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सभी दोस्तों को मीना की तरफ से नमस्कार। मै मीना हैदराबाद की रहने वाली हूं, और आज मै आपके सामने अपने जीवन की कुछ सच्ची घटनाएं एक कहानी के माध्यम से आपके सामने रखने जा रही हूं। आशा है कि, आप सभी को यह कहानी पसंद आएगी। इस कहानी में पढिए, किस तरह से मेरी चुत की प्यास हर दिन बढती ही जा रही थी, और इसी प्यास को बुझाने के चक्कर मे मैने क्या क्या किया। जैसा कि आप सभी जानते है, एक बार चुदाई करवाने से चुत को अब हर समय लंड की जरूरत होती है, जो हमेशा उसके अंदर घुसा रहे और उसकी अच्छे से ठुकाई कर दे।
इस कहानी में मै अपनी पहली चुदाई के बारे में नही बताऊंगी, बल्कि मै आपको इस कहानी में मेरे पहली चुदाई के बाद कि कुछ घटनाएं बताऊंगी। मेरी पहली चुदाई मेरे स्कूल के बॉयफ्रेंड ने की थी, वो भी एक सुनसान खंडहर में। उस चुदाई के बाद, हमने काफी बार चुदाई की। लेकिन अब मुझे उसका लंड अधिक भाता नही था। मुझे अब और बडे लंड की प्यास थी, जो यह बुझा नही सकता था। मै रोज रात को अपने मन मे सोचती कि, कैसे किसी बडे लंड वाले को पटाकर उससे अपनी चुत चुदाई करवा लूं। लेकिन यह इतना आसान नही था, इसके लिए मुझे काफी पापड बेलने थे।
अब मेरी चुत की प्यास इतनी बढ चुकी थी कि, मै रोज सोने से पहले कभी पेन या कभी उंगली अपनी चुत में घुसाए बिना सोती ही नही थी। मैने कहीं सुना था कि, बैंगन, और खीरा भी अपनी चुत में डालकर चुत की प्यास बुझा सकते है। तो मै अब ऐसी चीजें ढूंढने लगी थी, जिससे मै अपनी प्यारी चुत की प्यास को बुझा सकूं। सबसे पहली बार मैने एक छोटा सा खीरा अपनी चुत के अंदर घुसाकर देखा, उससे मुझे बहुत मजा आया। एक तो वो पूरा सख्त था, ऊपर से अच्छा खासा मोटा और लंबा भी था। उस दिन खीरे से अपनी चुत का पानी निकालकर मै आराम से सो गई। बहुत ही अच्छी नींद आई मुझे उस दिन।
उसके बाद एक रात जब मेरी चुत में ज्यादा ही खुजली हो रही थी, तो मै किचन में जाकर खीरा ढूंढने लगी। लेकिन घर मे खीरा था ही नही, सब जगह ढूंढने के बावजूद मुझे खीरा नही मिला। मै नाराज होकर वापस अपने कमरे में आनेवाली ही थी कि, मुझे वहां गाजर दिखाई दिए। गाजर देखकर मेरी आंखों में एकदम से चमक सी आ गई। मैने वहां से दो गाजर उठा लिए, उन्हें अच्छे से धोकर साफ करने के बाद मै बिस्तर पर आ गई। और अब एक गाजर धीरे धीरे अपनी चुत में घुसाने का प्रयास करने लगी। एक गाजर पूरा अंदर जाते ही, मेरी चुत में मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा। ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी चुत फिर से फट जाएगी। फिर गाजर को अंदर महसूस करते हुए मै कुछ देर बाद झड गई।
अब मै इतनी चुदासी हो चुकी थी कि, हर मर्द को बस खा जाने वाली नजरों से ही देखती थी। एक दिन मै ऐसे ही बस से सफर कर रही थी, उस दिन भीड कुछ ज्यादा ही थी। मै अपने लिए एक लंड खोज रही थी, और तभी एक नौजवान लडका बस में घुस गया और मेरे पीछे आकर खडा हो गया। मुझे उसका लंड कितना है, देखना था तो मैंने एक दो बार अपनी गांड पीछे करते हुए उससे सटाकर देख लिया। उसे भी शायद समझ आ चुका था, अब वो मुझसे सटकर खडे होने की कोशिश कर रहा था। मैने भी उसे रोका नही, उल्टा मैने भी अपनी गांड को थोडा सा बाहर को निकाल लिया ताकि उसे अपना लंड सटाने में आसानी हो।
अब तक मैने उसके लंड का अनुमान लगा लिया था, और उस हिसाब से तो उसका लंड काफी मोटा लग रहा था मुझे। तो मैने अब इससे अपनी चुत चुदवाने का ठान लिया।
अब मै भी अपनी गांड को उसके लंड पर रगडकर मजे लेने लगी थी। अब मै थोडा और पीछे को खिसक कर खडे हो गई, ताकि हम दोनों को आसानी हो। भीड और ज्यादा बढ गई थी, तो उसे भी थोडा और आगे खिसकना पडा। अब उसने भी अपना हाथ मेरी कमर पर रखते हुए धीरे धीरे अपना लंड मेरी गांड की दरार में घुसा रहा था। उसका लंड काफी मोटा महसूस हो रहा था मुझे, तो मैने अपना हाथ पीछे ले जाकर उसके लंड को अपने हाथ मे पकडना चाहा। तो उसने मेरे हाथ को पकडकर अपने लंड पर रख दिया, और धीरे धीरे सहलाने का इशारा कर दिया। उसका लंड वाकई में बहुत मोटा लग रहा था।
कुछ देर में मेरा स्टॉप आने वाला था, तो मैने अब उससे बात करके उसे भी वहां उतर जाने को बोलना चाहा। मै जैसे ही पीछे मूडी, वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दिया। मैने भी उसकी तरफ देखकर एक स्माइल देते हुए उससे समय पूछा, तो उसने बता दिया। फिर हम ऐसे ही बातें करने लगे। बातों बातों में उसने अपना नाम राहुल बताया, और वो यहां हैदराबाद में कुछ काम के लिए आया था। कल वो वापस अपने गांव जानेवाला था। तो मैने उसे अपने साथ उतरने को कह दिया। वह भी मेरी इस बात को मना नही कर पाया, और अगले स्टॉप पर मेरे साथ बस से नीचे उतर गया।
अब मेरी चुत में आग लगी थी, मै बस अपने चुत में एक लंड चाहती थी। तो मैने उससे सीधे पूछ लिया कि, तुम कहां रुके हो? उसने कहा कि, "वो एक होटल में रुका हुआ है।"
यह सुनते ही मेरी चुत को सुकून मिला, और मेरी चुदाई का इंतजाम भी हो गया। तो मैने उसे जल्द से उसके होटल में मुझे ले चलने को कहा। वो भी चुदाई के लिए बेताब था, तो वह भी मुझे अपने साथ उसके होटल में ले आया।

