सब छोडछाड कर चुदाई का मजा लिया

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Antarvasna, hindi sex stories: दीदी का मुझे फोन आता है और वह मुझे कहती हैं कि मनोज तुम्हारे जीजा जी कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के टूर से बाहर जा रहे हैं तो तुम घर पर आ जाओ। दीदी घर पर अकेली थी उनके सास ससुर भी कहीं गए हुए थे और जीजा जी भी अपने काम के सिलसिले में कहीं जाने वाले थे इसलिए दीदी ने मुझे फोन कर अपने पास आने के लिए कहा। मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूं और यह मेरे कॉलेज का आखरी वर्ष था मैंने दीदी को कहा कि ठीक है दीदी मैं आ जाऊंगा। जब मैंने यह बात मां को बताई तो मां कहने लगी कि मनोज बेटा तुम दीदी के पास चले जाओ और फिर मैं भी दीदी के पास चला गया। मैं जब दीदी के पास गया तो दीदी घर पर अकेली ही थी दीदी के पड़ोस में ही सुहानी रहती है जो उस वक्त उनके घर आई हुई थी। सुहानी से मेरी पहली ही बार मुलाकात हो रही थी इससे पहले मैंने सुहानी को कभी देखा नहीं था। दीदी ने ही मेरी मुलाकात सुहानी से करवाई सुहानी भी कॉलेज की पढ़ाई कर रही है उस वक्त मेरी सुहानी से ज्यादा बात नहीं हुई।

मैं दीदी के घर करीब 4 दिन तक रुका और उसके बाद मैं अपने घर लौट आया था जब मैं अपने घर लौट आया तो उसके काफी दिनों तक मेरी दीदी से कोई भी बात नहीं हो पाई। ना तो दीदी का मुझे फोन आया था और ना ही मैंने दीदी से बात की थी। मेरे कॉलेज के एग्जाम भी नजदीक आ चुके थे और मैं अपने एग्जाम के लिए पढ़ाई कर रहा था कुछ दिनों बाद कॉलेज के एग्जाम खत्म हो जाने के बाद मुझे अपने करियर को लेकर चिंता सता रही थी। पापा चाहते थे कि मैं अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखूं और फिर मैंने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद अपने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी उसी कॉलेज से की जिससे मैंने ग्रेजुएशन पूरा किया था। एक दिन मैं दीदी को मिलने के लिए गया उस दिन जब मैं दीदी को मिलने के लिए गया तो जीजाजी भी घर पर ही थे और उस दिन मैं सुहानी से भी मिला। जब मैं सुहानी को मिला तो सुहानी मुझसे बातें करने लगी सुहानी मुझसे पूछ रही थी कि तुम क्या कर रहे हो तो मैंने सुहानी को बताया कि मैं तो अभी भी कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूं।

सुहानी ने मुझे बताया कि वह अब जॉब करने लगी है मैंने सुहानी को कहा कि क्या तुम अपने कॉलेज की पढ़ाई नहीं कर रही हो तो सुहानी मुझे कहने लगी कि मेरा ग्रेजुएशन हो चुका है और मैं पोस्ट ग्रेजुएशन अगले साल करूंगी इस साल घर की स्थिति को देखते हुए मुझे जॉब करनी पड़ रही है। सुहानी ने सिर्फ मुझे इतना ही बताया उसके बाद सुहानी चली गई थी लेकिन दीदी ने मुझे सुहानी के पापा के बारे में बताया और कहा कि सुहानी के पापा की तबीयत खराब हो जाने की वजह से उनके बिजनेस में काफी बड़ा नुकसान हुआ है जिससे की सुहानी को जॉब करनी पड़ रही है। सुहानी के परिवार में उसका एक छोटा भाई है और अब सुहानी को ही जॉब करनी पड़ रही थी और सुहानी घर की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही थी। सुहानी से मैं जब भी मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था सुहानी का फोन नंबर मेरे पास था तो एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना सुहानी को फोन पर मैसेज करूं। मेरी और सुहानी की पहली बार ही फोन पर बातें हो रही थी हम दोनों की इससे पहले कभी भी फोन पर बातें नहीं हुई थी। मैंने जब सुहानी को मैसेज किया तो उसने भी मुझे रिप्लाई किया और हम दोनों फोन पर एक दूसरे से बातें करने लगे हम दोनों की फोन पर काफी बातें होने लगी थी और मुझे भी बहुत अच्छा लगता जब मैं सुहानी से फोन पर बात करता हूं। हम दोनों की बातें अब काफी ज्यादा होने लगी थी इसलिए मैं भी सुहानी को मिलने लगा था मैं जब भी सुहानी को मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और सुहानी को भी बहुत अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते हैं। एक दिन हम दोनों साथ में ही थे और उस दिन हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे जब मैं सुहानी से बात कर रहा था तो सुहानी से मैं उसके पापा के बारे में पूछ रहा था तब सुहानी ने मुझे बताया कि अब उसके पापा का बिजनेस ठीक चलने लगा है और उनकी तबीयत भी ठीक हो चुकी है। मैंने सुहानी से कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छा है कि तुम्हारे पापा की अब तबीयत ठीक हो चुकी है। सुहानी ने मुझे बताया कि उसके पापा की तबीयत खराब हो जाने के बाद उसके पापा के इलाज में काफी ज्यादा पैसे लग गए थे, सुहानी मुझसे अपनी हर एक बात को शेयर किया करती थी। मैं जब भी दीदी से मिलने के लिए जाता हूं तो सुहानी से मैं जरूर मिला करता था और मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मैं सुहानी से मिलता हूँ।

