मैंने तो बस दोस्ती निभाई

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Maine Toh Bas Dosti Nibhayi

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम इंद्रजीत (उम्र २१) है। मैं द्वितीय वर्ष की इंजीनियरिंग में पढ़ रहा हूँ। मेरी इस कहानी को लिखने का मक़सद यह है कि मुझे सचाई को अब और छिपाकर रखनी नहीं है।

जिस घटना के बारे में मैंने लिखा है उसे मुझे अपने दोस्त स्टीवन वाल्टर्स को बताना चाहिए, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो पा रही है। इसलिए मैंने वह घटना इस कहानी के माध्यम से आप लोगों को बताया है।

मैं कॉलेज हॉस्टल में रहता हूँ। मेरे साथ मेरा दोस्त स्टीवन वाल्टर्स और एक रूम-मेट रहता है। पिछले साल की दिसम्बर की छुट्टियों में स्टीवन क्रिसमस मनाने के लिए अपने घर गया था।

मैं स्टीवन का ख़ास दोस्त होने की वज़ह से उसने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड क्लेरिसा मुकादम का ध्यान रखने को कहा था। वह जानता था कि उसकी गैरहाजिरी में कॉलेज के लड़के क्लेरिसा के साथ दोस्ती करने की कोशिश करेंगे।

उसने मुझे २ बातों का ख़ास ध्यान रखने को कहा था। १) क्लेरिसा कॉलेज कैंपस में अकेली न रहे २) उसकी हर ज़रूरतें पूरी होनी चाहिए। स्टीवन के जाने के बाद, मैंने ठीक वैसा ही किया जैसा उसने मुझसे करने को कहा था।

मैं और क्लेरिसा साथ मिलकर लेक्टर्स में जाते थे। कॉलेज लाइब्रेरी में साथ बैठकर पढ़ाई करते थे। कुछ दिनों तक यह सब करने से मेरी और क्लेरिसा की दोस्ती एकदम पक्की हो गई थी।

उसी दौरान मेरे दूसरे रूम-मेट को अपने घर वालों की याद आने की वज़ह से वह भी अपने घर चला गया था। उसके जाने के बाद, क्लेरिसा और मैं मेरे रूम में ही दिनभर पढ़ाई और मस्ती करने लगे थे।

ज़ाहिर-सी बात है कि क्लेरिसा के बदन के नक़्शे को देखकर मेरी नियत बिगड़ गई थी। मैं मौका देखकर क्लेरिसा के बदन को छूने लगा था। उसे भी शायद एहसास हुआ होगा कि मैं उसे उकसा रहा था, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया।

हसी-मज़ाक करते-करते मैं क्लेरिसा की पीठ पर हाथ घुमा देता था, उसकी जाँघ पर हाथ रख देता था। एक बार तो क्लेरिसा ने अपनी चूचियों के दर्शन भी दे दिए थे।

एक दिन मैं और क्लेरिसा, दोनों बिस्तर पर बैठकर मेरे मोबाइल फ़ोन में एक रोमांटिक मूवी देख रहे थे। मूवी में एक हिस्सा था जिसमें हीरो और हीरोइन गाड़ी में बैठे एक दूसरे की चुम्मियाँ ले रहे थे। मेरा लौड़ा तनकर खड़ा होकर मेरी पैंट में उभर के बाहर आ रहा था।

मैंने जब तिरछी नज़रों से क्लेरिसा की तरफ़ देखा तो पता चला कि उसकी निगाहें मेरे पैंट की उभरी हुई हिस्से पर थी। मैंने हिम्मत करके क्लेरिसा से नज़रें मिलाई। कुछ सेकंड तक हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे और फिर मामला गरम हो गया। मैंने अपने होंठों को क्लेरिसा के होंठों से मिलाया।

उसकी गरम साँसे मुझे उत्साहित कर रही थी। पहले तो मैंने उसके होंठ को अपने होंठों में भर लिया और धीरे से उसकी चुंबन लेने लगा। क्लेरिसा भी उत्तेजित होकर मेरा साथ देने लगी थी।

