हम लंड पकड़ के रोते हैं घर घर में चुदाई होती है।

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रमपत हरामी का हरामी लंड

मेरे दोस्त कहा करते थे - बेदर्द जमाना क्या जाने बेदर्द जुदाई होती है, हम लंड पकड़ के रोते हैं, घर घर में चुदाई होती है। तो आज कहानी सुनाते हैं आपको अपने दोस्त रमपत हरामी की। रमपत हरामी एक नम्बर का कमीना बेहनचोद माधरचोद लौंडा था और उसकी कहानियां हम दोस्तों में बहुत पापुलर हुआ करती है। रमपत ने ये कहानी सुनाई अपनी मस्त मासी की गांड मारने की। हुआ यूं कि एक दिन रमपत जब उसकी उमर उन्नीस साल की थी तो अपने मासी के घर गया हुआ था। वहां वो मासी की लौंडीया को चोदने अक्सर जाया करता था, जिसका नाम पूनम था। मासी भी रमपत की बहुत हरामी थी और जब रमपत गया अपने मासी के यहां तो उसने मासी को नहाते हुए देख लिया। नहात्ते हुए साड़ी भीग के उसके गांड में चिपकी हुई थी और ऐसा लग रहा था कि गांड में घुस जाएगी। चिपकी हुई मस्त चालीस साल की हौदे जैसी गांड देख रमपत को गांड मारने का मन तो कर ही गया पर सीधे मासी को कैसे पेला जाए, यह सोच कर वह गया और पैर छू लिए।

मासी को ये अटपट नहीं लगा क्यों कि उनके आगे रमपत तो लौंडा ही था ना। रमपत ने पैर छूने के बहाने हाथ चूत में भी साड़ी के उपर से रगड़ दिया। मासी ने समझा कि अनजाने में हो गया होगा ऐसा लेकिन रमपत के लिए ये सब प्लान्ड तरीका था। अब दिन में उसे अपनी मौसेरी बहन और कजिन पूनम को चोदना था। पूनम मस्त मोटे चूंचे वाली देसी लौंडीया थी जिसकी गाँड एकदम बड़ी और झक्कास थी। इसलिए उसने उस दिन कंडोम लगा के गांड मारने का प्लान बनाया था। जैसे ही पूनम के स्टडी रुम में घुसा, देखा साली बीएफ चलाके देख रही थी कम्पूटर पर। उसने उसकी चूंचि पीछे से जाके दबानी शुरु कर दी। पूनम ने बीएफ की साउंड बढा दी और कमरे में उह्ह! आह्ह्ह! फक मी!! अह्ह!!! फक माय ऐस्स चलने लगा। पूनम की टिशर्ट उतार द्दी रमपत ने और लगा उसके चूंचे बेतहाशा नोचने और चूसने। वो मस्त होकर गाली बकने लगी, चोदो भैया चोदो तुम एक नम्बर के बाहन चोद हो।

रमपत बोला चुप साली रंडी कहीं कि, मैं बाहनचोद ही नहीं माधरचोद भी हूं और आज मासी को चोदने का प्लान बनाया है। पूनम तो आवाक रह गयी, फिर बोली चल मासी की चूत भी सूख रही होगी, तो क्यों न मार लो तुम ही बदले में। और फिर पूनम को कुर्सी पर से उतार कर रमपत हरामी ने चारपैरों पर खड़ा कर कुतिया बना दिया। अपने नीचे लेट कर उसके पैरों के बीच में गांड और चूत के छेद की जीभ से सफाई करने लगा। साले का लंड खड़ा होकर लोहा हो चुका था और वो चूत और गांड रस से उसे सराबोर कर रहा था। जब गांड गीली हो गयी तो सामने से आकर उसने पूनम के बाल पकड़ के खींच कर उसके मुह को चूत की तरह चोदना शुरु किया, पूनम के हलक में लंड का उतरना ऐसे लग रहा था जैसे कि कोई पिस्टन में धक धक मशीन चल रही हो। मस्त्त मुखचोदन के बाद उसने पूनम की गांड को एक बार फिर कुत्त्ते की तरह चाटा और फिर अपने लंड पर कड़ोम चढा कर उसकी गाँड के छेद पर अपना लँड मसलना शुरु किया। आह्ह! पूनम चिल्लाई और एक धक्का, पूनम की मस्त गांड के अंदर लंड धक धक करता घुस गया। वह मस्ती में थी और रमपत ने उसके बाल की चोटियां पीछे से खींचते हुए जिससे कि वो अपनी गांड खींच न सके, धक्क्के लगाते हुए पूरा आठ इंच उसके गुदा द्वार में अंदर घुसा दिया।

मासी को लंड का उपहार

पूनम सातवें आसमान पर थी कि दरव्वाजा खुला और मासी ने एंट्री मारी। ये क्या कर रहे हो तुम दोनों सत्यानाश कर दिया। छि छि, हटो ह्टो और रमपत ने जाके मासी को धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। मासी के ब्लाउज खोल डाले और मसलने लगा। नीचे हाथ डालकर चूत को रगड़ने लगा। मासी की बकवास बंद हो चुकी थी और वो चुदने को तैयार दिखने लगी। पूनम वहीं खड़े खड़े अपने चूत में उंगली करके अपने को दिलासा दे रही थी। मासी पूनम पे चिल्लाई " तू जा रंडी यहां से जल्दी!" तब तक रमपत बोला नही मासी, हम लोग आज मिल के मस्ती करेंगे। चलो आ जाओ और उसने मासी के पैर खींच के बेड के किनारे ले आया। अब मासी की चूत नंगी थी, झांटों से घिरी हुई। रमपत ने लंड घुसाना शुरु किया और कब से बंद पड़ी चूत जैसे कि भुतहे दरावजे की तरह चर्र चर्र करके फटने लगी। आह्ह बेटा आराम से और तभी पूनम ने पीछे से आकर रमपत के गांड को चाटना शुरु कर दिया और पीछे से अंडकोषों को दबाने लगी। रमपत अब सातवें आसमान पर था, धकाधक चोदते हुए मासी की चूत का पानी निकाल दिया, और पूनम उसे पीने लगी।

फिर उसने पूनम को अपने लंड पर बिठा बैठे बैठे चोदना शुरु किया और मासी उसके चूंचे चाटती रही। जम कर चुदाई का सेसन चला और फिर रमपत ने नया तरीका अपनाया,। दोनो को एक दूसरे के उपर पेट के बल लेटा कर उसने गांड और चूत लाईन में लगा दी। अब मासी की चूत के उपर मासी की गांड और उसके उपर पूनम की चूत और फिर उसकी गांड्। चार छेद लाईन में थे और अब उसने मासी की चूत में चोदना शुरु किया और पूनम की गांड में उंगली करता रहा। फिर लंड निकाल कर पूनम की गांड में डाल दिया और फिर चूत में। बदल बदल कर छेद मारते हुए रमपत ने मासी और पूनम की वासना की आग पहले भड़काई और फिर अप्ने मोटे लंड से बुझा ही तो दी। एक साथ जब मां बेटी झड़ीं तो रमपत ने दोनों के मिले जुले कामरस को पी गया। फिर उन दोनो के मुह पर मूठ मार कर अपनी पिचकारी से निकले हुए वीर्य को ऐसे पिला दिया जैसे की झरने के जल को पपीहा पीकर मस्त हो जाता है, वैस्से ही दोनों पीकर खुश हो गयी। लंड को पकड़ कर मासी ने बहुत प्यार किया और कहा कि तुम आते रहना बेटा हम चुदाई महोत्सव मनाया करेंगे।
 
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