शादी के बाद पत्नी का नंगा बदन

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Hindi sex story, antarvasna: हमारा परिवार अब जयपुर में ही शिफ्ट हो चुका था हम लोगों को जयपुर में कुछ समय ही हुआ था जयपुर में हमारे काफी रिश्तेदार रहते हैं लेकिन हम लोगों का उनके घर पर आना जाना कम ही हुआ करता था। पापा के रिटायरमेंट के बाद हम लोगों ने जयपुर में रहने का फैसला किया और हम लोग जयपुर में रहने लगे। हम लोगों को जयपुर में अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था मैं भी काम की तलाश में था लेकिन मुझे कहीं काम नहीं मिल पा रहा था इसलिए मैंने पापा से कहा कि मैं एक गारमेंट शॉप खोलना चाहता हूं। पापा ने भी इसकी रजामंदी मुझे दे दी और मेरी पैसों को लेकर मदद की उन्होंने मुझे पैसे दिए और मैंने भी गारमेंट शॉप खोल ली। शुरुआत में तो काम कुछ अच्छा नहीं चल रहा था लेकिन धीरे-धीरे काम भी अच्छा चलने लगा और मैं अपने काम से काफी खुश था क्योकि मेरा काम अच्छे से चलने लगा था। एक दिन मैं सुबह के वक्त दुकान में जा रहा था लेकिन मेरा पर्स घर पर ही रह गया था इसलिए मुझे घर वापस आना पड़ा।

मैं जब घर पहुंचा तो मम्मी मुझे कहने लगी कि सोहन बेटा क्या हुआ तुम घर लौट आए तो मैंने मां से कहा कि मां मेरा पर्स घर पर ही रह गया है मैं पर्स लेने आया हूं। मां कहने लगी कि मुझे लगा शायद आज तुम दुकान पर नहीं जा रहे हो मैंने मां से कहा नहीं मां मैं बस दुकान पर ही जा रहा हूं। मैं अपने रूम में गया और मैंने वहां से अपना पर्स लिया उसके बाद मैं अपनी गारमेंट शॉप के लिए निकल गया था। जब मैं अपनी गारमेंट शॉप पर पहुंचा तो मैंने देखा कि दुकान में काम करने वाले रोहन ने दुकान की सफाई कर दी थी और वह मेरा ही इंतजार कर रहा था। दुकान में करीब चार लोग काम करते हैं काम कुछ खास नहीं चल रहा था लेकिन उसके बावजूद भी मुझे उन्हें तनख्वाह देनी पड़ती है। मैं काफी परेशान था कि मेरा काम भी अच्छे से नहीं चल पा रहा था परंतु धीरे धीरे अब काम भी अच्छे से चलने लगा और सब कुछ ठीक होने लगा था। मैं एक दिन घर पर ही था उस दिन मेरा शॉप में जाने का मन नहीं था मैंने सोचा कि आज मैं घर पर ही रहता हूं तो मैंने उस दिन घर पर ही रहने का फैसला किया। मैं घर पर था और अपने रूम में ही बैठा हुआ था तभी पापा और मम्मी रूम में आए और वह मुझे कहने लगे कि सोहन बेटा क्या कर रहे हो। मैंने पापा से कहा कुछ नहीं पापा बस ऐसे ही बैठा हुआ था मुझे नहीं पता था कि पापा और मम्मी मेरी शादी की बात करने के लिए मेरे रूम में आए हैं।

वह लोग मुझसे कहने लगे कि बेटा हम लोग तुम्हारी शादी करवाना चाहते हैं मैंने पापा से कहा पापा मैं अभी शादी नहीं करना चाहता हूं लेकिन वह लोग मेरी बात कहां मानने वाले थे वह तो मेरी शादी करवा हीं चाहते थे। मेरे लाख मना करने पर भी उन्होंने अपने दोस्त की लड़की से मुझे मिलवाया और मैं जब उनके दोस्त की लड़की से मिला तो मुझे वह कुछ खास अच्छी नहीं लगी लेकिन पापा चाहते थे कि मैं उसी से शादी करूं। पापा अपनी दोस्ती के आगे मजबूर थे और वह मेरी शादी संजना से ही करवाना चाहते थे लेकिन मैं संजना से शादी करने के लिए तैयार नहीं था मैं इसी चिंता में था। पापा और मम्मी ने मेरी सगाई संजना से तय कर दी मैं काफी ज्यादा परेशान हो चुका था मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए लेकिन मैं संजना से तो शादी नहीं करना चाहता था। मैंने पापा और मम्मी से कई बार इस बारे में कहा लेकिन वह लोग तो मुझे कहते कि तुम संजना से शादी कर लो। आखिरकार मुझे भी उनकी बात माननी ही पड़ी लेकिन तब तक मेरी जिंदगी में माधुरी आ चुकी थी और मैं माधुरी से प्यार करने लगा था। एक तरफ संजना थी जिससे कि मेरे परिवार वाले मेरी शादी करवाना चाहते थे और दूसरी तरफ माधुरी थी जिससे कि मैं शादी करना चाहता था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मुझे क्या करना चाहिए मेरे पास इस बात का कोई जवाब नही था मैं बहुत ज्यादा परेशान हो चुका था। यह बात माधुरी को भी अच्छे से पता थी कि मैं उसी से शादी करना चाहता हूं। माधुरी एक गरीब परिवार की लड़की है लेकिन मैं माधुरी से प्यार करता था और उसी से मैं शादी करना चाहता था लेकिन पापा और मम्मी की जिद के आगे मुझे संजना से शादी करनी पड़ी। मेरी सगाई संजना से हो चुकी थी लेकिन माधुरी को मैं खोना नहीं चाहता था मैंने माधुरी को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन माधुरी मुझे कहने लगी कि सोहन तुम संजना से ही शादी कर लो क्योंकि मुझे नहीं लगता कि हमारे रिश्ते का कोई भविष्य होगा और हम दोनों को एक दूसरे को भूल जाना चाहिए। मैं माधुरी को बिल्कुल भी भूल नहीं सकता था और मैं चाहता था कि माधुरी से मैं किसी भी तरीके से शादी करूं।

