वह सर्द रात की चुदाई

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Hindi sex story, antarvasna: मुझे आज भी वह दिन याद है जब मैं कॉलेज में पढ़ा करता था कॉलेज में मेरी दोस्ती आदित्य के साथ बहुत ही अच्छी थी। आदित्य हमारी कॉलोनी में ही रहता था उसके बाद आदित्य की फैमिली दूसरी जगह शिफ्ट हो गई लेकिन फिर भी मै आदित्य के घर पर आता जाता रहता हूं। जब आदित्य की बहन सुषमा और मेरे बीच में प्यार हुआ तो यह बात आदित्य को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी और उसने मुझसे अपनी दोस्ती तोड़ दी। मैं और सुषमा अभी भी एक दूसरे से चोरी छुपे बातें किया करते लेकिन हम दोनों एक दूसरे को मिल नहीं पाते थे, सुषमा आदित्य की छोटी बहन है। मुझे नहीं मालूम था कि हम दोनों के बीच इतनी नजदीकियां बढ़ जाएगी और एक समय ऐसा आएगा जब सुषमा मुझे अपने दिल की बात कह देगी। उसने मुझे प्रपोज किया तो मैं भी उसकी बात को मान गया और मैं समझ चुका था की सुषमा और मेरे बीच में काफी ज्यादा नजदीकियां बढ़ चुकी है। एक दिन आदित्य ने हम दोनों को साथ में देख लिया था जब आदित्य ने हम दोनों को साथ में देखा तो उसे यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई। पहले तो उसने मुझसे इस बारे में पूछा मैंने उसे सारी बात बताई लेकिन फिर आदित्य ने मुझे कहा कि तुमने यह बहुत ही गलत किया तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।

मुझे यह बात पता नहीं थी कि आदित्य मुझसे इतना ज्यादा नाराज हो जाएगा कि वह मुझसे अपनी दोस्ती खत्म कर लेगा लेकिन सुषमा और मेरा रिलेशन आज भी वैसा ही चल रहा है जैसे कि पहले था हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं। हालांकि हम दोनों एक दूसरे को मिल नहीं पाते हैं लेकिन फिर भी मुझे सुषमा के साथ बात करना अच्छा लगता है। सुषमा ने भी अपने परिवार को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वह लोग उसकी बात नहीं माने और ना ही वह लोग मेरी बात को माने क्योंकि आदित्य की रजामंदी हम दोनों के रिश्ते को लेकर बिल्कुल भी नहीं थी इसी वजह से तो हम दोनों के बीच में झगड़ा होता गया और हम दोनों एक दूसरे से अपनी दोस्ती पूरी तरीके से खत्म कर चुके थे। एक दिन मैं और सुषमा फोन पर बात कर रहे थे उस दिन शायद आदित्य ने सुषमा को मुझसे बात करते हुए देख लिया था उसके बाद उसने सुषमा से फोन छीन लिया और वह सुषमा को घर की चारदीवारी में कैद कर चुका था। आदित्य और मैं एक दूसरे से अब बहुत ज्यादा दूर हो चुके थे आदित्य को मैंने ना जाने कितनी ही बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरी बात एक बार भी नहीं माना। सुषमा को वह मुझसे मिलने भी नहीं देता और ना ही वह मुझसे उसकी बात होने देता लेकिन एक दिन सुषमा चोरी छुपे घर से बहाना बनाकर मेरे घर पर आ गई। जब वह घर पर आई तो मुझे कहने लगी कि सुरेश मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकती हूं मैं चाहती हूं कि तुम मुझसे शादी कर लो अब मैं इस तरीके से अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकती हूं। सुषमा की आंखों में आंसू थे और यह देखकर मुझे भी लगा कि शायद मुझे और सुषमा को शादी कर लेनी चाहिए। मेरे परिवार वालों को इस बारे में सब कुछ मालूम था मैंने जब अपनी फैमिली से इस बारे में बात की तो वह लोग मेरा सपोर्ट करने के लिए तैयार थे और मैं भी सुषमा से शादी करना चाहता था हम दोनों ने कोर्ट मैरिज करने का फैसला कर लिया। जब इस बारे में आदित्य को पता चला तो उसने मुझे धमकी दी और कहा कि तुम यह बिल्कुल भी ठीक नहीं कर रहे हो लेकिन सुषमा मेरा साथ देने के लिए तैयार थी और हम दोनों ने कोर्ट मैरिज करने का फैसला कर लिया था। हम दोनों के कोर्ट मैरिज हो जाने के बाद हम दोनों साथ में रहने लगे हम दोनों को पति पत्नी का दर्जा मिल चुका था और हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे। मुझे इस बात की खुशी थी कि सुषमा ने मेरा साथ हमेशा ही दिया और वह मेरे साथ बहुत खुश भी थी। मैं भी इस बात से बहुत खुश था कि मैं सुषमा को किसी भी प्रकार से कोई कमी कभी महसूस नहीं होने देता हूं और हम दोनों एक दूसरे का साथ हमेशा ही देते है। समय के साथ साथ अब आदित्य और उसके परिवार ने भी सुषमा को स्वीकार कर लिया था और मेरी आदित्य के साथ पहले जैसी दोस्ती होने लगी थी।

