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अब तक पिछले भाग अनजानी चुत - ४ में आपने पढा, कैसे मैं कैसे मैने एक अनजान के साथ सेक्स किया और अब गांड मारने के लिए तैयार कर रहा हु। वो लंड चूस रही है और मैं उसकी गांड मारने के लिए तैयार कर रहा हु। तो इस भाग में पढ़िए मैने किस तरह से रानी की गांड चुदाई की।

मेरा लौडा उसके मुंह मे होने के कारण, अब वो तो चिल्ला भी नही सकती थी। जैसे ही वो चिल्लाने के लिए अपना मुंह खोलने की कोशिश करती तो मै बस थोड़ा और आगे हो जाता। मेरे इस तरह आगे होने से मेरा लंड उसके मुंह के जड तक जाता और वो बस गुँ गुँ करके रह जाती। अब मैंने पहले अपने दोनों हाथों से उसके चुतड़ों को अलग करके उसके गांड के छेद को अच्छे से देखा। फिर धीरे से अपनी दो उंगलियां उसके छेद के आसपास घुमाकर अंदर डालने लगा। पहले ही वैसलिन ने अपना काम कर दिया था। लेकिन फिर भी उसकी गांड काफी कसी हुई होने के कारण तकलीफ हो रही थी। लेकिन धीरे धीरे उंगलियां अंदर चली गयी। अब अगले ही पल उसने चिल्लाने की कोशिश की, तो मैंने एक झटके में अपना लौडा उसके हलक में उतार दिया और पीछे से उंगलियों को भी एकदम से पूरा अंदर कर दिया। अब वो ना तो आगे हो सकती थी और ना ही पीछे। उसे भी अब तक समझ आ चुका था, की उसकी गांड आज अच्छे से खुलने वाली है। तो धीरे धीरे वो भी इसके लिए तैयार हो रही थी। अब उसकी गांड का छेद काफी हद तक खुल चुका था और अब समय आ गया था कि, मैं अपने लंड महाशय को उसकी गांड की सवारी करने के लिए छोड़ दूं। लेकिन उससे पहले उससे अच्छे से लंड चुसवाकर गिला कर देना भी जरूरी था। इस लिए मै नीचे ले गया और उसको लंड चूसने को बोल दिया। अब वो मेरे दोनों पैरों के बीच आ गई और झुककर बडी ही अदाकारी से मेरे लंड को अपने हाथ मे थाम लिया। लंड महाशय भी उसके हाथ मे जाते ही उछलने लगे। तो उसने सबसे पहले हाथ से ही थोडा मेरे लंड को हिलाया और चमडी पीछे करके टोपा बाहर कर लिया। फिर उसने झुककर लंड के टोपे को चूम लिया और फिर अपनी जीभ बाहर निकाल कर लंड के टोपे पर प्यार से जीभ घुमाई। फिर सिर्फ टोपे को ही मुंह मे भरकर चूसने लगी। उसको थोडी देर मैने लंड चूसने दिया और फिर अब मैं भी कब तक अपने आप को रोक के रखता? तो मेरा भी मन होने लगा कि मैं उसकी चुत चाट लूं। उसकी चुत को प्यार करू, तो मैंने उसे 69 की पोजीशन में आने को कहा। वो भी देर न करते हुए मेरे सर को अपने दोनों पैरों के बीच मे लेकर बैठ गई। और तुरंत ही झुककर फिर से लंड चूसने के काम मे लग गई। अब वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चुत चाट रहा था। चुत चाटते हुए मैने अपनी बीच वाली उंगली को फिर से उसकी गांड में घुसा दिया और लगा अंदर बाहर करने। अब मैं उसकी चुत चाटते हुए अपनी एक उंगली उसकी गांड में डाल कर हिला भी रहा था और उसी के साथ कभी कभी अपनी दूसरी उंगली से उसकी चुत को भी रगड़ देता था। इस वजह से उसको दोगुना मजा आने लगा और वो थोडी ही देर में झड गई। इस बार जैसे ही वो झडने लगी उसने अपनी चुत को मेरे मुंह पे दबाये रखा जिससे उसका सारा कामरस मेरे मुंह मे आ गया। इस बार वो जरा ज्यादा ही देर तक झडती रही थी। और माल भी ज्यादा निकला था। खैर सब माल मैने गटक लेने के बाद ही वो जरा उठी लेकिन मैंने उसे उठने न देते हुए उसकी गांड में दो उंगलियां घुसाकर जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा। अब उसके मुंह से जोर जोर से आंहे निकलने लगी थी।
वो बोल रही थी, "और जोर से मेरे राजा, फाड़ दे आज मेरी गांड। खोल के रख दे आज मेरे सारे छेदों को।" मै उसे और थोडा तडपाना चाहता था, तो मैंने उससे बोला, "कौन - कौन से छेद खोलने है मेरी रानी? जरा खुल के बताना, वरना ऐसी ही हालत में छोड दूंगा तुझे।"

वो बोली, "क्या रे चोदू, तू मुझे ऐसे छोड के जाएगा तो फिर मेरी गांड को कौन खोलेगा, मेरी चुत में किसका मूसल घुसेगा जल्दी से अब अंदर डाल दे।"