हम दोनों की फोन पर भी अब काफी बातें होने लगी थी और फोन पर हम दोनों घंटों एक दूसरे से बातें किया करते मैं जब भी सुहानी से फोन पर बातें करता तो मुझे बहुत अच्छा लगता और सुहानी को भी बहुत अच्छा लगता। एक शाम सुहानी और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन हम लोग कॉफ़ी शॉप में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे उस दिन मैं सुहानी की तरफ देख रहा था तो सुहानी को देखकर मुझे काफी अच्छा लग रहा था। मैंने सुहानी से कहा कि सुहानी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं सुहानी भी मेरी तरफ देखने लगी सुहानी को तो यकीन ही नहीं हुआ वह मुझे कहने लगी कि क्या तुम वाकई में मुझसे प्यार करते हो तो मैंने सुहानी को कहा हां सुहानी। सुहानी को बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ और उस दिन के बाद हम दोनों का रिलेशन चलने लगा था। हम दोनों का रिलेशन काफी अच्छे से चल रहा था और हम दोनों एक दूसरे के बहुत नजदीक आ चुके थे।मेरे और सुहानी के बीच नजदीकिया बढने के बाद जब भी सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ होते तो हमें काफी अच्छा लगता।

एक दिन हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे से बातें कर रहे थे। जब हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हमें बहुत ही अच्छा लग रहा था। मुझे नहीं मालूम था कि उस दिन सुहानी और मैं एक दूसरे के लिए इतना ज्यादा उत्तेजित हो जाएंगे कि हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाएंगे। उस दिन हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो चुके थे। मैंने सुहानी को कहा क्यों ना हम लोग कहीं होटल में चले सुहानी घबरा रही थी लेकिन मैंने उसे आश्वासन दिया और कहा तुम चिंता मत करो तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है। वह भी मेरी बात मान गई आखिर हम दोनों के अंदर जवानी का उबाल बाहर निकाल रहा था। सुहानी चाहती थी वह मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए वह बहुत तडप रही थी। अब सुहानी मेरी बात मान चुकी थी और जब हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे तो मैं अपने हाथों से सुहानी के बदन को महसूस कर रहा था। मैंने धीरे धीरे सुहानी के बदन से कपड़े उतारने शुरु कर दिए थे। जब मैंने उसकी ब्रा को उतारा तो वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। मैंने सुहानी से कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जाएगा और यह कहकर मैंने सुहानी के बदन को महसूस करना शुरू कर दिया। सुहानी के बदन को मैं महसूस कर रहा था उसके स्तनों को जब मैं दबा रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था मैंने उसके स्तनों का रसपान बहुत देर तक किया। सुहानी के स्तनों का रसपान कर के मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी। मेरे अंदर की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी मैं तडप रहा था। मैं सुहानी के स्तनों का रसपान किए जा रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। हम दोनों के अंदर की गर्मी अब इतनी अधिक हो गई कि ना तो मैं उसे रोक पाया और ना ही सुहानी। हम दोनों एक दूसरे के लिए उत्तेजित हो चुके थे मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे सुहानी ने अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया था। सुहानी को बहुत ही ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी और मुझे भी एक अलग ही मजा आ रहा था।

वह मेरे लंड को ऐसा चूस रही थी जैसे कि मेरे लंड से वह पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल देगी और उसने ऐसा ही किया, काफी देर तक उसने मेरे मोटे लंड का रसपान किया और मेरे लंड से पानी बाहर निकाल दिया। मुझे उसने पूरी तरीके से उत्तेजित कर दिया था मेरे अंदर की गर्मी अधिक हो चुकी थी इसलिए मैंने भी सुहानी की कोमल चूत को चाटना शुरू किया। मै उसकी चूत को पूरी तरीके से गिला कर चुका था। सुहानी को बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। अब उसको बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था मुझे भी अच्छा लग रहा था। मैंने सुहानी की गर्मी को बढ़ा दिया था। जैसे ही मैंने सुहानी की चूत के अंदर अपने मोटे लंड को प्रवेश करवाया उस से सुहानी को मजा आ गया। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत से खून निकलने लगा है मैं समझ चुका था सुहानी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी है। वह बहुत ज्यादा तड़प रही थी मैं उसे लगातार तीव्र गति से धक्के मारे जा रहा था और मेरे धक्को की गति बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी।

मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था ना तो सुहानी अपने आपको रोक पाया। मैंने उसकी योनि के अंदर अपने माल को गिरा दिया था। मै दोबारा सुहानी को चोदना चाहता था मैंने दोबारा से सुहानी को चोदने का फैसला कर लिया। मैंने सुहानी की योनि के अंदर अपने मोटे लंड को प्रवेश करवा कर उसे तेज गति से धक्के देना शुरू कर दिया था। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैंने उसे धक्के मारे तो मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी। मैं सुहानी की योनि के अंदर अपने माल को गिरा चुका था सुहानी को मजा आ गया था और उस दिन के बाद हम दोनो एक दूसरे के साथ हमेशा सेक्स करने के बारे में सोचते और हम दोनों का रिलेशन भी अच्छे से चल रहा है। मै सुहानी के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हूं और अपनी जिंदगी की हर खुशी को मैं सुहानी के साथ बांटना हूं।
 
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