बड़े घर की बेटी सेक्सी कहानी

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दोस्तों ये सेक्सी कहानी मैं आपको सुना रहा हूं अपने मेजर साहब की बेटी बेबी की कहानी है। इस कहानी का मकसद बड़े घरानों में होने वाले नंगे और फ्री सेक्स को उजागर करना है। हां तो हम वहां पर कुक रहे, उ मैडम का बेटी गजब का माल थी। ससुरी की शादी तो हो गयी थी पर कभी अपना हसबैन्ड के पास कभी न रही। हमको बहुत तरस आता रहा उस पर बेचारी हर शाम को मिलिट्री वाली दारु पीकर कहीं लान में तो कभी अपने रुम में फर्श पर लुढकी रहती। एक रोज एक लौंडा आया बड़ा हैंडसम सा, उसके साथ वो काफी देर तक रही और जब वो चला गया, मैं ने खाना खाने के लिये उसको बुलाने को अंदर कमरे में गया वहां का नजारा देख कर ह्म्मर होश उड़ गया। ससुरी फरश पर एक दम चारो खाने बिल्कुल नंगी लेटी थी। अचेत, एक दम से। मैने आवाज दी बेबी उठो खाना खालो तो बोली रामू काका, आज खाने का मन नहीं है आप दारु पियोगे, हम्को लालच आ गया।

बोला हां बेबी लेकिन मेजर साब जान जाएंगे तो। वो बोली पापा तो देल्ही गये हुए हैं दो दिन बाद मम्मी को लेकर ही आएंगे। मैने कहा ठीक है और लाल्च भरी नजरों से उसकी कोमल बड़े घर की खायी पीयी भरी हुई गांड को देख रहा था। आज मैने इसकी जवानी की कहानी अपने लंड से लिखने की कसम खाली। मैने दारु की रखी बोतल उठायी और एक गिलास पटियाला लगाया। अब नशा चढ रहा था कि दूसरा पैग। अब कोई मालिक नहीं, कोई मालकन नहीं सिर्फ लंड और चूत मैने अपनी धोती उतार दी। बेबी बैठ गयी थी वो मेरा लंड घूर रही थी। बोली रामू काका आप तो कुक ही नहीं अच्छे हुकर लगते हो, जरा अपना लौड़ा दिखाओ, मैने खड़ा होकर उसके मुह के पास रख दिया अपना लंड बोला लो बेबी तुम्हारा ही तो है।वो उसे सहलाते हुए मेरे सुपाड़े के चमड़ी को उपर नीचे करने लगी, लंड नशे में था सो खड़ा हो गया। बोली काका चूत मारी इधर बीच की नहीं मैने कहा कहां बेटी तेरी आंटी तो गांव में है। तो वो बोली मेरी लोगे। मेरा लंड एक दम खुश हो गया मैने कहा क्यों नहीं तुम्हारी चूत तो जन्नत है बेटी चलो कैसे दोगी। वो बोली मैं लेट जाती हूं आप मुझे पेल दो। वो लेट गयी अपनी टांगे छितरा कर के, मैने अपना लंड उसकी बड़ी घराने की बड़ी चूत में डाल दिया। कोमल चूंचियों को मसलते हुए जब मैं चोदने लगा उसे तो वह अंगरेजी में गालियां बक रही थी। ओह माय डिक यू आर माय फेवरेट। कमान फक मी येह। मैने साली को रंडी की तरह चोद कर अपने लंड की एक नयी कहानी बना दी। जब मैं झड़ने वाला था तो मैने अपना लौड़ा निकाल कर उसके मुह में दे दिया। और कहा कि बेबी जरा इसे चूस लो वह इत्मीनान से मुखमैथुन करने लगी। बोली रामू काका आपका तो लौड़ा भी स्वादिष्ट है। मैने उसे गले में लौड़ा पेलते हुए कहा आह्ह्ह्ह बेबी मेरा मूत निकलने वाला है और मेरा गरमा गरम लावा उसके मुह में चला गया। वह उसे अपनी जीभ से अंदर ले गयी और चूस कर बोली रामू काका प्यास लगी है जरा पानी पिला दो। दारु पीने के बाद अक्सर प्यास लगती है। मैने उसके मुह में पेशाब कर दिया बोला लो नमकीन ग्लूकान डी पी लो बेटी वो खुशी खुशी पी कर सो गयी फर्श पर वहीं मैं भी अपनी धोती खोल उस्के गांड से लिपटकर वहीं सो गया। इस रंडी बड़े घर की बेटी की सेक्सी कहानी को पढने के लिये आपका रामू काका धन्यवाद देता है अपने कमेन्ट जरुर दीजियेगा
 
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