उसके कमरे में जाते ही मै उस पर टूट पडी। उसने पहले दरवाजा बंद कर दिया, और फिर मुझे अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा। लेकिन अभी के लिए मुझे तो बस एक लंड चाहिए था, जो मेरी चुत में अंदर घुसा रहे। तो मुझे अभी बस जल्दी से चुत चुदाई चाहिए थी। बाकी यह रोमांस मुझे अभी उतना जरूरी नही लग रहा था। तो मैने उसे बाहों में भरते ही उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए। उसने सिर्फ पैंट और शर्ट ही पहनी थी, अंदर से उसने कुछ भी नही पहना था। मेरे पूछने पर उसने कहा, "घर मे होता हूं, तो पहनना पडता है। अब बाहर हूं, तो मौके का फायदा तो उठाना चाहिए ना।"
इतना कहकर वो मेरी तरफ देखते हुए आंख मारकर हसने लगा। फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींचते हुए मेरे उरोजों को अपनी हथेली में भरकर मसलने लगा। मेरे उरोज काफी बडे हो गए है, तो उसके एक हाथ की हथेली में वो नही समा पा रहे थे। तो वो अपने दोनों हाथ मेरे एक ही उरोज पर लगा रहा था। कुछ देर बाद उसने उन्हें अपने मुंह मे भरना शुरू कर दिया। और मेरे निप्पल को अपनी जीभ से सहलाने लगा। उसका इस तरह जीभ से मेरे निप्पल को सहलाना मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैने अपना हाथ नीचे ले जाकर उसके लंड को अपने हाथ मे पकड लिया और धीरे धिरे से मुठियाने लगी थी।

पहले उसका लंड मासूम से बच्चे की तरह पडा हुआ था, लेकिन मेरे हाथ लगाते ही उसमे भी जान आने लगी थी। जैसे जैसे मै उसे सहलाती गई, वैसे वैसे उसमे कडापन आता गया। अब उसका लंड बहुत मोटा हो चुका था, ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वो कोई लोहे का रॉड हो। अब उसने मेरे उरोजों को छोडकर अपने हाथ मेरी पीठ के पीछे ले जाकर मेरे चुतडों पर रख दिए। उसके हाथ मेरे चुतडों पर आते ही मेरे पूरे बदन में एक झुरझुरी सी दौड गई। उसने पहले तो मेरे चुतडों पर एक जोर का चांटा लगा दिया, जिससे मेरे चूतड लाल हो चुके होंगे।

फिर उसके बाद उसने मेरे भी कपडे उतार दिए, और मुझे भी आदमजात नंगी कर दिया। अब हम दोनों ही एक-दूसरे के सामने नंगी हालत में थे। अभी दो घंटे पहले तक हम दोनों में से कोई भी किसी को जानता तक नही था, और अब हम दोनों एक दूसरे को नंगा किए जा रहे थे। मेरे नग्न होते ही वह फिर से मुझे चूमने लगा, तो मैने उसे रोकते हुए कहा, "अब सहन नही होता, जल्दी से अपना लंड मेरी चुत में डाल दो।"
उसने भी मुझे ज्यादा ना तडपाते हुए हां कह दिया, और अब अपने लंड को हाथ मे लेकर मेरी चुत का निशाना साधने लगा।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, कमेंट करके बताइए। धन्यवाद।
 
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