना खाने के बाद रूम में आकर सो गया। अगले दिन से मैं अपने कॉलेज जाने लगा गगन से मैं हर रोज कॉलेज में मिल जाया करता था। मैं एक दिन गगन के घर पर चला गया गगन उस दिन घर पर ही था। गगन ने मुझसे कहा कि तुम कुछ देर मम्मी के साथ बैठो मैं अभी आता हूं गगन चला गया था मैं गगन की मम्मी के साथ बैठा हुआ था। मैं उनसे बात कर रहा था उन्होंने मुझसे पूछा बेटा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने उन्हें कहा नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। वह हर बार अपने साड़ी के पल्लू को ठीक करने की कोशिश कर रही थी मेरी नज़र उनके स्तनों पर पड़ रही थी। वह मुझे अपने बेडरूम में लेकर जाना चाहती थी मैं भी उनके बेडरूम में चला गया। जब हम दोनों बेडरूम में थे तो उन्होंने मेरे सामने अपने कपड़े उतारे उनका गोरा और नंगा बदन देखकर मेरे अंदर से गर्मी पैदा होने लगी मैं उनकी चूत मारने के लिए तैयार था मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया और कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत ही मोटा है। मैंने कहा लेकिन आप तो बड़ी ही लाजवाब है। वह कहने लगी मुझे तुम्हारे लंड को चूसना है उन्होंने मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक उतार लिया उन्होंने मेरे लंड को बड़े ही अच्छे तरीके से चूसा और जिस प्रकार से वह मेरे लंड को चूस रही थी उससे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था उन्होंने मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल कर रख दिया था मैं पहली बार ही किसी आंटी को चोदने वाला था।

जब उन्होंने अपनी चूतड़ों को मेरी तरफ किया तो मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया और उनकी चूत को चाट कर मैंने पूरी तरीके से गिला बना दिया मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटाया और उनके स्तनों को मैंने बहुत देर तक रसपान किया उनके बड़े स्तनों को जब मैं अपने हाथ में लेकर दबा रहा था तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था काफी देर तक यह सिलसिला चलता रहा। जब मैंने उनकी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो उनकी चूत के अंदर जा चुका था बहुत मुंह से सिसकियां लेने लगी। मैं उनको लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था मुझे उन्हें धक्के मारने में बहुत मजा आ रहा था। जिस प्रकार से मैंने उनकी चूत का आनंद लिया वह बड़ी खुश नजर आ रही थी मेरा वीर्य पतन होने वाला था वह कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरी चूत में गिरा दो। मैंने अपने वीर्य को उनकी चूत में गिरा दिया लेकिन वह कहां मानने वाली थी उन्होंने मुझे कहा कि तुम मेरी चूत को चाटते रहो। उन्होंने अपनी चूत से मेरे वीर्य को साफ किया मैंने उनकी चूत को बहुत देर तक चाटा मैंने अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया उनकी चूतड़ों को मैंने कसकर पकड़ा हुआ था और बड़ी तेजी से मैं प्रहार कर रहा था।

वह मुझे कहने लगी सुधीर ऐसे ही चोदते रहो मैंने उन्हें बहुत देर तक चोदा मै उन्हें जिस प्रकार से चोद रहा था उससे मुझे बड़ा आनंद आ रहा था और वह भी बड़ी खुश नजर आ रही थी उन्होने जिस प्रकार से मेरा साथ दिया और मेरे इच्छा को पूरा कर दिया मैंने उनकी चूत के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरु किया और कहने लगी आज मैं तुम्हे इनाम देती हूं? मैंने उन्हें कहा आप किस प्रकार का इनाम दोगी। वह अपनी गांड के अंदर ऊंगली डालने लगी मैंने उनकी गांड को देखा मैने लंड को उनकी गांड के अंदर तक डाल दिया। जब मेरा लंड उनकी गांड के अंदर गया तो मुझे बड़ा ही मजा आया वह भी बड़ी खुश थी। मैं उनकी गांड के मजे बड़े अच्छे तरीके से ले रहा था वह मेरा पूरा साथ दे रही थी बहुत देर तक उनकी गांड मैंने मारी। जब उनकी गांड में मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे आनंद आ गया मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया जिस प्रकार से उनकी गांड के मजे मैंने लिए उससे वह बहुत ही ज्यादा खुश थी। वह कहने लगी आगे भी तुम जब घर पर आओगे तो मैं तुम्हें अपने बदन की गर्मी महसूस करने का मौका दूंगी। मैंने उन्हें कहा आगे भी मैं आपसे मिलने के लिए आता ही रहूंगा मैं जब भी उनसे मिलने के लिए जाता तो वह मेरा इंतजार बड़ी बेसब्री से करती और मैं उनकी चूत मारता और उनकी इच्छा को पूरा कर दिया करता।
 
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