जिगोलो को घर पर इनवाइट किया

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Antarvasna, desi kahani: मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार हो चुकी थी मैंने प्रभा से कहा प्रभा तुम बच्चों को नाश्ता करवा देना तो प्रभा कहने लगी कि ठीक है मेंम साहब मैं बच्चों को नाश्ता करवा दूंगी। मैं अपने ऑफिस के लिए अब निकल चुकी थी प्रभा हमारे घर पर काम करती है और वह पिछले 3 वर्षों से वह घर पर काम कर रही है। मेरे पति विलायत में रहते हैं और वह एक या दो वर्ष में ही घर लौटते हैं उनसे मेरी बात सिर्फ फोन के माध्यम से ही होती है। बच्चों का ध्यान प्रभा रखती है और प्रभा ने पिछले 3 वर्षों में बच्चों का बड़े अच्छे से ध्यान दिया है उसने बच्चों को अपने बच्चों की तरह पाला है। मुझे अब इस बात की चिंता नहीं थी कि बच्चों का ध्यान प्रभा कैसे रखेगी लेकिन प्रभा ने बच्चों का ध्यान बड़े ही अच्छे से रखा और भी बच्चे प्रभा से बहुत खुश रहते हैं।

वह उनके साथ खेलती भी है और जिस प्रकार का प्रभा का स्वभाव है उससे बच्चे बहुत ही ज्यादा खुश रहते हैं मुझे भी इस बात की खुशी है कि कम से कम प्रभा की वजह से बच्चे खुश रहने तो लगे हैं नहीं तो वह लोग मुझे परेशान कर दिया करते थे। मैं ऑफिस पहुंचते ही हर रोज प्रभा को फोन कर दिया करती थी प्रभा कहती मेम साहब मैं अभी बच्चों को नाश्ता करवा रही हूं। बच्चों का शोर मुझे साफ प्रभा के फोन से सुनाई दे रहा था तो मैंने प्रभा से कहा तुम बच्चों को शैतानियां मत करने देना प्रभा कहने लगी जी मेम साहब मैं बच्चों को बिल्कुल भी शैतानियां नहीं करने दूंगी। प्रभा बच्चों का ध्यान बहुत ही अच्छे से रखती थी वह बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए जाती थी और स्कूल से लेकर भी वही आती थी। घर में खाना बनाने से लेकर घर का जो भी छोटा बड़ा काम होता था वह प्रभा अच्छे से किया करती थी प्रभा को मैंने अपने घर पर ही सर्वेंट क्वार्टर दिया हुआ था वह उसमें ही रहती है। प्रभा की शादी काफी वर्ष पहले हो गई थी लेकिन उसका पति बहुत शराबी था इसलिए उसने अपने पति को छोड़ दिया। प्रभा एक गरीब परिवार की है लेकिन उसकी सोच और वह जिस प्रकार की बातें करती हैं उससे मुझे प्रभा से बात करना अच्छा लगता है और उसने भी अब मेरे घर को अपना घर ही समझ लिया है।