मैंने उससे कहा कि क्यों ना हम लोग कहीं भाग कर शादी कर ले लेकिन माधुरी इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी मैं तो पूरी तरीके से हिम्मत हार चुका था और मेरी जिंदगी से माधुरी भी दूर जा चुकी थी। मेरी शादी मेरे परिवार वालों ने संजना के साथ ही करवा दी और माधुरी मेरी जिंदगी से जा चुकी थी। मैं बहुत ज्यादा दुखी था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या मैं संजना के साथ अपनी जिंदगी बिता भी पाऊंगा या नहीं लेकिन अब संजना से शादी हो जाने के बाद वह मेरी पत्नी बन चुकी थी और उसी के साथ मुझे अपनी जिंदगी बितानी थी। संजना मेरी पत्नी बन चुकी थी। पहले तो मुझे लगता था कि संजना और मेरे बीच शायद कुछ भी ठीक नहीं चल पाएगा। संजना घर की जिम्मेदारी को जिस प्रकार से संभाल रही थी उससे मैं काफी खुश था संजना और मेरे बीच काफी समय तक तो सेक्स संबंध बन नहीं पाए थे। एक दिन मै और संजना साथ में बैठे हुए थे उस दिन संजना मेरी तरफ देख रही थी। हम दोनों के बीच संबंध बने ही नहीं थे इसलिए मैंने भी उस दिन अपने मन में सोचा क्यों ना आज मे संजना के साथ सेक्स संबंध बना लूं। मैंने उस दिन संजना के हाथ को पकड़ कर अपनी और खींचा तो वह मेरी बाहों में आ गई। जब वह मेरी बाहों में आई तो मैंने उसके होंठो को चूमना शुरू कर दिया। मैं संजना को चूम रहा था उसे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मैंने उसकी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था वह अब नहीं पा रही थी।

यही वजह थी कि मैंने जब अपने मोटे लंड को बाहर निकाल कर उसे हिलाना शुरू किया था तो संजना मेरे लंड की तरफ देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड कितना मोटा है। मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने हाथों में ले लो उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू कर दिया था। जब वह मेरे मोटे लंड को हिला रही थी तो मुझे मजा आने लगा था संजना को भी अच्छा लग रहा था जैसे ही उसने अपनी जीभ को मेरे लंड पर टच किया तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी और संजना के अंदर की गर्मी बढ चुकी थी वह पूरी तरीके से गरम हो चुकी थी। मैंने संजना से कहा तुम अब मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो संजना ने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया था और वह उसे सकिंग करने लगी। वह जिस प्रकार से मेरे मोटे लंड का रसपान कर रही थी उससे मुझे मज़ा आ रहा था और संजना को भी बड़ा आनंद आने लगा था। वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी वह मुझे कहने लगी अब मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी। मैं समझ चुका था संजना के अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है वह बिल्कुल भी रह नहीं पाएगी इसलिए मैंने जब संजना की चूत को चाटना शुरू किया तो उसकी गुलाबी चूत से पानी निकलने लगा था। संजना की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट थी उसकी चूत के अंदर किसी ने भी अपने लंड को घुसाया नहीं था इसलिए तो मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया तो वह मुझे अपने पैरों के बीच मे जकडने लगी। मैंने संजना की योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया जैसे ही मेरा मोटा लंड संजना की योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मेरी चूत से खून निकल चुका है। मैंने संजना की चूत की तरफ देखा तो उसकी योनि से खून बाहर की तरफ को निकाल रहा था। मैंने संजना को कहा तुम्हारी योनि से खून निकलने लगा है संजना इस पर मुस्कुराने लगी। वह मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने लगी थी संजना ने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ लिया था उसने जब मुझे अपने पैरों के बीच में जकडा और कहा मुझे और भी तेजी से चोदते रहो।

मैंने संजना को और भी तीव्र गति से धक्के मारने शुरू कर दिए थे। मै संजना को बहुत तेजी से धक्के मार रहा था। मैंने उसके दोनों पैरों को कस कर पकड़ा हुआ था जिससे कि मुझे उसकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट महसूस होने लगी थी। मैंने उसको काफी देर तक चोदा मेरे लंड से मेरा पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था। मैंने संजना को कहा लगता है आज हम दोनों की चुदाई सफल हो गई। मैंने संजना के दोनों पैरों को ऊपर उठा लिया था संजना की चूतडे मुझसे टकराने लगी थी। संजना की चूत और मेरे लंड के मिलन से एक आवाज पैदा होती और मैंने अपने वीर्य की पिचकारी को संजना की योनि के अंदर गिरा कर उसकी गर्मी को शांत कर दिया। वह बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी हम दोनों ने जमकर एक दूसरे के साथ सेक्स किया। संजना पूरी तरीके से मेरी हो चुकी थी मैं उसके साथ सेक्स के मज़े लेकर बहुत खुश था। और हम दोनो उसके बाद हर रोज चुदाई का मजा लेते।
 
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