मै भी अब सोचने लगा कि, साली ये है तो एक नम्बर की अव्वल चुदक्कड लेकिन नखरे तो देखो। खैर चुत और गांड दोनों अगर दे रही है तो इतना नखरा ठीक है। और मैं फिर जोर से अब तीन उंगलियां उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा। अब तक उसकी गांड भी मेरे लंड को अपने अंदर लेने के लिए तैयार हो चुकी थी। और मुझे समय को भी ध्यान में रखना था। तो मैंने अब ज्यादा देर करना ठीक नही समझा।

तो मैने उसे बेड पर पेट के बल लेट जाने को कहा, जिससे पहली बार आसानी के साथ गांड चुदाई पूरी हो जाये। उसके बेड पर लेट जाने के बाद, मैने एक तकिया लिया, और उसकी कमर उठाकर कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया। तकिया लगाने की वजह से उसकी गांड पीछे की तरफ उभरकर मेरे सामने आ गई।

गांड के साथ ही चुत का छेद भी मैं आसानी से देख सकता था, और अपना मूसल अंदर डालकर आराम से उसको चोद भी सकता था। इस पोजीशन में उसकी गांड के छेद के साथ ही उसकी चुत भी पावरोटी की तरह उभरकर मेरे सामने आ गई।

आपको मैं बता दूं, भले ही यह पोजीशन नॉर्मल है, लेकिन असली मजा इसी में आता है। इस पोजीशन का फायदा यह है कि, आपको औरत के दोनों छेद आपकी नजर के सामने मिलेंगे। अब आप जिससे प्यार करना चाहो कर सकते हो।

उसे इस तरह अच्छे से लिटाने के बाद मै उसके दोनों पैरों को फैला दिया और खुद उनके बीच आ गया। जैसे ही मुझे उसके नीचे के दोनों छेद दिखे मैं खुद को रोक नही पाया और, उन्हें चूमने के लिए आगे बढ़ गया। जैसे ही मैने अपने होंठ उसके चुत के होंठो पे रखे, मुझे लगा किसी तपती हुई भट्टी पे मैन होंठ रख दिये हो। मैने अब ऊपर उठकर उसकी पीठ को चूमा। और उसी तरह उसके ऊपर लेटकर उसके सारे बालों को एक कंधे से हटा दिया।

मैने अपने होठों से उसकी गर्दन पर चुम्बन देने के लिए शुरूवात कर दी। मैने उसके कान को अपने होठों में दबोच लिया और उसे चूसने लगा। हाय क्या मुलायम लग रहा था। मन तो कर रहा था, इसे अभी कच्चा चबाकर खा जाऊं। मैने अब अपने हाथ उसके हाथों से होते हुए उसके कडक आमों पे ला दिए। जो बगल से मेरी तरफ झांक रहे थे। थोडी देर ऐसे ही चुमाचाटी करने के बाद अब मुझसे भी रहा नही जा रहा था।

अब वो मेरे नीचे दबी हुई थी, मेरा लण्ड उसकी गांड के छेद में घुसने के लिए बेताब हुए जा रहा था। तो मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लण्ड को उसकी गांड के छेद पर सेट किया और धीरे धीरे दबाव बनाने लगा। थोडा दबाव बढाते ही रानी ने गालियां बकना शुरू कर दी, शायद उसे बहुत दर्द हो रहा था।

वो बोलने लगी, "कुत्ते साले हरामी, अगर घुसाना ही है तो एक ही बार में घुसा दे ना। ऐसे ज्यादा दर्द क्यों देना चाहता है।"

अब तक तो मैं उसे ज्यादा दर्द न हो इसलिए आराम से कर रहा था, लेकिन उसका ऐसे कहते ही मैने एक जोर का धक्का दे मारा। इस धक्के की वजह से मेरा लगभग एक तिहाई लंड उसकी गांड में घुस गया। वो दर्द से छटपटाने लगी, चिल्लाते हुए बोलने लगी, "निकाल बाहर इसे मुझे नही मरवानी अपनी गांड। एक ही गांड है, और उसे भी तू फाड़ने पे तुला हुआ है। आराम से कर साले।"

मैने उसके मुंह पे हाथ रखकर एक और जोर का धक्का दे मारा जिससे अब की बार मेरा आधे से ज्यादा लंड अंदर घुस गया। अब मै रुक गया और उसे बोला, "ले साली अब अच्छा लगा ना तुझे एक ही झटके में। तुझे तो अब जब भी मन करेगा इसी तरह से चोद दूंगा। बोल आएगी ना चुदवाने।"

वो बस हाँ हाँ करने लगी। वो अब बोलने की हालत में नही थी। उसकी हाँ हाँ सुनकर मैं बोला, "अगर कभी मैं बुलाऊं और तू ना आये तो अगले दिन तेरे घर मे आकर तुझे चोद कर जाऊंगा। तेरे साथ तेरी मां को भी चोद डालूंगा। समझी रण्डी की औलाद।"

और इतना कहते ही मैने उसके चुतड़ों पर हाथ से एक चांटा जड दिया। जिससे उसको अब थोडा सा होश आने लगा था। मैंने अब तक दो धक्के और लगाकर अपना पूरा मूसल उसकी गांड में पेवस्त करा दिया था। अब उसके मुंह पर से मैने अपना हाथ हटा दिया और उसकी कमर को कसकर पकड लिया। थोडी देर रुकने के बाद मै उसकी पीठ पर हाथ घूमाना चालू कर दिया। अब रानी भी मजे में आने लगी थी।

आपको यह कहानी कैसी लगी, आप कमैंट्स सेक्शन में जरूर बताइयेगा।
 
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