वह हमारे साथ काफी वर्षों से रह रही है इसलिए उसे घर में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होती। मैं ऑफिस से जब घर लौट रही थी तो मेरे साथ में ही काम करने वाली मोनिका ने मुझे कहा कि तुम आज घर क्या अकेली जा रही हो तो मैंने मोनिका से कहा हां मोनिका मैं घर अकेले ही जा रही हूं। मोनिका मुझे कहने लगी कि रोशनी क्या तुम मुझे मेरे घर तक छोड़ दोगी मैंने मोनिका से कहा हां मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ देती हूं। मैंने मोनिका को कार में बैठा लिया और मैं मोनिका को उसके घर ले कर चली गई मोनिका मुझे कहने लगी कि रोशनी तुम्हारे घर में सब कुछ ठीक तो है ना। मैंने मोनिका से कहा हां मेरे घर में तो सब कुछ ठीक है लेकिन तुम यह बताओ कि तुम्हारे घर में सब लोग कैसे हैं मोनिका कहने लगी मेरे घर में भी सब लोग ठीक हैं लेकिन काफी समय से तुम घर पर नहीं आई हो। मैंने मोनिका से कहा तुम्हें तो पता ही है ना कि बच्चों के साथ समय कैसे बीत जाता है कुछ पता ही नहीं चलता और बच्चों की जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही है मेरे पति तो मुझसे मिलने के लिए बहुत कम आया करते हैं और तुम तो यह बात अच्छे से जानती हो। मोनिका कहने लगी लेकिन अगले हफ्ते तुम्हें मेरे घर पर जरूर आना है मैंने मोनिका से कहा अगले हफ्ते तुम्हारे घर पर क्या कोई प्रोग्राम है। वह मुझे कहने लगी कि अगले हफ्ते हम लोग पापा मम्मी की शादी की 25वीं सालगिरह को सेलिब्रेट कर रहे हैं। मोनिका मुझसे उम्र में छोटी है लेकिन वह मेरे साथ ऑफिस में काम करती है और मेरी मोनिका के साथ बहुत अच्छी बनती भी है। मैंने मोनिका को कहा क्यों नहीं मैं अपने बच्चों को तुम्हारे घर पर जरूर लेकर आऊंगी तो मोनिका कहने लगी ठीक है मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी। मैंने मोनिका को कहा लेकिन तुम्हें पहले मुझे बताना भी पड़ेगा तो मोनिका कहने लगी कि तुम उसकी चिंता मत करो मैं तुम्हें उससे पहले कार्ड भी पहुंचा दूंगी। मैंने मोनिका को उसके घर पर छोड़ दिया और उसके बाद मैं अपने घर पर चली गई जब मैं अपने घर पर गई तो बच्चे मेरा इंतजार कर रहे थे बच्चे कहने लगे कि मम्मी आप कहां इतनी देर तक रह गई थी। मैंने उन्हें कहा बच्चों मैं ऑफिस से निकल ही रही थी तो निकलने में लेट हो गई।

मैंने बच्चों को अपने बैग से निकालकर चॉकलेट दी तो वह लोग खुश हो गए वह कहने लगे कि मम्मी आप कितनी अच्छी हैं। प्रभा से मैंने कहा कि प्रभा तुम रात के लिए क्या खाना बना रही हो तो वह कहने लगी कि मेम साहब अभी देखती हूं मैंने प्रभा से कहा तुम कुछ अच्छा सा बना देना। प्रभाग कहने लगी कि ठीक है मेंम साहब मैं देखती हूं कि मैं क्या बना पाऊंगी और प्रभा रसोई में चली गई वह खाना बनाने लगी थी मुझे मोनिका का फोन आया और वह कहने लगी कि रोशनी जब आप कल ऑफिस आएंगे तो आप मुझे रिसीव कर लेंगे। मैंने मोनिका से कहा ठीक है मोनिका मैं तुम्हें लेने के लिए तुम्हारे घर पर आ जाऊंगी। रात का डिनर करने के बाद हम लोग सो गए मेरे पति का फोन रात के वक्त आया तो मेरी कुछ देर उनसे बात भी हुई और उसके बाद मैं सो गई मुझे बहुत तेज नींद आ रही थी। अगले दिन मैं सुबह मोनिका को लेने के लिए उसके घर गई और वहां से अपने ऑफिस चली गई।

