पार्टी के बाद खेली खाट कबड्डी

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नमस्कार दोस्तों,

मैं आज आपको नेहा के बारे में बताने जा रह हूँ जिसके साथ मैं गाने सिखने जाया करता था वहीँ पर मेरी और उसकी मुलकात हुई थी | गाने सीखते हुए हमारी बातें भी बढती चली गयी और हमारी दिलचस्पी एक सुरे में देखते ही बन रही थी | हम अक्सर क्लास होने के बाद बहार काफी देर बात किया करते थे और कुछ ही दिनों में उसने मुझसे अपनी दोस्ती और गहरा करने के लिए एक दिन अपनी छोटी बहन की जन्मदिन की पार्टी में भी बुला लिया और मैं भी ज्यादा कुछ ना सोचकर चला गया | वहाँ हमने पहले तो खूब मस्ती और पार्टी की जिसकी वजह से अब हम एक दूसरे के काफी करीब आ गए | अब जैसे ही पार्टी का गान बंद हुआ तो उसकी छोटी बहन और मम्मी - पापा नीचे एक साथ घूमने चल पड़े और अब हम घर में अकेले ही रह गए थे |

हमने अब पार्टी का मज़ा लेने के लिए फिर से गान चला दिया और मस्त में गाना सुनते हुए बेसुध होकर नाचने लगे | हमें नाचते हुए काफी समय हो गया तभी उसकी माँ का फोन आया की वो किसी अंकल के घर पर चले गए हैं और अगली सुबह आयंगे और मज़े में हम नाचते हुए एक दूसरे के गले भी लग पड़े | कुछ देर बाद वो मुझसे एक दम चिपक गयी और उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख लिया | अचानक जब उसे होश आया तो हम एक - दूसरे की शकल को देखते ही रह गए | कुछ ही देर में हम एक दूसरे के लबों को चूसने लगे और और उसी के साथ उसके टॉप को उतार दिया और वहीँ पर खड़े - खड़े उसके चुचों को भींचते हुए पीने लगा |

उसके चुचों के पीने लगा और चूचकों से को पीने लगा और मैं उसे अंदर के बिस्तर पर ले गया | वहाँ जाते ही मैंने अपने भी पैंट को खोल दिया | मैंने अब उसकी भी पैंट को उतार दिया और वहीँ लेटे - लेटे उसकी चुत को मसलते हुए उसकी चुत में अपनी उँगलियों देनी शुरू कर दिया जिससे उसकी चुत गीली हो गयी | मैंने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चुत पर लगाया और जोर के धक्का देते हुए अंदर - बहार करने लगा जिससे उसकी दर्द की चींख निकलने लगी | ममें अभी शोर - शरबे के महल से नशे में धुत्त हो चूका था और उसकी चुत को चोदे जा रहा था | कुछ देर बाद जब उसका दर्द भी हवा तो वो मेरे लंड को अब राम से अपनी चुत में ले रही थी |

मैं किसी जंगली जानवर की तरह अब उसकी चुत में अपने लंड को घुसाये जा रहा था | मैंने अब उसे अपने उप्पर बिठा दिया और नीचे से पने लंड को उसकी चुत में घुसा दिया | जब उसे मेरे लंड का चस्का मस्त वाला चढा तो मुझे कुछ करने की ज़रूरत ना पड़ी और बस आराम से वासना में डूबा हुआ था क्यूंकि अब वो मेरे उप्पर लंड को लेटी हुई कुदकती रही थी | वो जोर - जोर सिसकियाँ भरती हुई चिल्ला भी रही थी पर दूसरी और अपनी चुदाई के लिए बेसब्रों की तरह लंड को लिए जा रही थी | मैंने पुरी रात उसकी चुत को चोदा आखिर में मुठ निकलने पर वहीँ एक दूसरे के उप्पर निढाल पड़े हुए ही सो गए |
 
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