मुझे इस बात की खुशी थी कि आदित्य ने भी अब सुषमा और मेरे रिश्ते को स्वीकार कर लिया है। मेरा प्रमोशन हो चुका था और इस बात से मुझे काफी खुशी थी मैं चाहता था कि सुषमा को मैं कुछ दिनों के लिए कहीं घुमाने के लिए लेकर जाऊं क्योंकि जब से हम दोनों की शादी हुई तब से हमारी जिंदगी में ना जाने कितनी ही मुसीबतें थी। आदित्य और उसकी फैमिली ने मेरे और सुषमा के लिए बहुत सारी मुसीबतें खड़ी कर दी थी परंतु अब सारी मुसीबते दूर हो चुकी थी इसलिए मैं और सुषमा घूमने के लिए कहीं साथ में जाना चाहते थे। हम दोनों ने साथ में टाइम स्पेंड करने का फैसला किया और हम लोग मनाली घूमने के लिए चले गए। हम लोग मनाली घूमने के लिए गए तो वहां पर हम दोनों ने काफी अच्छा समय बिताया और उसके कुछ दिन बाद हम लोग वापस लौट आए थे। मैं और सुषमा मनाली से वापस आ चुके थे। हम दोनों की जिंदगी बड़े अच्छे से चल रही थी। मैं सुषमा के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हूं सुषमा मेरी हर एक बात को हमेशा ही मानती है। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगता है जब भी सुषमा और मैं एक दूसरे के साथ होते हैं। एक दिन मै और सुषमा साथ में थे उस दिन जब मैं ऑफिस से घर लौटा तो उस दिन मेरा मन सुषमा के साथ शारीरिक संबंध बनाने का होने लगा क्योंकि काफी ज्यादा ठंड भी थी, मैं चाहता था सुषमा और मैं एक दूसरे के साथ सेक्स करें। मैंने सुषमा से इस बारे में बात की तो सुषमा भी तैयार हो गई और वह कहने लगी सुरेश मै चाहती हूं मैं तुम्हारे साथ सेक्स करू।

उस दिन सुषमा और मैंने शारीरिक संबंध बनाने का फैसला किया हम दोनों एक दूसरे के साथ अब सेक्स करने के लिए तैयार थे। सुषमा ने मेरे लंड को बाहर निकालकर उसे हिलाना शुरू किया। जब उसने मेरे मोटे लंड से पानी बाहर निकाल दिया तो मैंने उसे कहा तुम इसे अब अपने मुंह में ले लो। सुषमा ने मेरे वीर्य को अपने मुंह के अंदर ले लिया मैंने अब सुषमा के कपड़ों को उतारकर उसकी चूत में अपनी उंगली को घुसाया तो सुषमा कहने लगी जानेमन मुझे इतना ना तड़पाओ। सुषमा की चूत से बहुत ज्यादा पानी निकल रहा था वह मुझे कहने लगी मुझे अब तुम और ना तड़पाओ। मैं समझ चुका था सुषमा मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार है। वह मेरे मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तैयार थी मैंने सुषमा की योनि पर अपने लंड को रगडना शुरू किया। सुषमा की चूत में लंड जाने के लिए तैयार था मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा और सुषमा को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझसे अब एक पल के लिए भी रहा नहीं जा रहा है। मैं और सुषमा एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार थे। मैंने अपने मोटे लंड को सुषमा की चूत के अंदर घुसा दिया। मेरा मोटा लंड उसकी चूत में जा चुका था जब उसकी चूत में लंड गया तो वह बहुत जोर से चिल्ला कर बोली तुम्हारा लंड कितना मोटा है। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने हाथों से चौडा कर लिया।

मेरा लंड उसकी योनि में आसानी से प्रवेश होने लगा था मुझे अच्छा लग रहा था जब मैं उसके साथ सेक्स कर रहा था और वह भी मेरा साथ अच्छे से दे रही थी। मेरा साथ वह बड़े अच्छे से दे रही थी। वह मुझे कहती तुम मुझे बस ऐसे ही चोदते जाओ। मैंने उसे काफी देर तक ऐसे ही धक्के दिए मुझे बड़ा मजा आ रहा था जब मैं उसको चोद रहा था। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे लेकिन अब वह चाहती थी मैं उसे घोड़ी बनाकर चोदूं। उसने मेरे लंड को अपनी योनि से बाहर निकाल दिया था। जब उसने ऐसा किया तो उसके बाद मैंने उसकी चूत में अपने लंड को अंदर की तरफ घुसाया जैसे ही उसकी योनि के अंदर लंड घुसा तो वह बोली मुझे आज मजा ही आ गया। उसे बहुत मजा आ रहा था वह मेरा साथ बड़े ही अच्छे से दे रही थी वह जिस तरह से मेरा साथ दे रही थी उस से मुझे मजा आ रहा था। वह अपनी चूतडो को मेरे लंड से मिलाए जा रही थी और मेरी गर्मी को बहुत ज्यादा बढा रही थी।

उसने मुझे कहा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है वह जिस तरीके से मुझसे अपनी चूतड़ों को मिलाए जा रही थी उससे मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था और मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिरा दिया था। जब मेरा माल उसकी चूत में गिरा तो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करने लगी उसे बहुत ही ज्यादा आनंद आने लगा था और मुझे भी आनंद आ रहा था जिस तरीके से मैं और वह एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा ले रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बहुत देर तक सेक्स किया। अब उसने मेरी इच्छा को पूरा कर दिया था हम दोनों को ही बड़ा अच्छा लगा जब हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को शांत कर दिया था।
 
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