मैंने क्लेरिसा को बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़कर उसकी चुम्मियाँ लेने लगा। उसने अपने हाथ को नीचे ले जाकर मेरी पैंट के अंदर डाल दिया और मेरे लौड़े को अपने हाथ में पकड़कर हिलाने लगी।

मैंने क्लेरिसा की टी-ड्रेस के अंदर अपना हाथ घुसा दिया और उसकी गोल-मटोल चूचियों को पकड़कर दबाने लगा। सब कुछ इतने आसानी से हो गया कि मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था कि मैं अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स करने जा रहा था।

क्लेरिसा ने अपनी ट्रैक पैंट उतार दी और मेरी पैंट को भी उतारने लगी। मैंने उसकी टी-ड्रेस उतारी और उसपर चढ़कर लेट गया। क्लेरिसा मेरी गाँड़ को पकड़कर दबा रही थी। मैं बिस्तर पर से उतर गया और क्लेरिसा के पैर पकड़कर उसे उल्टा पकड़ लिया।

उसने मेरी जाँघों को पकड़कर मेरे लौड़े को चूसना शुरू किया। मैंने क्लेरिसा की कमर को अपनी छाती से लगाकर उसकी गरम चूत को चाटने लगा। उसकी चूत चाटते हुए, मैंने उसके चूतड़ को पकड़कर फ़ैला दिया।

क्लेरिसा मेरे लौड़े को हिलाते हुए उसे अपने मुँह में डाल रही थी। मैं उसकी गाँड़ की छेद में अपनी बिच वाली उँगली घुसाकर अंदर-बाहर करने लगा। मैं नीचे फ़र्श पर लेट गया और क्लेरिसा की चूत की दरार में अपनी ज़ुबान डालकर चाटने लगा।

वह बारी-बारी से मेरे लौड़े और गोटियों को चूस रही थी। मैंने अपनी ज़ुबान से क्लेरिसा की चूत की लाल पँखुड़ियों को फ़ैला दिया और उन्हें चाटने लगा। क्लेरिसा सिसकियाँ लेते समय स्टीवन का नाम ले रही थी, बाद में उसने नाम लेना बंद कर दिया।

क्लेरिसा की चूत को चाटते समय उसकी गाँड़ की छेद सिकुड़ रही थी। मैंने अपनी उँगली को उसकी गाँड़ की छेद के अंदर घुसा दिया। थोड़ी देर बाद, मैंने अपनी उँगली निकालकर उसे चखा और फिर क्लेरिसा के मुँह में डाल दिया।

मैंने क्लेरिसा को उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसपर चढ़ गया। उसके पैरों को पकड़कर मैंने उसकी चूत की दरार के सामने अपना लौड़ा रख दिया। क्लेरिसा ने मेरे लौड़े को पकड़कर अपनी चूत की दरार पर रगड़ा और धीरे से अंदर घुसा दिया।

मैंने धीरे से अपने लौड़े को अंदर-बाहर किया। जब मेरा लौड़ा क्लेरिसा की गीली चूत में फिसलने लगा तब मैंने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी। मैं क्लेरिसा के ऊपर लेट गया और उसके चूचियों को दबाने लगा।

क्लेरिसा मेरे होंठों की चुम्मियाँ लेने लगी। वह अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह के अंदर घुसाकर चाटने लगी। कुछ देर तक क्लेरिसा की ठुकाई करने के बाद मैं रुक गया था। तभी क्लेरिसा उठ गई और मुझे घोड़ा बनाकर बिस्तर पर लेटा दिया।

उसने मेरे लौड़े को पकड़कर हिलाना शुरू किया और मेरी गोटियाँ चूसने लगी। कुछ देर बाद, वह मेरी गाँड़ की छेद के अंदर अपनी उँगली घुसाने लगी। मेरा लौड़ा और भी कड़क हो गया। क्लेरिसा भी चुदाई के तरीक़े जानती थी।

मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था इसलिए क्लेरिसा मेरी गाँड़ की छेद में अपनी ज़ुबान घुसाने लगी। जब मैं एकदम उत्साहित हो गया तब मैं क्लेरिसा को पकड़कर बिस्तर पर बैठ गया।

मैंने क्लेरिसा को अपने आगे बिठाया और उसे चूतड़ से पकड़कर उठाकर मेरे लौड़े पर बिठा दिया। उसकी गाँड़ की छेद में थूक लगाकर मैंने अपने लौड़े की नोक को सामने रख दिया।

क्लेरिसा ने धीरे से मेरे लौड़े को अपनी गाँड़ की छेद के अंदर घुसा लिया। वह खुद से ही मेरे लौड़े पर उछलने लगी थी। उसकी गाँड़ को मेरी जाँघों से टकराते देख मैं उत्तेजित हो गया और ज़ोर-ज़ोर से अपने लौड़े को गाँड़ की छेद में घुसाने लगा।

क्लेरिसा की चीख़ें मेरी हवस को उकसाह रही थी। ज़ोर-ज़ोर से क्लेरिसा अपनी गाँड़ को मेरे लौड़े पर उछालने लगी थी। उसकी चूत से चिपचिपा पानी निकलना शुरू हुए था। वह ज़ोर-ज़ोर से अपनी गाँड़ को मेरे लौड़े पर पटक रही थी।

कुछ देर बाद, मैंने क्लेरिसा को मुझपर सीधा लेटाकर उसकी चिकनी चूत के अंदर अपना लौड़ा घुसा दिया। क्लेरिसा मेरे लौड़े पर अपनी गाँड़ उठा-उठाकर खुद को उछाल रही थी।

मैंने उसकी निप्पल को खींचकर उसकी चीख़ें बढ़ा दी। क्लेरिसा अपने पैरों के बल बैठकर मेरे लौड़े पर उछल रही थी। जोश में आकर कहीं मैं क्लेरिसा की चूत के अंदर न झड़ दू, इसलिए मैंने अपना लौड़ा निकालकर उसकी गाँड़ की छेद के अंदर गुसा दिया।

लेटकर क्लेरिसा की गाँड़ चोदते वक़्त मेरा लौड़ा कई बार गाँड़ की छेद से बाहर फिसल रहा था। इसलिए मैंने क्लेरिसा को घोड़ी बनाकर बिस्तर पर लेटा दिया। मैंने उसकी गाँड़ की छेद के अंदर थूक मारकर अपना लौड़ा अंदर घुसा दिया।

क्लेरिसा की कमर को पकड़कर मैंने उसकी गाँड़ में अपना लौड़ा ज़ोर-ज़ोर से घुसाना शुरू कर दिया। उसकी चीख़ों की आवाज़ को दबाने के लिए मैं आगे झुककर उसकी चुम्मियाँ लेने लगा।

जब मेरा पानी निकलने वाला था तब मैंने क्लेरिसा की चूतड़ को फैलाकर गाँड़ की छेद को चौड़ा कर दिया। धीरे से लौड़े को गाँड़ की छेद में घुसाते हुए मैंने अपने लौड़े का पानी उसकी गाँड़ के अंदर निकाल दिया था।

उस दिन की चुदाई के बाद से क्लेरिसा मेरे लौड़े की दीवानी हो गई थी। तभी से क्लेरिसा स्टीवन के साथ-साथ मेरी भी गर्लफ्रेंड बन गई थी। हम दोनों ने तय कर लिया था कि हमारे रिश्ते को कुछ समय तक गुप्त ही रखेंगे।

स्टीवन को आज तक पता नहीं चला कि उसकी गर्लफ्रेंड क्लेरिसा मेरे लौड़े पर भी उछलती है। दोस्तो, मैंने तो सिर्फ़ अपनी दोस्ती निभाई थी।
 
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