वो बोली गांड भी मार लो

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Antarvasna, desi kahani: मैं अपने ऑफिस के टूर के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए हैदराबाद जाने वाला था और मैं अपना सामान पैक कर ही रहा था कि तभी मेरी बहन मेरे कमरे में आई और कहने लगी कि भैया क्या मैं आपकी मदद कर दूं। मैंने अपनी बहन को कहा नहीं तुम रहने दो मैं ही सामान पैक कर लूंगा लेकिन उसने मुझे मदद किया और वह मेरे साथ बैठ कर मुझसे बात करने लगी मुझे नहीं मालूम था कि वह मुझसे कुछ कहना चाहती है। घर में वह मेरे सबसे ज्यादा नजदीक थी इस वजह से वह मुझसे कुछ तो कहना चाहती थी। मैंने अपनी बहन से कहा कि महिमा क्या तुम्हें पैसों की जरूरत है तो महिमा मुझे कहने लगी कि नहीं भैया मुझे पैसे नहीं चाहिए। मैं महिमा के चेहरे से भांप चुका था कि उसे मुझसे कुछ तो बात करनी है मैंने जब उससे पूछा कि तुम्हें मुझसे क्या बात करनी है तो उसने मुझे बताया कि भैया मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है। मैंने महिमा को कहा हां महिमा कहो ना तुम्हें क्या कहना है महिमा पापा से कभी भी कुछ बात नहीं कहती थी क्योंकि महिमा पापा से बहुत ज्यादा डरती है पापा का स्वभाव थोड़ा गुस्सैल किस्म का है जिस वजह से महिमा पापा को कुछ भी नहीं बताती थी और सबसे पहले वह मुझे ही बताती।

मैंने महिमा से पूछा कि तुम्हें मुझसे क्या कहना है तो महिमा ने मुझे बताया कि वह अपने साथ पढ़ने वाले लड़के महेश से प्यार करती है मैंने महिमा को कहा महिमा यदि पापा और मम्मी को इस बारे में पता चलेगा तो वह लोग तुम्हें बहुत डांटेंगे। महिमा कहने लगी भैया इसीलिए तो मैंने आपसे मदद मांगी मैं चाहती हूं कि आप एक बार महेश को मिले मैंने महिमा को कहा देखो महिमा अभी तो मैं अपने ऑफिस के टूर से जा रहा हूं लेकिन जब वापस लौटूंगा तो जरूर मैं महेश से मुलाकात करूंगा लेकिन फिलहाल तुम इस बारे में ना सोच कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो तो ज्यादा अच्छा रहेगा। महिमा मुझे कहने लगी कि भैया आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं लेकिन मुझे यह बात मालूम है कि मैं आपसे ही अपने दिल की बात कहती हूं। मैंने महिमा को कहा देखो महिमा मुझे अपने ऑफिस टूर से वापस लौटने दो उसके बाद हम लोग इस बारे में बात करेंगे और फिलहाल तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो।

