लॉन्ग ड्राइव पर शुरू हो चले

sexstories

Administrator
Staff member
नमस्कार दोस्तों,

मैं शिवम आपको मनमोहक कहानी सुनाने जा रहा हूँ जोकि उम्मीद है खूब पसंद आयगी | मैं विनय विहार में रहा करता जिसके पिछले ब्लाक में मीना नाम की लौंडिया भी रहा करती थी | वो कभी - कभार मेरे ब्लाक में भी आया जाया करती थी जिसपर हम एक दूसरे को आँखों ही आँखों में पसंद से करने लगे थे | मैं भी बात आगे बढाने की कोशिश बहुत की पर किस्मत मेरा साथ नहीं दे रही थी | एक दिन मैंने सुबह अपने काम परा जाते हुए उसे बस - स्टॉप पर अकेले ही खड़े देखा जिसपर मैंने उसे हाय - वे करके बात की और च्यूंकि वो भी पसंद करती थी हमारी बात आगे बढ़ने से ना रुकी | हम कुछ ही दिनों में एक दूसरे के साथ ही जाया करते और और अब मैंने उसे अपनी गाडी में बिठाकर उसके कॉलेज तक ले जाया करते |

जब जवानी का चस्का आगे बढ़ा तो मैंने उसे कई बार कॉलेज भी बंक कराकर दूर - कहीं लॉन्ग ड्राइव पर ले जाते और खूब मजाक मस्ती किया करते और एक दिन जब हम हम शहर से दूर अपनी लॉन्ग ड्राइव पर गए तो उसने मुझे कह दिया की वो मुझे अब पसंद करने लगी है जिसपर मैंने भी हाथस आफ करते हुए कहा की मैं भी उससे पहली नज़र से ही पसंद कर बैठा था | अब हम जल्द ही एक दूसरे के करीब आते हुए एक - दुरे के हाथ को पकड़ बातें करने लगे और मैं मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा था | अब मैं रोमांटिक होता हुआ अपनी कुछ उँगलियों को उसकी हथेली लहराने लगा जिसपर उसका जादू चलना शुरू हो गया और वो मुझे सहयोग करते हुए मेरी छाती को चूमने लगी | मैंने भी अब उत्तेजित होते हुए उसके हाथ को कंधे पर चडा लिया और अपने हाथ से उसके चुचों को हल्का - हलका छू रहा था |

धीरे - धीरे वो भी गरमा कर मेरे गाल को चूमने लगी फिर उसके होंठों को भी अपने होठों के काबू में ले लिया | मैं उसके होंठों को चूसता चला गया फिर हलके - हलके उसकी स्तनों को दबाने लगा | वहाँ किसी के आने का डर नहीं था और वैसे भी हम अपनी गाडी में बैठे हुए थे तो मैंने उसके टॉप को उतार दिया और नीचे झुककर उसके चुचों को मुंह में भर लिया जिसपर वो उत्तेजित होकर सिसकियाँ ले रही थी | मैं उसकी पैंट की ज़िप खोली और अंदर डालते हुए उसकी चुत के उप्पर उँगलियाँ फिराने लगा जिससे उसकी चुत गीली होने लगी और फिर मैंने अपने कपड़ों को उतार सतह ही उसे भी बिलकुल अपने सामने नंगी कर दिया और उसकी चुत पर अपने लंड को लगाते हुए जोर देने लगा जिसे कुछ पल में ही अब वो मेरे लंड के झटकों से कूदक रही थी |

वहाँ कोई उसपर रहम खाने वाला भी नहीं था | हमने पुरे समय गाडी में झाप्पपप्पपा झापप्पप्पप करके एक दूसरे को धक्के देते हुए यूँही चुदाई के आलम को बरकरार रखा जिससे अंत में उसे उप्पर ही मैं झड गया और फिर उसके चुचों को चूसता हू आराम फरमाने लगा |
 
Back
Top