काम करने के बाद जब मैं ऑफिस से घर लौटी तो मुझे बहुत थकान महसूस हो रही थी मेरी थकान को दूर करने का मुझे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। मैंने अपने सहेली चंद्रिका को फोन किया चंद्रिका मुझे कहने लगी तुम्हें थकान इस वजह से हो रही है कि तुमने कई दिनों से किसी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए हैं तुम्हे किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने चाहिए। चंद्रिका की बात मेरे दिमाग में बैठ चुकी थी अगले दिन मैंने एक जिगोलो सर्विस एजेंसी मैं फोन करते हुए एक नौजवान लड़के को अपने पास बुला लिया। उस दिन मैन बच्चों को प्रभा के साथ घूमने के लिए भेज दिया था प्रभा को मैंने कहा था कि तुम बच्चों को आराम से घर लेकर आना वह घर से जा चुकी थी और बच्चे भी उसके साथ ही थे। जब वह नौजवान युवक आया तो हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने उस नौजवान युवक से उसका नाम पूछा वह मुझे कहने लगा मेरा नाम अमित है। अमित की कद काठी और उसकी लंबाई से मैं बहुत ज्यादा प्रभावित हो गई थी मैंने अमित से कहा क्या हम लोगों का सेक्स का आनंद ले सकते हैं? अमित मुझसे कहने लगा मैडम आपको मैं आज बड़े ही अच्छे तरीके से सेक्स का आनंद दूंगा अमित बहुत ही खुश था। जब वह मेरे कपड़ों को उतारने लगा तो वह मुझे कहने लगा आपने अपने बदन को बड़े ही अच्छे तरीके से मेंटेन करके रखा हुआ है आप अपना बहुत ध्यान रखती हैं। मैंने अमित को कहा हां मैं अपना बहुत ध्यान रखती हूं जब अमित ने मेरे स्तनों को चूसना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा और कुछ देर बाद वह मेरे होठों को चूमने लगा। अमित मेरे होंठों और मेरे स्तनों को बड़े ही अच्छे तरीके से चूम रहा था मुझे बहुत खुशी थी अमित जिस प्रकार से मेरे साथ सेक्स कर रहा था काफी समय बाद मेरी बंजर जमीन पर किसी ने हरी-भरी खेती करनी शुरू कि थी। मैंने अमित के पैंट की चैन को खोलते हुए उसके मोटे लंड को जब उसके अंडरवियर के अंदर से बाहर निकाला तो वह मुझे कहने लगा आप मेरे लंड को अपने मुंह में लीजिए आपको बहुत अच्छा लगेगा। उसके ऐसा कहने पर मैंने उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे मैं बड़े अच्छी तरीके से चूसने लगी।

अमित के लंड को मैंने चूसकर पूरे तरीके से चिकना बना दिया अब वह बहुत ज्यादा जोश में आ चुका था। अमित ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो उसने मेरी चूत से पूरा पानी बाहर की तरफ को निकाल दिया था और मुझे बहुत ही खुशी थी कि अमित ने मेरी चूत से पानी को बाहर निकाल दिया है मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। जब अमित ने अपने लंड को मेरी योनि के अंदर घुसाना शुरू किया तो मैं बहुत ज्यादा मचलने लगी थी अमित का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था वह बड़े ही अच्छे तरीके से मुझे धक्के मार रहा था। मैंने अमित से कहा मेरे दोनों पैरो को अपने कंधों पर रख लो उसने मेरे दोनों पैरो को अपने कंधो पर रखते हुए मुझे कहा कि मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। वह काफी देर तक मुझे ऐसे ही धक्के मारता रहा मैंने अमित को कहा क्या तुम मुझे घोड़ी बनाकर चोदोगे?

अमित कहने लगा आप घोड़ी बन जाओ। उसने जब मेरी चूत के अंदर अपने लंड को धीरे धीरे घुसाना शुरू किया तो मेरे मुंह से चीख निकलने लगी थी और अमित का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और अमित को भी बड़ा मजा आ रहा था वह बड़े तेज गति से मेरी चूतड़ों पर प्रहार कर रहा था और जिस प्रकार से वह मेरी चूत का आनंद ले रहा था उससे मुझे बहुत खुशी हो रही थी। अमित ने मेरी गांड के छेद में अपनी उंगली को घुसाना शुरू किया था तो मैंने अमित से कहा क्या तुम मेरी गांड भी मारोगे? अमित ने मेरी गांड के अंदर लंड घुसाया उसका लंड बड़ी ही आसानी से मेरी गांड के अंदर प्रवेश हो चुका था उसने मेरी चूतड़ों को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेज गति से वह मुझे धक्के देने लगा। वह जिस गति से मेरी चूतड़ों पर प्रहार कर रहा था उससे मै बहुत ज्यादा मचलने लगी थी और मुझे बहुत दर्द भी महसूस हो रहा था काफी समय बाद जब अमित ने अपने वीर्य को मेरी गांड के अंदर गिराया तो वह कहने लगा आज मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। उसके बाद तो मैं अमित को अक्सर अपने पास बुला लिया करती थी।
 
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