मैंने महिमा को कहा यदि तुम्हें कुछ पैसों की आवश्यकता है तो मैं तुम्हें पैसे दे देता हूं लेकिन महिमा ने कहा नहीं भैया मुझे पैसे नहीं चाहिए। उसके अगले ही दिन मैं सुबह अपने ऑफिस से हैदराबाद चला गया जब मैं हैदराबाद पहुंचा तो मैं सिर्फ यही सोचता रहा कि महिमा नके फैसला कैसे ले लिया क्योंकि महिमा बहुत ही सीधी साधी लड़की है। मैं इसी बारे में चिंतित था कि कहीं उसने कोई गलत फैसला तो नहीं लिया क्योंकि अभी उसकी उम्र सिर्फ 22 वर्ष की है। महिमा और मैं एक दूसरे के बहुत नजदीक हैं मैं जैसे ही अपने ऑफिस का काम खत्म कर के घर पहुंचा तो उस वक्त महिमा अपने कॉलेज गयी हुई थी और मैं घर पर ही था। जब महिमा अपने कॉलेज से लौटी तो वह मुझे देख कर खुश हो गई वह कहने लगी कि भैया आप हैदराबाद से कब लौटे। मैंने महिमा को कहा मैं तो सुबह ही लौट गया था लेकिन तुम घर पर नहीं थी तो महिमा मुझे कहने लगी कि भैया क्या आप महेश को मिलेंगे? मैंने महिमा को कहा क्यों नहीं लेकिन कल मुझे ऑफिस जाना होगा इसलिए कल मेरे पास समय नहीं होगा मैं महेश को रविवार के दिन मिलता हूं। महिमा कहने लगी ठीक है भैया मैं महेश को इस बारे में बता दूंगी और उसने शायद यह बात महेश को बता दी थी मैं चाहता था कि मैं महेश से मुलाकात करूं। जब पहली बार मैं रविवार के दिन महेश को मिला तो मुझे महेश के बारे में कुछ भी नहीं पता था लेकिन जब मैं महेश को मिला तो मुझे लगा कि वह बहुत ही समझदार लड़का है। महेश एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता है मुझे महेश से कोई भी परेशानी नहीं थी लेकिन मैंने महेश को समझाया और कहा देखो महेश अभी तुम दोनों की उम्र काफी कम है इसलिए फैसला लेना शायद उचित नहीं होगा तुम दोनों को एक दूसरे को थोड़ा समय देना चाहिए। महेश मुझे कहने लगा कि भैया घर में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है मैंने महेश को कहा महेश यह सब तो ठीक है लेकिन तुम्हें खुद तो कुछ करना होगा तभी तो मैं अपने पापा मम्मी से बात कर पाऊंगा। महेश कहने लगा कि हां भैया आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं और फिर महेश ने मेहनत करनी शुरू कर दी थी उन दोनों का कॉलेज खत्म हो जाने के बाद महेश ने एक कंपनी में जॉब करना शुरू कर दिया।

महेश कंपनी में जॉब करने लगा था और मैं हमेशा ही महिमा से इस बारे में पूछता रहता और आखिरकार वह दिन आ ही गया जब मुझे घर पर महिमा और महेश के बारे में बताना था लेकिन मेरी पापा से बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी परन्तु जब मैंने पापा से इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझसे कहा कि हम लोग इस बारे में महिमा से बात करना चाहते हैं। उन्होंने जब महिमा से इस बारे में पूछा तो मैंने जवाब देते हुए पापा और मम्मी को कहा कि वह महेश से प्यार करती है और वह लोग एक दूसरे के साथ अपना जीवन बिताना चाहते हैं। पापा भी महेश से मिलना चाहते थे और वह जब महेश को मिले तो उन्हें भी लगा कि महेश एक अच्छा लड़का है और उन्होंने महेश के साथ महिमा के रिश्ते के लिए रजामंदी दे दी। अब महेश और महिमा इस बात से बहुत खुश थे और वह दोनों एक दूसरे से अक्सर मिला करते इस बीच महेश और महिमा की शादी तय हो गई और उन दोनों की जब शादी हुई तो मैं इस बात से बहुत खुश था।

