सरिता के साथ सेक्स का मजा

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Antarvasna, sex stories in hindi: घर के झगड़ों से मैं बहुत ज्यादा परेशान हो चुका था मां और भाभी के बीच अक्सर किसी ना किसी बात को लेकर झगड़ा हो ही जाता था जिससे कि घर में सब लोग बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे थे। मैं चाहता था कि मां और भाभी एक दूसरे से बिल्कुल भी झगड़ा ना करें और कई बार मैंने मां को इस बारे में समझाया भी था लेकिन मां और भाभी के बीच में किसी ना किसी बात को लेकर झगड़े हो ही जाते थे। भैया भी इस बात से बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे थे इसलिए वह चाहते थे कि वह भाभी के साथ अलग रहे। भैया ने आखिर यह फैसला कर ही लिया था भैया भाभी को लेकर अब अलग रहने लगे थे।

भैया और भाभी अब अलग रहने लगे हैं मैं भैया से मिलने के लिए तो जाता ही रहता लेकिन भाभी का व्यवहार हम लोगों के प्रति कभी भी ठीक नहीं रहा। मुझे हमेशा ही यह बात खटकती रहती थी कि जिस तरीके से हमारे घर में भाभी को इतना प्यार देने की कोशिश की गई लेकिन वह अक्सर मां के साथ झगड़ती ही रहती थी। भैया और भाभी अब अलग चले गए थे जिससे कि घर में भी सब कुछ ठीक होने लगा था। मां चाहती थी कि मैं भी शादी कर लूं लेकिन मैंने मां को मना कर दिया था और कहा कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहता हूं।

मैंने मां से कहा कि मुझे अभी थोड़ा समय चाहिए तो मां कहने लगी कि बेटा तुम शादी कर लोगे तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। मैंने मां से कहा कि मां मैं फिलहाल शादी नहीं करना चाहता हूं। मैं शादी के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं था मैं चाहता था कि थोड़े समय बाद मैं इस बारे में कुछ फैसला लूं। मैं अपनी जॉब से काफी ज्यादा परेशान होने लगा था क्योंकि मुझे अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। मैं जब ऑफिस से घर लौटा करता हूं तो मुझे घर पहुंचने में हमेशा ही देर हो जाया करती थी इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना मैं अपने ऑफिस से रिजाइन देकर कोई दूसरा ऑफिस ज्वाइन कर लूं। मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया था लेकिन उसके बाद मुझे कहीं जॉब नहीं मिल पा रही थी।

हालांकि मेरा एक्सपीरियंस सात साल का है लेकिन फिर भी मुझे फिलहाल कहीं अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही थी। मैं तीन महीने तक घर पर ही रहा और तीन महीने के बाद मुझे जॉब मिल गई तो मैं काफी ज्यादा खुश था। मैं अच्छे से अपने काम पर ध्यान देने लगा था और मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक होने लगा था। घर में सब लोग चाहते थे कि मेरी शादी हो जाए और सब लोग मेरी शादी को लेकर काफी ज्यादा परेशान रहने लगे थे।

सब लोगों को लगता था कि मेरी उम्र भी हो चुकी है और मुझे जल्द से जल्द शादी कर लेनी चाहिए। मैंने अभी भी शादी नहीं की थी और मैं चाहता था कि थोड़े समय के बाद मैं शादी करूं इसलिए मैंने मां को कहा कि मां मुझे समय चाहिए परंतु अब सब लोग मेरे लिए लड़की ढूंढने लगे थे। मामा जी भी उस दिन घर पर आए हुए थे और मामा जी ने भी मुझे समझाते हुए कहा कि देखो अमन बेटा अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए तुम्हारी शादी की उम्र हो चुकी है।

मैं भी मामा जी की बात मान गया और वह लोग मेरे लिए लड़की ढूंढने लगे थे। उन लोगों ने काफी लड़कियां देखी लेकिन कोई लड़की मेरे समझ ही नहीं आ रही थी लेकिन मैं जब पहली बार सरिता से मिला तो मुझे सरिता से मिलकर बहुत ही अच्छा लगा। सरिता को पहली ही नजर में मैंने पसंद कर लिया था और मैं चाहता था कि सरिता से मैं शादी करूं। मैंने अपने मामा जी को इस बारे में बता दिया था कि मुझे सरिता पसंद है तो उन लोगों ने भी अब रिश्ते की बात को आगे बढ़ाना शुरू किया। जब हम लोग रिश्ते की बात को आगे बढ़ाने लगे तो मैं भी अपनी शादी के बारे में सोचने लगा और जल्द ही मेरी और सरिता की सगाई भी हो गई।

सरिता के परिवार वालों ने भी हम दोनों की शादी के लिए हां कह दिया था और अब हम दोनों की इंगेजमेंट हो जाने के बाद हम दोनों एक दूसरे से बात करना चाहते थे। मैंने सरिता से बात की तो मुझे अच्छा लगा हम दोनों एक दूसरे से बात भी करने लगे थे लोग फोन पर एक दूसरे से बातें किया करते थे। मैंने एक दिन सरिता को कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं तो वह मुझे कहने लगी की मैं शाम को आपसे मुलाकात करती हूं। उस शाम जब हम दोनों मिले तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगा हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में काफी अच्छा समय बिताया और मुझे सरिता को जानने का भी मौका मिल पाया था। मैं सरिता के साथ बहुत ही खुश था और हम दोनों एक दूसरे के साथ बातें किया करते थे।

हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम लोग एक दूसरे के साथ बातें किया करते हैं। मैं सरिता के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करता था जब भी सरिता और मैं एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश रहते थे। अब हम लोगों की सगाई को भी 6 महीने से ऊपर हो चुका था इसलिए हम दोनों के परिवार वाले चाहते थे कि अब हम दोनों की शादी हो जाए।

जब हम दोनों की शादी के बारे में हम लोगों ने फैसला ले लिया तो जल्द ही हम दोनों की शादी की तैयारियां शुरू हो गई। मेरा परिवार चाहता था कि मेरी शादी में किसी भी तरह की कोई कमी न रह जाए। मेरे घर वालो ने मेरी शादी में कोई भी कमी नहीं रहने दी और मेरी और सरिता की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई। सरिता से मेरी शादी हो चुकी थी और सरिता घर में आ चुकी थी जब से सरिता घर में आई है तब से घर में सब कुछ अच्छे से चलने लगा है।

मां सरिता के साथ काफी अच्छे से रहती और सरिता घर की सारी जिम्मेदारी को अच्छे से निभा रही हैं। मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं कि सरिता मेरी पत्नी बन चुकी है और वह घर में किसी को कोई भी तकलीफ़ या परेशानी नहीं होने देती है। सरिता ने घर की सारी जिम्मेदारियों को बखूबी अपने कंधों पर उठाया है और सरिता घर की सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही है। सरिता और मेरे बीच बहुत ही अच्छी अंडरस्टैंडिंग है हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छा समझते हैं।

एक दिन सरिता और मै रात के वक्त डिनर करने के बाद साथ में बैठे हुए थे हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे। मैंने उस रात सरिता से कहा मुझे आज तुम्हारे साथ सेक्स करना है? सरिता मेरी बात को मना नहीं कर पाई वह मुझे कहने लगी मैंने भी काफी दिनों से आपके साथ में सेक्स के मजे नहीं लिए हैं। सरिता के चेहरे पर खुशी थी क्योंकि काफी दिन हो गए थे हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स नहीं किया था। हम दोनो एक दूसरे के लिए तड़प रहे थे।

मैंने और सरिता ने एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाना शुरू कर दिया था जैसे ही मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो सरिता ने उसे तुरंत ही अपने मुंह में ले लिया और वह उसे सकिंग करने लगी। जब वह मेरे लंड को चूसने लगी तो मुझे बहुत मजा आने लगा था। सरिता को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी गर्मी को बढाए जा रही थी। हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। मेरी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया मैंने सरिता को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है।

सरिता मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल नहीं रहा जा रहा है। मैंने सरिता के कपड़ों को उतारना शुरू किया उसके बदन को देखकर मैं उसके स्तनों के बीच में अपने लंड को रगडने लगा। सरिता के स्तनों के बीच में मै लंड को रगड रहा था मुझे मजा आने लगा था और उसे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब वह मेरा साथ दे रही थी। वह मेरे साथ देने लगी थी और मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढती जा रही थी। मैंने सरिता की चूत को चाटना शुरू किया। जैसे ही उसकी योनि पर मैंने जीभ को लगाया तो वह बोली अब मुझे मत तड़पाओ आप मेरी चूत मे लंड घुसा दो।

मैंने सरिता की चूत के अंदर लंड को घुसाने का फैसला कर लिया था। मैने जैसे ही उसकी योनि में अपने लंड को प्रवेश करवाया वह बहुत जोर से चिल्लाने लगी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। मुझे और सरिता दोनों को ही अच्छा लग रहा था। मैंने उसके दोनों पैरों को ऊपर कर लिया था और उसकी जांघों को कसकर पकड़ा हुआ था जिससे कि मुझे सरिता को चोदने में मजा आ रहा था। काफी दिन हो गए थे हम दोनों ने सेक्स नही किया था लेकिन अब हम दोनों को मजा आने लगा।

मै सरिता के साथ सेक्स का मजा ले रहा था। मैं और सरिता जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। हम दोनो एक दूसरे कि गर्मी को बढा रहे थे मुझे भी हो एहसास होने लगा था जल्द ही मेरा वीर्य सरिता की चूत में गिरने वाला है। जैसे ही मेरे मेरे वीर्य की पिचकारी सरिता की योनि में गई तो मुझे अच्छा लगा और सुहानी को भी बहुत अच्छा लगा जिस तरीके से हमने साथ में सेक्स संबंध बनाए थे।

मैंने सरिता से कहा मैं तुम्हारी चूत का मजा लेना चाहता हूं। मैंने सरिता की चूतडो को अपनी तरफ कर दिया था मेरा लंड उसकी चूत मे चला गया था। मुझे उसे धक्के मारने में बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से मैं सरिता को चोद रहा था उसकी गर्मी बढती जा रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मैं और सरिता एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। जब मैं सरिता की चूत के अंदर बाहर लंड को करता तो वह बहुत जोर से सिसकारियां ले रही थी।

वह मुझे कहती तुम मुझे बस ऐसे चोदते जाओ। मैं उसकी गर्मी को तेजी से चोदे जा रहा था मुझे लगने लगा था मैं ज्यादा देर तक सरिता की चूत का मजा नहीं ले पाऊंगा और वैसा ही हुआ। मैंने जैसे ही अपने वीर्य की पिचकारी को सरिता की योनि में गिराया तो वह खुश हो गई। वह मुझे बोली मुझे अच्छा लग रहा है उसके बाद हम दोनो साथ में लेट गए। हम दोनों के बीच बहुत ही ज्यादा प्यार है हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं।
 
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