महिमा की शादी हो चुकी थी और जब महिमा की शादी हुई तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि घर काफी विरान हो चुका है मुझे महिमा की बहुत याद आ रही थी तब मैंने महिमा को फोन किया तो महिमा अपने पति महेश के साथ बहुत खुश थी जिस वजह से मुझे भी बहुत अच्छा लगा। एक दिन महिमा मुझसे मिलने के लिए घर पर आई जब वह मिलने के लिए आई तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा काफी समय बाद महिमा से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं जब महिमा को मिला तो महिमा मुझे कहने लगी कि मुझे भी आपकी बहुत याद आ रही थी जिस वजह से महेश और मैंने फैसला किया कि हम लोगों को घूमने जाना चाहिए। हम लोगों ने घूमने का प्लान बनाया और हमारा परिवार घूमने के लिए साथ में गया सब लोग साथ में थे और यह हमारी फैमिली ट्रिप थी। हम लोग फैमिली ट्रिप पर गए थे, मैं बहुत ज्यादा खुश था हम लोग फैमिली ट्रिप पर शिमला गए हुए थे और शिमला की वादियों में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जिस होटल में हम लोग रुके हुए थे उसी होटल में एक परिवार और आया हुआ था मेरी बात जब लता से हुई तो लता से मेरी नज़दीकियां बढ़ने लगी लता भी मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो चुकी थी। इतने कम समय में ही किसी लड़की के साथ बात करना और उसके बाद उसके साथ सेक्स करना यह बहुत ही अच्छा था। मैंने लता को अपने कमरे में बुलाया वह जब कमरे में आई तो मैंने उसे कहा क्या तुम कुछ लोगी? वह मुझे कहने लगी नहीं मैं कुछ नहीं लूंगी वह तो सिर्फ मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए आई थी उसकी चूत में कुछ ज्यादा ही खुजली थी। वह अपनी खुजली मुझसे मिटाना चाहती थी हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने जब उसके बदन को अपनी बाहों में लेकर महसूस करना शुरू किया तो वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई, उसकी उत्तेजना इस कदर बढ़ चुकी थी वह मुझे कहने लगी मैं अपने आपको शायद ज्यादा देर तक रोक नहीं पाऊंगी।

उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक लिया और उसे चूसने लगी उसे मज़ा आ रहा था और उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले लिया उसने मेरे लंड से पानी बाहर निकाल दिया था। मैं इतना ज्यादा खुश हो चुका था मैं लता की चूत के अंदर अपने लंड को डालने की तैयारी कर चुका था। वह अपने सारे कपड़े उतार चुकी थी मैंने उसके बड़े स्तनों को जब अपने मुंह में लिया तो उसे बड़ा मजा आ रहा था वह अपनी चूत के अंदर उंगली डाल रही थी। मैंने लता को कहा क्या इससे पहले भी तुमने किसी के लंड को अपनी चूत में लिया है? वह मुझे कहने लगी मैंने इस से पहले ना जाने कितने ही लंड अपनी चूत में लिए है वह सिर्फ सेक्स के लिए पागल थी। मैंने अपने मोटे लंड को उसकी चूत पर सटाया तो वह मुझे कहने लगी तुम अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दो। मैंने जैसे ही लता की चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह मुझे कहने लगी अब तुम और तेजी से मुझे धक्का मारो। मैंने लता को बड़ी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे वह इस बात से बड़ी खुश थी।

मैं लता को बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था और लता मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उसके पैरों को मैंने अपने कंधों पर रख लिया था और जिस प्रकार से मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था उससे वह इतनी ज्यादा आनंदित होने लगी कि वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैं उसे बहुत देर तक ऐसे ही धक्के मारता रहा लेकिन मुझे नहीं पता था कि जब मेरा वीर्य गिर जाएगा तो उसके बाद लता मुझसे कहेगी कि तुम मेरी गांड भी मार लो। मैने लता कि गांड के अंदर अपनी उंगली को डाला तो वह मुझे कहने लगी तुम मेरी गांड के अंदर अपने लंड को भी डाल दो। मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए धीरे से लता की गांड पर लगाया जब मैं अंदर की तरह धक्का देने लगा तो लता ने भी अपनी गांड को पीछे की तरफ किया और उसकी गांड के अंदर मेरा लंड प्रवेश हो चुका था। जब उसकी गांड में मेरा लंड प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए कहने लगी मेरी गांड मे लंड घुस गया। मैं उसे तेजी से धक्के मारने लगा मै जिस प्रकार से उसको धक्के मार रहा था उसे मुझे आनंद आ रहा था 5 मिनट के बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिर चुका था और मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था।
 
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